atibala ke fayde in hindi , atibala beej ke fayde अबुटिलोन इंडिका एक प्रकार का पौधा होता है देखने मे तो यह एक तरह से झाड़ी जैसा दिखता है और यह काफी सजावटी पौधा होता है जोकि कई तरह की बीमारियों के अंदर काम आता है इसके जो फूल होते हैं वे पीले रंग के होते हैं। दुनिया के अंदर इस पौधे को अलग अलग नामों से पुकारा जाता है।
अतिबला के पौधे के काफी अधिक फायदे होते हैं और यह खास तौर पर औषधी के अंदर बहुत ही अधिक प्रयोग होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते है।
और आपको बतादें कि अलग अलग भाषाओं के अंदर इसको कई नामों से पुकारा जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- हिंदी नाम: कंग्हाई “कंगई”
- उर्दू नाम: कंघी “कांघी”
- तमिल नाम: थुथी “थुथी”
- Sanskrit name: अतिबला Atibalaa
- तुलु नाम: “उर्की”
- तेलुगु नाम: दुवेना कायालू “डुवेना बेंडा” (दुवेना बेंदा)
- कन्नड़ नाम: तुथी गिदा
- मलयालम नाम: वेल्लूरम
- उड़िया नाम: “पेडी पेडिका“
इस पौधे की रोएं सफेद और मखमली होते हैं और तने बैंगनी रंग के होते हैं।अतिबला के पति फूल जड़ आदि सभी का उपयोग दवाओं को बनाने मे किया जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इस पौधे से बनी औषधी का प्रयोग बार बार पेशाब और बुखार के अंदर किया जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अब हम आपको अतिबला के फायदे के बारे मे विस्तार से बताने वाले हैं।
Table of Contents
1.atibala ke fayde in hindi आंखों के लिए
दोस्तों आपको बतादें कि अतिबला आंखों के लिए काफी अधिक फायदेमंद होता है। इसका काढ़ा बनाकर पीने से आंखों की समस्याओं को काफी आराम मिलता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । आजकल आप देख रहे हैं कि आंखों के रोग काफी तेजी से फैल रहे हैं।
छोटी उम्र के अंदर ही आंखों की कमजोरी आ जाती है जिसकी वजह से चश्मा लगाना पड़ता है। हालांकि यदि आप आंखों के रोगों से बचना चाहते हैं तो अधिक समय तक मोबाइल ना चलाएं और नैचुरल चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें ।
आज से यदि आप काफी साल पीछें जाएंगे तो हमारे पूर्वजों को आंखों की समस्या नहीं होती थी। हालांकि इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि उस समय इतना अधिक प्रदूषण नहीं था और खान पान भी नैचुरल होता थो लेकिन अब तो सारा खान पान ही दवाओं का आ चुका है।
वैसे तो आंखों के कई रोग होते हैं, लेकिन हर एक का अपना अलग नाम होता है। यहाँ कुछ अधिक सामान्य हैं:
-रुमेटीइड गठिया एक ऐसी स्थिति है जो जोड़ों की सूजन का कारण बनती है। यह आंखों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं और अंधापन भी हो सकता है।
-ग्लूकोमा एक नेत्र रोग है जिसके परिणामस्वरूप नेत्रगोलक के अंदर दबाव बढ़ जाता है। समय के साथ, इलाज न होने पर यह अंधेपन का कारण बन सकता है।
-ल्यूपस एक विकार है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है और नेत्र रोग सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
-स्क्लेरोडर्मा एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें आंखों सहित शरीर के आसपास की त्वचा और ऊतकों में जकड़न और सूजन हो जाती है। इलाज न कराने पर यह अंधेपन का कारण बन सकता है।
2.Atibala के फायदे दांतों के लिए
दोस्तों आपको बतादें कि Atibala आपके दांतों के लिए भी काफी अधिक फायदेमंद होता है। यदि आपको दांतों की समस्या जैसे दांतों मे सड़न आदि है और मसूड़ों के अंदर सूजन की समस्या है तो आपको Atibala के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ला करना चाहिए ।
जिससे कि आपको समस्या के अंदर काफी अधिक आराम मिलेगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
दांत दर्द आजकल एक आम समस्या बन चुकी है। और दांतों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको समय समय पर अपने दांतों की अच्छी देखभाल करना बेहद ही जरूरी हो चुका है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।और सबसे बड़ी बात तो यह है कि दांत दर्द से बच्चे से लेकर बूढ़े तक परेशान होते हैं।
दोस्तों जब हम दांतों के अंदर दर्द की बात करते हैं तो इसके अंदर मसूड़ों की बीमारी का नाम आता है। यदि मसूड़ों के अंदर सूजन है तो इसकी वजह से दांत मे दर्द हो सकता है। और इसलिए मसूड़ों के अंदर यदि सूजन दिखाई देता है तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए ।
