bhai ki mot par shayari भाई की मौत पर शायरी के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं । तो दोस्तों यहां पर कुछ सेड़ शायरी दी गई हैं आप उनको चुन सकते हैंं। भाई की मौत पर सेड़ शायरी को आप अपने दोस्तों को सेंड कर सकते हैं। या फिर अपने लिए उपयोग कर सकते है। यदि आपको हमारा प्रयास पसंद आता है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं ताकि हमारा हौसला बढ़ सके ।
दिल रो रहा है बार बार ,
भाई तूने क्यों छोड़ दिया यह संसार ।
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जिसको कभी सीने से लगाते थे ,
जिसको जान से ज्यादा चाहते थे ,
छोड़ दी उसने दुनिया आज ,
क्या यह सब झूठे रिश्ते कहलाते थे ।
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तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहे थे हम ,
मगर तू तो छोड़ गया दुनिया आज ,
इसलिए खूब पी रहे थे हम ।
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मौत को यूं ही बदनाम करते हैं लोग ,
यह दर्द तो साली जिदंगी देती है।
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मरने का तो इरादा नहीं था भाई तेरा ,
फिर क्यो छोड़ दिया तूने यह बसेरा ।
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जिदंगी का गम पहले ही बहुत था ,
भाई तुझे भी मरने का क्या जरूरत था ।
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याद आएगा वो तेरे साथ हंसकर वक्त बिताना ,
आज दर्द दे रहा है भाई हमें ,
तेरा हद से ज्यादा चाहना ।
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भाई मरते वक्त भी तू ,
हमसे नाराज था ,
बता दिया होता ,
तो जान नहीं जाती ,
दिल मे छुपा जो राज था ।
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टूट गई थी अपने भाई की सांसे ,
मगर फिर भी बिछाता रहा दुश्मनों की लाशें ।
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अपने भाई की मौत ने हमको तोड़ दिया ,
दुश्मन को आज ताकत मिली ,
जब भाई ने अपना साथ छोड़ दिया ।
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दिल का दर्द सुनाएं तो सुनाए कैसें ,
अपनी जान से प्यारा भाई चला है आज ,
उसके साथ को भूलाएं तो भूलाएं कैसे ।
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जिंदगी सिर्फ शरीर तक नहीं होती ,
मगर रिश्ते सिर्फ शरीर तक होते हैं ,
भाई हो या कोई और ,
साथ बस अपनी तकदीर तक होते हैं।
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सुनी जब भाई की मौत की खबर ,
रूक गई थी हमारे दिल की धड़कन ,
आज साल बीत गए फिर भी है ,
मन मे एक तरह की तड़पन ।
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अपने भाई को शिकवा नहीं था कभी जिदंगी से ,
पर दुश्मन जला करते थे हमारी बदंगी से ।
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सुनी मौत की खबर भाई तेरी ,
आंखों से आंसू की धारा बहने लगी ,
क्या हुआ था तेरे भाई के साथ ,
दुनिया सारी कहने लगी ।
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रूक गई हैं सांसो भाई तुझे याद करते करते ,
भाई तूने आज हमें बचालिया मरते मरते ।
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रूक नहीं रहा है आज भाई मेरी आंखों का पानी ,
कैसे भूल जाएंगे तुझे ,
जिसके साथ बिताई है हमनें जवानी ।
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भाई तेरी मौत का आज मातम मना रहें हैं ,
देखकर तेरी मौत को हमारे दुश्मन आज जश्न मना रहे हैं।
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मौत तो बस एक बार आती है ,
मगर दर्द जिदंगी भर का दे जाती है।
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बदला दुश्मनों से जरूर लेंगे भाई तेरी मौत का ,
एक सर दुश्मन का जरूर काटेंगे रोज का ।
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सारी खुशी गम मे बदल गई ,
जब से भाई तू गया है दुनिया छोड़कर ,
हमारी जिदंगी भी जंग मे बदल गई ।
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बस इतना सा था भाई साथ तेरा ,
कुछ भी कर गुजरते थे ,
जब सर पर था हाथ तेरा ।
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कुछ रिश्ते दिल के होते हैं ,
कुछ रिश्ते खून के होते हैं ,
मगर अपने भाई के रिश्ते दिल से थे ,
इसलिए दिल खोल कर रोते हैं।
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आज मैं रोया दिल खोल कर ,
अगर भाई तुझे जाना ही था ,
तो बस एक बार चला जाता बोल कर ।
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मौत से हम डरते नहीं जनाब ,
मगर जो पीछे से वार करदे ,
उसके बाद हम उभरते नहीं जनाब ।
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सोचा था भाई तेरे साथ मिलकर ,
जिदंगी हंसी खुशी बिताएंगे ।
मगर ऐसा नहीं सोचा था ,
कि दिन कभी ऐसे भी आएंगे।
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अपना भाई मुंह पर लाख कह देता था ,
मगर दिल का बुरा नहीं था वो ,
दुश्मनों को एक पल मे मात देने वाला ,
मौत के सामने घुटने टैक गया ।
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आज भी भाई तेरी और मेरी कहानी अधूरी है ,
तू छोड़कर दुनिया चला गया ,
और मेरी यहां रहना मजबूरी है।
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रो रोकर आंखे लाल हो गई ,
दिन तो कट जाता है मगर
यह रातें विशाल हो गई ,
तुझे गए इस दुनिया से ,
आज पूरी एक साल हो गई।
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भाई तूने नहीं किया था कोई गुनाह ,
फिर भी खुदा ने मौत के लिए तुझे क्यों चुना ।
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कोई भरोसा नहीं है इस जिदंगी का ,
औरों का क्या भरोसा ,
जब मौत अंजाम हो सकता है भाई जैसी बंदगी का ।
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कहता था भाई अपना ,
या तो छोड़कर कभी जाउंगा नहीं ,
अगर छोड़कर चला गया ,
तो फिर लौट कर कभी आउंगा नहीं ।
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आत्मा का क्या मरना तो शरीर को पड़ता है ,
मिट जाती है जब भाई जैसी दोस्ती ,
डरना तो बस तकदीर को पड़ता है।
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आत्मा तो बस शरीर बदलती है ,
मगर भाई जैसी दोस्ती उम्र भर साथ चलती है।
मगर शरीर को भाई मान लेना हमारी गलती है।
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कहते हैं आत्मा कभी मरती नहीं ,
फिर क्यों कोई मर जाने के बाद ,
उसकी आत्मा कभी हमें मिलती नहीं ।
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सीना तान के अपना भाई चलता था ,
मगर आज चार लागों की जरूरत है ,
उसको उठाने के लिए ।
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सबको मौत तो आनी है बस एक बार ,
फिर चाहे भाई हो या अपना कोई यार ।
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अपने भाई को जितना जीना था वो जी लिया ,
देखा जब मौत को सामने अपने ,
फिर भी दर्द को खुशी के साथ पी लिया ।
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मौत को तो कोई बहाना चाहिए ,
फिर चाहे भाई हो या कोई और ,
मगर थोड़ी तो दया दिखाना चाहिए ।
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भाई तू तो चला गया मगर तेरी याद ,
आज भी हमारे दिल मे जिंदा है ,
ऐसे तो एक दिन जमीन पर वह भी गिरता है
जो कभी आसमां मे उड़ता परिंदा है।
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तेरे भाई ने मौत को भी शान से जीया था ,
उसे पहले ही पता चल गया था अपनी मौत का ,
इसलिए उसने उस दिन खूब शराब पीया था ।
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चला गया भाई दुनिया छोड़कर ,
मगर हमारे दिल मे जिंदा आज भी है ,
