aasman ki shayari aasman chune ki shayari dharti aur aasman ki shayari आसमान पर शायरी ,नीले आसमान पर शायरी के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। दोस्तों आसमान नीला होता है। तो और इसके उपर हम आपको कुछ अच्छी शायरी की लिस्ट आपको दे रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि आसमान की शायरी या आसमान को छूने वाली शायरी आपको काफी पसंद आएगी । यदि आपको यह शायरी काफी पसंद आती हैं तो आप अपने यार और दोस्तों के अंदर इनको शेयर कीजिए । कुछ बेस्ट शायरी आसमान पर हम आपको दे रहे हैं। यह आपके लिए काफी अच्छी होगी ।
आज वक्त तुम्हारा है
तो कल वक्त हमारा होगा ,
देख लेना एक दिन ,
इस खुले आसमान के नीचे
तेरी मौत का नजारा होगा ।
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सूरज को है आसमान की जरूरत ,
किसने की है हमसे पंगा लेने की जुर्ररत ।
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आसमान को छू कर लोग इतराते हैं ,
भूल जाते हैं वो ,
असामां मे उड़ने वाले पंछी भी नीचे आते हैं।
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आसमां पर चढ़ने वाले भूल जाते हैं जमीं को ,
और गिनाने लग जाते हैं दूसरों की कमी को ।
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आसमां से भी जमीं नजर आएगी ,
जिस दिन तू हमें छोड़कर चली गई ,
उस दिन हमारे मौत की खबर आएगी ।
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आसमान को छूने के लिए हम बेताब हैं ,
हमारे पास भी जनाब कुछ अनसुलझे ख्वाब हैं।
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सहारा है जमीं को आसमान का ,
जो बुरे वक्त मे भी अपनो के काम ना आ सके
क्या करें ऐसे इंसान का ।
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भूखा किसान है ,
मौसम बेईमान है ,
और बिन बादल
यह आसमां भी परेशान है।
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आसमां मे हमें उड़ाया मत करो ,
अगर गिर गए तो चोट गहरी लगेगी ।
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सपने तो तुम्हारे आसमान से भी बड़े हैं ,
क्योंना होंगे पूरे सपने तुम्हारे ,
जब तुम्हारे साथ भगवान खड़ें हैं।
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हौसलों की उड़ान देखी ,
जब उसकी आसमां के संग पहचान देखी ।
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ख्वाहिश तो हम भी रखते हैं आसमान को छूने की ,
मगर दम नहीं है इतना कि सफल हो सके ।
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असमां बहुत दूर है ,
मगर यह दिल उसे पाना चाहता है
और जनून सफलता के लिए बहुत मसहूर है।
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खुले आसमां मे उड़ने वाला ,
मैं एक परिंदा हूं ,
दुश्मनों ने तो लाख मारना चाहा मुझे
मगर खुदा की बदौलत जिंदा हूं ।
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काले बादलों को आज आसमान ने घेरा है ,
मुश्बित मे अपनों ने अपनों से ही मुंह फेरा है।
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अगर तू गरीब है ,
तो कौन कद्र करेगा तेरे जज्बात की ,
तमन्ना हम कर नहीं सकते ,
जमीं और आसमान के साथ की ।
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आसमान में उड़ते परिंदों का ठिकाना जमीन पर होता है ,
दिल का क्या दिल तो फिदा हर हसीन पर होता है।
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आसमान मे आज फिर घटा आई है ,
आंखें भी क्या कमाल करती हैं तेरी
आज फिर एक लड़के को पटा आई हैं।
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रस्ते चाहे तू हजार बदल ले ,
मगर आसमान वही रहेगा ।
दिल चाहे तू हर किसी से लगाले ,
फिर भी तेरे लिए परेशान वही रहेगा ।
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जमीं की जरूरत नहीं है आसमान को ,
फिर भी पता नहीं क्यों घमंड हो जाता है
दो दिन जिंदा रहने वाले इंसान को ।
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जो आसमां मे बसते हैं ,
रियल मे एक दिन वो बहुत बुरे फंसते हैं।
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शौक है हमें भी आसमान मे तेरे संग उड़ने का ,
क्योंकि कोई समय नहीं होता इस दुनिया से बिछुड़ने का ।
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जल मे रहकर मगर से बैर नहीं होता ,
अगर हम आसमां पर शायरी नहीं करते
तो यह शेर नहीं होता ।
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सीढ़ियां चाहिए छत तक जाने के लिए ,
मगर जनून चाहिए आसमां को पाने के लिए ।
