दोस्तों आज का topic एक मजेदार topic है। जैसा कि शिर्षक के अंदर लिखा गया है कि आपके अंदर हैं आपके 100000 दुश्मन। यह बात सच है। वैसे कोई जरूरी नहीं की यह दुश्मन 100000 ही हों यह दो लाख भी हो सकते हैं। फिर भी हम यह मानकर चलते हैं कि इतने तो कम से कम हर इंसान के अंदर होते हैं। हम बाहर वाले अपने दुश्मनोंको पहचान लेते हैं।
उनको किसी तरह से डरा भी देते हैं। किंतु क्या आपने कभी अंदर वाले दुश्मनों पर गौर किया है। शायद नहीं क्योंकि हम जानते हैं कि अंदर कोई दुश्मन नहीं होता है।
इस का मतलब हम सभी गलत होते हैं। बाहर वाला दुश्मन हमारा कोई ज्यादा कुछ नहीं बिगाड़ सकता । उसको नियंत्रित करने के लिये कानून है सरकार है और कुल मिलाकर सब कुछ है। किंतु अंदर वाले दुश्मन को नियंत्रित करने के लिये कुछ भी नहीं है। उसके सामने कोई कानून नहीं चलता है। किंतु यदि हम चाहें तो इन दुश्मनों को भी पराजित कर सकते हैं।
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यह दुश्मनों होते कहां हैं
दोस्तों हम जिंदगी मे असफल क्यों हो जाते हैं। क्योंकि हर इंसान के अंदर बहुत सी कमजोरियां होती है। इनकी वजह से वो जिंदगी मे कामयाब नहीं हो पाता है।
हमारी कमजोरियां ही हमारा सबसे बड़ा दुश्मन हैं जोकि हमे सफल होने से रोकती हैं।
हमारी जिंदगी को अंधेरे मे धकेलती हैं।
हमारी जिंदगी मे पता नहीं क्या क्या करवाती हैं। क्या आपने इन पर कभी विचार किया है ? आपने इन पर विचारनहीं किया होगा । क्योंकि आप नहीं जानते होंगे कि यह हमारे दुश्मन हैं। या आपको विश्वास नहींहोगा ।
यदि आपको यह विश्वास नहीं हो रहा है कि हमारी कमजोरियांहीहमारे दुश्मन हैं कि नही तो आप खुद देख लिजिये ।
इसके लिये आपको ज्यादादूर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है आप किसी गली मौहले मे जाईए किसी शराबी कोदेखें वह आपको कहीं पर गिरा हुआ या गाली गलोच्च करता हुआ मिल जायेगा । क्या अब आप इस बात को मनोंगे की शराब उसका मित्र है।
जी नहीं अब आप इस बात को नहीं मान सकते शराब उसइंसान की कमजोरी है। और इस वजह से उसकी ईज्जत निलाम हो रही है।
आप किसी दूसरे उदाहरण को ले सकते हैं। एक लड़का परीक्षा के अंदर फेल होगया । क्योंकि वह अधिक पढ़ नहीं सकता । यह उसकी कमजोरी है।
दोस्तों कमजोरी चाहे किसी भी प्रकार की क्योंना हो वह हमे नुकसान ही पहुंचाती है। आज से ही अपनी कमजोरियों की तलास करनी शूरू कर दो।
एक बात हमेशा याद रखें जो भी हमारी कमजोरीहोती है वो हमारा सबसे बड़ा दुश्मन भी होती है। दोस्तों कमजोरियां कितनी गम्भीर हैं इस बारे मे भी हम देखते हैं। कि हमारी कमजोरिया हमे क्या क्या नुकसान कर सकती हैं। यहां पर कुछ मोटे मोटे नुकसान के बारे मे बात कर रहे हैं। वरना लिस्ट बहुत ही अधिक लम्बी हो जायेगी । जिसके बारे मे यहां पर लिखना संभव नहीं होगा ।
हम को नाकामयाब आदमी बना देती हैं
कई व्यक्ति जिंदगी के अंदर बहुत बार प्रयास करते हैं। किंतु उनको सफलता नहीं मिलती है। क्यों उनको सफलता नहीं मिलती ? इसका एक ही उत्तर है। कि उनकी अपनी कमजोरियांजोकि उस को ही सफल होने से रोक रही हैं। मेरा एक दोस्त कुछ दिनों पहले सीकर कोचिंग करने गया वह कुछ महिनों तक उसने वहां पर रिडिंग की किंतु वह जल्दी ही हताश हो गया और वापस लौट आया ।
