anya shabd roop अन्य शब्द रूप के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। यहां पर हम आपको अन्य शब्द रूप की लिस्ट दे रहें हैं। और उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आएगा । यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बातको समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
anya shabd roop अन्य शब्द रूप के बारे मे जानकारी
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | अन्यः | अन्यौ | अन्ये |
द्वितीया | अन्यम् | अन्यौ | अन्यान् |
तृतीया | अन्येन | अन्याभ्याम् | अन्यैः |
चतुर्थी | अन्यस्मै | अन्याभ्याम् | अन्येभ्यः |
पंचमी | अन्यस्मात् | अन्याभ्याम् | अन्येभ्यः |
षष्ठी | अन्यस्य | अन्ययोः | अन्येषाम् |
सप्तमी | अन्यस्मिन् | अन्ययोः | अन्येषु |
दोस्तों अन्य के बारे मे आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। इस संबंध मे हम आपको एक कहानी सुनाते हैं। प्राचीन काल की बात है एक जंगल के अंदर एक शिकारी रहता था वह शिकारी हमेशा कुछ तितर का शिकार करता था। और उन तितर का शिकार करने के बाद उस तितर को अपने घर के अंदर आता था और उसके बाद उस तितर के पंखों को उतारता था और फिर जिंदा ही भूनकर उनको खा जाता था। और यही तितर वह अपने घरवालों को खिलाता था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही उसका रोज का काम होता था । और सबसे बड़ी बात यह थी कि वह शिकारी काफी अधिक निर्दय था ।
उसका यही रोज का काम होता था और जंगल के अंदर न जाने कितने तितरों को वह अब तक मार चुका था । उसका यह काम कई दिनों से एक इंसान देख रहा था जोकि जंगल के अंदर लकड़ी चुगने के लिए आता था। वह काफी धार्मिक इंसान था। और उसे यूं जंगली जानवरों को मारना काफी अधिक बुरा लग रहा था।
लेकिन वह कर कुछ नहीं सकता था वह जानवरों से काफी अधिक प्रेम करता था। वह एक दिन तितर को पकड़ने के लिए शिकारी आया तो वह लड़का उस शिकारी के पास आया और बोला कि …….आपको यह सब नहीं करना चाहिए । यह बहुत ही बुरा काम है आप निर्दयता से जानवरों की हत्या करते हैं जोकि जरा भी अच्छा काम नहीं है।
लेकिन शिकारी ने उस लड़के को उल्टा समझा दिया कि इस काम से तुमको कोई मतलब नहीं है। मेरी मर्जी है मैं जो कुछ भी करूं । उसके बाद लड़के को लौटना पड़ा और वह एक दिन बहुत अधिक परेशान हो गया तो उस राज्य के राजा के पास गया ।
उस राज्य का राजा काफी धार्मिक इंसान था और उसे यह पसंद नहीं था कि कोई बेरहमी से जानवरों की हत्या करदे । उसने राजा के पास जाकर कहा …….महान राजा आपके राज्य के अंदर एक शिकारी जंगल के अंदर जाता है और उसके बाद वह तितर को उठाता है और उनको जिंदा ही भूनकर खा जाता है।
लेकिन उसके बाद राजा को बहुत अधिक गुस्सा आया कि उसके राज्य के अंदर कोई इस तरह से जानवरों पर अत्याचार कर रहा है तो उसके बाद राजा ने आदेश दिया कि उस शिकारी के बेटे को उठा कर लाया जाए ।और कुछ ही समय के अंदर उस शिकारी के बेटे को उठा कर लाया गया । और उसके बाद यह कहा गया कि शिकारी कि शिकारी के बेटे को उपर लटका दिया जाए और उसके बाद नीचे आग लगा दी जाए । और ऐसा ही किया गया । कुछ समय बाद शिकारी को इस बात का पता चल गया और शिकारी राज महल के अंदर रोता हुआ आया और राजा से कहा कि ………आप राजन गलत कर रहे हैं। एक मासूम बच्चे ने आपका क्या बिगाड़ा है ?
उसके बाद राजा ने कहा ……….तो जनाब आप बतादें कि उन मासूम तितरों ने आपका क्या बिगाड़ा था जो कि आप जिंदा भून भून कर खा रहे हैं। आपका बेटा जिंदा जलने पर आया तो आप धर्म और दया के बारे मे बताने लगे और उनको आप रोज जिंदा जलाकर खा रहे हैं तो आपको धर्म और दया कुछ भी याद ही नहीं आता है।
उसके बाद क्या था । शिकारी को सब कुछ समझ मे आ चुका था और शिकारी ने कहा कि वह आगे से ऐसा कुछ भी नहीं करेगा और किसी भी जानवर को अब वह नहीं मारेगा । और उसके बच्चे को छोड़ दिया जाए । और उसके बाद राजा ने उसके बच्चे को छोड़ दिया ।
दोस्तों इस कहानी को आपको बताने का मकसद सिर्फ इतना है कि दया और धर्म इंसानों के लिए ही नहीं होता है जानवरों के लिए भी होता है। और इसका न्याय प्रकृति करती है। यहां पर जो जज बैठें वह वे कोई न्याय कर्ता नहीं है। असली न्याय करने वाली नैचर है जो उन जजों का भी न्याय कर देती है जोकि दूसरों का न्याय करते है।। इसलिए सिर्फ दो किताबें पढ़कर कोई जज बन जाता है तो वह कभी भी सही साबित नहीं हो सकता है। एक जज बनने के लिए इंसान को धर्म का ज्ञान होना चाहिए । सत्य का ज्ञान होना चाहिए । यदि सत्य का ज्ञान ही नहीं है तो फिर कोई फायदा नहीं है। बस आप अपने मन को खुश कर सकते हैं कि आप कितने महान हैं और जिस दिन आपके कर्मों का हिसाब करने की बारी आएगी उसके बाद आप कुछ नहीं कर पाएंगे । आपको भी अपने कर्मों का फल भोगना ही होगा । भले ही आप कितने भी बड़े इंसान क्योंना हो ।
असल मे आप यदि गलत व्यक्ति को सजा देते हैं तो वह भी एक पाप कर्म ही होता है और अपराधियों को छोड़देना भी पाप कर्म है। और भारत के अंदर तो न्याय व्यवस्था बची ही नहीं है। यह सब गरीबों के लिए नहीं है। यह सब तो अमीरों के लिए ही बनी हुई है।
और सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि इस कलयुग के अंदर राक्षसी लोगों की शक्ति बढ़ जाती है। जैसा कि भगवान ने कहा था कि कलयुग मे राक्षसी लोगों की शक्ति चरम पर हो जाएगी जोकि आम लोगों को जिने नहीं देंगे । लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी शक्ति सदा ही रहेगी ।
एक दिन ऐसा भी आएगा जब उनकी शक्ति समाप्त हो जाएगी । और उसके बाद कलयुग का अंत हो जाएगा । लेकिन इसके अंदर काफी अधिक समय लगेगा और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
इस तरह से दोस्तों आप समझ सकते हैं कि दुनिया के अंदर क्या हो रहा है ? लेकिन आपको अच्छे बने रहना है तभी आपको फायदा होगा वरना नीच योनियों के अंदर आपको जाना ही होगा आपको कोई भी नहीं बचा सकता है।
और आपको अपने कर्मों के भोग से तो कोई बचा ही नहीं सकता है। बेहतर कर्म करने वाले आपसे बेहतर ही रहेंगे । और बुरे कर्म करने वाले नीच योनियों मे ही जाएंगे ।
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This post was last modified on October 26, 2023