उसके नाम से आसमां मे ,
उड़ता परिंदा आज भी है।
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बहुत कुछ कहती थी भाई की हाथों की लकीरें ,
भला कौन है , जो बदल पाया है अपनी तकदीरें ।
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जमीं खून से तर हो गई ,
मौत की नींद भाईगिरि सो गई ,
आत्मा तो पहले से ही खुदा की थी ,
जो फिर से खुदा की हो गई ।
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जिदंगी ने धोखा दिया अपने भाई को ,
आज हम शराब पीकर मिटा रहे हैं ,
यार अपने दिल की तन्हाई को ।
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सांसों का आना जाना जिदंगी है ,
खुदा के पास भी ना भाई जैसी बदंगी है ।
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आज अपने भाई को इन हाथों से दफन करके आए हैं ,
लेंगे बदला अपने भाई की मौत का ,
इसलिए सर पर कफन धरके आए हैं।
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अपने भाई की मौत पर खूब रोए हम ,
पूरी रात जागते हुए निकल गयी ,
आज फिर रात भर नहीं सोए हम ।
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आज मौत ने बदला लिया खुदगर्जी का ,
तेरा भाई कभी राजा हुआ करता था अपनी मर्जी का ।
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अपने भाई मरते कभी नहीं है ,
वो तो कफन बांधकर चलते हैं ,
मौत से डरते कभी नहीं हैं।
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आज भाई को दफनाया है हमने कब्र मे ,
और हम भी अकेले पड़ गए हैं इस डगर मे ।
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हम भाई का इंतजार करते रह गए ,
वह मर गया और हम उसके लिए मरते रह गए ।
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मौत की वादियो से खुद को
कौन बचा पाया है ,
भाई के चले जाने के बाद
कौन भला मेंहदी रचा पाया है।
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कहता था जबतक जान है साथ देंगे तेरा ,
मगर जिस दिन मर गया ,
फिर इंतजार नहीं करना मेरा ।
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जब तक सांसे चलेंगी ,
हर कसमे पूरी करेंगे ।
अपने वादों को पूरा करने के लिए ,
तेरे भाई मौत से भी नहीं डरेंगे ।
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हमें अपने भाई की वर्षों से तलास थी ,
मगर हमें क्या पता था ,
जहां हम खड़े थे वहीं पर उसकी लास थी ।
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कहता था अपना भाई
दूश्मनों से लड़ते हुए मर जाएं ,
तो कब्र मे दफन कर देना ,
और कुछ नहीं मांगते हैं तुझसे ,
बस दान हमारे नाम एक कफन कर देना ।
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तेरे भाई को शौक था मरने का ,
इसलिए दम रखता था दुश्मनों को
अकेले सामना करने का ।
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मिट जाती है वक्त के साथ ,
बड़ों बड़ों की हस्ती ,
फिर याद आती है भाई जैसे
दोस्त के साथ की गई मस्ती ।
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घुट घुट कर जीने से अच्छा है मरना ,
हर किसी की आदत नहीं होती ,
अपने भाई की तरह सीना तान कर
मौत से मुकाबला करना ।
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हमने खो दिया आज अपने भाई को ,
और सदा के लिए लेलिया इस तन्हाई को ।
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अपना भाई आजकल नजर आता है बस तस्वीरों मे ,
अपने भाई का साथ नहीं लिखा था जनाब
हमारी तकदीरों मे ।
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मौत अपने भाई की मेहमान की तरह थी ,
मगर दोस्तीे अपने भाई की भगवान की तरह थी ।
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अगर दिल लगाओगे शैतान से ,
तो फिर जाओगे तुम भी काम से ।
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अपनों ने भाई को खूब आजमाया ,
दुश्मनों ने उसे खूब सताया ,
मगर इन्हीं लोगों ने उसे
मौत से लड़ना सीखाया ।
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आज फूल चढ़ाकर आये हैं भाई की कब्र पर ,
अपना भाई तो शेर था ,
खेल गया था मौत की डगर पर ।
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मौत का फैसला खुदा करता है ,
वही है जो दो प्यारे भाइयों को
एक दूसरे से जुदा करता है।
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दिल चाहिए प्यार करने के लिए ,
यूं ही कोई नहीं मर जाता है ,
जिगरा चाहिए यार मरने के लिए ।
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दिल मे आग जलती रही ,
भाई तेरी मौत का बदला जरूर लेंगे ,
भले ही दुश्मनी कई जन्मों तक चलती रही ।
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सुलगती चिता पर अपना भाई लेटा था ,
कुछ लोग हंस रहे थे ,
मगर उनको क्या पता वह भी किसी का बेटा था ।
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भाई तेरी मौत आज भी हमारे दिल जला रही है ,
मगर दुश्मनी आज भी तेरे नाम से कपकपा रही है।
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उम्र भर के लिए नहीं होता है भाई का साथ ,
सदा के लिए जुदा होना पड़ता है एक रात ।
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न जाने किस गुनाह की सजा मिली अपने भाई को ,
अब जिदंगी भर नहीं मिटा पाएंगी उसकी मौत की तन्हाई को ।
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मिलता वही है जो लिखा है नसीब मे ,
नहीं लिखा है साथ अपने भाई का ,
हमारी तकदीर मे ।
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अपना भाई तो शेर था ,
मौत से भी खेल गया ।
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अपने भाई का सदा साथ किया करते थे हम ,
कभी हाथ पकड़कर खुलकर जीया करते थे हम ।
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अपने भाई को मरे वर्षों बीत गए हैं ,
मगर लगता है जैसे कल की सी बात हो ।
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आज बदल गया है जमाना ,
समझ नहीं आया आज तक ,
क्यों पड़ा भाई को हमें छोड़कर जाना ।
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अपने भाई की मौत का गम लेकर जी रहे हैं ,
और लोग पूछते हैं क्यों तुम इतने पी रहे हैं।
जब मैं होता था परेशान ,
तो अपना भाई याद आता था ,
आज वह नहीं है इस दुनिया मे ,
तो कोई संभालने वाला नहीं ।
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अपने भाई की तस्वीर पर फूलों की माला है ,
उसका किया जीवन मे उजाला है ,
हमारी तो औकात ही क्या ,
खुदा ही सबका रखवाला है।
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लेकीरें देखने वालों ने परेशानी मे डाल दिया ,
बोला तुम्हारे भाई की उम्र कम है ,
उस दिन के बाद हमारी आंखें नम हैं।
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अपने भाई का मरना खुदा की मर्जी थी ,
कबूल जो हो गई अपने दुश्मनों की अर्जी थी।
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अपने भाई ने जर पीया फिर भी मौत नहीं आई ,
दुश्मनों से अकेले सामना किया फिर भी मौत नहीं आई ,
मगर मौत को भी उसने खुल कर जिया ।
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मौत तो बस मिनटों का खेल है ,
अपना भाई यूं ही नहीं मरा है ,
यह तो बस दुश्मनों का खेल है।
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दुश्मन भी रोये थे अपने भाई की मौत पर ,
क्योंकि दुनिया नाज करती थी उसकी सोच पर ।
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दुश्मनों की दुश्मनी निभाई भाई तुमने ,
अपनों की दोस्ती निभाई तुमने ,
यह जिदंगी जीने की अदा सिखाई तुमने ।
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कहता था मरने से डर कैसा ?
