एकादशी का व्रत करने के फायदे आपको देखने को मिलते हैं। एक माह के अंदर 2 एकादशी होती हैं। और एक साल के अंदर बस 24 एकादशी होती हैं। कुछ लोग एकादशी का व्रत करते हैं। तो यहां पर हम आपको बताने वाले हैं , कि एकादशी का व्रत करने से क्या क्या फायदे आपको देखने को मिलते हैं ? तो इसके बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं। बहुत से लोग एकादशी का व्रत तो करते हैं , लेकिन उनको इसके फायदे के बारे मे पता नहीं होता है। यदि आपको भी नहीं पता है , तो यहां पर हम पूरे अच्छे तरीके से बताने वाले हैं।
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सभी तरह के कार्य सिद्ध होते हैं ekadashi ka vrat karne se kya fayda hota hai
चैत्र माह में कामदा और पापमोचिनी एकादशी का यदि आप व्रत करते हैं , तो आपके सभी तरह के कार्य सिद्ध हो जाते हैं। यदि आप कोई कार्य कर रहे हैं , मगर वह कार्य सिद्ध नहीं हो रहा है , तो आपको यह सब करना चाहिए । जिससे कि आपको काम के अंदर बहुत ही जल्दी सफलता मिल जाएगी । यह एक अच्छा उपाय आप चुन सकते हैं। और इससे आपको फायदा जरूर होगा । कार्य मे हो रही अड़चन को यह दूर करने का काम करता है। जिससे कि जीवन के अंदर सब कुछ ठीक ठीक बना रहता है।
पापों का नाश होता है
दोस्तों पापमोचिनी एकादशी का व्रत यदि आप करते हैं , तो इसकी वजह से पापों का नाश होता है। हम इंसानी जीवन के अंदर जब होते हैं , तो हमे कई तरह के पाप करने पड़ते हैं। और उन पापों का फल भी हमें बाद मे भुगतना पड़ता है। इसलिए एकादशी का व्रत करने के बारे मे मान्यता है , कि ऐसा करने से सभी तरह के पाप कट जाते हैं , और बाद मे उन पापों का फल नहीं भुगतना पड़ता है। एक तरह से यह पश्चाताप जैस होता है।
प्रेत योनी से मिलता है छुटकारा
एकादशी व्रत के बारे मे सबसे प्रचलित मान्यता यह है , कि यदि आपके कोई पूर्वज प्रेत योनी के अंदर अपने कर्मों की वजह से चला गया है , तो एकादशी व्रत के बारे मे बताया जाता है। और यह कहा जाता है , कि एकादशी का व्रत करने से मरे हुए इंसान की गति हो जाती है। और वह पितर लोक को प्राप्त हो जाता है। एक तरह से यह आपका फर्ज भी बनता है , कि आप उसको प्रेत योनी से निकालें । यह जरूरी होता है।
यदि आपका भी कोई मरा हुआ पूर्वज आपको काफी अधिक परेशान कर रहा है , तो फिर आप एकादशी के व्रत को ट्राई कर सकते हैं। और यह संभव हो सकता है , कि बाद मे वह आपको परेशान करना बंद करदे ।
सौभाग्य आता है
वैशाख में वरुथिनी और मोहिनी एकादशी आती है। यदि आप इस एकादशी का व्रत करते हैं , तो आपका बुरा भाग्य दूर होता है। और इसके स्थान पर अच्छा भाग्य आता है। यदि आपको लगता है , कि आपका बुरा समय चल रहा है , तो आप इस एकादशी का व्रत कर सकते हैं । आपको इससे जरूर फायदा होगा । हालांकि सब कुछ एक दिन के अंदर नहीं बदल जाएगा । बदलने मे काफी अधिक समय लगता है। हालांकि जब बुरा समय चलता है , तो उस समय को काउंटर करना काफी अधिक कठिन हो जाता है।और बस एक आस के चलते ही हम सब कुछ करने लग जाते हैं , ताकि हो सकता है , समय बदल जाए ।
मोक्ष प्रदान करने वाली होती है
मोहिनी एकादशी का व्रत करना जैसा कि हमने आपको उपर बताया । यह मोक्ष प्रदान करने वाली होती है। अक्सर क्या होता है , कि जब कोई जानवर या फिर इंसान मौत के सैया पर तड़प रहा होता है , तो एकादशी का व्रत बोला जाता है। ताकि उसकी मौत शांति से हो सके । ऐसा करने से उसके प्राण निकल जाते हैं। और बाद मे उसका मोक्ष हो जाता है। तो यह मोक्ष दिलाने मे मदद करता है।
