300 अकेलापन पर मस्त शायरी दिल को छू लेंने वाली

akelapan shayari alone shayari अकेलापन शायरी अकेलापन शायरी 2 Line  यहां पर हम आपको अकेलापन से जुड़ी कुछ फेमस शायरी दे रहे हैं। और उम्मीद करते हैं , कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपको यह पसंद आती हैं , तो आप हमें कमेंट करके बताने का प्रयास करें । अकेलापन शायरी काफी अच्छी शायरी हैं।

छोड़ दिया उसने हमें हमारी गरबी देखकर ,

हमने भी अपना लिया इस अकेले पन को ,

अपनी बदनसीबी देखकर ।

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आंखों मे तेरा इंतजार आज भी बाकी है ,

रहते हैं , अकेले हम तो यार ,

तेरा वो प्यार आज भी बाकी है।

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प्यार किया तो बेवफाई मिली ,

अपना बनाया तो रूसवाई मिली ,

किसी को अपना बोला ,

तो अकेलापन और तन्हाई मिली।

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जिदंगी मे आज भी तन्हाई है ,

अकेलेपन ने जिदंगी तड़पाई है।

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यूं ही कट जाएगा अकेलेपन का सफर ,

मगर आना जरूर ,

जब तुझे लगे मेरी मौत की खबर ।

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तेरे आंखों मे आसूं हम देख नहीं सकते ,

हम चले जा रहे हैं अकेलेपन की  दुनिया मे ,

तुझे किसी और का होते हम देख नहीं सकते ।

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रात भर तेरी याद आई ,

तो चैन से सो ना सका ,

खेद है मुझे ,

तूने गुजारी अकेलेपन मे रातें ,

और मैं तेरा हो ना  सका ।

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पहले उसने प्यार किया ,

फिर उसने दिल पर वार किया ,

हम ही कमीने थे यार ,

जो अकेला पन सह सहकर उसका इंतजार किया ।

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अकेलापन हमें भी पसंद नहीं था ,

फिर भी अकेला रहना पड़ा ,

तुझ से दूर होने का इरादा न था ,

फिर भी तुझ से दूर रहना पड़ा ।

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पहचानते हैं हम तेरी खामोशियो को ,

भले ही हम अकेले पड़ गए हैं ,

मगर सजा जरूर देंगे दोषियों को ।

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सूनी जमी है ,

सूना यह आसमान है ,

तू कभी नहीं चूका पाएगी ,

हमारा जो एहसान है।

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तेरे दर्द को किसी से बांटा नहीं जाता ,

अकेलापन यूं ही काटा नहीं जाता ।

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पहले प्यार ,

फिर इंतजार ,

और फिर इंकार ,

यही लिखा है हमारी किस्मत मे यारो ।

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इस अकेलेपन मे थोड़ा थोड़ा जी लेते हैं ,

पीतें नहीं यूं तो हम शराब ,

मगर गम अधिक हो तो पी लेते हैं।

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तू नहीं तो तेरी यादों के संग जी लेते हैं ,

अकेलापन नहीं होता है अब बर्दाश्त ,

इसलिए पी लेते हैं।

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जब से अकेलापन आया ,

हमने हंसना भी छोड़ दिया ,

जिदंगी मे फिर कुछ नहीं बचा ,

जबसे तुमने रिश्ता तोड़ दिया ।

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मेरी तन्हाई अकेलापन देखकर ,

उदासियां भी रोने लगी ,

ऐसा लग रहा था ,

लहरों मे जिदंगियां खोने लगी ।

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मुस्कुराने की वजह तुम थी ,

इस अकेलापन को हटाने की वजह तुम थी ।

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हमारी मुहब्बत को अजमाया न कर ,

पता नहीं कब दुनिया से चले जाएंगे हम ,

यूं हमें अकेलापन महसूस करवाया न कर ।

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तेरे सिवाय कोई इस अकेलेपन को दूर कर न सका ,

तेरे सिवाय फिर कभी किसी के गोद मे सर धर न सका ।

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तुम्हारे और करीब हम आते गए ,

तुझे दिल से अपना बनाते गए ,

मगर जब पता चला तू किसी और की है ,

अकेलेपन मे खुद को मिटाते गए ।

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कम नहीं है , यह इश्क भी जादू टोने से ,

करते नहीं किसी से इश्क हम भी ,

क्योंकि डर लगता है ,उसे खोन  से ।

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कोई दया नहीं करता ,

बीच सड़क पर रोने से ,

इसलिए डर लगता है जनाब ,

हमें अकेले होने से ।

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अकेले आए हो ,

अकेले जाओगे ,

कुछ नहीं रखा संसार मे ,

फिर क्या पाओगे ।

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प्यार मे तन्हाइंया शिकार करती हैं ,

पता नहीं कब वक्त बीत जाता है ,

जब दो जिदंगियां प्यार करती हैं।

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बना.कर रख ले कैदी मुझे तू

अपनी चाहत का ,

बस मैं ही हूं एक मात्र

इलाज तेरे दिल की राहत का ।

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जो पाया उसे खोना नहीं चाहते ,

इश्क तो हम भी करलेते तुझ से ,

पर अकेले होना नहीं चाहते ।

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दीवानों के लिए अकेलापन एक सजा है ,

मगर अकेलेपन का अपना ही मजा है।

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दिल्लगी मे दिल लगा बैठे ,

किसी कोयले को हीरा समझ अपना बना बैठे ,

फिर मिला अकेलापन ,

तो खुद को नुकसान पहुंचा बैठें ।

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दिल मत लगाना कभी ,

रात की रानी से ,

वरना दिल टूट जाएगा ,

उस विरानी से ।

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अब तन्हाइयों से मेरी पहचान लगती है ,

हिलता हूं तो शरीर मे जान लगती है ,

पहले तो छोड़ दिया उसने हमें ,

आज वह भी खूब परेशान लगती है।

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एक दिन जरूर रोएगी वो मुझे पाने के लिए ,

