नागमणि का इतिहास,नागमणि की कहानी, नागमणि का सच
दोस्तों एक रिसर्च ने नागमणि के रहस्य को पूरा खोल कर रख दिया है। नागमणि के बारे मे हम बहुत बार सोचते हैं कि क्या नागमणि real के अंदर होती है? इस लेख के अंदर हम आपको नागमणि का सच बताने जा रहे हैं। उसके इतिहास के साथ । दोस्तों कुछ वैज्ञानिकों ने माना है कि सच मे नागमणि होती है। और एक कीमती पत्थर होता है। अन्य कीमती stone की तरह ही । इसके कई उपयोग किये जा सकते हैं।
और इसका काफी ज्योतिषिय महत्व भी है। नागमणि के बारे मे हम अपने बचपन से ही सुनते आ रहे हैं। अनेक कथाओं के अंदर नागमणि का उल्लेख मिलता है। लेकिन बहुत से लोग अभी भी इसको सत्य नहीं मानते हैं।लेकिन बुजुर्ग लोग नागमणि को सत्य मानते हैं उनका दावा है कि सच मे ही नागमणि होती है। और कुछ ऑनलाइन वेबसाइट भी हैं जो रियल नागमणि को सैल करती हैं। और इस बात का दावा करती हैं कि उनके पास रियल नागमणि है। इसकी price भी वे बहुत ज्यादा 1000 करोड़ तक लेते हैं।
- नागमणि क्या होती है
- नागमणि का इतिहास
- असली नागमणि की पहचान कैसे होती है? nagamani test
- सांप काटने पर काम आती है नागमणि
- नागमणि मिलने की रियल घटना
- नागमणि का रहस्य कोबरा पर्ल और snake स्टोन क्या है
Table of Contents
नागमणि क्या होती है
नागमणि क्या होती है इस बारे मे सही मायने मे कोई नहीं जानता है। नागमणि पर अनेक रिसर्च भी हुए हैं।
वैज्ञानिक रिसर्च से पता चला है कि नागराज के हुड के अंदर एक दुर्लभ तत्व पाया जाता है। जिसको नागमणि कहा जाता था । यह सांप 150 से 400 साल तक जीता है। और काले व सफेद रंग के अंदर पाया जाता है। यह लम्बाई के अंदर छोटा होता है लेकिन अपना आकार बदल सकता है। एक आम धारण के अनुसार जब स्वाति नक्षत्र के अंदर बारिस की बूंदों से नाग मणि बनाई जाती है। सांप की उम्र के साथ इसका आकार बढ़ता जाता है। यह चमकदार होती है। और अंधेरे के अंदर पीला और हरे रंग का प्रकाश पैदा करती है। इस प्रकार के सांप बर्मा क्ष्रिलंका कें अंदर पाये जाते हैं।
यह नागमणि एक चावल के दाने के आकार की होती है। और रात के अंदर चमक पैदा करती है।
यदि नागमणि के इतिहास की बात करें तो प्राचीन ग्रंथों के अंदर नागमणि के बारे मे वर्णन मिलता है। श्री गरुड़ पुराण और वरहमिहिरा ग्रंथों के अंदर इसी मणि का उल्लेख मिलता है। उसके अंदर वर्णन मिलता है कि यह मणि नागराज के हुड के अंदर होती है और मोती की तरह होती है। इसको पहनने से दुर्भाग्य नष्ट होता है। सौभाग्य के अंदर व्रद्वि होती है।
वाराहमिहिरा के अनुसार जो राजा नागमणि को धारण करते थे ।वे हमेशा खुश रहते थे और उनकी प्रजा भी बहुत खुश रहती थी। वे सदा विजय रहते थे ।बृतिसिमिता के अंदर भी नागमणि का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार नागमणि एक बहुमूल्य पत्थर था । और दूर्लभ होने की वजह से बहुत कम लोग इस पर विश्वास करते थे ।
ग्रंथों के अनुसार जब कोई कोबरा 300 वर्षों से अधिक समय तक जीवित रहता है तो उसके शरीर का जहर नागमणि के अंदर बदल जाता है। यह जानवरों को अपनी ओर आकर्षित करती है । जो सर्प के लिए अच्छा भोजन हो सकता है। ऐसे सांप दिन के अंदर और चांदनी रात के अंदर बाहर नहीं निकलते हैं।
कुछ वैज्ञानिक तो अभी भी यह मानते हैं कि नागमणि जैसी कोई चीज नहीं होती है।सांप कीलार ग्रंथियों में कई बार एक पत्थर बन जाता है जो बाद मे बड़ा आकार भी ले लेता है जोकि बिल्कुल रोगजनक भी हो सकता है।
