कढ़ी पत्ते का पेड़ कैसा होता है ? कढ़ी पत्ते का पेड़ कैसे लगाएं ,करी के पत्ते के उपयोग ,कढ़ी पत्ते का पौधा कैसे लगाएं के बारे मे हम इस लेख मे जानकारी हाशिल करेंगे । कढ़ी पत्ते का पेड़ या करी के पत्ते के पेड़ का वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी होता है।उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के अंदर यह पाया जाता है और रूतासी परिवार का पौधा है।इस पौधे के पत्तों को सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। इन पत्तों को ही कढी के पत्ते कहा जाता है।काला नीम या मीठा नीम भी इसी को कहा जाता है।देखने मे यह नीम के पेड़ जैसा ही होता है। इस वजह से इसको मीठा नीम कहा जाता है।
बुन्देलखंड के अंदर कढ़ी या करी का पता करी व्यंजन को बनाने मे प्रयोग होता है।दक्षिण भारत के अंदर भी इस पत्ते का प्रयोग व्यंजन बनाने मे होता है।कढ़ी पत्ते की पतियां अधिक दिन तक फ्रीज के अंदर भी सुरक्षित नहीं रखी जा सकती हैं। हालांकि ताजा पत्ते मे खुशबू आती है। पर सूखे पत्ते मे नहीं आती है। इसके सूखे पत्ते आसानी से मिल जाते हैं।सुगंधित पत्तियां, जो सूखने के बाद भी अपने स्वाद और अन्य गुणों को बरकरार रखती हैं, स्वाद में थोड़ी कड़वी, तीखी, ठंडी, कमजोर अम्लीय होती हैं और टॉनिक, कृमिनाशक, एनाल्जेसिक, पाचन, भूख बढ़ाने वाली और स्वादिष्ट बनाने के लिए भारतीय रसोई में व्यापक रूप से उपयोग की जाती हैं
यह भारत के प्रायद्दीपीय क्षेत्र के सदाबहार और पर्णपाती जंगलो में पाया जाता है।और इस पौधे से एक विशिष्ट प्रकार की गंध निकलती है।इसका प्रयोग मसालों के रूप मे होता है। और इसकी खेती भी होती है।
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करी पत्ते का पौधा कैसे लगाएं kari patta ka podha kaise lagaye
करी पत्ते का पौधा को आप अपने घर के अंदर लगा सकते हैं।बहुत से लोग इसको अपने बगीचे के अंदर लगा कर रखते हैं। आप भी इसको बगीचे के अंदर लगा सकते हैं। इसको लगाना बहुत ही आसान होता है। नीचे दिये गए तरीके को फोलो कर आप इस पौधे को लगा सकते हैं।
कढ़ी के पौधे के लिए जलवायु
- उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु इस पौधे के लिए सबसे अच्छी होती है।
- ऐसी जगह पर पौधे को लगाना चाहिए जहां पर सूर्य की रोशनी अच्छी तरह से पड़ती हो ।
- इस पौधे को 1000 मीटर की उंचाई पर भी लगाया जा सकता है।
कढ़ी के पत्ते के लिए भूमी
- यदि आप बड़ी मात्रा मे उगा रहे हैं तो आपके पास छिद्रयुक्त मिट्टी होनी चाहिए ।
- इस मिट्टी की पानी को सोखने की क्षमता होनी चाहिए ।
- मिट्टी को हल जोत कर या गोबर की खाद आदि को मिलकार अच्छी तरह से तैयार कर लेनी चाहिए ।
पौधे को उगाना
- कढ़ी के पत्तों के बीज होते हैं। उसकी मदद से इसको आसानी से उगाया जा सकता है।
- रोपाई से पहले बीज के गुदे को अलग कर दिया जाना चाहिए ताकि पौधा अच्छी तरह से अंकुरित हो सके ।
- बीजों को थोड़ी गहराई पर लगाना चाहिए ।
पौधे के लिए खाद और सिंचाई
वैसे तो इस पौधे को उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन सप्ताह मे एक बार आप इसे उर्वरक दे सकते हैं।और गर्मी के दिनों मे आपको अच्छी सिंचाई करनी होगी लेकिन सर्दी मे हल्की सिंचाई से भी काम चल जाएगा ।
घासपात को काटना