सात समंदर पार करके भी उसे आना पड़ेगा ,

मुझे अपना बनाने के लिए ।

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किसी को एहसास दिलाने के लिए

हम बिछड़ते नहीं ,

जिन घरों की नींव मजबूत हो ,

वो छोटी मोटी आंधियों मे उजड़ते नहीं ।

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अगर जीवन मे अकेलापन न हो ,

तो कोई प्यार का मतलब कैसे जानेगा ।

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मेरे एहसास मे तुम हो ,

दिल के वास मे तुम हो ,

दिखते भले ही हम अकेले हैं ,

मगर हमारे हर एहसास मे तुम हो ।

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तेरे इश्क ने उम्र भर रूलाया है ,

कब्रों पर जिंदा सुलाया है ,

और तू कहती है , मैं माफ करदूं ।

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अगर जीना है , तो अकेले जी लिया कर ,

वह कहती है , जब मेरी याद आए तो खूब पीलिया कर ।

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इस अकेलेपन  ने जिदंगी को तन्हा कर दिया ,

जब गए उसके पास प्यार का इजहार करने ,

तो उसने भी मना कर दिया ।

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खुद को खो दिया मैंने उसके लिए ,

अकेलेपन और तन्हा जिदंगी देखकर ,

सब कुछ छोड़ दिया मैंने उसके लिए ।

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क्या पाया था ,

क्या खोया था ,

बिछुड़के उससे मैं खूब रोया था ।

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उसको भूलना भी चाहया ,

मगर भूला ना सके ,

अकेलेपन के सिवाय ,

प्यार मे पड़कर कुछ पा ना सके।

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मेहंदी वो भी हाथों की सजा ना सके ,

अकेला छोड़कर हमें वो भी ,

खुद की दुनिया बसा ना सके ।

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तन्हाई मे जीने का मन नहीं करता ,

जिस प्यार मे पसंद नहीं हो ,

वह प्यार भी हज्म नहीं करता ।

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जीने की चाहत बहुत है ,

पर अकेलापन खाये जा रहा है ,

इश्क ना करना किसी से ,

यह छत पर कोई गाये जा रहा है।

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तेरे लिए रात भर जागे हम ,

तेरे लिए सब कुछ छोड़ भागे हम ,

फिर भी निकले अकेलेपन के धागे हम ।

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मौत का समंदर था ,

पास हमारे खंजर था ,

यह अकेलापन और  दर्द भरा मंजर था ।

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मेल कभी नहीं होता है ,

बादलों और सितारों का ,

क्या भरोसा तेज बहाव मे

नदी के किनारों का ।

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अपना कभी अकेला छोड़कर नहीं जाता ,

दुख और दर्द मे वह कभी दिल के बंधन तोड़कर नहीं जाता ।

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मिट गई दिल की हस्ती ,

बह कई पानी संग बस्ती ,

अब वह हमारे अकेलेपन की यादों मे बसती ।

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जो सच का साथ देतें ,

वो अकेले ही रहते हैं ,

सच का साथ देने के लिए ,

जुल्म और सितम सहते हैं।

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दिल मे बसा कर ,

हम किसी को भूलते नहीं ,

एक बार अगर बेवफाई के दाग लग गए ,

तो उम्र भर कभी धुलते नहीं ।

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दिल और जुबान हमेशा सच्ची रखना ,

फिर चाहे अकेलापन हो या तन्हाई ,

कभी मत झुकना ।

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अंधकार कभी मिटा नहीं सकता प्रकाश को ,

यह अकेलापन चाहे जितना आ जाए ,

मगर मिटा नहीं सकता तेरे एहसास को ।

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हर किसी की किस्मत चमकती नहीं ,

अकेलेपन और तन्हाई के बिना ,

जिदंगी कभी दमकती नहीं ।

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अब तो साये ने भी साथ देना छोड़ दिया ,

जब से तूने हमारे संग रिश्ता तोड़ दिया ।

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मौत का मंजर है ,

दिल मे अकेलेपन का खंजर है।

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दिल का हाल कोई पूछता नहीं ,

अब हमें अकेलेपन के सिवाय कुछ सूझता नहीं ।

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मेरी बातें सुनने वाला कोई बचा न था ,

मैं शिकार हो गया उस खेल का ,

जिसको कभी मैंने रचा न था ।

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अकेलापन और तन्हाई इंसान को मार देती हैं ,

और वो पैसों के लिए हर किसी के साथ रातें गुजार देती हैं।

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जिसे समंदर की आश हो ,

उसे भला कैसे तालाब का पानी राश हो।

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तेरे जाने का एक तो दिल मे सकून था ,

मगर अकेलापन भी कुछ जरूर था ।

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कभी सोचा न था ,

वह कभी बीच राहों मे छोड़ जाएगी ,

अकेलापन और तन्हाई से ,

फिर से रिश्ता जोड़ जाएगी ।

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हर शाम हर पहर तेरा ही ख्याल है ,

कुछ भी हो मगर यह अकेलापन ,

बड़ा बेमिशाल है।

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रोये हम खूब तेरी तस्वीर के आगे ,

मगर क्या करते ,

सब कुछ बेबस हो जाता है , इस तकदीर के आगे ।

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लोग कहते हैं तेरा कोई जवाब नहीं है ,

वह कहती थी , तेरे सिवाय और कोई ख्वाब नहीं है ,

आज पता चला , मेरे नाम की तो ,

उसकी दुनिया मे कोई किताब नहीं है।

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धीरे धीरे बढ़ते चलो आगे ,

मगर अकेला पन कहां पीछा छोड़ने वाला था ,

हम तो इससे खूब भागे ।

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महफ़िल मे नही तो तन्हाई मे फरियाद करोगे ,

मगर मिल गया तुम्हें हमारे जैसा ,

तो दुनिया वाले भी नाज करेंगे ।

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तन्हाई जैसी बीमारी का ,

कभी कोई इलाज नहीं था ,

बेवफा निकलेगी तू ,

मुझे इसका अंदाज नहीं था ।

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तन्हाइयों से वर्षों पुराना रिश्ता है मेरा ,

देखकर तुझे किसी और के संग ,

आज भी कलेजा पिसता है मेरा ।

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महफिलें विरान हैं ,

जीवन सुनसान हैं ,

सब पर अकेलापन मेरहबान हैं।

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हम तो मुहब्बत से खौफ खाते हैं ,

पता नहीं लोग तन्हाई लेकर क्यों दिल लगाते हैं।

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परिंदे आकाश मे अच्छे लगते हैं ,