वैसे दांत के अंदर दर्द होने के कई सारे कारण हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर कई बार क्या होता है कि कोई दांत टूट जाता है जिसकी जगह से वहां की जगह खाली हो जाती है और उसके बाद इसका प्रभाव आस पास के दांतों पर पड़ता है। जिसकी वजह से आस पास के दांतों के अंदर भी दर्द होने लग जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा कई बार दांत के अंदर सड़न पैदा हो जाती है क्योंकि दांत के अंदर बैक्टिरिया पनप जाते हैं और दांत को अंदर से खोखला कर देते हैं। इसका प्रभाव आस पास के दांतों पर भी पड़ता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा यदि आप बहुत अधिक मीठा खाते हैं तो उसकी वजह से भी यह दांतों को परेशान करता है। क्योंकि मीठे की वजह से आपके मुंह के अंदर बैक्टिरिया काफी तेजी से पनपते हैं और दांतों मे दर्द पैदा कर सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा आपको चाहिए कि आप खाना खाने के बाद अपने मुंह को साफ करें । मतलब कुल्ला आपको करना चाहिए । यदि आप कुल्ला नहीं करते हैं तो उसकी वजह से बैक्टिरिया अधिक समय तक आपके दांतों मे रह सकते हैं और आपके लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं। यह आपके दांतों मे दर्द पैदा कर सकते हैं।
- इसके अलावा आपको दांतों के बीच मे भोजन के टुकड़े फंसे रह जाते हैं जिसकी वजह से बैक्टिरिया के पनपने के चांस काफी अधिक बढ़ जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इस वजह से समय समय पर एक धागे की मदद से अपने दांतों को साफ करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
3.atibala ke fayde in hindi खांसी के अंदर
यदि आपको खांसी की समस्या है तो अतिबला के चूर्ण को घी के साथ सेवन करें । ऐसा करने से खांसी की समस्या दूर हो जाएगी । यह एक तरह से एक अच्छा उपाय है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यदि सूखी खांसी के साथ उल्टी हो रही है तो अतिबला के बीज तथा वासा के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-20 मि.ली. मात्रा में सेवन करने से काफी अधिक लाभ हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
खांसी सबसे आम लक्षणों में से एक है जो लोग अनुभव करते हैं। यह कई अलग-अलग चीजों के कारण हो सकता है और हल्के से लेकर बहुत गंभीर तक हो सकता है। खांसी इस बात का संकेत हो सकती है कि आपको कोई संक्रमण या बीमारी है, और अक्सर आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इसका इलाज करने की आवश्यकता होती है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो खांसी से निमोनिया जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आपको काफी अधिक समय तक खांसी आ रही है तो फिर आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है या फिर दवाएं देता है उसको आपको लेना चाहिए । जिससे कि आपकी समस्या सही हो जाएगी । यह आपके लिए सबसे अधिक अच्छा होगा और आप इस बात को समझ सकते हैं।
वैसे देखा जाए तो खांसी आमतौर पर दो प्रकार की होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । सबसे पहली खांसी सूखी खांसी होती है। इसके अंदर आपको बलगम नहीं आता है बस खांसी आती रहती है और दूसरी होती है बलगम वाली खांसी इसके अंदर खांसी के साथ बलगम भी आता है।
वैसे आपको बतादें कि अधिकांश समय के अंदर खांसी 3 सप्ताह के अंदर सही हो जाती है। यदि आपकी खांसी 3 सप्ताह के अंदर सही नहीं होती है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए । क्योंकि यह किसी तरह की बड़ी समस्या का संकेत दे सकती है जैसा कि हमने आपको उपर बताया ।
- ऊपरी श्वसन पथ का एक संक्रमण यदि है तो उसकी वजह से भी खांसी की समस्या हो सकती है। हालांकि दवाओं से इसको ठीक किया जा सकता है।
- यदि आपको एलर्जी की समस्या है तो उसकी वजह से भी खांसी ठीक हो सकती है।
- सांस फूलने की वजह से खांसी होती है जैसे धुंआ वैगरह अंदर चला जाता है तो यह हो सकती है।
4.पेचिश मे अतिबला काफी फायदेमंद होता है
दोस्तों यदि आपको पेचिश की समस्या है तो उसके लिए आपको अतिबला के पत्तों की सब्जी का सेवन करना चाहिए । यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।
