महाशिवरात्रि क्यों मनाया जाता है shivratri kyu manaya jata hai ,shivratri ka tyohar kyu manaya jata hai महाशिवरात्रि भारतीयों का एक प्रमुख त्यौहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। माघ फागुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। और यह पर्व सभी के लिए काफी पावन पर्व होता है। इस दिन महिलाएं अलग अलग जगहों पर जाकर भगवान शिव की पूजा करने का काम करती हैं।और पुराणों के अंदर तो यहां तक कहा गया था कि इस दिन से ही सृष्टी का आरम्भ हुआ था।इस तरह से आप समझ सकते हैं कि यह कितना उपयोगी पर्व है।साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है|और कश्मीर के अंदर इस को अलग नाम जैसे हेराथ से बुलाया जाता है।
दोस्तों महाशिवरात्री के बारे मे जानने से पहले हम एक नजर आदियोगी पर डाल लेते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव आज से यही कोई 15000 साल पहले हुए थे ।और आज उतनी साल पुरानी मूर्तियां मिली हैं। जिससे देखकर लगता है कि यह काफी पुराने समय की बात हो चुकी हैं। और आपको बतादें कि रियल शिव की मूर्ति किसी के घरों के अंदर नहीं मिलेगी । और आज हम जो शिव की मूर्तियां हम लगा रहे हैं वे कम्प्यूटर के द्धारा बनाई गई मोर्डन मूर्तियां हैं। जबकि रियल मे शिव ऐसे नहीं थे । वे एक अघोरी थी और अघोरी कैसे होते हैं यह आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे ।
शिव पुराण के अंदर यह वर्णन आता है कि आदि योगी एक तपस्वी और योगी थे । यह खोपडियों की माला पहनकर घूमते थे और बहुत अधिक भयंकर व्यक्ति थे कोई भी इनके पास जाना नहीं चाहता था।उसके बाद देवताओं ने सोचा कि जब यह इसी तरीके से घूमते रहेंगे तो लोग इनसे प्रभावित होंगे और हर कोई आत्मज्ञान और मुक्ति के बारे मे ही सोचेगा ऐसी स्थिति के अंदर हमारा स्पंदन समाप्त हो जाएगा और लोग हमारी तरफ ध्यान नहीं देंगे तो हमारी उर्जा कमजोर हो जाएगी ।उसके बाद देवताओं ने किसी तरह से सती से उनकी शादी करवादी और उसके बाद वे कुछ समय के लिए काफी अच्छे गृहस्थ होते हैं तो कुछ समय के लिए वे काफी गुस्से के अंदर काफी डेंजर दिखाई देते थे । मतलब यही है कि वे काफी स्वाभाव को बदलने वाले इंसान थे ।
लेकिन सती के साथ उनका उतना अधिक लगाव नहीं था जितना अधिक कि उनको होना चाहिए था। उसके बाद सती ने अपने पति को आमंत्रित नहीं किये जाने की वजह से अग्नि कुंड के अंदर अपने शरीर को त्याग दिया और उसके बाद शिव फिर वही घोर तपस्वी बन गए । और उसके बाद यह देखा गया कि पूरी दुनिया संयासी ना बन जाए इस बात का खतरा बढ़ गया तो देवता काफी अधिक चिंतित रहने लगे । फिर देवताओं ने देवी मां की पूजा की और उनको कहा गया कि आप पार्वती के रूप मे जन्म लें और उसके बाद मां पार्वती के रूप मे उनका जन्म हुआ उसके बाद उन्होंने शिव को आकर्षित करने के लिए तरह तरह से कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए तो उसके बाद कामदेव का उपयोग किया गया । फिर शिव की शादी हो गई और वे ग्रहस्थ बन गए और उन्होंने ग्रहस्थ आदि की भूमिका निभाई ।उसके बाद शिव पार्वती को भी आत्मज्ञान सीखाने लगे ।
महाशिवरात्री वह दिन था जिस दिन पार्वती की भगवान शिव से शादी हुई और उसके बाद आदि योगी को पार्वती ने कहा कि आपने मुझे जो आत्मज्ञान दिया है उसका तरीका वाकाई मे अदभुत है लेकिन सभी को इसी तरीके से आत्मज्ञान नहीं दिया जा सकता है। हर इंसान इस तरीके के योग्य नहीं है। और उसके बाद आदियोगी ने योग की प्रणालियां शूरू की आपने भी आदि योगी के सात शिष्यों का नाम सुना होगा जो उनके ज्ञान को दुनिया के अंदर अलग अलग तरीके से फैलाया । इस तरह से आप समझ सकते हैं कि शिव ने कितना महान कार्य किया था।
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shivratri kyu manaya jata hai /shivratri ka tyohar kyu manaya jata hai
शिवरात्रि तो हर महीने में आती है लेकिन महाशिवरात्रि सालभर में एक बार आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। वैसे शिवरात्री को मनाने के अनेक कारण हो सकते हैं। जिनके उपर हम चर्चा करेंगे। इसकी मदद से कई सारे उदेश्यों की पूर्ति हो सकती है। उसके लिए भी महाशिवरात्री को मनाया जाता है।
- माना जाता है कि इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था तो इस दिन पर्व के रूप मे मनाया जाता है। आपकेा पता ही होगा कि महाशिवरात्री के दिन ही शिव और पार्वती का विवाह हुआ था तो इस दिन को हम सभी लोग पर्व के रूप मे मनाते हैं। इस तरह से देखा जाए तो यह शादी की शालगिराह जैसा है।
- इसके अलावा योगिक परम्परा के अंदर शिवरात्री इसलिए भी मनाई जाती है क्योंकि इस दिन खास रात होती है और आपके शरीर की उर्जा स्वाभाविक होती है। और वह अपने आप ही उपर की तरफ होती है। यदि आपको कुछ खास योगिक प्रणालियों के बारे मे पता है तो फिर आप इसका फायदा उठा सकते हैं।पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से आपका शरीर बना होता है और जिसे आप मैं कहते हैं वह पांच तत्वों की शरारत होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। जब तक आपको इन पांच तत्वों पर महारात हाशिल नहीं होती है आप कुछ अलग चीजों का अनुभव नहीं कर सकते हैं। लेकिन जब आप इन पांच चीजों के उपर महारात हाशिल कर लेते वैसे ही आप इस ब्रह्रमांड के अंदर कुछ अलग चीजें कर सकते हैं। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझना चाहिए ।योगी लोग शिवरात्री मनाने का महत्व इसलिए भी रखते हैं क्योंकि वे पंचभूत अराधना करके इनके उपर महारात हाशिल करने की कोशिश करते हैं। यदि आप पांच तत्वों पर महारात हाशिल कर लेते हैं तो आपका उदेश्य पूरा हो जाता है आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। हालांकि इन चीजों पर महारात हाशिल करने के लिए आपको कड़ी मेहनत तो करनी ही होती है इसके अलावा एक योग्य गुरू की आवश्यकता पड़ती है जोकि इसके बारे मे अच्छी तरह से जानते हों ।
