baarish dosti shayari barish shayari dosti के बारे मे हम आपको बताने वाले हैं। दोस्तों दोस्ती बारिश शायरी को हमने खुद लिखा है। और उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आएगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । कई बार बारिश होती है तो हमें शायरी की जरूरत होती है। और यहां पर हम दोस्ती बारिश की मस्त शायरी के बारे मे बता रहे हैं।
बारिश का मौसम सुहाना होता है ।
आप जैसा दोस्त मिले तो जग दिवाना होता है।
दोस्त जिदंगी का अनमोल खजाना होता है।
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दोस्तों के संग तो रोज जीते हो कभी ,
बारिश के संग भी कभी जी लिया करो ।
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बिन बादल कभी बरसात नहीं होती ।
आपके बिना जिदंगी मे यूं करामात नहीं होती ।
दिन नहीं गुजरता रात नहीं कटती ,
जब तक आपसे बात नहीं होती ।
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सूरज डूबे बिना रात नहीं होती ।
आपको देखे बिना हमारे दिन
की शूरूआत नहीं होती ।
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बारिश की कुछ बूंदों से भीग गए हम ।
आपके आने से जिदंगी जीना सीख गए हम ।
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बारिश मे इतंजार हम आपका कर रहे ।
दोस्त तो हम आपका जिदंगी भर रहे ।
फिर भी आप हमसे क्यों किनारा कर रहे ।
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बादलों ने भी बरसना छोड़ दिया ।
जब से आपने हमसें दोस्ती का
रिश्ता तोड़ दिया ।
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आज का मौसम बड़ा खुशनशीब था।
आप जैसा दोस्त मिला यह हमारा नशीब था।
आपकी दोस्ती का रिश्ता हमारे दिल के करीब था।
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आसमां जमीं से प्यार कर बैठा ।
बारिश हुई और यह दिल भी
दोस्त का इंतजार कर बैठा ।
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बारिश रात पर होती रही ।
पर वो चैन की नींद सोती रही ।
हमको ना चैन था ना सकून था
हालत हमारी बुरी रात भर होती रही ।
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बारिशों का दौर था ।
आपके दिल मे कुछ और था ।
दुनिया मे आपकी झूठी
दोस्ती का शौर था।
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सावन आया तो बरसात हुई ।
वक्त का सूरज ढला तो फिर रात हुई ।
दोस्ती हुई तो मुलाकात हुई ।
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बारिश हो और हाथ मे शराब हो ।
आपके संग हर शाम लाजवाब हो ।
आप हमारी जिदंगी के खिताब हो ।
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आज फिर याद आपकी आई है ।
आंखों से आसुंओं की बरसात आई है।
कब मिलोगे आप हमसे ,
हमारी जिदंगी तो आपकी बनाई है।
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बदला मौसम का मिजाज था ।
आपका हमारे दिल मे राज था ।
मिला जो आपसे हमे साज था।
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बारिश की बूंदों मे तस्वीर आपकी नजर आई ।
आपकी दोस्ती हमें ,
जिदंगी भर के साथ की नजर आई ।
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बरसात मे क्यों तरसाते हो तुम ।
हमसे मिलने के बहाने क्यों बनाते हो तुम ।
कि हम डूब जाएं ,
इतना पानी क्यों बरसाते हो तुम ।
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भीगा मन था तो आंखें भी भीख गई ।
आज वो भी दोस्तों को मनाना सीख गई ।
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हम बादल बन जाएं ,
तो तुम बरसात बन जाओ।
गुजारिश आपसे करते हैं ,
आप जिदंगी भर का साथ बन जाओ ।
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आपने बहुत हमारा दिल दुखाया है ।
बारिशों ने हमें फिर रूलाया है।
दोस्ती ही नहीं है तो
फिर हमें क्यों मिलने बुलाया है ।
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चाहत थी बरसात की ,
तो लो बरसात हो गई ।
दोस्ती ही नहीं है आपसे
तो क्यों आप हमारे साथ हो गई ।
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बारिश का यह मौसम याद आएगा ।
हमारी जिदंगी मे खुशी का दौर
बस आपसे मिलने के बाद आएगा ।
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बारिश की रातें बहुत सर्द हैं ।
आपकी दोस्ती मे बहुत दर्द हैं ।
सह लेते हैं सब कुछ
हम भी आखिर मर्द हैं।
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इस दिल मे प्यार जगाया आपने ।
दोस्ती का वादा करके निभाया आपने ।
इस बरसात का दामन थमाया आपने ।
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आंधियों ने बहुत धूल उड़ाई है ।
आपकी दोस्ती ने ,हमारी जिदंगी सताई है।
दो बूंद बारिश नें आंखें तड़पाई है।
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बारिशों मे भीगने का मजा ही कुछ और है ।
आपकी दोस्ती की फिजा ही कुछ और है ।
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भीगा मौसम से
भीग गई है जिदंगी हमारी ।
आपकी नजरों से देखा ,
तो जानी पहचानी सी लगती है दुनिया सारी ।
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यह बारिशों की रात थी ।
यह तो खुशियों की बरसात थी।
हमें क्या होता
जब आप जैसी दोस्त साथ थी।
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दिल मे अनजाना एहसास था ।
बारिशों का मौसम भी रास था।
कैसे रोने देता हमें
जब आप जैसा दोस्त खास था।
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बारिश चुपके चुपके होती रही ।
और आपकी दोस्ती विश्वास
धीरे धीरे खोती रही ।
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बारिश का मौसम सुहाना था ।
हमारी खुशी मो एक बहाना था ।
हम तो राए इसलिए नहीं बस
आपको हंसाना था।
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दूर रहकर भी बादल
इस धरती पर बरसा करते हैं।
हम तो आपके करीब हैं
फिर भी क्यों आपसे मिलने को तरसा करते हैं।
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सुबह का मौसम बारिशों से सुहाना है ।
आप हमारे जिगरी यार हैं ,
हमें बस आपको इतना बताना है।
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बनाएं रखिए चाय और पकड़े।
बारिशों मे लेट हो गए हैं हम थोड़े ।
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बारिश मे मौसम की ताजगी का एहसास है ।
दूर भले ही आप हमसे कितने चले जाओं
पर दिल तो आपका हमारे पास है।
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क्या मस्त बारिश का मौसम आया है ।
आप जैसा दोस्त ,
हमारे दिल को बहुत भाया है।
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ऐ बारिश तू बरस इतना ,
कि मेरे दोस्त को सकून मिले ।
खिल जाए उसकी जिदंगी
और उसे ठंडी पून मिले ।
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ऐ बारिश मेरे दोस्त को खुशिया का पैगाम देना ।
मेरी दोस्ती का उसको इनाम देना ।
जिदंगी भर के लिए उसके चेहरे पर मुस्कान देना ।
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समय पर बारिश नहीं हुई ,तो फसल सूख गई ।
दोस्ती तो गहरी थी आपसे ,
पर पता नहीं कहा चूक गई ।
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बिन बारिश सूखे कुएं थे हम ।
वो आग थे और धुएं थे हम ।
वो शेर थे और चूहें थे हम ।
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जमीन जल रही है अब बारिश का इंतजार है ।