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तेरी सीढ़ियां तुझे मुबारक हो ,
हमारे साथ होलें ,
जो असमां के विचारक हो ।
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अन्न चाहिए जिंदा रहने के लिए ,
आसमां से तारे तोड़ लाउंगा तेरे लिए ,
तो होता है बस कहने के लिए ।
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मैं आसमां मे एक सुलगता तारा हूं ,
फिर भी पता नहीं क्यों मैं
दूसरों को इतना प्यारा हूं ।
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आजा तुझे आसमां की शैर कराएंगे ,
तेरे दिल मे हम जग बनाएंगे ।
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दिल तो हमारा जनाब बच्चा है ,
देखों यह आसमां भी सिसक सिसक कर रोता है
दर्द सहने मे यह भी कितना कच्चा है।
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जब तक यह आसमान है ,
तब तक हमारे अंदर जान है ,
इस आसमान से इस धरती की पहचान है।
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दर्द की दास्ता सुनाते हैं इस आसमान को ,
सुनाएं तो किसे सुनाएं ,
समय ही नहीं मिलता है धरती के इंसान को ।
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आसमान की कोई छाया नहीं होती ,
हम भी दर्द से तड़ते नहीं अगर यह काया नहीं होती ।
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बदले बदले लगते हैं आसमान के रंग आज ,
लगता है मौज मस्ती कर रहा है बादलों के संग आज ।
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आसमां से पूछ लो मौसम का मिजाज क्या है ,
वह तो छोड़कर चली गई और हम रो रहे हैं
मगर इलाज क्या है ।
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हर कोई सलाम करता है आसमान को छूने वालों को ।
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लगता है कभी कभी ,
इस जमीं पर आसमां का भी वजूद है ,
जिदंगी का तो कहना ही क्या
कहीं आम है तो कहीं अमरूद है।
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जमीं को छोड़ने वाले आसमां की गुलामी करते हैं ,
मगर जो मरते हैं शान से ,
उनको खुदा भी शलामी करते हैं।
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सर झुका रहे हैं खुले आसमान के आगे ,
ऐ खुदा हमें बख्स देना नेक हैं हमारे इरादे ।
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जिसने हमे सिरे से खारिज कर दिया था ,
एक दिन उसी आसमां ने हमें घर दिया था।
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आसमां को पहुंचकर ऐ जमीं भूल जाने वाले ,
आसमां तेरा घर नहीं हो सकता ,
आना एक दिन जमीं पर ही पड़ेगा ।
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जब आसमां भी खामोश हो जाए ,
जब हमें ही दोष हो जाए ,
तो समझ लेना अपने बुरे दिन आने वाले हैं।
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हम तो आसमां के बंदें हैं ,
कदम जमीन पर रखते नहीं ,
सफलता उनको मिलती है ,
जो कभी थकते नहीं ।
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खुले आसमान के नीचे सोया हूं ,
तू क्या जाने चाहत मेरी ,
तेरी लिए रात भर रोया हूं ।
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जमीं को हमने खो दिया ,
आसमां अभी बाकी है ,
मगर वो अभी भी कह रहे हैं ,
यह जो जीवन की छोटी सी झाकी है।
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आसमां और जमीं का कोई मेल नहीं है ,
अगर प्यार करते हो तो निभाओ ,
प्यार कोई दिलों का खेल नहीं है।
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जमीं को अलविदा कह दिया
और आसमां मे पहुंच गए ,
यह ख्वाब था हमारा ,
दो पल मे सोच गए ।
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मेरी मंजिल तो आसमान है ,
कोई नहीं जाता वहां ,
जो यूं ही विरान है।
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सुनों ऐ आसमां मे सफर करने वालों ,
धन्यवाद है तुमको ,
उस बेवफा प्यार की खबर करने वालों ।
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अब बदले बदले लगते हैं इस मौसम के रंग भी ,
इंसान अब जीत रहा है आसमां की जंग भी ।
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आसमान का साया है मेरे सर पर ,
दूर से ही देखती रहेगी तो क्या होगा ,
कभी आ जाना हमारे भी घर पर ।
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आसमान भी मेरा है ,
यह जमीं भी मेरी है ,
मगर इन दोनों की
दोस्ती बहुत गहरी है।
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आसमान को गवाही की जरूरत नहीं है ,