मुहब्बत के किस्से एहसास मे अच्छे लगते हैं ,

करके देखो अकेलेपन का एहसास ,

फिर वो हर सांसा मे अच्छे लगते हैं।

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हम से नाराज होकर दूर जो होगए ,

लगा ऐसा जैसे सब कुछ खो गए ।

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हर रात को तेरी याद जरूर आती है ,

अब तो अकेलापन ही हमारा साथी ।

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दिल मेरा बीमार था ,

मुझे आज बुखार था ,

दिया उसने अकेला पन हमें ,

वह आशिक ही बेकार था ।

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तुझे जिदंगी भर याद हम करते रहे ,

एक यह अकेलापन और ,

जिदंगी की हर सांस मे मरते रहे ।

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अकेलापन ही तुम्हारा साथी ,

अकेलापन से ही जिदंगी जगमगाती है ,

क्या करें किसी से रिश्ता जोड़कर ,

हर रिश्ते मे वह दर्द दे जाती है।

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दिल की तन्हाई मे फिर से आग लगादी उसने ,

सोई वर्षों पुरानी मुहब्बत आज जगादी उसने ।

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दूर से देखने पर हर रिश्ता हसीन लगता है ,

जब पास आकर देखते हैं , तो वही अकेलापन से

युक्त गमगीन लगता है।

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मुहब्बत का नाम यूं ही बदनाम है ,

अकेलापन इसका अंजाम है।

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जिदंगी की राहों मे मिले कई साथी ,

मगर अंत मे अकेला छोड़कर हो गए जज्बाती ।

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हम नहीं बनना चाहते हैं सिकंदर ,

हम तो रहना चाहते हैं तेरे दिल के अंदर ।

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वो पास हैं ,

फिर भी अकेलापन खाये जा रहा है ,

बीत गई बिना मजा लिये जवानी ,

और बुढ़ापा आये जा रहा है।

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अकेलेपन के गीत तू गाये जा ,

रहना है तुझे सदा अकेला ,

खूब मुस्कुराए जा ।

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अब तेरे संग खूब जी लिये ,

थोड़ा अकेलापन हमें भी मिल जाता तो अच्छा होता ।

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जिदंगी बीत गई उनका का बोझा ढोने मे ,

मगर उनको एक पल भी नहीं लगा

हमसे अलग होने मे ।

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सीने मे आग तो आज भी है ,

होंठों पर तेरा सैलाब तो आज भी है ,

कोई फर्क नहीं पड़ा तेरे होने ना होने का ,

वर्षों पुराना अकेलापन तो आज भी है।

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अंदाजा नहीं है तुझे मेरे दिल की हालत का ,

अब अकेलापन और जीवन बचा है जलालत का ।

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अकेलापन धीरे धीरे मुझे भाने लगा ,

करडाला अकेलेपन ने कुछ ऐसा ,

कि जमाना मुझे चाहने लगा ।

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जिदंगी के हर मोड़ पर ,

हम तुझे मिलेंगे ,

आज भी अकेले हैं ,

कल भी अकेले मिलेंगे ।

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सुबह से रात ,

रात से सुबह हो गई ,

मगर यह जिदंगी ,

बस इस अकेलेपन के बीच खो गई ।

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जो तेरा न हो सका ,

वो गैरों का क्या होगा ,

अगर प्रकाश ही मिट जाए दुनिया मे ,

तो अंधेरों का क्या होगा ।

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दिल मे अकेलेपन का ,

एहसास लिये जीये जा रहे हैं ,

खत्म ही नहीं होता गम तेरी बेवफाई का ,

इसलिए खूब पीये जा रहे हैं।

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मत करना शौक मेरे जाने का ,

दिल मे था अकेलापन ,

फिर भी काम करते थे ,

दुनिया को हंसाने का ।

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अगर मरना है , तो शान से मरेंगे ,

अगर प्यार करना ही है ,

तो अपनी जान से करेंगे ।

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सितारों के संग लिखेंगे एक कहानी ,

प्यार तो बहुत किया था ,

फिर भी अकेलेपन मे बीती जवानी ।

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हर किसी के बस की बात नहीं होती है ,

अकेलेपन को झेलना ,

मगर उनको अच्छे से आता है ,

हर किसी के दिलों से खेलना ।

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दिल भी लगा के देखलिया ,

उनको हंसाके देखलिया ,

मगर अकेलापन ने हमे ,

फिर भी देखलिया ।

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मौत नाम है मेरा ,

चुपके से आती हूं ,

कोई ना चाहे ,

तो भी अकेले ही साथ ले जाती हूं ।

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दिल मे अरमान तो बहुत थे ,

इस अकेलेपन से परेशान तो बहुत थे ,

फिर भी उसने हमे छोड़ दिया ,

उन पर हमारे एहसान तो बहुत थे ।

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अकेलापन अब हमें सताता है ,

मुहब्बत का असली मतलब ,

तो आपको यही बताता है।

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यूं तो दिल के परींदे हैं हम ,

खाये जा रहा है अकेलापन ,

बस तेरी आस मे जिंदे हैं हम ।

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सितारा हूं भोर का ,

कमाल है सब इश्क के शौर का ,

सबसे बुरा है जनाब ,

अकेलापन इश्क के दौर का ।

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मौसम भी रंग बदलता है ,

फिर इंसान क्या चीज है।

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कुछ लोग गेंद से खेलते हैं ,

तो कुछ दिलों से खेलते हैं ,

और हम और कुछ नहीं ,

बस अकेलापन झेलते हैं।

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नादान थी मेरी जिदंगी ,

हो गई अकेलेपन से बंदगी ।

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अकेलेपन मे हम शायरी लिखने लगे ,

सालों बाद पता नहीं क्या हुआ ,

फिर वो छत पर दिखने लगे ।

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जमीं भी गर्म है ,

आसमां भी गर्म है ,

अकेलापन तो हर इंसान का धर्म है।

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एक चाहत है , दिल मे तेरे साथ जीने की ,