विवाह की समस्या दूर होती है
मोहिनी एकादशी विवाह की समस्या को दूर करने का काम करती है। यदि आपके जीवन के अंदर विवाह की समस्या है , विवाह नहीं हो रहा है , तो आपको यह उपाय करना चाहिए । माना जाता है , कि जो लोग यह व्रत करते हैं , जल्दी ही उनका विवाह हो जाता है। या विवाह के अंदर आ रही अड़चन दूर हो जाती है। आप समझ सकते हैं।
वैसे भी आजकल लड़कियों की भारी कमी हो चुकी है। इसके चलते विवाह करने मे काफी अधिक परेशानी हो रही है। यदि इसी तरह से तेजी से लड़कियों की संख्या घटती रहेगी , तो फिर समस्या और अधिक बड़ी हो जाएगी ।
सुखी जीवन के लिए उपयोगी
दोस्तों सुखी जीवन के लिए एकादशी का व्रत करना काफी अधिक फायदेमंद होता है। यदि आपके यहां पर सुखी जीवन नहीं है ,तो फिर आपको एकादशी का व्रत करना चाहिए । यह आपके जीवन के अंदर आने वाली परेशानियों को दूर करने का काम करता है। और आपके जीवन को सुखी बनाता है , वैसे भी हम सभी जीवन के अंदर पैसा इसलिए कमाते हैं , ताकि हमारा जीवन सुखी रह पाए । यदि आप अपने जीवन मे सुख लाने के लिए सारे प्रयास करके असफल हो चुके हैं , तो आपको यह एक उपाय भी करना चाहिए । ताकि आपको इससे काफी अधिक फायदा देखने को मिल सके ।
मोह.माया के बंधनों से छुटकारा मिलता है
आपको क्या लगता है , कि आप यहां पर क्यों आएं हैं ? असल मे हम सभी मोह माया के अंदर फंसे हुए हैं। तब यहां पर आएं हैं। और भोगों को भोगने के लिए यहां पर आए हैं। यह बात सच है , कि भोगों को भोगने मे सुख मिलता है , लेकिन वह असली सुख नहीं है। वह दुख ही है , कुछ क्षण भर का सुख ही हमें बार बार जन्म लेने के लिए विवश करता है। तो यदि आप चाहते हैं , कि आप सभी बंधनों से मुक्त हो जाएं , तो एकादशी का व्रत करें । इससे आपको जरूर ही फायदा देखने को मिलेगा ।
निर्जला एकादशी का व्रत करने से मनोकामना पूर्ण होती है
दोस्तों निर्जला एकादशी के अंदर व्रत करने वाला पानी भी नहीं पीता है।ज्येष्ठ माह में अपरा के अंदर निर्जला एकादशी आती है। यदि आपकी कोई मनोकामना है , और पूर्ण नहीं हो रही है , तो आप निर्जला एकादशी का व्रत कर सकते हैं। और ऐसा करने से आपको इसका फायदा जरूर मिलेगा । आपकी अधूरी मनोकामना शायद हो सकता है , कि पूरी हो जाए , तो आप ट्राई कर सकते हैं।
पारिवारिक सुख मिलता है
आषाढ़ माह में योगिनी और देवशयनी एकादशी आती है। यदि आप इसका व्रत करते हैं , तो इससे आपको फायदा मिलता है। जिन लोगों को परिवार का सुख नहीं मिलता है , उनको योगिनी एकादशी का व्रत करना चाहिए । ऐसा करने से उनको परिवार का सुख मिलने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं , कि उनके पास सब कुछ अच्छा होता है , लेकिन कभी भी उनको परिवार का सुख नसीब नहीं होता है।
सिद्धि प्राप्त होती है
देवशयनी एकादशी का व्रत यदि आप करते हैं , तो आपको सिद्धि प्राप्त होती है। जोकि आपके जीवन के अंदर काफी अधिक महत्वपूर्ण होती है। और जीवन की समस्याओं को दूर करने मे आपकी मदद करने का काम करती है।
संतान सुख मिलता है
पुत्रदा एकादशी का व्रत यदि आप करते हैं , तो इससे आपको संतान सुख प्राप्त होता है। यदि आपको पुत्र नहीं है , तो फिर पुत्र प्राप्त करने के लिए भी आप यह व्रत कर सकते हैं। इसी तरह से यदि आपको संतान सुख नहीं मिल रहा है , तो भी आप यह व्रत कर सकते हैं। जिससे कि आपको संतान सुख मिलेगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। बहुत से माता पिता अपने संतान की गतिविधियों की वजह से परेशान रहते हैं , तो उनके लिए यह व्रत करना उपयोगी हो सकता है।
