सबसे खतरनाक जहर का नाम duniya ka sabse khatarnak jahar kaun sa hai जहर और मौत का गहरा रिश्ता है। क्योंकि जहर का इस्तेमाल ही मौत के लिये किया जाता है। जब भी जहर का हम नाम लेते हैं , तो वह अपने आप ही मौत के संग जुड़ जाता है। आए दिन इस तरह की खबरे आती रहती हैं , कि फलां इंसान ने जहर खालिया जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई । असल मे जहर कई तरह के होते हैं। हमारे यहां पर जो जहर मिलते हैं , वे काफी कॉमन होते हैं। और वे इतने गम्भीर नहीं होते हैं। लेकिन हम आपको यहां पर बताने वाले हैं दुनिया के सबसे डेंजर जहर के बारे मे जिनको खाने के बाद इंसान का जिंदा बचना काफी अधिक कठिन होता है।
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हेमलॉक duniya ka sabse khatarnak jahar kaun sa hai
हेमलॉक एक प्रकार का दुनिया का सबसे खतरनाक जहर होता है।यह एक प्रकार के पौधे से प्राप्त होता है , जोकि उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। और यह नदियों के किनारे झीलों के पास मे और धास के अंदर देखने को मिलता है।जड़, तना, पत्ते और फूल यह सभी जहरीले होते हैं।इस पौधे की जड़े पीली होती हैं और इसके गुलाबी फूल होते हैं।एक वयस्क के लिए 100 मिलीग्राम कोनियम काफी होता है। यदि कोई इस पौधे की बस 8 पतियों को खा लेता है , तो उसके बाद उसकी मौत पक्की हो जाती है।
इस जहर को खाने के बाद कई सारे लक्षण प्रकट होते हैं। जैसे कि
- मुंह में जलन
- मतली और उल्टी
- दस्त
- पेट में ऐंठन
- सिरदर्द
- धुंधली दृष्टि
- श्वास लेने में कठिनाई
- अनियमित दिल की धड़कन
- कोमा
इसलिए यदि आपको यह पौधा दिखाई देता है , तो आपको इस पौधे से दूरी बना लेनी चाहिए । नहीं तो यह आपकी जान भी ले सकता है।
वैसे इसके जहर का कोई इलाज नहीं है। मगर यदि कोई डॉक्टर के पास जाता है , तो इस पौधे के जहर को डॉक्टर बाहर निकालने का प्रयास करते हैं। जोकि एक बहुत ही कठिन काम होता है।
एकोनाइट जहर
एकोनाइट जहर भी काफी अधिक डेंजर होता है। यह उत्तरी गोलार्ध का देशज है और इसकी लगभग 100 जातियाँ ज्ञात हैं। भारत में भी इसकी कुछ जातियाँ पाई जाती हैं।एकोनाइट में एकोनिटिन नामक एक विषैला अल्कालॉइड होता है, और इस जहर के बारे मे यह कहा जाता है कि यदि कोई बिना दस्ताने पहने इस पौधे को छूता है , तो उसकी मौत हो सकती है। क्योंकि इसका जहर आपकी त्वचा के अंदर अपने आप ही चला जाता है।
- ज्वर
- दर्द
- सूजन
- पेट दर्द
- उल्टी
- दस्त
- सर्दी
- खांसी
जैसे कुछ लक्षण इस जहर के होते हैं। यदि आप इस पौधे के आस पास रहते हैं , तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।एकोनाइट एक जहरीला पौधा है जिसका प्रयोग चिकित्सा के अंदर भी किया जाता है। मगर डॉक्टर की देखरेख मे ही इसका प्रयोग करना चाहिए । नहीं तो जान जाने का खतरा रहता है।कहते हैं सम्राट क्लॉडियस को उसकी पत्नी ने यही ज़हर देकर मारा था तो इस तरह के जहर के बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
बेलाडोना जहर
बेलाडोना एक जहरीला पौधा है जिसका वैज्ञानिक नाम एट्रोपा बेलाडोना है। यह उत्तरी गोलार्ध के गर्म और समशीतोष्ण क्षेत्रों में आपको देखने को मिल जाता है । बेलाडोना में कई विषैले यौगिक होते हैं, जिनमें एट्रोपिन, हायोससायमाइन और स्कोपोलमाइन शामिल हैं।अक्सर धनूष और बाण चलाने वाले इस पौधे के जहर को अपनी बाणों पर लगाते हैं। और जब इसका जहर शरीर के अंदर जाता है , तो इंसान की मौत हो सकती है।