- महाशिवरात्रि के संबंध मे एक और कहानी देखने को मिलती है। इस कहानी के अनुसार हिंदु धर्म के अंदर शिवजी की उत्पति को किसी स़्त्री से नहीं माना जाता है। और यह माना जाता है कि शिवजी स्वयंभू हैं। मतलब यही है कि वे अपने आप ही प्रकट हुए थे । उनका आदि और अंत कुछ भी नहीं है। वे खुद एक कंपन से प्रकट हुए थे ऐसा माना जाता है। और भगवान शिव ही सृष्टि के कर्ताधर्ता हैं। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । दोस्तों उसके बाद एक कथा आती है कि एक बार विष्णु और ब्रह्रमा के अंदर झगड़ा हो गया और उसके बाद दोनों ने कहा कि वे दोनो एक दूसरे से बड़े हैं। उसके बाद क्या था।वे दोनों आपस मे झगड़ा करने लगे तो उनके बीच एक स्तंभ प्रकट हुआ और उसके बाद एक आकाशवाणी हुई कि जो इस स्तंभ का किनारा खोज पाएगा । वही बड़ा होगा । उसके बाद ब्रह्रमा और विष्णु दोनों ही एक एक तरफ उस स्तंभ का किनारा खोजने के लिए निकले लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी वो उसके किनारे को नहीं पा सके और उसके बाद थक हारकर वापस लौट आए । उसके बाद उस स्तंभ से भगवान शिव प्रकट हुए । और उसके बाद उनको समझ आया कि उनसे भी बड़ी कोई शक्ति है। इस दिन महाशिवरात्री कहा जाता है। तो शिवरात्री मनाने का एक कारण यह भी है कि इस दिन शिवजी प्रकट हुए थे ऐसा माना जाता है।
- 64 जगहों पर प्रकट हुए थे शिवलिंग ऐसा माना जाता है। लेकिन अब इतनी जगह पर शिवलिंग के बारे मे कुछ भी पता नहीं है। हमे सिर्फ 12 के बारे मे जानकारी है। इससे अधिक के बारे मे जानकारी नहीं है। तो आप समझ सकते हैं ।
shivratri kyu manaya jata hai ? इसके बारे मे आप अच्छी तरह से जान ही चुके हैं। दोस्तों आपको बतादें कि महाशिवरात्री भगवान शिव के भगत मानते हैं और आपको तो पता ही है कि भगत जो होते हैं वे भगवान की भगती मे पागल होते हैं तो वे हर तरह से भगवान की पूजा के लिए अवसरों को खोजते रहते हैं। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि शिवरात्री मनाना अपने आप मे एक अच्छा कदम हो सकता है। आप इस बात को समझें ।
shivratri kyu manaya jata hai shivratri मनाने के फायदे
shivratri हम सभी लोग मानते हैं। तो आइए जानते हैं शिवरात्री मानने के क्या क्या फायदे होते हैं वे कौनसे फायदे होते हैं जोकि हमारे लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। तो आप भी यदि शिवरात्री को मनाते हैं तो आपको भी इसके कुछ फायदेमिलते हैं जिसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
शिवरात्री मनाने के फायदे मनोकामना पूर्ण होती है
दोस्तों यदि आप शिवरात्री मानते हैं तो आपकी मनोकामना पूर्ण होती है। मतलब यह है कि यदि आप अपने जीवन के अंदर कुछ पाना चाहते हैं तो आपको शिवरात्री को मनाना चाहिए क्योंकि यह आपकी मनोकामना को पूर्ण करती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।और उसके बाद अपने भगतों की मनोकामना को पूर्ण करने का काम करते हैं। कुल मिलाकर यदि आपकी कुछ चीजों की दिल से इच्छा है तो आपको यह करके देखना चाहिए आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए
दोस्तों जो भगत होते हैं वे सदैव कुछ ना कुछ ऐसा करते रहते हैं कि उनका भगवान प्रसन्न रहे । उनको और कुछ भी चाहिए नहीं होता है। क्योंकि उनको यह लगता है कि प्रसन्नता के अंदर ही उनकी भलाई है। इस वजह से भी शिवरात्री मनाई जाती है।
वैसे तो भगवान शिव के भगत सदैव ही उनकी पूजा करते रहते हैं। लेकिन आमतौर पर उनकी विशेष पूजा भी तब करते हैं जब शिवरात्री होती है। क्योंकि इस दिन भगवान शिव पूजा करने से अधिक प्रसन्न होते हैं। तो इस तरह से आप समझ सकते हैं कि भगावन शिव को प्रसन्न करने के लिए भी शिवरात्री मनाई जाती है। या भगवान शिव को प्रसन्न करने मे भी फायदे हैं। क्योकि जब तक भगवान प्रसन्न नहीं होंगे तब तक कल्याण कैसे हो सकता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
आपको अपने शत्रु पर विजय मिलती है
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि शिव ने जिस तरह से अपने शत्रु का संहार किया था। उसी प्रकार से यदि आप शिवरात्री को मनाते हैं तो आपको शत्रु विजय मिलती है। यदि आपको अधिक शत्रु परेशान करते हैं या फिर वे काफी अधिक हो गए हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। आपको बतादें कि आपको यह करना चाहिए कि आप शिवरात्री के दिन भगवान शिव की पूजा करें और अपने शत्रु को हटाने के लिए उनसे प्रार्थना करें।
आप देखेंगे कि जो आपके शत्रु थे वे या तो मित्र बन गए हैं या फिर वे किसी भी तरह से आपसे हट गए हैं जोकि अपने आप मे काफी अच्छी बात हो सकती है। यदि आप भी अपने शत्रु से परेशान हैं तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। ऐसा करने से जो शत्रु आपको काफी अधिक परेशान करते थे वे आपको परेशान नहीं करेंगे कुल मिलाकर यह आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
शरीर की उर्जा को उपर की तरफ ले जाना
दोस्तों महाशिवरात्री मनाने का जो सबसे बड़ा उदेश्य है खास कर योगिक परम्परा के अंदर वह यही है कि इस दिन मनुष्य के शरीर की उर्जा उपर उठती है। और यदि हम इस दिन पूरी रात खास प्रकार की साधना करते हैं। योग्य लोगों के संपर्क मे तो हम इस चीज का भी फायदा उठा और सभी योग जो होते हैं उनका एक ही मकसद होता है किसी तरह से अपने शरीर की उर्जा को उर्ध्व लेकर जाना और इस दिन यदि वे योग करते हैं तो फिर नैचर भी इसमे खासतौर पर मदद करता है। इसलिए भी शिवरात्री मानने का फायदा होता है। इस रात को जो योगी लोग होते हैं वे सोते नहीं हैं वरन एक खास प्रकार की साधना के अंदर काम करते हैं। पूरी रात मनाए जाने वाले इस उत्सव में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि ऊर्जाओं के प्राकृतिक प्रवाह को उमड़ने का पूरा अवसर मिले – आप अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए – निरंतर जागते रहते हैं।
आप अंधकार के महत्व को जानते हैं
दोस्तों हमे बचपन से ही यह सिखाया जाता है कि अंधकार या अंधेरा एक सैतान जैसा होता है। लेकिन शिवरात्री एक ऐसा उत्सव होती है जोकि अंधकार का ही होता है। इसके अंदर हम अंधकार का ही उत्सव मानने का काम करते हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। दोस्तों शिव का मतलब होता है जो नहीं है। या जो नहीं होता है वह शिव है। और यदि आप पुरे ब्रह्रमांड के अंदर देखेंगे तो आपको प्रकाश बहुत ही कम दिखाई देगा आपको सिर्फ 95 फीसदी अंधकार ही दिखाई देगा तो अंधकार के बारे मे आप अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि अंधकार ही प्रकाश को पैदा करता है। सब कुछ अंधकार से पैदा होता है और उसके अंदर ही समा जाता है।दोस्तों प्रकाश के तो सदैव ही स्त्रोत सीमित होते हैं आप एक सूर्य के प्रकाश को अपने हाथों से भी रोक सकते हैं और परिछाई बना सकते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि पूरे ब्रह्रमांड के अंदर सिर्फ अंधकार के सिवाये कुछ भी नहीं है।
इसका मतलब यही है कि अंधकार का अपना महत्व है। और शिव जो नहीं है वह अंधकार से ही प्रकट होता है और सारी सृष्टि वैसे भी अंधकार से ढकी हुई है। तो इसी के आधार पर यह उत्सव आपको अंधकार के महत्व को भी समझाने का प्रयास करता है। आप इस बात को समझें ।
