dark web kya hota hai , डार्क वेब क्या है डार्क वेब के बारे मे हम अच्छी तरह से जानते नहीं हैं। डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जहां पर हर किसी की पहुंच संभव नहीं होता है। दोस्तों डार्क वेब का नाम तो आपने सुना ही होगा डार्क वेब का मतलब होता है काली वेब और जो गलत कार्यों के अंदर लिप्त होती है वह डार्क वेब कहलाती है। दोस्तों आपकी हम सिर्फ इंटरनेट का 5 फीसदी या फिर अधिकतम 10 फीसदी तक हिस्सा इस्तेमाल करते हैं। बाकि 80 फीसदी हिस्सा डार्क वेब के अंदर आता है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि सर्च इंजन की भी वहां पर पहुंच नहीं होती है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बतादें कि डार्क वेब पर हर किसी के लिए पहुंचना भी डेंजर हो सकता है क्योंकि यहां पर कई चीजें होती हैं जोकि आपके कम्प्यूटर के लिए भी हानिकारक हो सकती हैं तो आप यदि डार्क वेब पर ना जाएं तो ही आपके लिए यह ठीक रहेगा नहीं तो समस्या काफी बड़ी हो सकती है।
वैसे आपको बतादें कि डार्क वेब जो होता है वह एक आम वेब ब्राउजर की मदद से एक्सेस नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आपको विशेष ब्राउजर की आवश्यकता होती है। और कुछ विशेष ब्राउजर की मदद से आप इसको एक्सेस कर सकते हैं। डार्क इंटरनेट को एन्क्रिप्शन के माध्यम से संचार को निजी रखते हुए और कई वेब सर्वरों के माध्यम से ऑनलाइन सामग्री को रूट करके गुमनामी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ।
वैसे डार्क वेब को बस बनाया ही इसलिए गया है ताकि आम लोगों से इसकी पहुंच नहीं रह सके और यह इंटरनेट का गुमनाम हिस्सा होता है।और डार्क वेब जो होता है उसको सिर्फ इसलिए ही डिजाइन किया जाता है ताकि अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके हालांकि यह हर हाल के अंदर जरूरी नहीं है।
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dark web kya hota hai डार्क वेब और डीप वेब के बीच क्या अंतर होता है ?
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादें कि डार्क वेब जो होता है वह एक छुपा हुआ चीज होता है जिसको किसी विशेष प्रकार के ब्राउजर से ही एक्ससे किया जा सकता है। लेकिन डीप वेब एक अलग प्रकार की वेब होती है जोकि छुपा हुआ होता है। वहां तक सर्च इंजन भी नहीं पहुंच सकता है। उदाहरण के लिए पेवॉल, प्रमाणीकरण फ़ॉर्म, लॉगिन या पासवर्ड के पीछे रहती है। इंटरनेट पर एक औसत व्यक्ति द्वारा एक्सेस की जाने वाली अधिकांश सामग्री डीप वेब का हिस्सा है: ईमेल, ऑनलाइन बैंकिंग खाते, निजी सोशल मीडिया खाते आदि इसके अंदर आते हैं तो आप समझ गए होंगे कि डीप वेब क्या होती है ?
dark web kya hota hai हम डार्क वेब पर किस तरह से पहुंच सकते हैं ?
दोस्तों डार्क वेब पर पहुंचने के वैसे तो कई सारे तरीके हैं। इनके अंदर टोर ब्राउजर भी एक तरीका है। टोर ब्राउजर का नाम तो आपने सुना ही होगा आप उसे अपने कम्प्यूटर के अंदर डाउनलोड कर सकते हैं और उसके बाद Tor पर, आप डार्क वेब पर .onion डोमेन सहित कोई भी URL टाइप कर सकते हैं, जिस पर आप जाना चाहते हैं ।
इसके अलावा डार्क वेब पर जाने के तरीके के बारे मे आप इंटरनेट पर भी सर्च कर सकते हैं। वहां पर आपको अनेक ऐसे तरीके मिल जाएंगे जिनकी मदद से आप डार्क वेब पर पहुंच सकते हैं। हालांकि बच्चों के लिए खास तौर पर डार्क वेब नहीं हैं।
डार्क वेब को सुरक्षित रूप से कैसे एक्सेस कर सकते हैं ?
