भैंस का दूध बढ़ाने का उपाय , भैंस का दूध बढ़ाने का तरीका , भैंस का दूध बढ़ाने का घरेलू नुस्खा , bhains ka doodh kaise badhay ,भैंस एक दूधारू पशु है जिसके दूध को गाय के दूध की तुलना मे अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि इसके अंदर फैट अधिक होती है।भैंस को घरों के अंदर पाला जाता है। और भैंस का दूध भी गाय के दूध की तुलना मे अधिक कीमत पर बिकता है। इसके अलावा भैंस के पाड़े का मांस भी खाया जाता है। यही वजह है कि भैंस पालना काफी फायदेमंद होता है।भैंस को आप गायों की तरह आवारा घूमते हुए नहीं देखते हैं क्योंकि यह आसानी से बिक जाती हैं। ऐसी स्थिति के अंदर भैंस को रखा जाता है। और भैंस गायों से अधिक भोजन भी करती हैं।
इसके अलावा भैंस की कीमत भी काफी अधिक उठती है।यही वजह है कि कुछ लोग भैंस रखना पंसद करते हैं। आपके घर के अंदर गाय है या भैंस नीचे कमेंट करके हमें बताएं । आप कल्पना नहीं कर सकते हैं कि एक भैंस लाखों के अंदर बिकती है।
हरियाणा के हिसार जिले के लतानी गांव के किसान सुखबीर ढांडा की मुर्राह नस्ल की एक भैंस जिसका नाम सरस्वती था को पंजाब के एक किसान पवित्र सिंह ने 51 लाख रुपये में बेचा है। और इस नस्ल को पहले एक किसान ने इसी नस्ल की भैंस को 25 लाख के अंदर बेचा था।
इस भैंस ने कुछ महीने पहले ही पंजाब के लुधियाना में डेयरी ऐंड एग्रो एक्सपो प्रतियोगिता में 33.13 किलो दूध देकर वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया था। जिसके बाद भैंस के मालिक को दो लाख रूपये देकर सम्मानित किया गया था।
सुखबीर ने न्यूज को दिये गए एक इंटरव्यू के अंदर यह बताया कि वह अपनी भैंस को बेचना नहीं चाहता था लेकिन आस पास चोर गिरोह सक्रिय हो चुके हैं जोकि भैंसों की चोरी करते हैं। और उनको भैंस के चोरी होने का डर सता रहा था। इसलिए उसने भैंस को बेचना ही उचित समझा ।
सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस का रिकॉर्ड भी इस भैंस ने तोड़ दिया ।सबसे पहले अधिक दूध देने वाली भैंस का रिकॉर्ड पाकिस्तान की भैंस के नाम था जिसने 32.050 किलो दूध दिया था। लेकिन अब इस भैंस ने 33 किलो दूध देकर यह खिताब अपने नाम कर लिया ।
सुखबीर किसान ने बताया कि इसी भैंस का एक कटड़ा है जिसका सीमन बैच कर वे हर साल लाखों रूपये कमाते हैं तो आप समझ सकते हैं कि भैंसों की कीमत गाय की तुलना मे कितनी होती है ? और एक भैंस कितना दूध दे सकती है ? इसके बारे मे हम आपको बता ही चुके हैं।वैसे यह सिर्फ एक ही भैंस नहीं है जो लाखों के अंदर बिकती है।वरन भैंसों की कीमत काफी अच्छी उठती है।
यदि आपके पास एक दूध देने वाली भैंस है तो आप उससे अच्छा पैसा कमा सकते हैं। आमतौर पर हमारे यहां पर भैंस का दूध 50 रूपये लिटर बिकता है। और यदि आपकी भैंस 10 किलो दूध देती है तो आप रोजाना 500 रूपये तक मुनाफा कर सकते हैं। और यदि आप एक किसान हैं तो आप एक भैंस से ही एकछोटी मोटी नौकरी जितनी कमाई आसानी से कर सकते हैं।भैंस रखना किसानों के लिए काफी सुटेबल होता है क्योंकि उनके पास खेत होता है और वे अपने खेत के अंदर चारा वैगरह आसानी से उगा सकते हैं। यदि आप भैंस के लिए चारा भी मार्केट से खरीदते हैं तो फिर आप इससे मुनाफा नहीं कमा सकते हैं।