जीवन के हर क्षेत्र के अंदर विजय दिलाती है
दोस्तों शिवरात्री को पूजा करने का एक फायदा यह भी है कि आपको जीवन के हर क्षेत्र के अंदर विजय मिलती है। दोस्तों आपको तो पता ही है कि हमारे जीवन के अंदर कुछ ऐसे लक्ष्य होते हैं जिनको पाना हमारा सपना या जरूरत होती है। और हम कोशिश करते हैं कि हमको सफलता मिले लेकिन कई बार क्या होता है कि सफलता मिल भी नहीं पाती है। ऐसी स्थिति के अंदर क्या हो सकता है ? आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं हमारी उदासी और दुख को दूर करने के लिए शिवजी की पूजा होती है। यदि आप शिवजी की पूजा करते हैं तो इससे आपको विजय मिलती है और आप जो कार्य कर रहे हैं। उसके अंदर आपको सफलता मिलने के चांस बढ़ जाते हैं इस तरह से दोस्तों शिवरात्री मनाने का फायदा यह है कि आपको विजय मिलती है और आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
दिमाग को शांति मिलती है
दोस्तों शिवरात्री को हम शिवजी की पूजा करने के लिए मंदिर के अंदर जाते हैं और फिर वहां पर कुछ समय भगवान के नाम का जाप करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बतादें कि जब आप मंदिर के अंदर जाते हैं भगवान के नाम का जाप करते हैं तो इससे आपके दिमाग को शांति मिलती है आपको एक तरह से सकून का एहसास होता है। इसी तरीके से आप समझ सकते हैं। कि आपके दिमाग को सकून देने वाला होता है। यदि आप मंदिर जाते हैं तो आपने भी इस बात का अनुभव किया होगा कि मंदिर जाने से मानसिक शांति का अनुभव होता है। एक तरह से यह एक डिप्रेशन मे काफी कारगर उपाय हो सकता है। यदि आप किसी तरह की मानसिक परेशानी से झूझ रहे हैं तो फिर आपको शिवमंदिर जाना चाहिए । यदि आप रोजाना जाते हैं तो वह भी अच्छी बात है। नहीं तो आप कुछ दिन छोड़कर जा सकते हैं।
शिवरात्री की पूजा करने के फायदे रोग शोक का नाश होता है
दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आज भी अनेक रोगों का इलाज मंदिर मस्जिद के अंदर जाने से होता है। अनेक ऐसे रोग होते हैं जिनका डॉक्टरों के पास कोई ईलाज नहीं होता है। लेकिन देवता उसे सही कर देते हैं। जब आप दुख मे होते हैं तो भगवान से प्रार्थना करते हैं और भगवान की पूजा करते हैं ताकि आपके दुख दूर हो सकें । दोस्तों दुखों को दूर करने मे भगवान भोलेनाथ सबसे अधिक आगे होते हैं तो दोस्तों भगवान शिव रोगों का नाश करते हैं। यदि आप भी किसी तरह के रोग से ग्रस्ति हैं और काफी दवा लेने के बाद भी वह रोग ठीक नहीं हो रहा है तो आपको भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए यही आपके लिए सही होगा । आज अनेक ऐसे भगतगण हैं जोकि भगवान शिव की पूजा करने से रोग मुक्त हो रहे हैं। ऐसा नहीं है कि यह सब अंधविश्वास है। मैंने अपनी आंखों से चमत्कार होते हुए देखा है। वैसे आजकल के डॉक्टर इसको अंधविश्वास कहेंगे क्योंकि उनको पसंद नहीं आता है कि कोई फ्री के अंदर ठीक हो जाए ।
यदि आप उन्हीं डॉक्टरों के पास जाएंगे तो मोटी मोटी फीस वसूलेंगे । और नाड़ी वेध के सिस्टम को भारत मे कमजोर कर दिया कारण यही था कि यह आपकी नाड़ी को देखकर बता देते थे कि आपको क्या समस्या है। और यदि इस तरह के वैध भारत के अंदर बढ़ गए तो फिर महंगी महंगी जांच के पैसा कौन देखा इसी के चलते भारत के अंदर विदेशी कंपनियों ने इन सब चीजों को बरबाद करने मे कोई कसर नहीं छोड़ी ।
शिवजी की पूजा करने के फायदे आपको अपने मनोकूल जीवन साथी मिलता है
दोस्तों इसके अलावा यदि आप शिवजी की पूजा करते हैं तो आपको अपने मनोकूल जीवन साथी मिलता है। यदि आप एक कन्या हैं और आप चाहती है कि आपको अपने मनोकूल जीवन साथी मिले तो आपको शिवजी की पूजा करनी चाहिए ।
आपको किसी ऐसे मंदिर के अंदर जाकर हर शिवरात्री को पूजा करनी चाहिए जिस मंदिर के अंदर माता पार्वती और शिव दोनों एक साथ हैं। ऐसा करने से आपको अपने अनुसार पति प्राप्त होता है जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद होता है।
इतना ही नहीं जो पुरूष चाहते हैं कि उनको एक अच्छी पत्नी मिले तो वे भी भगवान शिव के मंदिर मे जाकर पूजा कर सकते हैं। इसके लिए कई सारे टोटके भी प्रचलित हैं आप जिनको आजमा सकते हैं।
इसके अलावा कुछ लोगों को विवाह की समस्या देखने को मिलती है। काफी कोशिश करने के बाद भी उनका विवाह नहीं हो रहा है होता है तो आप कुछ उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आप यह कर सकते हैं कि आप बेला के फूल को अर्पित करें । ऐसा करने का फायदा यह होगा कि विवाह के अंदर आने वाली बाधाएं दूर होगी और योग्य जीवन साथी मिलेगा । कुल मिलाकर यह सब चीजें आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं।
शिवजी की पूजा करने से संतान सुख मिलता है
दोस्तों हर इंसान की वैसे तो अनेक चाह होती हैं और उन चाह के अंदर एक संतान सुख भी होता है। आमतौर पर जब हम इस धरती पर आते हैं तो हर तरह के सुख को भोग लेना चाहते हैं और इसके लिए जी तोड़ मेहनत भी करते हैं। खैर यदि किसी को संतान नहीं हो रही है तो शिवजी की पूजा उसे करनी चाहिए । शिव संतान होने का वरदान देते हैं। दोस्तों विश्वास से सब कुछ होता है। यदि आप यह विश्वास करते हैं कि पत्थर मे भी भगवान है तो वह भी सही साबित होता है। यदि आपकी शिव के प्रति अटूट आस्था है तो इससे आपको फायदा तो मिलेगा ही ।
मैंने अनेक ऐसे उदाहरण देखें हैं कि दंपति संतान के लिए इधर उधर भागे फिरते हैं। और उनको संतान नहीं होती है। उसके बाद किसी मंदिर मस्जीद के अंदर जाते हैं तो वहां पर संतान हो जाती है। इसी तरीके से दोस्तों संतान कैसे मिलती है इनके अंदर इसके बारे मे कोई नहीं जानता है लेकिन भगवान की कृपा से सब कुछ होता है। आज भी गांठ और न जाने कितनी बीमारियां देवता ठीक कर देते हैं। भले ही इसे मेडिकल नहीं मानता है क्योंकि फ्री के अंदर उसे पसंद कैसे आएगा । लेकिन देवता सिर्फ मानवता के लिए काम करते हैं। यदि आप एक जांच करवाने अस्पताल के अंदर जाएंगे तो उसके भी बहुत सारे पैसा लग जाएगा ।
शत्रु का नाश होता है शिव की भगती से
दोस्तों जीवन के अंदर हम कई बार गलत काम करते हैं जिसकी वजह से भी बहुत सारे लोग हमारे शत्रु बन जाते हैं। और कई बार हम कोई भी गलत काम नहीं करते हैं। उसके बाद भी कुछ लोग अपने फायदे के लिए या फिर संपति को हड़पने के लिए शत्रु बन जाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर शिव भगती काफी फायदेमंद होती है। शिव को शत्रु का संहारक माना जाता है। लेकिन यह तभी काम करेगा जब आप एक अच्छे इंसान हों । यदि आप खुद गलत हैं और दूसरे की बुराई कर रहे हैं दूसरे की संपति का लालच आपको है तो फिर आपको इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।