पता नहीं क्यों मर मिटे उनके उपर दुनिया वाले
इतनी भी सोणी उनकी सूरत नहीं है।
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तेरा आसमानी रंग है ,
एक रात ऐ नीली आंखों वाली तेरे संग है।
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दिल जलता है तो धुंआ उठता है ,
आसमान मे मेरा चेहरा देख लिया कर ,
जब तू सुबह उठता है।
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मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लिजिए ,
यूं तो असमान मे भी लाखों तारे होते हैं जनाब
जान लिजिए ।
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कहिये तो आसमां जमीन पर उतार लाएं,
तमन्ना रखते हैं एक दिन हम भी
आपकी जिदंगी मे बहार लाएं ।
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यह मंद मंद बारिश आसमान की शरारत है ,
दुनिया मे सबसे प्यारा अपना भारत है।
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रंग जमीं का बदलता है आसमान का नहीं ,
रंग गिरगिट का बदलता है सच्चे इंसान नहीं ।
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आसमान से रिश्ता अपना सदियों पुराना है ,
तेरे संग आए थे ,
और तेरे संग ही इस दुनिया को छोड़ कर जाना है।
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बादलों को बरसाना आसमान का काम नहीं ,
जिसने महोब्बत की ही नहीं ,
उस पर बेवफाई का इल्जाम नहीं ।
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यह नीला आसमान बहुत विशाल है ,
मगर तेरी दोस्ती तो उससे भी कमाल है।
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वो तलास रहे हैं जनाब आसमान मे खजाना ,
डर है हम कहीं बन ना जाए हम उनका निशाना ।
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दो लाइन आसमान को चाहने वालों के लिए ,
खुदा ने दी है दो पल की जिदंगी ,
प्रेम से रहो ,
यही सीख बे वजह सताने वालों के लिए ।
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हर किसी पर परिदें हम उडाया नहीं करते ,
और असामान से हम दिल लगाया नहीं करते ।
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जमीं और तालाब सब सूख गए ,
आसमां से की थी हमने महोब्बत ,
जब हकीकत पता चली तो रूक गए ।
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आसमान खुला हो तो तिनके भी सफर किया करते हैं ,
मगर हम तो भरी महफिल मे शराब के संग जिया करते हैं।
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जब से वो हमारे साथ हो रही है ,
अब तो आसमान से भी बरसात हो रही है।
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आज बन गया है आसमां तक जाने का रस्ता ,
मिलने कैसे जाएं उनसे ,
क्यों हालत है हमारी खस्ता ।
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कभी कभी असमां भी जमीं पर बसता है ,
मगर हालत देख कर जनाब की ,
खुदा भी उनपर हंसता है।
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बहुत फर्क होता है जमीं और आसमान मे ,
लोग तो आज फर्क करने हैं इंसान और इंसान मे ।
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जब से आसमां से दिल लगाया है हमने ,
तब से खुद का कत्ल कराया है हमने ।
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वो तो आसमान से बातें करते हैं ,
और हमसे झूठे वादे करते हैं ,
हे खुदा कहदो अपने असामानों से
क्यों यह गम भरी बरसातें करते हैं।
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हर पतंग को एक दिन कचरे मे जाना है ,
मगर फिर भी उसे आसमां छू कर दिखाना है।
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आसमां का गहरा रिश्ता है इन परिंदों से ,
मरने के बाद कब्र पर लोग फूल चढ़ाते हैं ,
मगर बात तक नहीं करते जिंदो से ।
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मुझे आसमां से गिरने का गम नहीं ,
मगर वहां तक जाएं तो कैसे जाएं ,
तेरी मुहब्बत मे इतना दम नहीं ।
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हम भी एक दिन खाक मे मिल जाएंगे ,
बनकर तारा आसमान मे खिल जाएंगे ।
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बिन तारों के आसमान सूना हो जाता है ,
बिन आपके दिल का दर्द दूना हो जाता है।
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जोश है अभी जवानी का ,
तू इश्क है उस आसमानी का ,
जीवन नाम है बस इसी कहानी का ।
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काश आसमान मे घर मेरा होता ,
तो सदा सामने बस चेहरा तेरा होता ।
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आसमां के गुलाम नहीं हैं हम ,