पेचिश एक बहुत ही अप्रिय और संभावित घातक बीमारी है। यह जीवाणु क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल से दूषित भोजन या पीने के पानी के कारण होता है। पेचिश के लक्षणों में खूनी दस्त, कमजोरी और ऐंठन शामिल हैं। अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए तो यह मौत का कारण बन सकता है। खुद को पेचिश से बचाने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं:
1) ठीक से पका हुआ खाना खाएं और खाने से पहले क्रॉस संदूषण की जांच करें।
2) केवल शुद्ध पानी या ऐसे पेय पियें जिन्हें पानी गर्म होने तक गर्म किया गया हो।
3) उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियां खाने से बचें। अगर ठीक से साफ न किया जाए तो ये डायरिया का कारण बन सकते हैं।
4) दर्द और सूजन से राहत के लिए इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन लें, और निर्जलीकरण को रोकने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पियें।
यदि हम पेचिश के प्रकार की बात करें तो यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है।
बैक्टीरियल पेचिश आमतौर पर बैक्टीरिया जब आपकी आंतों के अंदर चला जाता है तो उसकी वजह से होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और यह आमतौर पर दूषित खाने पीने की चीजों की वजह से हो जाता है।और इसके काफी भयंकर दूषपरिणाम हो सकते हैं। इसलिए इसका समय पर इलाज करना बहुत ही जरूरी हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अमीबी पेचिश आमतौर पर एक कोशिकिए पैरासाइटिस की वजह से फैलता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।अमीबायसिस के नाम से भी इसको जाना जाता है और इस रोग का जो वाहक होता है वह काफी लंबे समय तक जीवित रह सकता है यहां तक की शौचालय का प्रयोग करने के बाद यह लोगों के हाथों पर आसानी से जीवित रह सकता है।
यदि आपको किसी तरह के पेचिश की समस्या है तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपका उसको पालन करना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
बैक्टीरियल पेचिस के जो लक्षण होते हैं वो इसके संक्रमण होने के 1 से 3 दिन के अंदर दिखाई देने लग जाते हैं जिसकी वजह से आप इसको बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
मतली और उल्टी
बुखार का होना
पेट दर्द का होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।
अमीबी पेचिश के लक्षण की यदि हम बात करते हैं तो वो कुछ इस प्रकार के होते हैं जिसके बारे मे हम बताने वाले हैं।
- पेट में दर्द
- बुखार और ठंड लगना
- मतली और उल्टी
- मल त्याग करते समय दर्द महसूस होना
- थकान
- रूक-रूक कर कब्ज होना
इस तरह से आप इनको पहचान लेने के बाद अपने डॉक्टर के पास जा सकते हैं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
5.बवासीर के अंदर अतिबला के फायदे
यदि आपको बवासीर की समस्या है या पाइल्स की बीमारी है तो आप यह कर सकते हैं। अतिबला के बीजों को लें और कूट कर रात भर पानी के अंदर भीगों दे और उसके बाद इनका सेवन करें । या फिर यदि आप अतिबला के पत्तों की सब्जी बनाकर भी खाते हैं तो इससे भी बवासीर के अंदर काफी अधिक लाभ होता है।
दोस्तों आपको बतादें कि बवासीर आमतौर पर दो प्रकार का होता है। एक होता है खूनी बवासीर इसके अंदर मस्से होते हैं उनके अंदर से खून पिचकारी की तरह बहता है और यदि किसी को इसके बारे मे पता नहीं हो तो वह काफी अधिक डर जाता है।
मस्सा पहले अंदर की तरफ होता है लेकिन बाद मे समय के साथ साथ यह बड़ा होने लग जाता है और यदि आप इसको हाथ से दबाते भी हैं तो यह अंदर नहीं जाता है और समस्याएं होने लग जाती हैं। और इसका एक मात्र उपचार ऑपरेशन ही होता है।
इसके अलावा यदि हम दूसरे बवासीर की बात करें तो इसको बादी बवासीर के नाम से जाना जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसके होने का जो सबसे बड़ा कारण पेट खराब होना ही होता है। पेट के अंदर कब्ज बनती है गैस होती है और इसकी वजह से बादी बवासीर हो जाता है।
इसके अलावा इसके अंदर यदि मस्सा अंदर की तरफ होता है जिसकी वजह से मल त्याग करने मे काफी अधिक समस्या होती है। और इससे चुनन फट जाती है और बाद मे यहां पर घाव हो जाता है। और यदि बवासीर काफी पुराना हो जाता है तो यह भगंदर हो जाता है जिसका इलाज सिर्फ ऑपरेशन ही होता है।