बहुत से लोग अपने फायदे के लिए दूसरों पर तांत्रिक क्रिया करवा देते हैं। इस तरह के लोग पापी होते हैं और इनको देवता से कोई फायदा नहीं मिलने वाला होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
लेकिन यदि आपको शत्रु बिना कारण से ही परेशान करते हैं और जान का खतरा बना रहता है तो फिर आपको शिवजी की पूजा करनी चाहिए । अब आपके दिमाग के अंदर यह आता होगा कि यह किस तरह से काम करता है ? तो आपको बतादें कि यह शक्यिां शुत्र के मन के अंदर बदलाव कर देती हैं। जिसकी वजह से शुत्र आपसे शत्रुता छोड़ देता है। इस तरह से यह सब काम करता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । जो लोग यह सोचते हैं कि वे जो कुछ भी करते हैं वे सब बस करते ही रहेंगे तो वे गलत सोच रहे हैं। असल मे हर इंसान को अपने कर्मों की सजा भुगतनी होती है। यह नैचर का नियम है और इसे कोई भी कोर्ट नहीं टाल सकता है।इसलिए आप जो भी कर रहे हैं । उसे पूरी तरह से सोच समझने के बाद ही करें । यही आपके लिए सही होगा । मन के अंदर बुरे भावों को रखना आपको नर्क की ओर लेकर जाता है। इसका मतलब यह है कि मरने के बाद यही बूरी चीजें आपके गले का जंजाल बन जाएंगी ।
दुर्भाग्य को दूर करते हैं भगवान शिव
दोस्तों दुर्भाग्य वैसे तो हर इंसान के जीवन के अंदर कभी ना कभी आता ही रहता है। कारण इसका चाहे जो भी हो लेकिन यह आता रहता है। वैसे कोई भी यह नहीं चाहता है कि उसके जीवन के अंदर दुर्भाग्य आए लेकिन उसके बाद भी आता रहता है।
खैर दुर्भाग्य की यदि हम बात करें इसके लक्षणों की तो इस तरह के लोगों को जीवन के अंदर हर तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जैसे कि यह जो कोई भी काम करते हैं वह काम इनका असफल हो जाता है। मतलब यही है कि इनको बार बार हर काम के अंदर हानि ही होती रहती है। और दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ रहा होता है। बिजनेस के अंदर नुकसान । घर मे छोटी छोटी बातों को लेकर झगड़ा होना और कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती है। और व्यक्ति बार बार होने वाली नाकामयाबी की वजह से काफी परेशान महससू करता है। कुल मिलाकर यह काफी डेंजर हो सकता है।
और कई बार तो इंसान को इतना अधिक दुर्भाग्य घेर लेता है कि उसे मौत को भी गले लगाना पड़ता है। यदि आपके साथ भी इसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए । भगवान शिव की पूजा करने से दुर्भाग्य दूर होता है और उसके स्थान पर सौभाग्य आता है।
सौभाग्य का मतलब यह है कि अच्छे दिन आते हैं। अच्छे दिन का अर्थ यह है कि आप के साथ जो बार बार असफलताओं का दौर चल रहा था वह समाप्त हो जाता है। और आप जो भी काम करते हैं वह पूरी तरह से अच्छा होता है। और कुल मिलाकर आपके जीवन के अंदर सफलता मिलनी शूरू हो जाती हैं।
आर्थिक समस्या दूर होती है
दोस्तों आपको पता है कि भारत जैसे बड़े देश के अंदर गरीबी कितनी भयंकर है। कारण यह है कि यहां पर विदेशों की तरह तेल और गैस नहीं निकलती है। ऐसी स्थिति के अंदर लोग बस अपना जीवन को चलाने के लिए खेती पर ही निर्भर है । और बहुत सारे लोग तो ऐसे भी हैं जिनके पास खेत भी नहीं है। और उनको दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। और कामों के अंदर पैसा उधार लेने की वजह से कर्ज काफी अधिक बढ़ जाता है। इस तरह से आप समझ सकते हैं कि बिना अर्थ के जीवन किस तरह का होता है।
यदि आप भी आर्थिक समस्या से परेशान हैं जोभी काम कर रहे हैं वह सफल नहीं हो पा रहा है तो आपको चाहिए कि आप सब्र करें और शिवजी की पूजा करें। शिवजी की पूजा करने का फायदा यह होगा कि आपके जीवन के अंदर अर्थ की समस्याएं धीरे धीरे हल होना शूरू हो जाएंगी ।
यदि आप यह सोच रहे हैं कि शिवजी की पूजा करने से आप बहुत ही जल्दी आप अमीर बन जाएंगे तो आप गलत सोच रहे हैं। आपको इसके अंदर काफी समय लगेगा । वैसे सब कुछ धीरे धीरे होता है। इसके अंदर कोई शक नहीं है।
वैसे जीवन के अंदर अर्थ बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। वैसे भी आजकल आर्थिक युग है। और इस युग के अंदर बिना अर्थ के कोई भी काम नहीं होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। यदि आपके पास अधिक अर्थ है तो आपकी हर जगह पर पूछ होगी लेकिन यदि आपके पास अर्थ नहीं है तो फिर कोई भी आपको पूछेगा ही नहीं । आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
गृहस्थ जीवन सुखमय बना रहता है
दोस्तों गृहस्थ जीवन के बारे मे आप जानते ही हैं। जिसके अंदर दो नर और नारी शादी करके रहते हैं वही गृहस्थ जीवन होता है। वैसे आपको बतादें कि गृहस्थ जीवन की अपनी समस्याएं होती हैं। यदि आपके भी गृहस्थ जीवन के अंदर काफी समस्याएं हैं तो आपको भगवान की पूजा करनी चाहिए । हमने यह देखा है कि कुछ लोगों के ग्रहस्थ जीवन के अंदर भूचाल सा आता रहता है। मिया बीबी के अंदर बहुत अधिक झगड़ा होता है। दोनो छोटी मोटी बातों पर ही झगड़ने लग जाते हैं आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि जब झगड़ा होता है तो दोनों को ही परेशानी होती है। और आप तो जानते ही हैं कि घर के अंदर झगड़ा किसी को भी पसंद नहीं होता है। लेकिन उसके बाद भी घर मे झगड़ा होता है। लेकिन कुछ हो नहीं सकता है। खैर आपको यह समझना चाहिए कि आप शिव की पूजा करें। हो सकता है कि कोई ग्रह का प्रभाव हो लेकिन यह सारी समस्याएं अपने आप ही दूर हो जाएंगी ।
अकाल मृत्यु नहीं होती है शिव भगत की
अकाल मृत्यु के बारे मे हम सभी अच्छी तरह से जानते ही हैं। वैसे अकाल मृत्यु का मतलब होता है उम्र से पहले ही मर जाना । यह किसी बीमारी या फिर किसी दुर्घटना की वजह से हो सकती है। वैसे आपको पता ही है कि हर इंसान को अपने जीवन से मोह होता है। और कोई भी नहीं चाहता है कि वह समय से पहले मर जाए और इसके लिए वह बहुत कुछ प्रयास भी करता है। लेकिन कई बार अकाल मौत उसे छोड़ती नहीं है। दोस्तों आप आए दिन अखबार और इंटरनेट पर यह देखते रहते हैं कि अमुक इंसान की मौत एक्सीडेंट मे हो गई । इसके अलावा अपनी आधी उम्र के अंदर इंसान बीमारी के अंदर भी मर जाते हैं।