कि कोई हमसे दिल ना लगा सके
इतने भी विरान नहीं हैं हम ।
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आसमान की बुलंदियों पर इतने इतराया मतकरो ,
जमीं पर रहने वालों को इतना सताया मत करो ।
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आसमान तो खाली होता है ,
मगर जमीं का रिश्ता खुशहाली होता है।
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धरती का आसमां बस एक है ,
अपने प्यार पर क्या इतराएं
साला प्यार ही फेक है।
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एक दिन आसमां मे तस्वीर बनादेंगे तेरी ,
करले हमारा संग हसीन तकदीर बना देंगे तेरी ।
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हमारे गम मे भी ,
आसमान को मुस्कुराने की आदत है ,
तेरी आंखों से मिल हमें ,
तुम से मुहब्बत करने की इजाजत है।
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ज्यादा आसमान मे मत उड़ा करो ,
वरना एक दिन जमीं पर आकर गिरोगे ।
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धरती से आसमान तक हम जा नहीं सकते ,
तेरे बिना वो हसीन ख्वाब हमें आ नहीं सकते ।
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दिल करता है हवा बनकर
आसमान मे उड़ जाएं ,
अगर कोई उतारे तो भी ना उतरें
तुझ से इतना जुड़ जाएं ।
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आसमान की बेरहमी देखों ,
जमीं पर ओले बरसा रहा है।
वैसे तो कुछ नहीं हूं मैं ,
मगर आसमान की तरह तुच्छ नहीं हूं मैं ।
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जमीं पर रहते हैं ,
तो जमीं से प्यार करेंगे ,
मगर बात आएगी जब सपनों की
तो असमां का इतंजार करेंगे ।
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जमीं की कोई खबर नहीं ,
आसमान मे झांक रहा ,
यह महबूब तेरा नहीं है ,
तू क्यों उसे तांक रहा ।
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घूमें हैं सारे आसमां मे तेरी तलास मे ,
टूटे हुए बंधन को जो जोड़ देता है ,
इतनी ताकत है तेरे विश्वास मे ।
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लिपटे हुए हो वासना से ,
और रिश्ता रखना चाहते हो उस आसमां से ।
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इन आइनों से डर लगता है जनाब ,
मगर अच्छे लगते हैं हमें भी आसमां के ख्वाब ।
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तेरी हर किताब मे हूं मैं ,
आसमां से तू हर वक्त देखा करता है ,
इसलिए तो हिजाब मैं हूं मैं ।
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ऐ आसमां के सितारों आओ और
मेरी राहों के अंदर बिखर जाओ ,
टूट रही है इक जिदंगी ,
इसको फिर से नई जिदंगी देकर जाओं ।
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आसमां तो एक रंग का है ,
मगर यह जमीं तो मैदान जंग का है।
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लाखों साल हो गए तुझे गुजरे हुए ,
कभी आसमां से थे तुम उतरे हुए ।
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हम तो रहते हैं आसमां के छपरों मे ,
मगर वो तो हमें खोज रहे हैं कब्रों मे ।
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जमीं का तो बंटवारा होता है ,
मगर आसमां का कोई बंटवारा नहीं ।
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आसमां पिता की तरह है ,
तो जमीं मां की तरह ,
रहती है सदा साथ साये की तरह ।
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दिल चाहता है तेरे संग एक शाम हो जाए ,
बस यह आसमां से बरसता पानी विराम हो जाए ।
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कभी तो आसमां से चांद जमी पर उतर जाए ,
हमारे भी दो पल उस चांद के संग गुजर जाए ।
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तुम्हारे नाम एक खूबसूरत शाम हो जाए ,
और यह सारा आसमां तेरे नाम हो जाए ।
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हम नहीं करते दिल का सौदा ,
मगर उस आसमां ने फिर भी
हमें अकेला छोड़ा ।
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आसमां साफ है तो ,
समुद्र का सफर कर रहे हैं ,
हम सही सलामत हैं ,
बस इतनी घरवालों को खबर कर रहे हैं।
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आसमां मे रहने वालों का कोई ठिकाना नहीं ,
मगर जमीं पर रहने वालों के लिए कोई बहाना नहीं ।
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जमीं पर अपनी यादों के साथ रहते हैं हम ,
मगर उस आसमां के जुल्म को फिर भी सहते हैं हम।
