बहुत से लोगों का यह सवाल था कि अदरक का पौधा कैसे उगाए ?adrak ka podha kaise lagaye ? आज के लेख के अंदर हम अदरक के पौधे को लगाने का तरीका विस्तार से जानेंगे।अदरक Zingiber officinale एक प्रकार का तना होता है ,जो केवल जमीन के नीचे ही बढ़ता है।अदरक जिंजीबरेसी कुल का पौधा है। और यह उष्ण और शितोषण कटिबंध दोनों ही प्रकार के क्षेत्रों के अंदर देखने को मिलता है।वैसे यह दक्षिण एशिया का पौधा है लेकिन अब चीन, जापान, मसकराइन और प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर भी देखने को मिलता है।
अदरक के पौधे को सबसे पहले ऑस्ट्रोनीशियन लोगों द्वारा सबसे पहले पालतू बनाया गया था ।2018 में, अदरक का विश्व उत्पादन 2.8 मिलियन टन था , जिसका नेतृत्व भारत ने दुनिया के कुल 32% उत्पादन किया था। ऑस्ट्रोनियन लोग प्राचीन काल से ही कई तरह के मसालों की खेती करते थे ।हल्दी ( करकुमा लोंगा ), सफ़ेद हल्दी ( करकुमा ज़ेडोएरिया ), और कड़वा अदरक ( ज़िंगाइबर ज़ेरुम्बेट ) की खेती की है।
अदरक का सबसे पहला लिखित रिकोर्ड कन्फ्यूशियस ने लिखा था और यह 475 ई की बात है। इसमे यह लिखा गया था कि हर भोजन के साथ अदरक को खाना चाहिए ।भिक्षु फाक्सियन ने लिखा कि अदरक को बर्तनों के अंदर भी उगाया जाता था।14 वीं शताब्दी में, इंग्लैंड में अदरक की एक पाउंड की लागत एक भेड़ जितनी होती थी।
अदरक सफेद और गुलाबी फूलो की कलियों वाला पौधा होता है।और इसके पीले फूल भी लगते हैं।और यह देखने मे काफी सुंदर भी लगता है।इस वजह से घरों के आस पास सजावट के लिए भी इस पौधे का प्रयोग किया जाता है।
आज दुनिया भर के अंदर अदरक बहुत ही लोकप्रिय है। अदरक का प्रयोग कई चीजों के अंदर किया जाता है। जब चाय की बात आती है तो अदरक वाली चाय सबके लिए पहली पसंद होती है।यह चाय खांसी ,जुकाम और सिर दर्द के लिए काफी बेहतर होती है।
अदरक का उपयोग विभिन्न खाद्य या दवाईयों जैसे सब्जियों, कैंडी, सोडा, अचार, और मादक पेय पदार्थों के लिए किया जा सकता है। अदरक एक सुगंधित पदार्थ होता है जिसका प्रयोग सिरका और नास्ते के अंदर भी किया जाता है।अदरक से अदरक शराब भी बनाया जाता है।अदरक के रस का प्रयोग कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाने मे किया जाता है।चीनी , कोरियाई , जापानी , वियतनामी जैसी जगहों पर भी अदरक का प्रयोग व्यंजनों मे किया जाता है। दोस्तों आपको बतादें कि अदरक के पाउडर का भी प्रयोग किया जाता है। यह पाउडर स्वाद बढ़ाने के लिए मसालों के रूप मे होता है।
वैसे तो हम बाजार से भी अदरक खरीद सकते हैं लेकिन यदि आपके घर के अंदर अदरक है तो इसका मजा ही कुछ निराला होता है। ताजा अदरक का स्वाद काफी बेहतरीन होता है। जब भी आपका मन करे आप अदरक के पौधे को उखाड़ कर अदरक की चाय बना सकते हैं जो काफी जबरदस्त स्वाद प्रदान करती है।
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अदरक का पौधा कैसे उगाए विधि प्रथम
अदरक उगाने का समय मार्च और अप्रेल का समय होता है। अदरक उगाने के लिए कभी भी ताजा अदरक का चुनाव नहीं करना चाहिए वरन पूरानी अदरक लें । जिसके अंदर थोड़ी थोड़ी जडें आ गई हों क्योंकि इसको उगाना काफी आसान होता है।
अदरक को उगाने के लिए मिट्टी तैयार करना