लेकिन यदि हम बवासीर के कारणों के बारे मे बात करें तो इसके कारण सबसे अधिक पेट खराब होने की वजह से ही होता है। यदि आपको कब्ज की समस्या अक्सर होती है तो फिर आपको बवासीर हो सकता है। मुझे भी बवासीर हुआ था वह भी पेट के खराब होने से तो यदि आप कब्ज पर काबू पा लेते हैं और कुछ हौम्योपेथिक दवाओं का सेवन करते हैं तो उसकी वजह से आपको बवासीर से छूटकारा मिल सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आप समय पर दवाओं का सेवन करते हैं तो इसको आसानी से ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि आप अधिक ध्यान नहीं देते हैं तो उसके बाद इसको ठीक करना सबसे कठिन हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और ऑपरेशन करवाना पड़ सकता है।
6.अतिबला के काढ़ा से मूत्र रोग ठीक हो जाता है
दोस्तों यदि आपको किसी भी तरह का मूत्र रोग है तो उसको आप अतिबला के काढ़ा से ठीक कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते है।
10-20 मिली अतिबला की जड़ के काढ़ा सेवन करने से काफी अधिक लाभ होता है। इसके अलावा अतिबला के बीजों को रात मे भीगो कर रखदें । और सुबह उठने के बाद उनका सेवन करें । इससे काफी अधिक फायदा होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
मूत्र रोग कई प्रकार के हो सकते हैं। जिनके बारे मे भी हम आपको बता रहे हैं।
लेकिन सबसे सामान्य मूत्र रोग मूत्रपथ संक्रमण होता है। मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) बहुत आम हैं और बेहद शर्मनाक हो सकते हैं। कुछ मामलों में, एक यूटीआई आपके पेट के निचले हिस्से में कष्टदायी दर्द भी पैदा कर सकता है। यदि अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो एक यूटीआई जल्दी गंभीर हो सकता है और जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है।
यूटीआई के कई अलग-अलग प्रकार हैं और प्रत्येक के लिए एक अलग उपचार योजना की आवश्यकता होती है। कुछ लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता होती है जबकि अन्य को संक्रमण को दूर करने के लिए बहुत अधिक तरल पदार्थ पीने की आवश्यकता हो सकती है। कुछ मामलों में, मूत्र पथ के संक्रमित क्षेत्र को साफ करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
अगर आपको लगता है कि आपको यूटीआई हो सकता है, तो जल्द से जल्द जांच करवाना महत्वपूर्ण है। आप अपने डॉक्टर से सलाह भी ले सकते हैं कि किस प्रकार का उपचार आपके लिए सबसे अच्छा है।
इसके अलावा कई बार मूत्र पथ के अंदर कैंसर जैसी समस्याएं भी विकसित हो जाती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
यदि आपको मूत्र रोग है तो इसके कुछ लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं जिसकी मदद से आप इसको बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं कि आपको यह समस्या है तो आइए जान लेते हैं इसके लक्षणों के बारे मे
- बार बार पेशाब करने की इच्छा का होना मूत्र रोग होने का संकेत दे सकता है।
- इसके अलावा कई बार पेशाब के अंदर जलन भी हो सकती है।
- पेशाब करने मे कठिनाई का होना ।
- इसके अलावा मूत्र का सही तरह से नहीं आना
- अंडकोश के अंदर गांठ का हो जाना ।
इस तरह से यदि आपको इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर डॉक्टर के परामर्श करने चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
7.atibala ke fayde in hindi घाव को सूखाने मे
दोस्तों आपको बतादें कि अतिबला के फूल और पत्ते का पीस कर घाव पर लेप किया जाता है तो इसकी वजह से घाव सूख जाता है। यह एक अच्छा उपाय है जिसको आप कर सकते हैं और यह आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। जब आपके घर के अंदर किसी भी तरह की दवा उपलब्ध नहीं होती है तो आप इस प्रयोग को कर सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। तो कुछ दिन आपको यह प्रयोग करके देखना चाहिए।
हालांकि आप अपने घाव को डॉक्टर को भी दिखा सकते हैं और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं तभी कुछ फायदेमंद हो सकता है आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
और यदि घाव काफी बड़ा है तो फिर तो आपको एक बार अपने डॉक्टर को जरूर ही दिखाना चाहिए ।
8.डायबिटीज के अंदर अतिबला के फायदे
दोस्तों डायबिटीज को मधुमेह के नाम से जाना जाता है। आपको बतादें कि अतिबला के चूर्ण का यदि आप सेवन करते हैं तो इससे मधुमेह के अंदर काफी अधिक लाभ मिलता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