भैंस का दूध बढ़ाने का उपाय के अंदर हम आपको कई सारे उपाय बताने वाले हैं। हम आपको यही सजेशन देना चाहेंगे कि आप दवाओं का प्रयोग कम से कम करें । और देशी और नेचुरल चीजों का प्रयोग अधिक से अधिक करें । यदि आप दूध को बढ़ाने के लिए दवाओं का प्रयोग करते हैं तो यह आपकी भैंस की सेहत के लिए भी अच्छा साबित नहीं होगा ।
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भैंस का दूध बढ़ाने का उपाय भैंस की डिवोर्मिंग करवाएं
यदि आपकी भैंस कम दूध दे रही है तो सबसे पहला काम तो यही है कि आप उसे पेट के कीड़े मारने की दवा अवश्य ही दें ।क्योंकि भैंस जब जमीन से घास चरती है तो उसके पेट मे घास के साथ ही कीड़े चले जाते हैं। और वो पेट के अंदर पनप जाते हैं। जिसके बाद भैंस होशियार नहीं होती है। और उसके खाने का भी फायदा नहीं होता है। ऐसी स्थिति के अंदर भैंस को कीड़े मारने की दवा अवश्य ही देनी चाहिए । यह दवा आप हर 6 महिने के अंदर एक बार दे सकते हैं। इसको आपको शाम को देना चाहिए । और दवा देने के बाद पशु को भोजन नहीं दिया जाना चाहिए ।
इस दवा को डिवोर्मिंग टेबलेट के नाम से जाना जाता है। आप इसको किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। और इसको किस प्रकार से देना है यह वहां से जान सकते हैं।
भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय
- आधा किलो गुड़
- 200 ग्राम नींबू
- 30 एमएल सरसों का तेल
अब एक बर्तन लेना है और उसके अंदर पानी डालना है और अंदर गुड़ को डाल देना है। और गर्म करना है। इसके साथ ही सरसों का तेल इसमे डाल देना है। फिर नींबू भी इसमे डाल देना है। उबाल आने के बाद उतार देना है। फिर इस मिसरण के ठंडा होने के बाद आटे के अंदर मिलाकर आप भैंस को दे सकते हैं । इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। आप अपनी भैंस को इसको कितने भी दिनों तक दे सकते हैं।इससे आपकी भैंस का दूध अवश्य ही बढ़ जाएगा ।
भैंस का दूध बढ़ाने का फोर्मूला
- सौंठ 50 ग्राम
- 50 ग्राम तिल
- सफेद जीरा 50 ग्राम
- 50 ग्राम सौंफ
- 150 g ghee
- 150 ग्राम गुड़
दोस्तों भैंस का दूध बढ़ाने के लिए उपर दिये गए पदार्थों की मात्रा को लेना है। और उसके बाद सभी को कूट लेना है। फिर कूटने के बाद पशु को शाम के समय इनको खिला देना है। यह मात्रा पशु के ब्याने के 15 दिन बाद से ही देना शूरू कर सकते हैं। यह दूध बढ़ाने का रामबाण ईलाज है।
एक बार जब आप शूरू कर देने के बाद आप लगातार 3 से 4 दिन बाद खिलाएं । फिर आप सप्ताह मे 2 बार खिला सकते हैं। यह आपकी भैंस के लिए काफी अच्छा होगा ।
पपीते से भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय
दोस्तों आप पपीते की मदद से भी अपनी भैंस का दूध बढ़ा सकते हैं। पपीता आपको आसानी से बाजार मे मिल जाता है। और आप बाजार से खरीद कर इसके दूध को बढ़ा सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको कच्चा पपीता को इस्तेमाल करना है।कच्चे पपीते की 2 किलो मात्रा आपको लेनी है।
सबसे पहले पपीते के छोटे टुकड़ों के अंदर काट लेना है। उसके बाद पानी के अंदर पपीते को पका लेना है। इसके अलावा मैथी को 100 ग्राम लें और इसको भी पकाना है।
उसके बाद इसको उतारलें ।फिर ठंडा करें और भैंस को देदे । भैंस को दिन के अंदर एक बार देना है। और लगातार 3 दिन तक देना है। उसके बाद कुछ दिन छोड़कर इसको दे सकते हैं।
फुलहेंड मैथड़ का यूज करना
यदि आप भैंस का दूध निकाल रहे हैं तो फुलहेंड मैथड़ का प्रयोग करें ।क्योंकि फुलहेंड मैथड़ का प्रयोग करने से आपकी भैंस काफी आराम फील करेगी । तो आपको यह तरीका भी आजमा कर देखना चाहिए । संभव है कि काफी फायदेमंद होगा ।
दूध निकालने के समय को ना बदलें
आप जब भी पशु का दूध निकालें । उसके समय को ना बदलें ।कारण यह है कि जब आप बार बार समय बदलते हैं तो फिर समस्या होती है। और पशु के लिए यह असहज हो जाता है। इसलिए रोजाना एक ही समय पर दूध निकालें । असमय दूध निकालनें से पशु पावसेगा नहीं । ऐसी स्थिति मे बाद मे पशुपालक इंजेक्सन लगाने लगते हैं जो पशु के लिए सही नहीं होता है।
भैंस को हरा चरा खिलाएं
दोस्तों यदि आपके यहां पर हरा चारा उपलब्ध है तो फिर भैंस को कोई भी अन्य आहार देने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि वह हरे चारे से आसानी से दूध बढ़ जाएगा । क्योंकि हरे चारे के अंदर अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जोकि पशु के दूध को बढ़ाने के लिए आवश्यक होते हैं।
यदि आप खेती करते हैं और आपके खेत के अंदर पानी की व्यवस्था है तो आप खेत मे हरे चारे को उगा सकते हैं। और फिर उपर से उसे काटकर अपने पशु को खिला सकते हैं जो आपके पशु को ना केवल तंदुरस्त करेगा । वरन उसके दूध को भी बढ़ाने का काम करेगा ।
खली मे गेंहू का आटा मिलाकर दें
यदि आप भैंस के लिए खली दे रहे हैं तो उसके अंदर गेंहूं का दलिया मिलाकर दे सकते हैं। गेहूं का दलिया मोटा पीसना चाहिए ।जैसे आप 4 किलो खली दे रहे हैं तो उसके अंदर 1 किलो आटा मिलाकर दे सकते हैं। जिससे कि आपकी भैंस का दूध बढ़ेगा । हालांकि अधिक आटा मिलाना भैंस की सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है।
भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय
- ग्राम पानी
- 200 ग्राम नींबू
- 200 ग्राम पताशा
- 200 ग्राम देसी घी
इसको बनाने के लिए सबसे पहले 800 ग्राम पानी को किसी बर्तन मे डालें उसके बाद इसके अंदर 200 ग्राम पताशे डाल कर हिला दें। फिर घी को भी इसके अंदर डालदें । फिर नींबू का रस इस सारे मिसरण के अंदर डालदेना है।इसको पशु को आप रोजाना दे सकते हैं। ऐसा करने से आपकी भैंस का दूध बढ़ जाएगा । भैंस का दूध बढ़ाने का यह एक अचूक तरीका है।