यदि आपने उगाने के लिए अदरक को तैयार कर लिया है तो अब आपको चाहिए कि आप अदरक के लिए मिट्टी तैयार करें । इसके लिए मिट्टी के अंदर 25 प्रतिशत कोकपीट मिलाएं और 25 प्रतिशत ही गोबर मिलादें । और गमले के अंदर भरदें । आपको इस बात का ध्यान रखना है कि गमला थोड़ा बड़ा लेना है ताकि पौधा बड़ा होने के बाद आपको पौधा ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं पड़ें ।
अदरक का पौधा कैसे उगाए अब अदरक के पौधे को गमले मे लगाएं ।
- सबसे पहले आपको अदरक की गांठ वाले भाग को नोटिस करना है।
- गमले के अंदर अदरक के गांठ वाले भाग को उपर की तरफ करके लगा दें ।
- अब अदरक के उपर मिट्टी डाल देना है।
- अब इस अदरक के उपर हल्का पानी देना है।
- अदरक के पौधे को रोजाना 3 घंटे तक ही धूप मे रखें । इसको अधिक धूप की आवश्यकता नहीं होती है।
- अदरक के पौधे के अंदर अधिक पानी नहीं देना चाहिए क्योंकि यदि आप ऐसा करते हैं तो अदरक के पौधे की जड़े गल सकती हैं। बस मिट्टी के अंदर नमी बनी रहना जरूरी होता है।
- आपको बतादें कि अदरक के पौधे को उगने मे 6 सप्ताह तक का समय लग जाता है।इस दौरान पौधे को खाद देते रहना चाहिए।
- अदरक के पौधे को बीमारी बहुत ही कम लगती है। यदि फिर भी कोई बीमारी लग जाती है तो आपको चाहिए कि आप नीम के तेल के अंदर अदरक फिल्टर पानी मिलाकर स्प्रे करें । ऐसा करने से अदरक के पौधे की समस्याएं दूर हो जाएंगी ।
अदरक का पौधा कैसे लगाएं 2 adrak ka podha kaise lagaye
यदि आप अपने घर के अंदर अदरक के पौधे को उगा रहे हैं या खेत के अंदर अदरक के पौधे मे थोड़े धेर्य की जरूरत पड़ती है।और अदरक के पौधे के अंदर निरंतर खाद डालने की जरूरत होती है। तो आइए जानते हैं। अदरक को उगाने का सही तरीके के बारे मे ।
बरसात के मौसम मे अदरक को उगाए
अदरक एक ऐसा पौधा है जो अधिक ठंड को सहन नहीं करता है। इस वजह से ठंड जब बहुत ही कम बचे तो इसको उगाना चाहिए । आप बरसाद के बाद भी इसको लगा सकते हैं।अधिक सर्दी के अंदर अदरक का पौधा जल भी जाता है।
अदरक को उगाने के लिए किस्म का चुनाव करें ।
अदरक की कई सारी किस्में हैं। जो अलग अलग उदेश्य के लिए प्रयोग मे ली जाती हैं। यदि आप खाने के लिए एक अदरक को उगा रहे हैं तो आप जिंजिबर ओफ्फिसिनेल की जड़ को उगा सकते हैं जो अदरक हम चाय वैगरह बनाने मे प्रयोग मे लेते हैं। यदि आप सजावट के लिए अदरक का प्रयोग करना चाह रहे हैं तो आप एक नर्सरी के अंदर दूसरे प्रकार की अदरक को उगा सकते हैं जो खाने मे अच्छी नहीं है। लेकिन सजावट मे काफी अच्छी होती हैं।
अदरक के पौधे को उगाने के लिए एक ऐसी अदरक चुने जिसके कि आंखे बनी हुई हो । बिना आंखों वाली अदरक ना चुनें । आप कई अदरकों मे से कुछ को चुन सकते हैं।
यदि आप अदरक को जल्दी उगते हुए देखना चाहते हैं तो रात भर पानी के अंदर डालकर रखदें । और उसके बाद उगाएं । इससे अदरक काफी जल्दी उग जाती है।
अदरक के टुकड़ों को चाकू से काटना
यदि आपके पास बड़े अदरक के टुकड़ें हैं तो उनको चाकू से काटना सही होता है। अदरक के टुकड़ों को चाकू से काटें । लेकिन इस बात का ध्यान रखें की एक टुकड़े को तभी चाकू से काटे जब उसके 2 से अधिक आई हो । यदि किसी टुकड़े पर 3 आई हैं तो उसके उगने की संभावना सबसे अधिक होती है।
आपको बतादें कि अदरक के दो टुकड़ों के बीच की दूरी 8 से 10 सेंटीमिटर होना चाहिए । इससे पास यदि आप अदरक के टुकड़ों को लगाते हैं तो समस्या होगी ।
अदरक के पौधे को उगाने के लिए मिट्टी तैयार करना
