samudri seval kya hota hai – समुद्री शैवाल, जिन्हें मैक्रोएल्गे भी कहा जाता है,यह समुद्र के अंदर उगने वाले छोटे पौधे होते हैं। जोकि गहरे समुद्रों के अंदर आपको देखने को मिल जाते हैं। यह जल के अंदर रहने वाले जीवों को आश्रय प्रदान करने का काम करते हैं।समुद्री शैवाल जलवायु को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। यह स्वपोषी होते हैं। अन्य पौधों की तरह इसके अंदर जड़ें आदि नहीं होती हैं। यह पूरी तरह से अलग होते हैं। इनको जलिय जीव एक तरह से फीड़ के रूप मे भी प्रयोग करते हैं।
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समुद्री शैवाल कितने प्रकार के होते हैं samudri seval kya hota hai
यदि हम शैवाल के प्रकार के बारे मे बात करें , तो यह कई सारे होते हैं। जिनके बारे मे हम बात करने वाले हैं ।
हरा शैवाल (क्लोरोफाइटा)
हरा शैवाल मीठे पानी और खारे पानी दोनों के अंदर ही आपको देखने को मिल जाता है।इसके अंदर फ्लैगेला होता है।यह अपने भोजन को स्वयं बनाते हैं। और इसके अंदर एककोशिकिए और बहुकोशिकिय होते हैं। हॉर्सहेयर शैवाल इसी के अंदर आता है। इसके अलावा भी और कई सारे शैवाल आपको मिल जाते हैं।
यूग्लेनोफाइटा (यूग्लेनोइड्स)
यूग्लेनोफाइटा (यूग्लेनोइड्स) भी ताजे और खारे दोनो ही प्रकार के पानी के अंदर देखने को मिलता है। इनके अंदर क्लोरोप्लास्ट होते हैं। जिसकी मदद से प्रकाश संश्लेषण की मदद से खाना बनाने का काम करते हैं। इनके अंदर कोशिका-भित्ति नहीं होती है।और कार्बन युक्त पदार्थों पर भोजन करते हैं।
गोल्डन-ब्राउन शैवाल और डायटम (क्राइसोफाइटा)
यह शैवाल सुनहरे और भूरे रंग के होते हैं। एककोशिकीय यह होते हैं। समुद्र के अंदर इनकी लाखों प्रजातियां पाई जाती हैं।यह ताजे और खारे पानी के अंदर निवास करते हैं। गोल्डन-ब्राउन शैवाल मे केवल छोटी छोटी कोशिकाएं होती हैं। जिनकी साइज 50 माइक्रोमीटर के आस पास होती है।
अग्नि शैवाल (पाइरोफाइटा)
अग्नि शैवाल (पाइरोफाइटा) खारे और मीठे पानी के अंदर देखने को मिल जाते हैं। यह शैवाल प्रकाश संश्लेषण की मदद से अपना भोजन बना सकते हैं। इनकी कुछ प्रजातियां इस तरह की होती हैं कि वे रात के अंदर भी रोशनी प्रदान करने का काम करती हैं।वे एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जलीय खाद्य श्रृंखला, और वे मछली, क्रिल और अन्य जलीय जीवों के लिए भोजन का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। और कुछ प्रजातियां जलीय जीव और इंसानों के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इनको खाने से मौत तक हो सकती है।
लाल शैवाल (रोडोफाइटा)
लाल शैवाल (रोडोफाइटा) शैवाल का एक विविध समूह है जिसमें 6,000 से अधिक प्रजातियां होती हैं। यह सबसे अधिक समुद्र के मीठे पानी के अंदर देखने को मिलते हैं।इनका लाल रंग इनके वर्णक फाइकोएरिथ्रिन की वजह से होता है।लाल शैवाल मे कुछ शैवाल बहुत ही सूक्ष्म होते हैं। उनको माइक्रोस्कोप की मदद से ही देखे जा सकते हैं। जबकि कुछ शैवाल बहुकोशिकिय भी होते हैं।यह समुद्री जीवों के लिए एक तरह से भोजन का स्त्रोत होते हैं।