वरना पी तो कब का हम लेते उम्र पड़ी है पीने की ।

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कुछ खेल खिलाड़ी खेलते हैं ,

जिनको नहीं पता प्यार का मतलब भी ,

ऐसे खेल कुछ अनाड़ी खेलते हैं।

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अकेले आए थे ,

अकेले जाना है ,

यहां जो कुछ है ,

वो सब फसाना है।

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तुझ से मिलने की तमन्ना आज भी है ,

तेरी चाहत से दूर होगा यह अकेलापन ,

तुझे अपना बनाने का सपना आज भी है।

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तेरे लिए बदल जाएंगे हम ,

तेरे लिए फिसल जाएंगे हम ,

इस अकेलेपन से निकाल ले हमें ,

वरना जल जाएंगे हम ।

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अकेलापन भर लिया हमने अपने दामन मे ,

पता नहीं क्या प्यार करने की सूझी इस मन मे ।

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अकेलापन कोई फूल नहीं है चमन का ,

प्यार वार कुछ नहीं होता यारो ,

बस यह वहम है अपने मन का ।

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प्यार से डर नहीं लगता जनाब ,

हमें तो अकेलेपन से लगता है।

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तुझ से आशिकी की शूरूआत हम करेंगे ,

और कुछ नहीं , तो कम से कम ,

अकेलेपन की बरसात हम करेंगे ।

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अकेलापन अंजाम है दिल लगाने का ,

सिला तो तुझे चुकाना पड़ेगा ऐ इंसान ,

इस प्यार को फिर से जागाने का ।

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हर वक्त हमें आजमाया मतकर ,

यूं ही अकेले हैं , सतया मत कर ,

चुपके चुपके से करते हैं मुहब्बत ,

ऐ दिल किसी को बताया मत कर ।

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मुहबत कुछ नहीं बस नजरों का कमाल है ,

जिसने करली मुहबत उसके जीवन मे ,

अकेलेपन का धमाल है।

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जब वक्त बुरा हो ,

तो दिल भी धड़कना बंद कर देता है ,

अगर अकेलेपन को जी लिया है ,

तो आशिक भी तड़पना बंद कर देता है।

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तेरे उपर सारी खुशियां वारदी ,

तेरे इंतजार मे अकेले उम्र गुजारदी ,

कहकर भइया हमे ,

तूने प्यार की बुखार सारी उतारदी ।

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कुछ प्यार ख्वाब मे होते हैं ,

कुछ प्यार किताबों मे होते हैं ,

और कुछ प्यार हिजाबों मे होते हैं ।

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तेरी मेरी दोस्ती का कोई जवाब नहीं ,

दोस्त पूछते हैं , हंसाना कैसे बंद कर दिया तूने ,

रियल जिदंगी है बेटा , यह कोई ख्वाब नहीं ।

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आज तेरी मेरी कहानी का अंत हो गया ,

जब से छोड़कर गई है तू अकेला रहकर संत हो गया।

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यह जमाना अपने प्यार को दूर करता है ,

यह जमाना अकेला रहने को मजबूर करता है।

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देखने मे कली बड़ी , वो कचनार है ,

दिलों मे उसके मुहबत की सरकार है ,

इश्क मत करना किसी से यारो ,

वरना अकेलापन फिर से तैयार है।

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पास आकर भी वो दूर हैं हमसे ,

अकेलापन मे जी लेने को ,

पता नहीं क्यों मजबूर हैं वो हमसे ।

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अरबों तारों मे एक सितारा है तू ,

और कुछ नहीं इश्क और अकेलापन का मारा है तू ।

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देर नहीं लगती तकदीर बदलते ,

इंसान अच्छे लगते हैं अकेले राहों पर चलते ।

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साथ किसी का उम्र भर रह नहीं सकता ,

आज मैं अकेला हूं ,

कल तू भी अकेला न होगा ,

यह मैं कह नहीं सकता ।

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छोटो मोटे तूफानों से कभी घर ढह नहीं सकता ,

तू इश्क मत करना यार ,

अगर अकेलापन सह नहीं सकता ।

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मत सुनना कभी दिल की आवाज ,

वरना अकेलापन करेगा तुझ पर राज ।

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तेरे इश्क ने बस अकेलापन और बस जख्म दिया है ,

मेरे इश्क को तूने ही तो बदनाम किया है।

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खून की स्याही से कभी ,

दिल पर लिखते थे नाम तेरा ,

आज खून ही नहीं बचा ,

यही हुआ अंजाम मेरा ।

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दिल का दर्द दिखाया नहीं जाता ,

अकेलापन मे रहना सिखाया नहीं जाता ,

वक्त आने पर इंसान खुद सिखता है।

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लत बुरी है इश्क की शराब से ज्यादा ,

देखो मेरा हाल अकेलापन मे रह रहकर

हो गया हूं आधा ।

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लोग कहते हैं ,

अगर इश्क करो तो निभाया करो ,

मैं कहता हूं सुख मे हर कोई आता है ,

दिल मे दर्द हो तो मिलने आया करो ।

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सागर से गहरी हैं तेरी आंखे ,

जी चाहता है अकेला डूब कर मर जाउं।

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ख्वाब मे तू आती है ,

इस दिल को बहुत भाती है ,

मगर इश्क की गली से जान कतराती है।

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तू जान है मेरी ,

तू पहचान है मेरी ,

मगर इस अकेलेपन से दिल लगा लिया अब ,

यह तो शान है मेरी ।

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होंठों पर दिल की बात आने न दी ,

हम तो अकेले ही कब्र मे दफन हो गए ,

मगर उसने वो रात आने न दी ।

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जनाजा उठाये फिर रहे हैं ,

नहीं मिला कोई कब्रिस्तान ,

अकेले मुस्कुराए फिर रहे हैं।

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मुर्दे कभी लौट कर नहीं आते ,

जिसने किया है तुम से सच्चा इश्क ,

वो तुम्हें कभी राहों मे छोड़कर नहीं जाते ।

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कुछ  बिक जाते हैं नोटों से ,

कुछ बिक जाते हैं होंठों से ,

हम तो अकेले रहते हैं जनाब ,

क्या फर्क पड़ेगा हमारे वोटों से ।

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रात मे मुहब्बत

दिन मे लड़ाई ,

यही है मेरे

अकेलेपन की सच्चाई ।

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हम जमीं हैं , तो वो दूर का सितारा हैं ,

