sim card ka matlab kya hai , सिम कार्ड का मतलब क्या होता है ?दोस्तों हम सभी मोबाईल प्रयोग करते हैं और उसमे सिम भी डाले रखते हैं। और उसका प्रयोगकर हम कॉल या मेसेज भेजकर सकते हैं। इस लेख केअंदर हम आपको बताने वाले हैं कि मोबाईल की सिम किस तरह से काम करती है। दोस्तों सिम का पूरा नाम subscriber identity module है। service subscriber kya imsi को स्टोर करती है। यह एक चिप होती है। सिम कार्ड के अंदर कॉन्टेक्ट सूचना भी स्टोर कर सकते हैं। सिम कार्ड gsm or cdma फोन के अंदर प्रयोग की जाती हैं।
वैसे सिम की भी कई जनरेसन आ चुकी हैं। सबसे पहले फुल साईज सिम सन 1991 के अंदर आई थी । उसके बाद मिनी सिम सन 1996 के अंदर आई थी। और सन 2003 के अंदर माइक्रो सिम आई और नैनो सिम सन 2012 के अंदर आई थी।
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सिम कार्ड का मतलब क्या होता है ?
सिम कार्ड का पूरा नाम Subscriber Identity Module होता है।मोबाइल के अंदर डाला जाने वाला एक छोटे आकार का इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जिसकी वजह से मोबाइल सक्रिय होता है और आप मोबाइल को इंटरनेट आदि से कनेक्ट कर सकते हैं। सिम कार्ड एक तरह का सर्किट बोर्ड होता है। जिसको कि हम चिप भी कह सकते हैं।
सिम कार्ड से जुड़े फेक्ट
दोस्तों अब तक हमने यह जाना कि सिम कार्ड किस तरह से काम करता है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह अच्छी तरह से समझ आ गया होगा । अब हम यह जानने का प्रयास करते है कि सिम कार्ड से जुड़े फेक्ट क्या कहते हैं। जिससे कि आपको सिम कार्ड के बारे मे कुछ मजेदार चीजों को मिलेगा और आप कुछ नया सीख पाएंगे तो आइए जानते हैं सिम कार्ड के फेक्ट के बारे मे ।
सिम वास्तव में एक अल्ट्रा-स्मॉल सर्किट बोर्ड है
दोस्तों यदि आपने सिम कार्ड को ध्यान से देखा होगा तो आपको पता चलेगा कि इसके अंदर कुछ ताबें कलर का दिया हुआ है। असल मे सिम कार्ड बस एक सर्किट बोर्ड है। जोकि अपने अंदर कुछ डेटा को स्टोर कर सकता है। और इस सर्किट की मदद से आप आसानी से किसी भी ऑपरेटर से जुड़ सकते हैं। बस इसके लिए आपको करना कुछ नहीं होता है बस आपको एक मेसैज भेजना ही होता है। और यदि आप कोई दूसरा मोबाइल यूज करना चाहते हैं तो आसानी से अपने सिम को उस मोबाइल के अंदर डाल सकते हैं और उस मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं।
सिम कार्ड के आकार का विकास
दोस्तों आपको यह जानकार हैरानी होगी कि एक समय ऐसा था जब सिमकार्ड क्रेडिट कार्ड के आकार का हुआ करता था। मतलब उतना बड़ा जितना कि आप एटिएम यूज करते हैं। लेकिन विकास के साथ अब सिम कार्ड छोटा हो गया है। और नए वर्जन के अंदर तो नैनो सिम कार्ड का विकास हो चुका है । और अब तो इस तरह के मोबाइल भी आ चुके हैं कि उनके अंदर कभी भी सिम कार्ड डाले की आवश्यकता ही नहीं होती है। बस वे बिना सिम कार्ड के काम करते हैं।
क्या आप जानते हैं पहला सिम कार्ड कैसे बना ?