अदरक के पौधे को उगाने के लिए गोबर की बनाई गई कम्पोस्ट खाद का आप प्रयोग कर सकते हैं।इसके लिए मिट्टी के अंदर 25 प्रतिशत कोकपीट मिलाएं और 25 प्रतिशत ही गोबर मिलादें । और उसे गमले के अंदर भर सकते हैं। अंकुरण होते हुए अदरक के लिए आदर्श तापमान 70 डिग्री फेरेंहाइट होता है। इसलिए सही तापमान को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए ।तापमान को चैक करने के लिए आप तापमान मापी का प्रयोग कर सकते हैं। और मिट्टी का पीएच भी समय समय पर चैक करते रहें । इसका पीएच 6.1 और 6.5 के बीच होना चाहिए ।
अदरक को उगाने के लिए सही जगह का चुनाव करें
दोस्तों अदरक को उगाने के लिए सही जगह का चुनाव करना बहुत ही जरूरी होता है। अदरक को ऐसी जगह लगाया जाना चाहिए जहां पर सुबह की धूप आती है । उस स्थान पर धूप सुबह 4 घंटे तक रहनी चाहिए । और वहां पर ठंड भी नहीं होनी चाहिए । यदि अदरक का अंकुरण नहीं होता है तो इसको अधिकतापमान वाले स्थान पर रखा जाना चाहिए । और अदरक के लिए आप जिस गमले का चुनाव करते हैं।वह 12 इंच तक गहरा होना जरूरी होता है क्योंकि अदरक का पौधा गहराई के अंदर जाता है। छोटे गमले मे यह सही से नहीं उग पाएगा ।
अदरक को गमले के अंदर लगाएं
यदि आप गमले को तैयार कर चुके हैं तो चुनी हुई अदरक को गमले के अंदर लगाएं ।अदरक को 2 से 4 इंच गहराई तक प्लांट करें । और यदि आप दो या उससे अधिक अदरक को उगा रहे हैं तो उनके बीच की दूरी को 8 इंच तक बनाए रखा जाना चाहिए ।
मिट्टी के अंदर नमी बनाएं रखें
दोस्तों अदरक के अंदर अधिक पानी डालना उसको गला सकता है लेकिन मिट्टी के अंदर नमी बनाए रखना बेहद ही जरूरी होता है। समय समय पर चैक करते रहें । यदि मिट्टी के अंदर नमी नहीं है तो अदरक के अंदर पानी दें ।
अदरक के अंकुरण को चैक करते रहें
जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि अदरक काफी धीरे धीरे उगता है। आपको इसके उपर नजर बनाए रखना होगा । और समय समय समय पर पानी डालते रहना होगा । क्योंकि यह उगने मे समय लगाता है। यदि नहीं उगे तो आपको फिर से ट्राई करना चाहिए ।
अदरके के पौधे मे दवा का छिड़काव
यदि आपका पौधा बड़ा है तो उसे बीमारियों से बचाने के लिए नीम के तेल के अंदर फिल्टर पानी को मिलाएं और उसके बाद स्प्रे करें । ऐसा करने से अदरक का पौधा बीमारियों से बचा रहेगा । हालांकि इसके बीमारियां लगने की समस्या कम ही आती है। लेकिन आप चाहें तो प्रयोग कर सकते हैं।
अदरक के पौधे के अंदर खाद डालें
यदि अदरक का पौधा उग गया है तो उसके अंदर सुखी पतियां ,छाल और गोबर से बनी खाद को डाल सकते हैं। ऐसा करने से अदरक के पौधे के अंदर जल्दी बढ़ोतरी के चांस होते हैं।और यदि आपने बहुत सारे अदरक के पौधे उगा रखे हैं तो उसके आस पास जो भी खरपतवार है । उसको समाप्त कर देना चाहिए ।
जब अदरक का पौधा सूख जाता है
अदरक का पौधा आमतौर पर पतझड़ के अंदर गर्मी के अंत मे पीले पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति के अंदर इनके अंदर पानी डालना कम कर देना चाहिए और उसके बाद जब यह उपर से सूख जाए तो आप इनको चाकू से काट सकते हैं। आमतौर पर एक अदरक की जड़ से आप तब तक दूसरा पौधा तैयार कर सकते हैं जबतक कि उसकी कोई आंख बची होती है। आंख के मरने के बाद आप उससे दूसरा पौधा तैयार नहीं कर सकते हैं।
अदरक के लिए खाद कैसे तैयार करें