दोस्तों यदि आप डार्क वेब को एक्सेस कर रहे हैं तो आपको चाहिए कि आप सुरक्षित रूप से उसे एक्सेस करें । यदि आप बिना सुरक्षा के उसपर जाते हैं तो फिर आपको नुकसान हो सकता है।इसके लिए आप अपने कम्प्यूटर को विपिएन से कनेक्ट करें फिर टोर का उपयोग कर सकते हैं। एक वीपीएन आपकी इंटरनेट गतिविधि को छिपा देगा और किसी को भी यह जानने से रोकेगा कि आप टोर का उपयोग कर रहे हैं।
- दोस्तों सबसे पहले आपको वीपीएन का यूज करना होगा वीपीएन आप एक इस प्रकार का यूज करना होगा जोकि काफी बेहतर तरीके से काम करता है। आप इसकी मदद से अपने आईपी को आसानी से छुपा सकते हैं। जिससे किसी को पता भी नहीं चलेगा कि आप टोर ब्राउजर का उपयोग कर रहे हैं।
- टोर ब्राउजर एक फ्री ब्राउजर है जो एन्क्रिप्टेड टोर नेटवर्क के जरिए आपके ट्रैफिक को रूट करता है और आप इसको गूगल सर्च करके डाउनलोड कर सकते हैं। आपको इसको इसकी ऑरेजनल वेब से ही डाउनलोड करना होगा । यदि आप दूसरी किसी वेब से डाउनलोड करते हैं तो इससे वायरस आने के चांस रहते हैं।
- Tor Browser आपको डार्क वेब के .onion डोमेन को एक्सेस करने देगा। चूंकि डार्क वेब काफी हद तक अनियंत्रित है, इसलिए पहले कभी भी उनकी प्रामाणिकता की पुष्टि किए बिना डार्क वेबसाइटों पर न जाएं।
- यदि आपको डार्क वेब का कोई भी एक्सपिरियंस नहीं है तो डार्क वेब पर ना जाएं । और यहां पर किसी भी तरह की खरीददारी करने से बचें । यदि आपको जानकारी नहीं है तो हम आपको यही सुझाव देंगे तो आपको डार्क वेब से दूर रहना चाहिए ।
डार्क वेब टूल और सेवाएं
दोस्तों डार्क वेब पर सर्फिंग करना सरल नहीं है। डार्क वेब एक आम प्रकार की वेबसाइट के जैसे नहीं होती हैं। और यदि आप एकदम से नए हैं तो आपको यह भी पता नहीं होगा कि आपको कौनसी वेब पर जाना है ? और कौनसी वेब पर आपको नहीं जाना है ?
लेकिन कुछ टूल्स हैं जोकि आपकी इसके अंदर मदद कर सकते हैं।डार्क वेब सर्च इंजन और रेडिट जैसे कुछ फोर्म होते हैं जिनके अंदर आपको बताया जाता है कि आप किस तरह से डार्क वेब पर सर्फिंग कर सकते हैं। इस तरह से डार्क वेब पर आप आसानी से काफी कुछ बेहतर कर सकते हैं।
डार्क वेब सर्च इंजन
डार्क वेब सर्च इंजन वह सर्च इंजन होता है जोकि खासतौर पर डार्क वेब के लिये बनाया जाता है। और इस तरह के सर्च इंजन का नाम DuckDuckGo है।
यह एक इस प्रकार का सर्च इंजन है जोकि आपकी किसी भी गतिविधि को ट्रेस नहीं करता है। Tor Browser की मदद से आप इस सर्च इंजन का प्रयोग कर सकते हैं। अन्य डार्क वेब सर्च इंजनों में नॉट एविल, टॉर्च, हेस्टैक । इसके अलावा द हिडन विकी डार्क वेब एक ऐसी लिंकों का संग्रह होता है जहां पर कई सारे लिंक होते हैं जो आपको अलग अलग स्थानों पर रिडायरेक्ट कर सकते हैं।
डार्क वेबसाइट कैसी होती हैं ?