इस पौधे का कई तरह से औषधीय उपयोग भी होता है। लेकिन यह बिना डॉक्टर की अनुमति के नहीं किया जाता है।आइड्राप्स के रूप मे भी कई बार इसका प्रयोग होता है।बेलाडोना को डोपिंग एजेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है । और थकान को कम करने के लिए एथलिटों के द्धारा यह प्रयोग किया जाता है। हालांकि इसका प्रयोग करना अवैध होता है।बेलाडोना के डोज लेने के 15 मिनट के बाद ही इसके लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं। इसलिए जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
- दृष्टि में परिवर्तन, जैसे कि धुंधली दृष्टि, मतिभ्रम और अंधापन
- मुख और गले में सूखापन
- हृदय गति में वृद्धि
- उच्च रक्तचाप
- बुखार
- भ्रम
- कोमा
बेलाडोना जहर आमतौर पर काफी डेंजर होता है। इसलिए इसके पौधे को घर मे नहीं लगाना चाहिए । और बच्चों से खास तौर पर इस पौधे को दूर रखना जरूरी होता है। यदि आप बच्चों से इसको दूर नहीं रखते हैं , तो आपके बच्चे को बड़ी परेशानी हो सकती है।
आर्सेनिक जहर
आर्सेनिक एक रासायनिक तत्व है जिसका प्रतीक As और परमाणु संख्या 33 है। यह सफेद रंगहीन और गंदहीन या स्वादहीन होता है। यह ठोस रूप मे आपको मिलता है।यह एक प्रकार का बहुत अधिक जहरीला पदार्थ होता है। और यदि कोई इसको खा लेता है , तो उसकी मौत हो जाती है। आर्सेनिक पृथ्वी की पपड़ी में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। यह कई प्रकार के खनिजों में मौजूद है, जिनमें आर्सेनोपैटाइट, आर्सेनोलिथियट और मर्क्यूरी अयस्क।
आर्सेनिक एक इतना अधिक डेंजर जहर होता है कि इसको खाने के बाद यह पता लगाना काफी अधिक कठिन हो जाता है कि किस तरह से इंसान मरा है। इसकी वजह से कैंसर और त्वचा समस्याएं होने लग जाती है। और दुनिया के अंदर इसको जहर का राजा कहा जाता है। नेपोलियन बोनापार्ट, इंग्लैंड के तीसरे जॉर्ज और साइमन बोलिवार जैसे लोगों की जान इसी जहर से कई थी ।
यदि कोई थोड़ी मात्रा के अंदर इस जहर को खाता है , तो पता नहीं चल पाता है। मगर यदि कोई अधिक मात्रा के अंदर इस जहर का सेवन कर लेता है , तो उसके अंदर कई सारे लक्षण प्रकट हो जाते हैं जैसे कि
- थकान
- भूख न लगना
- वजन कम होना
- पेट दर्द
- दस्त
- मतली और उल्टी
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- त्वचा पर रैशेज
- बालों का झड़ना
- सांस लेने में तकलीफ
औद्योगिक प्रक्रियओं के अंदर भी आर्सेनिक का प्रयोग किया जाता है ।
- धातुओं के लिए मिश्र धातुओं के रूप में
- कीटनाशक और जड़ी-बूटियों के रूप में
- पेंट और वार्निश में
- फोटोग्राफी में
- अर्धचालक उद्योग में
- दवाओं में
बोटुलिनम टॉक्सिन
बोटुलिनम टॉक्सिन एक बहुत ही डेंजर जहर होता है। और यदि कोई इस जहर के संपर्क मे आता है , तो उसकी मौत हो जाती है। बोटुलिनम टॉक्सिन जहर को हर कहीं से भी हाशिल नहीं किया जा सकता है। आप इस बात को समझ लें ।
यह जहर आपके घाव से होकर भी शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है। और उसके बाद मरीज को सांस लेने मे समस्या होती है। फिर कुछ ही समय के अंदर उसकी मौत हो जाती है।0.00007 मिलीग्राम जहर किसी आदमी को मारने के लिए उपयुक्त होता है। हालांकि इस जहर का प्रयोग कई तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए चिकित्सा उपचार मे भी किया जाता है। बोटुलिनम टॉक्सिन (Botulinum toxin) एक प्रकार का जीवाणु (bacterium) होता है जिससे एक खतरनाक जहर बनता है। और यह काफी डेंजर होता है।
सायनाइड