असली नागमणि की पहचान कैसे होती है? nagamani test
दोस्तों आजकल हर चीज को नकली बनाया जाने लगा है। यदि आप को ही नागमणि मिलती भी है तो आप कैसे पहचानेंगे की नागमणि असली है? आइए जानते हैं
- [ nagamani flower test ] यदि मणि असली है तो Hibiscus plant की कलियों के बीच रखने पर उन्हें खिला पड़ता है।
2.[ nagamani water test ] यदि मणि को पानी के अंदर डाला जाता है तो वह सांस लेने के लिए उपर आती है और फिर नीचे जाती है। ऐसा बहुत बार करती है।
नागमणि को प्राप्त करने के लिए सांप को मारना पड़ता है। जो अच्छी बात नहीं है। इसके अलावा सांप के मरने के बाद भी इसे प्राप्त किया जा सकता है।
सांप काटने पर काम आती है नागमणि
यह माना जाता है कि नागमणि की मदद से सांप कटे मनुष्य का उपचार किया जा सकता है। जिस स्थान पर सांप काटता है नागमणि की मदद से से वहां से पूरा जहर नागमणि निकाल लेती है। ऐसी अनेक स्टोरी मौजूद हैं।
नागमणि मिलने की रियल घटना
सन 2012 के अंदर एक फोर्म मे लिखी घटना के अनुसार पंजाब के किसी व्यक्ति अनुदेस नाम बदला हुआ को नागमणि मिली थी । उस व्यक्ति के बारे मे यह कहा जाता है। कि वह पीछले जन्म के अंदर नागों का पुत्र था । जब उसके पिता नागराज की मौत होने वाली थी तो नागराज ने उसे अपनी मौत से पहले एक मणि दी थी । उसे उस वक्त नहीं पता था कि वह मणि किस काम आती है। लेकिन बाद मे उसके पूरे घर वालों को सांप ही सांप नजर आने लगे घर वाले डर गए और उसे वापस मंदिर के अंदर छोड़ आने को कहा लेकिन अनुदेस नहीं माना लेकिन घरवालों के ज्यादा विरोध करने पर वह उस नागमणिक को एक मंदिर के छोड़ आया । तब अचानक से उसका व्यवसाय गिर गया और वह कंगाल होगया । उसे उसे फिर से पाना चाहता था लेकिन अब नागमणि उसे नहीं मिली।
नागमणि का रहस्य कोबरा पर्ल और snake स्टोन क्या है
कोबरा पर्ल क्लोरोफेन नामक एक खनिज है, यह सांप के शरीर के अंदर नहीं बनता है।
(2) किंग कोबरा कीड़े नहीं खाते हैं, यह केवल अन्य सांप, छोटे स्तनधारियों और छिपकलियों को खाता है, इसलिए राजा कोबरा को कीड़ों की तलाश करने के लिए इस क्लोरोफेन कंकड़ की आवश्यकता नहीं होगी। तो एक राजा कोबरा ऐसे कंकड़ नहीं ले जाएगा।
(3) चूंकि क्लोरोफेन खनिज है, इसलिए पेट्रोफाइड कोबरा मोती का सवाल उठता नहीं है।
(4) आम तौर पर पुराने सांप अग्नि-मक्खियों या अन्य कीड़ों को आकर्षित करने के लिए क्लोरोफेन कंकड़ का उपयोग करते हैं और इस तरह के कंकड़ के नुकसान पर वे दुःख से मर नहीं सकते हैं, बल्कि भूख की वजह से शिकार की अक्षमता के कारण।
असली नाग मनी रात में एक 100 वाट बल्ब की तरह प्रकाश देता है जब घास या मिट्टी में रखा जाता है लेकिन खुले वातावरण में भी कई बार और विभिन्न स्थानों पर। जबकि नकली नाग मनी केवल एक बार प्रकाश देता है और फिर यदि आप जगह बदलते हैं तो इसका कोई प्रकाश नहीं होगा
हमारे धर्म ग्रंथों के अंदर मणि का उल्लेख भी मिलता है। गुरूड पूराण सी 69 के अंदर इस बारे मे लिखा हुआ है कि कोबरा राजा के पास एक ऐसी मणि होती है।जोकि काफी ताकतवर होती है। यह काफी चमकदार होती है। कोबरा के मालिकों का भाग्य अच्छा रहता है।
वरमहिरिया के ब्राह्मण समिति के अंदर भी इसका उल्लेख इस प्रकार है
कोबरा सांपों के हुड पर उज्ज्वल, काले रंग के और चमकदार मोती हैं।जिसको जो राजा पहनलेता है। उसका दुर्भाग्य हमेशा के लिए नष्ट हो जाता है। उसके सारे दूश्मन नष्ट हो जाते हैं और उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।