chasma kaise banta hai ? और चश्मा की दुकान के बिजनेस के बारे मे हम बात करेंगे । दोस्तों चश्मे के बिजनेस के अंदर काफी मुनाफा है। और आज मार्केट के अंदर जो चश्मे की दुकान हैं वे अच्छी खासी चल रही हैं। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि उन दुकानों को ऐसे लोग चला रहे हैं जिनको कुछ पता ही नहीं है। हालांकि यह चीज गलत है पर कोई रोकने वाला इसमे नहीं है।यदि आप चश्मे की दुकान करने की सोच रहे हो तो भाई इसके अंदर बहुत मुनाफा ही मुनाफा है ।
मैं जब एक दुकान के उपर अपना चश्मा बनाने के लिए गया था तो वहां पर काफी भीड़ तो नहीं थी लेकिन वह काफी अच्छा पैसा कमा रहा था।चश्मे के बिजनेस को किस तरह से आपको करना चाहिए ? कि इसके अंदर फायदा ही फायदा हो। इसके अलावा चश्मा बनाने के तरीके के बारे मे हम बात करने वाले हैं।
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चश्मा बनाने का तरीका chasma kaise banaya jata hai
दोस्तों चश्मा बनाने का तरीका बहुत ही सिंपल होता है। इसके लिए आपको कुछ तरीके फोलो करने होते हैं।सबसे पहले आपको बाहर की कम्पनी से चश्मे का फ्रेम मंगाना होता है। क्योंकि कोई भी चश्मे की दुकान खोलने वाला फ्रेम को अपने यहां पर नहीं बना सकता है। उसे चश्मे के अलग अलग प्रकार के फ्रेम बाहर से ही मंगवाने पड़ते हैं।
kala chashma kaise banate hain eye testing machine से आंखों को चैक करना
दोस्तों सबसे पहले आपके पास जो भी कस्मर आता है उसकी आंखों को
eye testing machine से चैक करना होता है। यह एक बड़ी सी मशीन होती है और उसके अंदर आंखें कितनी कमजोर हैं इसके बारे मे पता चल जाता है। किसी भी कस्टमर की चश्मा बनाने के लिए यह सबसे पहला कदम होता है।मैंने देखा है बहुत से डॉक्टर भी आंखों को चैक नहीं करते हैं। वे सीधे की ग्लास चढ़ा देते हैं। इस मशीन का फायदा यह है कि इससे यह पता चल जाता है कि आपको कितने नंबर का चश्मा लगेगा ?
Trial Frame की मदद से चश्मे का नंबर चैक करना
चश्मा बनाने की दूसरी प्रोसेस के अंदर कस्टमर को एक कुर्सी पर बैठाया जाता है और उसकी आंखों पर एक ट्रायल फ्रेम लगाई जाती है। और सामने की तरफ एक शीशा होता है। उसके अंदर नंबर अधिकतर केसो मे ए बी सी डी होती है। और वो बड़े अक्सरों से लेकर छोटे अक्सरों के अंदर होती है।यदि मरीज उपर के बड़े अक्सर देख पाता है लेकिन नीचे के नहीं देख पात है तो उसकी दूर की नजर कमजोर होती है। फिर जैसा कि मशीन के अंदर देखा था ।
उस हिसाब से ट्रायल फ्रेम के अंदर ग्लास लगाया जाता है।और मरीज से पूछा जाता है कि कौन से ग्लास से उसे नीचे की eye testing chart लाइने भी साफ दिखती हैं।जो ग्लास उसके लिए सही बैठता है उसका चुनाव कर लिया जाता है।
यहां पर आपको ध्यान देना चाहिए कि ग्लास एकदम से सही नंबर का चुनना बहुत ही जरूरी होता है। कई बार जो महिलाएं अनपढ़ होती हैं उनको पता नहीं होता है और वे गलत नंबर का ग्लास चुन लेती हैं। इसकी वजह से उनकी आंख डेमेज हो सकती हैं।
इसके अलावा यदि किसी की नजदिग की नजर कमजोर होती है तो उसे भी इसी तरीके से दिखाया जाता है। नजदिग की नजर को चैक करने के लिए एक स्पैसल प्रकार का डिब्बा सा होता है उसके चारों ओर कुछ अक्षर खुदे होते हैं। और उनके बारे मे पूछा जाता है। उस हिसाब से लैंस को सैट किया जाता है।