आज भी है हमारे पास ,आपसे मिला जो प्यार है ।
आपकी दोस्ती ही हमारा संसार है ।
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बारिश का मौसम है तो प्यार करो ।
इंतजार का वक्त है तो इंतजार करो ।
कुछ भी करो मगर ,
दोस्तों के दिल पर ना वार करो ।
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शौक तो आज भी है बारिश मे भीगने का ।
मन बहुत करता है आपके संग कुछ सीखने का ।
लगता है समय बदल गया है आपके दिखने का ।
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रिमझिम बारिशों का श्रंगार है ।
यह मौसम भी बेकरार है ।
हमे भी आपके आने का इतंजार है।
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आज भीगी पलकों से याद किया तुमको ।
वर्षों बाद दिल ने आजाद किया तुमको ।
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बारिश मे हर जगह
नजर क्यों आता ,तुम्हार जो अक्स है ।
जो सच्चा दोस्त तुझे मानता है
वह यही सख्स है।
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बारिश इतनी हुई कि घर डूब गया ।
आप नहीं मिलते हैं हमसे ,
लगता है आपका दिल दोस्ती से उब गया ।
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आज बादलों को भी बरसना गवारा न है ।
आसमा के बगैर कोई तारा न है ।
आपके बगैर हमारा कोई सहारा न है ।
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बरसात मे कागज की तरह भीगा हूं मैं।
फिर भी आपकी जिदंगी मे फूलों सरीखा हूं मैं ।
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बारिश आती है तुम्हारी याद लेकर ।
यह यार तुम्हें चलना चाहता है ,
हर कदम पर साथ लेकर ।
और तुम बैठे हो नाराज की बात लेकर ।
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तेरा शर्मा के यूं हमसे लिपट जाना ।
ऐसा लगता है जैसे बिन मौसम
के बारिश का हो जाना ।
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यह बारिश तो सावन का एहसास देती है।
आपकी दोस्ती मे पावन का एहसास देती है।
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आज बारिशों ने हमे खूब सताया है ।
दोस्तों ने हमें अपना असली रंग दिखाया है।
और वक्त ने दोस्तों की सच्चाई को बताया है।
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मिट्टी पर आपकी तस्वीर बनाई ,
तो बारिश के साथ बह गई ।
दोस्ती तो कबकि आपने तोड़ ली
पर टीस तो दिल मे रह गई ।
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बादल से कहो बिन मौसम न बरसा करें ।
हम मिलेंगे एक दिन आपसे ,
अपनी आंखों से कहो यूं ना तरसा करें ।
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बारिशों की रातें भी गुजरती नहीं ।
दिल की गराइयों मे हैं आप ,
वरना यह जिदंगी हर किसी से दोस्ती करती नहीं ।
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धूप सा रंग है तेरा ।
बारिशों का संग है तेरा ।
दिल मे जो खुशी है ,
वो उमंग है तरेा ।
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बिन मौसम ही बरसात हो गई ।
आज आपसे मुलाकात हो गई ।
आप तो बोलते ही नहीं हो हमसे
क्या इतनी बड़ी बात हो गई ।
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वक्त के साथ बरसात गुजर जाएगी ।
मिलन की वो हर रात गुजर जाएगी ।
जिदंगी आसानी से आपके साथ
गुजर जाएगी ।
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बंधी है पायल आपके पांव में ।
बैठें हैं आपकी दोस्ती की छांव मे ।
बस बारिश का इतंजार है ,
रौनक छा जाएगी इस गांव मे ।
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जब जब मिलते हैं बरसात होती है।
आप जब हमारे पास होते हैं ,
तो किस्मत भी साथ होती है।
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बचपन मे आकाश को छू लिया करते थे ।
आज आपको छूने के लिए तरस रहे हैं।
बादल भी कमीने हैं ,
जो हमको अकेले देखकर बरस रहे हैं।
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बारिश हो तो भीग जाया कर ।
मर ही जाए हम ,
हमें इतना भी मत सताया कर ।
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आप पूछे रहे थे प्यार है कितना
प्यार है आपसे बारिश की बूंदों जितना ।
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खुद को इतना न महकाया कर
कि हम बहक जाए ।
बिन मौसम बादल न बरसाया कर
कि हम दहक जाए ।
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जख्म गहरे हैं
मौसम के पहरे हैं।
हम तो पानी हैं आपकी आंखों के
बस छोटे से तालाब मे ठहरे हैं।
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पूछो ना जो पूछना है ।
देदो जो आपके पास सूचना है।
सदा आपका हाथ पकड़कर कूचना है।
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मौसम का रिश्ता है बारिश से ।
हमारा रिश्ता है आपकी ख्वाहिस से ।
दोस्त मान लो हमें भी अपना
इस समझाइश से ।
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बारिश नाम है आपके मुस्कुराने का ।
मन है आपको अपना बनाने का ।
हम तो कब का आपको दिल दे चुके हैं
बस इंतजार है आपको मनाने का ।
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अक्सर बंद कमरे मे बरसते
बादलों को क्या कहें ।
आप नहीं हैं तो कुछ भी नहीं है
आपके बिन कैसे रहें ।
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बारिश हो तो भीग जाया कर ।
दिल हो तो मिलने आया कर ।
कनखियों से ताक कर ,
हमें यूं ना सताया कर ।
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सुहानी शाम है ।
यह बारिश आपके नाम है ।
आपकी और हमारी दोस्ती
तो दुनिया मे बदनाम है।
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बारिश मे शुष्क मौसम आते नहीं ।
ख्याल तेरे दिल से जाते नहीं ।
दोस्ती करने की चाहत तो
तुम्हारे दिल मे भी है ,
बस तुम बताते नहीं ।
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बारिश मे हमें भ्रमाया न कर ।
दोस्त बनाकर आजमाया न कर ।
दोस्त है तो दोस्त की तरह रह ,
प्रेमिका बनकर आया न कर ।
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बारिश मे छत हमारी टपकती रही ।
हमने थोड़ा सा जोर से क्या बोल दिया ।
वह रात भर सुबकती रही ।
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समझी नहीं आपने हमारी मजबुरियां
बारिश मे बढ़ादी हमारे बीच दूरियां ।
फिर भी आपके लिए बजाते हैं हम तूरियां ।
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शौक हमारे निराले हैं ।
आपके आने से
जीवन मे उजाले हैं।
और आप ही
हमारे रखवाले हैं।
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बरसात हुई तो दिल दिवाना हो गया ।
अब तो मिल जाओ हमे ,
आपसे मिले हुए जमाना होग गया ।
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छत पर बारिश मे भीग रही थी वह ।
खुशी के मारे चीख रही थी वह ।
आज हमे क्या हो गया ,
जिधर भी देखें हर जगह
दिख रही थी वह ।
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मौसम है बारिश का कभी फिसल न जाना ।
बड़ी मेहनत से लगाया है तुझे ,
तेज धूप मे जल न जाना ।
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बारिश मे आंसू मेरे धुल गए ।
आप आए तो जिदंगी के नए
दरवाजे खुल गए ।
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इस बारिश से आंख भर आई है ।
हमारी दोस्ती तो आपकी सताई है।
दुश्मनों ने तो बस सच्चाई बताई है।