तेरा भाई कभी नहीं मरेगा ,
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अपने भाई को दुश्मनों ने खूब बदनाम किया ,
वह कायरों की तरह मरने वाला नहीं था ,
दुश्मनों को मारकर खुद को मौत का गुलाम किया ।
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जिदंगी तो सबसे बड़ी परीक्षा है ,
अपने भाई ने सिर्फ दी है ,
हमें मौत की शिक्षा है।
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ऐ दुनिया वालों बदनाम ना करो अपने भाई को ,
अपना भाई तो शेर था ,
जो दुश्मनों से अकेला भीड़ गया ।
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उसका इरादा नहीं था मरने का ,
मगर उसने ठा लिया था ,
दुश्मनों को नैस्तनाबूद करने का ।
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यह मौत हमें वफा सीखाती है ,
और अपने भाई की दोस्ती ,
हमारी जिदंगी बनाती है।
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कहता था भाई अपना
मौत से डरता नहीं हूूं
मगर जो गदृारी कर जाए ,
उसको माफ करता नहीं हूं ।
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अपने भाई की जिदंगी हसीन थी ,
और छोड़कर गया दुनिया ,
तो बोला गम मत करना ,
क्योंकि उसे खुद की आजादी पर यकीन था ।
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कुछ वक्त मे भाई ने खूब जी लिया ,
मारकर दुश्मनों को खुद ने भी
मरने के लिए जहर पी लिया ।
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मेरा भाई सदा अमर रहेगा ,
नहीं डरा था जो शेरों से ,
ऐसा सदा यह जमाना कहेगा ।
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दुआ करते हैं भाई तेरी आत्मा की शांति के लिए ,
और शुक्रिया करते हैं हमारे जीवन को दी इस क्रांति के लिए ।
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दर्द दिल मे है अपने भाई के जाने का ,
मगर हंसी उड़ा रहे हैं लोग ,
मगर क्या कर सकते हैं इस जमाने का ।
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अपने भाई के लिए आया था मौत का पैगाम ,
वह खूब रोया था उस शाम ।
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वादे भी उसने खूब निभाए ,
दर्द से भी हमें छुटकारे दिलाए ,
अब भला ऐसे भाई को हम कैसे
अपने हाथों से कब्र मे सुलाएं ।
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भाई से बढ़कर वफा की मिशाल क्या होगी ,
मरकर भी पूछा रहा था ,
दुश्मनों के खिलाफ तेरी अगली चाल क्या होगी ।
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अपसाना लिख रहे हैं भाई तेरे प्यार का ,
जब तू ही नहीं रहा ,
तो फिर क्या करेंगे हम इस संसार का ।
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दीवारों के भी कान होते हैं ,
भाई जैसे रिश्ते महान होते हैं ।
जब से तू गया है दुनिया छोड़कर ,
हम यूं ही काफी परेशान होते हैं।
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जिसने हमारी दुनिया बसाई थी ,
जिसने हमारी जिदंगी बनाई थी ,
खुदा का यह कैसा खेल है ,
उस भाई की अर्थी हमने सजाई थी ।
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सोचने वाले सोचते रहे ,
मर गया था अपना भाई ,
पर दुश्मन अभी भी जिंदा
समझकर नोचते रहे ।
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हम टूट गए हैं भाई तुझ से बिछुड़कर ,
अगर परींदे होते तो आ जाते ,
तेरे पास उड़कर ।
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ना मेरी कोई मंजिल है ,
ना मेरा कोई ठिकाना है ,
भाई तू तो चला गया ,
एक दिन मुझे भी दुनिया छोड़कर जाना है।
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अपने भाई की कब्र पर जाकर बोला मैं ,
भाई तू एक एहसान करदे ,
दर्द मे जी रहे हैं हम ,
दुनिया की हर खुशी हमारे नाम करदे ।
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मेरे भाई मौत को कभी हम झुठला नहीं सकते ,
वैसे तो बहुत कुछ था हमारे पास ,
मगर फिर भी उसे हम चाह नहीं सकते ।
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कहते हैं मौत का आना भी जरूरी होता है ,
जो इस दुनिया मे आता है ,
उसे जाना भी जरूरी होता है।
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अपना भाई सबके दिल मे उतर गया था ,
वह हवाओं का झरोका था पता नहीं ,
कब आया और कब गुजर गया था ।
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लिख रहे हैं अपने भाई की मौत की कहानी ,
क्या हुआ था अपने भाई के साथ ,
सुनो अब हमारे कलम की जुबानी ।
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अपने भाई की किस्मत मे तो मौत लिखी थी ,
मगर कुछ भी उसने मौत के नाम भी जिदंगी लिखी थी।
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भाई तो चला गया फिर भी नहीं रूकी रफतार जिदंगी की ,
यह सब तो यूं ही चलना है ,
यहां कोई कीमत नहीं है बदंगी की ।
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अपने भाई के सिर पर मौत का खुमार था ,
इसलिए ही वो मशहूर दुनिया मे बेशुमार था ।
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अपने भाई की मौत ने आंखों की नींद छीन ली ,
उसको तो बस इतना ही जीना था ,
पता नहीं उसने कैस् इतने पलों मे पूरी जिदंगी जी ली ।
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अपना भाई तो क्या भाई था ,
दुख दर्द मे सबका साथ देता था ,
राते हुए चेहरों को एक पल मे हंसा देता था ।
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अपने भाई की मौत की सुनी जब खबर ,
टूट ही गया यार हमारा सब्र क्या करते मगर ।
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वह कुछ दिनों से खामोश रहने लगा था ,
हंसना खेलना उसे छोड़ दिया था ,
वह असमां से बातें कुछ कहने लगा था ।
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कहते हैं मौत जिदंगी का अंत नहीं है ,
जो मौत को जीत पाया होगा ,
ऐसा भला कोई संत नहीं है।
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कहती थी तेरे भाई से प्यार है मुझे ,
जब मरा भाई अपना ,
देखने तक नहीं आई ।
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जब बढ़ जाता है हद से ज्यादा जिदंगी मे जहर ,
अपने भाई की तरह टूटता है सब पर मौत का कहर ।
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कभी मौत भी अपने भाई पर मेहरबान होती थी ,
आज वही मौत अपने भाई को कुर्बान कर दिया ।
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जब आ जाता है मौत का समय ,
तब जीवन के सारे रस फीके पड़ जाते हैं ,
और मरने वाले मौत की तरफ बढ़ जाते हैं।
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भटकती रही मौत भी तेरे भाई के इंतजार मे ,
क्योंकि भाई था ही अपना ऐसा ,
वह भी पागल हो चुकी थी उसके प्यार मे ।
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जिदंगी मे अहम रोल होता है खुदखुशी का ,
जब कोई किनारा नहीं मिलता है दुखी का ।
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वक्त एक दिन ऐसा आया है ,
आज मेरा भाई गया है तो
कल तेरी बारी है ,
हंसते क्या हो ,
मौत से भला किसकी यारी है।
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इश्क तो धीमी मौत है ,
तेर इश्क ने ली हम अपने भाई की जान ,
मगर हम कुछ नहीं करसके ,
इस बात का हमे अफसोस है।
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भले ही अपना भाई बेमौत मर गया ,
पर नाम अपने मां बाप का दुनिया मे कर गया ।