हम अकेले हैं , मगर हर कोई उसका सहारा है।

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कोई नहीं पूछता है ,अब दिल का हाल ,

अकेलेपन ने कर दिया सारा कमाल ।

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तेरी यादें लिए , जीये जा रहे हैं ,

अकेलेपन मे कुछ नहीं है करने को ,

तो शराब भी पीये जा रहे हैं।

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दिल का दर्द सुनाया नहीं जाता है ,

अकेलेपन मे क्या होता है ,

हर किसी को बताया नहीं जाता ।

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दी जिसने आशिकी की तालिम ,

अकेलेपन ने उसको बना दिया जालिम ।

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मर्द हैं , तो मर्दानगी दिखाएंगे ,

आएगा अकेलापन ,

तो जानगी दिखाएंगे।

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हद से ज्यादा किसी को सताया न करो ,

अकेलेपन को सहकर मुहब्बत के गुण गाया न करो ।

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ख्वाबों मे भी अकेलापन सताता है ,

मत करना इश्क किसी से ,

यह यार तुमको बताता है।

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अकेलेपन का दर्द हमने काटा है ,

इश्क मे तो बस घाटा ही घाटा है।

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झूठी मुस्कान है ,

हल्क मे जान है ,

और कुछ ना सही ,

तो अपना अकेलापन महान है।

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सच्चाई छुप जाती है , झूठ की आड़ मे ,

अकेलापन फिर से नहीं सहना ,

इश्क जाए भाड़ मे ।

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छुप छुप कर मिला करते थे ,

बिना सूरज खिला करते थे ,

जब से आया है अकेलापन ,

हर दिन खुदा से गिला करते थे ।

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कुछ अकेलेपन की बस्तियां हैं ,

अकेलेपन से मरे हुए हैं हम ,

यह हमारी अस्थियां हैं।

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अगर अकेले मर गए ,

तो अपनी अस्थि गंगा मे बहा देना ,

कुछ अधिक नहीं करना ,

बस उस तक एक खबर पहुंचा देना ।

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हमें आज भी इंतजार है , उस सहनाई का ,

मगर अब क्या करें इस तन्हाई का ।

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लोग हंस रहे हैं , मेरे अकेलेपन पर ,

क्योंकि बेवफाई के दाग जो लगे हैं इस तन पर ।

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जिसकी सोच पवित्र होती है ,

उसी की जिदंगी इत्र होती है।

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तू हो तो वक्त पता नहीं कब गुजर जाता है ,

मगर हो जब अकेलापन , तो यह वक्त

भी सर पर चढ़ जाता है।

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दुनिया दिल की लुट गई ,

छोड़कर हमको अकेला ,

वह भी किसी और से दिल लगाने मे जुट गई।

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सहकर तन्हाई को कभी आराम नहीं मिला ,

निभाकर मुहब्बत उसकी अंजाम यही मिला ।

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मजबूरी मे हमसे जुदा हुई थी वह ,

आज अकेलापन बस रह गया ,

कभी खुद से ज्यादा हम पर फिदा हुई थी वह ।

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हर कोई बेवफा नहीं होता ,

हर कोई छोटी सी बात पर खफा नहीं होता ,

जिदंगी मे अकेलापन हर दफा नहीं होता ।

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दिल मे जो दो पल के सकून थे ,

वो इस अकेलेपन ने छीन लिए ।

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हमसे जुदा होकर भी तू रोएगी ,

फिर नहीं मिलेगा हम जैसा ,

फिर अकेलेपन मे फिर से हमारी यादों मे खाऐगी ।

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दोस्ती करो तो खुदा के संग करो ,

यूं झूंठी प्यार मुहब्बत के लिए न जंग करो ।

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गम और अकेलापन ही मिला है तेरी राहों मे ,

जो कभी मिला करता था ,

अब वो सकून नहीं रहा तेरी बांहों मे ।

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चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ,

मत करना प्यार किसी से ,

वरना अकेलेपन मे बीतेगी जिदंगी ,

तू समझ जा मेरी बात ।

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हम मौत का इंतजार करते रह गए ,

वह आई ही नहीं ,

और वो विलाप बेकार करते रह गए ।

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कभी अकेलापन है ,

तो कभी जिदंगी मे जंग है ,

यही जिदंगी की उमंग है।

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दिल से पूछा न था कभी हाल उसने ,

इतने दिल कहां थे ,

आते ही दाग दिया सवाल उसने ।

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अकेले ही तय करना होगा जिदंगी का सफर ,

कोई साथी नहीं मिलेगा , यही है असली खबर ।

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वह आंसू बहाती है रोज कब्र पर मेरी ,

बोलती है , कैसे छोड़कर अकेला चला गया बेरी ।

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आपके आने से बहार आ जाए ,

आपके आने से संसार आ जाए ,

अब तो अकेले जी रहे हैं ,

आपके आने से फिर से संचार आ जाए ।

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किस्मत के भरोसे हम बैठे नहीं रहते ,

अकेलापन है जिदंगी मे ,

वरना यूं कब्र मे लेटे नहीं रहते ।

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समय नहीं है प्यार करने का ,

और वो कह रही है इंतजार करने का ।

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इश्क और शराब दोनों नशीले हैं ,

जिसने किया है यह नशा ,

आज अकेले जंगलों मे उनके कबीले हैं।

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उदासियों का यह मौसम बदल सकता है ,

टूट पहिया भी चल सकता है ,

तू अगर आ जाए ,

तो यह यार फिर से संभल सकता है।

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कुछ कहने को बाकी न था ,

अकेले जिदंगी जी गए ,

संग कोई साथी न था ।

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सब कुछ बदल जाता है ,

जब वक्त बुरा आता है ,

जान से ज्यादा चाहने वाला भी ,

छोड़कर चला जाता है।

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कामयाब का हर कोई होना चाहता है ,

मगर इंसान वो है ,

जो नाकामयाब का बोझ ढोना चाहता है।

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हमें मारा तन्हाई ने ,

उसको मारा अपनी सहनाई नें ,

उसके दिल की दुनिया भी

उजाड़ दी आज तेरे भाई ने ।

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अकेलेपन का दर्द मिला तो सहलेंगे ,