यदि आप एक पूरे खेत के अंदर अदरक को उगा रहे हैं तो आपको खाद का प्रयोग करना होगा । इसके लिए 25 किलो नाइट्रोजन ,फासफोरस 10 किलो व पोटाश 10 किलो की मात्रा आपको प्रति एकड प्रयोग करनी चाहिए ।नाइट्रोजन का आधा हिस्सा बुआई से पहले दें और आधा बुआई के 75 दिन बाद डालना चाहिए ।
अदरक के पौधों मे खरपतवार नियंत्रण के लिए क्या करें
अदरक की बीजाई के 3 दिन बाद एट्राज़िन 4-5 ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिलाकर स्प्रे करना चाहिए । और उसके बाद 12 दिन हो जाएं तो गलाइफोसेट 4-5 ग्राम प्रति लीटर पानी के अंदर मिलाकर छिड़काव करें । और ऐसा करने से खरपतवार का नाश हो जाता है।
अदरक की अलग अलग किस्मे कौनसी हैं ?
अदरक की कई प्रकार की किस्मे होती हैं जिसके अंदर नाड़िया ,मैरान ,आसाम और सुरभी ,सुरूचि इसी प्रकार से एक अन्य अदरक की किस्म हिमगिरी का विकास किया गया है जोकि सड़न रोग से बहुत ही कम प्रभावित होती है। आप अपने क्षेत्र के अनुकूल किस्मों का चुनाव कर
सकते हैं।
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यदि आप खेत के अंदर अदरक को बोने के बारे मे विचार कर रहे हैं तो आपको सबसे पहले मिट्टी का उपचार करना बेहद ही आवश्यक होता है। इसके लिए रेतीली या दोमट मिट्टी का चुनाव करना चाहिए । और आखरी पाट चलाने से पहले 1 किलो ट्राइकोडर्मो और 25 किलो गोबर की खाद को मिट्टी के अंदर अच्छी तरह से डाल देना चाहिए ।जुलाई माह के पहले सप्ताह के अंदर अदरक के पौधे की जड़ों मे 7 किलो ट्राईकोड्रार्मा प्रति 500 लिटर पानी के अंदर घोल कर 5 बीघा भूमी मे उपयोग कर सकते हैं।
ट्राईकोड्रार्मा कई प्रकार की बीमारियों से बचाने का कार्य करता है।जैसे फुफुंदी ,सूत्रकृमी और सड़न रोग को कम करने का काम करता है।ट्राईकोड्रार्मा का उपयोग करना काफी फायदेमंद होता है।यह काफी कीफायती होता है। और प्रयोग करने मे भी काफी आसान होता है।और अनेक प्रकार के रोगों के रोकथाम के लिए उपयोगी होता है। लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ट्राईकोड्रार्मा का प्रयोग अन्य कीटनाशकों के साथ प्रयोग मे नहीं लेना चाहिए ।
अदरक के फायदे
अदरक का प्रयोग आजकल हर रसोई के अंदर किया जाता है।क्योंकि यह काफी स्वादिष्ट होती है। हमारे यहां पर तो अदरक का प्रयोग सबसे अधिक चाय बनाने मे किया जाता है।लेकिन अदरक सिर्फ चाय के लिए ही नहीं होती है। इसके कई सारे औषधिय प्रयोग होते हैं।तो आइए जानते हैं कि अदरक के क्या क्या फायदे हो सकते हैं।
अदरक के अंदर पाये जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार से हैं।
प्रति 100 ग्राम पोषण मूल्य (3.5 औंस) | |
ऊर्जा | 333 kJ (80 kcal) |
कार्बोहाइड्रेट | 17.77 जी |
शर्करा | 1.7 ग्रा |
फाइबर आहार | 2 ग्रा |
मोटी | 0.75 ग्राम |
प्रोटीन | 1.82 ग्राम |
विटामिन | मात्रा |
थियामिन (बी 1 ) | 0.025 मिग्रा |
राइबोफ्लेविन (B 2 ) | 0.034 मि.ग्रा |
नियासिन (बी 3 ) | 0.75 मिग्रा |
पैंटोथेनिक एसिड (बी 5 ) | 0.203 मिलीग्राम |
विटामिन बी 6 | 0.16 मिग्रा |
फोलेट (B 9 ) | 11 माइक्रोग्राम |
विटामिन सी | 5 मिग्रा |
विटामिन ई | 0.26 मिग्रा |
खनिज पदार्थ | मात्रा |
कैल्शियम | 16 मिलीग्राम |
लोहा | 0.6 मिग्रा |
मैगनीशियम | 43 मिग्रा |
मैंगनीज | 0.229 मिग्रा |
फास्फोरस | 34 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 415 मिग्रा |