यदि आपने पौधे को उगा दिया है तो उसके आस पास पालतू का घास भी अपने आप उग आता है। यह पौधे को नुकसान पहुंचाता है तो उसे हटाना होता है। इसके लिए आप हसिये का प्रयोग कर सकते हैं या इस घास को हाथ से भी आप उखाड़ सकते हैं। पौधे के पास की मिट्टी को भुरभुरा भी करना होता है।साल के अंदर कम से कम 1 से 2 बार पौधे के आस पास घास को जरूर काटें। इससे आपका पौधा स्वस्थ रहेगा । हालांकि अधिक बड़े पौधे के लिए यह आवश्यक नहीं है।
करी के पत्ते की तुड़ाई
करी के पौधे को नहीं तोड़ा जाता है। वरन इसके पत्ते को तोड़ा जाता है। करी के पत्तों को हाथ से ही तोड़ा जाता है। और उसके बाद इनको एक टोकरी के अंदर एक त्रित कर लिया जाता है। हालांकि घर के अंदर जो करी के पौधे होते हैं उनके कुछ पत्ते तोड़कर व्यंजनों के अंदर डाला जाता है। बहुत से लोग इस पौधे को केवल व्यंजनों के अंदर सुगंध को बढ़ाने के लिए अपने घर के अंदर लगाकर रखते हैं।
करी या कढ़ी पतियों को तैयार करना
एक बार करी पतियों को तोड़कर किसी टोकरी के अंदर एकत्रित कर लिया जाता है।उसके बाद किसी छाया दार स्थान पर किसी कपड़े को बिछाकर उसके उपर पतियों को सूखाया जाता है।
उसके बाद जब पतियां सूख जाती है तो इनको पॉलिथीन की थैलियों के अंदर पैक कर दिया जाता है।
कढ़ी पतियों का भंडारण सही तरीके से करें
कढ़ी पतियों का भंडारण सही तरीके से करना होगा ।इन पतियों को भंडारण करने के लिए शुष्क स्थान को चुना जाना चाहिए । बड़े गोदाम भंडारण के लिए आदर्श होते हैं।
किसान अपने उत्पाद को बैलगाड़ी या ट्रेक्टर की मदद से मार्केट मे पहुंचाता है।फसल को डालते निकालते समय नुकसान होने से बचाने के लिए पैकिंग को सही तरीके से किया जाना चाहिए ।
कढ़ी का पेड़ कैसा होता है ?
- यह पौधा एक फैलने वाली झाड़ी की तरह होता है।
- पौधे के तने गहरे हरे रंग से लेकर भूरे रंग के होते हैं।
- पौधे के तने की परिधि 16 सेमी तक होती है।
- पौधे की पतियां 30 सेमी तक लंबी होती हैं।
- पत्रक भाले के आकार के लगभग 4.9 से.मी. लंबे, लगभग 1.8 से.मी. चौड़े और लगभग 0.5 से.मी. लंबाई के डंठल के साथ होते हैं।
- फूल कीप के आकार के और सफेद व मीठी सुगंध वाले होते हैं।
- एक पूरी तरह से खिले हुए फूल का व्यास लगभग 1.12 से.मी. होता है
- पौधे के फूल अप्रेल के मध्य मे आते हैं।
- इसके फल चमकीले काले रंग के होते हैं।
- बीज 11 मिमी लंबे और 8 मिमी व्यास के होते है।
- फल में एक बीज होता है जो 11 मिमी लंबा 8 मिमी व्यास का होता है।
- यह पौधा लगभग 2.5 मीटर ऊँचाई तक जाता है।
कढ़ी के पत्तों का उपयोग
वैसे तो करी के पत्तों का सबसे अधिक प्रयोग मसालों के अंदर किया जाता है लेकिन इसके अलावा भी इसके बहुत सारे उपयोग होते हैं। कई तरह की दवाओं को बनाने मे इसका प्रयोग होता है। आइए जानते हैं कढ़ी के पत्तों का उपयोग के बारे मे ।
कढ़ी के पत्तों का उपयोग वजन घटाने मे
आजकल बहुत से लोग ऐसे हैं जिनको बहुत अधिक वजन की समस्या है।और वजन को कम करने के लिए वे कई उपाय आजमाते हैं। वजन को कम करने के लिए कढ़ी का पत्ता कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। और इसके अंदर डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन जैसे तत्व पाये जाते हैं।
मुरैना कोनिगि के पत्तों के डाइक्लोरोमेथेन (एमकेडी) और एथिल एसीटेट (एमकेई) के अर्क ने शरीर के वजन में वृद्धि, प्लाज्मा कुल कोलेस्ट्रॉल (टीसी) और ट्राइग्लिसराइड (टीजी) के स्तर को काफी कम कर दिया है । इस प्रयोग को चूहों के उपर किया गया था। चूहे को जब यह दिया गया तो उनके वजन मे कमी को दर्ज किया गया था।
