दोस्तों तलवार बांधने का मंत्र भी होता है।talwar bandhne ka mantra, प्राचीन काल के अंदर जब युद्व हुआ करते थे तो तलवार से होते थे और तलवार को बांध दिया जाता था। और यदि एक तलवार को बांध दिया जाता है तो उसके बाद वह तलवार यदि किसी को मारी जाती है तो उसका कोई भी प्रभाव पैदा नहीं हो पाता है। यदि आप प्रचीन कथाएं पढ़ते हैं तो उनके अंदर जिक्र आता है कि एक वीर को दुश्मन तलवार मारते थे तो भी उसके उपर इसका असर नहीं होता था। इस तरह के चमत्कार तलवार बांधने के मंत्रों की वजह से ही तो होता था। यदि आप तलवार बांधने के मंत्र के बारे मे जानते हैं और अपने अपने किसी दुश्मन की तलवार को बांध दिया है तो आपके उपर दुश्मन का वार असफल हो जाएगा । इस प्रकार से आप अपने दुश्मन को मात दे सकते थे । आपको बतादें कि प्राचीन काल के अंदर मनोबल और दुसरी शक्तियां इंसान के अंदर बहुत अधिक होती थी।
यदि आप प्राचीन धार्मिक इतिहास को उठाकर देखोगे तो आपको पता चलेगा कि कई ऐसे वीर मौजूद थे जिनके उपर तलवार का भी कोई असर नहीं होता था। लेकिन आज तंत्र मंत्र का प्रभाव उतना अधिक प्रभावशाली नहीं रह गया है। इसका कारण है कि आज प्राचीन काल के जैसे साधक मौजूद नहीं हैं।आज आपको ऐसे धर्मगुरू मिल जाएंगे जो ऐसी के अंदर बैठकर बड़े बड़े उपदेश देते हैं । उनसे कठोर साधना जैसी कोई चीज नहीं होती है।
लेकिन तलवार बांधने के मंत्रों का प्रयोग आज भी किया जाता है।बहुत पहले की बात है ।जब मैं एक गांव के अंदर रात्री जागरण देखने के लिए गया हुआ था तो वहां पर चमत्कार किया गया । बहुत से लोग यह देखकर अचंभित हो गए कि कैसे एक डांसर तलवार की धार पर नाच रहा था।हालांकि मुझे यह नहीं पता था कि यह तलवार बांधने की वजह से हो रहा है लेकिन जब किसी व्यक्ति से यह पूछा गया कि यह कैसे संभव है ? तो पता चला कि यह तलवार बांधने की वजह से संभव हो पाया है।
आजकल तलवार बांधने के मंत्रों का प्रयोग चमत्कार के लिए किया जाता है लेकिन हर किसी को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए । क्योंकि यह खतरा भी बन सकता है।
Table of Contents
1.तलवार बांधने का मंत्र talwar bandhne ka mantra
दोस्तों यह तलवार बांधने का शक्तिशाली मंत्र है आप इसकी मदद से किसी भी प्रकार के भाले और चाकू को बांध सकते हैं।ऐसा माना जाता है कि बांधी हुई तलवार से यदि किसी को मारा जाता है तो इसका प्रभाव नहीं होता है।इस मंत्र को सूर्य ग्रहण के दिन जाप कर सिद्व करें और हनुमान को चोला और भोग चढ़ाएं ।
ॐ नमो धार धार।
अधर धार।
बांधो सात बार।
आनि बांधो तीन बार।
कटै रोम न भीजै चीर।
खांडा कि धार को ले गया यति हनुमंत वीर।
शब्द सांचा।
पिंड कांचा।
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।
ग्रहण के दिन इस मंत्र को उपरोक्त दी गई माला से 108 बार जपकर सिद्व कर लेना है और उसके बाद यदि आप इसका प्रयोग करना चाहते हैं तो रस्ते की रेत को 7 बार मंत्रकरके किसी तरह उस तलवार के उपर फेंक मारे उसके बाद यदि कोई आपको मारना चाहेगा तो भी चोट नहीं लगेगी ।
2.तलवार की धार बांधने का मंत्र और चाकू बांधने का मंत्र
दोस्तों आप इस मंत्र का प्रयोग किसी भी अपने शत्रू की तलवार बांधने के लिए कर सकते हैं। इस मंत्र का प्रयोग चमत्कार दिखाने के लिए नहीं करें ।