यह सारी जो मौते होती हैं। वे सब अकाल मौते होती हैं। आपको यह भी अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । वैसे देखा जाए तो अकाल मौत को रोकना हर देवता के अधीन नहीं है। लेकिन यदि आपको भी अकाल मौत का डर सता रहा है या आपको किसी ने बताया है कि आपकी अकाल मौत हो सकती है तो फिर आपको चाहिए कि आप आज से ही शिवजी की पूजा करना शूरू कर दें। बस उसके बाद क्या है। आपके अकाल मौत से होने के चांस कम हो जाएंगे। इसके अलावा आप इसके बारे मे किसी ज्ञानी इंसान से भी बात कर सकते हैं। यदि आप किसी ज्ञानी इंसान से बात करेंगे तो वह इसके बारे मे पूरे विस्तार से आपको बतादेंगा । कुल मिलाकर आपको यह सब करना चाहिए यदि आपको इससे खतरा है तो । दोस्तों भगवान शिव को मौत को टालने वाला माना जाता है। तो यदि आप भी अपनी मौत को टालना चाहते हैं तो भगवान शिव की पूजा करें । आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । इसके अलावा भी आपको बहुत सारे फायदे मिलेंगे ।
बल एवं साहस की बढ़ोतरी होती है शिव की पूजा करने से
दोस्तों शिव के बारे मे यह कहा जाता है कि शिवजी एक शक्ति पूंज हैं। यदि आप उनकी पूजा करते हैं तो आपके अंदर बल और साहस की बढ़ोतरी होती है। बल का मतलब यह होता है कि आप शारीरिक रूप से ताकतवर होते हैं और मानसिक रूप से भी आपके सोचने और समझने की क्षमता के अंदर बढ़ोतरी होती है। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । दोस्तों इसके अलावा आपके अंदर साहस की भी बढ़ोतरी होती है। साहस आपको लड़ाई करने और निर्णय लेने मे काम आता है । आपके अंदर यदि साहस नहीं है तो आप अधिक जोखिम भरे निर्णय नहीं ले सकते हैं।
मानसिक शांति का अनुभव करते हैं
दोस्तों मानसिक शांति का होना बहुत ही जरूरी होता है। यदि हम बात करें मानसिक शांति की तो मानसिक शांति का मतलब होता है आपके मन के अंदर किसी भी तरह की उथल पुथल नहीं होना । यदि आपके मन के अंदर उथल पुथल है तो फिर यह मानसिक शांति नहीं है। शिवजी की पूजा करने से मानसिक शांति का अनुभव होता है। आमतौर पर जो लोग डिप्रेशन और तनाव जैसी समस्यों से झूझ रहे हैं। उनके लिए यह काफी फायदेमंद बात हो सकती है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। आपने इसका अनुभव भी किया होगा कि शिव मंदिर या आप किसी दूसरे मंदिर के अंदर जाते हैं तो वहां पर एक अलग ही प्रकार की उर्जा होती है। जिसकी वजह से वहां पर बैठने से हमारा मन पूरी तरह से शांत हो जाता है। इस तरह से दोस्तों सब कुछ आपके लिए फायदेमंद होता है। यदि आप सोच रहे हैं कि यह कैसे काम करता है तो आपको बतादें कि यह सब कुछ उर्जाओं का खेल होता है।
यदि आपने अभी तक यह सब चीजें अनुभव मे नहीं की हैं तो हम आपको यह बतादें कि आपको एक बार किसी मंदिर के अंदर जाना चाहिए और उसके बाद वहां पर आपको कुछ प्रसाद वैगरह चढ़ौना चाहिए । उसके बाद कुछ समय उसी मंदिर के अंदर बैठ जाना चाहिए । यदि आप कुछ समय बैठेंगे तो आप अपने मन पर ध्यान दें। बाहर उछल कूद करने वाला मन अंदर आते ही काफी शांत हो जाता है। यह सब कैसे होता है। लेकिन जैसे ही आप मंदिर से बाहर जाएंगे कुछ समय बाद यह फिर धीरे धीरे उसी आदत को पकड़ लेता है। तो आप समझ सकते हैं कि मन को शांत कर मानसिक परेशानियों को दूर करने मे मंदिर काफी उपयोगी है।
महाशिवरात्रि का व्रत करने के फायदे
दोस्तों शिवरात्री के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। लेकिन शिवरात्री पर बहुत सारे लोग भगवान शिव का व्रत करते हैं और कथा सुनते हैं। और उसके बाद भगवान शिव की पूजा करते हैं। तो आइए हम आपकों यह बताने का प्रयास करते हैं कि शिवरात्री का व्रत करने से क्या क्या फायदे मिलते हैं तो आइए जानते हैं। इसके बारे मे यदि आप भी व्रत रखते हैं तो आपको भी इसके बारे मे पता होना चाहिए । कि आपको इससे क्या क्या फायदे मिलेंगे ।
महाशिवरात्रि व्रत के फायदे मन शुद्ध होता है
दोस्तों कई जगह पर यह लिखा गया है कि इससे आत्मा शुद्ध होती है तो यह पूरी तरह से गलत है। क्योंकि आत्मा कभी भी दुषित होती ही नहीं है। दुषित तो मन होता है। यदि आप महाशिवरात्री का व्रत करते हैं तो इससे आपका मन शुद्ध होने का काम करता है। मन की शुद्धता का मतलब होता है कि मन के अंदर जो बुरे विचार होते हैं वे धीरे धीरे समाप्त हो जाते हैं आप यह पूछ सकते हैं कि इससे क्या फायदा होगा ? तो दोस्तों मन के अंदर मौजूद बुरे विचार ही आपके लिए सबसे अधिक घातक सिद्ध होते हैं। मतलब यह है कि यह आपसे बुरा कर्म करवाते हैं। और काफी डेंजर भी होते हैं।
जब आप बुरा कर्म करते हैं तो अलग अलग तरह की मुश्शि्बतें भी आपके उपर आती रहती हैं। यह सब समाप्त हो जाने के बाद आप फालतू की मुश्बित मोल नहीं लेते हैं जोकि अपने आप मे एक बहुत ही अच्छी बात होती है।
बुरे विचार किस तरह से आपका फायदा उठाते हैं यह आप समझें जैसे कि आप को बहुत अधिक गुस्सा करने की आदत है तो जब आपके उपर गुस्सा हावी होता है तो उसके बाद आप काफी आक्रामक हो जाते हैं और उसके बाद आप यदि किसी को मार देते हैं तो उल्टा आप ही फंस जाते हैं।
दांपत्य जीवन में खुशियां लेकर आता है
दोस्तों पति पत्नी के रिश्ते के अंदर वैसे तो झगड़ा होना आम बात होती है। और यह सब चलता रहता है। छोटे मोटे झगड़े लगभग सभी पति और पत्नी के अंदर होते हैं। लेकिन आमतौर पर कई बार झगड़ा यहां तक आ जाता है कि बात तलाक तक आ जाती है।
या काफी भयंकर झगड़े होना । यदि पति और पत्नी के रिश्ते के अंदर खुशियां नहीं हैं तो फिर आपको चाहिए कि आप महाशिवरात्री का व्रत करें । यही आपके लिए सही होगा । और ऐसा करने का फायदा यह होगा कि पति और पत्नी के रिश्ते के अंदर जो कमियां हैं जिसकी वजह से झगड़ा हो रहा है तो वह दूर हो जाएगी । यही आपके लिए फायदेमंद चीज होगी ।
यदि आपको यह महसूस हो रहा है कि आपके पति पत्नी के रिश्ते के अंदर कुछ अच्छा नहीं चल रहा है तो फिर आपको चाहिए कि आप व्रत रखें कुछ ही समय के अंदर आपको अपने रिश्ते के अंदर सुधार देखने को मिलेगा । कुल मिलाकर यह व्रत काफी फायदे मंद होता है।
कन्या के विवाह मे आ रही बाधाएं दूर होती हैं
दोस्तों कुछ कन्याएं ऐसी होती हैं जिनके विवाह के अंदर काफी अधिक बाधाएं आती हैं। और उनके विवाह के अंदर देरी होती है। हमारे पास ही इसी तरह की दो लड़कियां हैं। उनकी सगाई तक हो जाती है लेकिन बाद मे किसी ना किसी बात को लेकर सगाई टूट जाती है। यदि यही आपके साथ हो रहा है तो चिंता ना करें। यह व्रत कन्या के विवाह के अंदर होने वाली बाधाओं को दूर करने का काम करता है। इसके लिए आप खुद व्रत रख सकती हैं। जिससे कि आपके विवाह के अंदर होने वाली बाधाएं खत्म हो जाएंगी । इस तरह से सब कुछ फायदेमंद हो जाता है।
मनचाहा जीवन साथी मिलता है