दोस्तों डार्क वेब जो होती है वह वह देखने मे एक आम वेबसाइट की तरह नहीं दिखती है और उसके अंदर आम वेबसाइट की तरह चमकिली चीजें नहीं होती हैं। और यह सिर्फ विशेष ब्राउजर की मदद से ही पढ़ी जा सकती हैं। कुछ के अंदर तो url जैसा कुछ भी नहीं होता है तो आप इनके बारे मे अच्छे से समझ सकते हैं । इस तरह से दोस्तों यदि आप डार्क वेब के अंदर रूचि रखते हैं तो आपको इसका उपयोग करने से पहले साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए जैसे कि एक सतही डार्क वेब पर आपको लिंक का संग्रह मिल सकता है। लेकिन यह पता नहीं होता है कि यह लिंक कहां पर जाएंगी ।
डार्क वेब का इतिहास
दोस्तों डार्क वेब का इतिहास अधिक पुराना नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि डार्क वेब जो है वह 2000 में फ़्रीनेट की रिलीज़ को अक्सर डार्क वेब की शुरुआत माना जाता है।स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के छात्र इयान क्लार्क की थीसिस के अंदर इस प्रकार की वेब के बारे मे उल्लेख किया गया था जिसके अंदर डार्क वेब जैसी गुमनाम वेब का निर्माण करने और फाइलों का आदान प्रदान करने के बारे मे जिक्र किया गया था।
2002 में, डार्क वेब में काफी वृद्धि हुई जब यूएस नेवल रिसर्च लेबोरेटरी द्वारा समर्थित शोधकर्ताओं ने टोर नेटवर्क का निर्माण किया गया और यह खुफिया लोग इस तरह की वेब का उपयोग करते थे । 2008 में, Tor Browser जारी किया गया, जिससे किसी के लिए भी डार्क वेब पर आना आसान हो गया।
कितना बड़ा है डार्क वेब
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि डार्क वेब के अंदर काफी सारी वेबसाइट हैं। लेकिन उनमे से अधिकतर वेबसाइट सक्रिय नहीं हैं।डार्क वेब डोमेन असंगत होते हैं – नए पॉप अप होते हैं और अन्य गायब हो जाते हैं, जो समझ में आता है क्योंकि इनमें से कुछ साइटें संदिग्ध या अवैध सामान और सेवाओं की पेशकश कर सकती हैं।
वैसे आपको बतादें कि 85 फीसदी डार्क वेब अंग्रेजी के अंदर हैं बाकि रूसी और जर्मन दूसरी भाषाओं के अंदर डार्क वेब मौजूद हैं। एक अनुमान के अनुसार 55 हजार डार्क वेब हैं जिनके अंदर टोर यूजर 20 लाख हो सकते हैं। लेकिन इनका सटीक अनुमान पता नहीं है।
डार्क वेब पर होता क्या है ?
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि डार्क वेब छुपी हुई होती है तो उनको इसलिए ही छुपाया जाता है क्योंकि वहां पर अपराधिक काम होते हैं। और ड्रग्स वैगरह के धंधे वहां पर हो सकते हैं। यह सब सामने ना आ जाए इसलिए ही तो इन सबको छुपाया जाता है।
इस तरह की जो अवैध काम होते हैं वे डार्क वेब की मदद से होते हैं। जैसे कि मानव अंगों की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध होता है लेकिन एक डार्क वेब पर यह भी हो सकता है। और किसी को यह पता नहीं चल पाता है कि डार्क वेब पर यह हो क्या रहा है ?
क्योंकि हम मेसे बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जोकि कभी भी डार्क वेब पर जाते ही नहीं हैं तो उनको इसके बारे मे कुछ भी पता नहीं चल पाता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
जी हां, डार्क वेब का इस्तेमाल कई अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है। डार्कनेट मार्केटप्लेस में अवैध ड्रग्स, मैलवेयर और प्रतिबंधित सामग्री खरीदना और बेचना संभव है । और कुछ डार्क वेब पर खतरनाक कैमिकल और हथियारों को भी बेचा जाता है।
सॉफ़्टवेयर भी यहां पर इस प्रकार के बेचे जाते हैं जोकि किसी भी दूसरे कम्प्यूटर को संक्रमित कर सकते हैं और उसके बाद उसका डेटा चोरी कर सकते हैं। एक आम वेब पर इस प्रकार की चीजों को बेचना संभव नहीं है।सबसे प्रसिद्ध डार्क वेब मार्केटप्लेस सिल्क रोड था , जिसे 2011 में लॉन्च किया गया था और अनिवार्य रूप से अवैध दवाओं के लिए अमेज़ॅन जैसे बाजार के रूप में कार्य करता था।
और उसके बाद सन 2013 के अंदर इसको एबिआई ने बंद करवा दिया था और इसको बनाने वालों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।
इस वेब पर इस तरह के सामान बेचे जाते हैं जिसकी मदद से हैकर्स ईमेल खातों, सोशल मीडिया प्रोफाइल, या अन्य जानकारी तक पहुंच बेचते हैं जिनका उपयोग पहचान की चोरी के लिए किया जा सकता है ।
डार्क वेब पर क्या क्या बिकता है ?