ओम नमो भगवते महाकाल पराक्रमाय शत्रुणां शस्त्र स्तंभनं कुरू कुरू स्वाहा ।।
इस मंत्र को 108 बार पढ़ना है। और इस मंत्र के द्वारा नीचे दिये गए टोटकों मे से कोई एक चुन कर आप प्रयोग कर सकते हैं। और मंत्र को उस वस्तु को सामने रखकर 108 बार पढ़ सकते हैं।
- रवि पुष्य योग मे क्ष्रेविद्वा की जड़ को गले मे धारण करें
- जामुन की जड़ को हाथ पर रख लेने से तलवार का प्रभाव नहीं होता है।
- केवड़े की जड़ को सर पर रख लेने से तलवार का प्रभाव नहीं होता है।
- खजुर की जड़ को सीने के बांध लें से तलवार का प्रभाव नहीं होता है।
- रवि पुष्प योग मे अपमार्ग की जड़ को अपने शरीर के उपर पीस कर लगा लेना चाहिए ।
- जामुन की जड़ को हाथ मे केवड़े की जड़ को मस्तिष्क मे और ताड़ की जड़ को मुख मे रखने से किसी भी प्रकार के शत्रु के शस्त्र का स्तंभन हो जाता है।
3.तलवार बांधे शत्रू का प्रयोग
ओम नमो धार अधर कधार बांधो
सार बार बांधो 3 कटे
बार न भागे चोर खांडा की धार मे ले गया हनुमंत वीर ।।
दोस्तों सबसे पहले इस मंत्र को किसी भी हनुमान मंदिर के अंदर जागकर ग्रहण के दिन 108 बार जप कर सिद्व कर लेना है और फिर आप रेत के उपर मंत्र को 7 बार बोलकर प्रयोग कर सकते हैं।
4.तलवार और सम्पूर्ण शस्त्र बांधने का मंत्र
दोस्तों इस मंत्र का प्रयोग आप किसी भी प्रकार के शस्त्र को बांधने के लिए कर सकते हैं। लेकिन इस मंत्र का प्रयोग आप दुश्मन के शस्त्र से बचाव के लिए ही करें ।
ओम नमो भैरवे नम: मम शत्रु शस्त्र स्तंभन कुरू कुरू स्वाहा ।।
इस मंत्र को सिद्व करने के लिए आपको रात मे 12 बजे श्मसान के अंदर जाना होगा और 21 हजार मंत्र का जप करें और भैरव को बलि प्रदान करें और शराब का भोग लगाएं । उसके बाद यह मंत्र सिद्व हो जाता है।जब प्रयोग करना हो तो खरमंजरी के बीज हाथ मे लेकर 21 बार मंत्र पढ़कर शत्रू की ओर फेंक दे ।यदि शत्रू आपके उपर प्रहार नहीं कर पाएगा ।
5.तलवार बांधने का मंत्र
इस मंत्र को लेकर लाल आसन आसन पर बैठ कर जाप करके पहले सिद्ध करना होता है।इसके लिए आपको करना यह है कि मंगलवार के दिन शाम को एक लाला आसन पर हनुमानजी की मूर्ति रखें और उसी पर बैठ कर 21 दिन तक रोजाना 21 बार मंत्र का जाप करें ।उसके बाद आप जब इस मंत्र को प्रयोग करना हो तो जमीन से रेत उठाएं और 7 बार मंत्र बोलकर रेत पर फूंक मारें । उसके बाद जिस किसी पर डालेंगे उसके पास तलवार या चाकू होगा वह आपका कुछ नहीं बिगाड पाएगा ।
ओम धार धार अधर धार धार बांधू 7 बार कटे ना रोम ना भीजे चीर खांडा की धार ले गयो हनुमंत वीर शब्द सांचा पिंड कांचा फूरो मंत्र ईश्वर वाचा ।
6.तलवार बांधने का ताकतवर मंत्र
दोस्तों यह तलवार बांधने का अलग मंत्र है और इसकी मदद से भी आप तलवार को बांध सकते हैं। यह मंत्र कुछ इस प्रकार से है।इसके लिए मंत्र को सिद्ध करना होगा । पाट लगाना होगा । और अमावस्या और शनिवार के दिन यह साधना करनी होगी । और एक माला आपको रोज चढ़ानी होगी । इसके अलावा माता भगवती को प्रसाद चढ़ाना होगा ।यदि आपके पास योग्य गुरू है तो आप इस प्रयोग को सिद्ध कर सकते हैं।बिना गुरू के इस मंत्र को सिद्ध करना संभव नहीं है।
