pustak shabd roop in sanskrit पुस्तक शब्द रूप इन संस्कृत अकारांत नपुंसकलिंग पुस्तक है। हम आपको पुस्तक शब्द रूप के बारे मे विस्तार से बता रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा । इसके बारे मे हम आपको नीचे दे रहे हैं। और यदि आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
pustak shabd roop in sanskrit पुस्तक शब्द रूप इन संस्कृत
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | पुस्तकम् | पुस्तके | पुस्तकानि |
द्वितीया | पुस्तकम् | पुस्तके | पुस्तकानि |
तृतीया | पुस्तकेन | पुस्तकाभ्याम् | पुस्तकैः |
चतुर्थी | पुस्तकाय | पुस्तकाभ्याम् | पुस्तकेभ्यः |
पंचमी | पुस्तकात् | पुस्तकाभ्याम् | पुस्तकेभ्यः |
षष्ठी | पुस्तकस्य | पुस्तकयोः | पुस्तकानाम् |
सप्तमी | पुस्तके | पुस्तकयोः | पुस्तकेषु |
सम्बोधन | हे पुस्तकम् ! | हे पुस्तके ! | हे पुस्तकानि ! |
दोस्तों आपको पता ही है कि किताबें हमारे जीवन का अहम हिस्सा होती हैं और किताबों से ही हमें ज्ञान प्राप्त होता है। यदि हमारे पास किताबें नहीं होती तो हम काफी अधूरे रह जाते । बचपन के अंदर जब हम स्कूल जाते हैं तो सबसे पहले बारा पाला किताबों से ही पड़ता है। जब पहली कक्षा के अंदर होते हैं तो हमारे हाथ के अंदर एक पौथी दी जाती है और उस पौथी के अंदर कुछ बेसिक चीजें होती हैं उनको हमको सीखना होता है। हम इसके लिए काफी कुछ प्रयास करते हैं और उसके बाद सीखते चले जाते हैं।
और जब दूसरी कक्षा वैगरह के अंदर जाते हैं तो वहां पर हमको अलग तरह की किताबें दी जाती हैं और उन किताबों को पढ़ाया जाता है आपको पता ही है कि उन किताबों की मदद से हम बहुत कुछ सीखते हैं और उसके बाद जैसे जैसे हम आगे की पढ़ाई करते जाते हैं
हमारे पास नई नई किताबें आती जाती हैं और हम सीखते चले जाते हैं। दोस्तों किताबों की दुनिया ही निराली होती है। आज से कुछ साल पहले की बात करें तो एक समय ऐसा जमाना हुआ करता था कि किताबों को हर जगहों पर बेचा जाता था जैसे रेल्वे स्टेशन और दूसरे कहीं पर भी लेकिन आज का दौर थोड़ा बदल गया है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसका कारण यह है कि इंटरनेट आ चुका है तो अब किताबों का उतना महत्व नहीं रह गया है और लोगों को यदि कुछ भी पढ़ना होता है तो वे सीधा ही इंटरनेट पर ही सर्च कर लेते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और उनको इंटरनेट पर अपने प्रश्न का फ्री के अंदर ही उत्तर मिल जाता है तो किताबों के लिए कौन पैसा देगा आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
और दूसरा मोबाइल का भी किताबों के वर्चस्व को कम करने मे उपयोग रहा है। पहले मोबाइल वैगरह नहीं था तो लोग सफर के दौरान कोई उपन्यास लेकर बैठ जाया करते थे लेकिन आजकल कोई भी ऐसा नहीं करता है। यदि हम सफर के दौरान होते हैं तो उसके बाद मोबाइल के अंदर गेम खेलने लग जाते हैं या फिर गाने सुनने लग जाते हैं।
दोस्तों इस दुनिया के अंदर कुछ अच्छी किताबें भी लिखी गई हैं तो कुछ बुरी किताबें भी लिखी जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और बहुत से लोगों की मानसिकता ही घटिया किस्म की होती है तो वे इसी तरह की किताबें लिखते हैं।
रियल धर्म ग्रंथों के अंदर मिलावट करना भी एक प्रकार का गम्भीर मसला है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । लेकिन इसके उपर बोलने वाला कोई भी नहीं है आप इस बात को समझ सकते हैं। खैर जो भी हो आजकल समाज को किसी तरह से बहकाने और बरगलाने का काम राक्षस लोग करते हैं । यह कोई आज की कहानी नहीं है।
इस धरती पर सदा से ही राक्षस लोग रहे हैं। और इसके अंदर कोई शक नहीं है। राक्षस लोगों का मैन मकसद यही होता है कि किसी तरह की शांति समाज के अंदर ना आ जाए । दोस्तों सबसे बड़ी बात यह है कि आजकल के लोग सत्य को नहीं जानते हैं। और किताबें तो पढ़ना भी हर किसी ने छोड़ ही दिया है तो फिर उनको सत्य का पता कभी चलता भी नहीं है आप इस बात को समझ सकते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर कुछ भी नहीं हो सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । जो खुद कभी सही किताबें पढ़कर नहीं देखते हैं उनको बरगलाने का काम बहुत ही आसानी से हो जाता है।
लेकिन जिन लोगों को पता होता है उनको कोई आसानी से बरगला नहीं सकता है। दोस्तों कहा जाता है कि इंसान को कभी भी किताबों को पढ़ना नहीं छोड़ना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आप किताबों को पढ़ना छोड़ देते हैं तो उसके बाद कुछ नहीं हो सकता है। क्योंकि किताबों ही आपको बहुत कुछ सीखाती हैं।
अच्छी किताबें आपको इतना कुछ सीखा देती हैं जितना की आपका कोई टीचर नहीं सीखा पाता है आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
इसलिए आपको हमेशा अपने घर के अंदर अच्छी किताबों को रखना चाहिए । हो सकता है कि आप उसे बार बार नहीं पढ़ सकते हैं लेकिन आपको उनको कम से कम जीवन मे एक बार तो पढ़ना ही चाहिए ताकि आपके अंदर कुछ अच्छे संस्कार तो आए ही जाएंगे ।
आपको पता है कि भारत के अंदर आसानी से हर कोई धर्म को अपना धंधा क्यों बना लेता है ? इसका कारण यही है कि यहां पर कोई भी अपने धर्म की किताबों को ठीक तरह से नहीं पढ़ पाता है जिसका फायदा सदैव बुरे लोग उठाते हैं और धर्म को धंधा बना लेते हैं।
और बहुत सारे लोग उनकी बातों मे आ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है कि गुरू किसी योग्य इंसान को बनाना चाहिए लेकिन लोग एक राक्षस को गुरू बनाकर बैठ जाते हैं और वही राक्षस मरने के बाद भूत प्रेत बन जाता है ।
क्योंकि उसके जो कर्म होते हैं वे राक्षस वाले होते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर क्या हो सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं। क्या आप यह सोच सकते हैं कि उस इंसान का कल्याण हो सकता है जोकि भूतों की पूजा करते हैं ।
इसलिए आपको चाहिए कि आप हमेशा सही लोगों से जुड़े और धर्म के नाम पर धंधा करने वाले लो
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