अंधेर नगरी चौपट राजा का अर्थ – दोस्तों जैसा कि उपर बताया गया है अंधेर नगरी, अंधेर नगरी का मतलब यह है कि जहां पर हर तरफ अंधेरा हो मतलब किसी भी प्रकार का प्रकाश ही ना हो । जिस तरह सूर्य के डूबने के बाद अंधेरा हो जाता है। और उसके बाद कुछ भी सही से दिखाई नहीं देता है। यहां पर अंधेरे का मतलब होता है ,अज्ञानता , अविवेक ,और अविकास से हैं।
यदि सूर्य ही नहीं होगा तो हर जगह पर अंधकार फैल जाएगा। एक अच्छा राजा सूर्य की भांति होता है जो हर जगह पर अपना प्रकाश फैलाता है। अर्थात ,ज्ञान ,विवेक की मदद से प्रजा का कल्याण करता है।
लेकिन जब राजा ही मूर्ख हो उसे कुछ ज्ञान ही नहीं हो , वह विवेकहीन हो तो उस नगर का क्या होगा आप सोच सकते हैं।वह नगरी सूर्य के ना होने के समान हो जाएगी । जिस प्रकार सूर्य डूब जाता है तो चारो ओर अंधकार छा जाता है। उसी प्रकार राजा के सही ना होने पर उस नगरी का पतन हो जाना निश्चित है।
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जहां पर मूल्य की कोई पहचान ना हो वह है अंधेरी नगरी
दोस्तों एक ऐसी नगरी जहां पर किसी भी प्रकार के मुल्य की कोई पहचान ही नहीं है। जहां अच्छे और बुरे इंसानों को एक समान समझा जाता है। जहां पर कोई सामाजिक मुल्य नहीं है। यहां पर एक पढ़ा लिखा इंसान मजदूरी करता हुआ मिल जाएगा और अनपढ इंसान करोड़ो कमा रहा है। दूसरी और बीए पास लोग रोड़ों के उपर घूम रहे हैं।
अंधेर नगरी चौपट राजा लोकोक्ति का अर्थ मूर्ख और विद्वान् बराबर हैं
यदि आप किसी अंधेर नगरी के अंदर जाओगे तो आपको यहां पर मूर्ख और विद्वान सब बराबर नजर आएंगे । एक ऐसी जगह जहां पर विद्वानों की कोई वैल्यू नहीं है। वे बस जानवरों की तरह घूम रहे हैं। जहां पर विद्वानों को कोई महत्व नहीं दिया जाता है।
अंधेर नगरी चौपट राजा कहावत का अर्थ बेगुनाहों को मिलती हो सजा
अंधेर नगरी एक ऐसी जगह है जहां पर बेगुनाहों को सजा मिलती हो । वहां पर रहने वाले लोगों ने यदि कोई पाप ना भी किया हो तो भी उनको उसकी सजा मिलती है। क्योंकि इस जगह पर रहने वाले लोग सही और गलत मे फैसला ना कर पाते हों । या अज्ञानता की वजह से वे मासूम लोगों को सजा देते हों । क्योंकि उनको तो यही लगता है कि वे जो कर रहे हैं वही सही है।
एक विचार हीन जगह
अंधेर नगरी एक विचार हीन जगह जहां पर कोई भी किसी समस्या पर विचार ना करता हो । बस दिमाग मे आया और कर दिया । जैसे किसी ने राजा को बोल दिया कि अमुख व्यक्ति ने कुकर्म किया तो राजा बिना कुछ सोचे समझे उसे फांसी पर चढ़ा दे । इस तरह की एक विचार हीन जगह ।
शक्तिहीन प्रजा
कई बार एक मूर्ख राजा के अत्याचार प्रजा इसलिए सहती है क्योंकि वह शक्तिहीन होती है। वह अपने राजा के आदेशों को मानने के लिए बाध्य होती है भले ही राजा उनके साथ गलत कर रहा हो । ऐसी प्रजा के अंदर आवाज उठाने का साहस नहीं होता है।
जहां का राजा ही मूर्ख हो
कोई नगर इस वजह से अंधेर नगरी बन जाता है क्योंकि वहां का राजा ही मूर्ख हो जाता है। चौपट राजा का मतलब है एक ऐसा राजा जो मूर्ख हो और अपनी मूर्खता भरें कारनामों से जनता को परेशान कर रहा हो ।
यदि आप कहानियों के अंदर मूर्ख राजाओं के बारे मे पढ़ते हैं तो मूर्ख राजा अजीबोगरीब फरमान अपनी प्रजा को दिया करते थे । जैसे कि सारी प्रजा आज से रात मे काम करेगी और दिन मे सोएगी । जो ऐसा नहीं करेगा उसे फांसी पर लटका दिया जाएगा ।