ओम गुरूजी धार धार नदिया की धार धार धार बांधो 7 बार उंदी बांधू सिधी बांधू सल्ती बांधू सांलक्ति बांधू देव वाला कि ताकती बांधू हाथ का नष्टा पंख का पंखता बाधू अतरा का ना बंदे तो माता हेंगलाज कि दुहाई फिर भी ना बांदे तो डिंगा बुसर की कार फिरे ।
7.चमेली के फूल से तलवार को बांधना
दोस्तों यह भी यह एक तलवार को बांधने का मंत्र है। इसके अंदर करना यह है कि जामुन की मूल को हाथ पर और केबड़े की मूल को मस्तिष्क पर तथा ताड़ की मूल को मुंह में रखने से सभी प्रकार के तलवार के वार को वार को रोका जाता है ।यह एक बहुत ही सरल टोटका है जो शत्रू के वार को खत्म कर सकता है।
8.शत्रू की तलवार का स्तंभन
यदि आपको हर समय शत्रू का भय बना रहता है तो इसके लिए आप यह प्रयोग कर सकते हैं। एक मिट्टी का कोरा कलश लेना है उसके बाद इसके उपर श्मसान की राख से शत्रू का नाम लिखें और नीले शूत्र मे बांध कर गहरे गढ्ढे मे गाड दें ।उसके बाद इसके उपर पत्थर रखदें ।ऐसा करने से शत्रू के तलवार का स्तंभन हो जाता है।
तलवार बांधने के मंत्र का प्रयोग
दोस्तों तलवार बांधने के मंत्र का वैसे तो आज के समय कोई खास प्रयोग नहीं है।लेकिन फिर भी हम आपको यह बताना चाहते हैं कि इन मंत्रों का प्रयोग अब लोग कहां कहां पर करते हैं। हालांकि अब इस तरह के मंत्रों का प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है। अधिकतर लोग इनके बारे मे अच्छी तरह से जानते भी नहीं हैं।
चमत्कार दिखाने के लिए
दोस्तों तलवार बांधने के मंत्र का प्रयोग सबसे अधिक चमत्कार दिखाने के लिए किया जाता है। इस तरीके के अंदर एक साधु या जो इस विधि को सिद्व कर चुका होता है।
वह तलवार को पहले बांध लेता है। और उसके बाद उन तलवारों के उपर वह डांस करता है और उनको अपने शरीर को भी मारता है लेकिन तलवार के बंधे हुए होने की वजह से इसका असर किसी प्रकार से बुरा नहीं होता है। लेकिन हर इंसान को इस प्रकार के प्रयोग नहीं करने चाहिए वरना नुकसान हो सकता है।
शत्रु के प्रहार से बचने के लिए
यदि आपको तलवार बांधने का मंत्र आता है , शास्त्र बांधने का मंत्र आता है तो आप इनका प्रयोग शत्रु से बचने के लिए भी कर सकते हैं।इसके लिए आपको सबसे पहले मंत्र को सिद्व करना होगा । और यदि उसके बाद शत्रु आपके उपर किसी भी शस्त्र से प्रहार करता है तो आप उसके प्रहार से बहुत ही आसानी से बच सकते हैं।
हालांकि इस तंत्र का प्रयोग अधिकतर लोग नहीं करते हैं।क्योंकि वे इसके बारे मे जानते ही नहीं हैं। फिर भी कुछ महात्मा इसका प्रयोग आज भी करते हैं। ऐसा ही एक स्मरण का उल्लेख किया है एक किताब मे । कहा जाता है कि काशी के अंदर एक ऐसा संत और तपस्वी था जो काफी पहुंचा हुआ था । और उसको इस प्रकार की सिद्वी प्राप्त थी।पता नहीं कुछ लोग उसके दुश्मन कैसे बन गए थे । एक दिन वे तपस्वी ध्यान के अंदर बैठे थे तो उनके शत्रु तलवार और भाला लेकर आए और उनको मारने के लिए उनके सर के उपर तलवार से वार किया लेकिन कुछ नहीं हुआ ।
उसके बाद यह देखकर उनके शत्रु बहुत अधिक डर गए और उनके पैरों मे गिरकर माफी मांगने लगे । उसके बाद संत ने आंखे खोली और बोले की मैं तुम सबको माफ कर सकता हूं अगर तुमन लोगों ने मेरी एक बात मानी तो ?