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न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए ,
न जाने कब यह आसमां विराम हो जाए ।
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आसमां जमीं की हरकतों से पक गया ,
और प्यार का चिराग खुद जलकर थक गया ।
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उड़ने दों परिंदों को आसमान मे ,
अब उनको भरोशा नहीं रहा इंसान मे ।
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बचपन लौट कर नहीं आता है कभी ,
जो कुछ करें सोच समझ कर करें सभी ।
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कैसे करें सामना हम आसमां की हवाओं का ,
कोई पता नहीं रहा है अब हमारी राहों का ।
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आसमां पर लाइट मार रहे हैं हम ,
कहीं कोई तारा दिख जाए ,
इस भरी दुनिया मे हमे भी
कोई किनारा दिख जाए ।
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इंसान का दर्द आसमां सहेगा ,
मगर जिसमे जान होगी ,
वही इस धरती पर रहेगा ।
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नया मौसम है आसमां से बरसती आग है ,
जीवन मे क्या रखा है जीवन तो खाक है।
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आसमां से खिल रहे हैं गुलाब ,
डर है कहीं मांग ना ले आसमां
हमसे इसका हिसाब ।
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कभी बादल है तो कभी बरसात है ,
आसमां कि फितरत को हम खूब समझते हैं ,
वह भी जहरीला हो सकता है ,
जिसे हम सुंदर रूप समझते हैं।
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मेरी कोई गलती नहीं ,
फिर भी उस नीले आसमां के आगे
मेरी कभी कोई चलती नहीं ।
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बहुत देखें है फूलों को चुमने वाले ,
मगर कम ही मिलते हैं आसमां मे घूमने वाले ।
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हमारा शौक है निराला ,
हमारी करतूतों से ही
नजर आता है यह आसमां काला ।
——————
हम भी शेर हुआ करते थे ,
अपने जमाने मे ,
आज नजर आते हैं ,
तारे बनकर आसमां के विराने मे ।
——————
यह आसमान तो खाली है ,
मगर जमीं पर फिर भी हरयाली है ,
क्योंकि तेरी जुल्फों की घटा निराली है।
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मरे हुए कभी जिंदा नहीं होते ,
ऐसा कोई दिन नहीं ,
जब आसमां मे परिंदा नहीं होते ।
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गम सुनाना होगा इस आसमान को ,
ताकि कहीं बरसात हो जाए ।
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आसमां से बरसती बूंदों का मजा ही कुछ और है ,
यह तो आ जाता है किसी पर भी ,
आखिर दिल का किस पर जोर है ।
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जितने आसमां मे सितारे हैं ,
ऐ खुदा उतने ही लोग ही तुझे प्यारे हैं।
——————
बहुत होते हैं पंख काटने वाले ,
और बहुत होते हैं आसमां को बांटने वाले ।
——————
हौसला अगर होगा तो आसमान तक जाओगे ,
अगर नहीं है दम तो सिर्फ शमसान तक जाओगे ।
——————
बहुत निहारते हैं हम ,
आसमान मे जलते चांद को ,
तेरे बिना कैसे समझाएं ,
इस दिल के उन्माद को ।
——————
दिल मेरा मचल रहा है आसमान के लिए ,
गुलाब के फूल लिए हैं मैंने अपनी जान के लिए ।
——————
जब फैसला आसमान वाला करता है ,
तो बड़े से बड़ा गुनेगाहर भी डरता है।
——————
कोई अदालत नहीं होती ,
कोई वकील नहीं होता ,
उस आसमान वाले के फैसले मे ।
——————
छूने को आसमान जूनन आज भी जवान है ,
ताकत देखकर हमारी , दुनिया भी हैरान है।
——————
हमें तो दूर आसमान तक जाना है ,
धरती तो बस कम वक्त का ठिकाना है।
——————
हम छोटी छोटी उड़ानों पर गरूर नहीं करते ,
उस नीली आंखों वाले आसमां को ,
हम कभी अपने सीने से दूर नहीं करते ।
——————
जमीं भी किसी की नहीं ,
आसमान भी किसी का नहीं ,
मत कर गरूर ऐ इंसान ,
तेरी खुद की कोई नियती नहीं ।
——————
करना है प्यार तो जमीन से करो ,
आसमान से नहीं ,
करना है प्यार तो दिल से करो ,
एहसान से नहीं
——————
उस आसमां का रंग नीला है ,
मुहब्बत का रंग सजीला है ,
तेरे होंठों के स्वाद की बात क्या करें ,
यह तो बहुत रसीला है।
——————
आसमान जब नाराज हो जाता है ,
तो बारिश कैसे हो सकती है ,
हमारा दिल तोड़कर वो भी
कैसे चैन की नींद सो सकती है।
——————
आसमां किसी और का है ,
जमीं किसी और की है ,
दोस्ती बस भोर की है।
——————
जब आसमान भी टूट पड़ता है ,
तो समझो सब कुछ छूट पड़ता है।
——————
जमीं ही अपनी नहीं ,
तो शिकायत क्या करें आसमान से ,
दूर करदे हमारे दुख दर्द को ,
