sarv shabd roop सर्व पुल्लिंग शब्द के रूप सर्व पुल्लिंग शब्द के रूप के बारे मे हमने आपको नीचे दिया है आप देख सकते हैं और इसकी एक लिस्ट आपको दी गई है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
सर्व के शब्द रूप – Sarv Sabd Roop Pulling
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सर्व: | सर्वौ | सर्वे |
द्वितीया | सर्वम् | सर्वौ | सर्वान् |
तृतीया | सर्वेण | सर्वाभ्याम् | सर्वै: |
चतुर्थी | सर्वस्मै | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
पंचमी | सर्वस्मात् | सर्वाभ्याम् | सर्वेभ्य: |
षष्ठी | सर्वस्य | सर्वयो: | सर्वेषाम् |
सप्तमी | सर्वस्मिन् | सर्वयो: | सर्वेषु |
दोस्तों प्राचीन काल की बात है। एक गांव के अंदर दो गरीब लोग रहा करते थे । एक का नाम मोनू था और दूसरे का नाम सोनू था । जो मोनू था वह काफी अच्छा इंसान था लेकिन सोनू कोई अच्छा इंसान नहीं था । काफी दिनों से दोनो ही बेरोजगार बैठे थे जो धन जमा किया था वह सब तो वे दोनो खा चुके थे । अब उनके पास खाने की समस्या पैदा हो गई थी ।सोनू ने एक दिन मोनू से कहा कि चलों कहीं पर नौकरी करने के लिए चलते हैं तो मोनू भी काफी गरीबी से परेशान हो चुका था तो उसके बाद उसने नौकरी करने का विचार किया । उसके बाद दोनो ही नौकरी करने के लिए चल निकले ।
दूर तक जंगलों से होते हुए वे एक शहर के अंदर पहुंच गए । दोनों को शहर के बारे मे कोई भी जानकारी नहीं थी। सोनू और मोनू को यह देखकर आश्चर्य हो रहा था कि दुकान तो लगी हुई हैं लेकिन उन दुकानों के अंदर कोई भी नहीं था। आस पास खरीदने वालों की भीड़ लगी हुई थी। वे भी एक दुकान के अंदर घुस गए तो दोनों ने देखा कि सब लोग अपने आप ही सामान लेते हैं और सामान के उपर कीमत लिखी हुई रहती है। और उस पैसे को गल्ले के अंदर डाल देते हैं और अपना नाम पता लिखते हैं और उसके बाद चले जाते हैं। सोनू को यह सब अजीब लग रहा था तो सोनू ने कहा ……भाई यहां पर हमको कैसे काम मिल सकता है ? यहां तो खुद ही कोई काम नहीं करता है। तो मोनू ने समझाया कि यहां पर लोग ऐसे ही काम करते हैं।
शायद शाम के समय दुकान के मालिक आते हैं और उसके बाद अपने पैसे ले जाते हैं और नए सामान को रख जाते हैं। उसके बाद मोनू ने कहा कि क्यों ना भाई हमको भी यहां पर दुकान लगानी चाहिए और हम दुकान लगाकर सामान रख देते हैं और कस्टमर अपने आप ही ले जाएंगे ।
लेकिन सोनू को यह विचार पसंद नहीं आया उसके दिमाग के अंदर तो कुछ और ही चल रहा था । लेकिन मोनू दूसरे ही दिन कुछ खाने पीने की चीजों को मार्केट से वैसे ही खरीद लाया और एक इंसान से कुछ पैसा उधार लेलिया । वहां पर इस प्रकार की व्यवस्था थी कि किसी को भी आसानी से पैसा उधार मिल सकता था। और उसके बाद एक रेहडी पर बेचने के लिए सामान रखदिया और मोनू अपने घर पर सोया रहा । शाम को दुकान पर जाकर देखा तो उसका सारा सामान बिक चुका था और गल्ले के अंदर कुछ पैसे रखे हुए थे । इसकी वजह से मोनू काफी खुश हो गया । और इस तरह से वह अपने बिजनेस को धीरे धीरे आगे बढ़ाने लगा ।