मधुमेह रोगों का एक समूह है जो तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर सकता है या जब शरीर में कोशिकाएं इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाती हैं। मधुमेह के लक्षणों में रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि, थकान और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई शामिल है। मधुमेह तीन प्रकार के होते हैं: टाइप 1, टाइप 2 और गर्भकालीन मधुमेह। टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर बचपन या शुरुआती किशोरावस्था में शुरू होता है और यह इंसुलिन उत्पादन की कमी के कारण होता है। टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों को अक्सर कोई ज्ञात कारण नहीं होता है और यह उच्च रक्त शर्करा के स्तर के वर्षों के बाद विकसित होता है। गर्भकालीन मधुमेह गर्भावस्था के दौरान होता है और अच्छे प्रबंधन से इसे ठीक किया जा सकता है।
यदि आपको मधुमेह की समस्या है तो फिर इसका कोई स्थाई तो इलाज नहीं है लेकिन उसके बाद भी आपको रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कुछ उपाय करना चाहिए । इसके अलावा कुछ दवाएं भी आती हैं जिसकी मदद से आपको काफी अधिक आराम मिल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
9.पथरी के अंदर अतिबला के फायदे
दोस्तों यदि आपको पथरी की समस्या है तो उसके अंदर भी अतिबला काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है इसके लिए आपको अतिबला की जड़ का चूर्ण बना लेना होगा और उसके बाद आप इसको सुबह शाम अपने आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श करने के बाद सेवन करेंगे तो इसकी मदद से पत्थरी आसानी से बाहर निकल जाएगी । यह एक अच्छा उपाय है जिसको आप कर सकते हैं। और यह आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद भी हो सकता है ।
वैसे तो शरीर के कुछ अंगों के अंदर पत्थरी बन सकती है लेकिन आम पत्थरी गुर्दे की पत्थरी होती है। मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन जैसे तत्व होते हैं जोकि एकत्रित होने लग जाते हैं जिसकी वजह से पत्थरी बनने लग जाती है।
वैसे यदि हम पत्थरी बनने के कारणों के बारे मे बात करें तो इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कैल्शियम या ऑक्सालेट की मात्रा यदि आपके मूत्र के अंदर बढ़ने लग जाती है तो इसकी वजह से भी पत्थरी बन सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा कुछ दवाओं और गलत प्रकार के खान पान की वजह से भी पत्थरी बनती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इसको समझ सकते हैं।
- इसके अलावा यदि आप पानी का सेवन कम करते हैं तो इसकी वजह से भी पत्थरी बनने के चांस काफी अधिक हो जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन सी आदि कि यदि आप अधिक खुराक ले रहे हैं तो इसकी वजह से भी पत्थरी बनने के चांस काफी अधिक बढ़ सकते हैं।
- इसके अलावा कुछ लोगों को पत्थरी बनना एक प्रकार की अनुवांशिक समस्या होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
और सबसे बड़े पत्थरी के लक्षणों की बात करें तो आपको बतादें कि पत्थरी की वजह से पेट के अंदर काफी अधिक दर्द होता है और दर्द काफी तेज होता है यह असहनिय हो जाता है आप इस बात को समझ सकते हैं।हालांकि यदि पत्थरी छोटी है तो इससे आसानी से छूटकारा पाया जा सकता है और दूर किया जा सकता है।
10.महावारी में अधिक खून बहने मे अतिबला के फायदे
दोस्तों हम सभी को पता है कि लड़कियों को पिरियड आते हैं और उनके अंदर खून निकलता है। यदि हैवी पिरियड आ रहे हैं तो उसके अंदर भी अतिबला का सेवन करना काफी अधिक फायदेमंद हो सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
मासिक धर्म एक महिला के जीवन का अहम हिस्सा होता है। यह उसके शरीर को गर्भाशय के अस्तर को छोड़ने की अनुमति देता है और उसे गर्भवती होने में मदद करता है। यह दर्द और परेशानी का स्रोत भी हो सकता है
11.सफेद दाग के अंदर अतिबला के फायदे
दोस्तों यदि आपको सफेद दाग की समस्या है तो फिर आपको अतिबला के जड़ का चूर्ण लेना चाहिए । जड़ का चूर्ण (1-2 ग्राम), चंदन कल्क (1-2 ग्राम), तुवरक तैल (2-5 मिली) तथा बाकुची तेल (2-4 मिली) लें और इन सभी को जिस स्थान पर सफेद दाग होता है वहां पर लेप करना चाहिए । जिससे कि सफेद दाग के अंदर काफी अधिक आराम मिलेगा ।