यही प्रार्थना करते हैं भगवान से ।
——————
तुम आसमान से जिद ना किया करो ,
क्या रखा है दूसरों के धन और दौलत मे ,
बस अपनी धरती के संग जिया करो ।
——————
सफल लोगों के सामने तो आसमान भी झुक जाता है ,
जब चलते हैं महान इंसान ,
तो बारिशों का दौर भी रूक जाता है।
——————
हम तो आसमान की सवारी करते हैं ,
मगर वो आज भी दुनियादारी करते हैं।
——————
आंखे थक गई है उस आसमान को देखते देखते ,
मगर वो अभी भी नहीं थका है फेंकते फेंकते ।
——————
वैसे तो आसमान के तारे हो तुम ,
फिर भी हमारे दिल के सहारे हो तुम ।
——————
उस चांद का घर है आसमान ,
पर दिन मे पता नहीं क्यों
नजर आता है यह विरान ।
——————
पतंग छूती है आसमान की उंचाइयों को ,
मगर हम निहार रहे हैं उसके दिल की गहराइयों को ।
——————
आसमान दूर तेरा ठिकाना है ,
एक दिन हमें भी तेरे पास आना है।
——————
जमीन पर लेट कर निहार रहे हैं हम आसमान को ,
एक दिन उस आसमां तक जाना है हर इंसान को ।
——————
एक दिन सब कुछ भूलकर ,
आसमान तुझ मे हम खो जाएंगे ।
क्या रखा है इस दुनियादारी मे ,
एक दिन तन मन धन से तेरे हो जाएंगे ।
——————
उस आसमान का दिल बहुत बड़ा है ,
जो इंसान खुद को खुदा समझने लग था
आज देखो वो एक कोने मे पड़ा है।
——————
हर पल बदलता है आसमान रंग अपना ,
जैसे हाशिल कर लिया है उसने भी संग अपना ।
——————
जिसने सीख लिया है आसमान के आगे सर झुकाना ,
यही तो होता है खुदा को दिलोजान से चाहना ।
——————
आजकल दिखते नहीं हैं परिेंदे आसमान मे ,
वो अब देख चुके हैं हैवानियत इंसान में ।
——————
हम तो आसमान से तुझे निहारते हैं ,
और तुझे देखते हुए यह दिन गुजारते हैं।
——————
यह जमीं लेलो ,
यह आसमान लेलो ,
मगर हमारे दिल से मत खेलो ।
——————
आसमान की नियत मे खोट है ,
इसलिए ही यह हम पर मार रहा चोट है।
——————
आसमान को भी मुझ पर यकीन नहीं है ,
वह कहता है मुझ से दूसरा कोई हसीन नहीं ।
——————
काश तू चांद होती और मैं आसमान होता ,
रात तो तेरे संग कट जाती ,
मगर दिन बड़ा विरान होता ।
——————
आसमान में आशियाना हमारा होगा ,
हजारों सितारों मे तू भी एक सितारा होगा ।
——————
आसमान से बनी है तू ,
ऐ नीली आंखों वाली ,
तेरी जुल्फों को देखकर लगा ऐसा ,
जैसे छा गई हैं घटा काली ।
——————
वैसे तो बारिश को हर बार रास आती है जमीं ,
मगर हमें होती है आसमां तेरी कमी ।
——————
कदमों की धूल आसमान तक जाती है ,
ऐ इंसान तेरी करतूतों की कीमत
यह धरती चुकाती है।
——————
खुले आसमान मे ठंडी हवाओं का पहरा है ,
नशीली अदाएं तो बहुत देखी ,
मगर यह दिल तुझ पर आकर ठहरा है।
——————
जख्म आसमान ने भी गहरा दिया ,
बारिश का यह पानी हमारे घर पर ठहरा दिया ।
——————
एक ही आसमान के नीचे रहते हैं हम ,
फिर भी एक दूसरे से खींचे रहते हैं हम ।
——————
यह चांद तो रोज आता है धरती के लिए ,
बस अब यह आसमान ही है सर्दी के लिए ।
——————
जी चाहता है इस नीले आसमान को ओढ़कर सो जाउं ,
खुद का एहसास ना हो ,
तेरी पलकों मे इतना खो जाउं ।
——————
आपका दिल हमारे सीने मे धड़कता है ,
जैसे सूखी धरती पर आसमान बिजली कड़कता है।
——————
खुले आसमान के नीचे इजहार किया है हमने ,
नशीली अदाओं वाली से प्यार किया है हमने ।
——————
नाम हो आपका आसमान की बुलंदियों पर ,
हम सच्चे दोस्त हैं आपके ,
इसलिए पर्दा डालते हैं आपकी गलतियों पर ।
——————
सकून की तलास मे आसमान मे आए थे ,
इन दुनिया वालों के हम बहुत सताये थे ।
——————
जमीन की तलास कर रहे हैं हम ,
आसमां का विश्वास कर रहे हैं हम ,
मिल जाए हमें भी जमीं का एक टुकड़ा ,
खुदा से यही अरदास कर रहे हैं हम ।
——————
न आसमां चाहिए ,
न जमीं चाहिए ,
हमें तो बस
तेरे नाम की रमी चाहिए ।
——————
जब जमीं जलती है , तो धुंआ आसमान तक जाता है ,
ना कर गरूर इतना ऐ इंसान ,
तेरा रस्ता भी श्मसान तक जाता है।
——————
छुआ मतकर ठंडे हाथों से बदन अपना ,
जमीं पर घर बनाने से क्या फायदा ,
आसमां है सदन अपना ।
——————
आसमां मे चमकते सितारे हैं हम ,
कभी उसके प्यार मे हारे हैं हम ।
——————
फूटी थी किस्मत हमारी ,
जो आसमान मे घर बनाया ,
अगर वादे पूरे ही नहीं करने थे तुझे
तो क्या अपना यह दर बनाया ।
——————
आसमान मे टूटते तारों का इंतजार है ,
इस संसार मे जिना सबके लिए दुश्वार है।
——————
कल तक उसका वक्त था ,
आज मेरा वक्त है ,
बदला है वो ,
जो आसमान से गिर रहा रक्त है।
——————
जीत नहीं सकते हैं हम कभी आसमान से लड़कर ,
कुछ हाशिल नहीं हुआ जनाब हमें
तेरी मुहब्बत मे पड़कर ।
——————
सब नमस्कार करते हैं ,
आसमान की तरफ उड़ान को ,
मगर कोई नहीं पूछता है ,
हम जैसे विरान को ।
——————
दिल के अंदर यदि समंदर है ,
तो आसमान मन के अंदर है ।