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आज बारिशों मे गिरे जो ओले थे ।
आपने हमे ठंडा कर दिया ,
हम तो आग के गोले थे ।
आपको रूलाकर अफसोस होता है ,
क्यों आपके सामने बोले थे ।
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वक्त के साथ हर जख्म भर जाते हैं ।
कुछ लोग बारिश से भी महोब्बत कर जाते हैं।
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बारिशों का मौसम तो बड़ा बेईमान निकला ।
आपकी दोस्ती से जिदंगी मे इक अरमान निकला ।
सदा रहेंगे आपको संग , यह फरमान निकला ।
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हर वक्त बारिशों मे भीगने वाले
आज हवाओं से डर रहे ।
क्या गलती हो गई हमसे ,
क्यों वो आज हमारी राहों से डर रहे ।
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बारिश की बूंदों मे छाता लिये हम थे ।
दिल मे नई उमंग थी ,
और आपसे मिलने का वादा लिये हम थे ।
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इश्क की बातें न किया करो ।
बारिशों मे रंगीन राते न किया करो ।
कि हम ठंड से कांपने लगें ,
हर वक्त इतनी बरसातें न किया करो ।
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अरमान तो हवाओं मे उड गए ।
बारिशों के दौर मे आपसे दिल जुड़ गए ।
चेहरा न देखा था आपका
फिर भी क्यों आपसे बंधन जुड़ गए ।
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बारिशों का भी आज रंगीन मिजाज है ।
सर पर बारिश की बूंदों का ताज है।
दिख रहे हैं वो खूबसूरत इतने कि
हमारे पास न कहने कोई अल्फाज है।
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ख्वाहिस है आज ,
हम बारिश मे तेरे संग भीग जाएं ।
दिल को सकून मिल जाएगा
बस वो एक बार दिख जाएं ।
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बारिश के बादल छाये ही नहीं ,
और आप कहते हैं बरसात हो गई ।
हमतो मिलने आए ही नहीं
और आप कहते हैं मुलाकात हो गई ।
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हे बादल कुछ पानी मेरी आंखों से उधार लेले ।
अगर गम बहुत है यार तो ज्यादा कुछ नहीं
एक सिगार लेले ।
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बारिश के इंतजार का मजा ही कुछ और है।
वक्त के सामने हर इंसान कमजोर है।
आप जैसे दोस्त से मिलना ,
हमारी जिदंगी का भोर है।
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न बारिश ठहरी थी ।
न दोस्ती आपकी गहरी थी।
फिर भी मिलते रहे आपसे
क्योंकि आप हमारी प्रहरी थी।
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बिन बारिश के सकून कहां ।
बिन आपके जनून कहां ।
हम तो आपके दिवाने हैं ।
आपके बिना शरीर मे खून कहां ।
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हमारे यहां तो हर वक्त बरसात होती है।
बादल हो या ना हो फिर भी सर्द रात होती है।
मिलना नहीं चाहते हैं हम आपसे ,
फर भी मुलाकात होती है।
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ए बारिश कहीं और जाके बरस
मिले हुए प्यारे दोस्त से आज
बीत गए हैं कई वर्ष ।
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नींद नहीं थी आंखों मे ।
बारिश होती रही रातों मे ।
कोई शकून नहीं था आपकी बातों मे ।
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आंखें जिसकी नीली थी ।
पलके जिसकी गिली थी।
पता नहीं कौनसी राहों मे
वो हमे मिली थी ।
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आसमान नीला है ।
प्यार का रंग लाल है।
आपसे दोस्ती करके
कुत्ते जैसा हमारा हाल है।
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इंतजार कर रहे हैं आज हम
बारिशों के आने का ।
उनको दोस्त बनने के लिए कह रहे थे ,
अब चक्कर काट रहे हैं थाने का ।
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बादल का क्या भरोशा ,
पता नहीं कब बरस जाए ।
आप तब तक नहीं आते ,
जब तक मिलने को आंखे तरस जाए ।
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इस बारिश मे याद तुम्हारी आती है ।
दूसरे की खुशियों को देखकर जलन हो आती है।
जब मिलन ही नहीं है तो यह बारिश क्यों आती है।
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आप हमारे अतीत हो ।
हर कदम पर आपकी जीत हो ।
आपने हमें अपना मानना छोड़ दिया ।
पर आज भी आप हमारे मीत हो ।
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बारिश की पहली बूंद दिल पर असर करती है ।
भले ही आपको मिले वर्षों हो गए ,
फिर भी आपकी दोस्ती दिल पर बसर करती है।
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आप नहीं थे तो बारिश का हाथ थाम लिया ।
उठने लगा दर्द दिल मे हद से ज्यादा ,
तो एक बार फिर हमने आपका नाम लिया।
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छू नहीं पाए हम उस बारिश को
वह तो दूर होती रही ।
वक्त बदला और वह हूर होती रही ।
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इस बारिश मे आंखों के आंसू धुल गए ।
वो हमसे बात नहीं करते ।
लगता है वो हम को भुल गए ।
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दिल पर तेरे बादल खूशबू बनकर बरसेंगे ।
हमे पता है तुम हमें एक दिन छोड़कर जाओगे
और हमारे नैन मिलने को तरसेंगे ।
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इस सुनहारी बरसात मे इजहार करते हैं ।
मौसम है सुहाना तो बरसात का इंतजार करते हैं।
बताएं क्या दोस्तों को हद से ज्यादा प्यार करते हैं।
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दिल को आपकी बरसात मिल जाए ।
हमें बस आपका हाथ मिल जाए ।
तमन्ना है दिल मे इतनी बस ,
कि आपका हर जन्म मे साथ मिल जाए।
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बारिश नहीं तो क्या करें इस खुमारी का ।
दोस्ती नाम है दिल की बीमारी का ।
ख्याल तो हम बहुत रखते हैं
आपकी दी सुपारी का ।
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ऐ बारिश मेरे दोस्त के घर बरस हम सिफारिश करते हैं।
हे खुदा सदा हमारे दोस्तों को खुश रखना
हम गुजारिश करते हैं।
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रस्ते मे सफर करने का मजा आपके साथ है।
क्या कहें आपको यह तो बिन मौसम बरसात है।
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बारिश का मौसम सुहाना होता है।
आपकी खूबसूरती का जमाना भी
दीवाना होता है।
जब जब बारिश होती है हमारे लंबों पर
बस आपके नाम का गाना होता है।
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अब डर ही नहीं रहा कुछ भी खोने का ।
क्योंकि मौसम आ चुका है बारिश होने का ।
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आपने देखा नहीं ,
आंखों मे सावन आया था।
इस कलयुग मे भी
दोस्ती के रूप मे रावन आया था।
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अक्सर हम बारिश मे हार जाते हैं।
आपसे मिलने के लिए जीवन
के उस पार जाते हैं।
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आपको छुप छुप कर देख रहे थे हम ।
दोस्तों के सामने आपका नाम लेकर
बड़ी बड़ी फेंक रहे थे हम ।
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आपको पसंद नहीं आया हमारा आंसू गिराना ।
हमे भी अच्छा नहीं लगता है ,
आपका दोस्ती मे यूं मुंह फिराना ।
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बारिश को पसंद है धीरे धीरे बूंदों को गिराना ।
हम भटक रहे हैं आपकी तलास मे ,
नहीं है हमारा कोई ठिकाना ।