मगर तू साथ नहीं रही तो क्या हुआ ,

तेरी यादों के संग रह लेंगे ।

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अकेला छोड़ जो तू चली गई,

बुरा तो हमको भी बहुत लगा था ,

फिर सोचा चलो अच्छा हुआ ।

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धोखा तुनमे किया ,

और बेवफा हम हुए ,

नहीं चाहिए तुमसा कोई ,

इसलिए तुम्हारी जिदंगी से दफा हम हुए ।

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अकेलापन किसी को भाता नहीं ,

खुदा ने बनादिया इस रिश्ते को ,

वरना दिल कोई किसी से लगाता नहीं ।

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अकेलेपन मे खुद से बातें किया करते हैं ,

तू नहीं है हमारी जिदंगी मे ,

फिर भी तेरा नाम लेकर जिया करते हैं।

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यूं तो हर मर्ज की दवा प्यार है ,

मगर अकेलापन इसमे सबसे बेकार है।

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मेरी तन्हाई को कोई मिटा ना सका ,

प्यार तो बहुतों से किया ,

मगर कोई निभा ना सका ।

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अक्सर वक्त गुजर जाता है ,

तेरे संग बातों मे ,

मगर तारे गिनते रह जाते हैं हम ,

अक्सर तन्हा रातों मे ।

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जान हो जिसके इरादों मे ,

वो नहीं आता आशिक की बातो मे ।

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मन तो इश्क का गुलाम है ,

चाहता है वह हर रोज रंगीन शाम है ,

मगर इश्क साला तन्हा नाम से बदनाम है।

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ख्वाबों की दुनिया मे खो गए थे ,

तन से नहीं तो मन से तेरे हो गए थे ,

जब मिला अकेला पन ,

तो कब्र मे जाकर सो गए थे ।

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अकेलेपन मे तो खूब रोया करेंगे ,

जब तक तू साथ है , तेरे संग

हसीन वादियों मे खोया करेंगे ।

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विरान जिदंगी मे कभी तेरा सहारा न मिला ,

तलास करते रहे ,

मगर तेरे प्यार का कभी किनारा न मिला ।

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तेरे संग है दोस्ती ,

तेरे संग है प्यार ,

वर्षों से कर रहे हैं , तेरा इंतजार ।

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कुछ इश्क कमीने होते हैं,

कुछ इश्क नगीने होते हैं ,

मगर तन्हाई मे दर्द भरे महिने होते हैं।

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हर शाम को शराब की बोतल लेकर बैठते हैं ,

मिटाने इस अकेलेपन को ,

खुले आसमां के नीचे लेटते हैं।

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तेरी बातें अकेले मे खूब चोट करती हैं ,

तू मेरे लायक नहीं ,

यह बड़ी कचोट करती हैं।

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मुश्किल होता है , दिवानों को संभाल पाना ,

मगर उनको अच्छे से आता है ,

बेगुनाह की इज्जत को उछालपाना ।

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दिन की शूरूआत आंसुओं से होती है ,

और रात की शुरूआत दासुओं से होती है।

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इश्क मे तन्हाई के सिवाय कोई

आज तक कुछ पा ना सका ,

उसका मना कर दिया ,

और मैं अपनी मुहब्बत छुपा ना सका ।

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इस अकेलेपन ने मुझे जीना सीखाया है ,

मगर तेरी मुहब्बत ने सिर्फ मुझे पीना सीखाया है।

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खुशी मे तो हर कोई मुस्कुराता है ,

मगर जो गम मे मुस्कुराए ,

भला उसको कौन ठुकराता है।

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तेरी मुहब्बत है ,

तेरा फंसाना है ,

इश्क कुछ नहीं ,

यह तन्हाई है ,

यह सबको बताना है।

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मत कर इजहार अपने प्यार का ,

वरना दर्शन करेगा तन्हाई के संसार का ।

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दिल मे आग है ,

मुंह मे प्यार का राग है ,

यह और कुछ नहीं ,

तन्हाई का पैगाम है।

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मौत से कोई जीत नहीं पाया ,

और अकेलेपन से कोई  प्रीत नहीं पाया ।

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अगर दम है तेरे अंदर ,

तो झुकेगा तेरे आगे समंदर ,

फिर अकेलापन क्या बिगाड़ सकेगा तेरा धुरधंर ।

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खुद पर भरोशा रखो ,

सब कुछ मिल जाएगा ,

अकेलेपन से ना हो परेशान ,

एक दिन प्यार का फूल खिल जाएगा ।

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सात संमदर पार करके ,

तेरे लिए मैं आई हूं ,

तू कहता है फिर भी दूर हूं मैं ,

देख तेरी सांस सांस मे समाई हूं ।

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दिल के अरमां आंसुओं मे बह गए ,

अकेले आए थे , अकेले ही रह गए ।

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प्यार है , तो बेवफाई भी होगी ,

अकेलापन है , तो मलाई भी होगी ,

अभी तो इश्क किया है ,

चिंता मत कर जग हंसाई भी होगी ।

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जब तक जान है हमारी रगों मे ,

तब तक अकेलापन नहीं सता सकता है ,

मेरी जान दुनिया जंहा की जगहों मे ।

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वह बोली जान बोल कर मत पुकारा करो ,

कल मैं मर गई तो क्या करोगे ,

कुछ पल अकेले भी गुजारा करो ।

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वह फिर से रात वाला प्यार करो ना ,

अकेली हूं मैं , फिर से एतबार करो ना ।

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हम जमीं हैं ,

तो सितारा तुम हो ,

हम इंसान भले ही हैं ,

मगर गुजारा तुम हो ।

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अकेलेपन के सिवाय कुछ नहीं दिया तुमने ,

मेरी जिदंगी को नर्क से बदतर किया तुमने ।

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पहली बार टकराई जब गर्म से गर्म सांसे ,

मगर फिर हम रह गए उम्र भर के प्यासे ।

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कुछ चीजें इतिहास बन जाती हैं ,

कुछ चीजें खास बन जाती हैं ,

मगर तेरे जैसी परी मिलें ,

तो वों हमारी सांस बन जाती हैं।

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अंदर तक अकेलेपन को महसूस किया है ,

