ak 47 ka itihas history of ak 47 and interesting fact in hindi

ak 47 full form in india ak 47 का इतिहास और एके 47  फेक्टस के बारे मे हम चर्चा करेंगे ।ak 47 एक गैस संचालित, 7.62 × 3 9 मिमी राइफल  है। जिसको मिखाइल कलाशिकोव के नाम से जाना जाता है।1 9 45 में एके -47 पर डिजाइन कार्य शुरू हुआ। 1 9 46 में, एके -47 को आधिकारिक सैन्य परीक्षणों के लिए प्रस्तुत किया गया था, और 1 9 48 में, सोवियत सेना की चयनित इकाइयों के साथ सक्रिय सेवा के अंदर इसका स्टॉक ‌‌‌प्रस्तुत किया गया था।1949 की शुरुआत में, एके -47 को सोवियत सशस्त्र बलों के द्वारा  अधिकारिक तौर पर स्वीकार किया गया था ।वारसॉ संधि के बहुमत वाले राज्यों द्वारा इसका उपयोग किया जाता था। उसके सात दशक बात एके 47 की खास विशेषताओं की वजह से यह दुनिया भर के अंदर एक लोकप्रिय गन बन गई।

‌‌‌एके 47 का प्रयोग उसके बाद बहुत अधिक किया जाने लगा । दुनिया भर की सैनाओं और विद्रोहियों के द्वारा एके 47 का उपयोग किया जाता है। और अब इसका उत्पादन भी बड़ी संख्या के अंदर होता है।2004 तक, दुनिया भर में अनुमानित 500 मिलियन आग्नेयास्त्रों में से लगभग 100 मिलियन कलाशिकोव परिवार से संबंधित हैं, जिनमें से तीन-चौथाई एके -47 हैं

‌‌‌द्वितिय विश्व युद्व के कुछ समय बाद एके 47 को सोवियत संघ ने विकसित किया गया था । इससे पहले एसकेएस का यूज किया जाता था । 1959 में पेश हुई इसी सीरिज की गन एकेएम हल्की और इस्पात की बनी हुई गन थी । ‌‌‌इस लेख मे हम ak 47 ka itihas   को रोचक ढंग से जानेंगे ।

ak 47 full form in india

एके 47 को एक रसियन डिजाइनर Kalashnikova 1947  मे किया था । इस वजह से  एके 47 को ak 47 full form in india Avtomat Kalashnikova के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसमे हुए निरंतर नए परिवर्तन के बाद भी इसके नाम के अंदर कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह दुनिया का सबसे ज्यादा यूज ‌‌‌किया जाने वाला हथियार बन चुका है।

ak 47 ka itihas  or AK47 ‌‌‌का आविष्कार

ak 47 ka itihas   ज्यादा पूराना है।  ak 47 से पहले कई सारी गनों का यूज किया जाता था । यह उन सभी का मिक्स रूप है। मिखाइल कलाशिकोव ने 1 9 41 में एक हथियार डिजाइनर के रूप में अपना करियर शुरू किया,जबकि ब्रांस्क की लड़ाई के दौरान उन्हें एक कंधे के घाव  की वजह से उसे अस्पताल के अंदर भर्ती करवाया गया था ।कलाशिकोव ने खुद कहा का था कि जब मैं अस्पताल मे था तो एक सैनिक ने मुझ से पूछा कि हमारे पास सिर्फ एक प्रकार की ‌‌‌गन क्यों है। जबकी जर्मन सेना के पास automatics गन है।मैं एक सैनिक था मैंने एक गन का डिजाइन बनाया और इसे कलाशिकोव-एके के स्वचालित हथियार एवोटोमैट कलाशिकोवा कहा जाता था।AK47 gun का निर्माण सन  1 9 47 मे किया गया था।

कलाशिकोव ने अमेरिकी एम 1 और जर्मन एसटीजी 44 की सर्वोत्तम सुविधाओं के संयोजन से एक स्वचालित राइफल तैयार करने का निर्णय लिया।Kalashnikov के बारे में अन्य डिज़ाइनों की प्रतिलिपि बनाने के बारे में दावा हैं, जैसे कि बल्किन के टीकेबी  आदि।

कलाशिकोव ने 1 9 42 में एक सबमिशन गन डिजाइन पर काम शुरू किया था। और सन 1943 के अंदर उसने एक हल्की मसीन गन भी बनाई थी ।1 9 44 में, उन्होंने इस नए 7.62 × 3 9 मिमी हथियार के साथ एक डिजाइन प्रतियोगिता के अंदर भी भाग लिया था ।जो अमेरिकी एम 1 गरैंड  के समान लगता था ।हालांकि कलाशिकोव डिजाइन  इस ‌‌‌प्रतियोगिता को नहीं जीत सका ।

19 46 में, एक नया हमला राइफल विकसित करने के लिए एक नई डिजाइन प्रतियोगिता शुरू की गई थी। Kalashnikov ने एक नई डिजाइन के साथ इस प्रतियोगिता मे भाग लिया और Kalashnikov  की बनाई गन एके 1 व एके 2 को स्वीकार कर लिया गया ।

एके -46 इन प्रोटोटाइप का आविष्कार

एके 46 का आविष्कार एके 47 से पहले हुआ था । इसमे में एक रोटरी बोल्ट था, एक अलग-अलग ट्रिगर इकाई , दोहरी नियंत्रण  के साथ दो भाग वाले रिसीवर थे।इस डिजाइन में एसटीजी 44 के साथ कई समानताएं भी थी । 1 9 46 के अंदर जब रायफलों का परीक्षण किया जा रहा था तो कलाशिकोव के सहायकों में से एक, अलेक्जेंडर जैतेसेव ने  रायफल के अंदर कुछ सुधार करने की पेशकस की । लेकिन पहले तो कलाशिकोव  इसके लिए तैयार नहीं हुए क्योंकि वे पहले ही इस गन का बेहतर पदर्शन कर चुके थे ।

‌‌‌लेकिन अंत मे जैतेसेव कलाशिकोव को मनाने में कामयाब रहे।1 9 55 एके -47 के अंदर कुछ सुधार किया गया और नवंबर 1 9 47 में, नए प्रोटोटाइप (एके -47) के अंदर इसमे ऊपरी और निचले रिसीवर को एक रिसीवर में जोड़ा गया था।बैरल के ऊपर एक लंबे स्ट्रोक गैस पिस्टन का उपयोग किया।और इसकी डिजाइन को सरल बनाया गया।

एके 47 की  पहली सेना परीक्षण श्रृंखला 1 9 48 की शुरुआत में शुरू हुई।और इस गन के अंदर मौजूद खास विशेषताओं की वजह से यह गन काफी विश्वसनिए साबित हुई।1 9 4 9 में, इसे सोवियत सेना ने इस गन का यूज करना शूरू कर दिया था।

‌‌‌1951 के बाद इन राइफल्स का उत्पादन शूरू हुआ । लेकिन इसके अंदर भी कई समस्याएं थी । प्रारम्भिक समय मे इन रायफल को एके -49 के रूप मे जाना जाता था ।1 9 56 तक  सोवियत सैना के अंदर पूरी तरह से इन रायफलों को वितरित नहीं किया गया था ।‌‌‌इस वजह से एसकेएस  का उत्पादन वैसे ही जारी रहा ।आपको बतादें कि एके 47 के कई सारे वर्जन उपलब्ध हैं। इनको इनके अंदर स्पेशल पार्ट के आधार पर अलग अलग भागों के अंदर बांटा गया है। तो आइए जान लेते हैं।

Receiver type Description
Type 1A/B ‌‌‌यह एके 47 के अंदर प्रयोग किया जाने वाला पहला रिसीवर था । जिसको 1949 के अंदर बनाया गया था ।1B को अंडरफोल्डिंग स्टॉक के लिए मोडिफाई किया गया ।
Type 2A/B

स्टील फोर्जिंग से बना मल्ड रिसीवर था ।जिसका उत्पादन 1952 व 1953 के अंदर चला था।

Type 3A/B स्टील बार स्टॉक स्टॉक से बने मल्ड रिसीवर का यह अंतिम चरण था। इसका उत्पादन सन 1953 से 1954 के बीच किया गया था ।
Type 4A/B 1959 के अंदर यह चला था । एके 47 के अंदर प्रयोग की जाने वाली रायफलों मे यह सबसे ज्यादा यूज किया जाने वाला रिसीवर था ।

एके -47 को 1940 के दशक मे इस रायफल का उत्पादन बड़ी संख्या के अंदर किया जाने लगा था । इस रायफल को सरल भरोसेमंद और पूरी तरह से स्वचालित रायफल बनाया गया था ।और इसका उत्पादन भी जल्दी किया जा सकता था । इतना ही नहीं यह हर परिस्थिति मे काम करने मे सक्षम होने की वजह से

‌‌काफी लोकप्रिय हो गई।

ak 47 ka itihas  Technical Information

Calibre

7.62 x 39 mm M1943

Length

Fixed stock: 880 mm

Folding stock:

– Extended: 880 mm

– Folded: 645 mm

Weight (unloaded)

AK-47: 3.725 kg

AK-47S: 3.980 kg

Barrel length

417 mm

Feed device

30-round detachable box

magazine

Sighting systems

Fore: Post, adjustable

Rear: U-notch tangent

Operating system

Gas, selective fire

Rate of fire

600 rds/min

Muzzle velocity

715 m/s

Accessories

Bayonet (later models only)

different AK 47   parts

ak 47 parts

1- Barrel

2- Muzzle compensator

3- Front sight guard

4- Gas chamber

5- Upper hand guard and gas tube.

6- Foreend and lower hand grip

7- Cleaning rod

8- Rear sight leaf

9- Receiver

10- Magazine

11- Trigger and trigger guard

12- Pistol grip

13- Buttstock

14- Bolt

15- Bolt carrier and gas piston

16- Recoil spring and guide

Ak47 facts

  • ‌‌‌एके 47 केवल अमेरिका का ही पसंदिदा हथियार नहीं है। वरन इसका यूज पूरी दुनिया के अंदर किया जाता है। आतंकवादी भी इसका सबसे ज्यादा यूज करते हैं। कई देशों के घ्वज पर भी इसका चित्र बना हुआ है।मिस्र ने सिनाई प्रायद्वीप  मे राफयफल का स्मारक भी है।
  • ‌‌‌एके 47 की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह किसी भी मौसम के अंदर काम कर सकता है। इसके अलावा यह बच्चों को सीखाने के लिए सबसे अच्छा हथियार माना जाता है। सूडान के ईमानुअल जल ने 9 साल की उम्र मे एके 47 चलाना सीख लिया था । यह ज्यादा भारी नहीं है। इसका वजन 4 किलोग्राम है।
  • ‌‌‌दुनिया के अंदर कुल 106 देशों की मिलिट्री आज भी एके47 का इस्तेमाल करती है।
  • दुनिया की किसी अन्य गन की तुलना मे इस गन को सबसे ज्यादा कॉपी किया गया था ।
  • एके 47 सबसे ज्यादा इलिगल रूप से बनाई और बेची जाती है।
  • ‌‌‌एक एके 47 की उम्र 6000 से 15000 फायर तक होती है।
  • एके 47 के अंदर सलेक्टर सिस्टम होता है। सूटर चाहे तो इसे मशीन गन की तरह यूज कर सकता है। या फिर एक एक करके फायर कर सकता है।
  • इसकी भेदन क्षमता इतनी ज्यादा पावरफुल होती है कि यह दीवार को भी भेद सकती है।
  • ‌‌‌एके 47 300 मीटर से भी ज्यादा दूरी तक सटीक निशाना लगाने मे सक्षम है।
  • एके 47 को बनाने का लाइसेंस दुनिया के 30 देशों को प्राप्त है। जिसमे रूस अमेरिका चीन आदि हैं।
  • ‌‌‌दुनिया के अंदर सबसे ज्यादा मौते एके 47 से होती हैं। पर साल लगभग 3 लाख लोगों को गोली मारी जाती है।
  • यह सबसे ज्यादा यूज की जाने वाली गन है। आज के दशक मे दुनिया के पास 10 करोड़ एके 47 हैं।
  • एके 47 के आविष्कारक ने अपने इस आविष्कार से एक रूपया नहीं कमाया था । जो उसे अमीर बना सके । आविष्कारक की ‌‌‌मौत सन 2013 के अंदर हो गई थी ।
  • ‌‌‌एके 47 को रिलोड करने मे 2.5 सैकिंड का समय लगता है। और इसके द्वारा दागी जाने वाली गोली की रफतार 710 मीटर प्रतिसैकिंड है।वजन मे हल्की और कम मेंटेनेंश होने की वजह से यह आतंकवादियों द्वारा सबसे ज्यादा यूज किया जाता है।
  • मिखाइल की बनाई एके 47 गन केवल युद्व तक ही सीमित नहीं रही । वरन वह बहुत ज्यादा पोपुलर हो चुकी है।लील वेन ने एके 47 पर गई गाने गाये थे ।2011 में लंदन म्यूजियम मे डिजाइनों की सूचि मे इसे रखा गया था । 2006 में कोलम्बियाई म्यूजिशियन ने इस गन का इस्तेमाल कर गिटार बनाया था।
  • ‌‌‌एके 47 के निर्माता मिखाइल को स्टॅलिन मैडल से नवाजा गया था ।10 नवम्बर 2009 को रूसी राष्ट्रपति दिमित्री  ने हीरो ऑफ रूस के टाइटल से मिखाइल को सम्मानित किया था।
  • ‌‌‌आपको बतादें कि एके 47 गन के निर्माता मिखाइल को हमेशा इस बात का अफसोस रहा कि उसकी बनाई गन का आतंकवादी इस्तेमाल करने लगे हैं। लादेन के पास मिली एके 47 की वजह से मिखाइल को काफी दुख हुआ ।‌‌‌उन्होंने अंत मे कहा था कि उनको अपने आविष्कार पर गर्व है। लेकिन अफसोस इस बात का है कि उन्हें हथियार की बजाय घासकाटने की मशीन बनाई चाहिए थी।
  • मिखाइल कलाश्निकोव खुद एक कवि थे सन 2013 के अंदर उनकी 13 कविताएं प्रकाशित हुर्ई थी ।
  • ‌‌‌एके 47 का वजन जब वह गोलियों से भरी होतो 4 किलो होता है।
  • ‌‌‌कोई भी आम नागरिक अपने पास एके 47 नहीं रख सकता । यह गैरकानूनी है। और पकड़े जाने पर कैद भी हो सकती है।

‌‌‌एके 47 की कीमत

वैसे तो एके 47 अपने पास रखना ईलिगल है। फिर भी हम आपको जानकारी के लिए इसकी कीमत के बारे मे बतादेते हैं। द स्टोरी ऑफ़ द पीपल्स गन में, माइकल होजेस का अनुमान है  कि पूरी दुनिया के अंदर लगभग 200 मिलियन एके 47 रायफल्स हैं। प्रत्येक 35 लोगों में से एक।ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी ने हथियार तस्करी पर एक रिर्पोट पेश की थी ।

उसके अंदर इन गन की कीमत पर प्रकाश डाला था ।अफगानिस्तान में, यू.एस. के साथ मैक्सिको की उत्तरी सीमा पर बंदूक की लागत $ 600  तक आती है। पाकिस्तान में एक प्रामाणिक मॉडल की कीमत 1,200 डॉलर होगी, लेकिन स्थानीय रूप से उत्पादित मॉडल को 148 डॉलर से कम मे प्राप्त किया जा सकता है।सालाना दस लाख से अधिक कलाशिकोव्स अभी भी उत्पादित हो रहे हैं।

‌‌‌    इंडिया मे एके 47 केवल मिलिट्री के लिए है। लेकिन यदि आप इसको लिगली खरीदते हैं तो आपको इसके 6 से 7 लाख रूपये देने होंगे ।‌‌‌पीछले दिनों बिहार के मुंगेर के अंदर एके47 बेचने वाले तस्कर को पकड़ा जा चुका है। जिसका नाम शमशेर था । वह 4 से 5 लाख रूपये के अंदर एके 47 अवैध रूप से बेचता था ।

ak 47 ka itihas  ak 47 full form in india  के बारे मे आप अब तक जान चुके होंगे । लेख कैसा लगा कमेंट करके बताएं।

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arif khan

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