दोस्तों आप शायद यह नहीं जानते हैं कि पहली बार सिम कार्ड को किस तरह से बनाया गया तो आपको बतादें कि सबसे पहली बार सिम कार्ड को 1991 में वापस, म्यूनिख में Giesecke & Devrient नामक कंपनी ने दुनिया का पहला सिम कार्ड विकसित किया और बाद मे इसी कंपनी ने 500 से अधिक सिम कार्ड को बेचा था। और अब तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं कि सिम कार्ड का निर्माण वे ही कंपनियां करती हैं जोकि बात करने की सर्विस प्रोवाइड करवाती है।
सिम कार्ड के अंदर होती है मैमोरी
दोस्तों ऐसा नहीं है कि सिम कार्ड कुछ याद नहीं रख सकता है। आपको भी याद होगा कि आपने कान्टेक्ट नंबर को सिम मे सेव किया हो आपको यह बतादें कि सिम कार्ड के अंदर भी 64 केबी की एक मैमोरी होती है जिसके अंदर आप कुछ चीजें सेव कर सकते हैं। हालांकि यह मोबाइल के अंदर मिलने वाली मैमोरी की तुलना मे बहुत ही कम होती है लेकिन यह आमतौर पर कान्टेक्ट को सेव करने मे काफी बेहतर तरीके से काम करती है। बाकि अन्य चीजें सेव करने के लिए आप मैमोरी कार्ड का यूज कर ही सकते हैं।
सिम कार्ड आपको ट्रेक करने मे इस्तेमाल किया जा सकता है
दोस्तों रियल मे आपने यह नहीं देखा होगा कि सिम कार्ड की मदद से पुलिस ने किसी को पकड़ लिया । लेकिन यह सब रियल मे भी होता है। यदि किसी अपराधी के नंबर पुलिस को हाथ लग जाते हैं तो वह सिम कार्ड की मदद से भी उसको पकड़ सकती है।
फिल्मों मे आपने यह देखा होगा कि जब किसी अपराधी को पुलिस को पकड़ना होता है तो वह उसके मोबाइल नंबर की लोकेशन को देखती है और उसके बाद लोकेश के आस पास पहुंच कर उस अपराधी को पकड़ लेती है। इस तरह से सिम कार्ड से आपको ट्रेस किया जा सकता है।
Apple सिम के बारे मे क्या आपने सुना है
दोस्तों Apple सिम भी होती है। और यह खास तौर पर Apple यूजर को दी जाती है। भारत के अंदर पता नहीं यह चलती है या नहीं लेकिन विदेशों के अंदर यह खास तौर पर यूज होती है।
सिम कार्ड के टूटने या गुम होने पर आप उसी नंबर का नया सिम ले सकते हैं
दोस्तों पहले सिम कार्ड एक बार टूट जाता था या गुम हो जाता था तो आपके लिए नया सिम कार्ड उसी नंबर का लेना आसान कार्य नहीं होता था लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है। यदि आपका सिम कार्ड गुम हो जाता है या फिर वह टूट जाता है तो आप उसी नंबर का नया सिम कार्ड बहुत ही आसानी से ले सकते हैं। बस आपको किसी दुकान पर जाना है जोकि सिम कार्ड को बेचने का काम करती है फिर वहां से आप आसानी से दूसरा सिम कार्ड कुछ पैसे देकर ले सकते हैं।
लोग एक बार जीयो सिम के लिए लाइन मे लगकर लेते थे
दोस्तों नोट बंदी तो आपको याद ही होगा । जब नोट बंदी हुई तो लोग पैसा निकालने के लिए लाइन मे लगते थे लेकिन उसी तरह जब जीयो ने फ्री मे इंटरनेट देना आरम्भ किया तो लोग जीयो सिम को खरीदने के लिए लाइन मे लगते थे । ऐसा पहली बार हुआ कि लोग किसी सिम कार्ड को खरीदने के लिए लाइन मे लगे हों। हालांकि बाद मे जियो ने फ्री इंटरनेट को देना बंद कर दिया तो अब ऐसा नहीं हो पाता है।
भारत के अंदर चलते हैं फर्जी सिम कार्ड
दोस्तों जब आप सिम कार्ड खरीदने के लिए जाते हैं तो वहां पर आपको अपने आधार नंबर वैगरह देने होते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत के अंदर कई ऐसे गिरोह काम करते हैं जोकि नकली आधार कार्ड बनाकर फर्जी सिम कार्ड को बेचने का काम करते हैं।
इन फर्जी सिम कार्ड को मोटी रकम के माध्यम से बेच देते हैं। खास कर इनका इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं। वे इससे अनेक तरह से पैसा को चुराने मे उपयोग करते हैं। सिम कार्ड फर्जी होने की वजह से पुलिस इन साइबर ठगों तक आसानी से पहुंच नहीं पाती है।
जब किसी तरह की साइबर ठगी होती है तो पुलिस मोबाइल नंबर के आधार पर ठग को ट्रेस करती है लेकिन जब सिम कार्ड ही फर्जी हो तो पुलिस कुछ भी नहीं कर पाती है और ठग आसानी से बच निकलते हैं।
सिम कार्ड का गलत उपयोग आपको पहुंचा सकता है जेल
दोस्तों आपके पास एक सिम कार्ड तो होगा ही लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि एक फर्जी सिम कार्ड आपको जेल पहुंचाने के लिए काफी होता है। यदि आप सिम की मदद से किसी को गाली देते हैं और इंटरनेट पर कुछ भी उल्टा सिधा पोस्ट करते हैं तो इससे पुलिस आपके घर तक आ सकती है और आपको उठाकर जेल मे डाल सकती है। इसलिए सिम कार्ड का सोच समझकर ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए । यही आपके लिए सही होगा ।
ई सिम कार्ड क्या होता है ?