दोस्तों आपको तो पता ही है। कि हर लड़की की यह इच्छा होती है कि उसको इस तरह का पति मिले जोकि उसे भरपूर प्यार करता है। और उसकी पंसद का लड़का मिलें । यही वह चाहती है। और यदि आप भी इस प्रकार की इच्छा रखती हैं तो आपको चाहिए कि आप महाशिवरात्री का व्रत करें । इससे आपकी इच्छा पूर्ण होगी । आपको इसके बारे मे समझना चाहिए । वैसे आपको बतादें कि लड़की के लिए एक अच्छा लड़का मिलना बहुत ही जरूरी होता है। यदि लड़का अच्छा नहीं मिलता है तो फिर समस्या हो सकती है। एक शराबी और गलत संगत के अंदर पड़े हुए लड़के से यदि लड़कियां शादी कर लेती हैं तो उसके बाद समस्या हो जाती है। और बात परेशानी वाली होती है। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए । आजकल देखा होगा कि माता पिता जब अपनी लड़की की सगाई करते हैं तो सबसे पहले यही बात देखते हैं कि लड़का शराबी है या नहीं । यदि लड़की वालों को यह पता चल जाता है कि लड़का शराबी है तो उसके बाद वे सगाई करने से इंकार कर देते हैं। इस तरह से आप समझ सकते हैं कि एक अच्छा लड़का सगाई के लिए कितना जरूरी हो जाता है।
मानसिक बल के अंदर बढ़ोतरी होती है।
दोस्तों आपको बतादें कि शिवजी चंद्रमा के स्वामी हैं और चंद्रमा को सिर पर धारण करते हैं।इसकी वजह से भगवान शिव चंद्रशेखर भी कहलाते हैं। आपको पता होना चाहिए ।और लोग सफेद दूध आक का दूध और सफेद चंदन आदि का अभिषेक करते हैं और यह सब चंद्र की वस्तुए मानी जाती हैं। और इस तरह से शिवजी के साथ ही चंद्रमा की भी पूजा होती है। जिसकी वजह से चंद्रमा बलवान होता है। और इसकी वजह से आपके अंदर मानसिक बल बढ़ने का काम करता है। तो आप समझ सकते हैं कि यह काफी फायदेमंद होता है। आपका मानसिक बल जब बढ़ जाता है तो फिर आप आसानी से कई तरह के निर्णय ले सकते हैं और कई तरह की समस्यओं का हल आसानी से कर सकते हैं। कुल मिलाकर आप यह कह सकते हैं कि शिवजी की पूजा करने से मानसिक बल के अंदर काफी बढ़ोतरी होती है। जोकि काफी फायदेमंद है।
महाशिवरात्री की पूजा से मानसिक शांति मिलती है
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादें कि जब आप शिवरात्री को पूजा करने के लिए जाते हैं किसी मंदिर के अंदर तो आपको मानसिक शांति मिलती है। और आपने यह भी देखा होगा कि मन के अंदर जो उथल पुथल मची हुई होती है वह मंदिर के अंदर जाने के बाद अपने आप ही समाप्त हो जाती है। क्योंकि मंदिर के अंदर एक खास प्रकार की उर्जा होती है जोकि आपके मन को शांत करने का काम करती है। यदि कोई डिप्रेशन के अंदर है तो उसे यह चाहिए कि वह रोज मंदिर मे जाए धीरे धीरे अपने आप ही उसका डिप्रेशन समाप्त हो जाएगा । यही उसके लिए फायदे मंद होगा । मंदिर के अंदर बैठकर ध्यान भी किया जा सकता है। जिससे भी डिप्रेशन पर असर पड़ता है ।
व्रत रखने के वैज्ञानिक फायदे
दोस्तों अबतक तो हमने व्रत रखने के कुछ ज्योतिषी फायदों के बारे मे जाना लेकिन हम आपके व्रत करने के वैज्ञानिक फायदों के बारे मे भी बता देते हैं। व्रत करने के कई सारे वैज्ञानिक फायदे होते हैं। और इन्ही फायदों के चलते व्रत को बनाया गया है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। तो आइए जानते हैं वैज्ञानिक क्या क्या बताते हैं व्रत करने के फायदे के बारे मे इनके उपर हम विचार करने का प्रयास करते हैं ताकि कुछ फायदा मिल सके ।
उपवास करने के फायदे संकल्प शक्ति मे सुधार होता है
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादें कि उपवास करने से संकल्प शक्ति के अंदर सुधार होता है। आब आपके दिमाग के अंदर यह आया होगा कि इससे आपकी संकल्प शक्ति के अंदर किस तरह से सुधार होता है तो दोस्तों जब आप उपवास करते हैं तो आपको भूख लगती लेकिन आप कुछ भी खा नहीं सकते हैं। तो यह मन के संकल्प मे बढ़ोतरी करता है। और उसके बाद आप जो ठान लेते हैं वह कर सकते हैं। कुल मिलाकर यदि आपको अपने मनोबल के अंदर बढ़ोतरी करनी है तो आपके लिए उपवास काफी फायदेमंद होता है। आपको एक बार उपवास करके देखना चाहिए । उसके बाद आप दूसरी चीजों को भी काफी बेहतर ढंग से हेंडल कर पाएंगे । इस तरह से यह सब चीजें आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं। जैसे कि आपके पास अच्छा मनोबल होता है तो आप जो कुछ भी ठान लेते हैं । आप आसानी से उसे पूरा कर सकते हैं। जोकि आपके अंदर एक तरह की योग्यता होती है।
व्रत करने के फायदे एकाग्रता मे सुधार होना
दोस्तों व्रत करने का एक बड़ा फायदा यह है कि यह एकाग्रता के अंदर सुधार कर सकता है। जैसे आप व्रत करते हैं तो उसके बाद आप खाना नहीं खाते हैं। जिसकी वजह से आपके पेट मे भी इसका एहसास होता है और बार बार आपका ध्यान खाने की तरफ जाता है। कुल मिलाकर यह आपकी एकाग्रता के अंदर सुधार कर सकता है। और यदि आप एक स्टुडेंट हैं तो आपके लिए एकाग्रता काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता भी होना चाहिए । तो इस तरह से यह आपकी एकाग्रता के अंदर सुधार करने मे सक्षम है।
ऐसा नहीं होता है कि आपने एक व्रत किया तो आपकी एकाग्रता के अंदर सुधार हो सकता है। आपको कई सारे व्रत करने होंगे और यह जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ शिवरात्री का व्रत करें आप किसी दूसरे व्रत को भी चुन सकते हैं। कुल मिलाकर यह भी व्रत करने का बड़ा फायदा है।
अधिक खाने की लत छुटाने मे आसानी
दोस्तों वैज्ञानिकों के अनुसार कुछ लोगों को खाने की काफी बुरी लत होती है। वे चीजों को बार बार खाना पसंद करते हैं। और पूरे दिन एक जानवर की तरह खाते ही रहते हैं। एक इंसान होने के नाते संयम बरतना चाहिए । खैर यदि आप भी बार बार खाने की लत से परेशान हैं तो व्रत आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। और आपको व्रत करना चाहिए ।
यदि आप व्रत रखते हैं तो इससे आपको ही फायदा होगा और आपकी जो खाने की आदत है। वह अपने आप ही दूर हो जाएगी तो आप इस तरह से समझ सकते हैं कि लत को आप किस तरह से दूर कर सकते हैं ? हम इंसान हैं और हमको हर चीज के अंदर संयमित जीवन जीना जरूरी होता है। यदि जीवन संयमित नहीं है तो फिर समस्याएं होंगी तो आपको चाहिए कि आप संयमित जीवन का चयन करें ।
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उपवास
दोस्तों रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता वह चीज होती है जोकि हमारी शरीर के रक्षा के लिए होती है। यदि शरीर के अंदर किसी भी तरह की रोग जनक इंटर करते हैं तो यह उनको नष्ट कर देते हैं। लेकिन यदि शरीर की रोग