सायनाइड का नाम तो हर किसी से सुन ही रखा होगा । सायनाइड भी दुनिया का काफी अधिक डेंजर जहर होता है। यह सबसे डेंजर जहर होता है। यदि कोई इसको निगल लेता है या सांस के साथ भी अंदर लेलेता है , तो तुरंत ही उस इंसान की मौत हो जाती है। कई अपराधी लोग भी खुद को मारने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।सोडियम सायनाइड, पोटेशियम सायनाइड, हाइड्रोजन सायनाइड और सायनोजेन क्लोराइड सायनाइड जैसे कुछ इस जहर के प्रकार होते हैं ,जोकि काफी डेंजर होते हैं। एक मिलीग्राम जहर ही एक इंसान को मारने के लिए काफी होता है। साइनाइड जहर का प्रयोग आमतौर पर आज भी दुनिया भर के अंदर दुश्मनों को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
यदि कोई साइनाइड का सेवन करता है , तो उसको कई तरह के लक्षण प्रकट होते हैं , जिसकी मदद से यह पहचाना जा सकता है कि उसके शरीर के अंदर जहर प्रवेश कर चुका है।
- सिरदर्द
- चक्कर आना
- मतली और उल्टी
- श्वास लेने में कठिनाई
- चेतना का नुकसान
नाज़ी जर्मनी द्वारा गैसीय रूप में हाइड्रोज़न सायनाइड का इस्तेमाल गैस चेंबर में हत्या करने के लिए किया गया था । हालांकि आपको बतादें कि इस तरह के जहर का भारत के अंदर बिकना बैन है। लेकिन उसके बाद भी कई लोग इस जहर को उंचि कीमत के उपर बेचने का काम करते हैं।
हालांकि भारत के अंदर भी साइनाड का प्रयोग काफी अधिक होता है। यहां पर शराब के अंदर साइनाइड डालकर लोगों को पिला दिया जाता है। और उसके बाद उनकी मौत हो जाती है। इसी तरह से एक घटना प्रकाश के अंदर आई थी । जिसके अंदर एक सख्स ने अपनी पत्नी को साइनाइड देदिया जिससे कि उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा भी बहुत सारी घटनाएं सामने आती हैं। जिसके अंदर साइनाइड दिये जानी की पुष्टि होती है।
मरक्यूरी
मरक्यूरी भी एक प्रकार का काफी अधिक डेंजर जहर होता है। और यदि कोई इसका प्रयोग कर लेता है , तो यह उस इंसान को मार देती है।यदि मर्करी को त्वचा के संपर्क मे लाया जाता है जंहा पर की घाव बना हुआ है , तो यह उस त्वचा के अंदर से शरीर मे चला जाता है। और उसके बाद काफी भयंकर नुकसान पहुंचा सकता है। और यह मर्करी आमतौर पर बैट्री के अंदर थार्मामीटर मे सबसे अधिक प्रयोग की जाती है। मर्करी को यदि आप खा लेते हैं , तो उसकी वजह से आपको कुछ लक्षण दिखाई देते हैं , तो उन लक्षणों के बारे मे हम आपको बता रहे हैं।
- त्वचा की जलन
- आंखों में जलन
- सिरदर्द
- थकान
- भूख न लगना
- उल्टी
- दस्त
- मांसपेशियों में कमजोरी
- मस्तिष्क क्षति
- मृत्यु
यदि मर्करी को कोई खा लेता है , तो उसे जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास लेकर जाना जरूरी होता है। क्योंकि जैसे जैसे समय बितता जाता है। उसके शरीर के अंदर मर्करी अधिक से अधिक डैमेज करती जाती है। और मर्करी युक्त चीजों को सही ढंग से संभालकर रखना चाहिए ताकि उनसे खतरा पैदा ना हो सके ।
थर्मामीटर आदि का प्रयोग करने के बाद आपको अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए । और थर्मामीटर के टूट जाने पर दस्ताने पहनकर उस जगह को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए ।
पोलोनियम
पोलोनियम एक रेडियोधर्मी तत्व है जिसका प्रतीक Po और परमाणु संख्या 84 है। यह आवर्त सारणी में एक संक्रमणोपरांत धातु है। और यह एक प्रकार का घातक जहर होता है। यदि यह किसी तरह से शरीर के अंदर पहुंच जाता है , तो इसकी वजह से कैंसर हो सकता है। और जल्दी ही इंसान की मौत होना तय होता है।
पोलोनियम विषाक्तता का सबसे प्रसिद्ध मामला पूर्व रूसी जासूस अलेक्जेंडर लिट्विनेंको का है. उनके चाय के प्याले में पोलोनियम दिया गया था । जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई थी ।
पोलोनियम की खोज 1898 में मैरी क्यूरी और पियरे क्यूरी ने की थी।
यदि कोई इसका सेवन कर लेता है , तो उसके अंदर कई तरह के लक्षण प्रकट होते हैं ।
- थकान
- बुखार
- ठंड लगना
- सिरदर्द
- जी मिचलाना
- उल्टी
- दस्त
- पेट दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