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ऐ बारिश जरा खुलकर बरस ।
आज दोस्त आया है ,
ऐं आंखें जरा खुलकर देखले
यूं ना तरस ।
—————————
ऐ बिजली जरा जोर से कड़क
वो डर के मारे जरा हमसे लिपट जाए।
सकून मिलेगा बस वो हमारे अंदर सिमट जाए ।
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मेरे हंसने की वजह तुम हो ।
बारिश के बरसने की वजह तुम हो ।
इन आंखो के तरसने की वजह तुम हो ।
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बारिश का मौसम आया ।
तो बचपन फिर से याद आया ।
कभी मस्ती करते थे आपके संग
आज फिर दिल ने याद दिलाया ।
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एक नाजुक कली हो तुम ।
बारिश मे भीगती फली हो तुम ।
दिल मदहोश हो जाए ,
इस कदर इतराकर चली हो तुम ।
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कभी आपका नाम होठों पर बसता था।
दिल आपसे मिलने को तरसता था।
बहुत करीब हमारा रिश्ता था।
बादल भी हम पर खूब बरसता था।
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उस तितली की उड़ान देखी ।
इस बारिश मे जिदंगी विरान देखी ।
मुर्दो मे भी आपका नाम लेने पर
हमने जान देखी ।
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आपका दिल तो काला था ।
इसलिए ही बारिश के बरसने का अंदाज
काफी निराला था।
—————————
आप नहीं थे तो क्यों यह शाम हुई ।
तेरी मेरी दोस्तीं मे यह बारिश भी बदनाम हुई ।
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बेपरवाह होकर जीया करते थे।
बारिशों मे खूब पिया करते थे ।
जब आप आए थे तो आपका
नाम लेकर हर काम किया करते थे ।
—————————
बारिशों मे दिखती है वह सुनहरी धूप सी ।
उनसे मिलने के लिए उठती है दिल मे हूक सी ।
वह तो परी है दिखती है सुंदरता के रूप सी ।
—————————
आ जाओं तुम्हें सांसों मे बसालें ।
कुछ बारिश हो जाए हमारी जिदंगी मे
तो हम भी कुछ अपनी जिदंगी को हंसालें।
—————————
बचपन मे बारिश मे खेला करते थे खिलौने से ।
आज वो हो गए हैं सलोने से ।
अब तो डर लगता है आपको खोने से ।
—————————
यह बारिश तो पगली थी ,
हमारे दिल से खेल गयी ।
दिल की दीवार तो पत्थर की थी
इसलिए उसके धोखे को झेल गई ।
—————————
आपके साये हम थे ।
बारिशों के सताए हम थे ।
उनका मूड बदला ,
और आज पराये हम थे ।
—————————
जिदंगी फिर कभी मुस्कुराई न थी ।
बारिश कभी यहां आई न थी।
जब से गए हैं आप ,
हंसी कभी हमारी दुनिया मे छाई न थी ।
—————————
जिदंगी मे मिलते हैं कई सारे पड़ाव ।
बचपन मे चलाई है कागज की नाव ।
मगर इस बारिश मे क्या करें ,
अब तो रह गया है आपसे मिलने का चाव ।
—————————
आपके जैसा मीठा संगीत कहां ।
हर किसी के पास आपके जैसा मीत कहां ।
बारिश जो सिर्फ आप पर बरसे,
इस जमाने मे ऐसी रीत कहां ।
—————————
आप हमारे दिल को बहुत भाते हो ।
बारिशों मे ही तुम याद आते हो ।
रह ही नहीं सकते हमारे बैगर तो
क्यों छोड़ कर फिर जाते हो ।
—————————
सुबह हुई तो जागती है दुनिया
बारिश के पीछे भागती है दुनिया ।
सच्चे दोस्तों के लिए रात
भर जागती है दुनिया ।
—————————
हर्सत है आप से दिल लगाने की ।
हर्सत है आपको इस दुनिया की नजरों से छिपाने की ।
बस कोशिश करते हैं हम तो
आपकी दुनिया को हंसाने की ।
—————————
बारिशों मे बस निकल गई जवानी ।
आपकी दोस्त रह गई बस एक कहानी ।
आजकल आंखों से बरसा करता है पानी ।
—————————
कोई भरोशा नहीं इस जिदंगानी का ।
बारिश नाम है सुख दुख की कहानी का ।
जब आप ही नहीं हो तो
कोई मोल नहीं होता आंखों के पानी का ।
—————————
ना फिक्र किया हमने आपका ।
ना किसी से जिक्र किया हमने आपका ।
हर काम शीघ्र किया हमने आपका ।
—————————
यह बारिश भी आपकी तरह
धोखेबाज निकली ।
दो बूंद बरस गई और
फिर भाग निकली ।
—————————
बारिश मे चली जो कागज की किश्ती थी।
हमारे दिल मे आपकी बस्ती थी।
आपके होने से ही हमारी दुनिया हंसती थी।
—————————
बचपन चला गया पर बचपना नहीं गया ।
आपकी दोस्ती चली गई ,
पर आपकी याद मे तड़पना नहीं गया ।
—————————
खत लिखा था खून से बारिशों ने मिटा दिया ।
हम तो ठहरे उनके खास दोस्त ,
हमारे लिए उसने न जाने कितनों को पटा दिया ।
—————————
जुल्फें जो खुल गई आपकी
लगता है सावन आ गया ।
बिन बरसात का मौसम भी हमें ,
आपके आने से भा गया ।
—————————
काले जो बादल थे ,
हवाओं मे घूमने लगे ।
हम बारिश की बूंदों को चूमने लगे ।
—————————
प्यार से भरी बारिश है ,
और संग तुम हो ।
भले ही और कुछ नहीं है
हमारी जिदंगी मे ।
पर आखरी उमंग तुम हो ।
—————————
बारिश हुई ,
तो पंछी भी खुशियों के गीत गाने लगे ।
आपके आने के इंतजार मे ,
हम भी खुद को सजाने लगे ।
—————————
हमारी छोटी छोटी बातों का
बुरा मत मान जाया कर ।
बारिश का मौसम है ,
आंखों के इशारों से दिल की बात
जान जाया कर ।
—————————
बारिश हुई फिर भी बड़ा बैचेन है दिल ।
आपकी दोस्ती का फैन है दिल ।
आपकी जिदंगी का रेन है दिल ।
—————————
अगर राज है दिल मे तो हमें बताया कर ।
अगर बारिश हो तो भीग जाया कर ।
अगर मौसम हो सुहाना ,
तो यूं ना कनखियों से देख जाया कर ।
—————————
बारिश कुछ तो ख्याल कर ,
कच्चा मेरा मकान है।
तू दर्द पर और दर्द देता है
यह दोस्ती का अपमान है।
—————————
बारिश बिन मिलन अधूरा है ।
आपके लिए मचल रहा यह दिल पूरा है।
आपके बिना हमारा जीवन सूरा है।
—————————
आपके आने से महक उठी हैं फिजाएं ।
ऐ बारिश अब खू बरस ,
और दिखा अपनी अदाएं ।
हम भी कबके फैला चुके हैं अपनी बाहें ।
—————————
सतरंगी अरमानों के सपने आंखों मे पलते हैं ।
बारिश खूब हुई फिर भी हम जलते हैं।
आपके आने के इंतजार मे हम मचलते हैं।
—————————
बारिश इस दिल पर शुमार हो जाए ।
आपकी दोस्ती का खुमार हो जाए ।
बस यही सोचते हैं ,
आपसे मिलन एक बार हो जाए ।
—————————
अगर मिल जाता आपके हाथों जहर पीने को ।
तो सकून मिल जाता इस तड़पते सीने को ।
अब बचा ही क्या है जीने को ।
—————————
दिल की आवाज वह सुनती रही ।
हमारी आंखें नए सपने बुनती रही ।
दोस्ती के बिखरे फूलों को एक बार
फिर वह चुनती रही ।
—————————
बादल आए तो बरसात भी होगी ।
दिन निकला है तो रात भी होगी ।
दोस्ती की है तो मुलाकात भी होगी ।
—————————
गम था जमाने का ।
आज मन था खूब पानी बरसाने का ।
आप तो नहीं आए ,
पर समय हो गया है अब जाने का ।
—————————
उन आंखों का क्या ,
जो हर रोज बरसती हैं।
उन बिजलियों का क्या
जो हर रोज दिल पर गर्जती हैं।
—————————
बरसते मौसम का नजारा था ।
आपका चेहरा बारिश मे बड़ा प्यारा था।
लग ही नहीं रहा कि वह दोस्त हमारा था।
—————————
बादलों का दिल आज
फिर किसी ने तोड़ दिया ।
आपकी याद मे हमने भी
सिसक सिसक कर रोना छोड़ दिया ।
—————————
बारिश तो आसमां और धरती का मेल है।
दोस्ती और कुछ नहीं दो दिलों का खेल है।
—————————
कभी बारिश गुम सी हो जाती है ।
कभी यह तुम सी हो जाती है।
इस तरह से हमारी जिदंगी
चुम सी हो जाती है।
—————————
आप पूछ रहे हैं बारिश कहां हुई है।
यह अंदर की बारिश है ,
आसानी से दिखाई नहीं देती ।
जिसकी धड़कन हर किसी
को सुनाई नहीं देती ।
—————————
बरसाएं तो क्या बरसाएं
अब आंखों मे पानी न रहा ।
एक ही दोस्त था हमारा
अब वो भी इंसानी न रहा ।
—————————
एक दिन तेरी यादों मे हम आएंगे ।
तेरी आंखों से पानी बरसाएंगे ।
और तुझे खूब तरसाएंगे ।
—————————
इस बारिश मे खूब रोये हम
पर आंसू कोई न देख सका।
तेरी दोस्ती ने दर्द बहुत दिया
पर इसको दिल से निकाल कर न फेंक सका ।
—————————
आज हम भी बारिशों मे
