achyutam keshavam krishna damodaram hindi pdf – अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम भगवान कृष्ण का एक भजन है । यह एक बहुत ही प्यारा भजन है । जिसके बारे मे आपने भी कई बार सुना ही होगा । अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम को आप विडियो मे सुन सकते हैं। दोस्तों भगवान कृष्ण के भगत इस तरह के भजनों को पसंद करते हैं। वैसे आप भगवान कृष्ण के बारे मे जानते ही हैं। जोकि देवकी और वसुदेव के पुत्र थे । उनके बारे मे यह कहा जाता है कि वे जब पैदा हुए थे तो कंस ने अपनी बहन और जीजा को जेल के अंदर बंदर कर रखा था । क्योंकि कंस को पता चल गया था कि देवकी की आठवीं संतान ही उसका काल होगी । इसलिए वह 8 वीं संतान को मार देना चाहता था । इसके लिए कंस काफी प्रयास कर रहा था । लेकिन आपको पता ही है कि कंस भगवान को मार नहीं पाया और कहा जाता है कि जब कृष्ण का जन्म हुआ तो ताले अपने आप ही खुल गए और उसके बाद यशोदा के पास कृष्ण को लेकर जाया गया । वसुदेव कृष्ण के पिता थे । और उसके बाद कृष्ण की दो दो माताएं थी । एक देवकी और दूसरी यशोदा । देवकी ने कृष्ण को जन्म दिया था और यशोदा ने उनको पाला था ।
Table of Contents
achyutam keshavam lyrics in hindi pdf achyutam keshavam krishna damodaram hindi pdf
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता हे भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता है भगवान सोते नहीं,
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
नाम जपते चलो काम करते चलो,
हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
याद आएगी उनको कभी ना कभी,
कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी ।
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम नारायणं जानकी बल्लभम ।
achyutam keshavam lyrics in english pdf download
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Rama Naraynam Janaki Vallabham
Kaun Kehta Hai Bhagvan Aate Nahi
Tum Meera Ke Jaise Bulate Nahi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Rama Naraynam Janaki Vallabham
Kaun Kehta Hai Bhagvan Khaate Nahi
Ber Shabri Ke Jaise Khilate Nahi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Rama Naraynam Janaki Vallabham
Kaun Kehta Hai Bhagvan Sote Nahi
Maa Yashoda Ke Jaise Sulate Nahin
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Rama Naraynam Janaki Vallabham
Kaun Kehta Hai Bhagvan Nachthe Nahi
Gopiyo Ki Tarah Tum Nachathae Nahi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,
Rama Naraynam Janaki Vallabham,
Naam Japate Chalo Kaam Karte Chalo
Har Samay Krishna Ka Dhyaan Karte Chalo
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram,
Rama Naraynam Janaki Vallabham,
Yaad Aayegi Unko Kabhi Na Kabhi
Krishan Darshan To Denge Kabhi Na Kabhi
Achyutam Keshavam Krishna Damodaram