सफेद दाग त्वचा रंगद्रव्य के अंदर कमी की वजह से होता है जिसकी वजह से त्वचा पर अनेक तरह के सफेद दाग हो जाते हैं जोकि दिखने मे काफी अधिक खराब लगते हैं।इस प्रकार का रोग यदि किसी को हो जाता है तो उसकी वजह से रोग खुद को मानसिक रूप से कमजोर महसूस करते हैं।
वैसे सफेद दाग के रोग के संबंध मे अनेक प्रकार की भ्रांतियां भी मौजूद रहती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। और यह माना जाता है कि यह संक्रामक होता है लेकिन आपको बतादें कि यह रोग संक्रामक नहीं होता है। इसके सही सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं हैं। इसके अलावा इस रोग के संबंध मे एक इस तरह की मान्यता भी बनी हुई है कि जो लोग खट्टे भोजन वैगरह का सेवन करते हैं उनको यह रोग होने के चांस काफी अधिक होते हैं लेकिन इस रोग का मछली और दूसरे भोजन से कोई संबंध नहीं है।
यदि आपको किसी तरह से सफेद त्वचा रोग दिखता है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और इस रोग की दवाएं उपलब्ध हैं आप उन दवाओं का सेवन कर सकते हैं। और इस रोग से छूटकारा पा सकते हैं। और यदि यह रोग हो गया है तो छुपाने की कोशिश ना करें। वरन आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए ।
12.मिर्गी के अंदर अतिबला के फायदे
दोस्तों आपको बतादें कि कुछ लोगों को मिर्गी की समस्या होती है। इनके लिए अतिबला काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके जड़ के चूर्ण का सुबह शाम यदि आप सेवन करते हैं तो इसकी वजह से काफी अधिक लाभ हो सकता है।
मिर्गी एक स्नायविक विकार है जो आवर्तक दौरे की विशेषता है। मिर्गी विभिन्न प्रकार के कारकों के कारण हो सकती है, जिनमें ब्रेन ट्यूमर, सिर की चोट, स्ट्रोक और आनुवंशिक विकार शामिल हैं। मिर्गी का कोई एक कारण नहीं है, लेकिन यह आमतौर पर मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि की समस्याओं के कारण होता है।
यदि किसी को मिर्गी होती है तो उसकी वजह से काफी समस्याएं होती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और इसकी वजह से मिर्गी का दौरा पड़ सकता है जिसके अंदर इंसान बेहोश हो जाता है यह कुछ समय के लिए हो सकता है या फिर अधिक समय तक हो सकता है। और कुछ लोगों का शरीर मिर्गी की वजह से आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।यदि आपको मिर्गी की समस्या है तो इसका निदान तब किया जाता है जब आपको काफी अधिक दौरे पड़ते हैं। कुछ लोगों को जीवन काल के अंदर बस एक बार दौरा पड़ता है। इसक तरह के लोगों को निदान की कोई आवश्यकता नहीं होती है लेकिन जिन लोगों को काफी अधिक बार दौरा पड़ता है उनको निदान की जरूरत होती है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके लिए डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं जिसकी मदद से निदान किया जा सकता है।
एईडी को मिर्गी रोधी दवा के नाम से जाना जाता है। और यदि रोगी को इसकी सही खुराक दी जाती है तो आसानी से मिर्गी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसकी मदद से पहले ही कई मिर्गी के रोगियों का सही उपचार किया जा चुका है।
मिर्गी से जुड़े मुख्य जोखिमों में से एक मिर्गी (एसयूडीईपी) में अचानक अप्रत्याशित मौत है। SUDEP एक ऐसी स्थिति है जिसमें मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो जाती है। SUDEP का कारण अज्ञात है, लेकिन यह दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी विभिन्न चीजों के कारण हो सकता है।
SUDEP ज्यादातर उन लोगों में होता है जिन्हें मिर्गी होती है, लेकिन यह बिना मिर्गी वाले लोगों में भी हो सकता है। SUDEP दुर्लभ है, और यह ज्ञात नहीं है कि प्रत्येक वर्ष कितने लोग इससे मरते हैं। हालांकि, अनुमान प्रति वर्ष 500 से 1,000 तक है।
13.उन्माद रोग के अंदर अतिबला के फायदे
दोस्तों आपको बतादें कि उन्माद एक प्रकार का मानसिक रोग होता है। इसके अंदर भी अतिबला के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । अतिबला के पत्तों का रस निकालें और उसके बाद चीनी के साथ यदि इसका सेवन किया जाता है तो इससे काफी अधिक फायदा होता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
उन्माद रोग के अंदर एक तरह से हम कह सकते हैं कि इंसान की भावनाएं नियंत्रित नहीं होती हैं जिसकी वजह से इंसान सुसाइड के बारे मे सोचने लग जाता है और इस रोग का नियंत्रण करना बहुत ही जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