आगे बढ़े होते ।
काश किसी ने तो
हमारे आंखों के आंसू पढ़े होते ।
—————————
आंखों से पानी रिसता था ।
आपसे दोस्ती का रिश्ता था।
आप लिपट जाते थे हमसे
जब बादल गर्जता था।
—————————
कबसे हमने पीने से तौबा कर लिया ।
जब बादल आए तो फिर पीने का मंसूबा कर लिया ।
—————————
बारिश सुहानी थी ।
आपकी दोस्ती पुरानी थी।
गुम हो चुकी है जो ,
आपकी दोस्ती की आखरी निशानी थी।
—————————
बारिशों से दोस्ती करके
हम बहुत पछताए थे ।
अब वह भी नहीं रहा हमारे पास
जो कुछ हम लाये थे ।
—————————
घर था हमारा बारिशों के शहर में ।
जिदंगी है हमारी आपके हाथों से
दीये जहर मे ।
—————————
बारिशों से सीखा है हमने बरसना ।
और आप से सीखा है हमने हंसना ।
आप हैं खुदरत की हसीन रचना ।
—————————
बरसात बहुत तेज थी।
भीगी हमारी सेज थी ।
आपकी और हमारी
दोस्ती तो नोन वेज थी ।
—————————
बेमेल दिलों का मेल नहीं होता ।
बारिशों मे कोई खेल नहीं होता ।
प्यारा दोस्त वही है जोकि सेल नहीं होता ।
—————————
बारिश हुई तो एक बार फिर याद आए वो ।
हमसे मिलने वर्षों बाद आए वो ।
—————————
ऐ बरसने वाले इतना बरस
की बेवफाई की आग बुझ जाए ।
बस उनके पर लगा बेवफाई का
दाग धुल जाए ।
—————————
दिल की आग तो दिल बुझाएगा ।
जाएंगे तभी जब दोस्त बुलाएगा ।
अब दोस्ती क्या होती है ,
यह जमाना हमें बताएगा ।
—————————
बरसात की रातों में बदन टूटता रहा ।
साथ ले भी तो कैसे लें उन दोस्तों का
जो पीछे छूटता रहा ।
—————————
तुम प्रेम बनकर बरसा करो ।
तब भीगने का मजा ही कुछ और होगा ।
बरसात के आने से ,
हमारे जीवन मे भोर होगा ।
—————————
तुम प्रेम की बारिश हो ।
इस दिल की गुजारिश हो ।
बरस जाती हो कहीं भी
लगता है लावरिश हो ।
—————————
तू बरसे तो मैं
जलमग्न हो जाउं ।
तू बादल बन जाए
तो मैं गगन हो जाउं ।
—————————
गम की भी बरसात होती है ।
सूरज हो फिर भी जिदंगी मे रात होती है।
डरना किस बात का ,
जब आपकी दोस्ती साथ होती है।
—————————
कुछ नशा तेरी बातों मे है ।
कुछ नशा बरसात की बातों मे है।
कुछ नशा तेरी सरारतों मे है।
—————————
ऐ बादल कहीं जी भरकर बरस लिया कर ।
कभी कभी हमारी तरह तरस लिया कर ।
कभी तो खुद को कर्ष लिया कर ।
—————————
बारिश मे भीगना आदत है हमारी ।
झुककर सलाम करना इबादत है हमारी ।
आपकी दोस्ती ताकत है हमारी ।
—————————
जब से बादलों ने बरसना छोड़ दिया ।
हमने भी आपके लिए तड़पना छोड़ दिया ।
—————————
बारिश मे कभी चेहरा न देखा तुम्हारा ।
आप कहते हैं दोस्ती रखते हैं कइयों से ,
पर दोस्त कभी गहरा न देखा तुम्हारा ।
—————————
ऐ बारिश तू मेरी जिदंगी की कहानी बन जा ।
बरसे जो आंखों से वो पानी बन जा।
—————————
इंसान मे इंसानियत नहीं ।
बारिश मे हैवानियत नहीं ।
और आपकी दोस्ती मे कोई
रवानियत नहीं ।
—————————
दिल मे अनजाना सा एहसास था ।
बारिश का मौसम भी पास था ।
आप नहीं आए इसलिए
यह दिल भी लास था।
—————————
बारिश तो चुपके से आती रही ।
वह दोस्ती छुपके से निभाती रही ।
और याद हमे उनकी हर वक्त आती रही ।
—————————
ऐ बारिश हम पर भी इक एहसान करदे ।
कुछ खास दोस्त हैं हमारे ,
इतना बरस की उनको परेशान करदे ।
—————————
बादलों मे दिखी तस्वीर आपकी ।
दिल मे भी थी लकीर आपकी ।
फिर भी दोस्ती रही फकीर आपकी ।
क्या करें यही तकदीर है आपकी ।
—————————
एहसानों पर एहसान किया ।
बारिशों ने बहुत परेशान किया ।
और दोस्तों ने हमे कुर्बान किया ।
—————————
बारिश ने लिख दिया नाम आपका ।
बड़ी दूर है गांव आपका ।
हम तो बारिशों मे पीते हैं जाम आपका ।
—————————
यह बारिशों का मौसम रंग लाया है।
आपको हमारे संग लाया है।
हम तो ठहरे परदेसी ,
यह हमारे जीने का ढंग लाया है।
—————————
एक बार फिर सावन आया है।
हम इतने खुश इसलिए हैं ,
क्योंकि हमारे साथ आपकी दोस्ती
का साया है।
—————————
यह बारिश जब से रूकी है ,
दिल की धड़कन भी रूक गई ।
आपकी महान दोस्ती के आगे
यह सारी दुनिया झुक गई।
—————————
क्या बताएं हम हाले दिल ,
बारिशों ने घर उजाड़ा है।
और दुनिया पूछ रही है ,
बारिशों ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है।
—————————
ऐ बारिश बस इतना एहसान करदे।
धोखे बाज दोस्त होने से अच्छा है ,
हमारे दिल को विरान करदे ।
—————————
बारिश के मौसम मे बेगाने हम थे ।
आज भले ही आप हमे भूल गए
पर कभी आपके लिए खजाने हम थे ।
—————————
दाग सारे बारिश मे धुल जाएगें ।
दिल के दरवाजे जो बंद हैं ,
वह खुल जाएंगे ।
जो खुद को नहीं सुलझा सके ,
वो हमे क्या सुलझाएंगे ।
—————————
बारिश हुई तो मैदान मे थे ।
दिल के टुकड़े तो विरान मे थे ।
दोस्ती नहीं तोड़ी ,
हम तो आपके एहसान मे थे ।
—————————
ऐ बादल दुख अगर मेरा देखोगे
तो बरसना भूल जाओगे ।
रोओगे इतना कि तरसना भूल जाओगे ।
—————————
ऐ बादल बरस कर हमारा नाश मत कर ।
हम तो पहले ही खूब रोए हैं ,
इतना बरस कर हमें लाश मत कर ।
—————————
चूम लिया इन बारिश की बूंदों को ।
तू नहीं है तो क्या हुआ ,
एहसास हम हर वक्त करते हैं
तेरे वजूदों को ।
—————————
ऐ बारिश हमें अपनी बांहों मे लपेट ले ।
यह जीवन है छोटा सा ,
इसे अपने अंदर समेट ले ।
—————————
बारिश से हमारा कोई मोह नहीं ।
जब तक आपसे हमारा बिछोह नहीं ।
—————————
ऐ बारिश आजा तुझे होठों से लगाले ।
कहीं ऐसा ना हो कि दिल भी ,
हम नोटो से लगाले ।
—————————
न हमें किसी से मोह माया है ।
बारिशों ने हमे सताया है।
दिल के राज हमने सदा
आपको बताया है।
—————————
ऐ बादल बरसने का गरूर न कर ।
जमीं को अपने से दूर न कर ।
हम बेवफा नहीं ,
हमे बेवफा नाम से मसहूर न कर ।
—————————
बरसात इस जलते दिल को रास आई है।
अरे दिन ही बदल गए ,
जब से तू पास आई है।
—————————
खामोशी से बरसना उसे ग्वारा न था।
आपके अलावा हमारा कोई सहारा न था।
हम तो ठहरे नदी मे ,
और उस नदी का कोई किनारा न था।
—————————
दिल तो बंजर था ।
मौसम समंदर था।
तू दोस्त नहीं ,
तू दोस्ती के नाम पर खंजर था।
—————————
बारिश का कोई ठिकाना नहीं होता ।
आप भी चले जाते ,
अगर हमने आपको दोस्त के रूप मे
माना नहीं होता ।
—————————
बारिशों का नजरा था ।
फिर भी तरसता दिल हमारा था।
अब तो बस दर्द का ही सहारा था।
—————————
बारिशों मे भी आंसू बहे हैं
अनकहे दर्द हमने सहे हैं।
क्या बताएं रह तो नहीं सकते आपके बिना
फिर भी रहे हैं।
—————————
निशाना लगाना चाहते थे बारिश की बूंदों को एक तीर से ।
बंधे थे हम आपकी यादों की जंजीर से ।
पता नहीं आप हमें कैसे मिले तकदीर से ।
—————————
बारिश मे बहुत ठंड थी ।
आपको बांहों मे हम जकड़े रहे ।
कैसे छोड़ देते आपको मझधार मे ,
कसके हाथ आपका पकड़े रहे ।
—————————
मान गए बारिशों से हमे इश्क था।
इस दुनिया मे अकेले कैसे छोड़ देते आपको ,
आपके खो जाने का रिस्क था।
—————————
बारिश का मौसम बहुत भाता है ।
दिल है जो बारिश मे गाता है।
आपके आने से समंदर आखों मे
उमड़ आता है।
—————————
बारिशों की फरमाइसें बहुत थी।
यूं तो तेरी ख्वाहिसे बहुत थी ।
हमारी जिदंगी तंग तन्हाई से बहुत थी।
—————————
बारिश हुई तो मिलने के इरादे भूल जाएंगे ।
दोस्ती करोगे तो वादे भूल जाएंगे ।
आप आओगे तो सर्द भरी राते भूल जाएंगे ।
—————————
काश मैं गायक होता तो बारिश मे गाता ।
रहता आपके दिल मे ,
और हर वक्त आपको सताता ।
—————————
बारिश के मौसम मे हल्की हल्की सर्द हवाएं थी ।
दिल को बैचेन करने वाली आपकी अदाएं थी।
—————————
बारिश हुई तो फिर धूप खिलेगी ।
बहुत तलास किया है हमने ,
आपके जैसी दोस्त कहा मिलेगी ।