चीनी से भैंस का दूध बढ़ाएं
वैसे भैंस का दूध बढ़ाने के लिए चीनी भी खिलाई जाती है लेकिन चीनी भैंस की सेहत के लिए काफी हानिकारक होती है। हालांकि यदि चीनी को काफी नियंत्रित मात्रा के अंदर दिया जाता है तो यह कुछ फायदेमंद हो सकती है।
वैसे पशु को ठंड के अंदर चीनी नहीं देना चाहिए क्योंकि पशु को नुकसान होता है।चीनी को पशु को 200 ग्राम खिला सकते हैं। इस चीनी को 100 ग्राम सौंफ का काढ़ा बनाकर आप दे सकते हैं। इससे दूध बढ़ जाएगा ।
भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय तारामिरा
तारामिरा खिलाने से भी भैंस का दूध बढ़ता है।तारामिरा एक सरसो परिवार की फसल है।इसका तेल निकलता है और जोकि खाने योग्य होता है। यह एक कम पानी की फसल है जोकि शुष्क क्षेत्रों के अंदर होती है। इस फसल को उंटो को भी खिलाया जाता है।
भैंस का दूध बढ़ाने के लिए 100 ग्राम तारामिरा लें फिर इसके अंदर 250 ग्राम गुड़ मिलाएं । यदि सर्दी का मौसम है तो आप गुड़ ले सकते हैं नहीं तो शक्कर ले सकते हैं इनको भैंस को खिलाएं । जिससे कि दूध बढ़ेगा ।
भैंस का दूध बढ़ाने के लिए सरसों का तेल
दोस्तों सरसों का तेल भी भैंस का दूध बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए आप जो भैंस को खली देते हैं तो उसके अंदर 100 ग्राम सरसों का तेल मिलाएं और उसके बाद इसको रोजाना गाय को खिलाएं । यह आप रोजाना खिला सकते हैं। जिससे की भैंस का दूध बढ़ जाएगा।
mineral mixture
मिक्सचर के अंदर कैल्शियम, सल्फर, जस्ता, तांबा, फास्फोरस, आयोडीन, जड़ी बूटी जैसी चीजें पाई जाती हैं।यह चेलेटेड मवेशी हर्बल और खनिज मिश्रण दूध उत्पादन में सुधार करता है, प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है, और युवा बछड़ों, गायों और भैंसों की समग्र वृद्धि प्रदान करता है।
mineral mixture कई प्रकार के आते हैं जोकि मार्केट के अंदर उपलब्ध हैं।और आप अपनी आवश्यकता अनुसार खरीद सकते हैं। यह 5 लीटर से लेकर 20 लिटर तक आते हैं। आप तय मात्रा मे पशु को दे सकते हैं। इनको खली के अंदर मिलाकर भी दे सकते हैं।कुछ भैंस इनको खाती भी नहीं है। क्योंकि इनकी गंध उनको अच्छी नहीं लगती है। यदि आपकी भैंस इसको खाने मे आनाकानी कर रही है तो आप इसको कम मात्रा मे खिला सकते हैं।
भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय मीठा सोड़ा
दोस्तों कुछ लोग भैंस का दूध बढ़ाने के लिए मीठे सोड़े का प्रयोग करते हैं। वैसे आपको बतादें कि आपको मीठे सोड़ा को नियंत्रित मात्रा के अंदर देना होगा । क्योंकि अधिक मात्रा मे मीठा देने से भैंस को नुकसान हो सकता है। आप इसको खली के अंदर मिलाकर दे सकते हैं।
भैंसा का दूध बढ़ाने के लिए खली बनाएं
दोस्तों भैंस का दूध बढ़ाने के लिए खली को बना सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि भैंस को आटा नहीं देना चाहिए क्योंकि यह भैंस के पेट मे कीड़ों की मरने से रक्षा करता है।