हर बार प्यार ने दर्द भरा जूस दिया है ।

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तबाही तो तेरी भी होगी ,

मुझे तबाह कर खुश हो रहा है ,

एक दिन तन्हाई तो तेरी भी होगी ।

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दिल का दर्द बहुत गहरा है ,

सर पर अकेलेपन का सहरा है ,

प्यार मत करना किसी से यार ,

यह कुआ बहुत गहरा है।

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होठों को होठों से लगालो तुम ,

प्यार किया है तो निभा लो तुम ,

एक दिन आएगी तन्हाई ,

तो तन्हाई मे जीना सीखा दो तुम ।

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जिदंगी मे अगर सकून से जीना है ,

तो प्यार नाम की शराब कभी नहीं पीना है।

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मेरी खुशी तो खो गई इन तन्हाइयों मे ,

अब हर वक्त याद आती है तू सहनाइयों मे ।

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वैसे तो वो दूर का सितारा थी ,

फिर भी वो हमारा गुजारा थी ,

सोच रहे थे बहुत कुछ पाने को ,

मगर जिदंगी अकेलेपन मे अब दुबारा थी ।

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कुछ शरीर का बुखार होता है ,

कुछ प्यार का बुखार होता है ,

मगर हमारा तो अकेलेपन का संसार होता है ।

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अब तो दीवार से भी बातें करने लगे हैं हम ,

अब तो प्यार हो गया है अंधेरे से ,

रोशनी से डरने लगे हैं हम ।

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खुद के अकेलेपन को छिपाते जा रहे हैं ,

हम खुश हैं यह दुनिया को बताते जा रहे हैं।

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एक एक आंसू गिराते जा रहे हैं ,

जब तू नहीं आई लौट कर ,

तो हम पल पल घबराते जा रहे हैं।

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अकेला तो चांद भी है ,

फिर हमने साथ रहने का सपना क्यों पाला ।

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दिल का दर्द आंखें बयां करती हैं ,

कहां मिलेगी ऐसी दुनिया ,

जो अकेलेपन पर दया करती हैं।

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तू मेरी नहीं हुई ,

तो किसी और की क्या होगी ,

एक दिन देख लेना ,

हमें छोड़कर तुम बहुत पछताओगी ।

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रूठने के लिए मनाने वाला चाहिए ,

जिदंगी के इस अकेलेपन मे इक

हंसाने वाला चाहिए ।

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अब इंतजार करना सीख गए हम ,

और किसी से तो नहीं ,

मगर तन्हाइयों से प्यार करना सीख गए हम।

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जो प्यार बिक जाए कागजों के नोट मे ,

वो अकेले छोड़ कर जाएगा तुझे ,

इस दुनिया की वोट मे ।

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खामोशी से काट रहे हैं , जिदंगी ,

अकेलेपन से हो गई है हमारी बंदगी ।

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लिखने का शौक नहीं फिर भी लिखते हैं ,

अकेले जो ठहरे ।

कुछ तो करना पड़ता है।

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अकेलेपन मे खूब ख्याल तेरे आते हैं ,

कटती नहीं है रात ,

तारे गिन गिन रात बिताते हैं।

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जिदंगी को कभी प्यार मे उलझाना मत ,

खुद से ज्यादा कभी किसी को चहाना मत ,

अगर अकेलापन ही रहना सदा जिदंगी मे ,

तो दोस्त किसी को बनाना मत ।

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कल भी हम तेरे थे ,

आज भी हम तेरे हैं ,

मगर तूने ठुकरा दिया हमको ,

अब अकेलेपन के सहारे हैं।

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दिल लगाने का अंजाम सोच लिया करो ,

अकेले आए हो तुम अकेले जाओगे ,

यह हर शाम सोच लिया करो ।

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यूं तो रहते हैं हम इंसानों की भीड़ मे ,

मगर लग रहा है ऐसा ,

जैसे पड़ें हैं अकेले सुनसान बीड़ मे ।

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अपने से कोई बात नहीं करता ,

फ्री मे कोई साथ नहीं करता ,

यही जिदंगी का उसूल है ,

बिना वजह कोई बरसात नहीं करता ।

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दिल मे नाम तेरा था ,

खून खून मे तेरा बसेरा था ,

जिस दिन दिया अकेलापन तुमने ,

आंखों के आगे अंधेरा था ।

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मौसम भी बेईमान लगा हमे ,

वह भी तन्हाई की पहचान लगा हमे ,

जब दुनिया ने बताया प्यार का सच,

तो खुदा का एहसान लगा हमे ।

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आशिक मर जाता है ,

मगर आशिकी नहीं मरती ,

इंसान डर जाता है ,मगर

दिल की आवारगी नहीं मरती ।

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काली आंखों वाली ,

काले कपड़े पहनती है ,

प्यार मे तो हर कोई मुस्कुराता है ,

जिदंगी तो अकेलेपन मे सहमती है।

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अब डर नहीं लगता है अंधेरी रातों से ,

अगर यह अकेलापन नहीं होता ,

तो हम भी दोस्ती कर लेते अपने जज्बातों से।

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जिदंगी जीनी है तो मस्त रहो ,

मुहब्बत तो आती जाती रहती है यारो ,

यूं अकेलेपन मे ना त्रस्त रहो ।

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जिस दिन उतर जाएगा प्यार का बुखार ,

उस दिन हो जाएगा अपनों से प्यार ।

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दिल से मिटा ना सका ,

अकेलापन भी तेरे ख्याल को ,

दिल आज भी याद करता है ,

तेरी अदाओं के कमाल को ।

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आपके आने से मौसम बदल जाता है ,

देखकर आपकी अदाओं को ,

हर कोई  फिसल जाता है।

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जब हम तेरी मुहब्बत मे डूब गए ,

तो पता चला प्यार नाम की कोई चीज नहीं होती ।

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मुहब्बत दरिया का ठंडा पानी है ,

जो दिल को एक पल सकून जरूर देता है ,

मगर फिर वही सकून छीन लेता है।

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कभी महान आशिकों मे हमारा नाम था ,

जब से तू गई है हमे अकेला छोड़कर ,

दिल लगाने से रोकना हमारा काम बन गया ।

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अकेलेपन मे खुद से बात करते हैं ,