दोस्तों आपने सिम कार्ड का नाम तो सुना ही होगा लेकिन आपको यह पता होना चाहिए कि ई सिम कार्ड भी होता है। eSIM के बारे मे आप शायद नहीं जानते हैं क्योंकि इसका प्रयोग अब बहुत ही कम लोग कर रहे हैं। लेकिन अब यह धीरे धीरे भारत के अंदर भी जगह बनाता जा रहा है। यदि आपको ई सिम कार्ड के बारे मे पता नहीं है तो हम इस लेख के अंदर ई सिम कार्ड के बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं और उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा ।
eSIM कार्ड एक प्रकार का वर्चुल सिम कार्ड होता है। इसको आपको अपने फोन के अंदर किसी भी तरह से लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। बस यह ऑपरेटर के द्धारा एक्टीवेट होता है। इसके अंदर आपको अपने फोन मे किसी भी तरह का कार्ड डाले की जरूरत नहीं होती है। इसमे आपको सिम कार्ड जैसे फैचर मिलते हैं जोकि वास्तव मे आपके लिए शानदार अनुभव के जैसा होता है।
इस सिम कार्ड की सबसे बड़ी खास बात यह होती है कि ऑपरेटर को बदलने पर किसी भी तरह से सिम कार्ड को बदलने की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है। और इस बात का खतरा भी नहीं रहता है कि सिम कार्ड यदि गुम हो गया तो क्या करेंगे । इसमे सिम कार्ड के गुम होने जैसी किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है। आप इस सिम कार्ड का आसानी से यूज कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे सिम कार्ड को कहीं पर रखने पर भूल जाते हैं और वह गुम हो जाता है।
Apple, Samsung, Google और Motorola के स्मार्टफोन्स ऐसे हैं जोकि आसानी से ई सिम कार्ड को सपोर्ट करते हैं। Samsung Galaxy Note 20, Samsung Galaxy Note 20 Ultra, Samsung Galaxy S21 5G कुछ ऐसे फोन हैं जोकि ई सिम कार्ड को सपोर्ट करते हैं।
यदि आपके पास ई सिम कार्ड सपोर्ट डिवाइस है तो आप अपने ऑपरेटर के स्टोर पर जाएं और वहां से ई सिम कार्ड को खरीद सकते हैं। इसको खरीदने के लिए भी आपको एक वैध प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। और यदि आप चाहें तो अपने मौजूदा सिम कार्ड को भी ई सिम कार्ड के अंदर आसानी से बदल सकते हैं।
सिम कार्ड कितने प्रकार के होते हैं ?