दोस्तों डार्क वेब पर वे सारी चीजें बिकती हैं जोकि गैर कानूनी होती हैं। जैसे कि कोई किसी का ईमेल हैक कर लेता है तो उसके बाद वह उसे डार्क वेब पर बेच देता है। और उसके बदले कुछ पैसा वसूल कर लेता है। इतना ही नहीं यहां पर और भी बहुत सारी चीजों कि बिक्री होती है।
डार्क वेब पर आइटम | डार्क वेब कीमत |
पिन के साथ क्लोन किया हुआ वीज़ा या मास्टरकार्ड | $25 |
ऑनलाइन बैंकिंग लॉगिन चोरी, $2,000 की न्यूनतम शेष राशि | $120 |
हैक किया गया कॉइनबेस खाता (सत्यापित) | $610 |
हैक किया गया फेसबुक अकाउंट | $65 |
जाली यूरोपीय संघ का पासपोर्ट | $4,000 |
Android मैलवेयर, 1,000 उदाहरण | $900 |
दोस्तों यदि आपका डेटा चोरी हो जाता है तो डार्क वेब पर इसको उपलब्ध करवा दिया जाता है और सबसे बड़ी बात यह है कि यहां से इस डेटा को हटाना बहुत ही कठिन होता है। जैसे कि हम इंडिया के अंदर हैं और हमारे एटिएम का पासवर्ड चोरी हो जाता है तो फिर हम इसाको डार्क वेब से नहीं हटा सकते हैं। हम सिर्फ इतना कर सकते हैं कि डार्क वेब पर सैल किये जाने वाले कार्ड को ब्लॉक कर सकते हैं। इसके अलावा आपकी जानकारी के लिए बतादें कि डार्क वेब पर सैल हो जाने के बाद हो सकता है कि आपके कार्ड का कोई उपयोग करले तो इस तरह के कार्ड को जल्दी से जल्दी ब्लॉक करना जरूरी हो जाता है।
क्या डार्क वेब खतरनाक है?
दोस्तों डार्कवेब पर जाना काफी खतरनाक हो सकता है। दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादें कि यदि कोई डार्क वेब का जानकार है तो वह आसानी से डार्क वेब को एक्सेस कर सकता है। लेकिन यदि डार्क वेब के बारे मे आप कोई भी जानकारी नहीं रखते हैं तो आपके लिए डार्क वेब पर जाना खतरे से खाली नहीं होता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। खैर डार्क वेब पर कई तरह के मैलवेयर हो सकते हैं जोकि आपके कम्प्यूटर के अंदर इंस्टॉल हो सकते हैं और आपको काफी भयंकर नुकसान पहुंचा सकते हैं। तो यह एक तरह से देखा जाए तो एक डेंजर सौदा है।
advantages of dark web
दोस्तों ऐसा नहीं है कि डार्क वेब सिर्फ गलत काम करने वालों के लिए बनाया जाता है। आपको बतादें कि डार्क वेब सही कार्य के लिए भी होता है। और इसके कुछ फायदे भी होते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि डार्क वेब के क्या क्या फायदे हो सकते हैं ? इसके उपर हम चर्चा करने का प्रयास करते हैं तो आइए जानते हैं डार्क वेब के फायदों के बारे मे पूरे विस्तार से ।
संवेदनशील जानकारी डार्क वेब से भेज सकते हैं