सोडियम | 13 मिग्रा |
जस्ता | 0.34 मिग्रा |
अन्य घटक | मात्रा |
पानी | 79 ग्रा |
बालों के लिए फायदेमंद अदरक
दोस्तों अदरक बालों के लिए बहुत अधिक अच्छी होती है। अदरक के अंदर सूक्ष्म जीवों को नष्ट करने वाले बैक्टिरिया का गुण पाया जाता है।बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से बहुत से लोगों के बाल झड़ जाते हैं। लेकिन अदरक बैक्टीरियल इन्फेक्शन को रोकती है। जिससे बालों का झड़ना कम हो जाता है।
त्वचा के लिए उपयोगी होती है अदरक
चेहरे पर मुंहासे और दाग होना काफी बेकार लगता है। लेकिन अदरक के सेवन करने से मुंहासे और चेहरे के दाग दूर होते हैं और आपको चेहरा चमकदार बनाता है।यदि आपके चेहरे पर यह समस्या है तो अदरक का सेवन करें । जिससे यह आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।वैसे तो मुंहासे और दाग को दूर करने के लिए कई तरक की क्रीम उपलब्ध हैं लेकिन अदरक एकदम से घरेलू तरीका है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है अदरक
शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होगी तो शरीर अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रस्ति हो जाएगा ।यदि आपको बार बार सर्दी जुकाम और समान्य बीमारियां होती हैं तो अदरक का सेवन करना चाहिए । वैज्ञानिक रिसर्च यह बताते हैं कि अदरक का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।इसके अलावा अदरक सूजन कम करने वाला होता है। यदि किसी को पूरानी सूजन की समस्या है तो अदरक का सेवन करना चाहिए । यह एक देशी दवा है।
अदरक के फायेद वजन को कम करती है
दोस्तों अदरक वजन को कम करने का कार्य करती है।वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह बात सामने आई है कि यह फैट को जलाने का कार्य करती है।यह पैट पर जमी चर्बी को कम करने का कार्य करती है।यदि आप वजन कम करने के बारे मे सोच रहे हैं तो आपको असंतुलित खान पान पहले बंद करना होगा।उसके बाद अदरक का सेवन करना होगा ।इतना ही नहीं अदरक मोटापे से होने वाले जोखिमों को कम करने का काम करती है।
भोजन के पाचन मे अच्छी है
दोस्तों भोजन को पचाने मे भी अदरक काफी उपयोगी होती है।आजकल बहुत से लोगों को पाचन की समस्या होती है। अदरक पाचन को बेहतर करने का कार्य करती है।यदि आपके पेट मे कब्ज, पेट दर्द, पेट की ऐंठन, मरोड़ व गैस जैसी समस्या है तो अदरक का सेवन करें। कुछ लोग सब्जी के अंदर भी डालकर भी अदरक को खाते हैं।इसके अलावा यदि आपको पेट की समस्या रहती है तो अदरक के चूर्ण को भोजन के करने के बाद ले सकते हैं। यह आपके पाचन की समस्या को ठीक कर देगा ।
कैंसर से बचाव करती है अदरक
दोस्तों कैंसर से बचाव करने का कार्य भी अदरक करती है।अदरक को लेकर चूहों पर किये गए रिसर्च मे यह बात सामने आई है कि अदरक के अंदर सूजन को कम करने का गुण होता है। इसके अलावा अदरक के अंदर एंटीकैंसर का भी गुण होता है।अदरक कई प्रकार के कैंसर जैसे स्तन कैंसर, गर्भाशय के कैंसर और लिवर कैंसर से बचाने मे काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।तो यदि आप चाहते हैं कि आपको कैंसर की समस्या कभी ना हो तो अदरक का सेवन करें । यह आपके लिए काफी अच्छी और बिना किसी नुकसान वाली औषधी है।
अल्जाइमर मे अदरक का प्रयोग