kala chashma kaise banta hai फ्रेम का चुनाव
चश्मा बनाने की अगली प्रोसेस के अंदर प्रेम का चुनाव आता है। यह पूरी तरह से कस्टमर पर निर्भर करता है। कस्टमर अपनी पसंद के अनुसार ही फ्रेम का चुनाव कर सकता है। आप उसे कई तरह की फ्रेम दिखा सकते हैं।
eye glass cutter से ग्लास काटना
दोस्तों उसके बाद एक ग्लास कटर मशीन आती है।उसकी मदद से उस साइज के हिसाब से ग्लास को काटा जाता है। जो साइज चश्मे की होती हैं।इसकी प्रोसेस को आप प्रशिक्षण लेते समय देख सकते हैं। ग्लास को कट करने के लिए एक फ्रेम का यूज किया जाता है।
ग्लास को ग्रांइड करना
अब यदि आपने ग्लास को काट दिया है तो इसको ग्राइंड भी करना होगा । इसके लिए एक अलग से मशीन आती है। जिसके अंदर ग्लास के कटे हुए भागों को अच्छी तरीके से घसा जाता है और फ्रेम के अंदर सैट किया जाता है। हालांकि आजकल प्लास्टिक के ग्लास का उपयोग किया जाता है।
eye glass packing box
और जब चश्मा तैयार आप कर देते हैं तो आपको जरूरत होती है इनको पैक करने की ।इसके लिए आपको पैकिंग बॉक्स की आवश्यकता होती है। आप पैकिंग बॉक्स को खुद ऑडर देकर बना सकते हो लेकिन हम सजेशन देना चाहेंगे कि आप बने बनाए ही खरीदें यह आपके लिए सस्ते होंगे बस इनके उपर अपने बिजनेस का लेबल लगा देना आपके ऐरिया के अंदर चश्मा को पैकिंग करने के बॉक्स कहां से आते हैं। इससे जानने का अच्छा तरीका यह है कि किसी भी चश्मा सेंटर से इसका नंबर लेलें ।
चश्मा बनाने के लिए आवश्यक मशीन
दोस्तों यदि आप चश्मा बनाने का बिजनेस खोल रहे हैं तो आपको चश्मा बनाने की मशीन की आवश्यकता भी होगी । और कई प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता होगी । इन उपकरणों के बिना आप यह बिजनेस नहीं कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन उपकरणों के बारे मे ।
eye testing maching
वैसे तो इस मशीन की कीमत बहुत ही अलग अलग आती है लेकिन यह 1 लाख 60 हजार से लेकर 5 लाख तक की रेंज के अंदर मिल जाती है।इसकी कीमत इसके फैचर के हिसाब से अलग अलग होती है। इस मशीन से आंखों को चैक करने के लिए मरीज को मशीन के एक तरफ बने होल के अंदर देखने के लिए कहा जाता है।और दूसरी तरफ से आंखों की कमजोरी को चैक किया जाता है। और इससे यह पता लग जाता है कि आंखें कितनी कमजोर हैं।
Eye Testing Drum
आंखों को चैक करने के लिए एक Eye Testing Drum की आवश्यकता होगी । यह आपको indiamart पर मिल जाएगा । इसकी कीमत 1000 रूपये के आस पास होती है। इसके उपर एबीसीडी लिखी होती है और और उनको बड़े से छोटे अक्षरों के क्रम मे लिखा होता है। एक अनपढ व्यक्ति की आंखें चैक करने के लिए इस पर अलग से व्यवस्था होती है।
eye glass cutting machine
eye glass cutting machine की मदद से कांच को काटा जाता है और उसके बाद कांच की फिनिशिंग की जाती है। दोस्तों इस मशीन की कीमत 28000 के आस पास होती है। हालांकि यह कई प्राइस रेंज के अंदर उपलब्ध है। यह मशीन कांच के आकार को अलग अलग साइज के अंदर काट सकती है।
eye glass grinder machine