दोस्तों कुछ जानकारी ऐसी होती हैं जिनको हम जीमेल से भी लीक होने के बारे मे सोचेंगे । क्योंकि जीमेल अमेरिका की कंपनी है और हमको ट्रेस कर सकती है। इसके लिए हम एक खास प्रकार की डार्क वेब को विकसित करेंगे जोकि सिर्फ खास प्रकार की सूचना को आदान प्रदान करने के लिए डार्क वेब की मदद लेगा । और उसकी मदद से सिर्फ खास लोगों तक ही सूचना को पहुंचाया जा सकता है। वहां पर कोई भी सर्च इंजन नहीं पहुंच सकता है। जैसे कि किसी देश के अंदर हमले का आदेश और उससे जुड़े डेटा को सांझा करने के लिए डार्क वेब का उपयोग किया जा सकता है जो बस किसी खा उदेश्य के लिए विकसित की गई हैं।
डार्क वेब के फायदे प्राइवेसी
दोस्तों यदि आपके पास कुछ ऐसी सूचना है जोकि आप नहीं चाहते हैं कि किसी के हाथ लगे तो आप एक डार्क वेब की मदद से उस सूचना को छिपा सकते हैं। और एक तरह से देखा जाए तो डार्क वेब आपकी प्राइवेसी को बढ़ाने का काम करता है। यदि आप डार्क वेब से सूचना को छिपा देते हैं तो वह इंटरनेट की दुनिया के अंदर तो रहती है। लेकिन उसे एक्सेस करने के बारे मे किसी को कुछ पता नहीं होता है। इन सब चीजों के लिए आप डार्क वेब का उपयोग कर सकते हैं जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है।
अपराधियों के लिए डार्कवेब वरदान
दोस्तों यदि कोई अपराधी है तो उसके लिए डार्क वेब किसी वरदान से कम नहीं है। कारण यह है कि वे यहां पर चोरी की गई चीजों को बहुत ही आसानी से बेच सकते हैं। और इसके बदले मे काफी पैसा कमा सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी को नुकसान पहुंचाने वाले वायरस चाहिए तो उसको भी डार्क वेब की मदद से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा हैक किये गए कम्प्यूटरों के मालिक से पैसा को वसूल करने के लिए डार्क वेब की मदद ली जाती है। इस तरह से दोस्तों डार्क वेब अपराधियों के लिए काफी मददगार होती है।
पुलिस अधिकारियों के लिए संवाद का एक तरीका
दोस्तों डार्क वेब पुलिस अधिकारियों के संवाद का एक तरीका हो सकता है। कि ऑपरेशन को करने के लिए डार्क वेब की मदद ली जा सकती है। आमतौर पर पुलिस को गुप्त संवाद करने की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति के अंदर डार्क वेब काफी मददगार साबित हो सकती है क्योंकि इसके उपर जो कुछ भी सूचनाएं भेजी जाती हैं या प्राप्त की जाती हैं। उनके अंदर किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होती है। ऐसी स्थिति के अंदर डार्कवेब काफी उपयोगी साबित हो सकती है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। आपको पता होना चाहिए ।
डार्क वेब के नुकसान
दोस्तों डार्क वेब के नुकसान की यदि हम बात करें तो इसकी मदद से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। और खास कर हम जैसे लोगों के लिए डार्क वेब काफी नुकसान लेकर आती है तो आइए चर्चा करते हैं कि डार्क वेब से क्या क्या नुकसान हो सकता है ?