कढ़ी के पत्तों का उपयोग बालों के लिए
कढ़ी के पत्तों के के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं ।इन पत्तों का तेल निकाला जाता है। और तेल को बालो मे लगाने से बालों की जड़े मजबूत होती हैं व उनके उचित विकास के अंदर मदद मिलती है।यदि आप अपने बालों को मजबूत बनाना चाहते हैं तो कढ़ी के पत्तों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। मार्केट के अंदर यह आसानी से मिल जाता है।प्रयोग करके देख सकते हैं। हालांकि यह कुछ लोगों को अच्छा परिणाम नहीं देता है।
त्वचा के लिए कढ़ी के पत्तों का उपयोग
कढ़ी के पत्ते के तेल का प्रयोग त्वचा के रोगों को दूर करने मे भी किया जाता है।यह त्वचा के संक्रमण को दूर करता है। इसके अंदर बैक्टीरियल इन्फेंक्सन को दूर करने का गुण होता है।इस पौधे की पतियों का पेस्ट बनाकर उपयोग मे लिया जाता है।
संक्रमण से बचाते हैं कढ़ी के पत्ते
कढ़ी के पत्तों के खाने से संक्रमण का खतरा कम होता है।इन पत्तों के अंदर एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण पाये जाते हैं जो बैक्टिरिया को नष्ट कर देते हैं।यदि आप इनका सेवन व्यंजनों के साथ करते हैं तो संक्रमण होने का खतरा कम रहता है। रिसर्च के अंदर यह बात प्रमाणित हो चुकी है।
कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं करी के पत्ते
शरीर के अंदर कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना अच्छा नहीं होता है।यह ह्रदय रोगों को बढ़ाने का कार्य करता है।कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार का होता है। एक लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन और दूसरा एचडीएल होता है। लो डेन्सिटी लिपोप्रोटीन को खराब माना जाता है।
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा होने की वजह से रक्त का प्रवाह सूचारू रूप से नहीं हो पाता है।कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए करी के पत्तों का योगदान भी साबित हुआ है।कढ़ी के पत्ते के अंदर कढ़ी पत्ते में विटामिन सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेट्री गुण मौजूद होते हैं।
हर्ट के इलाज मे उपयोग
करी का पत्ता हर्ट के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।करी का पत्ता कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है जिससे हर्ट की बीमारियां नहीं होती हैं।यदि आप चाहते हैं कि आपको हर्ट की समस्याएं ना आए तो कढ़ी के पत्ते का सेवन करें । यह आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगा ।
मीठे नीम का उपयोग एनिमिया के उपचार मे
खून की कमी को एनिमिया कहा जाता है।हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन होता है जो खून की मात्रा को बताता है।लेकिन यदि खून की कमी हो जाती है तो इसका उपचार आवश्यक है। कढ़ी का पत्ता खून को बढ़ाने का कार्य करता है। यदि किसी को कम यूनिट खून है तो वह खाने के अंदर कढ़ी के पत्ते का इस्तेमाल कर सकता है।
डायबिटीज मे कढ़ी पत्तों का प्रयोग
हाई ब्लड शुगर लेवल को डायबिटीज़ के नाम से जाना जाता है। यदि समय पर इसकी जांच नहीं होती है या ध्यान नहीं दिया जाता है तो आंखों की समस्याएं होती हैं। साथ ही ब्रेन स्ट्रोक और नर्व सिस्टम को गम्भीर नुकसान हो सकता है।कढ़ी के पत्तों के अंदर डायबिटिज को कम करने के गुण होते हैं। यदि किसी को अधिक शुगर होने की समस्या है तो उसे कढ़ी के पत्तों को अपने भोजन के अंदर शामिल करना चाहिए । यह शर्करा के स्तर को कम करता है।