दोस्तों सिम कार्ड कई सारे प्रकार के होते हैं। तो आइए जान लेते हैं कि सिम कार्ड के प्रकार के बारे मे और आप नीचे कमेंट करके बताएं कि कौनसा सिम यूज करते हैं।
Full size SIM card
Full size SIM card वे होते थे जोकि सबसे पहले लॉंच किये गए थे । यदि हम इनके आकार की बात करें तो यह 85.60 और Width (चौड़ाई) 53.98 तथा 0.76 Thickness (मोटाई) होती थी। इनको 1991 से पहले बनाया गया था। दोस्तों सिम कार्ड का यह पहला प्रकार था। हम यहां पर उनके आकार के आधार पर सिम कार्ड के प्रकार के बारे मे बता रहे हैं।
Mini sim card
Mini sim card सिर्फ मोबाइल के अंदर दिये जाते थे। और यह लम्बाई 25.00 mm, चौड़ाई 15.00 mm तक होती है। यह पुराने नोकिया के मोबाइल के अंदर प्रयोग होती थी। और इनको 1996 ई के अंदर लांच किया गया था।
Micro SIM card
Micro SIM card मिनी सिम कार्ड की तुलना मे छोटा होता है। और इसको सन 2003 के अंदर लांच किया गया था। इस तरह का सिम कार्ड आप और हम यूज कर चुके हैं।इस sim card की लम्बाई 15.00 mm, चौड़ाई 12.00 mm तथा मोटाई 0.76 mm तक होती है। हालांकि यह सिम कार्ड के बारे मे हम अच्छी तरह से जानते ही हैं।
Nano SIM card
Nano SIM card सिम कार्ड का एक छोटा रूप है और इसको सन 2012 के अंदर लांच किया गया था। यह स्मार्ट फोन मे लगता है। यदि आप स्मार्ट फोन का प्रयोग करते हैं तो इस सिम कार्ड को आसानी से प्रयोग मे देख सकते हैं। आज कल इसी प्रकार के सिम कार्ड आ रहे हैं जिनका उपयोग हम सभी कर रहे हैं।
इस sim card की लम्बाई 12.30 mm, चौड़ाई 8.80 mm तक होती है।
सिम कार्ड को बनाना
दोस्तों क्या आपको पता है कि पूरी दिना के अंदर सिम कार्ड कितने यूज होते हैं तो आपको यह बतादें कि 2016 में विश्व स्तर पर 5.4 बिलियन सिम कार्ड बनाए गए थे, जो पारंपरिक सिम कार्ड विक्रेताओं के लिए $ 6.5 बिलियन से अधिक की इनकम करते हैं। जिससे यह पता चलता है कि सिम कार्ड के बिजनेस के अंदर भी कितना पैसा आसानी से कमाया जा सकता है।
कैसे काम करता है सिम कार्ड
जब आपफोन के अंदर अपनी सिम डालते हैं तो आपका फोन सिम से imsi नम्बर प्राप्त करलेता है।और आपके पास केनेटवर्क को वो imsi नम्बर सेंड कर देता है।आपका नजदिगी नेटवर्क वो नम्बर चैक करता है।और उसके बाद एक रेंडम नम्बर क्रिएट करकेआपके मोबाईलपर वो नेटवर्क भेजता है। और आपका मोबाईल इसे conform करता है। यदि उसके बाद आप अपने फोन से कोई कॉल करते हैं तो आपके फोन के सिग्नल नजदिगी टावर सैटेलाईट के पास भेजता है।दोस्तों इस तरह से आपका सिम कार्ड काम करता है।
Mobile network type
cdma or gsm का नामतो आपने अवश्य ही सुना होगा। सारे मोबाईल इन्हीं दो प्रकारके नेटवर्क का प्रयोग करते हैं।दोस्तों mobile network दो प्रकार का होंता है।
Gsm [ global system for mobile ]
इसको सबसे पहले सन 1970 के अंदर बनाया गया था। यह 900 मेगाहर्टज 1.8ghz तक काम करती है। इसमे डेटा ट्रंासफर की स्पीड 16kbps से 120kbps तक होती है। हांलाकि अब इसकी स्पीड को अधिक बढ़ा दिया गया है। इस संबंध मे निरंतर रिसर्च हो रहे हैं। इस नेटवर्क का प्रयोग विश्व मे अधिकतर लोग करते हैं। यदि आपके मोबाईल के अंदर आप कोई भी सिम डाल सकते हैं तो इसका मतलब है आपका मोबाईल gsm नेटवर्क पर काम करता है।
Cdma[ code division multiple access ]
इसका प्रयोग टू जी और थ्री जी के अंदर भी किया जाता है। यह 800mhz -1.9ghz पर काम करती है। इस सिस्टम कि खास बात है कि जो कोड ट्रांसमिटर ट्रांसमिट करता है। उनको रिसिवर या मोबाईल ही डिकोडेड कर सकता है। अन्य कोई यंत्र इनको आसानी से डिकोड नहीं कर सकता है। इसी की वजह से प्राईवेसी लीक होने का खतरा इसमे बहुत कम होता है। इसकी स्पीड 14kbps से 115kbps तक होती है।
इस नेटवर्क पर जो फोन काम करते हैं। उनमे या तो सिम कार्ड नहीं डलता है। यदि डलता भी है तो एक ही नेटवर्क का । आपने देखा होगा कि कई ऐसे फोन आप देखते हैं जिनमे सिर्फ एक सपैसल कम्पनी का सिम ही स्पोर्ट करता है। ऐसे फोन cdma पर काम करते हैं।
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