‌‌‌साधु का शब्द रूप shabd roop of muni and sadhu in sanskrit

साधु का शब्द रूप sadhu shabd roop in sanskrit दोस्तों इस लेख के अंदर हम आपको साधु के शब्द रूप के बारे मे बता रहे हैं। और नीचे इसके बारे मे दिया गया है आप देख सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि हमारा प्रयास आपको पसंद आएगा ।

shabd roop of muni and sadhu in sanskrit ‌‌‌साधु का शब्द रूप

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा साधुः साधू साधवः
द्वितीया साधुम् साधू साधून्
तृतीया साधुना साधुभ्याम् साधुभिः
चतुर्थी साधवे साधुभ्याम् साधुभ्यः
पञ्चमी साधोः साधुभ्याम् साधुभ्यः
षष्ठी साधोः साध्वोः साधूनाम्
सप्तमी साधौ साध्वोः साधुषु
सम्बोधन हे साधो! हे साधू ! हे साधवः !

‌‌‌दोस्तों आपको बतादें कि साधु का अर्थ होता है एक ऐसा इंसान जिसने साधुत्व धारण किया है जिसने सन्यास लेलिया है। यहां पर संयास का अर्थ होता है जोकि अपनी वासनाओं का त्याग कर चुका है वही असली साधु होता है। वैसे आपको बतादें कि साधु सिर्फ भगवा वस्त्रों को धारण करने से नहीं होता है। साधु एक ‌‌‌ग्रहस्थी भी हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । असल मे आजकल क्या हो रहा है कि हर कोई साधु बना घूम रहा है । आप इस बात को समझ सकते हैं।

shabd roop of muni and sadhu in sanskrit

‌‌‌और सबसे बड़ी बात यह है कि आजकल सतयुग से अधिक मोक्ष देने वाले हो चुके हैं। यदि आप देखेंगे तो इतने अधिक गुरू घूम रहें और दूसरे लोगों को कोस रहें हैं मोटी मोटी किताबें लेकर यह सिद्ध करने की कोशिश मे लगे हैं कि देखों दूसरा झूठ बोल रहा है वे ही असली संत हैं।

‌‌‌मैं इस तरह के पाखडियों का नाम नहीं बताना चाहता हूं । लेकिन आपको बतादूं कि इन गुरू को इतना अधिक डर बना रहता है कि खुद को बुलेट फूफ जैकेट के अंदर रखते हैं इसकी तरह के कांच के अंदर खुद को रखते हैं कि उनकों कहीं कोई गोली ना मारदे । मौत का इतना खौफ भला कौनसे साधुओं के अंदर होने लगे । हालांकि यह ‌‌‌सब पैसा कमाने का खेल होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और उनके जैसी ही जनता होती है वह धर्म ग्रंथों को कभी पढ़ती नहीं है और बाबा की वाहावाही करती है। असल मे लोगों को लगता है कि बाबा काफी चमत्कारी हो गया  है।

‌‌‌और यह चमत्कारी बाबा एसी के अंदर रहते हैं । उनसे बाहर नहीं निकलते हैं। और लोग उनको पूजते हैं। दोस्तों असली साधु जब आपके सामने आ जाएगा तो आपको किताब पढ़कर यह नहीं बताएगा कि कौन परमात्मा है और कौन नहीं है ? वह आपका हाथ पकड़ कर दिखा सकता है। उनके अंदर उतनी ताकत होती है लेकिन उनको कभी भी अपनी ‌‌‌शक्ति को दिखाने की जरूरत नहीं होती है और ना ही वे दिखाते हैं तो आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌आप आज के जमाने के अंदर इतने अधिक लोगों को देखेंगे जोकि साधु बन चुके हैं। ऐसा नहीं हैं  कि सभी लोग नकली हैं। बहुत से असली साधु भी हैं लेकिन असली अधिकतर केस के अंदर सामने नहीं आते हैं और उनको इसकी जरूरत भी नहीं होती है। लेकिन जो नकली होते हैं। वे इसके नाम पर बहुत अधिक धंधा करते हैं।

‌‌‌और अच्छे लोगों को बदनाम करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और सबसे बड़ी बात यह है कि कुछ लोग इन्हीं नकली साधु को अपना गुरू बना लेते हैं उनको लगता है कि वह उनका बेड़ा पार कर देगा  जबकि वह खुद का बेडा पार नहीं कर पा रहा है तो दूसरे का कैसे कर सकता है ?

‌‌‌लेकिन लोगों को विश्वास दिलाया जा सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । फिर भी आज हम एक बात कह सकते हैं कि लोग अनजाने मे ही सही लेकिन मोक्ष की तलास कर रहे हैं। उनको नहीं पता है कि वो मोक्ष कैसे ले सकते हैं लेकिन मोक्ष के लिए वे भटक रहे हैं। और बहुत से लोगों को यह लगता है कि ‌‌‌ एक बार यह बाबा नाम देदेंगे तो उसके बाद आसानी से मोक्ष मिल जाएगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और बस एक बार पासपोर्ट बन गया तो फिर सब कुछ सही हो जाएगा ।आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌दोस्तों बहुत लोगों को यह लगता है कि संत बनना काफी आसान काम है लेकिन आपको बतादें कि यह सबसे अधिक कठिन काम है। यदि आप एक सच्चे संत बनते हैं तो यह आपके लिए कोई आसान काम नहीं है। संत का भोग से दूर दूर तक नाता नहीं होता है। यदि आप सोच रहे हैं कि आप भोग भी करलेंगे तो और योग भी कर लेंगे तो यह ‌‌‌कम से कम आपके लिए संभव नहीं है। कोई भी इंसान जो संत बन चुका है वह भोग के अंदर रूचि रख ही नहीं सकता है। हां ऐसा नहीं है कि वह यदि ग्रहस्थ है तो हर काम को करेगा लेकिन बस दिखावे के लिए करेगा । तो दोस्तों आप इस बात को भूल ही जाएं

‌‌‌कि आप भोग और योग को एक साथ कर सकते हैं। यदि आपको भोग ही करना है तो बस भोग ही करना चाहिए आपको योग नहीं करना चाहिए।  या आप योग कर ही नहीं सकते हैं। और यदि आपको भोग नहीं करना है। आप सदा से ही योग करना चाह रहे थे तो फिर आपको योग ही करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना ‌‌‌ चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । इस तरह से दोस्तों संत बनना भी कोई आसान काम नहीं है। एक संत बनने के लिए कठोर साधनाएं करनी पड़ती हैं। और जरूरी नहीं है कि अंत समय तक हर कोई संत बना रह सकता है। असल मे कई बार संत बनने के बाद भी इंसान मार्ग से भटक जाता है।

‌‌‌इस तरह के लोग जो मार्ग से भटक जाते हैं उनकी गति भी काफी अच्छी होती है आप इस बात को समझ सकते हैं।  उन्होंने जो साधना की है वह कभी भी व्यथ नहीं जाती है आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसलिए आप इस जन्म मे जो भी साधना करते हैं वह कभी ‌‌‌ भी व्यर्थ नहीं जाएगी । आप इस बात को समझ सकते हैं। जिस प्रकार से आप एक क्लाश पास कर चुके हैं तो फिर आपको दूसरी बार अगली क्लाश पास करनी होती है । आपको फिर से पहली क्लाश के अंदर नहीं जाना पड़ता है। साधु बनने के मार्ग के अंदर भी आपको यही सब करना होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌उम्मीद करते हैं कि आपको साधु का शब्द रूप पसंद आया होगा । यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमसे पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।