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कहता था खूब अपना भाई
मौत आएगी तो मर जाउंगा ,
मैं तो नदी हूं समंदर मे उतर जाएंगा ,
कोई मेरा क्या बिगाड़ सकता है ,
मैं अमर हूं फिर से अमत्व मे मिल जाउंगा ।
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अपने भाई का एक्सीडेंट जंहा हुआ ,
खून से लाल सारा जंहा वहां हुआ ।
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एक दिन यूं ही मर जाएंगें ,
काम करते करते ,
मगर कुछ ऐसा करजाओं
कि दुनिया याद करे मरते मरते ।
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नदी ने किनारा दिया ,
दोस्तों सहारा दिया ,
मौत ने कहा अपने भाई को ,
जो कुछ करना है करले ,
बस दिन 12 दिया ।
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मार दिया अपने भाई को तेरी बेवफाई ने ,
फिर भी मरते मरते सब कुछ तेरे नाम कर दिया भाई ने ।
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अपने हाथों से आज भाई को दफनाया था ,
जिसने कभी सड़क से उठाकर हमें अपनाया था ।
भाई की मौत पर बेस्ट शायरी
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भाई ने कभी हमे हारने नहीं दिया ,
दर्द दुख मे जीवन कभी गुजारने नहीं दिया ,
आज वह दुनिया छोड़कर चला गया ,
हमें अपना बदला उतारने नहीं दिया ।
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जीवन जवानी से शूरू होता है और मौत पर खत्म ,
भाई को तो जाना ही था ,
फिर भी पता नहीं क्यों उसकी फिक्र कर रहे हैं हम ।
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जिक्र ना कर अपने भाई की मौत का ,
दिल मे बहुत दर्द उठता है ,
तू क्या जाने एहसास उसका ,
जब गहरा रिश्ता एक पल मे टूटता है।
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अपने भाई को उड़ा ले गई मौत की आंधी ,
और हम देखते रह एग बनकर गांधी ।
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कहता था वह
जब तक मैं हूं तुझ पर आंच नहीं आएगी ,
दुख की घड़ी कभी तेरे साथ नहीं आएगी ।
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अपने भाई का दोपल का जीवन था ,
दो पल मे भी वह कर दिया ,
जो सो पल बीताने के बाद भी नहीं कर पाते ।
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कहते हैं दुश्मन तो इंतकाम लेता है ,
मगर मिटता नहीं कभी वह ,
जो खुदा का नाम लेता है।
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अपना भाई तो अमर हो गया ,
मरने के बाद वह हर ,
अखबार की खबर हो गया ।
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खुद से ज्यादा भाई तुझ पर यकीन था ,
तेरे होने से हमारा जीवन हसीन था ।
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आज भाई तुमने खुद को मिटा दिया ,
वापस भी जा नहीं सकते ,
कैसी चोखट पर लाकर बिठा दिया ।
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अपने भाई को तो मौत से प्यार था ,
और मौत ही उसका सबसे बड़ा संसार था ।
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तलास करोगे तो किनारा भी मिल जाएगा ,
अगर एहसास करोगे ,
तो गुजरे हुए भाई का सहारा भी मिल जाएगा ।
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इंतजार कर रहे हैं कब्र पर भाई तेरा ,
बस एक बार लेदे अपने मुख से नाम मेरा ।
फिर सब्र हो जाएगा हमको ।
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आज भाई तेरी कब्र पर फूल चढ़ा रहे हैं हम ,
भले ही आज तू इस दुनिया मे नहीं है ,
फिर भी उतना ही चाह रहे हैं हम ।
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जिस बेवफा के लिए भाई तुमने जान थी ,
आज वह किसी और के बांहों मे झूल रही है।
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इस मौत ने अपने भाई की जिदंगी छीन ली ,
फिर वह नहीं जागा कभी ,
ऐसी उसने गहरी नींद ली ।
bhai ki mot par shayari भाई की मौत पर बेस्ट शायरी
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यह दिल भी खूब रोया था ,
यह जब तेरी यादों मे खोया था ,
बात है उस वक्त की जब तू
अर्थी पर सोया था ।
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भाई तेरी मौत पर रो पड़े थे कातिल ,
समझ मे उनको आ गया था ,
कि कभी नहीं मरते हैं शाहिल ।
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जब भाई तेरी मौत ने हमको घायल किया था ,
मगर तेरे हौसलों ने दुनिया को कायल किया था ।
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आज फिर हवाओं मे नमी थी ,
वैसे तो सब कुछ था हमारे पास ,
मगर बस तेरी ही कमी थी ।
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भाई तेरी मौत पर रोए इतना ,
कि आंसुओं का दरिया बह गया है ,
तू इस दुनिया को छोड़कर चला गया ,
और मैं बस हाथ मलता रह गया ।
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जिंदा रहने के लिए सांसों की जरूरत है ,
अगर सांसे ही चली गई हैं ,
तो फिर हिलती नहीं जो सूरत है।
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भाई तुमने जिदंगी का झगड़ा मिटा दिया ,
छोड़कर दुनिया भाई तुमने हमें
शान से मरने का तरीका सीखा दिया ।
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भाई तुमने तो हर वादे को निभाया है ,
हमें हद से ज्यादा भाई तुमने चाहया है ,
कुछ भी हो मगर छोड़कर दुनिया ,
तूने हमें बहुत सताया है।
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अगर रूठा होता तो मना लेते ,
अगर रिश्ता टूट होता तो बना लेते ,
अगर हमारे अंदर होती खुदा के जैसी ताकत ,
तो कब्र मे सोये अपने भाई को उठा लेते ।
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भाई तुमने मरकर भी पल्ट दी बाजी ,
दुश्मन भी डरकर हमसे हो रहे हैं राजी ।
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जब बैठे थे हम भाई तेरी लास के पास ,
तब रूक रूक कर आ रही थी हमें सांस ।
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जो मेरे भाई को मिटा सके ,
ऐसी कोई दुनिया मे हस्ती नहीं ,
दो गोलियां मारकर सोच रहे थे भाई मर जाएगा ,
मेरे भाई की मौत उतनी भी सस्ती नहीं ।
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खुदा मेरे भाई का इम्तिहान ना ले ,
वह आग का गोला है ,
कहीं दुश्मन उसकी असलियत जान ना ले ।
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ऐसा कोई जगह नहीं जंहा कब्रिस्तान ना हो ,
ऐ खुदा दुआ तुमसे इतनी करते हैं ,
लौटा दे मेरे भाई को ताकि मेरा दिल विरान ना हो ।
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इंसान पैदा ही होता है मरने के लिए ,
ऐसा ही कहता था अपना भाई ,
कुछ भी नहीं रखा बेटा जिदंगी मे करने के लिए ।
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मेरे भाई का गुजरा जब जनाजा शहरों की गलियों से ,
सब तरफ स्वागत हुआ उसका ,
फूलों की कलियों से ।
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भाई की मौत ने दिल को गहरा जख्म दिया है ,
आज हम नहीं संभाल पा रहे हैं ,
ऐ खुदा क्यों तुमने इतना गम दिया है।
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वह कोई किश्ती नहीं था ,
जो मामूली तूफान से डूब जाए ,
वह तो खुद समंदर था ,
जिसकी लहरों से बड़े बड़े
नगर तक डूब जाए ।
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अपने भाई ने जब पिया था मौत का जहर ,
वह तो मर गया मगर बरपा हम पर इसका कहर ।
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आज अपने भाई को कब्र मे दफन करके आएं हैं ,