दोस्तों अल्जाइमर के अंदर भी अदरक का प्रयोग होता है। अल्जाइमर एक ऐसा रोग होता है जो दिमाग से संबंधित होता है। और बढ़ती उम्र के साथ हावी होता जाता है।जिससे लोगों की याद करने की क्षमता कम हो जाती है।एक वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर यह बात सामने आई है कि अदरक के अंदर जिंजरोल, शोगोल और जिंजरोन फाइटोकेमिकल्स मौजूद होते हैं। यह दिमाग के अंदर क्षति होने वाले न्यूरोन को रोकने का कार्य करते हैं। और अल्जाइमर से दिमाग को बचाने का काम भी करते हैं।
आपको बतादें कि अल्जाइमर का सबसे अधिक खतरा अधिक उम्र के लोगों मे होता है। इस वजह से अधिक उम्र के लोगों को सबसे अधिक अदरक का सेवन करना चाहिए ।
उल्टी की समस्या को दूर करती है अदरक
दोस्तों उल्टी और मतली आने की समस्या सबसे आम होती है। पेट के अंदर गड़बड़ होने की वजह से यह समस्याएं होती हैं।अदरक के अंदर विशेष प्रकार का गुण होता है जो उल्टी और मतली की समस्या को दूर करने का कार्य करता है।गर्भावस्था के अंदर मतली की समस्या को भी अदरक दूर करने का कार्य करती है।
अदरक दर्द को कम करता है
एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार अदरक के अंदर दर्द निवारक गुण पाया जाता है। मांसपेशियों के दर्द को दूर कर सकती है। खिलाड़ियों के अंदर यह दर्द काफी समस्याएं पैदा करता है। उनके लिए अदरक काफी फायदेमंद और आरामदायक होती है। इतना ही नहीं महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक दर्द होता है।और इस दर्द को कम करने मे भी अदरक काफी सहायक होती है। इस प्रकार से अदरक आपके लिए दर्द मे भी एक औषधी की तरह कार्य करती है।
सिरदर्द को दूर करती है अदरक
आजकल सिरदर्द तो सबसे आम समस्या मे से एक है।कई बार सिरदर्द होने लग जाता है। लेकिन इस सिरदर्द से अदरक काफी आराम देने का कार्य करती है।यह तीव्र सिरदर्द से काफी आराम दिलाती है। यदि आपको सिरदर्द की समस्या हो तो अदरक की बनाई चाय का सेवन कर सकेते हैं या फिर अदरक को उबाल कर उसकी भाप का सेवन कर सकते हैं। इससे सिर दर्द आसानी से दूर हो जाएगा ।
मासिक धर्म के दर्द को कम करती है अदरक
दोस्तों मासिक धर्म के अंदर महिलाओं को बहुत अधिक दर्द होता है। और कुछ महिलाओं को तो इतना अधिक दर्द होता है कि उनके लिए यह असहनिय हो जाता है। आपको बतादें कि इस दर्द को कम करने मे अदरक काफी सहायक हो सकती है। यदि किसी को मासिक धर्म मे दर्द की समस्या है तो उसे अदरक का सेवन करना चाहिए ।यह काफी आराम देने का कार्य करती है।
आपके हर्ट के लिए अच्छी होती है अदरक
दोस्तों अदरक आपके हर्ट के लिए काफी उपयोगी होती है।अदरक के सेवन करने से खून जमने ,ब्लडप्रेसर और मुक्त कणों जैसी समस्याओं को दूर किया जा सकता है।यदि उपरोक्त समस्याएं पैदा होती हैं तो हर्ट को यह प्रभावित करती हैं तो आप अदरक का सेवन करने से कई प्रकार की हर्ट मे होने वाली बीमारियों को रोक सकते हैं।
जोड़ों के दर्द को दूर करता है अदरक
दोस्तों अदरक के सेवन से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।एनाल्जेसिक गुण होने की वजह से अदरक जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने का कार्य करता है। आजकल कई लोगों के अंदर जोड़ों के दर्द की समस्याएं देखी गई हैं। यदि आपको भी यह समस्या है तो अदरक का सेवन करें ।
डायबीटीज को नियंत्रित करता है अदरक