प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होती है तो उसके बाद वह इन रोगजनक को नष्ट नहीं कर पाती है तो हम बीमार पड़ जाते हैं कोरोना काल के अंदर हमने देखा कि किस तरह से लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे ताकि कुछ फायदेमंद हो सके ।
ब्लड शुगर को कम कर सकता है
दोस्तों कुछ लोगों को ब्लड शुगर की काफी अधिक समस्या होती है। यदि आपको भी इस तरह की समस्या है तो उपवास करना काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि उपवास के अंदर ब्लड शुगर की समस्या काफी कम हो जाती है जोकि आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि जब आप खाना ही नहीं खाएंगे तो ब्ल्ड शुगर बढ़ने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। इस तरह से दोस्तों ब्लड शुगर यदि आपका अस्थिर है तो व्रत रखने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। उसका पालन आपको करना चाहिए यही आपके लिए सही होगा ।
कोलेस्ट्रॉल को कम करें
दोस्तों कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे भी व्रत काफी मदद कर सकता है। यदि हम बात करें कोलेस्टा्रॅल की तो यह दो प्रकार का होता है। एक कोलेस्ट्रॉल और दूसरा खराब कोलेस्ट्रॉल यह दोनों ही काफी फायदेमंद होते हैं। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। व्रत करने का फायदा यह है कि इससे अच्छा कोलेस्ट्रॉल को कम करने मे मदद मिलती है जोकि अपने आप मे एक अच्छी बात हो सकती है। और आपके शरीर के लिए इस तरह से व्रत भी काफी फायदेमंद हो सकता है।
ब्लडप्रेशर मे काफी फायदेमंद होता है उपवास
दोस्तों यदि हम बात करें ब्लडप्रेशर की तो ब्लड प्रेशर के अंदर उपवास काफी फायदेमंद हो सकता है। कारण यह है कि जब आप खाना नहीं खाते हैं तो ब्लडप्रेशर नहीं बढ़ता है। रिसर्च मे यह कहा गया है कि यदि आप 16 घंटे मे केवल 8 घंटे खाना खाते हैं तो इससे आपका ब्लडप्रेशर काफी कम हो जाता है। वैसे आपको बतादें कि ब्लडप्रेशर का इलाज योग ही होता है। बाकी आप किसी भी तरह की दवाएं लेलें इसका इलाज नहीं हो सकता है। आप दवाएं बस लेते रहें। आप इस बात को समझ सकते हैं कि जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है उनको चाहिए कि वे खान पान पर ध्यान दें और ऐसी किसी भी चीज का सेवन करने से बचे जोंकि ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करती हो । यदि आप यह सब चीजें खाते रहेंगे तो फिर बीमारी काफी विकट हो जाएगी और समस्या काफी भयंकर रूप से बढ़ सकती है। आपको इस बात को अच्छी तरह से समझना चाहिए ।
त्वचा के लिए के लिए फायदेमंद होता है व्रत करना
दोस्तों आपके दिमाग के अंदर यह आ रहा होगा कि किस तरह से व्रत त्वचा के लिए फायदेमंद हो सकता है ? तो दोस्तों आपको बतादें कि कुछ लोग अधिक तैलिय चीजों को खाना पसंद करते हैं। और इसकी वजह से उनके शरीर पर कील और मुंहासे हो जाते हैं। जिसके चलते उनके चेहरे की सूरत ही बदल जाती है।
आप इस तरह से समझ सकते हैं। लेकिन वे उपवास रखते हैं तो इसका फायदा उनको मिलता है। इससे उनके शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और इस तरह से कील मुंहासे ठीक हो जाते हैं और उनकी त्वचा काफी सुंदर और चमकदार बन जाती है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि व्रत करना आपकी त्वचा को सुंदर और चमकदार बनाने का काम करती है। आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से समझना चाहिए । यही आपके लिए फायदेमंद होगा ।
अपच की समस्या ठीक हो जाती है
दोस्तों कई बार खाना खाने की वजह से अपच की समस्या हो जाती है या पेट खराब हो जाता है। आमतौर पर हम अधिक से अधिक खाना खाते हैं और हमारे पाचन तंत्र को इतना अधिक काम करना पड़ता है कि पूछो मत कभी तो पाचन तंत्र को भी ब्रेक देना जरूरी हो जाता है। खैर व्रत के अंदर आप अपने पाचन तंत्र को ब्रेक देने का काम करते हैं जोकि काफी फायदेमंद होता है। और यह आपके लिए पूरी तरह से उपयोगी भी होता है। यदि आपको अपच की समस्या हुए है तो कुछ घंटो के लिए आपको खाना नहीं खाना चाहिए । यही आपके लिए सही रहेगा । जब समस्या ठीक हो जाए तो उसके बाद आप खाना खा सकते हैं।
व्रत करने के फायदे वजन को कम करता है
दोस्तों व्रत करने का एक और फायदा यह है कि यह वजन को कम करता है। दोस्तों आजकल यह देखने मे आया है कि कुछ लोगों का वजन काफी अधिक होता है। और वे वजन को कम करने के कई सारे उपाय कर चुके होते हैं। लेकिन अधिक फायदा नहीं मिल पाता है।
वजन को कम करने का एक तरीका उपवास भी है। जब आप एक दिन खाना नहीं खाते हैं तो आपकी अतिरिक्त फैट कम हो जाती है। आप कुछ दिन उपवास करके देख सकते हैं। आपका वजन कम हो जाएगा । खास कर उन लोगों का वजन अधिक हो जाता है जोकि शारीरिक श्रम नहीं करते हैं।और वैसे भी मसीनों के अधिक आ जाने की वजह से इंसान के पास उतना जी तोड़ मेहनत का काम नहीं रहा है। इस वजह से उसका पेट बाहर निकल आता है। लेकिन व्रत करने पर फायदा हो सकता है।
व्रत करने के नुकसान
दोस्तों व्रत करने के जहां पर अनेक फायदे होते हैं। वहीं इसके कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं। हालांकि यदि आप इन नुकसान पर नजर डालेंगे तो आपको पता चलेगा कि नुकसान की बजाय व्रत करने के फायदे अधिक हो रहे हैं तो आइए जानते हैं नुकसान के बारे मे ।
- व्रत करने के नुकसान यह है कि पेट मे भूख लगी होने की वजह से नींद आने मे समस्या होती है। आप भूखे पेट कभी भी ठीक से सो नहीं सकते हैं। तो यह एक आम समस्या होती है जो बाद मे अपने आप ही ठीक हो जाती है।
- कुछ लोगों को भूखे पेट अधिक पानी और चाय पीने की वजह से पेट गैस की समस्या देखने को मिल सकती है। यदि पेट गैस की समस्या है तो पेट गैस को कम करने के लिए चूर्ण आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है। या फिर खाली पेट वाली दवा का सेवन कर सकते हैं। यही भी काफी फायदे मंद होती है।
- यदि आप अधिक व्रत रखते हैं तो आपको पोषक तत्वों की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप अधिक व्रत रखते हैं तो अधिक पोषक तत्वों का सेवन करें । इससे आपको फायदा होगा और कमजोरी भी महसूस नहीं होगी ।
- कुछ लोगों के अंदर व्रत रखने से चिड़चिड़ापन की शिकायत भी देखने को मिल सकती है। और उनका दिमाग अस्थिर हो सकता है। यदि ऐसा है तो इस तरह के लोगों को व्रत कम ही करना चाहिए ।
तो यह थे व्रत करने के नुकसान जिनके बारे मे आपने विस्तार से जाना । वैसे देखा जाए तो यह नुकसान व्रत करने के फायदे की तुलना मे काफी कम हैं। और व्रत किसी तरह का भयंकर नुकसान पैदा नहीं करता है।
शिवरात्री व्रत कथा
दोस्तों शिवरात्री की व्रत कथा के बारे मे हम बताना चाहते हैं जो व्रत करते वे यह सुनते हैं।