- 4kg तारा
- 9kg सरसो
- 29 kg जौ
- 29 kg गेहु
- 29 kg कपास के बनोले
- 18 kg चने
- 14 kg मुंगी की दाल का छिलका
- 4 kg गुड़
- 2 kg मेथी
- 1 kg सुखे आवले
- 1 kg मीठा सोडा
तारामीरा सरसौ, जौ, गेहु, कपास के बिनोले, चने छिलका ओर मीठा सोडा आदि को अच्छी तरह से पीस लेना है।फिर इसको पका लेना है।मेथी और आवला कौ बारीक पीसकर गुड डाल कर छाछ के अंदर 12 घंटे भीगोकर रखदें। उसके बाद इसका शरबत बनाकर रोजाना भैंस को शाम को देना चाहिए ।यह आपकी भैंस का दूध बढ़ाने के लिए काफी अच्छा तरीका है।
भैंस को रोजाना नमक देना
भैंस के लिए नमक भी काफी महत्वपूर्ण होता है।यह भैंस के भोजन के पचने मे काफी मदद करता है।नमक एमिनो ऐसिड और शर्करा के अवशोषण के अंदर काम आता है।अक्सर आपने देखा होगा कि अधिक बीमार पड़ने वाली भैंसों को नमक दिया जाता है।नमक से विशेष प्रकार की लार निकलती है जोकि भोजन पचाने मे भी मदद करती है।और यदि भैंस के शरीर के अंदर नमक की कमी हो जाती है तो भैंस काफी कमजोर हो जाती है।
पशु की स्थिति | HCl |
दूध न देने वाले पशुओं के लिए | 1.67 ग्राम/100 kgw |
दूध देने वाले पशुओं के लिए | 4.22 ग्राम/100 kg |
बढ़ोतरी | 1.56 ग्राम/किलो भार प्रतिदिन बढ़ने वाले जिनका भार 150-600 kg |
गर्भावस्था के लिए | 1.54 ग्राम/दिन, 190-270 दिन के गर्भावस्था के लिये |
वैसे वैज्ञानिकों के अनुसार एक दूध देने वाले पशु को रोजाना 30 ग्राम नमक की आवश्यकता होती है। जबकि एक साधारण पशु को मात्र 13 ग्राम नमक की जरूरत पड़ती है।
भैंस का दूध बढ़ाने की चॉकलेट
एक खबर के अनुसार भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) एक ऐसी चॉकलेट विकसित करने मे लगा हुआ है जिसको पशु को खिलाने से ही दूध को बढ़ाया जा सकता है। इस चॉकलेट को यूरिया मोलासिस मिनिरल ब्लॉक के नाम से भी जाना गया है। कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर जैसे तत्व इसके अंदर मौजूद होते हैं। इसका सेवन केवल जुगाली करने वाले पशु ही कर सकतें । जिससे पशुओं के भूख की कमी दूर होगी । हालांकि इसपर अभी और अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।
भैंस का दूध बढ़ाने के लिए संतुलित आहार दें
यदि आप भैंस का दूध बढ़ाना चाहते हैं तो आपको उसे संतुलित आहार देना होगा ।नीचे हम एक तरीका बता रहे हैं जिसकी मदद से आप अपनी भैंस के लिए संतुलित आहार बना सकते हैं।
- मक्का, जौ, गेंहू, बाजरा दानों मे से कोई भी एक दाना आप ले सकते हैं। यह 35 प्रतिशत होना चाहिए ।
- आप चाहें तो तीनों को मिलाकर 35 प्रतिशत कर सकते हैं या फिर किसी एक को कर सकते हैं।
- सरसों की खल, मूंगफली की खल, बिनौला की खल, अलसी की खल आदि कि खल मे से कोई भी एक खल ले सकते हैं जो 32 प्रतिशत होनी चाहिए ।
- गेंहू का चोकर, चना की चूरी, दालों की चूरी, राइस ब्रेन आदि मे से कोई एक या सभी को मिक्स कर 35 किलो ले सकते हैं।
- खनीज लवण की मात्रा 2 किलों