वैसे यह आपको अलग से भी मिल सकता है।लेकिन आजकल की मशीनों के अंदर यह दोनो साथ मे ही आते हैं। आप किसी भी सैलर के पास जाएंगे तो आप इसको अलग लेना चाहें तो अलग भी ले सकते हैं। आमतौर पर इसका प्रयोग ग्लास को घिसने के लिए ही किया जाता है।
ट्रायल फ्रेम
ट्राइल फ्रेम की कीमत की बात करें तो यह अलग अलग कीमत की और यह अलग अलग फैचर के साथ आती है। इसकी कीमत 1500 से लेकर 6000 तक हो सकती है।इसके अंदर अलग अलग लैंस डाले जा सकते हैं।इसमे आंखों की टेस्टिंग करने के लिए सुरक्षा के लिए भी दूसरे लैंस डाले जाते हैं ताकि गलत लैंस का असर आंखों पर ना पड़े ।
Trial Lens Kit
Trial Lens Kit के अंदर कई प्रकार के लेंस होते हैं। जिसकी मदद से आंखों को चैक किया जाता है। इन लेंस को ट्रायल फ्रेम के अंदर लगाया जाता है। इसके अलावा सुरक्षा लेंस भी इसके अंदर मौजूद होते हैं। यदि आप किसी चश्मे बनाने वाली दुकान पर गए होंगे तो आपने यह ट्रायल किट देखा भी होगा ।इसमे सलैडरिक और स्पैरिकल लैंस होते हैं।
चश्मा बनाने की दुकान किस तरह से खोलें ?
दोस्तों चश्मा बनाने की दुकान खोलने के लिए आपको कई सारी प्रोसेस को फोलो करना होगा । और इसके लिए सबसे पहले आपको यह तय करना होगा कि आप इस काम को कर सकते हैं या नहीं ? यदि आप इस काम के अंदर रूचि रखते हैं तो आपको नियम बनाकर इस बिजनेस पर काम करना होगा तभी आप सक्सेस हो सकते हैं।
चश्मा बनाने के बारे मे प्रशिक्षण लेना
दोस्तों चश्मा बनाने के बारे मे भारत मे अभी तक कोई रूल नहीं होने की वजह से अनजान लोग भी चश्मा बनाने के बिजनेस के अंदर उतर जाते हैं और यह काम करना शूरू कर देते हैं। लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे कि इस बिजनेस के अंदर उतरने से पहले आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से प्रशीक्षण लेना चाहिए । यदि आप प्राइवेट कॉलेज या स्कूल के अंदर 1 साल या 2 साल का प्रशिक्षण लेते हैं तो बहुत ही अच्छी बात है। कुछ लोग दूसरी दुकान के उपर जाकर चश्मा बनाने का प्रशिक्षण लेते हैं।
यह तरीका सही है लेकिन उतना सही नहीं है। आप इस तरीके की मदद से चश्मा बनाना सीख सकते हैं , आंखे देखना भी सीख सकते हैं लेकिन किस व्यक्ति को क्या खाना चाहिए ? और क्या नहीं खाना चाहिए जैसी एडवाइज आप दें तो यह बहुत ही अच्छी बात है।
अपने खुद के आत्म विश्वास का परीक्षण करें
दोस्तों चश्मा बनाने का बिजनेस आपको तभी करना चाहिए जब आपको यह पूरा विश्वास हो जाए कि आप इस काम को कर सकते हैं। यदि आपको विश्वास ही नहीं है कि आप कर सकते हैं या नहीं तो आपको इस बिजनेस के अंदर नहीं उतरना चाहिए क्योंकि आपको अभी और अधिक सीखने की आवश्यकता है।
चश्मा बनाने के बिजनेस के लिए दुकान की खोज
चश्मा बनाने के लिए आपको एक दुकान की भी खोज करनी होगी । इसके लिए आप कोई भी दुकान किसी भी ऐसी जगह पर चुन सकते हैं। जहां पर अधिक लोग आते हों ।जैसे मैन मार्केट के अंदर । कोशिश करें की दुकान कम कीमत मे मिले और वहां पर आपको लाइट की सुविधा भी मिल जाए क्योंकि चश्मा बनाने की दुकान के अंदर हर समय लाइट की जरूरत होगी । बिना लाइट कुछ नहीं हो सकता है।
चश्मे की दुकान खोलने मे कितना खर्चा आएगा ?