दोस्तों अदरक डायबीटीज को नियंत्रित करने का कार्य करता है।एक वैज्ञानिक रिसर्च के अंदर अदरक को डायबीटीज पर अधिक प्रभावी माना गया है। जब आप अदरक का सेवन करते हैं तो यह एक तरह से इंसूलीन का कार्य करता है।
खांसी को कम करता है अदरक
दोस्तों खांसी और जुकाम एक आम समस्या है। और जब खांसी और जुकाम की समस्या होती है तो अदरक वाली चाय काफी उपयोगी साबित होती है। अदरक को गले के अंदर जलन और दर्द को शांत करने का काम भी करती है।इसके अलावा अदरक फेफड़ों के अंदर मौजूद बलगम को समाप्त करने का कार्य करती है।जब आपको आम सर्दी की समस्या हो तों भी अदरक का प्रयोग किया जा सकता है।
सांस की समस्याओं को दूर करती है अदरक
दोस्तों सांस की समस्याएं और दमा के अंदर अदरक काफी फायदेमंद होती है।खास कर रिसर्च के अंदर दमा से पिड़ित मरीजों के लिए अदरक के फायदे बताए गए हैं। दमा होने पर मरीजों के फेफड़ों के स्नायू के अंदर सूजन आ जाती है।और उनको दौरे पड़ने लग जाते हैं।
अदरक मांसपेशियों के संकुचन को रोकने का कार्य करती है।जिससे सांस लेने की समस्या मे कमी आती है। एंटीऑक्सीडेंट, सूजन रोधी गुण के कारण यह सूजन को भी कम करती है। इसके दमा के उपचार मे किसी भी प्रकार के बुरे प्रभाव नहीं होते हैं लेकिन दमा के उपचार मे जो दवाएं प्रयोग की जाती हैं उनके बुरे प्रभाव होते हैं।
अदरक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है
दोस्तों अदरक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होती है।यह डीएनए क्षति को रोकने का कार्य करती है। कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, आर्थराइटिस, अल्जाइमर्स जैसे रोगों को दूर करने मे इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।अदरक के अंदर 25 सें अधिक एंटीऑक्सीडेंट विशेषताएं होती हैं। जो आपके शरीर को अलग अलग तरीके से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
सिर दर्द के अंदर अदरक का प्रयोग कैसे करें ?
यदि आपको सिर दर्द की समस्या है तो आप अदरक का प्रयोग कर सकते हैं।इसके लिए 50 ग्राम दूध के अंदर 5 ग्राम अदरक मिलाएं और उसके बाद दूध का सेवन करके लेट जाएं । ऐसा करने से सिर दर्द के अंदर आराम मिलेगा ।
कान के दर्द को दूर करता है अदरक
कई बार कान के अंदर फुंसी होने की वजह से कान मे दर्द होने लग जाता है।तो कान के दर्द से छूटकारा पाने के लिए अदरक का प्रयोग किया जाता है।इसके लिए आपको पहले अदरक के रस को गर्म कर लेना है और उसके बाद इसके अंदर मधु मिलाएं । व तेल के अंदर पकाएं । फिर ठंडा होने के बाद दो बूंद कान के अंदर डालदें । ऐसा करने से कान का दर्द ठीक हो जाएगा ।कान मे तेल डालने के बाद आपको आराम मिल जाएगा ।
अदरक की मदद से खांसी जुकाम का इलाज किस प्रकार से किया जाना चाहिए
यदि आप खांसी और जुकाम से राहत पाना चाहते हैं तो दिन के अंदर दो से 3 बार अदरक का गाढा बनाकर पी सकते हैं।
2 चम्मच अदरक के रस मे मधु को मिलाकर सेवन करें । ऐसा करने से खांसी जुकाम से राहत मिलती है।
उल्टी रोकने के लिए अदरक का प्रयोग
यदि आप को उल्टी की समस्या है तो आप अदरक का प्रयोग कर सकते हैं।इसके लिए आपको करना यह है कि 10 मिली अदरक के अंदर इतना ही प्याज का रस मिलाएं और उसके बाद इसका सेवन करें । ऐसा करने से उल्टी रूक जाती है।यह उल्टी को रोकने का काफी प्रभावी तरीका है।
अदरक के नुकसान क्या हैं ?