दोस्तों प्राचीन काल की बात है। एक गांव के अंदर शिकारी रहता था वह जानवरों की हत्या करके अपने परिवार का पेट पालता था। और एक साहुकार से उसने धन दिया था तो वह शिकार उस धन को नहीं चुका पाया था। जिसकी वजह से शिकारी ने उसको बंधी बना लिया था। जिस जगह पर शिकारी को बंधी बनाया गया था वह एक शिवालय था।
उस शिव मठ के अंदर शिकारी जब बंधी रहा तो उसने वहां पर शिवरात्री के दिन कथा सुनी और उसके बाद दूसरे दिन साहुकार ने शिकारी को बुलाया और धन को चुकाने के बारे मे पूछा । उसके बाद शिकारी ने भी धन को चुकाने के बारे मे बोला और वहां से चला गया । मतलब शिकारी को साहुकार ने मुक्त कर दिया ।
उसके बाद जब शिकारी जंगल के अंदर गया तो वहां पर वह बंधी मे रहने के कारण काफी भूख हो गया और उसके बाद वहीं पर शिवलिंग था जो बेलपत्र से ढका हुआ था। शिकारी को इसके बारे मे पता नहीं था तो वह जब बेलपत्र के पास खड़ा था तो अनयास ही बेलपत्र शिवलिंग पर उसके हाथों से गिर गया । इस तरह से उसका व्रत
हो गया । उसके बाद शिकारी ने देखा कि एक हिरणी वहां पर आ रही है पानी पीने के लिए जैसे ही शिकारी ने उसको मारना चाहा तो उसने कहा ….मुझे मत मारों मैं अपने बच्चों को जन्म देने वाली हूं। क्या तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे ।मैं अपने बच्चों को जन्म देकर फिर तुम्हारे पास आ जाउंगी ।और उसके बाद शिकारी ने उसे जाने दिया ।
फिर कुछ ही समय बाद एक और हिरणी वहां से निकली तो शिकारी ने उसे मारना चाहा लेकिन वह बोली …..हे शिकारी मे कामातुर हिरणी हूं और अपने प्रिय की खोज कर रही हूं । और अपने पति से मिलकर शिघ्र ही तुम्हारे पास आउंगी । तो शिकारी ने उसे भी जाने दिया ।
उसके बाद शिकारी का माथ ठनका की उसने गलती करदी जो हाथ मे आये शिकारी को जाने दिया । उसके बाद उसने देखा कि एक और हिरणी अपने बच्चों के साथ आ रही है तो शिकारी ने उसे मारना चाहा तो वह बोली ……मैं एक बार इन बच्चों को इनके पिता के पास छोड़ आती हूं ।
उसके बाद शिकारी बोला ……मैं दो बार शिकार को छोड़ चुका हूं । और मेरे बच्चे भी भूखें हैं। और रात भी हो चुकी है।
उसके बाद हिरणी बोली …….जिस तरीके से आपको अपने बच्चों की चिंता है। उसी तरीके से मुझे भी अपने बच्चों की चिंता हैं मैं जरूर ही आउूंगी मैं आपको वचन देती हूं ।बेलवृक्ष पर बैठा शिकारी ऐसे ही पत्तों को तोड़ कर नीचे फेंकता रहा और उसके बाद जब सुबह हो गई तो उसने देखा कि एक हष्ट पुष्ट मर्ग उनके सामने आया । और शिकारी ने सोचा की अब वह इसका अवश्यक ही शिकार करेगा । और शिकारी शिकार करने ही वाला था कि तभी मर्ग बोला इसे पहले आने वाली हिरण्यिों को यदि तुमने मार डाला है तो मुझे भी मारने मे विलम्ब ना करों । और यदि तुमने उसको जीवनदान दिया है तो मुझे भी जीवनदान देने की क्रपा करें । और उसके बाद उसने कहा कि मेरी तीन पत्नीया जिस तरह से गई हैं। यदि मेरीद मौत हो जाएगी तो वे अपनी प्रतिज्ञा
का पालन नहीं कर पाएंगी । और आप मुझे भी जाने दों । मैं उनसे मिलकर जल्दी ही आपके सामने आ जाउंगा ।
और उसके बाद भगवान शिव के शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की वजह से हिंसक शिकारी का हर्ट निर्मल हो गया और अपने पहले किये गए कर्मो की वजह से उसे काफी पछतावा होने लगा । उसके वह शिकारी पछाताप की अग्नि के अंदर जल रहा था।और इसके कुछ ही समय बाद सारा मृग परिवार वहां पर उपस्थित हुए और फिर शिकारी ने जब यह देखा कि उससे तो जानवर ही ठीक हैं जोकि अपनी प्रतिज्ञा पर कायम रहते हैं तो उसके बाद उसने सदा के लिए अपने शिकारी पन को त्याग दिया और फिर देवताओं ने पुष्प की वर्षा की जिससे सभी को मोक्ष की प्राप्ति की ।
शिवरात्री की पूजा विधि
शिवरात्री की पूजा विधि काफी सरल होती है। और यह काफी फायदेमंद भी होती है।महाशिवरात्रि को पूजा पूरे दिन की जाती है। और सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक इसकी पूजा की जाती है।शिवजी पूजा करने से वे काफी जल्दी ही खुश हो जाते हैं ।इस तरह से यह काफी उपयोगी होता है। वैसे पूजा महूर्त आप अखबारों और इंटरनेट पर देख सकते हैं। आपको यहां पर यह सब आसानी से देखने को मिल जाएगा ।व्रत रखेने वाले दिनभर शिव मंत्र (ऊं नम: शिवाय) का जाप करें तथा पूरा दिन निराहार रहें। और आप चार प्रहर मे से किसी भी प्रहर को शिव की पूजा कर सकते हैं। चारो प्रहर को पूजा करने का विधान है।
उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुंड एवं रुद्राक्ष धारण करके पूजा का संकल्प इस प्रकार लें-
ममाखिलपापक्षयपूर्वकसलाभीष्टसिद्धये शिवप्रीत्यर्थं च शिवपूजनमहं करिष्ये
- जो इंसान व्रत रखता हो उसे चाहिए कि वह फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से रात के चारों प्रहर में शिवजी की पूजा करनी चाहिए साथ ही भोग भी लगाना चाहिए।
- दूध, दही, घी, शहद और शक्कर आदि से शिवलिंग को स्नान किया जाना चाहिए ।
उसके बाद भगवान शिव की आरती करनी चाहिए ।
उसके बाद अंतिम प्रार्थन इस प्रकार से करनी चाहिए
नियमो यो महादेव कृतश्चैव त्वदाज्ञया।
विसृत्यते मया स्वामिन् व्रतं जातमनुत्तमम्।।
व्रतेनानेन देवेश यथाशक्तिकृतेन च।
संतुष्टो भव शर्वाद्य कृपां कुरु ममोपरि।।
क्या हर देवता का उपवास करना जरूरी है ?
नहीं हर देवता का उपवास करना जरूरी नहीं है। आपको उपवास उसी देवता का करना चाहिए जिसको आप मानते हैं जो दिल के करीब है। वैसे आप हर देवता का उपवास कर सकते हैं फल तो मिलेगा ही । हालांकि यह पूरी तरह से आपक उपर निर्भर करता है।
उपवास मे फलाहार लिया जा सकता है ?
हां कुछ उपवास ऐसे होते हैं जिनके अंदर आप फलाहार ले सकते हैं। यह उपवास के प्रकार पर निर्भर करता है। लेकिन कुछ उपवास ऐसे होते हैं जिनके अंदर आप कुछ भी सेवन नहीं कर सकते हैं। मतलब यह है कि आप उनके अंदर पानी भी नहीं पी सकते हैं।
क्या उपवास के अंदर झूठ नहीं बोलना चाहिए ?
दोस्तों यदि आप उपवास करते हैं तो आपको चाहिए कि आप तमाम बुरे कामों से बचें । यदि आप उपवास के अंदर भी बुरे काम करते हैं तो फिर कोई भी फायदा नहीं होगा उल्टा आपका नुकसान होगा । जो लोग बुरे किस्म के हैं वे उपवास तो करते हैं लेकिन इससे उनको काफी नुकसान होता है तो व्रत के अंदर आप झूठ ना ही बोलें तो अच्छा है।
किन लोगों को व्रत नहीं करना चाहिए
वैसे तो सभी लोग ही व्रत कर सकते हैं। लेकिन यदि आप काफी अधिक बीमार हैं तो आपको व्रत नहीं करना चाहिए । क्योंकि आपको इससे काफी परेशानी हो सकती है। आप समझ सकते हैं।
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