कोरलिन शैवाल: ये लाल शैवाल कठोर होते हैं, चट्टानी संरचनाएं जो उथले समुद्री जल के अंदर पाये जाते हैं। और यह कई सारे समुद्री जीवों को आवास भी प्रदान करने का काम करते हैं।
गैरचेरिया: ये लाल शैवाल हैं गैरचेरिया अकार से पूरी तरह से अलग हो सकते हैं। इनकी कुछ प्रजातियां काफी छोटी होती हैं। तो कुछ लंबी भी हो सकती है।
दलस: यह एक प्रकार का लाल शैवाल है । यह समुद्री तट पर देखने को मिलता है। यह खाने योग्य होता है। इसका प्रयोग सूप को बनाने मे भी किया जाता है।
नोरी: यह एक प्रकार का लाल शैवाल है जिसका प्रयोग सुशी बनाने मे किया जाता है। और इसके अंदर कई सारे विटामिन और खनीज व एंटिआक्सीडेंट गुण होते हैं।
पीला-हरा शैवाल (जैंथोफाइटा)
पीला-हरा शैवाल (जैंथोफाइटा) सभी प्रकार के समुद्री आवास के अंदर पाये जाते है। यह पीले और हरे रंग के हो सकते हैं। ज़ैंथोफाइटा प्रकाश संश्लेषण की मदद से भोजन बनाने का काम करते हैं ।कुछ एककोशिकीय होते हैं, जबकि अन्य बहुकोशिकीय होते हैं। इनके पास फलैगेला होते हैं। जोकि इनको घूमने मे मदद करने का काम करते हैं।यह वायुमंडल मे आक्सीजन को छोड़ने मे मदद करने का काम करते हैं।
भूरा शैवाल (पायोफाइटा)
भूरा शैवाल (पायोफाइटा) समुद्र के अंदर पाई जाने वाली बड़ी प्रजातियों के अंदर एक होते हैं। इनकी लंबाई 100 मीटर तक हो सकती है। फ्यूकोक्सैंथिन नामक वर्णक की उपस्थिति से अपना भूरा रंग प्राप्त करते हैं। और इनकी खास बात यह होती है , कि यह प्रकाश को अवशोषित कर सकता है। गहरे पानी के अंदर भी जहां पर सूर्य का प्रकाश काफी कम होता है।
केल्प: केल्प बड़े, भूरे शैवाल हैं जोंकि ठंडे पानी के अंदर पाये जाते हैं। इन सैवालों का कई सारे उपयोग किये जाते हैं। जैसे कि एल्गिन और आयोडीन शामिल हैं।
केल्प समुद्री शैवाल
फ्यूकस: फ्यूकस एक प्रकार का भूरा शैवाल है जो चट्टानी किनारों पर पाया जाता है। यह कई सारे समुद्री जानवरों के लिए भोजन प्रदान करता है। इसके अलावा इसका प्रयोग पशु चारा बनाने मे और उर्वरक को बनाने मे भी प्रयोग किया जाता है।
फ्यूकस समुद्री शैवाल
सारगसुम: सार्गसुम एक प्रकार का भूरा शैवाल है जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जल मे आसानी से मिल जाता है । यह कई सारे वाणिज्यिक उत्पादों को बनाने के लिए भी किया जाता है, एल्गिन और खाद्य योजक भी इसी की मदद से बनाया जाता है। इस तरह से समुद्री शैवालों का प्रयोग किया जाता है।
समुद्री शैवाल के फायदे
जैसा कि आपको पता ही होगा कि समुद्री शैवाल का प्रयोग दुनिया भर के अंदर भोजन के रूप मे किया जाता है। समुद्री शैवालों मे कई सारे पोषक तत्व होते हैं। जैसे कि आयरन , विटामिन ए , बी और सी इसी तरह से मैग्निशयम , कैल्शियम यह सभी हमारे शरीर की जरूरत को पूरा करने मे मदद करते हैं। हालांकि समुद्री शैवालों के अंदर कुछ शैवाल काफी जहरीले होते हैं। यदि आप गलती से उनका सेवन कर लेते हैं , तो आपको नुकसान हो सकता है। मार्केट के अंदर जो लोग समुद्री शैवाल को लाते हैं , उनको ही पता होता है , कि कौनसा शैवाल खाने योग्य है और कौनसा नहीं है ?