यह रोग आमतौर पर उन लोगों के अंदर अधिक होने का चांस होता है जोकि मानसिक रूप से काफी दुर्लभ होते हैं प्राचीन काल के अंदर इस रोग को भूत प्रेत की वजह माना जाता था लेकिन अब यह माना जाता है कि यह भूत प्रेत की वजह से नहीं होता है वरन एक प्रकार की मानसिक समस्या की वजह से होता है।
- बिना कारण हँसना, बोलना, नाचना, गाना,
- सामान्य से अधिक खुश रहना,
- सोने की इच्छा में कमी,
- बड़े-बड़े दावे करना, खुद को बड़ा बताना,
आदि इस रोग के कुछ लक्षण होते हैं जिसकी मदद से आप इसको पहचान सकते हैं । और यदि किसी के अंदर यह रोग दिखाई देता है तो उसको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए उनका डॉक्टर जो निर्देश देता है उनका पालन करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
इस रोग की दवा भी उपलब्ध है तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करने के बाद उस दवा का सेवन करना चाहिए । यह आपके लिए सबसे अधिक जरूरी हो जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा ।
14.बुखार मे अतिबला के काढ़े का सेवन करना
दोस्तों बुखार एक शरीर का तापमान है जो सामान्य से अधिक होता है। कई चीजें हैं जो बुखार पैदा कर सकती हैं, और यह कई अलग-अलग बीमारियों के कारण हो सकता है। बुखार के कुछ सामान्य कारणों में सामान्य सर्दी, फ्लू, मलेरिया और अन्य संक्रमण शामिल हैं। बुखार किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है, जैसे कैंसर या सेप्सिस।
जैसा कि आपको पता चल गया होगा कि बुखार अपने आप मे कोई रोग नहीं है यह किसी ना किसी रोग का लक्षण होता है। यदि बुखार का इलाज करना है तो उस रोग को पकड़ना होगा जिसकी वजह से बुखार आया है आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अतिबला के काढ़े मे एक ग्राम सोंठ मिलाएं और जड़ को रात भर भीगोंकर छोड़ दें और उसके बाद पीने से बुखार के अंदर काफी आराम मिल जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इस तरीके की मदद से यदि सामान्य बुखार है तो इलाज किया जा सकता है लेकिन यदि बुखार सामान्य नहीं है तो उसके बाद इस तरीके से इलाज नहीं किया जा सकता है आपको एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए ।
इस तरह से उम्मीद करते हैं कि आप बुखार के बारे मे समझ ही गए होंगे ।
15.मासिक धर्म चक्र रूकने मे सुधार करता है अतिबला
दोस्तों महिलाओं को हर महिने मासिक धर्म आता है और यदि वह किसी वजह से रूक जाता है या फिर उसका समय निश्चित नहीं होता है तो उसके अंदर अतिबला काफी अधिक फायदेमंद होती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
मासिक धर्म चक्र आमतौर पर महिलाओं को 40 से 50 साल बाद रूक जाता है । लेकिन कई बार क्या होता है कि किसी तरह की समस्या की वजह से यह पहले ही रूक जाता है।
- जैसे यदि आपका वजन काफी कम है तो उसकी वजह से भी मासिक धर्म चक्र रूक सकता है। क्योंकि वजन कम होने की वजह से मासिक धर्म पैदा करने वाले हार्मोन के अंदर असंतुलन हो जाता है और इसकी वजह से यह रूक जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- इसके अलावा कुछ महिलाएं होती हैं जोकि एक्सरसाइज के अंदर काफी अधिक रूचि लेती हैं। और यदि वे अधिक एक्सरसाइज करती हैं तो इसकी वजह से भी मासिक धर्म चक्र रूक जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- इसके अलावा यदि कोई महिला तनाव के अंदर अक्सर रहती है तो उसके मासिक धर्म के रूकने के चांस सबसे अधिक होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- पिट्यूटरी ट्यूमर भी एक प्रकार की समस्या होती है जिसकी वजह से मासिक धर्म रूक जाता है। हालांकि यह एक प्रकार का कैंसर नहीं है। इसका इलाज किया जा सकता है।
- थायराइड की समस्या यदि आपको है तो इसकी वजह से भी महावारी रूकने के चांस काफी अधिक होते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
- गर्भनिरोधक गोलियों को यदि आप लंबे समय तक सेवन करते हैं तो इसकी वजह से भी मासिक धर्म बंद हो जाता है और यदि आप अधिक लेते हैं तो यह आना ही बंद हो जाता है। इसलिए गर्भनिरोधक गोलियों को अधिक समय तक सेवन नहीं करना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
16.Leucorrhea के अंदर अतिबला के फायदे