वे डरे हुए तो वैसे भी थे और संत की हर बात मानने को तैयार हो गए । उसके बाद संत ने उनको कहा कि वे यदि आज के बाद किसी इंसान को बेवजह सताया तो तुम लोग पागल हो जाओगे । और उसके बाद वे संत को वचन देकर चले गए ।
तलवार बांधने का मंत्र किस प्रकार से काम करता है ?
दोस्तों तलवार को बांधने का मंत्र का जब आप प्रयोग करते हैं तो कुछ खास प्रकार की तरंगे निकलती हैं और उसके बाद उन तरंगों की वजह से सामने वाले व्यक्ति के दिमाग पर असर पड़ता है। जिसकी वजह से वह कुछ समय के लिए सोचने की स्थिति मे नहीं होता है।और उसके बाद दूसरा मौका पाकर बच निकलता है।
तलवार बांधकर दुश्मनों को हराया
मेरा नाम सुखदास है। और मैं एक मठ के अंदर बचपन से ही साधु बन गया था। पहले तो मैंने 18 साल तक पढ़ाई की उसके बाद जब भाई की मौत हो गई तो जीवन से नफरत हो गई और उसके बाद हमारे गांव के बाहर की साइड मे एक मठ था वहां पर जाकर गुरू के चरणों मे गिरा । हालांकि पहले तो मेरे गुरूदेव ने मुझे साधु बनने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने कहा था कि मेरे बुढ़े माता पिता हैं सो उनकी रक्षा कौन करेगा ।लेकिन बाद मे मैंने अपने गुरू देव को वचन दिया कि मैं अपने माता पिता का पूरा ध्यान रखूंगा तो उसके बाद मैं साधु बन गया। जब पहली बार साधु बना तो कई तरह के साधु के नियम मुझे सीखाए गए । और कुछ ऐसा भी पढ़ाया गया जिसके बारे मे मैंने आज तक नहीं पढ़ा था। इन सबके अलावा मुझे शास्त्रों के बारे मे भी ज्ञान दिया जा रहा था कि किस प्रकार से शस्त्रों को बांधा जाता है और किस प्रकार से खोला जाता है।
हालांकि जब मैंने अपने गुरू से पूछा कि शस्त्रों का ज्ञान कि क्या जरूरत है अब हम तो साधु बन गए तो उन्होंने मुझे बताया कि आप भले ही साधु बन गए हों लेकिन आपको अपनी रक्षा करनी आनी चाहिए । आप तंत्र के अंदर कुछ जानने चाहिए ।
उसके बाद मैंने कई तरह के बांधने के मंत्रों को सीखा हालांकि इनके प्रयोग का समय नहीं आया था। गुरू की सेवा के अंदर पता नहीं दिन कैसे बीत रहे थे कि एक रात अचानक से मठ के अंदर कुछ लोगों के कूदने की आवाज आई मेरी आंख खुली तो देखा कि मठ मे 3 चोर घुसे हैं जिसमे तीनों के हाथ मे तलवार है।
और यह ऐसा समय था जब मठ मे हम बहुत ही कम लोग थे । और उनमे से अधिकतर बूढ़े संयासी थे जो लड़ नहीं सकते थे । उस वक्त मुझे गुरू की सीखाई विधा याद आई मंत्र जाप किया और धूल चोरों की तरफ फेंक दी । उसके बाद मैंने एक लठ उठाया और बाकी लोगों को भी चिल्लाकर बोल दिया ।
वे चोर मुझे मारने के लिए तेजी से मेरी तरफ दौड़ें लेकिन बेचारे कुछ नहीं कर पाए क्योंकि उनकी बुद्धि काम नहीं कर पा रही थी। अचानक मेरा एकवार चोर के उपर पड़ा और उनको लगा कि वे घिर गए हैं तो वहां से भाग खड़े हुए । इस घटना के बाद मुझे समझ आया कि प्राचीन काल के साधु संयासी भी इन विधाओं का प्रयोग अपनी सुरक्षा करने के लिए काफी करते थे ।वे लोग जंगल के अंदर अकेले भटकते थे और यदि कोई उनके उपर तलवार से हमला करता तो वे खुद को बचाने के लिए इन तरीकों का अच्छे से प्रयोग करना जानते थे ।