लिवर के लिए कढ़ी के पत्ते काफी उपयोगी होते हैं
टैनिन और कारबाजोले एल्कलॉइड जैसे तत्व कढ़ी के पत्ते के अंदर होते हैं जो आपके लिवर को अच्छा बनाते हैं। यदि किसी को लिवर की समस्या है तो कढ़ी के पत्ते उपयोगी हो सकते हैं।हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी समस्याओं को कम करने के लिए कढ़ी के पत्ते बहुत उपयोगी साबित होते हैं।
कढ़ी के पत्तों का उपयोग डायरिया से बचाने मे
डायरिया को दस्त भी कहा जाता है।यह एक ऐसी स्थिति है जिसके अंदर आंत से सामान्य से अधिक मल पास होता है। इसको पेट का फलू भी कहा जाता है।माइक्रोबियल संक्रमण या फिर पेट की आंत के अंदर सूजन की वजह से यह समस्या होती है।कार्बाजोले एल्कलॉइड्स नामक एक विशेष पदार्थ कढ़ी के पत्तों के अंदर पाया जाता है जो पेट की दस्त को रोकने का कार्य करता है। यदि किसी को दस्त की समस्या है तो कढ़ी पत्ते का सेवन किया जा सकता है।
वैसे भी दस्त को रोकना बेहद ही जरूरी होता है।यदि सामान्य दस्त की समस्या है तो वह 2 से 4 दिन के अंदर ठीक हो जाती है। लेकिन यदि गम्भीर दस्त की समस्या है तो जीवन को भी खतरा हो सकता है।
कढ़ी के पत्तों का प्रयोग खाने मे
- भोजन पकाते समय करी के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। यह दाल ,चावल ,सांभर के अंदर स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग मे लिया जाता है।
- आप चटनी के अंदर स्वाद बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग कर सकते हैं।
- करी के पत्तों का जूस भी निकाल कर पिया जाता है। हालांकि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए ।
बालों के लिए उपयोग
- बालों के लिए करी के पत्तों का कई तरीकों से प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए करी के पत्तों को उबाल कर उससे बालों को धो सकते हैं।
- नारियल के तेल के साथ इस का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि कुछ लोग करी के पत्तों का पेस्ट का भी इस्तेमाल करते हैं।
करी के पत्तों के उपयोग की समस्याएं
करी के पत्तों का वैसे तो कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन कुछ समस्याएं हो सकती हैं।जिनके बारे मे हम यहां पर चर्चा करना जरूरी समझते हैं।
- जैसे कुछ लोगों को एलर्जी की समस्याएं हो सकती हैं।
- यदि कोई महिला गर्भवति महिला है तो उसको करी के पत्तों का प्रयोग नहीं करना चाहिए । यदि प्रयोग करती भी हैं तो इसके लिए पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ही जरूरी होता है।
- यदि आपके उपर यह सूट नहीं करता है तो आपके बालो को भी यह झाड़ सकता है।
कढ़ी पत्ते का तेल कैसे बनाए
करी के पत्ते बालों के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं। यह कई प्रकार से बालों को लाभप्रदान करते हैं। यह बालों की कई समस्याएं दूर करते हैं। करी के तेल को बनाने का सरल तरीका हम यहां पर बता रहे हैं।
करी के पत्ते के अंदर कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो बालों को जरूरी पेाषण देते हैं।प्रदूषण युक्त तेल बालों के लिए हानिकारक होता है। और यह आपके बालों को सफेद कर सकता है इसके अलावा कई समस्याएं पैदा कर सकता है।