उसके जल्दी हताश होना क्या जायज है ? यह उसकी कमजोरी है। इसी वजह से वह असफल हो गया । इस प्रकार की कमजोरी हमे जिंदगी मे एकदम से नाकामयाब बना सकती हैं। यदि किसी को जल्दी हताश होने की समस्याहैतोहोसकता है वह किसी भी काम को ढंग से नहीं कर पायेगा और हर काम के अंदर असफल हो जायेगा ।
दोस्तों अब वो समय नहीं रहा है कि कुछ मेहनत की और काम बनगया सफल होगये । अब समय बदल चुका है। आपस मे संघर्ष भी करना पड़ता है। और जो इंसान अपनी कमजोरियों कोदूर कर करता रहता है। वह एक दिन कामयाब आदमी बन जाता है।
कमजोरियां हमे हर बार असफल बना देती हैं
यह बात भी सच है जब हम किसी काम के अंदर एक बार असफल हो जाते हैं और जब अपने आपका विश्लेषण किये बिना ही दुबारा उस काम के अंदर प्रयास करते हैं तो असफल ही होंगें । मैंने देखा है कि बहुत से लोग इस बात का कोई ध्यान नहीं देते हैं िकवे असफल किस कारण से हो गये । और इस वजह से जब वे दुबारा प्रयास करते हैं तो दुबारा असफल हो जाते हैं।
फिर कई बार प्रयास करते हैं और हर बार असफल हो जाते हैं। फिर अपनी किस्मत को दोष देकर प्रयासकरना ही बंद कर देते हैं। आज भले ही विज्ञान का बहुत विकास हुआ हो किंतु मानसिक विज्ञान के विकास मे कोई फर्क नहीं आया है। लोगों को अभी इन चीजों के बारे मे कोई जानकारी नहीं है।
इसलिये अपनी कमजोरियां ही अपने को असफल बना देते हैं। और जब तक हम उनको दूर नहीं करते हैं तब तक हमे हर बार असफल होना पड़ता है।
यह बात अलग है कि हर असफलता के अंदर कोई 80% असफलता हमारी कमजोरियां की वजह से होती है। बाकि की असफल के होने के अन्य कारण होते हैं। यदि आप नहीं चाहते की आप किसी काम के अंदर हर बार नहीं केवल एक ही बार असफल होना चाहते हैं। तो आपको अपनी कमजोरियों को तलास करना होगा । और उनको दूर करना होगा ।
आवारा और बदमाश भी बना देती है
यह तो आप जानते हैं कि कोई जन्म से ही बदमाश पैदा नहीं होता है। कोई जन्म से ही कात्लिनहीं होता है। बल्कि यहां पर आने के बाद इंसान अलग अलग चरित्र को अर्जित करता है। कई कत्ल केवल इस वजह से हो जाते हैं कि एक व्यक्ति ने दूसरे को गाली दी और दूसरे ने उस को मार दिया । क्या गाली देने पर किसी का कत्ल कर दिया जाना चाहिये । मेरे विचार से ऐसा नहीं करना चाहिये । अब कत्ल करने वाला इंसान आवारा और बदमाश हो गया । क्यों ? क्योंकि उसकीकमजोरी है वह गाली को सहन नहीं कर सकता ।
इस तरह से कमजोरियांइंसान का फायदा लेती हैं। और इंसान बुद्विमान होकर भी कमजोरियों का आसानी से फायदा नहीं उठा सकते हैं।बस कुछ इंसान नही ऐसे होते हैं जोकि अपनी कमजोरियों का फायदा उठाना जानते हैं और उठाते हैं।
सैरेराह ईज्जत को निलाम कर देती हैं
आपने चोरों को देखा है और उनके बारे मे बहुत सुना है। लोग चोरी क्यों करते हैं ? क्या आपने इस बात पर कभी सोचा । यदि नहीं सोचा है तो हम आपको बताय देते हैं। कि यह भी एक कमजोरी कीवजह से हो होती है। एक चोर को पकड़ा गया तो उससे पूछा की वह चोरी क्यों करता है जबकि उसके पास सब कुछ है। उसने जबाव दिया कि उसे चोरी करमे मे सकून मिलताहै। यानि वह चोरी कर सकून हाशिल करना चाहता है। यह उसकी एक कमजोरीहै। जो उसे चोरी करवाती है। और पकड़े जाने पर उसकी ईज्जत भी निलाम करवाती है।