डार्क वेब के नुकसान आपके कम्प्यूटर मे वायरस आने का खतरा
दोस्तों डार्क वेब पर यदि आप जाते हैं वह भी बिना किसी सुरक्षा के तो फिर आपके कम्प्यूटर के अंदर वायरस आने का खतरा बना रहता है। यहां पर कहां पर क्या मिल जाए इसकी कोई गारंटी नहीं होती है। और यदि आपके कम्प्यूटर के अंदर वायरस घुस जाता है तो फिर इसके क्या नुकसान हो सकते हैं ? इसके बारे मे आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यह वायरस आपके कम्प्यूटर को लॉक कर सकता है और आपसे फिरौती की मांग कर सकता है। इतना ही नहीं इसके अलावा आपके डेटा को चोरी करके किसी दूसरे सर्वर पर भी भेज सकता है।
वहां पर आपके डेटा को किसी दूसरी पाटी के साथ सैल किया जा सकता है। तो आप यदि बिना किसी सुरक्षा के डार्क वेब पर जाते हैं तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए । और सही तरीके से डार्क वेब आप उपयोग करना चाहिए ।
डार्क वेब पर कई तरह के मैलवेयर हो सकते हैंजो आपके कम्प्यूटर को पूरी तरह से डेमेज भी कर सकते हैं तो आपको इन सब बातों के बारे मे अच्छे तरीके से पता करने के बाद ही डार्क वेब का उपयोग करना चाहिए ।और यदि आप डार्क वेब के बारे मे अनजान है तो फिर आपको इस तरह की वेब पर जाना ही नहीं चाहिए क्योंकि आप किसी ना किसी तरह से अपना नुकसान करवा सकते हैं।
नीजी जानकारी लीक होने का खतरा
दोस्तों यदि आप डार्क वेब पर जाते हैं तो आपकी नीजी जानकारी लीक होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसका मतलब यह है कि हो सकता है कि ऐसी वैसी लिंक पर क्लि्क करने से आपके कम्प्यूटर के अंदर वायरस आ सकता है। और यह वायरस आपके सिस्टम पर कंट्रोल कर सकता है। इस तरह से दोस्तों यदि आप डार्क वेब के संपर्क मे आते हैं तो आपकी नीजी जानकारी लीक हो सकती है। तो आपको इसके बारे मे सावधान रहने की जरूरत है।
आपके अकाउंट को हैक करके डार्क वेब पर बेचा जाता है
दोस्तों जैसा कि आपको पता होगा कि यहां पर कई तरह के अकाउंट को हैक करके बेच दिया जाता है।जैसे कि किसी के जीमेल को हैकरों ने उड़ा लिया तो उसके बाद वे हैकर उसे किसी डार्क वेब पर बेच देते हैं। इस तरह से बहुत सारे गूगल एडसेन के अकाउंट भी आपको डार्क वेब पर बिकते हुए मिल जाएंगे । इस तरह से दोस्तों आप समझ सकते हैं कि डार्क वेब के नुकसान क्या हैं ? यह हमने छोटा सा प्रयास किया है जिसकी मदद से हमने जानने की कोशिश की है कि क्या डार्क वेब के नुकसान हो सकते हैं ? और इसके फायदे क्या क्या हो सकते हैं।
डार्कनेट बाजार
दोस्तों डार्कनेट बाजार एक ऐसा स्थान होता है जहां पर कई सारी चीजों को बेचा जाता है एक तरह से देखा जाए तो यह एक गैर कानूनी धंधा होता है।बिटकॉइन के अंदर यहां पर चीजों की खरीददारी होती है। सिल्क रोड एक समय मे डार्क नेट का मार्केटप्लेस था। यह सन 2011 की बात है। हालांकि मार्केट कभी भी बंद हो सकता है। क्योंकि यह पूरी तरह से लिंगल नहीं होते हैं। जिनको कभी भी बंद किया जा सकता है।2020 तक, कम से कम 38 सक्रिय डार्क वेब मार्केट प्लेस हो चुके हैं। और यदि कोई मार्केट बंद हो जाता है तो दूसरे इनके स्थान पर लांच हो जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर चीजें काफी कम कीमतों पर मिलती हैं। जैसे हथियारों की सप्लाई आदि की जाती है।
श्रेणी | % का कुल | सक्रिय का% |
हिंसा | 0.3 | 0.6 |
हथियारों | 0.8 | 1.5 |
अवैध सामाजिक | 1.2 | 2.4 |
हैकिंग | 1.8 | 3.5 |
अवैध संबंध | 2.3 | 4.3 |
अवैध अश्लीलता | 2.3 | 4.5 |
उग्रवाद | 2.7 | 5.1 |
अवैध अन्य | 3.8 | 7.3 |
अवैध वित्त | 6.3 | 12 |
गैरकानूनी ड्रxxग्स | 8.1 | 15.5 |
गैर-अवैध+अज्ञात | 22.6 | 43.2 |
अवैध कुल | 29.7 | 56.8 |