पोलोनियम का उपयोग कई तरह की औधोगिक क्रियाओं के अंदर किया जाता है। यदि आप इस तरह के उधोग के अंदर काम करते हैं , तो हमेशा दस्ताने पहनकर प्रयोग करें । और खाना वैगरह खाते समय अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए । जिससे कि यह जहर आपके शरीर के अंदर ना पहुंच पाए । यदि कोई इस जहर का सेवन कर लेता है , तो उसकी मौत होना तय होती है। क्योंकि जब तक उसको लेकर डॉक्टर के पास पहुंचा जाता है ,तब तक उसकी मौत हो चुकी होती है।
टेट्रोडोटॉक्सिन
टेट्रोडोटॉक्सिन एक प्रकार का काफी डेंजर जहर होता है। और यदि कोई इस जहर का सेवन कर लेता है , तो 20 मिनट के बाद ही उसकी मौत हो जाती है।टेट्रोडोटॉक्सिन (टीटीएक्स) एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है जो पफ़रफ़िश, ऑक्टोपस, न्यूट्स और अन्य समुद्री जीवों में पाया जाता है। और इस जहर का सेवन करने से श्वसन तंत्र विफल हो जाता है , जिसकी वजह से जीवों की मौत हो जाती है।इस जहर का सेवन करने के 30 मिनट के भीतर ही लक्षण प्रकट होने लग जाते हैं। और उसके बाद जैसे जैसे समय बीतता जाता है , लक्षण काफी अधिक गम्भीर होते चले जाते हैं।
प्रारंभिक लक्षणों में मुंह में सुन्नपन, चक्कर आना, मतली और उल्टी शामिल हैं। यदि आपको यह लक्षण दिखाई देते हैं , तो फिर आपको जल्दी से जल्दी अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । पफ़रफ़िश, ऑक्टोपस, न्यूट्स आदि को आपको नहीं खाना चाहिए । यदि आप इनका सेवन करते हैं , तो आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
रिसिन
रिसिन एकप्रकार का घातक जहर होता है।यह आपको नैचुरल रूप से मिलता है। अपने यहां पर जो अरंडी होती हैं। उनके बीजों के अंदर यह जहर देखने को मिलता है। गुर्दे, यकृत और केंद्रीय तंत्रिका आदि को यह नुकसान पहुंचाने का काम करता है। जिसकी वजह से अंग काम करना बंद कर देते हैं। और इसकी वजह से इंसान की मौत होना तय होता है।इसका इस्तेमाल 1978 में लंदन में बल्गेरियाई असंतुष्ट जॉर्जी मार्कोव को मारने के लिए किया गया था। इंजेक्शन लगाने या साँस लेने पर यह सबसे घातक होता है।
खांसी
सांस लेने में कठिनाई
बुखार
ठंड लगना
सिरदर्द
मतली और उल्टी
दस्त
मांसपेशियों में दर्द
रक्तस्राव
जैसे कुछ लक्षण होते हैं। यदि इसका सेवन करने के बाद यदि किसी को इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं , तो उसे जल्दी से जल्दी डॉक्टर के पास जाना चाहिए । इस जहर का प्रयोग भोजन आदि के अंदर लोगों को मारने के लिए किया जाता है।
Maitotoxin
Maitotoxin एक शक्तिशाली विष है जो ज़हरीले समुद्री शैवाल, मैइटोक्सिनस से निकलता है। और यह एक घातक जहर होता है। समुद्री शैवाल का यदि आप खाने मे प्रयोग कर रहे हैं , तो आपको उसका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए । नहीं तो आपके लिए मौत का कारण बन सकता है।न्यूरोलॉजिकल प्रभाव: Maitotoxin मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे सिरदर्द, मतली और उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, हृदय की धड़कन में तेजी और कोमा जैसी समस्याएं आपको देखने को मिल सकती हैं। इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत हो सकती है।
Maitotoxin से बचने का बस एक ही तरीका है , कि आप समुद्री सैवाल का प्रयोग सोच समझकर ही करें । नहीं तो आपके लिए काफी बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। इस लेख के अंदर हमने दुनिया के सबसे डेंजर जहर के बारे मे जाना और उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप नीचे कमेंट करके बताएं ।
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