——————
कुछ नहीं चाहिए जमीं से और इस आसमान से ,
हम तो परेशान हो गए हैं इस इंसान से ।
——————
अब तो दिल के आसमां मे नजर आती है तू ,
ठंडी हवाओं की तरह बहुत सुहाती है तू ।
——————
मैं सितारा होता तू चांद होती ,
चमकते दोनों एक साथ जब सांझ होती ।
——————
तू धरती है तो मैं आसमां ,
दोनों का मिलन नहीं हो सकता है
और पूरी नहीं हो सकती है वासना ।
——————
अगर तू साथ हो तो आसमां मे अपना आशियाना बनाएंगे ,
तू अगर जान भी मांग लेगी तो जान भी देदेंगे ,
तुझे इतना चाहेंगे ।
——————
इरादा है आसमान तक उंची उड़ान का ,
मगर खतरा भी है इसमे जान का ।
——————
उतारा जा सकता है ,
धरती पर आसमान को ,
बस इरादों मे जान चाहिए ।
——————
पांव के नीचे जमीं नहीं
और आसमान का ख्वाब देखते हैं ,
ऐसे लोग खाली बोतल मे भी शराब देखते हैं।
——————
बहुत आसान होता है
असमान तक जाना सपनों मे ,
इंसान छू लेता है बुलंदियों को
अगर विश्वास हो अपनो मे ।
——————
वह खून किस काम का ,
जिसमे उबाल ना हो ,
ऐसा दिल किस काम का ,
जो आसमां की तरह विशाल ना हो ।
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उस आसमां मे परिंदे फिर आएंगे ,
दूसरों को मिटाने वाले इंसान ,
एक दिन खुद मिट जाएंगे ।
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परवाह नहीं है हमें जान की ,
इसलिए तो ख्वाहिश रखते हैं
जनाब उस आसमान की ।
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जो मुश्किल मे डर जाए वो शेर नहीं ,
जो धरती को छोड़ आसमां भी नाम
कर जाए वो कोई गैर नहीं ।
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कुछ गम आसमां को सुनाए थे ,
वो मिले कहां हमें जो हमने चाहे थे ,
आज बादल भी हमारे लिए बारिश लेकर आए थे ।
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ख्वाब मत पाल ऐ इंसान
आसमान मे रहने का ,
पहले तजुर्बा तो सीख ले
तू सलीके से कहने का ।
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हर कोई आसमान को छूने मे नाकाम है ,
यूं ही बीत जाती है जिदंगी की शाम है।
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कहते हैं खुदा आसमान मे रहता है ,
मगर आसमान का दर्द तो इंसान ही सहता है।
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उतनी उम्र हो तेरी ,
जितने आसमान मे सितारे हैं ,
मगर याद रखना ,
उन सितारों मे हम भी एक सितारे हैं।
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कितने तारे हे आसमान में
पर चाँद जैसा कोई नहीं ,
हमारे जाने के गम मे ,
वो इतनी पागल थी
कि रात भर सोई नहीं
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सुनो ऐ आसमां पर महल बनाने वाले ,
जमीं पर ही होते हैं खुदा को चाहने वाले ।
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आज आसमान का भी बड़ा रंगीन मिजाज है ,
खुलने वाला है जो उनके दिल मे छुपा राज है।
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जिनके हौसलों मे सबसे ज्यादा दम होता है ,
उनके लिए आसमां भी कम होता है।
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हम भी चाहते हैं एक बार आसमां की शैर करना ,
प्यार में हमें नहीं आता है कभी देर करना ।
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ख्वाब आसमां तक जाने का पूरा हो जाए ,
फिर चाहे जीवन हमारा अधूरा हो जाए ।
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यह आसमां भी मेरे आगे सर झुकाएगा ,
जब एक दिन वक्त मेरा आएगा ।
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रोज तड़पते हैं आसमां से इश्क करने वाले ,
मगर जन्नत मे पहुंचते हैं ,
खुदा के लिए मरने वाले ।
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आसमा की ऊंचाइयों को छूना चाहते हो तो मेहनत करो ,
बस असफलताओं के खेल से कभी ना डरो।
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आसमां से बादल बरस रहे हैं ,
मगर हम आपके बिना आज भी
तरस रहे हैं।
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अगर तू दुनिया को कुछ करके दिखाएगा ,
तो आसमां भी तेरे आगे सर झुकाएगा ।
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आसमान को आता है वक्त के अनुसार बदल जाना ,
अगर मुहब्बत झूठी है तो वक्त रहते संभल जाना ।
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ख्वाहिशें आसमां पर जाने की हमने भी पाल रखी थी ,
वह तो चली गई मगर उसकी यादें आज भी दिल ने
संभाल रखी थी ।
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तू हुकम तो कर मेरी जान ,
मैं आसमां से चांद तारे तोड़ लाउंगा ,