विवेकहीन राजा
चौपट राजा का एक मतलब एक ऐसा राजा से भी है जो विवेकहीन हो । जिसे कुछ पता ही नहीं हो कि किस परिस्थिति के अंदर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए । जैसे एक राजा अपनी सुंदरियों के साथ इश्क फरमा रहा हो और दुश्मन उसके राज्य पर हमला करने आ रहा हो । जब आप इतिहास पढ़ोगे तो आपको पता चलेगा कि इतिहास मे सच मे ऐसे राजा हुआ करते थे ।
तर्क हीन राजा
दोस्तों यदि आप चौपट राजा के पास मानलो फंस जाते हो और आपने कोई अपराध नहीं किया हो और आप यह साबित कर सकते हो तो आपको चौपट राजा से बचकर रहना चाहिए ।
एक ऐसा राजा जो तर्क हीन है आप उसके सामने सत्य साबित करदो उसके बाद भी वह उसे मानने से इनकार कर दे तो यह एक चौपट राजा नहीं तो और क्या है।
अंधेर नगरी और चौपट राजा का मतलब हमने आपको उपर बताया है। उनके आधार पर आप यह तय कर सकते हैं कि कौन और किस तरह की जगह को अंधेरी नगरी कह सकते हैं। हालांकि एक अंधेरी नगरी के अंदर सब बाते हो यह आवश्यक नहीं है।
अंधेरी नगरी कोई काल्पनिक जगह नहीं है। यदि आप ध्यान से देखोगे तो आपको यहां पर भी ऐसी जगह मिल जाएंगी जो अधंरी नगरी और चौपट राजा वाली बात को सही साबित करती हैं ।आइए अब आपको इसके उपर कहानी लिखना सीखाते हैं।
अंधेर नगरी चौपट राजा वाक्य
इस शहर की के अंदर देखो किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। यहां की जनता हर साल मंत्री चुनती है उसके बाद भी कोई विकास नहीं होता है। और जनता भी बार बार उसी एक व्यक्ति को चुनती है । सही है अंधेर नगरी चौपट राजा
चारो और चोरी ही चोरी हो रही है । जनता भी शांत है और राजा को तो कोई मतलब ही नहीं है। यही तो है अंधेर नगरी चौपट राजा ।
अंधेर नगरी चौपट राजा का अर्थ
एक बार प्राचीन काल की बात है एक महात्मा जंगलों के अंदर घूमते हुए एक राज्य के अंदर पहुंचे महात्मा को नहीं पता था कि राज्य कैसा है? लेकिन उनको इतना ही यकीन था कि सब राजा महात्मा का तो सम्मान करते ही हैं। और वैसे भी उनको भूख लगी थी तो उन्होंने गांव के अंदर जाकर भीक्षा लाने का निश्चिय किया।
सबसे पहले वे एक घर के अंदर गए और घर के बाहर से ही बोले
……… माई भिक्षा देना ?
कुछ समय बाद एक महिला आई और उनको देखकर बोली यहां पर कोई भिक्षा नहीं है जाओ । महात्मा वहां से चले गए और दूसरे घर के पास जाकर वही बात बोली । उस घर से भी महात्मा को वही बोला गया कि यहां पर कोई भिक्षा नहीं है।
उसके बाद महात्मा 3 घर के पास जाकर बाले की
…. माई भिक्षा डालना ।
उसके बाद बाहर एक बच्चा आया और एक जली हुई रोटी उनकी झोली मे डाल गर वापस अपनी कुटिया मे चला गया । महात्मा को बहुत कुछ अजीब लग रहा था। आज तक उनके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था तो अब यह सब क्यों हो रहा था ? महात्मा को भी कुछ समझ मे नहीं आ रहा था। उसके बाद महात्मा अगले घर के अंदर गए और बोला
…….. माई भिक्षा लाना
उसके बाद एक बच्चा आया और महात्मा को डंडे से मारा और बोला यहां पर कोई भिक्षा नहीं है चला जा यहां से ।
महात्मा को समझ आ गया कि वह गलत जगह पर आ गया है । यह तो पूरी मूर्खों की नगरी है।उसके बाद महात्मा ने राजा से मिलने का फैसला किया और राजदरबार के पास गए । सामने दो सेवक खड़े थे । महात्मा उनके पास गए और बोले
………क्या आप मुझे राजा से मिलवा सकते हैं ?