किसी दूसरे चोर से पूछा गया वह चोरी क्यों करता है? तोउसने जबाव दिया की वह जल्दी ही धनवान बनना चाहता है सो चोरी करने लगा । तो इस चोर की कमजोरीतोआपसमझ गये ही होंगें ।
एक बलात्कारी की भी ईज्जत निलाम होती है। क्योंकिवहअपनी कमजोरी को नहीं सुधारता और वही कमजोरी उसकी ईज्जत को निलाम कर देती है। उसे पता नहीं नहीं होता है कि ऐसा क्यों हुआ । उसके घरवाले भी इस बारे मे अधिक नहीं जानते हैं।
मानसिक अशांति फैलाते हैं
दोस्तों बहुत बार ऐसा होता है जबकि हमारे दिमाग की मानसिक शांति भंग हो जाती है। मानसिक शांति के भंग होने का कोई एक कारण नहीं होता हैं किंतु क्या आपको पता मानसिक शांति मे बहुत बड़ा हाथ हमारे अंदर की कमजोंरियों का होता है जोकि हमारी खुद की हैं । वैसे मानसिक शांति के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे कोई बिमारी आदि।
लेकिन इनका रोल बहुत कम होता है। आपने सुना है दिपिका डिप्रेशन का शिकार होगयी । वो आदमी परेशान है । यनि उनकी मानसिक शांति भंग हो गयी । कई बार होता है जो हम चाहते हैं वैसा नहीं होता और हम धीरे धीरे मानसिकशांति खो देते हैं। मान लिजिये एक आदमी को धन से प्यार है। और प्यार भी इतना अधिक है वह उसके बिना एक पल भी नहीं रह सकता । एक दिन उसका सारा धन चोरी हो जाता है। वो अपनी मानसिक शांति खो देता है। इसका कारण क्या है। हमारी कमजोरीहैक्योंकि हम धन से आवश्यकता से अधिक प्यार करते हैं।
अपनी उन कमजोरियों को दूर करें जोकि आपकी लाईफ के अंदर नुकसान पहुंचा रही हैं।
हमारे रिलेशन के अंदर कड़वाहट आ जाती है
आपको यह बखूबी पता है कि आजकल कोई भी संबंध सही तरह से नहीं बना रहता है। उसके अंदर खटपट चलती ही रहती है। एक घर के अंदर किसी को कुछ नुक्स निकालने की आदत है तो वह अपनी इस आदत की वजह से दूसरों के कामों के अंदर नुक्स निकालेगा । और कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आयेगा और झगड़ा बढ जायेगा । दोनों झगड़ने वाले कुछ भी नहीं समझ पायेंगें और बस झगड़ते रहेंगें ।
और रिश्तों के अंदर कड़वाहट भर जायेगी ।
ऐसा क्यों हुआ? एक आदमी के अंदर नुक्स निकालने की आदत है जोकि उसकी एक कमजोरी है उसका दुश्मन है। दूसरे की अंदर सहन करने की क्षमतानहीं है उसकी भी यह कमजोरी है। इसलिये झगड़ा हो गया । हम लोग इस बात को कभी समझने की कोशिश नहीं करते की झगड़ा हो क्यों रहा है? बस मशीनी अंदाज मे काम करते रहते हैं। यह भी हमारी कमजोरी है।
कोई भी इंसान अपने आपमे पूर्ण नहीं होता है
क्योंकि वो पूर्ण बनने की कोशिश नहीं करता है। यदि वह कोशिश करताहैतोहोसकता है पूर्ण ना बने पर कुछ अधिक अच्छा हो सकता है।
इस लेख को लिखने का मकसद है कि आपको अपनी कमजोरियों को दूर करना चाहिये । उनको तलास करना चाहिये । उसी तरह से जिस तरह आप अपने दुश्मनको तलास करते हों । निश्चय ही आपअपने दुश्मनों पर विजय पा सकते हो जो आपकी लाईफ कें अंदर रोडा हैं।
तो आज से ही अपनी कमजोरियों को एक एक करके दूर करना शूरू कर दिजिये ।
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