आजा मेरी जिदंगी मैं तू एक बार
तूझे मैं रोज हंसाउंगा ।
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यह आसमां बनता है संसार से ,
इंसान का अंत होता है अहंकार से ।
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किसान देख रहा है आसमान की ओर ,
पता नहीं कब आएगा बारिशों का दौर ।
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धरती को छोड़कर ,
जिसने आसमां पर यकीन कर लिया ,
समझो उसने अपनी जिदंगी को ,
खुद ही गमगीन कर लिया ।
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सूरज की तरह एक दिन डूब जाने वाले हैं हम ,
मगर आसमां की तरह तुझ पर छाने वाले हैं हम ।
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जमीं ने धोखा दिया ,
तो आसमां को चाहने लगे ,
जिने प्यार का मतलब ही नहीं पता ,
वो भी हमें प्यार के जाल मे फसाने लगे ।
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आसमान मे उड़ नहीं सकता ,
पंख कटा परिंदा हूं ,
इंसानों ने तो मुझे कब का मार दिया ,
बस खुदा की बदौलत जिंदा हूं ।
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आसमां भी सूखी धरती पर बरसात नहीं करते ,
अब वो भी हम से कोई बात नहीं करते ।
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अब तो बोलती हैं रोतें ,
नेक नहीं हैं बदें इस आसमां के इरादे ।
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उस आसमां की तरह चाहया है तुझे ,
अपनों की तरह दिल मे सजाया है तुझे ।
आसमान खुला हो तो तिनके भी सफर किया करते हैं।
अगर मुहब्बत की है तो निभाकर दिखा ,
ऐसे तो बेवफा भी मुहब्बत का नाम लिया करते हैं।
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वाकिफ नहीं जमाना हमारी उड़ान से ,
हमारी पहचान है उस आसमान से ।
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सचमुच आसमान मे भी रहता है कोई ,
दिल लगाता है कोई और दर्द सहता है कोई ।
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चांद तो सदियों से आसमान मे है ,
मगर हमसे प्यार करने वाले तो श्मसान मे हैं।
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आसमान अपनी बुलंदी पर जो इतराता है,
आसमां से आहिस्त आहिस्ता जमीं पर उतर जाते हैं वो ,
हमे पता ही नहीं चलता है ,
हवाओं की तरह गुजर जाते हैं वो ।
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देशभक्ति का जज़्बा होता है जिन जवानों में,
वो ही सफर करते हैं गहरे आसमानों मे ।
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कोई तो रहता है उस आसमान मे भी ,
तभी तो आशा है इंसान मे भी ।
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परेशानी हमें धरती से नहीं ,
परेशानी हमें आसमान से है ,
परेशानी खुदा से नहीं परेशानी
मूर्ख इंसान से है।
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जब इरादा बना लिया है ऊँची उड़ान का,
फिर रस्ता देखने की जरूरत नहीं उस आसमान का ।
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खुले आसमान मे तारे रहते हैं ,
हम तो बस आपके सहारे रहते हैं।
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वैसे तो रिश्ता है हमारा उस चांद से ,
मगर वो भी जीने नहीं देता है इम्तिहान से
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ज़मीं वाले से मत कहना ये बातें आसमां की है ,
जिदंगी और कुछ नहीं बस है वासना की ।
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रोज होती है मुलाकात आसमां के चांद तारो से ,
वह आती नहीं है मगर ,
उसे रोज बुलाते हैं इशारों से ।
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मेरा दिल भी आसमां की तरह खुला है ,
कभी भी आ जाना ,
हमें भी अच्छा लगता है तेरी मुहब्बत
मे आसमां की तरह छा जाना ।
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बादल इतने हैं कि आंखे थक गई हैं ,
आसमान को देखने के लिए ।
दम चाहिए यार झूठ भी फेकने के लिए ।
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आसमां की चाहत थी, ज़मीं भी न नसीब हुई,
करोड़ों की दौलत थी उसके पास ,
मगर फिर भी वो दिल से गरीब हुई।
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जमीं से ज्यादा आसमां करीब था ,
कैसे करता मुहब्बत मैं तुझ से ,
उस वक्त मैं गरीब था।
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दिल पर छा गया है आसमान का नीला रंग ,
जीवन निराला होग गया है जनाब तेरे संग ।
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This post was last modified on December 5, 2023