करी पत्ते का तेल बनाने का बहुत ही सरल तरीका यह है कि कुछ करी के पत्ते लें और इनको सूखा लें । जब यह कड़े हो जाएं तो इनका पाउडर बनाएं । अब 200 एमएल नारियल तेल के अंदर चार चम्मच करी पाउडर डालें । इसके बाद तेल को 3 मिनट गर्म करें । फिर इसको छान कर रखलें । इस प्रकार से करी के पत्ते का तेल तैयार हो गया । अब आप इस तेल को किसी शीशी के अंदर डालकर रख सकते हैं।
हेयर टॉनिक भी करी के पत्तों का बनाया जा सकता है। इसके लिए करी के पत्तों को पानी के अंदर उबालें और उसके बाद जब पानी हरा हो जाए तो यह तैयार हो चुका है। इसको बोतल मे भरे और रोजाना अपने सर के बालों पर लगा सकते हैं। करी के पत्तों से बने तेल को आप अपने सर पर उंगलियों से अच्छी तरह से लगाएं और उसके बाद 40 मिनट इसी प्रकार से पड़े रहने दें । उसके बाद आप सर को धो सकते हैं। इससे रूखे और बेजान बालो मे फिर से जान आ जाएगी ।
स्कैल्प संक्रमण मे करी के पत्तों का प्रयोग
स्कैल्प संक्रमण होने की वजह से बाल झड़ने लगते हैं। लेकिन करी के पत्ते के अंदर एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।जो बालों के झड़ने से रोकता है।यह त्वचा के अंदर मौजूद बैक्टिरिया को नष्ट कर देता है। और उसके बाद बालों का झड़ना बंद हो जाता है।
करी के तेल को बनाने का बहुत ही सरल तरीका है। जिसके बारे मे हम उपर आपको बता चुके हैं। एक चम्मच करी का तेल , एक चम्मच नारियल का तेल व एक चम्मच कपूर का तेल इन सभी तेलों को एक कप के अंदर डालें और उसके बाद अच्छी तरह से मिलाएं । उसके बाद अपने हाथ से सर पर लगाएं ।
30 मिनट तक इसी प्रकार से इनको लगा रहने दें । फिर आप शैंपू की मदद से सिर को धो सकते हैं।आप इसका प्रयोग महिने के अंदर 3 बार कर सकते हैं। यह आपके लिए काफी उपयोगी होगा ।
डैंड्रफ को दूर करने मे करी के पत्तों का प्रयोग
डैंड्रफ की समस्या सबसे आम है रूखी त्वचा वाला डैंड्रफ सर्दी के अंदर गर्म पानी से नहाने से हो सकता है। इसके अलावा डैंड्रफ अनुचित शैंपू का प्रयोग करने की वजह से भी होता है।
डैंड्रफ का पता लगाना बहुत ही आसान होता है।जब सिर को मसला जाता है तो उसके अंदर से सफेद पदार्थ गिरता है। उसी को डैंड्रफ कहते हैं। इसकी वजह से सिर के अंदर तेज खुजली होती है। करी के पत्ते का उपयोग डैंड्रफ को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
करी के तेल का एक चम्मच लें और कपूर का तेल ले दोनों को अच्छी तरीके से मिलाएं उसके बाद अपने हाथों से पूरे सर पर मसाज करें । ऐसा करने से डैंड्रफ दूर हो जाएगा ।इसका प्रयोग कुछ दिनो तक लगातार कर सकते हैं।
बालों को बढ़ाने के लिए करी पत्ते का उपयोग
आज कर कोई चाहता है कि उसके बाल घने और लंबे हो । इस कार्य के अंदर करी का पत्ता भी मदद कर सकता है।करी का पत्ता बालों को पोषण प्रदान करता है।
- कुछ करी के पत्ते लेने हैं। उसके बाद तीन बड़े चम्मच नारियल का तेल लेना है।
- अब उपर दी दोनो चीजों को एक कड़ाई के अंदर डालें और तब तक गर्म करे जब कालापन नहीं आ जाए ।
- अब गैस को बंद कर दें
- इसको ठंडा हो जाने दें ।
- अब आप इसको अपने बालों को लगा सकते हैं। और बालों की जड़ों के अंदर इसकी अच्छी तरह से मालिस करें।
- 30 मिनट बाद अपने बालों को धो लें ।
- यह करी का तेल बालों को उचित विकास प्रदान करता है और उनको मजबूत बनाता है।
बालों को लंबा करने के लिए करी पत्ते का उपयोग