- वैसे तो अदरक काफी फायदेमंद होता है लेकिन यह कुछ मामूल नुकसान कर सकता है। जिनके बारे मे भी आपको जान लेना चाहिए ।
- जिन लोगों को अदरक से एलर्जी है। उनको अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए ।
- इसके अलावा कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार महिलाओं को अधिक अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए ।क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है। इससे मासिक धर्म के अंदर अधिक स्त्राव का सामना करना पड़ सकता है।
- अदरक ब्लड प्रेशर को कम करता है। यदि आप पहले से ही ब्लड प्रेशर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो आपको अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है।
- जोड़ों के दर्द के अंदर अदरक का प्रयोग किस प्रकार से किया जा सकता है ?
- यदि आपको जोड़ों के दर्द की समस्या है तो आप अदरक का प्रयोग कर सकते हैं।अदरक का एक लीटर तेल लें और उसके अंदर 500 ग्राम तिल का तेल मिलाएं । उसके बाद इसको पकाएं जब तेल रह जाए तो इसको नीचे उतारें और ठंडा होने पर जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर लगाएं । ऐसा करने से जोड़ों का दर्द कम हो जाता है।
दमा मे अदरक का सेवन किस प्रकार से उपयोगी हो सकता है
यदि किसी को दमा की समस्या है तो अदरक काफी उपयोगी हो सकती है।1 ग्राम पिप्पली के अंदर 5 मिली अदरक के चूर्ण को मिलाएं और उसके बाद रात को सोते समय इसका सेवन करके सो जाएं ।इसके अलावा 2 चम्मच अदरक के रस मे शहद मिलाकर सुबह शाम सेवन करें । ऐसा करने से दमा के रोगी के लिए यह काफी लाभदायक हो सकता है।
अंडकोष के विकार मे अदरक का प्रयोग
दोस्तों अंडकोष विकार के अंदर अदरक का प्रयोग किया जा सकता है।
- 20 मिली अदरक ले और उसके अंदर 2 चम्मच शहद डालें और उसके बाद इसका सेवन करें । ऐसा करने से अंडकोष विकार दूर होते हैं।
- सुबह 5 मिली अदरक के अंदर तिल का तेल मिलाकर पिने से भी लाभ होता है।
कुष्ठ रोग के अंदर अदरक के फायदे
दोस्तों कुष्ठ रोग के अंदर भी अदरक काफी फायदेमंद होती है।सोंठ, मदार की पत्ती, अडूसा की पत्ती, निसूजन, बड़ी इलायची, कुंदरू इन सभी को बराबर मात्रा के अंदर मिलाएं और उसके बाद गोमूत्र मिलाकर इनका लेप बनाएं और रोगी पर करें । उसके बाद रोगी को धूप मे बैठने को कहें ।ऐसा करने से घाव बहुत ही जल्दी भर जाता है।
बवासीर मे अदरक के उपयोग बताएं
बवासीर के अंदर भी अदरक काफी उपयोगी होती है।
- अदरक का काढ़ा बनाएं और 10 से 20 मिली इसका सेवन करें । ऐसा करने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है।
- सत्तू में बराबर मात्रा में गुड़, घी और अदरक को मिलाएं और इन सबको कांजी के साथ सेवन करें । ऐसा करने से कब्ज ठीक हो जाती है और रोग मे आराम मिलता है।
सर्दियों के अंदर अदरक का सेवन किस प्रकार से किया जा सकता है ?
दोस्तों सर्दियों के अंदर अदरक का सेवन कई प्रकार से किया जा सकता है।आप अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं। या आप चाहें तो अदरक की चटनी बना सकते हैं। या फिर आप अदरक के रस का सेवन भी कर सकते हैं।
अदरक का पौधा कैसे लगाएं ?लेख के अंदर हमने यह जाना कि किस प्रकार से हम अदरक के पौधे को लगा सकते हैं ? और उसकी देखभाल किस प्रकार से कर सकते हैं ? उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा ?