akelapan shayari alone shayari अकेलापन शायरी अकेलापन शायरी 2 Line यहां पर हम आपको अकेलापन से जुड़ी कुछ फेमस शायरी दे रहे हैं। और उम्मीद करते हैं , कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपको यह पसंद आती हैं , तो आप हमें कमेंट करके बताने का प्रयास करें । अकेलापन शायरी काफी अच्छी शायरी हैं।
छोड़ दिया उसने हमें हमारी गरबी देखकर ,
हमने भी अपना लिया इस अकेले पन को ,
अपनी बदनसीबी देखकर ।
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आंखों मे तेरा इंतजार आज भी बाकी है ,
रहते हैं , अकेले हम तो यार ,
तेरा वो प्यार आज भी बाकी है।
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प्यार किया तो बेवफाई मिली ,
अपना बनाया तो रूसवाई मिली ,
किसी को अपना बोला ,
तो अकेलापन और तन्हाई मिली।
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जिदंगी मे आज भी तन्हाई है ,
अकेलेपन ने जिदंगी तड़पाई है।
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यूं ही कट जाएगा अकेलेपन का सफर ,
मगर आना जरूर ,
जब तुझे लगे मेरी मौत की खबर ।
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तेरे आंखों मे आसूं हम देख नहीं सकते ,
हम चले जा रहे हैं अकेलेपन की दुनिया मे ,
तुझे किसी और का होते हम देख नहीं सकते ।
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रात भर तेरी याद आई ,
तो चैन से सो ना सका ,
खेद है मुझे ,
तूने गुजारी अकेलेपन मे रातें ,
और मैं तेरा हो ना सका ।
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पहले उसने प्यार किया ,
फिर उसने दिल पर वार किया ,
हम ही कमीने थे यार ,
जो अकेला पन सह सहकर उसका इंतजार किया ।
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अकेलापन हमें भी पसंद नहीं था ,
फिर भी अकेला रहना पड़ा ,
तुझ से दूर होने का इरादा न था ,
फिर भी तुझ से दूर रहना पड़ा ।
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पहचानते हैं हम तेरी खामोशियो को ,
भले ही हम अकेले पड़ गए हैं ,
मगर सजा जरूर देंगे दोषियों को ।
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सूनी जमी है ,
सूना यह आसमान है ,
तू कभी नहीं चूका पाएगी ,
हमारा जो एहसान है।
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तेरे दर्द को किसी से बांटा नहीं जाता ,
अकेलापन यूं ही काटा नहीं जाता ।
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पहले प्यार ,
फिर इंतजार ,
और फिर इंकार ,
यही लिखा है हमारी किस्मत मे यारो ।
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इस अकेलेपन मे थोड़ा थोड़ा जी लेते हैं ,
पीतें नहीं यूं तो हम शराब ,
मगर गम अधिक हो तो पी लेते हैं।
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तू नहीं तो तेरी यादों के संग जी लेते हैं ,
अकेलापन नहीं होता है अब बर्दाश्त ,
इसलिए पी लेते हैं।
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जब से अकेलापन आया ,
हमने हंसना भी छोड़ दिया ,
जिदंगी मे फिर कुछ नहीं बचा ,
जबसे तुमने रिश्ता तोड़ दिया ।
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मेरी तन्हाई अकेलापन देखकर ,
उदासियां भी रोने लगी ,
ऐसा लग रहा था ,
लहरों मे जिदंगियां खोने लगी ।
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मुस्कुराने की वजह तुम थी ,
इस अकेलापन को हटाने की वजह तुम थी ।
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हमारी मुहब्बत को अजमाया न कर ,
पता नहीं कब दुनिया से चले जाएंगे हम ,
यूं हमें अकेलापन महसूस करवाया न कर ।
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तेरे सिवाय कोई इस अकेलेपन को दूर कर न सका ,
तेरे सिवाय फिर कभी किसी के गोद मे सर धर न सका ।
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तुम्हारे और करीब हम आते गए ,
तुझे दिल से अपना बनाते गए ,
मगर जब पता चला तू किसी और की है ,
अकेलेपन मे खुद को मिटाते गए ।
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कम नहीं है , यह इश्क भी जादू टोने से ,
करते नहीं किसी से इश्क हम भी ,
क्योंकि डर लगता है ,उसे खोन से ।
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कोई दया नहीं करता ,
बीच सड़क पर रोने से ,
इसलिए डर लगता है जनाब ,
हमें अकेले होने से ।
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अकेले आए हो ,
अकेले जाओगे ,
कुछ नहीं रखा संसार मे ,
फिर क्या पाओगे ।
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प्यार मे तन्हाइंया शिकार करती हैं ,
पता नहीं कब वक्त बीत जाता है ,
जब दो जिदंगियां प्यार करती हैं।
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बना.कर रख ले कैदी मुझे तू
अपनी चाहत का ,
बस मैं ही हूं एक मात्र
इलाज तेरे दिल की राहत का ।
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जो पाया उसे खोना नहीं चाहते ,
इश्क तो हम भी करलेते तुझ से ,
पर अकेले होना नहीं चाहते ।
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दीवानों के लिए अकेलापन एक सजा है ,
मगर अकेलेपन का अपना ही मजा है।
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दिल्लगी मे दिल लगा बैठे ,
किसी कोयले को हीरा समझ अपना बना बैठे ,
फिर मिला अकेलापन ,
तो खुद को नुकसान पहुंचा बैठें ।
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दिल मत लगाना कभी ,
रात की रानी से ,
वरना दिल टूट जाएगा ,
उस विरानी से ।
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अब तन्हाइयों से मेरी पहचान लगती है ,
हिलता हूं तो शरीर मे जान लगती है ,
पहले तो छोड़ दिया उसने हमें ,
आज वह भी खूब परेशान लगती है।
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एक दिन जरूर रोएगी वो मुझे पाने के लिए ,
सात समंदर पार करके भी उसे आना पड़ेगा ,
मुझे अपना बनाने के लिए ।
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किसी को एहसास दिलाने के लिए
हम बिछड़ते नहीं ,
जिन घरों की नींव मजबूत हो ,
वो छोटी मोटी आंधियों मे उजड़ते नहीं ।
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अगर जीवन मे अकेलापन न हो ,
तो कोई प्यार का मतलब कैसे जानेगा ।
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मेरे एहसास मे तुम हो ,
दिल के वास मे तुम हो ,
दिखते भले ही हम अकेले हैं ,
मगर हमारे हर एहसास मे तुम हो ।
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तेरे इश्क ने उम्र भर रूलाया है ,
कब्रों पर जिंदा सुलाया है ,
और तू कहती है , मैं माफ करदूं ।
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अगर जीना है , तो अकेले जी लिया कर ,
वह कहती है , जब मेरी याद आए तो खूब पीलिया कर ।
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इस अकेलेपन ने जिदंगी को तन्हा कर दिया ,
जब गए उसके पास प्यार का इजहार करने ,
तो उसने भी मना कर दिया ।
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खुद को खो दिया मैंने उसके लिए ,
अकेलेपन और तन्हा जिदंगी देखकर ,
सब कुछ छोड़ दिया मैंने उसके लिए ।
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क्या पाया था ,
क्या खोया था ,
बिछुड़के उससे मैं खूब रोया था ।
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उसको भूलना भी चाहया ,
मगर भूला ना सके ,
अकेलेपन के सिवाय ,
प्यार मे पड़कर कुछ पा ना सके।
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मेहंदी वो भी हाथों की सजा ना सके ,
अकेला छोड़कर हमें वो भी ,
खुद की दुनिया बसा ना सके ।
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तन्हाई मे जीने का मन नहीं करता ,
जिस प्यार मे पसंद नहीं हो ,
वह प्यार भी हज्म नहीं करता ।
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जीने की चाहत बहुत है ,
पर अकेलापन खाये जा रहा है ,
इश्क ना करना किसी से ,
यह छत पर कोई गाये जा रहा है।
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तेरे लिए रात भर जागे हम ,
तेरे लिए सब कुछ छोड़ भागे हम ,
फिर भी निकले अकेलेपन के धागे हम ।
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मौत का समंदर था ,
पास हमारे खंजर था ,
यह अकेलापन और दर्द भरा मंजर था ।
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मेल कभी नहीं होता है ,
बादलों और सितारों का ,
क्या भरोसा तेज बहाव मे
नदी के किनारों का ।
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अपना कभी अकेला छोड़कर नहीं जाता ,
दुख और दर्द मे वह कभी दिल के बंधन तोड़कर नहीं जाता ।
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मिट गई दिल की हस्ती ,
बह कई पानी संग बस्ती ,
अब वह हमारे अकेलेपन की यादों मे बसती ।
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जो सच का साथ देतें ,
वो अकेले ही रहते हैं ,
सच का साथ देने के लिए ,
जुल्म और सितम सहते हैं।
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दिल मे बसा कर ,
हम किसी को भूलते नहीं ,
एक बार अगर बेवफाई के दाग लग गए ,
तो उम्र भर कभी धुलते नहीं ।
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दिल और जुबान हमेशा सच्ची रखना ,
फिर चाहे अकेलापन हो या तन्हाई ,
कभी मत झुकना ।
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अंधकार कभी मिटा नहीं सकता प्रकाश को ,
यह अकेलापन चाहे जितना आ जाए ,
मगर मिटा नहीं सकता तेरे एहसास को ।
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हर किसी की किस्मत चमकती नहीं ,
अकेलेपन और तन्हाई के बिना ,
जिदंगी कभी दमकती नहीं ।
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अब तो साये ने भी साथ देना छोड़ दिया ,
जब से तूने हमारे संग रिश्ता तोड़ दिया ।
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मौत का मंजर है ,
दिल मे अकेलेपन का खंजर है।
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दिल का हाल कोई पूछता नहीं ,
अब हमें अकेलेपन के सिवाय कुछ सूझता नहीं ।
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मेरी बातें सुनने वाला कोई बचा न था ,
मैं शिकार हो गया उस खेल का ,
जिसको कभी मैंने रचा न था ।
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अकेलापन और तन्हाई इंसान को मार देती हैं ,
और वो पैसों के लिए हर किसी के साथ रातें गुजार देती हैं।
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जिसे समंदर की आश हो ,
उसे भला कैसे तालाब का पानी राश हो।
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तेरे जाने का एक तो दिल मे सकून था ,
मगर अकेलापन भी कुछ जरूर था ।
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कभी सोचा न था ,
वह कभी बीच राहों मे छोड़ जाएगी ,
अकेलापन और तन्हाई से ,
फिर से रिश्ता जोड़ जाएगी ।
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हर शाम हर पहर तेरा ही ख्याल है ,
कुछ भी हो मगर यह अकेलापन ,
बड़ा बेमिशाल है।
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रोये हम खूब तेरी तस्वीर के आगे ,
मगर क्या करते ,
सब कुछ बेबस हो जाता है , इस तकदीर के आगे ।
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लोग कहते हैं तेरा कोई जवाब नहीं है ,
वह कहती थी , तेरे सिवाय और कोई ख्वाब नहीं है ,
आज पता चला , मेरे नाम की तो ,
उसकी दुनिया मे कोई किताब नहीं है।
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धीरे धीरे बढ़ते चलो आगे ,
मगर अकेला पन कहां पीछा छोड़ने वाला था ,
हम तो इससे खूब भागे ।
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महफ़िल मे नही तो तन्हाई मे फरियाद करोगे ,
मगर मिल गया तुम्हें हमारे जैसा ,
तो दुनिया वाले भी नाज करेंगे ।
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तन्हाई जैसी बीमारी का ,
कभी कोई इलाज नहीं था ,
बेवफा निकलेगी तू ,
मुझे इसका अंदाज नहीं था ।
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तन्हाइयों से वर्षों पुराना रिश्ता है मेरा ,
देखकर तुझे किसी और के संग ,
आज भी कलेजा पिसता है मेरा ।
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महफिलें विरान हैं ,
जीवन सुनसान हैं ,
सब पर अकेलापन मेरहबान हैं।
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हम तो मुहब्बत से खौफ खाते हैं ,
पता नहीं लोग तन्हाई लेकर क्यों दिल लगाते हैं।
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परिंदे आकाश मे अच्छे लगते हैं ,
मुहब्बत के किस्से एहसास मे अच्छे लगते हैं ,
करके देखो अकेलेपन का एहसास ,
फिर वो हर सांसा मे अच्छे लगते हैं।
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हम से नाराज होकर दूर जो होगए ,
लगा ऐसा जैसे सब कुछ खो गए ।
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हर रात को तेरी याद जरूर आती है ,
अब तो अकेलापन ही हमारा साथी ।
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दिल मेरा बीमार था ,
मुझे आज बुखार था ,
दिया उसने अकेला पन हमें ,
वह आशिक ही बेकार था ।
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तुझे जिदंगी भर याद हम करते रहे ,
एक यह अकेलापन और ,
जिदंगी की हर सांस मे मरते रहे ।
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अकेलापन ही तुम्हारा साथी ,
अकेलापन से ही जिदंगी जगमगाती है ,
क्या करें किसी से रिश्ता जोड़कर ,
हर रिश्ते मे वह दर्द दे जाती है।
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दिल की तन्हाई मे फिर से आग लगादी उसने ,
सोई वर्षों पुरानी मुहब्बत आज जगादी उसने ।
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दूर से देखने पर हर रिश्ता हसीन लगता है ,
जब पास आकर देखते हैं , तो वही अकेलापन से
युक्त गमगीन लगता है।
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मुहब्बत का नाम यूं ही बदनाम है ,
अकेलापन इसका अंजाम है।
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जिदंगी की राहों मे मिले कई साथी ,
मगर अंत मे अकेला छोड़कर हो गए जज्बाती ।
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हम नहीं बनना चाहते हैं सिकंदर ,
हम तो रहना चाहते हैं तेरे दिल के अंदर ।
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वो पास हैं ,
फिर भी अकेलापन खाये जा रहा है ,
बीत गई बिना मजा लिये जवानी ,
और बुढ़ापा आये जा रहा है।
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अकेलेपन के गीत तू गाये जा ,
रहना है तुझे सदा अकेला ,
खूब मुस्कुराए जा ।
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अब तेरे संग खूब जी लिये ,
थोड़ा अकेलापन हमें भी मिल जाता तो अच्छा होता ।
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जिदंगी बीत गई उनका का बोझा ढोने मे ,
मगर उनको एक पल भी नहीं लगा
हमसे अलग होने मे ।
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सीने मे आग तो आज भी है ,
होंठों पर तेरा सैलाब तो आज भी है ,
कोई फर्क नहीं पड़ा तेरे होने ना होने का ,
वर्षों पुराना अकेलापन तो आज भी है।
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अंदाजा नहीं है तुझे मेरे दिल की हालत का ,
अब अकेलापन और जीवन बचा है जलालत का ।
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अकेलापन धीरे धीरे मुझे भाने लगा ,
करडाला अकेलेपन ने कुछ ऐसा ,
कि जमाना मुझे चाहने लगा ।
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जिदंगी के हर मोड़ पर ,
हम तुझे मिलेंगे ,
आज भी अकेले हैं ,
कल भी अकेले मिलेंगे ।
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सुबह से रात ,
रात से सुबह हो गई ,
मगर यह जिदंगी ,
बस इस अकेलेपन के बीच खो गई ।
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जो तेरा न हो सका ,
वो गैरों का क्या होगा ,
अगर प्रकाश ही मिट जाए दुनिया मे ,
तो अंधेरों का क्या होगा ।
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दिल मे अकेलेपन का ,
एहसास लिये जीये जा रहे हैं ,
खत्म ही नहीं होता गम तेरी बेवफाई का ,
इसलिए खूब पीये जा रहे हैं।
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मत करना शौक मेरे जाने का ,
दिल मे था अकेलापन ,
फिर भी काम करते थे ,
दुनिया को हंसाने का ।
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अगर मरना है , तो शान से मरेंगे ,
अगर प्यार करना ही है ,
तो अपनी जान से करेंगे ।
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सितारों के संग लिखेंगे एक कहानी ,
प्यार तो बहुत किया था ,
फिर भी अकेलेपन मे बीती जवानी ।
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हर किसी के बस की बात नहीं होती है ,
अकेलेपन को झेलना ,
मगर उनको अच्छे से आता है ,
हर किसी के दिलों से खेलना ।
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दिल भी लगा के देखलिया ,
उनको हंसाके देखलिया ,
मगर अकेलापन ने हमे ,
फिर भी देखलिया ।
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मौत नाम है मेरा ,
चुपके से आती हूं ,
कोई ना चाहे ,
तो भी अकेले ही साथ ले जाती हूं ।
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दिल मे अरमान तो बहुत थे ,
इस अकेलेपन से परेशान तो बहुत थे ,
फिर भी उसने हमे छोड़ दिया ,
उन पर हमारे एहसान तो बहुत थे ।
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अकेलापन अब हमें सताता है ,
मुहब्बत का असली मतलब ,
तो आपको यही बताता है।
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यूं तो दिल के परींदे हैं हम ,
खाये जा रहा है अकेलापन ,
बस तेरी आस मे जिंदे हैं हम ।
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सितारा हूं भोर का ,
कमाल है सब इश्क के शौर का ,
सबसे बुरा है जनाब ,
अकेलापन इश्क के दौर का ।
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मौसम भी रंग बदलता है ,
फिर इंसान क्या चीज है।
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कुछ लोग गेंद से खेलते हैं ,
तो कुछ दिलों से खेलते हैं ,
और हम और कुछ नहीं ,
बस अकेलापन झेलते हैं।
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नादान थी मेरी जिदंगी ,
हो गई अकेलेपन से बंदगी ।
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अकेलेपन मे हम शायरी लिखने लगे ,
सालों बाद पता नहीं क्या हुआ ,
फिर वो छत पर दिखने लगे ।
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जमीं भी गर्म है ,
आसमां भी गर्म है ,
अकेलापन तो हर इंसान का धर्म है।
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एक चाहत है , दिल मे तेरे साथ जीने की ,
वरना पी तो कब का हम लेते उम्र पड़ी है पीने की ।
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कुछ खेल खिलाड़ी खेलते हैं ,
जिनको नहीं पता प्यार का मतलब भी ,
ऐसे खेल कुछ अनाड़ी खेलते हैं।
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अकेले आए थे ,
अकेले जाना है ,
यहां जो कुछ है ,
वो सब फसाना है।
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तुझ से मिलने की तमन्ना आज भी है ,
तेरी चाहत से दूर होगा यह अकेलापन ,
तुझे अपना बनाने का सपना आज भी है।
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तेरे लिए बदल जाएंगे हम ,
तेरे लिए फिसल जाएंगे हम ,
इस अकेलेपन से निकाल ले हमें ,
वरना जल जाएंगे हम ।
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अकेलापन भर लिया हमने अपने दामन मे ,
पता नहीं क्या प्यार करने की सूझी इस मन मे ।
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अकेलापन कोई फूल नहीं है चमन का ,
प्यार वार कुछ नहीं होता यारो ,
बस यह वहम है अपने मन का ।
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प्यार से डर नहीं लगता जनाब ,
हमें तो अकेलेपन से लगता है।
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तुझ से आशिकी की शूरूआत हम करेंगे ,
और कुछ नहीं , तो कम से कम ,
अकेलेपन की बरसात हम करेंगे ।
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अकेलापन अंजाम है दिल लगाने का ,
सिला तो तुझे चुकाना पड़ेगा ऐ इंसान ,
इस प्यार को फिर से जागाने का ।
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हर वक्त हमें आजमाया मतकर ,
यूं ही अकेले हैं , सतया मत कर ,
चुपके चुपके से करते हैं मुहब्बत ,
ऐ दिल किसी को बताया मत कर ।
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मुहबत कुछ नहीं बस नजरों का कमाल है ,
जिसने करली मुहबत उसके जीवन मे ,
अकेलेपन का धमाल है।
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जब वक्त बुरा हो ,
तो दिल भी धड़कना बंद कर देता है ,
अगर अकेलेपन को जी लिया है ,
तो आशिक भी तड़पना बंद कर देता है।
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तेरे उपर सारी खुशियां वारदी ,
तेरे इंतजार मे अकेले उम्र गुजारदी ,
कहकर भइया हमे ,
तूने प्यार की बुखार सारी उतारदी ।
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कुछ प्यार ख्वाब मे होते हैं ,
कुछ प्यार किताबों मे होते हैं ,
और कुछ प्यार हिजाबों मे होते हैं ।
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तेरी मेरी दोस्ती का कोई जवाब नहीं ,
दोस्त पूछते हैं , हंसाना कैसे बंद कर दिया तूने ,
रियल जिदंगी है बेटा , यह कोई ख्वाब नहीं ।
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आज तेरी मेरी कहानी का अंत हो गया ,
जब से छोड़कर गई है तू अकेला रहकर संत हो गया।
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यह जमाना अपने प्यार को दूर करता है ,
यह जमाना अकेला रहने को मजबूर करता है।
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देखने मे कली बड़ी , वो कचनार है ,
दिलों मे उसके मुहबत की सरकार है ,
इश्क मत करना किसी से यारो ,
वरना अकेलापन फिर से तैयार है।
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पास आकर भी वो दूर हैं हमसे ,
अकेलापन मे जी लेने को ,
पता नहीं क्यों मजबूर हैं वो हमसे ।
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अरबों तारों मे एक सितारा है तू ,
और कुछ नहीं इश्क और अकेलापन का मारा है तू ।
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देर नहीं लगती तकदीर बदलते ,
इंसान अच्छे लगते हैं अकेले राहों पर चलते ।
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साथ किसी का उम्र भर रह नहीं सकता ,
आज मैं अकेला हूं ,
कल तू भी अकेला न होगा ,
यह मैं कह नहीं सकता ।
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छोटो मोटे तूफानों से कभी घर ढह नहीं सकता ,
तू इश्क मत करना यार ,
अगर अकेलापन सह नहीं सकता ।
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मत सुनना कभी दिल की आवाज ,
वरना अकेलापन करेगा तुझ पर राज ।
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तेरे इश्क ने बस अकेलापन और बस जख्म दिया है ,
मेरे इश्क को तूने ही तो बदनाम किया है।
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खून की स्याही से कभी ,
दिल पर लिखते थे नाम तेरा ,
आज खून ही नहीं बचा ,
यही हुआ अंजाम मेरा ।
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दिल का दर्द दिखाया नहीं जाता ,
अकेलापन मे रहना सिखाया नहीं जाता ,
वक्त आने पर इंसान खुद सिखता है।
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लत बुरी है इश्क की शराब से ज्यादा ,
देखो मेरा हाल अकेलापन मे रह रहकर
हो गया हूं आधा ।
————————-
लोग कहते हैं ,
अगर इश्क करो तो निभाया करो ,
मैं कहता हूं सुख मे हर कोई आता है ,
दिल मे दर्द हो तो मिलने आया करो ।
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सागर से गहरी हैं तेरी आंखे ,
जी चाहता है अकेला डूब कर मर जाउं।
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ख्वाब मे तू आती है ,
इस दिल को बहुत भाती है ,
मगर इश्क की गली से जान कतराती है।
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तू जान है मेरी ,
तू पहचान है मेरी ,
मगर इस अकेलेपन से दिल लगा लिया अब ,
यह तो शान है मेरी ।
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होंठों पर दिल की बात आने न दी ,
हम तो अकेले ही कब्र मे दफन हो गए ,
मगर उसने वो रात आने न दी ।
————————-
जनाजा उठाये फिर रहे हैं ,
नहीं मिला कोई कब्रिस्तान ,
अकेले मुस्कुराए फिर रहे हैं।
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मुर्दे कभी लौट कर नहीं आते ,
जिसने किया है तुम से सच्चा इश्क ,
वो तुम्हें कभी राहों मे छोड़कर नहीं जाते ।
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कुछ बिक जाते हैं नोटों से ,
कुछ बिक जाते हैं होंठों से ,
हम तो अकेले रहते हैं जनाब ,
क्या फर्क पड़ेगा हमारे वोटों से ।
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रात मे मुहब्बत
दिन मे लड़ाई ,
यही है मेरे
अकेलेपन की सच्चाई ।
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हम जमीं हैं , तो वो दूर का सितारा हैं ,
हम अकेले हैं , मगर हर कोई उसका सहारा है।
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कोई नहीं पूछता है ,अब दिल का हाल ,
अकेलेपन ने कर दिया सारा कमाल ।
————————-
तेरी यादें लिए , जीये जा रहे हैं ,
अकेलेपन मे कुछ नहीं है करने को ,
तो शराब भी पीये जा रहे हैं।
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दिल का दर्द सुनाया नहीं जाता है ,
अकेलेपन मे क्या होता है ,
हर किसी को बताया नहीं जाता ।
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दी जिसने आशिकी की तालिम ,
अकेलेपन ने उसको बना दिया जालिम ।
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मर्द हैं , तो मर्दानगी दिखाएंगे ,
आएगा अकेलापन ,
तो जानगी दिखाएंगे।
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हद से ज्यादा किसी को सताया न करो ,
अकेलेपन को सहकर मुहब्बत के गुण गाया न करो ।
————————-
ख्वाबों मे भी अकेलापन सताता है ,
मत करना इश्क किसी से ,
यह यार तुमको बताता है।
————————-
अकेलेपन का दर्द हमने काटा है ,
इश्क मे तो बस घाटा ही घाटा है।
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झूठी मुस्कान है ,
हल्क मे जान है ,
और कुछ ना सही ,
तो अपना अकेलापन महान है।
————————-
सच्चाई छुप जाती है , झूठ की आड़ मे ,
अकेलापन फिर से नहीं सहना ,
इश्क जाए भाड़ मे ।
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छुप छुप कर मिला करते थे ,
बिना सूरज खिला करते थे ,
जब से आया है अकेलापन ,
हर दिन खुदा से गिला करते थे ।
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कुछ अकेलेपन की बस्तियां हैं ,
अकेलेपन से मरे हुए हैं हम ,
यह हमारी अस्थियां हैं।
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अगर अकेले मर गए ,
तो अपनी अस्थि गंगा मे बहा देना ,
कुछ अधिक नहीं करना ,
बस उस तक एक खबर पहुंचा देना ।
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हमें आज भी इंतजार है , उस सहनाई का ,
मगर अब क्या करें इस तन्हाई का ।
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लोग हंस रहे हैं , मेरे अकेलेपन पर ,
क्योंकि बेवफाई के दाग जो लगे हैं इस तन पर ।
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जिसकी सोच पवित्र होती है ,
उसी की जिदंगी इत्र होती है।
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तू हो तो वक्त पता नहीं कब गुजर जाता है ,
मगर हो जब अकेलापन , तो यह वक्त
भी सर पर चढ़ जाता है।
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दुनिया दिल की लुट गई ,
छोड़कर हमको अकेला ,
वह भी किसी और से दिल लगाने मे जुट गई।
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सहकर तन्हाई को कभी आराम नहीं मिला ,
निभाकर मुहब्बत उसकी अंजाम यही मिला ।
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मजबूरी मे हमसे जुदा हुई थी वह ,
आज अकेलापन बस रह गया ,
कभी खुद से ज्यादा हम पर फिदा हुई थी वह ।
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हर कोई बेवफा नहीं होता ,
हर कोई छोटी सी बात पर खफा नहीं होता ,
जिदंगी मे अकेलापन हर दफा नहीं होता ।
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दिल मे जो दो पल के सकून थे ,
वो इस अकेलेपन ने छीन लिए ।
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हमसे जुदा होकर भी तू रोएगी ,
फिर नहीं मिलेगा हम जैसा ,
फिर अकेलेपन मे फिर से हमारी यादों मे खाऐगी ।
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दोस्ती करो तो खुदा के संग करो ,
यूं झूंठी प्यार मुहब्बत के लिए न जंग करो ।
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गम और अकेलापन ही मिला है तेरी राहों मे ,
जो कभी मिला करता था ,
अब वो सकून नहीं रहा तेरी बांहों मे ।
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चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ,
मत करना प्यार किसी से ,
वरना अकेलेपन मे बीतेगी जिदंगी ,
तू समझ जा मेरी बात ।
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हम मौत का इंतजार करते रह गए ,
वह आई ही नहीं ,
और वो विलाप बेकार करते रह गए ।
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कभी अकेलापन है ,
तो कभी जिदंगी मे जंग है ,
यही जिदंगी की उमंग है।
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दिल से पूछा न था कभी हाल उसने ,
इतने दिल कहां थे ,
आते ही दाग दिया सवाल उसने ।
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अकेले ही तय करना होगा जिदंगी का सफर ,
कोई साथी नहीं मिलेगा , यही है असली खबर ।
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वह आंसू बहाती है रोज कब्र पर मेरी ,
बोलती है , कैसे छोड़कर अकेला चला गया बेरी ।
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आपके आने से बहार आ जाए ,
आपके आने से संसार आ जाए ,
अब तो अकेले जी रहे हैं ,
आपके आने से फिर से संचार आ जाए ।
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किस्मत के भरोसे हम बैठे नहीं रहते ,
अकेलापन है जिदंगी मे ,
वरना यूं कब्र मे लेटे नहीं रहते ।
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समय नहीं है प्यार करने का ,
और वो कह रही है इंतजार करने का ।
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इश्क और शराब दोनों नशीले हैं ,
जिसने किया है यह नशा ,
आज अकेले जंगलों मे उनके कबीले हैं।
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उदासियों का यह मौसम बदल सकता है ,
टूट पहिया भी चल सकता है ,
तू अगर आ जाए ,
तो यह यार फिर से संभल सकता है।
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कुछ कहने को बाकी न था ,
अकेले जिदंगी जी गए ,
संग कोई साथी न था ।
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सब कुछ बदल जाता है ,
जब वक्त बुरा आता है ,
जान से ज्यादा चाहने वाला भी ,
छोड़कर चला जाता है।
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कामयाब का हर कोई होना चाहता है ,
मगर इंसान वो है ,
जो नाकामयाब का बोझ ढोना चाहता है।
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हमें मारा तन्हाई ने ,
उसको मारा अपनी सहनाई नें ,
उसके दिल की दुनिया भी
उजाड़ दी आज तेरे भाई ने ।
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अकेलेपन का दर्द मिला तो सहलेंगे ,
मगर तू साथ नहीं रही तो क्या हुआ ,
तेरी यादों के संग रह लेंगे ।
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अकेला छोड़ जो तू चली गई,
बुरा तो हमको भी बहुत लगा था ,
फिर सोचा चलो अच्छा हुआ ।
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धोखा तुनमे किया ,
और बेवफा हम हुए ,
नहीं चाहिए तुमसा कोई ,
इसलिए तुम्हारी जिदंगी से दफा हम हुए ।
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अकेलापन किसी को भाता नहीं ,
खुदा ने बनादिया इस रिश्ते को ,
वरना दिल कोई किसी से लगाता नहीं ।
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अकेलेपन मे खुद से बातें किया करते हैं ,
तू नहीं है हमारी जिदंगी मे ,
फिर भी तेरा नाम लेकर जिया करते हैं।
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यूं तो हर मर्ज की दवा प्यार है ,
मगर अकेलापन इसमे सबसे बेकार है।
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मेरी तन्हाई को कोई मिटा ना सका ,
प्यार तो बहुतों से किया ,
मगर कोई निभा ना सका ।
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अक्सर वक्त गुजर जाता है ,
तेरे संग बातों मे ,
मगर तारे गिनते रह जाते हैं हम ,
अक्सर तन्हा रातों मे ।
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जान हो जिसके इरादों मे ,
वो नहीं आता आशिक की बातो मे ।
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मन तो इश्क का गुलाम है ,
चाहता है वह हर रोज रंगीन शाम है ,
मगर इश्क साला तन्हा नाम से बदनाम है।
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ख्वाबों की दुनिया मे खो गए थे ,
तन से नहीं तो मन से तेरे हो गए थे ,
जब मिला अकेला पन ,
तो कब्र मे जाकर सो गए थे ।
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अकेलेपन मे तो खूब रोया करेंगे ,
जब तक तू साथ है , तेरे संग
हसीन वादियों मे खोया करेंगे ।
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विरान जिदंगी मे कभी तेरा सहारा न मिला ,
तलास करते रहे ,
मगर तेरे प्यार का कभी किनारा न मिला ।
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तेरे संग है दोस्ती ,
तेरे संग है प्यार ,
वर्षों से कर रहे हैं , तेरा इंतजार ।
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कुछ इश्क कमीने होते हैं,
कुछ इश्क नगीने होते हैं ,
मगर तन्हाई मे दर्द भरे महिने होते हैं।
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हर शाम को शराब की बोतल लेकर बैठते हैं ,
मिटाने इस अकेलेपन को ,
खुले आसमां के नीचे लेटते हैं।
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तेरी बातें अकेले मे खूब चोट करती हैं ,
तू मेरे लायक नहीं ,
यह बड़ी कचोट करती हैं।
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मुश्किल होता है , दिवानों को संभाल पाना ,
मगर उनको अच्छे से आता है ,
बेगुनाह की इज्जत को उछालपाना ।
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दिन की शूरूआत आंसुओं से होती है ,
और रात की शुरूआत दासुओं से होती है।
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इश्क मे तन्हाई के सिवाय कोई
आज तक कुछ पा ना सका ,
उसका मना कर दिया ,
और मैं अपनी मुहब्बत छुपा ना सका ।
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इस अकेलेपन ने मुझे जीना सीखाया है ,
मगर तेरी मुहब्बत ने सिर्फ मुझे पीना सीखाया है।
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खुशी मे तो हर कोई मुस्कुराता है ,
मगर जो गम मे मुस्कुराए ,
भला उसको कौन ठुकराता है।
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तेरी मुहब्बत है ,
तेरा फंसाना है ,
इश्क कुछ नहीं ,
यह तन्हाई है ,
यह सबको बताना है।
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मत कर इजहार अपने प्यार का ,
वरना दर्शन करेगा तन्हाई के संसार का ।
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दिल मे आग है ,
मुंह मे प्यार का राग है ,
यह और कुछ नहीं ,
तन्हाई का पैगाम है।
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मौत से कोई जीत नहीं पाया ,
और अकेलेपन से कोई प्रीत नहीं पाया ।
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अगर दम है तेरे अंदर ,
तो झुकेगा तेरे आगे समंदर ,
फिर अकेलापन क्या बिगाड़ सकेगा तेरा धुरधंर ।
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खुद पर भरोशा रखो ,
सब कुछ मिल जाएगा ,
अकेलेपन से ना हो परेशान ,
एक दिन प्यार का फूल खिल जाएगा ।
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सात संमदर पार करके ,
तेरे लिए मैं आई हूं ,
तू कहता है फिर भी दूर हूं मैं ,
देख तेरी सांस सांस मे समाई हूं ।
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दिल के अरमां आंसुओं मे बह गए ,
अकेले आए थे , अकेले ही रह गए ।
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प्यार है , तो बेवफाई भी होगी ,
अकेलापन है , तो मलाई भी होगी ,
अभी तो इश्क किया है ,
चिंता मत कर जग हंसाई भी होगी ।
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जब तक जान है हमारी रगों मे ,
तब तक अकेलापन नहीं सता सकता है ,
मेरी जान दुनिया जंहा की जगहों मे ।
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वह बोली जान बोल कर मत पुकारा करो ,
कल मैं मर गई तो क्या करोगे ,
कुछ पल अकेले भी गुजारा करो ।
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वह फिर से रात वाला प्यार करो ना ,
अकेली हूं मैं , फिर से एतबार करो ना ।
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हम जमीं हैं ,
तो सितारा तुम हो ,
हम इंसान भले ही हैं ,
मगर गुजारा तुम हो ।
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अकेलेपन के सिवाय कुछ नहीं दिया तुमने ,
मेरी जिदंगी को नर्क से बदतर किया तुमने ।
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पहली बार टकराई जब गर्म से गर्म सांसे ,
मगर फिर हम रह गए उम्र भर के प्यासे ।
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कुछ चीजें इतिहास बन जाती हैं ,
कुछ चीजें खास बन जाती हैं ,
मगर तेरे जैसी परी मिलें ,
तो वों हमारी सांस बन जाती हैं।
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अंदर तक अकेलेपन को महसूस किया है ,
हर बार प्यार ने दर्द भरा जूस दिया है ।
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तबाही तो तेरी भी होगी ,
मुझे तबाह कर खुश हो रहा है ,
एक दिन तन्हाई तो तेरी भी होगी ।
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दिल का दर्द बहुत गहरा है ,
सर पर अकेलेपन का सहरा है ,
प्यार मत करना किसी से यार ,
यह कुआ बहुत गहरा है।
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होठों को होठों से लगालो तुम ,
प्यार किया है तो निभा लो तुम ,
एक दिन आएगी तन्हाई ,
तो तन्हाई मे जीना सीखा दो तुम ।
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जिदंगी मे अगर सकून से जीना है ,
तो प्यार नाम की शराब कभी नहीं पीना है।
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मेरी खुशी तो खो गई इन तन्हाइयों मे ,
अब हर वक्त याद आती है तू सहनाइयों मे ।
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वैसे तो वो दूर का सितारा थी ,
फिर भी वो हमारा गुजारा थी ,
सोच रहे थे बहुत कुछ पाने को ,
मगर जिदंगी अकेलेपन मे अब दुबारा थी ।
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कुछ शरीर का बुखार होता है ,
कुछ प्यार का बुखार होता है ,
मगर हमारा तो अकेलेपन का संसार होता है ।
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अब तो दीवार से भी बातें करने लगे हैं हम ,
अब तो प्यार हो गया है अंधेरे से ,
रोशनी से डरने लगे हैं हम ।
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खुद के अकेलेपन को छिपाते जा रहे हैं ,
हम खुश हैं यह दुनिया को बताते जा रहे हैं।
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एक एक आंसू गिराते जा रहे हैं ,
जब तू नहीं आई लौट कर ,
तो हम पल पल घबराते जा रहे हैं।
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अकेला तो चांद भी है ,
फिर हमने साथ रहने का सपना क्यों पाला ।
————————-
दिल का दर्द आंखें बयां करती हैं ,
कहां मिलेगी ऐसी दुनिया ,
जो अकेलेपन पर दया करती हैं।
————————-
तू मेरी नहीं हुई ,
तो किसी और की क्या होगी ,
एक दिन देख लेना ,
हमें छोड़कर तुम बहुत पछताओगी ।
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रूठने के लिए मनाने वाला चाहिए ,
जिदंगी के इस अकेलेपन मे इक
हंसाने वाला चाहिए ।
————————-
अब इंतजार करना सीख गए हम ,
और किसी से तो नहीं ,
मगर तन्हाइयों से प्यार करना सीख गए हम।
————————-
जो प्यार बिक जाए कागजों के नोट मे ,
वो अकेले छोड़ कर जाएगा तुझे ,
इस दुनिया की वोट मे ।
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खामोशी से काट रहे हैं , जिदंगी ,
अकेलेपन से हो गई है हमारी बंदगी ।
————————-
लिखने का शौक नहीं फिर भी लिखते हैं ,
अकेले जो ठहरे ।
कुछ तो करना पड़ता है।
————————-
अकेलेपन मे खूब ख्याल तेरे आते हैं ,
कटती नहीं है रात ,
तारे गिन गिन रात बिताते हैं।
————————-
जिदंगी को कभी प्यार मे उलझाना मत ,
खुद से ज्यादा कभी किसी को चहाना मत ,
अगर अकेलापन ही रहना सदा जिदंगी मे ,
तो दोस्त किसी को बनाना मत ।
————————-
कल भी हम तेरे थे ,
आज भी हम तेरे हैं ,
मगर तूने ठुकरा दिया हमको ,
अब अकेलेपन के सहारे हैं।
————————-
दिल लगाने का अंजाम सोच लिया करो ,
अकेले आए हो तुम अकेले जाओगे ,
यह हर शाम सोच लिया करो ।
————————-
यूं तो रहते हैं हम इंसानों की भीड़ मे ,
मगर लग रहा है ऐसा ,
जैसे पड़ें हैं अकेले सुनसान बीड़ मे ।
————————-
अपने से कोई बात नहीं करता ,
फ्री मे कोई साथ नहीं करता ,
यही जिदंगी का उसूल है ,
बिना वजह कोई बरसात नहीं करता ।
————————-
दिल मे नाम तेरा था ,
खून खून मे तेरा बसेरा था ,
जिस दिन दिया अकेलापन तुमने ,
आंखों के आगे अंधेरा था ।
————————-
मौसम भी बेईमान लगा हमे ,
वह भी तन्हाई की पहचान लगा हमे ,
जब दुनिया ने बताया प्यार का सच,
तो खुदा का एहसान लगा हमे ।
————————-
आशिक मर जाता है ,
मगर आशिकी नहीं मरती ,
इंसान डर जाता है ,मगर
दिल की आवारगी नहीं मरती ।
————————-
काली आंखों वाली ,
काले कपड़े पहनती है ,
प्यार मे तो हर कोई मुस्कुराता है ,
जिदंगी तो अकेलेपन मे सहमती है।
————————-
अब डर नहीं लगता है अंधेरी रातों से ,
अगर यह अकेलापन नहीं होता ,
तो हम भी दोस्ती कर लेते अपने जज्बातों से।
————————-
जिदंगी जीनी है तो मस्त रहो ,
मुहब्बत तो आती जाती रहती है यारो ,
यूं अकेलेपन मे ना त्रस्त रहो ।
————————-
जिस दिन उतर जाएगा प्यार का बुखार ,
उस दिन हो जाएगा अपनों से प्यार ।
————————-
दिल से मिटा ना सका ,
अकेलापन भी तेरे ख्याल को ,
दिल आज भी याद करता है ,
तेरी अदाओं के कमाल को ।
————————-
आपके आने से मौसम बदल जाता है ,
देखकर आपकी अदाओं को ,
हर कोई फिसल जाता है।
————————-
जब हम तेरी मुहब्बत मे डूब गए ,
तो पता चला प्यार नाम की कोई चीज नहीं होती ।
————————-
मुहब्बत दरिया का ठंडा पानी है ,
जो दिल को एक पल सकून जरूर देता है ,
मगर फिर वही सकून छीन लेता है।
————————-
कभी महान आशिकों मे हमारा नाम था ,
जब से तू गई है हमे अकेला छोड़कर ,
दिल लगाने से रोकना हमारा काम बन गया ।
————————-
अकेलेपन मे खुद से बात करते हैं ,
वो तो बिन बादल बरसात करते हैं ,
चलो बहुत कर लिया अब प्यार ,
फिर से जिदंगी की शूरूआत करते हैं।
————————-
इस मतलबी दुनिया मे ,
कुछ नहीं है सिवाय अकेलेपन के ,
इसलिए गुलाम ना बनो यार अपने मन के ।
————————-
आज अकेले बैठे हैं दरिया के पास ,
याद कर रहें हैं , उन पलों को जो थे खास ।
————————-
तू तो अकेला छोड़कर चली गई ,
मगर नशा आज भी है तेरे प्यार का ,
आज हम भी जान गए हैं ,
मिलना बुछुड़ना दस्तूर है संसार का ।
————————-
अगर लगाना ही है दिल , तो खुदा से लगाओ ,
इंसानों के पीछे ना अपना वक्त गवाओ ।
————————-
जो जिंदगी गुजर जाती है ,
फिर वो कभी नहीं लौट कर आती है।
————————-
अकेलापन खत्म होने का नाम नहीं लेता ,
आज मेरा भी अच्छा भविष्य होता ,
अगर मैं तेरा नाम नहीं लेता ।
————————-
तन की भूख तो मिट जाती है ,
मगर मन की भूख कभी नहीं मिटती ,
इस मन की भूख के मारे फिर रहे हैं अकेले ।
————————-
जब अकेलापन हद से ज्यादा सताने लगा ,
तो मैं मौत को गले लगाने लगा ।
————————-
धीरे धीरे वो भी हमें चाहने लगी थी ,
ख्वाबों मे हमारे दिन रात आने लगी थी ,
अब उसकी याद अकेलेपन मे खूब सताने लगी थी ।
————————-
कुछ रिश्ते दिखाई देते हैं ,
कुछ रिश्ते सुनाई देते हैं ,
मगर इस अकेलेपन संग रिश्ते ,
ना दिखाई देते हैं , ना सुनाई देते हैं।
————————-
आओ अकेले ही दुनिया की सैर करते हैं ,
साथी नहीं है अपना कोई तो ,
क्यों मन मे किसी से वैर करते हैं।
————————-
चांद तू बन जा ,
सितारा मैं बन जाता हूं ,
शराब तू बन जा ,
तेरा प्यारा मैं बन जाता हूं।
————————-
जिसकी किस्मत फूट जाती है ,
उससे सिवाये अकेलेपन के ,
सारी खुशियां रूठ जाती हैं।
————————-
तू तोड़ना मत इश्क के धागे को ,
वरना अकेलापन बहुत सताएगा इस अभागे को ।
————————-
इश्क का तिरंगा पहली दफा शान से लहराता है ,
पर औकता तब पता चलती है ,
जब दिल मे अकेलापन गहराता है।
————————-
लोग कहते हैं , खूबसूरत लड़की नशीब से मिलती है ,
मगर ऐसी खूबसूरती का क्या काम जो बेवफा हो ।
————————-
मेरे खून मे है अकेलापन ,
मेरी फितरत मे है अकेलापन ,
फिर क्योंना झेलूं यह कसैलापन ।
————————-
डर नहीं लगता है प्यार से जनाब ,
मगर अकेलेपन से लगता है।
————————-
वर्षों से हम हंसे नहीं थे ,
किसी के प्यार मे आज तक फंसे नहीं थे ,
मगर इस अकेलेपन ने हंसना तो दूर ,
रोना जरूर सीखा दिया ।
————————-
जब से तू गई है ,
हमने हंसना भी छोड़ दिया ,
कभी अकेलापन था साथ हमारे ,
आज उसने भी हमसे रिश्ता तोड़ दिया ।
————————-
जैसा बोवोगे वैसा पाओगे ,
अगर किसी से दिल लगाओगे ,
तो अकेलेपन के सिवाय कुछ नहीं पाओगे ।
————————-
मेरे दिल का सकून छीन लिया ,
मेरे दिल का जनून छीन लिया ,
इस अकेलेपन ने मेरी जिदंगी
को तबाह कर दिया ।
————————-
बार बार किस्मत ने आजमाया हमको ,
अपनों ने खूब सताया हमको ,
आज इस अकेलेपन ने ,
जिदंगी का असली मकसद बताया हमको ।
————————-
यह अकेलापन तुझ से दिल लगाने की सजा है ,
पता नहीं लोग क्यों कहते हैं ,कि इश्क मे मजा है।
————————-
बाहर अकेलापन ,
अंदर गम का सैलाब था ,
जिसमे डूब कर मरे हम ,
वो आशिकों का तालाब था ।
————————-
तेरा धीरे धीरे मुस्कुराना ,
तेरा यह आंखों का मटकाना ,
तेरा हद से ज्यादा सताना ,
आज भी याद आता है।
————————-
खड़े हैं अकेले मौत के मुहाने पर ,
कोई नहीं आया हमें बचाने यारो ,
इस ठिकाने पर ।
————————-
थोड़ा अकेलेपन के गम मे भी मुस्कुरा लिया करो ,
खुशी के गीत नहीं गा सकते ,
तो गम भरे गीत भी गा लिया करो ।
————————-
अकेलेपन को कभी अपना बनाकर देखो ,
प्यार का मतलब समझ आ जाएगा ,
कभी किसी की जिंदगी मे आकर देखो ।
————————-
वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है ,
वक्त के साथ हर रिश्ता जल जाता है ,
मगर अकेलापन हमेंशा साथा जाता है।
————————-
पीने का शौक नहीं ,
गम भुलाने के लिए पीते हैं ,
यह नादान दिल है अकेला ,
इसे सुलाने के लिए पीते हैं।
————————-
नहीं चाहिए हमें बनावटी रिश्ते ,
देखा है कइयों को अकेले ,
इन झूंठे रिश्तों मे पिसते ।
————————-
मुहब्बत दो धारी तलवार है ,
करोगे तो भी मरोगे ,
नहीं करोगे तो भी मरोगे ।
————————-
जंगलो मे खोजता फिरा ,
दिमाग मे सोचता फिरा ,
कहां मिलेगा यह अकेलापन ,
हर किसी से पूछता फिरा ।
————————-
जो कभी चांद तारे तोड़ लाने की बात करते थे ,
वो आपके नीचे की जमीन तक छीन लेंगे।
————————-
तकलीफ तो बहुत है इस दिल मे ,
मगर सुनाया नहीं जाता ,
अकेलापन तो बहुत है जिदंगी मे ,
मगर बताया नहीं जाता ।
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This post was last modified on November 1, 2023