करी पत्ते का उपयोग बालों को लंबा बनाने के लिए भी होता है।करी के पत्ते मे अच्छी प्रोटीन होती है। मरास्मस जैसे रोग प्रोटीन की कमी की वजह से होते हैं। यदि आप बालों को लंबा करना चाहते हैं तो करी के पत्ते को ट्राई कर सकते हैं। करी के पत्ते कमजोर बालों को पोषण प्रदान करते हैं। इससे बालों की जड़े काफी मजबूत होती हैं और इससे बालों का झड़ना अपने आप ही बंद हो जाता है।
- बालों पर लगाने के लिए कुछ करी के पत्ते लें और 3 बड़े चम्मच दही लेना है।
- अब इन दोनों को ब्लेडर के अंदर डालकर गाढ़ा पेस्ट तैयार करलें ।
- अब इसकी अपने बालों के अंदर मालिश करें । उसके बाद 30 मिनट तक ऐसे ही रहने दें । फिर अपने सिर को धो लें ।इसका प्रयोग आप सप्ताह मे कम से कम एक बार करें ।
बालों को सफेद होने से बचाने के लिए
करी के पत्तों के अंदर कई बार के गुण पाये जाते हैं। उम्र से पहले सफेद होने वाले बालों को यह रोकता है। और यह बालों को उनका प्राकृतिक रंग फिर से दिलाता है।
बालों को सफेद होने से बचाने के लिए आप एक सरल सा देशी नुस्खा प्रयोग मे ले सकते हैं। एक चम्मच करी का तेल ले और उसके अंदर एक चम्मच नारियल का तेल मिलाएं उसके बाद इसकी बालों के अंदर मसाज करें । फिर 30 मिनट बाद अपने बालों को धो लें ।
करी के पत्ते की चाय
कुछ लोग करी के पत्ते की चाय बनाते हैं ।इसके लिए करी के पत्ते को पानी के अंदर उबालें । उसके बाद इसके अंदर एक नींबू डालें ।फिर इसको चीनी मिलकार एक सप्ताह तक रोजाना पी सकते हैं।इसकी मदद से आपको बाल काफी चमकदार बनेंगे । और घने बालों के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसके अलावा यह पाचन मे बहुत ही अच्छी है।
करी के पत्ते और दही का प्रयोग बालों को चिकना करें
बालों के अंदर दही का प्रयोग बहुत ही प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। दही के अंदर जीवाणुरोधी गुण होते हैं।यह सर की खुजली और जलन को कम कर देता है। फंगल और संक्रमण को रोक देने का कार्य करता है। इसके लिए आप थोड़ा सा दही लें और उसके बाद करी के पत्तों के साथ मिलाकर एक पेस्ट बनाएं और उसके बाद इसको अपने बालों मे लगादें ।अब 30 मिनट तक बालों को ऐसे ही रहने दें । उसके बाद बालों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए । इससे बाल अधिक चमकदार और नर्म बनते हैं। आप सप्ताह के अंदर 2 बार इसका प्रयोग कर सकते हैं।
बालों की जड़ों को मजबूत करता है
करी के पत्ते और नींबू का पेस्ट बनाकर बालों पर लगाने से यह बालों की जड़ों को मजबूत करने का कार्य करता है। विटामिन C, विटामिन B, फोलिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण नींबू के अंदर होते हैं।यह बालों की जड़ों के अंदर पहुंचते हैं और उनको मजबूत करते हैं। बालों के संक्रमण से भी यह रोकते हैं।
बालों की जड़ों को मजबूत करने के लिए
गुडहल का तेल और करी के पत्ते का पेस्ट बनाकर बालों पर लगाएं । ऐसे लगाने से बालों की जड़े मजबूत होती हैं क्योंकि इसके अंदर एमिनो ऐसिड और विटामिन सी अच्छी मात्रा मे होते हैं।यदि आप अपने बालों की जड़ों को मजबूत करना चाहते हैं तो इसका प्रयोग एक बार अवश्य ही करके देखें ।
रक्तपरिसंचरण को बढ़ाने मे उपयोग
करी के पत्ते और अदरक का प्रयोग सिर मे रक्त के संचरण को बेहतर करने का कार्य करते हैं।रक्त संचरण सही होने से पोषक तत्व बालों के पास पहुंचते हैं। इससे बाल काफी मजबूत और घने होते हैं। अदरक और करी के पत्तों का पेस्ट बनाकर बालों पर लगाएं । ऐसा करने से फायदा मिलेगा।