—————————
मादा हम भी रखते हैं दोस्ती मे हद से गुजरने का ।
मन ही नहीं करता है बारिशों मे सुधरने का ।
अब वक्त है आपके लिए सजने और संवरे का ।
—————————
बरसात होने के बाद हवाओं मे नमी रहती है।
हम जहां भी जाएं बस आपकी कमी रहती है।
—————————
ऐ बारिश यूं बरस कर ना विनाश करो ।
रहते हैं तुम्हारे दिल मे कुछ तो दर्द का एहसास करो ।
—————————
बहुत हुई इश्क की बातें ।
बरसजाओ कभी तो और करदो ठंडी रातें ।
—————————
मन हो बरसने का तो बरस जाया करो ।
हम मनाएं तो मान जाया करो ।
मौसम है सुहाना कभी तो हमारे साथ आया करो ।
—————————
नहीं है शौक हमें बारिशों मे शराब का ।
दिन तो गुजर गया है ,
पर इस रात मे इंतजार है आपका का ।
—————————
आपको बारिश मे नहाने का शौक है।
और हमें आपका संग करने पर रोक है।
—————————
ऐ बारिश कहीं और जाकर बरसा कर ।
हम तो पहले से ही दुखी हैं ,
तू हमारे उपर यूं ना हंसा कर ।
—————————
बारिशों का दौर है ।
हमारा दिल बहुत कमजोर है।
भरोशा किसपे करें ,
हर एक दोस्त चोर है।
—————————
मजा ही कुछ और है तेरे संग फिसल जाने मे ।
वक्त कहां लगता है तेरे संग दिन ढल जाने मे ।
हम तो अपना भला समझते हैं आपके संग चल जाने मे ।
—————————
काश मे हवाओं संग उड़ती धुंध होता।
जो तेरे चेहरे से चिपक जाती ,
काश मैं बारिश की वह बूंद होता ।
—————————
बारिश और प्यार दोनो यादगार थे ।
बारिश ने तन को भीगोया ,
और प्यार ने मन को भीगोया ।
बस यही दोनों के सार थे ।
—————————
बारिश का मौसम बहुत तड़पाता है।
आपकी याद दिलाता है।
आप बुलाती हैं मगर आए कैसे
ना रेन कोट है और ना छाता है।
—————————
ऐ बारिश तेरी गलियों मे ना रखेंगे आज से कदम ।
आज से हो गई है आपकी और हमारी दोस्ती खत्म ।
—————————
बारिश तो चंदन सरीखी है।
आज तेरी गलियों मे हमने दोस्ती देखी है।
—————————
तू अगर बरसात बन जाए ,
तो हम बादल बन जाएंगे ।
अगर तू किसी और से दोस्ती करेगी
तो हम पागल बन जाएंगे ।
—————————
कभी ख़ुशी कभी गम,
कभी विस्की कभी रम,
पर कुछ भी आपको आपकी
दोस्ती के बिना हम हैं बेदम ।
—————————
तू ही जान है
तू ही जिदंगी की शान है।
तुझ पर यह दिल कुर्बान है।
सच मुच तू महान है।
—————————
बारिश का आना भी जरूरी था।
आपसे दोस्ती करना मजबूरी था ।
एक जमाने मे यह दिल भी अघोरी था।
—————————
तुम तो बसते हो तितलियों मे ।
लिपट जाते थे हमसे कड़कती बिजलियों मे ।
—————————
बिन बारिश मौसम बेकार लगता है।
दिल मे बिना भी जमाना दिल दार लगता है।
आपके बिना सूना सूना यह संसार लगता है।
—————————
बारिश हुई तो रोम रोम खिलने लगा ।
टूटा दिल भी फिर से मिलने लगा ।
फूल जो फिर से खिलने लगा ।
—————————
कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी मे ।
बहुत उछल कूद करते हो आप जवानी मे ।
मजा ही कुछ और है आपके संग वक्त बिताने मे ।
—————————
बारिश की बूंदों मे दिखती है तस्वीर आपकी ।
इस दोस्ती ने बदलदी है तकदीर आपकी ।
—————————
आपसे बात करने के लिए तरस गए हैं हम ।
बिन मौसम बरस गए हैं हम ।
बात भले ही आपसे ना हुई हो ,
पर आपको देखकर हर्ष गए हैं हम ।
—————————
आपको चैन नहीं आएगा मुझे रूलाकर ,
धोखा दिया है आपने हमें अपने घर बुलाकर ।
—————————
बादलों को अपना दुख सुनाया है हमने ।
आज तक जमाने भर को हंसाया है हमने ।
और दुनिया कहती है दोस्त को तड़पाया है हमने ।
—————————
क्या खूब थी दोस्ती हमारी
बारिश मे हम तुम मिला करते थे ।
बिन मौसम भी खिला करते थे ।
—————————
रोता है आसमां तो बरसात होती है
नसीब अच्छा हो तो आप जैसे
दोस्तों से मुलाकात होती है।
—————————
हवाएं तेज हैं तो फूलों को हिल जाने दो ।
बारिश का मौसम है ,तो आंखों से आंखें मिल जाने दो ।
अगर दोस्ती के फूल खिलते हैं तो खिल जाने दो ।
—————————
ना कर बारिश इतनी शैतानियां ।
आपने लुटाई हैं कइयों पर जवानियां ।
भूल गए हैं अब आप इस यार की कुर्बानियां ।
—————————
ऐ बारिश नहीं आएंगे तेरी गलियों मे दुबारा ।
आपकी दोस्ती से नहीं होता है अब गुजारा ।
चाहिए हमे किसी और का सहारा ।
—————————
आंखों से बारिश हुई तो जहर हमने खाया ।
इस दोस्त को आपने हद से ज्यादा सताया ।
इस बेवफा दोस्ती को हमने जमाने को बताया ।
—————————
जनून था कुछ कर गुजरने का ।
बारिश का मौसम है सजने और संवरने का ।
अब तो जी करता है आपके संग उभरने का ।
—————————
अब बारिशों से क्या आस लगाएं हम ।
जब अपना खुदा ही रूठ गया ,
तो किससे अरदास लगाएं हम ।
—————————
बीत गए बहुत दिन ,
पर बारिश नहीं हुई ।
दिल से कभी आपके ,
आने की गुजारिश नहीं हुई ।
—————————
बादलों को तो बेमौसम बरसना था।
यह दोस्त खुदा ही हसीन रचना था।
इन बादलों को आपकी खुशी के लिए
रात भर गर्जना था।
—————————
गिली दुनिया बारिशों से सारी थी ।
रात भर खुली आंखें हमारी थी ।
क्या बताएं यह रात बहुत भारी थी।
—————————
जब से आप ने हमसे रिश्ता तोड़ दिया ।
अब तो बादलों ने भी गर्जना छोड़ दिया ।
—————————
आंखों की बारिशों मे रात भर रोया हूं मैं ।
तेरी दोस्ती के लिए अपनों को खोया हूं मैं ।
ऐ मेरे दोस्त तेरे लिए कब्र मे सोया हूं मैं ।
—————————
न दिल हंसता है ,
न दिल रोता है ,
बारिशों मे
तेरी यादों मे खोता है।
—————————
बिन बारिश मौसम रंगीन किया नहीं जाता ।
आपकी दोस्ती के बिना जिया नहीं जाता ।
हम तो मानते हैं आपको अपना ,
खुशी का प्याला आपके बगैर पिया नहीं जाता ।
—————————
सांसों मे बस गए हैं आप समंदर बनकर ।
क्या करेंगे आपके बिना धुरंर्धर बनकर ।
हम तो रहेंगे आपकी रक्षा के लिए दा खंजर बनकर ।
—————————
जहर खूब सारा हमने खा लिया ।
और बारिशों से दिल लगालिया ।
क्या करेंगे दुश्मन भी ,
सोने जैसा दोस्त हमने पा लिया ।
—————————
दिल मे इतना दर्द है कि सहा नहीं जाता ।
बारिशों मे आपके बगैर रहा नहीं जाता ।
चाहते हैं आपको दिल से मगर ,
जबान से कहा नहीं जाता ।
—————————
बारिशों से हो गया है अंधेरा ।
स्याही से लिखेंगे दिल पर नाम तेरा ।
हम तो पंछी हैं नजर उठाकर देख लेना ,
पेड़ों पर मिल जाएगा हमारा बसेरा ।
—————————
बारिशों मे रोता हुआ दिल है मेरा ।
आंखों के आगे अब छाया है अंधेरा ।
जिदंगी बन गई है आपके बिना दुखों का डेरा ।
—————————
यह मौसम तेरा श्रंगार बन जाए ,
बारिश ऐसी हो कि यादगार बन जाए ।
दोस्त हो तो ऐसा जरूरत पड़ने पर
गले का हार बन जाए ।
—————————
यह बारिश मुझे पहचान ना पाई ।
आपकी दोस्ती भी हमे जान ना पाई ।
जब खुदा साथ है तो जिदंगी कभी
हमने विरान ना पाई ।
—————————
हमारी जिदंगी पथरीली धरती थी।
बारिश भी हमसे डरती थी।
फिर भी वह हमें दिल से याद करती थी।
—————————
एक रॉंग नम्बर हमने डायल किया ।
आपकी दोस्ती ने हमे घायल किया ।
पर इस बारिश ने अपनी अदाओं
से हमे कायल किया ।
—————————
तेज बरसती बारिशों ने
और चमकती बिजलियों ने मुझे
डराया है।
मैं हारा नहीं हूं ,
आपकी दोस्ती ने मुझे हराया है।
—————————
रो रहा है यह आसमां ,
और रो रही है हमारी आत्मा ,
हो गया है हमारी दोस्ती का खात्मा ।
—————————
एक दिन बारिश के लिए तड़पूंगा मैं ।
भले ही तू दूर करदे मुझे आज ,
लेकिन एक दिन तेरे सीने मे दिल बनकर
धड़कूंगा मैं ।
—————————
इस दुनिया मे हमने खुदा की खादुई देखी ।
प्यार मे हमने जुदाई देखी ।
आपकी दोस्ती मे और कुछ नहीं यार ,
बस तन्हाई देखी ।
—————————
इस बारिश मे आपकी सांसों का समंदर हूं मैं ।
आपकी जिदंगी का मस्त कलंदर हूं मैं ।
बाहर क्या देखते हो आपके अंदर हूं मैं।
—————————
इन बारिशों मे बड़ी जान है।