आपके हर्ट के लिए अच्छे होते हैं
समुद्री शैवालों के अंदर बायो एक्टिव पेप्टाइड्स होते हैं , जोकि आपको हर्ट रोगों से बचाने का काम करते हैं। यह आपके ब्लडप्रेसर को कम करने का काम करते हैं। यदि आप समुद्री शैवालों का भोजन करते हैं , तो आपको हर्ट रोग होने के खतरे काफी कम हो जाते हैं।
आपके पेट के लिए फायदेमंद होते हैं
समुद्री शैवाल आपके पेट की समस्याओं को दूर करने का काम करते हैं।इसके अंदर फाइबर होता है , जोकि कब्ज की समस्या को कम करता है। इसके अलावा यदि आपके पेट के अंदर बहुत अधिक गैस बन रहा है , तो उससे भी आपको छुटकारा मिल जाता है।
थायरॉयड ग्रंथि के लिए उपयोगी
यदि शरीर के अंदर आयोडीन की कमी हो जाती है , तो उसकी वजह से थायरॉयड ग्रंथि को समस्या होती है। और रोग हो सकता है। तो शैवाल के अंदर आयोडीन काफी अच्छी मात्रा मे होता है , जोकि आपको थायरॉयड रोग से बचाने मे काफी उपयोगी होते हैं।
हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करते हैं
शैवाल हार्मोन के उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए जाने जाते हैं। जिसकी वजह से प्रजनन और विकास काफी बेहतर तरीके से हो पाता है। हार्मोन के ओवर होने की समस्या काफी कम होती है।
रक्त के थक्के बनाने मे मदद करते हैं
समुद्री शैवाल के अंदर विटामिन के पाया जाता है। और यह रक्त के थक्के बनाने मे मदद करता है। जब हमें किसी भी तरह की चोट लग जाती है , तो कुछ समय बाद खून बहना रूक जाता है , तो यह सब विटामिन के की वजह से ही संभव हो पाता है।
कैंसर से बचाने मे मदद करता है
शैवाल कैंसर से बचाने मे मदद करता है। इसके अंदर विटामिन सी भी होता है। आपने देखा होगा कि आजकल हर किसी को कैंसर ने घेर रखा है , तो बेहतर यही होगा कि आपको अपने खान पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए । ऐसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए , जोकि कैंसर पैदा करने का कारण बनता है। वरना यदि किसी को एक बार कैंसर हो गया तो फिर इलाज होना संभव नहीं हो पायगा । उसकी मौत ही होगी ।
आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते हैं
शैवाल आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने का काम करते हैं। शरीर मे अच्छी रोगप्रतिरोधक क्षमता का होना काफी अधिक जरूरी होता है। यदि शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होगी , तो हम बार बार बीमार पड़ेंगे । और छोटी मोटी बीमारियां काफी अधिक परेशान करेंगी । विटामिन सी शैवाल के अंदर होने पर यह आपको कीटाणूओं से लड़ने मे सक्षम बनाती है। हालांकि और भी बहुत सारी चीजें हैं , जिसकी मदद से आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बना कसते हैं।
लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन मे मदद करता है
शैवालों के अंदर विटामिन बी फोलेट होता है , जोकि लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन मे काफी उपयोगी होता है। सीधेतौर पर कहें तो शरीर के अंदर खून की कमी को दूर करने का काम करता है। जो शैवालों का प्रयेाग करते हैं , उनके अंदर खून की कमी होने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं। खून हमारे शरीर के अंदर आक्सीजन ले जाने का काम करता है।
आपके वजन को कम करता है
यदि आप समुद्री शैवाल का भोजन के रूप मे प्रयोग करते हैं , तो एक बार इनका सेवन करने के बाद आपका पेट भरा हुआ सा महसूस होता है। और आप लंबे समय तक भोजन नहीं करते हैं , जिससे कि आपका वजन धीरे धीरे कम होने लग जाता है। इस तरह से यह आपके वजन को कम करने मे भी अपना रोल अदा कर सकता है।
हड्डी की मजबूती के लिए
समुद्री शैवाल के अंदर कैल्शियम पाया जाता है। और सभी को यह पता है , कि कैल्शियम हड्डी की मजबूती के लिए काफी अधिक जरूरी होता है। इसकी वजह से बार बार फैक्चर होने के चांस काफी कम हो जाते हैं। यदि आपकी हड्डी काफी कमजोर हैं , तो समुद्री शैवालों का प्रयोग आपको भोजन के रूप मे करना चाहिए ।
खाने मे काफी स्वादिष्ट होते हैं
कुछ समुद्री शैवाल खाने मे काफी अधिक स्वादिष्ट होते हैं। यदि आप स्वाद लेने के शौकिन हैं , तो आपके लिए समुद्री शैवाल काफी उपयोगी हो सकता है। इसके साथ आप अलग तरह के अनुभव को ले सकते हैं। और स्वाद चख सकते हैं।
समुद्री शैवाल फाइबर का भी एक अच्छा स्रोत है, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर कोघटाने का गुण होता है । इसके इसके अलावा इसके अंदर , समुद्री शैवाल में एंटीऑक्सीडेंट और अन्य यौगिक होते हैं जिनमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीकैंसर और एंटीवायरल गुण भी देखने को मिल जाता है।
उम्मीद करते हैं , कि आपको यह लेख पसंद आएगा । यदि आपके मन मे किसी तरह का कोई सवाल है , तो सीधे कमेंट बॉक्स के अंदर पूछ सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।