बिटकॉइन सेवाएं
बिटकॉइन सेवाएं का उपयोग डार्कनेट के अंदर किया जाता है। इसका कारण यह है कि बिटकॉइन के बारे मे कुछ भी पता नहीं चल पाता है। यह एक करेप्टोकरैंसी है। जिसकी मदद से यदि आप ऑनलाइन डार्के नेट से कुछ भी खरीदते हैं तो आप अपनी पहचान को आसानी से छुपा सकते हैं।डीडीओएस “4” जैसे साइबर अपराधी समूहों ने 2014 में बिटकॉइन के उद्भव के बाद से कंपनियों पर 140 से अधिक साइबर हमले किए हैं। इन हमलों ने अन्य साइबर आपराधिक समूहों के गठन के साथ-साथ साइबर जबरन वसूली भी की है।
और इस साइटों से खरीदारी करने के लिए बिटकॉइन को विशेष प्रकार की मुद्रा के अंदर बदल दिया जाता था । और इसके लिए डिजिटल मुद्रा एक्सचेंजर सेवा का प्रयोग किया जाता था।
हैकिंग समूह और सेवाएं
दोस्तों आपको यह जानकार हैरानी हो सकती है कि डार्क वेब पर आपको कई तरह की हैकिंग सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यदि आप किसी के कम्प्यूटर पर वायरस भेजना चाहते हैं तो वह इनकी मदद से हो सकता है।ऐसे समूहों में xDedic , hackforum, Trojanforge, Mazafaka , Dark0de और TheRealDeal डार्कनेट मार्केट शामिल हैं।
यह यूजर को ट्रेक करने की सुविधा प्रदान करते हैं आप इस बात को अच्छी तरह से समझ ही सकते हैं। कि यह किस तरह से काम करते हैं। इसके अलावा भुगतान के बाद आप एक वायरस से संक्रमित फाइल को भी डाउनलोड कर सकते हैं।
वित्त पोषण और धोखाधड़ी
Zebryx Consulting के अध्यक्ष और संस्थापक स्कॉट ड्यूवेके का कहना है कि अधिकांश अवैध कार्यों के पीछे रूसी इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा जैसे WebMoney और Perfect Money का हाथ है।और इन्होंने डार्क वेब की जानकारी के लिए सन 2010 के अंदर 50 लाख डॉलर का निवेश प्राप्त किया था। कार्डिंग फोरम , पेपाल और बिटकॉइन ट्रेडिंग वेबसाइट के साथ-साथ धोखाधड़ी और जालसाजी होती है। और यूजर से पैसा भी ऐंठा जाता है। यह सब डार्के वेब नेटवर्क की मदद से ही होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
अवैध अश्लीलता
अवैध अश्लीलता वैसे तो दुनिया के हर देश के अंदर अवैधी होती है। लेकिन डार्क वेब के अंदर यह सबसे अधिक प्रयोग होती है। इसके बारे मे आपको पता होंना चाहिए ।और इन वेब पर लगभग 80 फीसदी ट्रेफिक आता है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बतादें कि कई देशों की सरकारें इसके खिलाफ कार्यवाही करती है।इस संबध मे कई तरह के चाइल्ड नेटवर्क को हटा दिया गया है। और कई लोग जो इस तरह की वेब को चला रहे थे उनको पकड़ कर कोर्ट ने सजा दी है। आपको बतादें कि भारत के अंदर भी चाइल्ड पो र्ना को प्रकाशित करना अपराध माना जाता है। लेकिन डार्क वेब के अंदर यह सबसे कॉमन होता है। और कई इस तरह की वेब पर 4 लाख से अधिक लोग इनके सदस्य भी देखने को मिलें हैं।
आतंक
आतंक के मामले मे डार्क वेब का सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। क्योंकि इसका किसी को पता नहीं होता है। जैसे कि डार्क वेब की मदद से आंतकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती है और उनको बम बनाना वैगरह सिखाया जाता है। डार्क वेब आतंकवादी प्रचार, सूचना का मार्गदर्शन करने और सबसे महत्वपूर्ण, फंडिंग के लिए एक मंच बन गया। बिटकॉइन की शुरुआत के साथ, एक गुमनाम लेनदेन बनाया गया, जो गुमनाम दान और धन के लिए अनुमति देता है।
बिटकॉइन का यह आतंकवादी यूज करते हैं और उसके बाद उसकी मदद से धन जुटाने का काम करते हैं। इसके अलावा यह लोग इस तरह के धन की मदद से हथियार को खरीद सकते हैं कुल मिलाकर यह काम आतंकवादियों के लिए साइटें काफी आसान कर देती हैं।
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