- नमक की मात्रा 1 किलो लें ।
इन सभी चीजों को अच्छी तरह से आपस मे मिलालें । और उसके बाद भैंस को खिलाएं ।जब आप यह आहार पशु को कुछ दिन देंगे तो उसका दूध बढ़ जाएगा । दूध को बढ़ाने का यह अच्छा तरीका है।
भैंस को भरपूर पानी पिलाएं
दोस्तों भैंस को काफी अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए उसे भरपूर पानी देना बेहद ही जरूरी होता है।यदि आप भैंस को बाड़े के अंदर ऐसे ही रखते हैं तो पानी को किसी खैल के अंदर डालकर रख सकते हैं। और यदि आप भैंस को बांध कर रखते हैं तो दिन मे 3 से 4 बार पानी पिलाएं ।
कहीं आपकी भैंस बीमार तो नहीं
दोस्तों यदि आप भैंस का दूध बढ़ाने के सभी तरीके ट्राई कर चुके हैं।लेकिन उसके बाद भी भैंस को दूध नहीं बढ़ रहा है। जबकि भैंस की दूध देने की क्षमता अधिक होने के बाद भी कम दूध दे रही है तो आपको चाहिए कि आप अपनी भैंस का अच्छे से निरिक्षण करें । यदि भैंस के अंदर कुछ बीमारी हो गई है तो उसकी वजह से ऐसा हो सकता है।जैसेकि कई बार भैंस के पेट पर कोई गांठ हो जाती है जो दर्द करती है जिससे की भैंस का दूध देना कम हो जाता है। यदि आपको भैंस बीमार नजर आती है तो आप उसका उपचार करवाएं। और उसके बाद देखें की दूध बढ़ता है या नहीं ।
bhains ka doodh kaise badhay भैंस का दूध बढ़ाने का तरीका
भैंस का दूध बढ़ाने का एक अच्छा तरीका है।सबसे पहले आपको गेहूं का दलिया लेना है और उसके अंदर पानी डालकर उसे पका लेना है।अब दलिया के अंदर शक्कर डालदें। और 100 ग्राम सरसों का तेल भी इसके अंदर डाल देना है।इसके अंदर 50 ग्राम तारामिरा डालें और मीठा सोड़ा आप पशु को दे सकते हैं। यह पशु के पाचन मे मदद करता है। यह पशु को शाम के समय देना चाहिए । और इसको देने के बाद पशु को पानी या कोई दूसरा चारा नहीं देना चाहिए ।
अधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल पालें
दोस्तों आपकी भैंस कितना दूध देगी । यह उसकी नस्ल पर भी निर्भर करता है। यदि आपके पास एक अच्छी नस्ल की भैंस है तो फिर आप उससे अच्छा दूध प्राप्त कर सकते हैं । लेकिन यदि आपके पास एक अधिक दूध देने वाली भैंस की नस्ल नहीं है तो आपको कम ही दूध मिलेगा। भले ही आप उस भैंस को कितना भी कुछ अच्छा खिलाएं ।
Murrah buffalo
मुर्रा भैंस की एक नस्ल है जिसको दूध के उत्पादन के लिए रखा जाता है।यह पंजाब और हरियाणा के अंदर देखने को मिलती है।भिवानी , हिसार , रोहतक , जींद , झाझर , फतेहाबाद , गुड़गांव आदि के अंदर इसको रखा जाता है। इटली ,बुल्गारिया और मिस्र के अंदर दूध उत्पादन के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। भारतीय भैंस की नस्लों में, मुर्रा को सबसे अधिक दूध देने वाला माना जाता है। इस भैंस को मांस के लिए भी पाला जाता है।
मुर्रा भैंसें काले रंग की होती हैं, कभी-कभी चेहरे या पैरों पर सफेद निशान होते हैं। उनकी आंखें काली, सक्रिय और महिलाओं में उभरी हुई होती हैं। मादाओं की गर्दन लंबी और पतली होती है।और पुरूषों की गर्दन लंबी और भारी होती है। 550 किलोग्राम भैंसे का वजन और मादा का वजन 410 किलोग्राम होता है। इनकी स्तनपान की अवधि 310 दिन की होती है।