पर हमारे दिल मे थकान है।
एक अच्छा दोस्त मिला हमे ,
यह खुदा का एहसान है।
—————–
बारिशों का क्या किस्सा सुनाएं आपको ।
हो ऐसी बारिश जो हंसाए आपको ।
—————————
इस बारिश मे वो धीरे धीरे निखरने लगे ।
फूल बनकर हम उनके आगे बिखरने लगे ।
—————————
लगता है बादलों ने पानी को
मुट्ठी को बंद कर लिया ।
अब लगता है आपने हमे
—————————
पसंद कर लिया ।
अब दिल नाच रहा है खुशी से
हमने भी आपको दिल मे बंद कर लिया ।
—————————
हर बूंद बूंद मे तेरा वास है।
यह बारिशों मे तेरे होने का एहसास है।
तू दोस्त तो हमारा सबसे खास है।
—————————
इस बारिश ने बरसने के मायेने दिये ।
आपकी दोस्ती ने हमें ,
सच दिखाने वाले आईने दिये ।
—————————
बादल कहते हैं ,
बरसने का वक्त हो तो बरस जाएंगे ।
वरना आप जैसे लोग ,
हमें पाने को तरस जाएंगे ।
—————————
आंख खुली तो बारिश सपने की तरह उड़ गई।
यह कैसी बारिश है जो हमारे संग इस कदर जुड़ गई।
—————————
शौक नहीं है हमे आपसे जितने का ,
इतंजार कर रहे हम बारिशों के बितने का ,
अगर दोस्ती नहीं रखनी है ,
तो क्या फायदा उसे खींचने का ।
—————————
बारिश का एहसास हो तुम ।
यह चलती सांस हो तुम ।
क्या बताएं आपको ,
हमारे लिए कितनी खास हो तुम।
—————————
बारिश ऐसी हो कि यादगार बन जाए ।
दोस्ती ऐसी हो कि आपके जैसा
सारा संसार बन जाए ।
—————————
आंखों से निकल रहा है जल ।
ऐ बारिश चल मेरे साथ चल ।
आपके बिना नहीं है ,
हमारी जिदंगी का कोई हल ।
—————————
अगर इरादों मे जान है ।
तो दुनिया मे आप महान हैं।
कहने को तो आप हमारे दोस्त हैं ,
पर आंखों की बारिशों से अनजान हैं।
—————————
अगर रात मे तारे ना हो तो रात किस काम की ।
अगर जमी गिली ना हो तो बरसात किस काम की ।
अगर आपकी दोस्ती मिली ना हो तो जिदंगी किस काम की ।
—————————
यह बरसात के नजारे भी सितम करते ।
आपके दर्द को हम अपने अंदर हज्म करते ।
कह देते मुझे नहीं आना है ,
तो आग जलाकर खुद को गर्म करते ।
—————————
बरसात अगर रंगीली ना हो तो किस काम की ।
दोस्ती अगर नशीली ना हो तो किस काम की ।
—————————
बरसात की मंजिल धरती है।
और हमारी मंजिल यह सर्दी है।
आपके बिना जिदंगी बहुत सितम करती है।
—————————
प्यार पर कभी पहरा न हो ।
ऐसा कोई बरसात का मौसम
नहीं जिसमे तेरा चेहरा न हो ।
जख्म दर्द नहीं देता ,
जब तक की वह गहरा न हो ।
—————————
वो दौलत पर नाज करते हैं ।
तो हम दिलों पर राज करते है।
अगर हम मिले किसी और से ,
तो वो पता नहीं क्यों एतराज करते हैं।
—————————
दौलत को लुटते लुटते हम तो
दिलों के लुटैरे बन गए ।
वो दोस्त ही थे हमारे ,
पर पता नहीं कब संबंध
इतने गहरे बन गए ।
—————————
जमाना बदला तो आपकी चाल बदली ।
इस बारिश के मौसम ने हमारी
जिदंगी की यह साल बादली ।
—————————
बिजलियां चमक रही ,
लगता है मौसम खराब होगा ।
हमने सोचा नहीं था कि
हमारा दोस्त भी कसाब होगा ।
—————————
चाहत है दिल मे बारिशों को पाने की ।
आप भले ही कितने भी उदास हो ,
पर तरकीब हम भी रखते हैं आपको हंसाने की ।
—————————
इस बारिश मे हम जिनके लिए ,
रात मे उठकर रोए थे ।
आज पता चला वो ,
किसी और की बांहों मे सोए थे ।
—————————
बारिशों ने कांटे छिपायें हैं।
दोस्तों ने राहों मे कांटे बिछाए हैं।
—————————
बहुत दर्द दिया है इस बेरहम जमाने ने ।
अब इक बारिस तू ही है ,
इस दिल के विराने मे ।
—————————
हसरत आपको दोस्त बनाने की ।
इन बारिशों को आपके संग बिताने की ।
हम भी तमन्ना रखते हैं ,
आपसे दिल लगाने की ।
—————————
हर गम भुलाया नहीं जाता ।
बारिशों मे आपको रूलाया नहीं जाता ।
जो दाग एक बार लग गया है दोस्ती मे ,
उसे फिर से धुलाया नहीं जाता ।
—————————
इन बारिशों मे जिदंगी शराब जैसी हो गई ।
अब तो आपकी दोस्ती भी ,ख्वाब जैसी हो गई ।
—————————
बारिशों मे हमें यूं ना छोड़कर जाया करो ।
शराब पिलाना है तो अपने हाथों से पिलाया करो ।
—————————
उतरा नहीं है अभी तक रात का नशा ।
सकून देता है दिल को बरसात का नशा ।
कैसे भूल पाएंगे हम आपके साथ का नशा।
—————————
ऐ बारिश कभी अपने हाथों से पिलिया कर ।
देख हमें कैसे जीते हैं ,
तू भी कभी बादलों बिन जी लिया कर ।
—————————
बारिश तो आती है हमारा दिल दुखाने के लिए ।
हम खुद भी सुख चुके हैं ।
अब बचा ही क्या है खुद को सुखाने के लिए ।
—————————
इन बारिशों ने दिल मे आग लगाई है।
आपने दोस्ती करके महोब्बत जगाई है।
कैसे करलें आपसे प्यार हम ,
हमारी जिदंगी तो पराई है।
—————————
यह बारिश होती है तेरा नाम
दिल से मिटाने के लिए ।
तू क्या जाने कितने जतन
करने पड़ते हैं एक लड़की पटाने के लिए ।
—————————
बारिश ने दर्द को दिल मे छुपाया है।
दोस्त भी न कभी हमारे हाल चाल पूछने आया है।
दोस्त के रूप मे हमने ऐसे इंसान को पाया है।
—————————
आग और पानी का कभी मेल नहीं होता ।
दोस्ती और दुश्मनी मे कोई खेल नहीं होता ।
इस दुनिया मे बिकती है आप जैसी दोस्ती
ऐसा कोई सेल नहीं होता ।
—————————
ऐ खुदा तू मेरी तकदीर बनादे ।
इस बारिश मे मेरी तस्वीर बनादे ।
मिल जाए मुझे भी एक प्यारा दोस्त ,
ऐसी हाथों पर एक लकीर बना दे ।
—————————
आपके होठों पर खिलते गुलाब हैं।
आंखों को लगता है जैसे वो ख्वाब हैं।
लेकिन सच मुच वो हमारे चेनाब है।
—————————
कह दिया जो दिल को कहना था।
बारिशों के बगैर इस दिल को रहना था।
सह लिया बहुत कुछ आपकी दोस्ती मे
जो सहना था।
—————————
दिल मे प्यार ,
और होठों पर गुलाब रखते हैं ।
इन बारिशों मे आपको ,
दोस्त बनाने का ख्वाब रखते हैं।
—————————
दिल से निकली बात दिल पर चोट करती है।
दोस्त ही ऐसी मिली है ,
हम जो कुछ करते हैं सब नोट करती है।
—————————
यह बारिश अब मेरी महबूब है।
रोते हुए को हंसा देती है ,
आपकी दोस्ती भी क्या खूब है।
—————————
इस दिल मे है एहसास तेरा ।
बारिशों मे है आभास तेरा ।
तू तलास रहे हो कहीं ओर ,
यहां बैठा है दोस्त खास तेरा ।
—————————
बारिशों का नशा ही ऐसा है ,
जो उतरता नहीं ।
चैन इस दिल को नहीं मिलता ,
जब तक यह यार तेरी राहों से गुजरता नहीं ।
—————————
भौंरो को पसंद है फूलों मे बंद होना ।
और हमे पसंद है आपके संग होना ।
—————————
बारिशों मे भी अब वो बात नहीं ।
क्या करें इस जिदंगी का ,
जब आप साथ नहीं ।
—————————
आंखों की बारिश नाम है जिदंगी के सितम का ।
आप ही नहीं रहे तो क्या करें ,
आपके दिये गम का ।
—————————
जाएं तो कहा जाएं
हर जगह यह बारिश है।
ऐ खुदा रोक दो इसको
दिल से गुजारिश है।
—————————
ऐ बारिश अनजाने दोस्तों पर एहसान मतकर ।
तोड़कर दोस्ती तू ,
इस दिल को यूं विरान मतकर ।
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वों आंखें क्या जिसमे काजल ना हो ।
वो आसमां क्या जिसमे बादल ना हो ।
वो दोस्ती क्या जिसमे इंसान पागल ना हो ।
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बारिश होती रही इस दिल के विराने मे ।
छुपे हुए रो रहे थे तहखाने मे ।
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इस दिल को अब बारिश की चाहत है।
आप तो दोस्त थे हमारे ।
एक बार पूछ लिया होता ,
क्यों यह दिल आहत है।
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यह बारिश आज मेरी जान लेगी ।
अब तू ही बतादें यार ,
क्या हम ऐसा करें ,
कि आपकी दोस्त मान लेगी ।
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इस बारिश को हमने इशारों से बुलाया है।
यह दिल ही जानता है ,
इसने हमे कितना रूलाया है।