दोस्तों खर्चा कोई फिक्स नहीं होता है। और इसके लिए आप कम ज्यादा कर सकते हैं। फिर भी हम अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं।
- eye testing maching = 2 lac
- Eye Testing Drum = 1000 rs
- eye glass cutting machine = 9000
- eye glass grinder machine = 5000
- ट्रायल फ्रेम = 3000
- Trial Lens Kit = 5500
- Glass and frame = 30000
चश्मा की दुकान खोलने के लिए बाजार निरिक्षण और बिजनेस आइडिया
दोस्तों जब आप चश्मा की दुकान खोलने के लिए सोच रहे हैं तो सबसे पहले यह देखना चाहिए कि मार्केट के अंदर पहले से चश्मा की कितनी दुकान हैं ? और किस तरह से यह दुकान चल रही हैं ? यदि आप पहले ही प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं तो आपको अंदाजा हो जाएगा कि कौनसी दुकान किस तरह से चल रही है।
उसके बाद आपको अपने बिजनेस आइडिया के बारे मे सोचना चाहिए । आपके पास कस्टमर क्यूं आना चाहेंगे ? यह आपके लिए सबसे मजूबत पक्ष होता है। आप कस्टमर को ऐसा क्या दे सकत हैं ? जिसकी वजह से कस्टमर आपके पास आना चाहेंगे ? खैर इसके अंदर कई चीजें आ सकती हैं जैसे कि आप उनको कुछ ऑफर दे सकत हैं इन ऑफर के बारे मे आपको खुद को सोचना होगा ।
चश्मा की दुकान के लिए आवश्यक सामान खरीदना
दोस्तों यदि आप निश्चित कर चुके हैं कि आपको यह बिजनेस करना ही है तो अब आपको सबसे पहले सामान खरीदने की आवश्यकता होगी । इसके लिए आप indiamart.com पर जाएं और सामान के बारे मे सर्च करें । यहां पर आपको कई सैलर मिल जाएंगे । जो सैलर आपके नजदीग पड़ता हो उसके पास जाकर ही सामान को खरीदना चाहिए । आपको भूलकर भी ऑनलाइन ऑडर नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमे बहुत अधिक रिस्क रहता है।
दुकान के लिए नाम सोचना
यदि आप सामान मंगवा चुके हैं तो अब आपको अपनी चश्मे की दुकान का नाम भी सोच लेना चाहिए । इसके लिए आप वैसे तो कोई भी नाम रख सकते हैं। लेकिन आप कोई ऐसा नाम चुने जो आसानी से याद रह जाए । कोई भी बड़ा नाम चुनने से बचे आसान नाम जैसे तुगलक चश्मा सेंटर , पूजा चश्मा सेंटर , अहमद चश्मा , ब्लैक चश्मा सेंटर आदि । इस तरह के नाम आप चुन सकते हैं। इस नाम को विज्ञापन के तौर पर आप अपनी दुकान पर लिखवा सकते हैं और बाहर भी इसके बारे मे लिख सकत हैं।
चश्मे की दुकान के लिए बिजनेस कार्ड छपाना और प्रचार करना
दोस्तों चश्मे की दुकान का यदि आपने नाम वैगरह डिसाइड कर लिया है। तो अब बारी आती है बिजनेस कार्ड छपाने की आप किसी भी बिजनेस कार्ड छापने वाले के पास जाएं और वहां पर बिजनेस कार्ड बनवालें । इसके अलावा शहर के अंदर चिपकाने के लिए पर्चे भी छपवालें । बिजनेस कार्ड पर अपने बिजनेस का नाम वैगरह अच्छी तरह से लिखें और बिजनेस विवरण लिखें । पर्चे को आकर्षक भाषा के अंदर छपवाएं जैसे चश्मा बनाने पर विशेष छूट आदि ।