वो तो बिन बादल बरसात करते हैं ,

चलो बहुत कर लिया अब प्यार ,

फिर से जिदंगी की शूरूआत करते हैं।

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इस मतलबी दुनिया मे ,

कुछ नहीं है सिवाय अकेलेपन के ,

इसलिए गुलाम ना बनो यार अपने मन के ।

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आज अकेले बैठे हैं दरिया के पास ,

याद कर रहें हैं , उन पलों को जो थे खास ।

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तू तो अकेला छोड़कर चली गई ,

मगर नशा आज भी है तेरे प्यार का ,

आज हम भी जान गए हैं ,

मिलना बुछुड़ना दस्तूर है संसार का ।

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अगर लगाना ही है दिल , तो खुदा से लगाओ ,

इंसानों के पीछे ना अपना वक्त गवाओ ।

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जो जिंदगी गुजर जाती है ,

फिर वो कभी नहीं लौट कर आती है।

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अकेलापन खत्म होने का नाम नहीं लेता ,

आज मेरा भी अच्छा भविष्य होता ,

अगर मैं तेरा नाम नहीं लेता ।

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तन की भूख तो मिट जाती है ,

मगर मन की भूख कभी नहीं मिटती ,

इस मन की भूख के मारे फिर रहे हैं अकेले ।

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जब अकेलापन हद से ज्यादा सताने लगा ,

तो मैं मौत को गले लगाने लगा ।

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धीरे धीरे वो भी हमें चाहने लगी थी ,

ख्वाबों मे हमारे दिन रात आने लगी थी ,

अब उसकी याद अकेलेपन मे खूब सताने लगी थी ।

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कुछ रिश्ते दिखाई देते हैं ,

कुछ रिश्ते सुनाई देते हैं ,

मगर इस अकेलेपन संग रिश्ते ,

ना दिखाई देते हैं , ना सुनाई देते हैं।

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आओ अकेले ही दुनिया की सैर करते हैं ,

साथी नहीं है अपना कोई तो ,

क्यों मन मे किसी से वैर करते हैं।

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चांद तू बन जा ,

सितारा मैं बन जाता हूं ,

शराब तू बन जा ,

तेरा प्यारा मैं बन जाता हूं।

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जिसकी किस्मत फूट जाती है ,

उससे सिवाये अकेलेपन के ,

सारी खुशियां रूठ जाती हैं।

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तू तोड़ना मत इश्क के धागे को ,

वरना अकेलापन बहुत सताएगा इस अभागे को ।

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इश्क का तिरंगा पहली दफा शान से लहराता है ,

पर औकता तब पता चलती है ,

जब दिल मे अकेलापन गहराता है।

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लोग कहते हैं , खूबसूरत लड़की नशीब से मिलती है ,

मगर ऐसी खूबसूरती का क्या काम जो बेवफा हो ।

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मेरे खून मे है अकेलापन ,

मेरी फितरत मे है अकेलापन ,

फिर क्योंना झेलूं यह कसैलापन ।

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डर नहीं लगता है प्यार से जनाब ,

मगर अकेलेपन से लगता है।

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वर्षों से हम हंसे नहीं थे ,

किसी के प्यार मे आज तक फंसे नहीं थे ,

मगर इस अकेलेपन ने हंसना तो दूर ,

रोना जरूर सीखा दिया ।

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जब से तू गई है ,

हमने हंसना भी छोड़ दिया ,

कभी अकेलापन था साथ हमारे ,

आज उसने भी हमसे रिश्ता तोड़ दिया ।

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जैसा बोवोगे वैसा पाओगे ,

अगर किसी से दिल लगाओगे ,

तो अकेलेपन के सिवाय कुछ नहीं पाओगे ।

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मेरे दिल का सकून छीन लिया ,

मेरे दिल का जनून छीन लिया ,

इस अकेलेपन ने मेरी जिदंगी

को तबाह कर दिया ।

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बार बार किस्मत ने आजमाया हमको ,

अपनों ने खूब सताया हमको ,

आज इस अकेलेपन ने ,

जिदंगी का असली मकसद बताया हमको ।

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यह अकेलापन तुझ से दिल लगाने की सजा है ,

पता नहीं लोग क्यों कहते हैं ,कि इश्क मे मजा है।

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बाहर अकेलापन ,

अंदर गम का सैलाब था ,

जिसमे डूब कर मरे हम ,

वो आशिकों का तालाब था ।

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तेरा धीरे धीरे मुस्कुराना ,

तेरा यह आंखों का मटकाना ,

तेरा हद से ज्यादा सताना ,

आज भी याद आता है।

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खड़े हैं अकेले मौत के मुहाने पर ,

कोई नहीं आया हमें बचाने यारो ,

इस ठिकाने पर ।

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थोड़ा अकेलेपन के गम मे भी मुस्कुरा लिया करो ,

खुशी के गीत नहीं गा सकते ,

तो गम भरे गीत भी गा लिया करो ।

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अकेलेपन को कभी अपना बनाकर देखो ,

प्यार का मतलब समझ आ जाएगा ,

कभी किसी की जिंदगी मे आकर देखो ।

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वक्त के साथ सब कुछ बदल जाता है ,

वक्त के साथ हर रिश्ता जल जाता है ,

मगर अकेलापन हमेंशा साथा जाता है।

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पीने का शौक नहीं ,

गम भुलाने के लिए पीते हैं ,

यह नादान दिल है अकेला ,

इसे सुलाने के लिए पीते हैं।

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नहीं चाहिए हमें बनावटी रिश्ते ,

देखा है कइयों को अकेले ,

इन झूंठे रिश्तों मे पिसते ।

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मुहब्बत दो धारी तलवार है ,

करोगे तो भी मरोगे ,

नहीं करोगे तो भी मरोगे ।

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जंगलो मे खोजता फिरा ,

दिमाग मे सोचता फिरा ,

कहां मिलेगा यह अकेलापन ,

हर किसी से पूछता फिरा ।

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जो कभी चांद तारे तोड़ लाने की बात करते थे ,

वो आपके नीचे की जमीन तक छीन लेंगे।

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तकलीफ तो बहुत है इस दिल मे ,

मगर सुनाया नहीं जाता ,

अकेलापन तो बहुत है जिदंगी मे ,

मगर बताया नहीं जाता ।

This post was last modified on November 1, 2023

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