उद्गम देश | भारत |
वितरण | अजरबैजान, ब्राजील, कोलंबिया, चीन, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, नेपाल, फिलीपींस, श्रीलंका, वियतनाम, वेनेजुएला |
प्रयोग करें | दुग्धालय |
लक्षण | |
वजन | पुरुष: 750 किग्रा महिला: 650 किग्रा |
ऊंचाई | पुरुष: 4.9 फुट सीए। 142 सेमी महिला: 4.7 फुट सीए। 133 सेमी |
कोट | काली |
Bhadawari
भदवारी उत्तर प्रदेश , भारत की एक उन्नत भैंस है।, जिसे मुख्य रूप से आगरा और इटावा जिलों , और मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना जिलों में दूध उत्पादन के लिए रखा जाता है। यह 272 दिनों तक दूध देती है।752-810 िकलो दूध 272 दिनों मे देदेती है।
भारत के अंदर दूध का 56% हिस्सा भैंसों से ही आता है।भदावरी भैंस अपने दूध में पाए जाने वाले बटरफैट की उच्च सामग्री के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जो 6.0 से लेकर 12.5% तक होती है। इसके अंदर मौजूद बटरफैट के अधिक होने की वजह से काफी किसान इसको पालना पसंद करते हैं।
भदावरी भैंस का रंग तांबे का या फिर भूरा रंग हो सकता है। सींग थोड़ा बाहर की ओर मुड़े हुए होते हैं, गर्दन के समानांतर ऊपर की ओर मुड़े हुए होते हैं। यह रोग और गर्मी के प्रति अच्छे प्रतिरोधी होते हैं।
भदावरी मुख्य रूप से मोटे चारा, पुआल, मकई के उत्पादों, जौ या गेहूं के भूसे, मकई के डंठल, चारा और गन्ने के अवशेषों को खाना पसंद करती है। यह खराब गुणवकत्ता वाला चारा भी खा सकती है।
भदावरी | |
दुसरे नाम | भदवारीइटावा |
उद्गम देश | भारत |
वितरण | उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश |
प्रकार | नदी |
प्रयोग करें | दुग्धालय |
लक्षण | |
वजन | पुरुष: औसत 475 किग्रा महिला: औसत 425 किग्रा |
ऊंचाई | पुरुष: सीए। 128 सेमी महिला: सीए। 124 सेमी |
jafarabadi buffalo
जाफराबादी भैंस की उत्पति गुजरात के अंदर हुई है।इसकी आबादी भारत और पाकिस्तान के अंदर अधिक है।इस भैंस को ब्राजिल के अंदर भी निर्यात किया गया था।जाफराबादी भैंसों के सिर काफी बड़े, मोटे, चपटे सींग वाले होते हैं, जो गर्दन के किनारों पर गिरते हैं और कानों तक ऊपर की ओर जाते हैं।
गुजरात राज्य के अमरेली, भावनगर, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर और राजकोट जिले के अंदर यह आसानी से देखने को मिलती है। नर भैंस का वजन 700 किलोग्राम होता है तो मादा भैंस का वजन 620 किलोग्राम होता है।
जानवर के पास एक बड़े गुंबद के आकार का मस्तक होता है जिसमें सपाट, मोटे, नीचे की ओर घुमावदार सींग होते हैं। और भैंस गिर शेर का भी मुकाबला कर सकती हैं।इस भैंस का रंग सफेद होता है और यह बहुत ही अच्छे दूध देने वाले होते हैं।यह भैंस रोजाना 15 से 16 लीटर दूध देती हैं।
Surti buffalo