चश्मे की दुकान का उदघाटन करना
अब अब बारी आती है । चश्मे की दुकान के उदघाटन करने की । आप किसी भी पंडित या मौलवी के पास जाएं और दघाटन के महूर्त के बारे मे पूछे । उस हिसाब से दुकान का उदघाटन करें । आस पास के लोगों को आप इसके लिए निमंत्रण दे सकते हैं।लेकिन इसके अंदर आपको अधिक खर्च नहीं करना होगा । दुकान के उदघाटन के समय आये लोगों को आप अपना बिजनेस कार्ड दे सकते हैं।
सेवा करें पहले ही मेवा खाने की कोशिश ना करें
दोस्तों कोई भी बिजनेस हो तभी वह सक्सेस होता है। जब आप उसके अंदर सेवा भाव रखते हैं। यदि आप चश्मा बनाने की दुकान खोल कर बैठे हैं तो लोगों के प्रति सेवा भाव रखें । कुछ लोग बिजनेस तो खोलकर बैठ जाते हैं लेकिन बिजनेस के नाम पर कस्टमर को लूटने लग जाते हैं। बहुत जगह पर ऑनलाइन तो यह हो ही रहा है। ऑफलाइन उतना नहीं है लेकिन है। पर आप ऐसा करके कभी भी सक्सेस नहीं हो सकते हैं।
हो सकता है ऐसा करके आप एक ग्राहक को लूट लें लेकिन दुबारा जिंदगी के अंदर वह कस्टमर आपके पास नहीं आएगा ।
अपने दुकान की एक वेबसाइट लॉंच करें और कस्टमर को इसके बारे मे बताएं
दोस्तों जमाना ऑनलाइन का है और यदि आप एक चश्मे की दुकान बनाते हैं तो आपको एक वेबसाइट भी अवश्य ही लांच करनी चाहिए । इसमे कुछ नहीं लगता है। साल के 700 रूपये आपके डोमेन नेम के लगते हैं। आप blogger पर उस डोमने नेम को सेट कर सकते हैं और उस वेबसाइट के उपर अपने बिजनेस के बारे मे जानकारी डाल सकते हो । जैसे आपके पास क्या क्या है ? आप किस तरह से आंखें चैक करते हो । इस प्रकार से बहुत सारी चीजें कर सकते हो ।
इसका फायदा यह होगा कि कस्टमर अपने पंसद की चीजों को सलेक्ट कर सकेगा ।
चलती फिरती चश्मे की दुकान बनाएं
दोस्तों अपनी चश्मे की दुकान को चलती फिरती दुकान बनाएं ।मतलब की यदि किसी कस्टमर को चश्मा बनानी हो और उसे उसका नंबर पता है या ऑडर रिसिव करना हो या चश्मा देकर आना हो तो आपको उसके घर जाना चाहिए और फिर देकर आना चाहिए ।
यदि उसका घर उसी शहर के अंदर है तो ऐसा करना बहुत अधिक जरूरी हो जाता है। ऐसा करने का फायदा यह है कि आपका बिजनेस बहुत ही जल्दी ग्रो करेगा । हमारे पास के शहर के अंदर ऐसी कोई चश्मे की दुकान नहीं है जो ऐसा करती है।
कस्टमर से लड़ने का मतलब उसे हमेशा के लिए खो देना
यदि कोई कस्टमर आपकी दुकान से चश्मा बनाकर ले गया और उसके बाद वह किसी शिकायत को लेकर आया तो अधिकतर दुकान दार खुद ही उसके साथ लड़ने लग जाते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए । यदि आप एक अच्छे बिजनेस मैंन है तो आपको इन स्थितियों के अंदर खुद को कंट्रोल करना चाहिए ।