उसको लिटाकर कब्र मे ,कफन करके आएं हैं।
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जब भाई तेरी याद आती है ,
तो आंसू हमारे बह जाते हैं ,
जाने वाले चले जाते हैं ,
और हम बस उनकी यादों
को लिए उम्र भर यूं ही रह जाते हैं।
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गया था तूं चंद कलियों की तलास मे ,
मगर कफन ओढ़कर आया है तू हमारे पास में ।
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अपना भाई तो चांद का टुकड़ा था ,
जब गया तू दुनिया छोड़कर ,
नहीं संभाल पाये खुद को ,
इतना बड़ा हमारा दुखड़ा था ।
———————————
भाई आए हैं तेरी मय्यत मे नकाब ओढ़कर ,
तू क्यों चला गया है हमें यूं ही छोड़कर ।
———————————
पानी के तेज बहाव मे सब कुछ बह जाता है ,
जाने वाले चले जाते हैं ,
और सब कुछ यहीं पर रह जाता है।
———————————
मौत का क्या यह तो एक दिन आनी ही है ,
मत खेल इतना बंदे ,
यह जवानी तो एक दिन जानी ही है।
———————————
अपनी भाई की मौत पर दुश्मन मुस्कुराए थे ,
वही दुश्मन जो कभी अपने भाई के सामने
गिड़गिड़ाए थे ।
———————————
कहता था अपना भाई मरने के बाद हमें याद ना करना ,
जो कुछ करना है जल्दी से कर लेना ,
हमारी यादों मे वक्त को बरबाद ना करना ।
———————————
कहता था अपना भाई ,
दर्द ना आए कभी तेरे चेहरे पर ,
क्योंकि रोशनी सदा भारी पड़ती है
अंधेरे पर ।
———————————
मरने से कभी जीवन का अंत नहीं होता ,
सब जानते हैं जीवन की हकीकत ,
मगर फिर भी अपने भाई जैसा संत नहीं होता ।
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हंसी कभी उसके चेहरे से गई नहीं थी ,
जब मौत आई उसके सामने ,
हंसी की दीवार फिर भी ढही नहीं थी ।
———————————
कहता था अपना भाई ,
आने दे मौत को ,
मौत मे भी मुस्कुराएंगे ,
दिल है आपका दिवाना ,
मर गए तो क्या हुआ ,
मरकर भी तुम्हें हंसाएंगे ।
———————————
अपने भाई की मौत पर ,
यह जमीं भी खून से तर हो गई ,
बिना भाई के अब क्या करें ,
मुश्किल हमारी डगर हो गई ।
———————————
जिदंगी जीना है तो शान से जीओ ,
अगर सर नहीं झुकाना चाहते हैं दुश्मनों के आगे ,
तो जहर भी शान से पीओ ।
———————————
अपना भाई कभी भी डरपोक नहीं था ,
आंखों से लावा बहता था उसके ,
उसकों हंसा सके ऐसा कोई जोक नहीं था ।
———————————
कहता था अपना भाई ,
बार बार मरने की आदत नहीं है मेरी ,
क्योंकि मौत से दोस्ती है मेरी गहरी ।
———————————
सब कुछ जला दिया हमने ,
अपने भाई के प्यार मे ,
जब भाई ही चला गया है ,
तो फिर क्या रखा है इस संसार मे ।
———————————
चिराग यादों के जलाये बैठे है,
कहां खो गया भाई तू आजा ,
हम तो तेरे सताएं बैठे हैं।
———————————
आंखों मे हसरत है भाई तुझको फिर से देखने की ,
सब कुछ बदल जाएगा फिर ,
बस देरी है भाई आंगन मे फिर से तेरे चहकने की ।
———————————
आंखों को तो यूंही भीग जाना है ,
भाई नहीं तू दोस्त था हमारा ,
सीखा गया हमें भी ,
किस तरह से मौत को जीत जाना है।
———————————
डरोगे तो भी मरोगे ,
नहीं डरोगे तो भी मरोगे ,
अब आप ही बताआों ,
किस तरह से मौत का सामना करोगे ।
———————————
शौर बहुत ही दिवार गिरने का ,
मगर जब से भाई की मौत हुई है ,
वक्त नाम की नहीं ले रहा है फिरने का ।
———————————
मैं अब सुपुर्दे ख़ाक हूँ ,
मुझे जलाना छोड़ दे ,
मैं कुछ भी मदद नहीं कर सकता भाई मेरा ,
इसलिए मेरी कब्र पर आना छोड़ दे ।
———————————
अब मैं फिर लौट कर नहीं आ सकता ,
तू खुशी से अश्क पीना सीख ले,
अगर गम भी मिला है तुझको ,
तो उसके साथ जीना सीख ले ।
———————————
जब से गया है अपना भाई ,
भाभी ने आंखों मे काजल लगाना छोड़दिया ,
बड़बड़ाती है कि आपने ,
क्यों मेरा दिल तोड़ दिया ।
———————————
किसी की मौत का इल्ज़ाम है अपने भाई पर ,
भले ही हम दोनों खूब लड़ते थे ,
मगर बहुत एहसान है हमारा अपने भाई पर ।
———————————
एक बार कहा था उसने अपने भाई से ,
अगर करते हो सच्चा प्यार तो नदी मे कूद जाओ ,
वह तो पागल था उसके प्यार मे नदी मे कूद गया ।
———————————
कभी जमाना कायल था भाई की मुस्कुराहट का ,
मगर उस कमीनी ने मौत बनकर बदला ,
लिया अपने भाई की चाहत का ।
———————————
अपना भाई तो मौत के लिए बेताब था ,
मरकर देखना उसका तो बस एक ख्वाब था ।
———————————
अपने भाई को जीने का बहुत शौक था ,
मगर जब मौत आई तो फिर मरना पड़ा ,
दिल तो वह किसी का दुखाना नहीं चाहता था ,
फिर भी उसे यह सब करना पड़ा ।
———————————
मौत तैयार थी अपने भाई को ,
सीने से लगाने के लिए ,
फिर भी वह कोशिश कर रहा था ,
हम सबको हंसाने के लिए ।
———————————
इस दुनिया मे मेरा कोई नहीं ,
अपने भाई के अलावा ,
कहने को तो सब अपने हैं ,
पर हकीकत मे है सब कुछ छलावा ।
———————————
मौत भी क्या गजब करती है ,
अपने भाई की तो बात ही क्या ,
पत्थरों की चटाने भी मौत,
के सामने अदब करती हैं।
———————————
जंगलों के शेर कभी डरा नहीं करते ,
अपना भाई तो दिलों का राजा था ,
और दिलों के राजा कभी मरा नहीं करते ।
———————————
सताने वालों ने खूब सताया ,
बताने वालों ने खूब बताया ,
मगर भाई ने किया वही जो दिल को भाया ।
———————————
खुशियां जीत की नहीं ,
खुशियां हार की होती हैं ,
खुशियां जन्म की नहीं ,
मौत की होती हैं।
———————————
अपने भाई की मौत पर खूब जश्न मनाया हमने ,
क्योंकि मरता सिर्फ शरीर है ,आत्मा नहीं ,
इसलिए जीनें का अंदाज सीखाया हमने ।
———————————
अपना भाई कहा करता था ,
वक्त ही बलवान होता है ,
वक्त ही महान होता है ,
वक्त जिसको ठुकरा देता है ,
उसका सबसे बुरा अंजाम होताहै।
———————————
भाई तेरे संग खूब जिदंगी जीली हमने ,
जब तू नहीं रहा तो दर्द मे
बोतल पर बोतल पी ली हमनें ।
———————————
कोई ऐसा पानी नहीं ,
जो मेरी प्यास को बुझा सके ,
कोई ऐसा रिश्ता नहीं ,
जो भाई तेरा स्थान पा सके ।
———————————
भाई तेरी कब्र के पास सारा दिन रोते रहे ,
मगर आप तो ओढ कर कफन सोते रहे ।
———————————
आती नहीं है मौत बार बार ,
मगर जब आती है ,
तो भाई जैसा रिश्ता भी हो जाता है तार तार ।
———————————
भाई हमें आखरी बार अपना प्यार देदो ,
और कुछ नहीं दे सकते हो ,
तो कम से कम हमें मौत का संसार देदो ।
———————————
भाई तेरे जाने से जिदंगी विरान हो गई ,
भाई की दोस्ती आज ,
मौत के आगे कुर्बान हो गई ।
———————————
एक बार भाई गले लगालों मुझे ,
फिर चाहे लेट जाना कब्र मे ,
तू क्या जाने हम फंस गए
हैं डगर मे ।
———————————
भाई शैतानों का शैतान था तू ,
बुरा होकर भी महान था तू ,
इसलिए तो हर किसी की
जान था तू ।
———————————
मरने से पहले भाई एक बार
तो हमारा ख्याल कर लिया होता ,
अगर देखना ही था हमारा प्यार ,
तो बस हमारी आंखों से एक सवाल कर लिया होता ।
———————————
तेरे प्यार मे अपने भाई ने जान दी है ,
और तूने अपनी जिंदगी किसी और
के संग बान दी है।
———————————
जिस तरह से अपना भाई गया है ,
एक दिन हम भी कफन ओढ़ जाएंगे ,
फिर तू रोना धोना कितना भी कर लेना ,
फिर ना कभी लौट आएंगे ।
———————————
टूट गई है रिश्ते की जमीन ,
खुदा का क्या चमत्कार है ,
अपने भाई की मौत को भी
बना दिया उसने हसीन ।
———————————
कहता था अपना भाई,
जितना जी चाहे सता ले हमें ,
जितना दिल चाहे हंसा ले हमें ,
एक दिन रहना होगा मेरी यादों के साथ,
इसलिए दिल मे बसा ले हमें ।
———————————
भाई तू एक ही था हमें चाहने वाला ,
मगर तेरी मौत के बाद ,
हम भी मर जाएंगे ,
कोई नहीं बचेगा आंसू बहाने वाला ।
———————————
पलकों को आंखों से जुदा कैसे करोगे ,
भाई अपनी जान है ,
जान को जान से जुदा कैसे करोगे ,
हम तो साथ जीएंगे और साथ मरेंगे ,
हमें तन्हा कैसे करोगे ।
———————————
परछाई दीखती है सिर्फ शीशे ,
अपना भाई आज दुनिया मे नहीं है तो क्या हुआ ,
दोस्ती की कहानी मिल जाती है हर किस्से मे ।
———————————
भाई तेरी यादों को पलकों पर ,
हमने बिठा लिया ,
अब नहीं सता सकते हैं तुझे ,
जितना सताना था सता लिया ।
———————————
अपना भाई कहकर गया था ,
अगर जिंदा रहेंगे तो कल मिलेंगे ,
मेरे रहते चिंता मत करना ,
हर समस्यओं के हल मिलेंगे ।
———————————
आज अपने भाई की आंख सदा के लिए बंद हो गई ,
और देखा जब हमने हाल अपने भाई का ,
हमारी भी सांसे अचानक से बंद हो गई ।
———————————
मौत नहीं देती है मौहलत ,
फिर कोई काम नहीं आती है दौलत ।
———————————
अपने भाई की जिंदगी का यह आखरी दिन था ,
वह सब कुछ छोड़कर चला गया ,
सुना आसमां और सुनी धरती ,
भाई सब कुछ सुना तेरे बिन था ।
———————————
आसमां मे वो उड़ता परिंदा आज भी है ,
भले ही अपना भाई दुनिया छोड़कर गया ,
———————————
लेकिन लोगों के दिलों मे जिंदा आज भी है।
———————————
आएं हैं भाई की कब्र पर फूल चढ़ानें ,
खुदा से गुजारिश यही करते हैं ,
आजा तू फिर से साथ कदम बढ़ानें ।
———————————
भाई तूने जान दी थी किसी और के लिए ,
पर वह इसका महत्व समझ नहीं पाया ,
धन तो लुटने के लिए होता है ,
जनाब किसी चोर के लिए ।
———————————
कभी कभी हाथ की लकीरें भी धोखा दे जाती हैं ,
अपने भाई के हाथ मे लकीरें पूरी थी ,
फिर भी उसकी जिदंगी अधूरी थी ।
———————————
मरना हर किसी की मजबूरी है ,
मगर मौत भी जरूरी है ,
अपना भाई हो या कोई और ,
मौत अपनों से बस एक पल की दूरी है।
———————————
मौत से अपना भाई कभी डरा नहीं था ,
दुश्मनों से समझौता उसने कभी करा नहीं था ,
दो गोली मारकर दुश्मन जश्न मना रहे थे ,
मगर दुश्मनों को क्या पता वह अभी मरा नहीं था ।
———————————
दुनिया अपने भाई को ठुकराती रहीे ,
मगर वह अपने भाई को चाहती रही ,
जिदंगी बना गया वह उसकी ,
और वह बस आंसू बहाती रही ।
———————————
एक दिन सबको मौत को गले लगाना है ,
भाई हो या कोई और ,
मौत के रस्ते एक दिन सबको जाना है।
———————————
नहीं पसंद था अपने भाई को घुट घुट कर जीना ,
इसलिए चुन लिया उसने जहर पीना ।
———————————
एक बार जब वह गहरी नींद सोया ,
तो फिर कभी न जाग सका ,
दुश्मनों को मारकर मरा था वह ,
एक दुश्मन भी अपनी जान बचाकर न भाग सका ।
———————————
भाई महक तेरी आज भी कब्र की इस मिट्टी मे ,
तेरी दुआ से कितनी खुशियां आ चुकी हैं ,
भाई हमारी इस सिटी मे ।
———————————
हम जब लौट रहे थे भाई की कब्र से ,
साथ हैं हम सदा तेरे अकेला मत समझना ,
आवाज आई उस डगर से ।
———————————
एक दिन सबको भाई मेरे खाक मिल जाना है ,
इसलिए हर किसी को अपने को दिल से चाहना है।
———————————
दो दिन की जिदंगी दो दिन का ठिकाना ,
आजा भाई लगा गले मत बना बहाना ।
———————————
आंसुओं का कोई मोल नहीं मौत के आगे ,
मौत को वही जीत पाया है जो वक्त पर जागे ।
———————————
अपने भाई की मौत का गम तो बहुत है ,
तेरे नाम से ही काम जाते थे दुश्मन ,
सचमुच भाई तेरे अंदर दम तो बहुत ।
———————————
अपने भाई को मौत का खौफ नहीं था ,
गले लगाकर खंजर चुभोने का उसे कभी शौक नहीं था ।
———————————
खुदा से दुआ है बस इतनी ,
अपना भाई चाहे जंहा रहे ,
बस खुशियां सदा वहां रहे ।
———————————
भाई तुमने वादा किया था ,
जिदंगी भर साथ चलने का ,
फिर क्यों मन बना लिया तुमने
मौत के संग ढलने का ।
———————————
दर्द मौत नहीं देती ,
दर्द तो जिदंगी देती ,
जब सब कुछ छूट जाता है यहां ख,
तब दर्द भाई जैसी बदंगी देती है।
———————————
कहने लगा अपना भाई ,
जरा शांत हो जाओ ,
हमें चैन से मरने दो ,
आज तक आपने अपने मन की की ,
आज हमें अपने मन की करने दो ।
———————————
अपने भाई को हिचकी भी आती थी ,
तो भाभी रोने लग जाती थी ,
उसे डरता कि इनको कहीं कुछ हो ना जाए ।
———————————
वक्त के साथ बस शरीर बदल जाता है ,
जब मरता है अपना भाई ,
तो आंखों का नीर बदल जाता है।
———————————
अपने भाई की मौत को देखकर ,
लग गई है आंसूओं की झड़ी ,
जो कभी जान से ज्यादा चाहती थी अपने भाई को ,
वो आज बेसुध होकर जमीन पर पड़ी ।
———————————
सौ जन्म लेकर आउंगा भाई तेरे लिए ,
फिर बदला ना चुका पाउंगा भाई तेरे लिए ।
———————————
मौत से खेलने वाले तो बस खेल जाते हैं ,
अपने भाई जैसे दोस्त लाखों दर्द झेल जाते हैं ,
फिर लौट कर वो नहीं आते कभी ,
जो मौत की जेल जाते हैं।
———————————
अपनी मौत भला कौन मरता है ,
सब तो बस बैमौत मरते हैं ,
यह मौत तो जिदंगी से प्यारी है ,
हम तो मौत को यूं ही बदनाम करते हैं।
———————————
अगर लिखा है किस्मत मे मरना तो मरना पड़ेगा ,
अगर भाई दुनिया छोड़कर चला गया तो भी
हमें अकेला जीना पड़ेगा ।
———————————
वह पैदा हुआ था मरने के लिए ,
मगर खुद को लगा दिया उसने इश्क करने के लिए ,
जब तूने बंद कर दिया बात करना ,
वह कहता गया ,
अरे रस्ता तो चाहिए तेरी गलियों से गुजरने के लिए ।
———————————
अपने भाई की मौत पर जमाने ने अफसोस किया ,
मगर उसकी मौत ने हमें सदा के लिए खामोश किया ।
———————————
अगर जिदंगी जीनी है ,
तो अपने भाई की तरह शान से जीओ ,
अगर करते हो प्यार किसी से ,
तो हद से ज्यादा ना पीओ ।
———————————
जिदंगी आवाज करती है ,
मगर मौत तो बस खामोश करती है।
———————————
अपने भाई की मौत की खबर सुनी जब उसने ,
हमने देखा वह रो रही थी ,
रोए भी आखिर क्योंना ,
वह अपना सब कुछ खो रही थी ।
———————————
अगर इंसान हो तो बुराई से लड़ना सीखो ,
अगर भाई को किसी के ,
तो अच्छे भाई बनना सीखो ।
———————————
खुदा ने कहा अपने भाई से ,
या तो अपनों की मौत चुनले ,
या खुद की मौत चुनले ,
भाई ने खुद की मौत को चुन लिया ।
———————————
मौत खुद आती नहीं ,
उसे बुलाया जाता है ,
जब मर जाता है जान से प्यारा भाई ,
तो उसे भी कब्र मे सुलाया जाता है।
———————————
कितना भी रोओ और चिल्लाओ ,
यह दुनिया तो बहरी है ,
कोई इलाज नहीं है इसका ,
भाई तेरी मौत की चोट गहरी है।
———————————
यह दुनिया है दो दिन का ठिकाना ,
इसलिए भाइयों की यारियां खूब निभाना ।
———————————
मौत से बड़ा कोई गम नहीं ,
अपना भाई मरके भी नाम कर गया दुनिया मे ,
सच मुच भाई तू किसी से कम नहीं ।
———————————
सदा रहेगा भाई तेरा मेरा याराना ,
भले ही तू चला गया दुनिया छोड़कर ,
मगर हमारा अंदाज फिर भी रहेगा शायराना ।
———————————
जिसे लोग मौत कहते हैं ,
अपना भाई उसे जिदंगी कहता था ।
———————————
तुझे यकीन दिलाने के लिए ,
अपने भाई को मरके दिखाना पड़ा ,
मगर पता नहीं उसकी क्या मजबूरी थी ,
जो तेरे जैसी लड़की को चाहना पड़ा ।
———————————
अगर जिदंगी मे चैन नहीं है ,
तो मरने के बाद भी नहीं होगा ,
अगर खुशी मे भी सकून नहीं है ,
तो इश्क करने के बाद भी नहीं होगा ।
———————————
अपना भाई तो लाखों मे एक था ,
दिया करता था दूसरों को दान खूब,
वह तो खुद एक शेख था ।
———————————
जब अपने भाई की कब्र पर दुश्मनों ने ठोकर मारी,
तो आवाज आई अंदर से ,
चुप करो कमीनों ,
वरना अकड़ उतार दूंगा अभी सारी ।
———————————
अपने भाई को जिदंगी ने बहुत सताया ,
और इस बेरहम मौत ने खूब तरसाया ,
फिर भी भाई ने अपना साथ निभाया ।
———————————
जिस दिन भाई ने मौत को गले लगाया था ,
उस दिन दुश्मनों ने खूब जश्न मनाया था ।
———————————
जब अपना भाई मौत के सामने बिखर गया था ,
मगर वह तो मरकर भी फूलों की तरह निखर गया था ।
———————————
ऐ जिदंगी दर्द चाहे तू हजार देदे ,
बस हमें अपने भाइयों का थोड़ा सा प्यार देदे ,
फिर नहीं करेगे शिकायत तुझ से ,
फिर हमें मौत का संसार देदे ।
———————————
तेरे भाई का दिल जलता रहा ,
तन्हाइयों की आग मे ,
फिर पता नहीं क्या हुआ उसको ,
कूद कर जान देदी अपनी सैलाब मे ।
———————————
पूरा वही होता है, जो लिखा है ,
किस्मत की किताब मे ,
दुनिया से भाई चला गया तो क्या हुआ ,
रोज आता है तू फिर भी हमारे ख्वाब मे ।
———————————
यह दुनिया कुछ नहीं है सपनों से ज्यादा ,
एक दिन कहा था अपने भाई ने ,
याद रखना कोई नहीं चाहेगा तुझे अपनों से ज्यादा ।
———————————
हमेशा रहता है जिदंगी का अधूरापन ,
जिसे गाना नहीं आता है ,
वह दिखाता है अपना बेसूरापन ।
v———————————
अपने भाई के शब्द याद रहेंगे सदा ,
जिदंगी को तो जी लिया ,
अब मौत को भी जी लेंगे ,
अरे क्या ही बिगाड़ पाएगी मौत हमारा ,
शरीर से नहीं हमे तो है बस आत्मा का सहारा ।
———————————
इस जिदंगी को ठहरना ही था ,
सो ठहर गयी ,
अपने भाई जैसी दोस्ती ,
आज इस दुनिया से बाहर गई ।
———————————
अपना भाई जब जिंदा था ,
तब हर तरफ उसका विरोध होता था ,
आज जब वो चला गया दुनिया छोड़कर ,
उसके बाद उसके काम पर शोध होता था ।
———————————
आज जीते जी मर गए हम ,
जब देखी भाई की लाश हमने ,
अंदर से पूरी तरह डर गए हम ।
———————————
दुख नहीं है किसी को भाई की मौत का ,
क्योंकि इस धरती पर मरना और जीना ,
तो झमेला है रोज का ।
v———————————
अगर ढूंढोगे तो भगवान भी मिल जाएंगे ,
अगर अच्छा करोगे तो शैतान भी मिल जाएंगे ,
अगर झांक कर दिल मे देखोगे ,
तो अपने भाइयों के एहसान भी मिल जांएगे ।
———————————
अपने भाई के लिए ,
खुदा से मौत का पैगाम आया था ,
वह मरा ही नहीं था ,
मगर उसकी मौत का गम हर तरफ छाया था ।
———————————
क्या पता यह शाम जिदंगी
की आखरी शाम हो ,
कहता था अपना भाई ,
आए मुश्बित तो सोचना ,
क्या पता दुश्मनों का यह इंतकाम हो ।
———————————
करता रहा अपना भाई मौत से गुजारिश ,
मगर कबूल नहीं हो सकी उसकी फरमाइश ।
———————————
जब भाई तेरी कब्र पर फूल खिलने लगे ,
हमें लगा तुझे खुदा के तोहफे मिलने लगे ।
———————————
सुनी जब भाई की मौत की खबर ,
आंखों मे अंधेरा छा गया ,
हमें लगा जैसे कि ,
तूफान गहरा आ गया ।
———————————
नाम था अपने भाई का शैतानों मे ,
फिर भी नाम आता था उसका एहसानों मे ,
नहीं समझ पाया कोई उसको ,
वह था माहन इंसानों मे ।
———————————
जब वह गया दुनिया छोड़कर तो आंखें नम सी हो गई ,
ऐसा लगा जैसे हमारी सांसे कम सी हो गई ।
———————————
रोज दुश्मनों को रूलाने वाला ,
सबको मौत की नींद सुलाने वाला ,
आज खुद मौत की नींद सो गया ।
———————————
बुझी शमा को जिसने जला दिया ,
प्रकाश को जिसने हर तरफ फैला दिया ,
आज मौत ने उसकी हस्ती को मिटा दिया ।
———————————
काश वह मौत को भी जीना सीखा देता ,
गम कम हो जाता हमारा ,
काश वह हमें भी पीना सीखा देता ।
———————————
कहता था अपना भाई ,
जिस दिन जाएंगे दुनिया छोड़कर ,
वह आ जाएगी सारे बंधन छोड़कर ।
———————————
कायल बना दिया था अपने भाई ने सबको ,
उसकी मौत के आगे झुकना पड़ गया रबको ।
———————————
टूटी थी अपने भाई की जिस दिन सांसों की डोर ,
फिर कुछ नहीं कर सका कोई और ।
———————————
अपने भाई की मौत की खबर से हम परेशान थे ,
सब कुछ चकनाचूर हो गया ,
उसको लेकर दिल मे बहुत सारे अरमान थे ।
———————————
आंसमा से बादल आज बरस रहे थे ,
और हम दुनिया छोड़कर जाने वाले अपने
भाई से मिलने के लिए तरस रहे थे ।
———————————
अपने भाई के आखरी शब्द यह थे ,
मिटा नहीं सकता कोई हस्ती हमारी ,
क्योंकि खुदा के दर तक फैली है बस्ती हमारी ।
———————————
अपने भाई ने तो मौत को भी चूम लिया था ,
कहता था प्यार बहुत करता हूूं तुमसे ।
———————————
एक वजह चाहिए जीने के लिए ,
मगर बहुत सारा गम चाहिए पीने के लिए ।
जब डूब गया था अपना भाई मौत के समंदर मे ,
तब हलचल बहुत मच चुकी थी दिल के अंदर मे ।
———————————
मौत के बहाने अनेक हैं ,
कोई टाल नहीं सकता है ,
जो तेरी किस्मत मे लिखे लेख हैं।
———————————
बिन भाई हम जिदंगी जीने को मजबूर थे ,
क्योंकि अपने भाई तो अब इस दुनिया से दूर थे ।
———————————
अपना भाई ,भाई नहीं खुदा का बंदा था ,
दूसरों की मदद करना उसका धंधा था ।
———————————
जो तकदीर मे लिखा है , वह एक दिन जरूर मिलेगा ,
भले ही अपना भाई नहीं है इस दुनिया मे ,
मगर उसकी नाम का फूल एक दिन जरूर खिलेगा ।
———————————
अपने भाई ने अलविदा कह दिया इस जमाने को ,
पता नहीं क्यों छोड़ दिया उसने , इस ठिकाने को ।
———————————
कभी कभी भाई तेरे पास आने का मन करता है ,
मगर क्या करें , यह जमाना बहुत तंग करता है।
———————————
जाने वाले कभी वापस लौट कर नहीं आते ,
जो भाई होते हैं वो यूं रस्तों मे छोड़कर नहीं जाते ।
———————————
आखिर मौत पर जोर किसी का चलता नहीं ,
कह देता अगर तू अपने दिल की बात भाई ,
तो तेरा जाना हमें खलता नहीं ।
———————————
बेरंग आए हो इस जमाने मे ,
कुछ भी नहीं पाओंगे इस जमाने मे ,
मन कभी मत लगाना इस फसाने मे ।
———————————
जन्मे हो तो एक दिन मरना भी होगा ,
जी लो अपने भाई की तरह सकून की जिदंगी ,
एक दिन मौत के नाम खुद को करना भी होगा ।
———————————
तोहफे बहुत मिले भाई को इस जमाने मे ,
मगर उसी तोहफे मे मौत देदी ,
और छोड़ दिया उसको मौत के ठिकाने मे
हर जिदंगी का अंजाम मौत है ,
याद रखना अपने भाई ,
जिदंगी की हर एक शाम मौत है।
———————————
मौत से आप कब तक डरोगे ,
अपने भाई ने कहा था ,
आज अगर नहीं की तैयारी ,
तो कल मौत का सामना कैसे करोगे ।
———————————
मौत से बड़ी कोई सजा नहीं होती ,
और भाई नाराज हो जाए ,
उससे बड़ी कोई खता नहीं होती ।
———————————
भाई तेरी आत्मा की शांति के लिए दुआ करते हैं ,
क्योंकि खुदा ही उस दुनिया के बादशाह हुआ करते हैं।
———————————
अपने भाई का मौत इंतजार करती रही ,
और इक वह पगली थी की ,
मौत के बाद भी भाई को प्यार करती रही ।
———————————
जब जिदंगी के अंदर बढ़ने लग जाएं मुश्किलें ,
तब हौसले कभी कम मत होने देना ।
———————————
खुदा जब करेगा अपने भाई के कर्मों का हिसाब ,
तब देगा वह अपने भाई को खुशियों का सैलाब ।
———————————
जब अपने भाई की मौत से मुलाकात हुई ,
तब न जाने क्यों आसमान से आंसुओं की बरसात हुई ।
———————————
यह आंखें कैसे देख पाएंगी भाई तेरे जनाजे को ,
देखना तो दूरी की बात है ,
हम तो लांघ ही नहीं पाएंगे दरवाजे को ।
———————————
चिता अपने भाई की जल रही थी ,
उसकी मौत हमें अंदर ही अंदर खल रही थी।
———————————
जिदंगी अगर जीनी है तो दिल से जिया करो ,
दूसरों को बदनाम करके ,
खुद खुशिया ना लिया करो ।
———————————
अकेले आए हो अकेले जाओगे ,
मगर भाई तुम चिंता मत करो ,
हमें तुम अपने आप से पहले पाओगे ।
———————————
चला जब अपना भाई मौत के सफर पर ,
एक बार नजर आया वह ,
फिर कभी नजर नहीं आया उस डगर पर ।
———————————
अपना भाई कहता था ,
पगली मेरी लंबी उम्र की दुआ मत कर ,
ऐसे ही जिदंगी मे दर्द है ज्यादा ,
ऐसे प्यार से हमें छुआ मतकर ।
———————————
कभी नहीं मांगी थी हमने अपने भाई के लिए
लंबी उम्र की दुआ ,
शायद तभी अपने भाई का एक्सीटेंड हुआ ।
———————————
उस दिन हम तेरी नजरों से दूर हो जाएंगे ,
जिस दिन हम कब्र मे सो जाएंगे ।
———————————
दूर फिजाओं मे कहीं खो जाएंगे हम ,
मौत उस दिन हमको आएगी ,
जिस दिन दिल से तेरे हो जाएंगे हम ।
———————————
अपने भाई ने कहा था
इंसान मरता कहा हैं ,
यादों मे तो वह हमेशा जिंदा रहता है।
———————————
अपना भाई कफन ओढ़कर सोया था जमीन पर ,
हम उसे अकेला छोड़कर गए थे दोस्तों के यकीन पर ।
अपने भाई की मौत पर मुंह ढककर रो रहे हैं हम ,
अपने भाई की जगह खुद कब्र मे सो रहे हैं हम ।
———————————
अपने भाई को मारा जमाने की बेरूखी ने ,
और खुद को लुटा दिया उस दुखी ने ।
———————————
भाई कभी जिदंगी मे चैन से सोया नहीं था ,
और उसके रहते मैं कभी रोया नहीं था ।
———————————
वक्त के साथ भाई की कब्र पर हमने जाना छोड़ दिया ,
जो उसके साथ यादों का रिश्ता था ख,
वो भी धीरे धीरे तोड़ दिया ।
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मरने वाले मर जाते हैं ,
डरने वाले डर जाते हैं ,
मगर वह कोई नहीं कर सकता है ,
जो भाई कर जाते हैं ।
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किसी दिन तेरी नजरों से दूर हो जाएंगे हम ,
उस दिन मर चुके इंसान के नाम से मशहूर
हो जाएंगे हम ।
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अपने भाई की लास से लिपटकर रोया मैं ,
दर्द आखिर क्यों नहीं होता ,
भाई जैसा दोस्त खोया मैं ।
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पानी और आग का कोई मेल नहीं है ,
भाई बहन का रिश्ता कोई खेल नहीं है।
रिश्ता बनाने से कुछ नहीं होता रिश्ता निभाना पड़ता है।
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सुन ऐ भाई हमने जिसको भी सीने से लगाया है ,
उसने ही हमें न जाने क्यों तड़पाया है।
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भाई ने अपनी उम्र हमारे नाम करदी ,
और खुद के लिए मौत की शाम करदी ।
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क्यों चला गया भाई तू दिल तोड़के ,
तुझे भी अच्छा नहीं लगता होगा हमे छोड़के ।
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मौत सारे बंधन तोड़ देती है ,
और एक अलग ही दुनिया से हमे छोड़ देती है।
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बिना पर के कोई उड़ नहीं सकता ,
तेरे जैसा भाई हमें यूं ही रस्ते पर छोड़ नहीं सकता ।
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जब तेरे भाई को मौत ने पुकारा ,
तो कहकर गया था चिंता मत करना तू ,
आउंगा तेरा भाई बनकर किसी जन्म मे दोबारा ।
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अनोखी होती है मौत की दुनिया ,
जो एक बार चला जाता है वह फिर लौट कर नहीं आता ।
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ना अपने भाई की कोई मंजिल थी ,
ना उसका कोई ठिकाना था ,
होता भी कैसे ,
क्योंकि उसको सिर्फ मौत के पास जाना था ।
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जिदंगी मे दर्द भरे गम भी आते हैं ,
तो खुशी के मौसम बनकर कभी हम भी आते हैं।
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भाई मेरा सहारा थे तुम ,
मेरी नदी का किनारा थे तुम ,
क्यो छोड़कर चले गए हमें ,
क्या टूटने वाले तारा थे हम ।
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पलकें बिछाकर स्वागत मे जिस भाई की बैठे थे ,
हमें क्या पता वो खुद तो कब्र मे लेेटे थे ।
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भाई तेरी मौत पर भी वह रोई नहीं थी ,
मगर दर्द उसके दिल मे था ,
इसलिए कुछ दिनों से वह सोई नहीं थी।
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भाई तूने तो कर लिया था एहसास जीने का ,
क्या कहें , मजा ही कुछ और होता है गम मे पीने का ।
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सकून मिलता था जब भाई तुझे देखता था ,
हर कोई खुश हो जाता था तेरी बातें सुनकर
तू भी ना इतनी फेंकता था ।
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कोई वक्त नहीं होता मरने का ,
दुनिया वालों ने भय पाल लिया था ,
भाई के नाम से डरने का ,
मगर आज तक किसी को पता नहीं,
चल पाया उसके गुजरने का ।
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मरने से पहले भाई एक बार मुस्कुराया था ,
हमने कहा माफ करदे हमें ,
हमने तेरा दिल बहुत दुखाया था ।
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ऐसे तो वह हजार लड़ता था ,
मगर प्यार वही हमसे सबसे ज्यादा करता था ।
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कहता था अपना भाई ,
हमें मौत भी आए तो रोना मत ,
हमारे लिए अपने कीमत आंसुओं को खोना मत
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दिल की तन्हाई को आवाज बना लेते हैं ,
जब हद से ज्यादा गुजरता है दर्द भाई तेरा
तो गा लेते हैं।
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हुस्न वालों मे मशहूर थी अपने भाई की आदत ,
भले ही वह दुनिया छोड़कर चला गया ,
मगर दुनिया आज भी याद करती है उनकी इबादत ।
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प्यार मिलता है जहाँ,
वहां घर बसा लेते हैं ,
नहीं मिला भाई तेरे जैसा कोई ,
इसलिए जो मिला उसे दिल से लगा लेते हैं ।
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भाई तूने हमें जिदंगी मे सकून दिया ,
मगर तेरी यादों ने हमें दर्द भरा जनून दिया ।
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भाई तेरी मौत ने हमकों पागल बना दिया ,
अब लोग कहते हैं देखो भाई के प्यार मे पागल हो गया ।
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भाई तुझे बचाने के लिए खुदा के दर को चुमते रहे ,
तू तो कब का मर चुका था ,
और हम पागलों की तरह घूमते रहे ।
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हमें बहुत अफसोस है भाई तेरे इस दुनिया से जाने का ,
लेकिन दम नहीं था हममें मौत को हरा पाने का ।
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अपना भाई लांघ आया था मौत का समंदर ,
मगर एक चूक ने उसको लेलिया अंदर ।
bhai ki mot par shayari
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कह रहा था अपना भाई ,
पगली हमसे दिल लगाया ना कर ,
हमें हद से ज्यादा चाहया ना कर ,
हम तो मौत पर सवारी करते हैं ,
इसलिए हमारी याद मे खुद को
तड़पाया ना कर।
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बस यहीं तक अपने भाई का मुकाम था ,
यही उसकी जिदंगी का इंतकाम था ,
जब देखा उसकी मौत को ,
तो दर्द दिल मे इतना उठा
कि हमारे पास लगाने के लिए ना कोई बाम था ।
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अगर बदन मे दर्द है तो दवा मिल जाएगी ,
अगर दर्द दिल मे है , शीतल हवा मिल जाएगी ।
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धड़कने भी रूक जाएंगी एक दिन चलते चलते ,
क्या हंस रहे हो अपने भाई की मौत पर ,
एक दिन दुनिया देखेंगे तुम्हें जलते जलते ।
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जब रूक जाती हैं सांसे ,
तो फिर खत्म हो जाती हैं आशें ।
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ना चांद अपना है ,
ना तारा अपना है ,
ना भाई का सहारा अपना है ,
सब कुछ जो दिखता है ,
वह सब एक सपना है।
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एक मौत ही है जो सबके पीछे चलती है ,
वरना आजकल कौन किसके पीछे चलता है ।
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अपने भाई की मौत को यह दिल मानता नहीं ,
कैसे समझाएं इसको मौत की गहराई को ,
यह कुछ भी जानता नहीं ।
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यूंही नहीं कहते दिल नादान होता है,
जब मरा भाई अपना ,
तो आंखों के सामने उसको जलते देख
यह सोचने लगा सब झूठ है।
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कैसे कहें भाई की मौत हो गई
अपनी भाभी को ,
क्योंकि उसे तो यही लग रहा था
कि वे काम पर गए हैं।
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