हालांकि उस दिन के बाद मेरे सामने कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि तलवार को बांधना पड़ें । लेकिन हम साधु संयासी के पास लूटने के लिए भी बहुत या ना के बराबर चोर आते हैं। यह घटना तब हो गई जब कुछ लोगों को पता था कि मठ मे पैसा काफी रखा है।
तलवार बांधने के मंत्र का गलत प्रयोग और धोखा
इस दुनिया के अंदर कई तरह के लोग रहते हैं और जब आप सही तरीके के लोगों को चुन नहीं पाते हैं तो इससे कई बार आपका बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसी ही कहानी है मेरी दोस्तों । मेरा नाम है राजवीर मैं कुछ ऐसा ही काम करता हूं कि मेरे कई सारे दुश्मन हो चुके हैं। इस वजह से मुझे यह खतरा हमेशा ही बना रहता है
कि कब कौनसा दुश्मन हमला करदें । इसी समस्या के ईलाज के लिए मैंने जब तंत्र मंत्र के बारे मे जाना तो इसकी मदद लेने के बारे मे विचार किया । इसके लिए कई तांत्रिकों को खोजा लेकिन किसी ने भी तलवार बांधने के मंत्र को सिद्ध करवाने के बारे मे सही सही नहीं बताया ।
उसके बाद एक अन्य तांत्रिक से संपर्क किया जो ऑनलाइन सिद्धि करवाने का कार्य करता था। उसने कुछ पैसों के बदले मुझे इस मंत्र की साधना को करवाने का निश्चय कर लिया। उसके बाद तांत्रिक ने कुछ विधि बताई और कुछ दिन बाद साधना को सम्पन्न करवा दिया । और उसका पैसा भी मैंने देदिया ।
फिर मैंने तांत्रिक से पूछा कि वह यह कैसे टेस्ट करे की वह तलवार को बांध पायेगा या नहीं ? लेकिन तांत्रिक ने कहा कि टेस्ट करने के लिए इन मंत्रों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। मैं निश्चित हो गया। कुछ दिन ऐसे बीत गए ।
फिर एक दिन हुआ यह कि मैं रात को लेट हो गया और अकेला घर आ रहा था । अचानक दो बाइक सवार आए जो शायद मेरे से कुछ लूट लेना चाहते थे । उन्होंने बाइक मेरे आगे लगा दी और एक बड़ा सा चाकू निकाला और बोले …….तेरे पास जो कुछ भी है वह हमे देदे । मैंने मंत्र जाप किया और सोचा वो अब कुछ नहीं कर पाएंगे ।
लेकिन मेरा ऐसा सोचना मेरी गलती थी इतने एक चोर मेरे पास आया और मेरे गर्दन पर चाकू रखकर बोला …जल्दी माल निकाल । उसके बाद मैंने अपने जेब मे पड़े 2 हजार उनको देदिया और वे चले गए ।
अब मुझे लगा कि मेरे साथ छल हुआ है।उस तांत्रिक को फोन किया तो उठाया नहीं फिर किसी दूसरे तांत्रिक के पास पूछने के लिए गया तो उसने बताया कि मंत्र तो सही था लेकिन तुमने कोई गलती करदी ।
उसके बाद उसने मुझे फ्री मे सीखने का कहा और यह भी कहा कि काम होने के बाद पैसा देदेना । और तुमको परीक्षण करके भी दिखाउंगा । मैंने उसकी बात मानली और फिर उसकी बताई विधि से साधना को किया ।फिर मंत्र का प्रयोग भी किया तो सब कुछ सही हो गया । दोस्तों मैं आपको यही कहना चाहता हूं कि आप किसी भी गुरू से सीखें लेकिन आप उसके पास जाकर सीखें । क्योंकि जब आप पास होंगे तो आप आसानी से अपनी समस्या को अपने गुरू को बता पाएंगे ।और यदि गुरू पास मे नहीं होगा तो आप अपने गुरू को समस्या नहीं बता पाएंगे ।
तलवार बांधने का मंत्र आपकी जीवन की सुरक्षा करने के लिए भी काफी उपयोगी होता है।यदि आपके जीवन को खतरा है तो आप इस मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपके जीवन की रक्षा भी करेगा ।
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