समय समय पर चश्मे बनाने के लिए आकर्षक ऑफर दें
दोस्तों समय समय पर चश्मे बनाने के लिए कस्टमर को आकर्षक ऑफर देना बहुत ही जरूरी है। आप इन आकर्षक ऑफर की जानकारी अखबारों के अंदर छपवा सकते हैं और इंटरनेट पर दे सकते हैं। किस तरह से इसको वायरल करवा सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि इंटरनेट एक ऐसी चीज है जिसकी मदद से कोई बिजनेस रातो रात चमक सकता है।
अपने कस्टमर का मोबाइल नंबर नोट करें ?
यदि आपके पास कोई चश्मा बनाने के लिए आता है तो आपको उसका मोबाइल नंबर जरूर ही नोट करना चाहिए । इसका कारण यह है कि एक बार जब आप उसका मोबाइल नंबर नोट कर लेते हैं तो फिर आप उसके पास अपने बिजनेस मैसेज भेज सकते हैं। खास कर जब कोई त्यौहार हो तो उसे मैसेज भेजें और बधायां दे । इससे आपको नुकसान नहीं वरन फायदा ही होगा । सबसे बड़ी बात है कि आज तक ऐसा करने वाला कोई भी छोटा दुकनदार मुझे नहीं मिला । बड़ी बड़ी कम्पनी यही करती हैं। ऐसा करने का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि यूजर आपके बिजनेस से जुड़ा रहता है। ऐसा करके आप अपने कस्टमर को किसी दूसरी दुकान पर जाने से रोक सकते हैं।
चश्मे की दुकान के लिए एक सुझाव पुस्तिका रखना
दोस्तों आपको अपने चश्मे की दुकान के लिए एक सुझाव पुस्तिका को रखना बहुत ही जरूरी होता है और हर कस्टमर को इसके उपर अपने सुझाव लिखना चाहता है उसे लिखने को कहें । ऐसा करने का फायदा यह होगा कि आपको यह समझने मे मदद मिलेगी कि आपका कस्टमर चाहता क्या है ? और कौनसी ऐसी जगह है जहां पर आपके साथ गलती हो रही है। लेकिन अफसोस इस प्रकार की सुझाव पुस्तिका मुझे आज तक किसी भी चश्मे की दुकान पर नहीं मिली है।
अपने कम्पीटिटर की कमजोरियों को पकड़ें
दोस्तों यदि आप चश्मे की दुकान खोलते हैं तो उसके अंदर भी आपके कम्पीटिटर तो होंगे ही ,तो आपको सक्सेस होने के लिए उनकी कमजोरियों को पकड़ना होगा और फिर उनको अपना हथियार बनाकर चलना होगा आप तभी इसके अंदर सफल हो सकते हैं।
मुझे यकीन है कि यदि आप चश्मे के बिजनेस के अंदर उतरना चाहते हो तो यह लेख आपकी पूरी तरीके से मदद करेगा । और यदि आप इस लेख के अंदर दिये गए बिंदुओं के उपर अच्छे से सोचकर निर्णय करते हो तो आपका बिजनेस कभी भी असफल हो ही नहीं सकता है।
इसके अलावा जो भाई पहले से ही चश्मे की दुकान चला रहे हैं उनके लिए भी यह उपयोगी है और अपनी कमियों को सुधार कर अपने बिजनेस को आगे ले जा सकते हो ।
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