पुत्र के संकट को दूर करती है
भाद्रपद में अजा और परिवर्तिनी एकादशी का व्रत यदि आप करते हैं , तो इससे आपको और अधिक फायदा होता है , यदि आपके पुत्र पर किसी तरह का संकट आ रहा है , तो यह व्रत उसके उपर आने वाले संकट को टालने का प्रयास होता है।यदि आपको लगता है , कि आपके पुत्र पर कोई संकट आने वाला है , तो आपको यह व्रत जरूर ही करना चाहिए ।
धन की समस्या दूर होती है
आजकल बिना धन के कुछ होता नहीं है। यदि आपके पास धन नहीं है , तो फिर आपकी कोई पूछ नहीं होगी । बिना धन के आप कुछ नहीं कर सकते हैं। और यदि धन किसी के पास है , तो उसकी जय जय कार होती है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है , कि आप गलत तरीके से धन को कमाना शूरू करदें ।भाद्रपद में अजा और परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करने से आपका खोया हुआ सब कुछ प्राप्त हो जाता है। और रूका हुआ धन भी आपको मिल जाता है।
भाग्य को जगाने मे मदद करती है
कुछ लोगों के बारे मे अक्सर यह कहा जाता है , कि उनका भाग्य सो जाता है। तो यदि आपको भी यह लगता है , कि आपका भाग्य सो चुका है , तो फिर आपको रमा और प्रबोधिनी एकादशी का व्रत करना चाहिए । और माना जाता है , कि ऐसा करने से भाग्य जाग्रत होता है। और आपको पता ही है , जिस इंसान का भाग्य जाग जाता है , उसके जीवन के अंदर सब कुछ सफलता ही सफलता मिलती है।
पितर और देवता होते हैं प्रसन्न
मार्गशीर्ष में उत्पन्ना और मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से पितर और देवता प्रसन्न होते हैं।उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से हजार वाजपेय और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। और इसके बारे मे यह कहा गया है , कि यह मोक्ष देने वाली है। तो यदि आप पितरों और देवताओं को प्रसन्न करना चाहते हैं , तो फिर इसका व्रत जरूर ही करें।
नीच योनियों मे नहीं गिरता है इंसान
माघ में षटतिला और जया एकादशी का व्रत यदि कोई करता है , तो मरने के बाद भी इस तरह का इंसान कभी भी नीच योनियों के अंदर नहीं गिरता है। और ब्रह्रम हत्या जैसे पाप से भी इस तरह के इंसान को छूटकारा मिल जाता है। माघ में षटतिला और जया एकादशी का व्रत करने का यह एक बहुत ही बड़ा फायदा माना जाता है।
शत्रु का नाश होता है
यदि आपको शत्रु काफी अधिक परेशान करते हैं । और शत्रुओं का भय हमेशा बना रहता है। फाल्गुन में विजया और आमलकी एकादशी आती है। इसको करने से सभी तरह के शत्रु आपसे दूर भाग जाएंगे । और आपके अंदर जो शत्रु का भय होता है , वह भय का नाश हो जाता है। तो आप इस एकादशी का व्रत कर सकते हैं।
सभी तरह के रोगों का नाश हो जाता है
यदि आपको कोई इस तरह का रोग हो रहा है , जिससे कि आपको छुटकारा नहीं मिल रहा है , तो विजया और आमलकी एकादशी का व्रत आपको करना चाहिए । यदि आप ऐसा करती हैं , तो आपका चाहे कितना भी भयंकर रोग क्योंना हो । उस रोग से आपको मुक्ति मिल ही जाती है। तो आप यह सब ट्राई कर सकते हैं।
पुत्र के यश को बढ़ाने के लिए
अधिकमास माह में पद्मिनी ;कमला एवं परमा एकादशी का व्रत यदि कोई करता है , तो यह और अधिक फायदेमंद होता है। यह पुत्र के यश को बढ़ाने वाला होता है। वैसे यदि आप चाहते हैं , कि आपके पुत्र का यश बढ़े तो आपको यह व्रत जरूर करना चाहिए ।
एकादशी का व्रत करने के फायदे के बारे मे हमने जाना उम्मीद करते हैं , कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं , हम आपके सवाल का जवाब देने का प्रयास करेंगे।