Rama Naraynam Janaki Vallabham
भगवान कृष्ण के बारे मे रोचक बातें
दोस्तों यहां पर हम भगवान कृष्ण के बारे मे रोचक बातें की बात भी कर लेते हैं। जिसके बारे मे शायद बहुत से लोग नहीं जानते होंगे । तो आइए जानते हैं उनके बारे मे कुछ रोचक बातें ।
- भगवान् श्री कृष्ण के पास एक तलावार थी उसका का नाम नंदक, गदा का नाम कौमौदकी और शंख का नाम पांचजन्य था और यह गुलाबी रंग का था । जिसके बारे मे कम ही जानकारी है।
- कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण परमधाम को गए थे तो उनके कोई भी बाल सफेद नहीं हुए थे । जोकि अपने आप मे एक आश्चर्य की बात है।
- भगवान् श्री कृष्ण के धनुष का नाम शारंग था । और उनके पास एक सुदर्शन चक्र भी था जिसको आयुद्ध नाम से जाना जाता था । पाशुपतास्त्र , प्रस्वपास्त्र दो ऐसे अस्त्र थे जोकि उनकी बराबरी के ही थे ।
- भगवान् श्री कृष्ण की परदादी ‘मारिषा’ व सौतेली मां रोहिणी नाग जनजाति से आती थी । जिसके बारे मे शायद काफी कम लोगों को जानकारी है।
- एकानंशा नाम की एक लड़की को कृष्ण के बदले जेल मे भेजा गया था जोकि यशोदा की पुत्री थी । जिसको विधावासीनी देवी के नाम से आज भी पूजा जाता है।
- श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा का वर्णन महाभारत, हरिवंशपुराण, विष्णुपुराण व भागवतपुराण जैसे किसी भी ग्रंथ के अंदर नहीं मिलता है। तो यह एक तरह से जन श्रुतियों के अंदर रहा है।
- भगवान् श्री कृष्ण ने श्रीमद्भगवतगीता के बारे मे युद्ध के क्षेत्र के अंदर बताया था जोकि अध्यात्मिकता की एक तरह से वैज्ञानिक व्याख्या ही कही जा सकती है।
- भगवान् श्री कृष्ण ने 2 नगरों की स्थापना की थी द्वारिका (पूर्व में कुशावती) और पांडव पुत्रों के द्वारा इंद्रप्रस्थ इन दोनों का नाम आपने महाभारत के अंदर कई बार सुना ही होगा ।
- भगवान् श्री कृष्ण ने मात्र 16 वर्ष की आयु में विश्वप्रसिद्ध चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया जोकि अपने आप मे एक अदभुत बात है।
भगवान कृष्ण से जुड़ी अदभुत कथा
दोस्तों आपको बतादें कि महाभारत के अंदर कई तरह की अदभुत कथाएं आपको देखने को मिलती हैं। इसी तरह की एक अदभुत कथा को हम आपको बताने जा रहे हैं। इस कथा के अनुसार महाभारत के अंदर गांधारी के 100 पुत्रों की मौत हूई थी। और युद्ध के बार जब भगवान कृष्ण गांधारी के पास पहुंचे थे दुखी गांधारी ने उन्हें श्राप दिया कि 36 सालों में वो मारे जाएंगे और उन्हीं के साथ यदु वंश का विनाश हो जाएगा । और उसके बाद हुआ भी वैसा ही निकट भविष्य के अंदर यदु वंश का विनाश हो गया।
दुर्वासा ऋषि और कृष्ण के बारे मे एक अन्य कहानी भी मिलती है। इस कहानी के अनुसार दुर्वासा ने कृष्ण को अपने पूरे शरीर पर खीर लगाने के लिए कहा था और कृष्ण ने ऐसा ही किया लेकिन उनके पैरों को छोड़ दिया तो इसकी वजह से दुर्वासा काफी अधिक क्रोधित हो गए और भगवान को यह शाप दिया कि उनकी मौत पैर की वजह से होगी । और बाद मे हुआ भी ऐसा ही । भगवान कृष्ण की मौत पैर मे तीर लगने से हुई थी।
कृष्ण की 16,108 रानियां थी या नहीं ?