दोस्तों आपको बतादें कि Leucorrhea एक प्रकार का रोग खुद नहीं होता है। इसके अंदर महिलाओं के गुप्त पार्ट के अंदर सफेद रंग का पानी आता है। और यह काफी बदबू दार भी हो सकता है। यह अंदर किसी तरह के सूजन की वजह से हो सकता है।
इस समस्या को अतिबला दूर कर सकता है। क्योंकि इसके अंदर एंटि बैक्टीरियल गुण पाया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
चकर आना ,कमजोरी और कमर दर्द जैसी समस्याएं इसके साथ हो सकती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसें अधिक सही होगा ।
इस समस्या से बचाव करने का बस एक ही तरीका है कि समय पर पार्ट की साफ सफाई करना बहुत ही जरूरी होता है आपको समय पर साबुन से साफ सफाई करनी चाहिए। इसके अलावा यदि मैथुन किया है तो उसके बाद साफ सफाई करें । यदि आप मूत्र त्याग कर रहे हैं तो इसके बाद भी आपको साफ सफाई करना चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं।
इसके अलावा यदि गर्भपात हुआ है तो आपको चाहिए कि आप इसके नियंत्रण के लिए उपाय करें । यह सबसे अधिक जरूरी होता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । संबंध बनाने के लिए आपको उचित सुरक्षा के उपायों को करना सबसे अधिक जरूरी होता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
और यदि यह रोग काफी अधिक लंबे समय से चल रहा है तो फिर आपको एक बार अपने डॉक्टर से इसके बारे मे बात करनी चाहिए । इसके लिए आपको किसी भी तरह की शंका नहीं करनी चाहिए आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सही होगा ।
17.मसूढ़ो के ढीलापन और सूजन को दूर करने मे अतिबला के फायदे
ढीले और सूजे हुए मसूड़े एक आम समस्या है जिसके लिए बहुत से लोग इलाज चाहते हैं। ढीले और सूजे हुए मसूड़ों का सटीक कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन यह माना जाता है कि यह दंत समस्याओं, जीवन शैली विकल्पों और आनुवंशिकी के संयोजन से संबंधित है। उपचार आमतौर पर समस्या के अंतर्निहित कारणों को हल करने पर केंद्रित होता है।
यदि आपको मसूड़ों के अंदर सूजन है तो इसके लिए अतिबला काफी फायदेमंद हो सकता है। वैसे आपको बतादें कि मसूड़ों के अंदर जो सूजन होता है वह कई सारे कारणों की वजह से हो सकता है। जिसके अंदर सबसे आम कारण होता है दांत के अंदर कैवेटी का होना ।यह आमतौर पर दांत की नसों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं जिससे कि होता यह है कि दांत अंदर से खोखला हो जाता है और दांत मे काफी तेज दर्द होता है और दांत के आस पास सूजन आ जाती है।
यदि आपको किसी दांत के अंदर सूजन है और दर्द हो रहा है तो फिर आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करें और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है उसका पालन करें । यह आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद होगा आप इस बात को समझ सकते हैं।
यदि आपके दांत के अंदर दर्द है और आप डॉक्टर को दिखाने मे देरी करते हैं तो उसके बाद समस्या हो सकती है और आपके जो दांत का दर्द है वह काफी अधिक बढ़ सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
18.शरीर मे जलन मे अतिबला के फायदे
यदि शरीर के अंदर जलन हो रही है तो अतिबला के पत्तों को रात पर पानी के अंदर भीगों कर रख देना चाहिए और उसके बाद सुबह इनका सेवन करना चाहिए । ऐसा करने से काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।
वैसे आपको बतादें कि शरीर के अंदर जलन कई कारणों की वजह से हो सकती है।वैसे शरीर के अंदर यदि जलन हो रही है तो उसको नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि कई बार क्या होता है कि यह किसी ना किसी गम्भीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है।
जैसे कि पैरों के अंदर जलन हो रही है तो यह कई बार तंत्रिका क्षति या फिर मधुमेह की वजह से भी हो सकती है।और यदि शरीर के अंदर विटामिन और पोषक तत्वों की कमी होती है तो इसकी वजह से भी जलन पैदा हो सकती है आप इस बात को समझ सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
हालांकि यह सीधे तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि आपके अंदर जलन किस वजह से हो रही है ? लेकिन आमतौर पर जांच के बाद आसानी से यह पता चल जाता है कि आपको जलन क्यों हो रही हैं ?
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This post was last modified on November 29, 2022