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एहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है।
बारिश मे इस दिल का गुजारा है।
तू ही मेरी जिदंगी का आखरी सहारा है।
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बारिश मे बादलों से हारा है यह दिल ।
बुरे वक्त मे हमारा सहारा है यह दिल ।
आपके साथ बिना कंवारा है यह दिल ।
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समंदर पर लिखते हैं नाम तेरा ।
आज काले बादलों ने हमको घेरा ।
मर जाएंगे फिर सकून से ,
बस देखले आखरी बार तेरा चेहरा ।
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लगता है बरसात होगी ,
असमान मे बादल छाए हैं ।
हम तो नष्ट होने वाले ही हैं ,
आखिर बिजलियों से हम टकराएं हैं।
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कि हम चुका ना सके ,
ऐ बारिश इतना एहसान मतकर ।
बरसना है तो ढंग से बरस ,
हमारी दिल की दुनिया को विरान मत कर ।
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बारिशों मे उछलता है दिल आज भी बच्चा है।
शक मत कर हमारी दोस्ती पर ,
दोस्त तेरा सच्चा है।
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यह बारिश याद आती है तन्हाइयों मे ।
आपकी दोस्ती दिखती है हमें परछाइयों मे ।
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इन बारिशों ने घर डुबोया है।
पर इस यार को क्या फर्क पड़ता है
वह तो कब्र मे सोया है।
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आप तो हमारी आंखों मे बसते हैं।
एक शराब की बोतल मे बिक जाते हैं,
देखों आज दोस्त कितने सस्ते हैं।
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आसमां भी बादलों से काला नहीं था।
आंखों मे उजाला नहीं था ।
दोस्त भी शराब का प्याला नहीं था।
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नीली चादर ओढे बारिशों मे घूमते रहे ।
आपकी याद जब आई ,
तो बारिश की बूंदों को चूमते रहे ।
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बहुत दर्द दिल के अंदर था ।
आंखों मे आंसुओं का समंदर था।
आज बारिशों की एक एक बूंद
हमारे लिए एक खंजर था।
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इस बारिश पर हमें विश्वास नहीं है।
कि लगालें दिल से ,
इतनी भी आपकी दोस्ती खास नहीं है।
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इन बारिशों मे अब वो एहसास नहीं है।
क्या बताएं अब आपको ,
आपके बिना जिदंगी कुछ खास नहीं है।
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हमे तो इन बारिशों ने घेरा ।
रूह की दीवारों पर लिखते हैं नाम तेरा ।
आपके बिना कैसे हो सकता है ,
हमारी जिदंगी मे सवेरा ।
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भूलने का मन नहीं आपको फिर भी भूल जाना है।
इन बारिशों मे भी हमे स्कूल जाना है।
बारिश कहती है हमें कूल बन जाना है।
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यह प्रेम के बादल हैं जितना बरसते हैं बरसने दो ।
बारिश का एहसास दोस्तों को हो ,
इनको थोड़ा और गर्जने दो ।
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दोस्तों ने कभी हमें चाहा नहीं ।
बारिशों ने कभी हमें सहा नहीं ।
हम तो कतरे थे फिर भी ,
हमारा वजूद बारिश मे बहा नहीं ।
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बारिश का होना ही दिल की खुशनसीबी है।
आपतो हाल चाल ही नहीं पूछते हो हमारे ,
क्या बोलने मे भी अब गरीबी है।
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जो गरजता है वो बरसता नहीं ।
आपकी दोस्ती के बिना ,
हमारी जिदंगी का कोई रस्ता नहीं ।
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आपको दोस्त बनाया था हमने ,
बेच कर खुद के जमीर को ।
और सुंदर लगोगे आप अब ,
बारिशों मे रखदिया आपकी तस्वीर को ।
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आग की लपेटों से घिरे हम थे ।
आपके लिए बारिशों मे फिरे हम थे ।
भूल गए आप ,
कभी आपके लिए हीरे हम थे ।
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गुनगुनी शाम है।
बारिशों का जाम है।
आपकी दोस्ती से मिला ,
हमे जो मुकाम है।
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आपके बिना मन खाली था ।
बारिशों मे दिल बदहाली था।
आपने बदला हमको ,
कभी यह यार मावाली था।
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लिपटकर बारिश हमसे रोती रही ।
आंसुओं को वह खुद ही धोती रही ।
दुनिया हमारे आंसुओं को बारिश समझकर
नए बीज बोती रही ।
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इन बारिशों मे दिल बहुत बेहाल हुआ ।
आपकी दोस्ती मे बहुत बवाल हुआ ।
दिल की सुनाएं क्या आपको ,
जब से आपसे दोस्ती की है ,
चूहों जैसा हाल हुआ ।
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यूं तो बारिश रोज होती है ,
पर आज नहीं हुई ।
दिल टूटा है हमारा
फिर भी कोई आवाज नहीं हुई ।
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आपसे दोस्ती का मोह नहीं छोड़ पाए हम ।
आपने दर्द भरी बारिश बहुत की ,
फिर भी दोस्ती नहीं तोड़ पाए हम ।
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ऐ दोस्त अधरों मे लटकी है जान,
बचाने आ जाओ ।
ऐ बारिश क्यों तड़पाते हो इतना ,
और नहीं तो सताने ही आ जाओ।
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बारिश का तेज बहाव था ।
जिदंगी मे पत्थरों का टकराव था ।
आंखें खुली तो पता चला ,
आपकी दोस्ती एक ख्याली पुलाव था।
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अज्ञानी का ज्ञान देखा ।
बारिश को धरती पर कुर्बान देखा ।
जो दोस्त बनाकर धोखा देते हैं ,
आज हमने एक ऐसा इंसान देखा।
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मन तो बड़ा अबोध था ।
आपकी और हमारी दोस्ती का विरोध था ।
पर दोनों की जिदंगी मे बारिशों का आमोद था।
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इन बारिशों मे मिले जो दुख दर्द
सब डायरी मे लिख दिये ।
दोस्ती का एहसास सुनाए क्या आपको ,
हमने तो सब कुछ शायरी मे लिख दिये ।
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भीगे मौसम मे ,
भीगा भीगा सा मन था ।
अचानक तोड़ दी दोस्ती आपने ,
देखकर जमाना भी सन्न था।
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बारिशों मे गिरे जो नगीने थे ।
अच्छा हुआ खुद ही चले गए
कुछ दोस्त जो कमीने थे ।
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यह बारिश अब जीने नहीं देती ।
आपकी दोस्ती हमे जहर पीने नहीं देती ।
टूटे रिश्तों को यह दुनिया फिर से सीने नहीं देती ।
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बारिशों का शौर दिल के विरान मे है।
दिखता वही है जो इंसान मे है।
मेरे हर सवाल का जवाब तेरी मुस्कान मे है।
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क्या करें इन बादलों के टकराव का ।
कोई इलाज नहीं होता नदी के बहाव का ।
मजा लिजिए यारो दोस्ती मे चाव का ।
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इस बारिश मे तेरी तलास मे निकले हम ।
तू तो मिली नहीं ,
पर जब ताबूत खोला तो एक लाश मे निकले हम ।
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पानी फेर दिया इस बारिश ने ,
हमारे दिल के अरमानों पर ।
भरोशा कैसे करलें हम ,
दुश्मन जैसे दोस्त के एहसानों पर ।
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