बंद बाल के रोम को खेलने मे उपयोग
प्याज और करी के पत्ते काफी उपयोगी होते हैं। प्याज के अंदर सल्फर की मात्रा होती है। बहुत से लोग प्याज को ऐसे ही सिर पर लगाते हैं। प्याज बाल के बंद रोम को खोलने का कार्य करता है। इसके अलावा सिर के अंदर रक्तसंचरण को बढ़ावा देने का कार्य भी यह करता है।
क्षतिग्रस्त बालों के लिए करी के पत्ते का प्रयोग
कई प्रकार के नकली और रसायन का प्रयोग करने से बालों के छिद्र बंद हो जाते हैं। बालों को उचित पोषण नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से बाल कमजोर पड़ने लग जाते हैं। और उसके बाद बालों का झड़ना शूरू हो जाता है।बालों को क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिए करी के पत्ते बहुत अधिक प्रभावी होते हैं। यह बालों की जड़ों तक पहुंच कर उनके छिद्रों को खोलते हैं। और उसके बाद बाल घने और लंबे हो जाते हैं।
करी के पत्ते से संबंधित पूछे जाने वाले कुछ सवाल
दोस्तों अब तक हमने करी के पत्ते के उपयोग और इसको लगाने के तरीके के बारे मे विस्तार से जाना उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । अब आइए इससे जुड़े सवालों पर कुछ चर्चा कर लेते हैं ?
Q1. करी के पत्ते के पौधे को कब अलग गमले मे लगाया जा सकता है ?
Ans – वैसे आपको बतादें कि करी के पौधे को लगाने के 15 से 20 दिन बाद यह पौधा निकल जाता है और 1 महिने बाद ही आप इसको दूसरी जगह पर लगा सकते हैं। पौधे को लगाने से पहले जमीन को गिला रखें और फिर पानी दें ।
Q2. करी का पत्ते का उपयोग करके मोटापे को कम कैसे किया जा सकता है ?
Ans- करी का पत्ता कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। चूहों पर किये गए रिसर्च से यह साबित हुआ है कि यह मोटापे को कम करता है। वैज्ञानिकों ने जब कुछ मोटे चूहों को इसकी खुराक दी तो उनके वजन को कम होते हुए देखा गया है।
Q3. बालों के बंद रोम को खोलने के लिए करी के पत्ते का उपयोग किस प्रकार से करें ?
Ans- करी के पत्तों को आप प्याज के साथ उपयोग मे ले सकते हैं। इसके लिए एक सरल तरीका यह है कि आप प्याज और कुछ करी के पत्तों को पीस लें और इसका पेस्ट बनाने के बाद अपने सर पर लगाएं । एक सप्ताह के अंदर एक बार इसका प्रयोग कर सकते हैं। इससे बालों के रोम खुल जाएंगे ।
Q4. कैसे पत्ता करें की करी के पत्तों का उपयोग करने से एलर्जी हो सकती है ?
Ans- कुछ लोगों को करी के पत्ते सूट नहीं करते हैं। इसका सरल तरीका यह है कि आप कुछ करी के पत्तों के पेस्ट को अपनी त्वचा पर लगाएं और उसके बाद देखें की त्वचा यदि प्रतिक्रिया नहीं दे रही है तो आप इसका यूज कर सकते हैं।
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Q5. करी के पत्ते का तेल कैसे निकालें ?
Ans- करी के पत्ते का तेल निकालना बहुत ही सरल है। बस नारियल के तेल के साथ करी के पत्तों के पाउडर को गर्म करें और उसके बाद छान लें । उपर इसकी पूरी विधि बताई गई है।
Q6. सिर के डैंड्रफ को दूर करने के लिए कढ़ी के पत्तों का प्रयोग किस प्रकार से किया जा सकता है ?
सिर के डैंड्रफ को दूर करने के लिए कढ़ी के पत्तों का आप यूज कर सकते हैं। इसका सरल तरीका यह है कि एक चम्मच करी के पत्ते का तेल लें और एक चम्मच कपूर का तेल मिलाएं और उसके बाद इसकी मालिस अपने सिर पर करें । ऐसा हर सप्ताह के अंदर दौ बार अवश्य ही करें ।