दोस्तों बहुत से लोगों के मन मे यह सवाल आता है कि कृष्ण की इतनी अधिक रानिया कैसे थी। लेकिन आपको बतादें कि यह सच्चाई नहीं है। असल मे कृष्ण की सिर्फ 10 रानिया था जिनका नाम रुकमणी, सत्यभामा, जंबावति, नाग्नजीति, कालिंदी, मित्रवृंदा, भद्रा और लक्षमना बाकि सभी वे महिलाएं थी जिनको कृष्ण ने कंस की कैद से मुक्त करवाया था और उसके बाद उनको अपना नाम दिया था । असल मे जब कंस की कैद से महिलाओं को मुक्त करवाया था तो फिर कुछ को उनके घरवालों ने अपना कुछ को नहीं अपनाया था । तो इस तरह से आप चीजों को समझ सकते हैं।
दुर्योधन और अर्जुन दोनों की मदद की कृष्ण ने
दोस्तों कृष्ण बस एक खिलाड़ी थी । और वे बस खेल गए । उनके लिए जीवन बस एक खेल से ज्यादा कुछ नहीं था जंहा पर वे अच्छा खिलाड़ी बने रहना चाहते थे । कहा जाता है कि अर्जुन और कौरव जब कृष्ण की मदद मांगने के लिए गए तो कृष्ण ने कौरवों को अपनी सेना दी थी । और अर्जुन के खुद सार्थी बन गए ।
वैसे यह एक धर्म युद्ध था । क्योंकि कौरव पांडवों को उनका हिस्सा नहीं दे रहे थे । और धर्म युद्ध के अंदर कृष्ण बस धर्म का साथ देना पसंद कर रहे थे ।
भीष्म वादा करते हैं द्रोपदी को विधवा बनाने का
द्रौपदी को विधवा बनाने के बारे मे भीष्म कहते हैं और यह बात जब कृष्ण को पता चलती है तो फिर कृष्ण द्रोपदी को भीष्म के चरण छूने को कहते हैं और भीष्म को यह पता नहीं चलता है कि वह महिला कौन है ? तो भीष्म उसे सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद देते हैं। उसके बाद भीष्म को इसके बारे मे पता चलता है तो वे काफी खफा होते हैं । तब कृष्ण कहते हैं कि यदि आपका वचन मेरी वजह से टूटा तो मेरा वचन भी आपकी वजह से टूटेगा. और इसके बाद ही अर्जुन को बचाने के लिए वो रथ का पहिया उठाते है।
भीष्म ने दिये सोने के तीर
दोस्तों एक बार भीष्म दुर्याधन को गुस्सा होकर सोने का तीर देते हैं।और कहते हैं कि इनसे ही कल पांडवों का अंत होगा ।दुर्योधन उन तीर को अपने पास रख लेते हैं और उसके बाद
जब श्री कृष्ण को ये पता चलता है तो वो अर्जुन को दुर्योधन और यह कथाओं के अंदर आता है कि अर्जुन ने दुर्धोधन की जान बचाई थी ।तो उसके बाद दुर्योधन ने अर्जुन से कुछ भी मांगने
के लिए कहा था । इसी में कृष्ण अर्जुन को दुर्योधन से पांच सोने के तीर मांगने को कहते हैं. दुर्योधन दे देता है. भीष्मपितामह इस बात पर काफी अधिक खफा हो जाते हैं और फिर वे अर्जुन से युद्ध करने लग जाते हैं । और भीष्म के आगे अर्जुन टिक नहीं पाता है। जिसके बाद कृष्ण रथ का पहिया निकाल लेते हैं और फिर युद्ध करने के लिए जाते हैं लेकिन अर्जुन उनको रोक लेता है। उसके बाद भीष्म तीरों पर गिर जाते हैं।
वैसे देखा जाए तो महाभारत के अंदर कई सारी दिलचस्प चीजें हैं जोकि आपको देखने को मिलती हैं। और अब आपको कुछ भी पढ़ने की जरूरत ही नहीं है। आपको सब कुछ विडियों के फोर्मेट के अंदर मिल जाएगा तो वहां से आप देख सकते हैं।
असल मे महाभारत एक तरह का इतिहास नहीं है। वह धर्म का युद्ध है और धर्म से बड़ी कोई चीज नहीं होता है। मानवता से बड़ी कोई ची नहीं होती है। किसी को मारना या काटना धर्म नहीं है। धर्म है इंसानियत के रश्ते पर चलना ।
यदि आप अपने साथ हो रही नाइंसाफी के लिए लड़ते हो तो भी आप किसी कानून का उल्लघंन नहीं करते हो । कानून सिर्फ शरीर के लिए होते हैं। आत्मा के लिए नहीं और आप शरीर नहीं आत्मा हैं।
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This post was last modified on May 6, 2023