….. हां हम ऐसा कर सकते हैं लेकिन पहले हम उनसे अनुमति लेकर आते हैं। और उसके बाद एक सेवक अंदर गया और जल्दी ही वापस आकर बोला कि आप राजा से मिल सकते हैं।
महात्मा राज महल के अंदर गए और राजा को प्रणाम किया व वहां पर बैठ गए । वहां पर कोई फैसला चल रहा था।
राजा ………कल मुझे बलि देनी है। यह सब हम कैसे करेंगे ?
सतंरी ……. महाराज आप किसी बकरे की बली दे सकते हैं ?
दूसरा दरबारी ……. महाराज पहले महात्मा की बाते तो सुनलें .
राजा …… बोलो महात्मा जी कैसे आना हुआ ?
…… राजा आपके पूरे गांव के अंदर मूर्ख भरे पड़े हैं आप उन लोगों को शिक्षा क्यों नहीं देते हैं ?
महात्मा की बात सुनके राजा बहुत अधिक क्रोधित हो गया और बोला
………. मैं अभी यह घोषणा करता हूं कि महात्मा की कल बलि दी जाएगी । मेरा यह निर्णय अटल है। राजा के साथ दूसरे लोगों ने भी राजा के इस निणर्य का जोरदार स्वागत किया ।उसके बाद क्या था। महात्मा को सब समझ मे आ चुका था कि यहां सब मूर्ख हैं और यह अंधेर नगरी चौपट राजा है। लेकिन अब उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि
उनको इससे कैसे तो बचाना ही होगा । महात्मा अभी भी वहीं पर बैठे थे ।कुछ सोचने के बाद वे बोले …… महाराज आप महान हैं और आपका गांव भी महान है लेकिन उसके अंदर भूत बहुत सारे हैं और मैं उनका ईलाज कर सकता हूं । यदि आप मुझे बलि पर चढ़ा देंगे तो आपका कल्याण कैसे होगा ?
भूत के नाम से मूर्ख लोग पहले से ही डरे हुए थे तो वे एक साथ बोले …….हां राजन इसको जीवनदान दिया जाएऔर यदि यह मर गया तो हमको भूत मारदेंगे।
राजा ………. सही है मैं इस महात्मा के रहने और खाने का बंदोबस्त करता हूं और इसकी बलि के आदेश को वापस लेता हूं ।
अब महात्मा को थोड़ा आराम मिला लेकिन वे इस बात को जानते थे कि उनको इतनी आसानी से वे लोग बाहर निकलने नहीं देंगे । और वे यह भी जान चुके थे कि यदि वे कुछ समय और यहां पर रहे तो उनको अंत होना बहुत हद तक निश्चित ही होगा ।
अंधेर नगरी चौपट राजा का अर्थ आधुनिक संदर्भ मे
यदि हम आधुनिक संदर्भ मे इसके अर्थ को निकाले तो यह थोड़ा अलग हो जाता है। आधुनिक युग के अंदर भी यह कहावत सच बैठती है। आज भी कई जगह ऐसी हैं जहां पर पॉवर फुल लोग आम जनता पर अत्याचार करते हैं । लोगों को बोलने का हक तक नहीं होता है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ऐसी कौनसी जगह हैं ? जहां पर यही हाल है। यदि हम किसी जगह का नाम बतादेंगे तो यह काफी विवादास्पद हो जाएगा । लेकिन यदि आप अपनी पैनी नजरों से देखेंगे तो आपको सब कुछ साफ साफ नजर आ जाएगा ।
kafi acha likha hai apne blog.