लेकिन सोनू अपराधी किस्म का इंसान था तो वह इस तरह के किसी भी बिजनेस को करना नहीं चाहता था तो उसने एक नई तरकीब निकाली और वह शाम होते हैं अपने मकान से निकल जाता और एक दुकान के अंदर घुसता है और वहां से कुछ पैसा उठा लेता है। इस तरह से उसने शाम तक बहुत सारा पैसा एकत्रित कर लिया । वह काफी खुश हो रहा था । और उसे लग रहा था कि यहां के लोग तो काफी बेवकूफ हैं । तो वह काफी मस्त से जीवन यापन करने लगा । कुछ दिन इसी तरह से बीतने लगे । सोनू फिर से वही शाम को करता और अपने पास बहुत सारे पैसा एकत्रित कर लिया । उधर मोनू काफी अधिक मेहनत कर रहा था । उसके पास काफी कम पैसा एकत्रित हो रहा था।
सोनू के दिन काफी अच्छे बितने लगे । लेकिन एक दिन सोनू दुकान से चोरी कर रहा था तो किसी ने उसको देख लिया और राजा को सूचना दी । इतने मे राजा के सेनिक वहां पर आ गए और सोनू को उठा ले गए । उधर सोनू को राजा के सामने पेश किया गया । तो सोनू हंसते हुए बोला …………इस राज्य के लोग काफी बेवकूफ हैं और ऐसे ही अपनी दुकान छोड़ दिया तो मैंने चोरी करली । उसके बाद राजा को गुस्सा आ गया और उसने सोनू को सौकोड़े मारने का आदेश दिया । सोनू को सौ कोड़े लगाए गए तो वह डर से कांपने लगा और चिल्लाने लगा ।
…….अच्छा तो बताओं कहां कहां से कितने पैसे तुमने चुराये हैं। और वो कहां हैं।
सोनू ने सारा सच्च उगल दिया फिर क्या था राजा के आदमी गए और मोनू को भी उठाकर लाया गया । मोनू से राजा ने कहा ……….तुम्हारे दोस्त ने चोरी की इसके बारे मे तुम को पता था ?
…….नहीं महाराज मुझे पता नहीं था । मैं तो मेहनत की कमाई करता हूं । आप जानते ही हैं।
……..हां हमें सब कुछ पता । अगर तुम्हें इसके बारे मे पता होता और अगर तुमने यह बात छिपाई होती तो आज तुम्हारी भी यहां पर पिटाई होती । यह मत भूलों की हम चोरों को जिंदा ही तारों पर लटका देते हैं और इस तरह के चोरों को खाना पीना देना बंद कर देते हैं। यकीन नहीं आता है तो आप पीछे जाकर देख सकते हैं। 1000 चोर तारों पर लटके हुए हैं । और उनको रोज कोड़ों से मारा जाता है। अलग अलग तरह की सजाएं दी जाती हैं ।उसके बाद मोनू ने पीछे जाकर देखा तो वहां पर काफी तेज बदबू आ रही थी और कुछ चोर जिंदा थे वे चिल्ला रहे थे । उसके बाद सोनू को भी वहां पर एक तार से लटका दिया गया । बेचारा मोनू कुछ नहीं कर सकता था। क्योंकि उसे पता था कि यदि वह जरा सी भी अपने पड़ोसी की सपोर्ट लेगा तो फिर उसका भी बहुत बुरा हाल होगा । और उसके बाद उसने राजा से कहा कि वह गलत नहीं है। उसको छोड़ दिया जाए तो राजा ने कहा कि यहां पर सच्चे इंसानों का सम्मान होता है तुम जाकर अपना काम कर सकते हों । यदि कुछ भी चोरी करने की गलती की तो इसका अंजाम तुम देख ही चुके हो मोनू बुरी तरह से डर गया ।
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