यह सबसे अच्छी नस्ल है। और गुजरात के बीच माही और साबरमती नदियों के अलावा गुजरात के आणंद , कायरा और बड़ौदा जिलों के अंदर देखने को मिलते हैं।सुरती भैंस मध्यम आकार की और विनम्र स्वाभाव की होती है।नस्ल को सींगों के बीच शीर्ष पर उत्तल आकार के साथ काफी चौड़ा और लंबा सिर मिला है। सींग दरांती के आकार के और चपटे होते हैं।
सुरती | |
दुसरे नाम | डेक्कनगुजरातीनाडियाडिसुरती |
उद्गम देश | भारत |
वितरण | गुजरात : आणंद , कैरा और बड़ौदा जिले |
प्रयोग करें | दुग्धालय |
लक्षण | |
वजन | पुरुष: औसत 499 किग्रा (1100 पौंड) महिला: औसत 408 किग्रा (899 पौंड) |
ऊंचाई | पुरुष: सीए। 130 सेमी (51.1 फीट) महिला: सीए। 125 सेमी (49.2 फीट) |
कोट | जंग लगा भूरा या सिल्वर-ग्रे |
- प्रथम स्तनपान:-1500-1600 किग्रा
- प्रथम स्तनपान के अलावा:- 1900-2000 किग्रा
- वसा:- 7 से 7.5%
- एसएनएफ:- 9 से 9.15%
- पहली बार ब्याने की उम्र:- 45 से 47 महीने
- ब्याने का अंतराल:- 400 से 425 दिन
- प्रजनन काल:- मौसमी (सितम्बर से अप्रैल)
mehsana buffalo
मेहसाणा भैंसों को मुर्रा और सुरती नस्ल की भैंसों से विकसित किया गया माना गया है।गुजरात के मेहसाणा जिले के नाम पर इसका नाम लिखा गया है। गुजरात के मेहसाणा, साबरकांठा, बनासकांठा, अहमदाबाद और गांधीनगर के अंदर यह भैंस देखने को मिलती है।
इनके सींग काफी घुमावदार होते हैं।यह भैंस काले रंग के होते हैं। भैंस भूरे रंग की होती हैं। नस्ल की दूध उपज 598 से 3597 किलोग्राम प्रति स्तनपान के बीच होती है।औसत दूध की उपज 1988 किलोग्राम है जिसमें औसत दूध वसा 6.83% होता है।
Nagpuri
नागपुरी (भैंस) एक महाराष्ट्र की नस्ल है।बेरारी ,गौरानी, पुरंथदी, वरहदी, गओलवी, अरवी, गौलागण, गंगौरी, शाही और चंदा जैसे नामों से इसको जाना जाता है।
इसका कोट काले रंग का होता है।इसकी टांगे और पूंछ सफेद रंग की होती है।सींग लंबे, सपाट और घुमावदार होते हैं, गर्दन के प्रत्येक तरफ पीछे की ओर झुकते हुए कंधों तक लगभग ऊपर की ओर नुकीले होते हैं। इस भैंस के नर की लंबाई 145 सेमी तो मादा की 135 सेमी तक होती है। 525kg वजन नर भैंस का होता है तो मादा भैंस का वजन 425 किलो होता है।यह भैंस 12-20 लीटर तक दूध देती है।
Nili-Ravi
नील-रवि घरेलू भैंस की एक नस्ल है। यह मुख्य रूप से पाकिस्तान और भारत में वितरित किया जाता है।यह देखने मे मुर्रा भैंस के जैसी दिखती है। इसको दूध के लिये पाला जाता है।औसत दूध उपज लगभग 2000 किलो प्रति वर्ष है 378 दिनों के स्तनपान में रिकॉर्ड उपज 6535 किलोग्राम है।
भैंस का दूध बढ़ाने के उपाय लेख के अंदर हमने यह जाना कि किस प्रकार से आप भैंस का दूध बढ़ा सकते हैं। यदि आप उपर दी गई तकनीक को सही तरीके से फोलों करते हैं तो आप आसानी से भैंस के दूध को बढ़ा सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपका इस संबंध मे कोई विचार है तो कमेंट करें ।
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