बकरी के मुंह के छाले की दवा , बकरी के मुंह में छाले का इलाज bakri ke muh me chhale दोस्तों बकरीपालन यदि आप करते हैं तो आपको समय समय पर बकरी को हेल्दी रखने की भी आवश्यकता होती है। और यदि बकरी बीमार पड़ जाती हैं और उनका समय पर ईलाज नहीं किया जाता है तो फिर वे मर भी सकती हैं। बकरीपालकों की कई बार बहुत सारी बकरी बीमारी की वजह से मर जाती हैं। आज जिस तरह से बेरोजगारी फैल रही है। उस तरह से हर इंसान अलग अलग तरह का धंधा कर रहा है। यदि आप बकरी पालन के अंदर सफल होते हैं तो उसके बाद आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसके अंदर कोई शक नहीं है। क्योंकि बकरी के मीट की मांग मार्केट के अंदर बहुत अधिक है। आप महिने के अंदर काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
लेकिन बकरी के साथ समस्या यह होती है कि बीमारी की वजह से यह मर भी जाती हैं तो इसकी वजह से काफी अधिक नुकसान होता है। इसके बारे मे आपको अच्छे से पता होना चाहिए ।
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बकरी के मुंह में छाले का इलाज बकरी के मुंह में छाले क्या होते हैं ?
दोस्तों बकरी के मुंह पर होने वाले छाले आमतौर पर एक प्रकार की बीमारी से होते हैं। जिसकी वजह से बकरियों के होंठ और मसूड़ों पर छाले देखने को मिल सकते हैं।इसके अलावा बकरी के स्तन आदि दूसरे भागों पर भी छाले हो सकते हैं। यह एक तरह की संक्रामक बीमारी है तो यदि आप बहुत सारी बकरियां रखते हैं तो आपको चाहिए कि आप अन्य बकरियों को अलग करदें। क्योंकि ऐसा ना करने पर संक्रमण अन्य बकरियों के अंदर भी फैल सकता है। आपको इसके बारे मे पता होगा ।
वैसे यदि आप इनका चार सप्ताह तक सही तरीके से ईलाज करते हैं तो फिर यह समस्या ठीक हो जाती है। इसके लिए आप घरेलू उपचार भी कर सकते हैं और मार्केट से इसके लिए दवा भी लेकर आ सकते हैं।
बकरियों के मुंह के अंदर होने वाले छालें आमतौर पर उनके होंठ और मसूड़ों पर देखा जा सकता है। और यह 4 साप्ताह के अंदर पूरी तरह से ठीक भी हो जाते हैं। हालांकि कई बार इनके ठीक होने मे काफी अधिक समय लग जाता है। और इन छालों की वजह से बकरियां ठीक तरह से चर नहीं पाती हैं और उनके वजन पर भी इसका असर पड़ता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।और यदि आप हल्की वजनी बकरी को बेचते हैं तो फिर इसका मोल भाव भी काफी कम उठता है।
आपको बतादें कि यह एक संक्रामक बीमारी होती है। ऐसी स्थिति के अंदर यदि कोई बकरी का छोटा बच्चा है और बकरी के थन से दूध पीता है तो वह भी इस बीमारी से ग्रस्ति हो सकता है। इसलिए आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।
Orf Virus की वजह से बकरियों के मुंह मे छाले हो जाते हैं। वैसे आपको बतादें कि इस बीमारी से बचने के लिए किसी भी तरह का टीका नहीं है। और बस आपको इंतजार करना होता है। हालांकि जानवरों के लिए बनी एंटिबायोटिक क्रीम का उपयोग आप कर सकते हैं।
और इसकी मदद से बकरियों के छालों को दूर कर सकते हैं। जिसके बारे मे हम आगे आपको बताने वाले हैं।वैसे यह बीमारी इतनी अधिक खतरनाक नहीं होती है कि बकरी की जान ले सके । इसलिए आपको इसको देखकर अधिक डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। यह समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है। आप किसी भी मेडिकल स्टोर पर जाएं और वहां से एंटिबायोटिक क्रीम को लेकर आ जाएं । बस उसके बाद उसको बकरी के छालों पर लगाएं । ऐसा करने से बकरी के छाले ठीक हो जाएंगे । आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
bakri ke muh me chhale बकरी के मुंह में छाले के लक्षण
यदि बकरी के मुंह मे छाले के लक्षणों की बात करें तो इसके कई सारे लक्षण प्रकट हो सकते हैं। और इन लक्षणों को देखकर आप बहुत ही आसानी से पहचान सकते हैं कि बकरी के मुंह के अंदर छाले हुए हैं।
- जैसे कि बकरी के मसुड़ों का सूजा हुआ दिखाई देना
- बकरी के होठों पर घाव जैसा दिखना
- बकरी का वजन कम होना
- बकरी कम खान पान करती है।
यदि आप बकरी के मुंह को ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि बकरी के मुंह पर छाले हो चुके हैं। और इन छालों की वजह से बकरी ठीक से खाना नहीं खा रही है तो आपको चाहिए कि बकरी के इन छालों का ठीक से ईलाज किया जाए आपको पता होना चाहिए ।
बकरी के मुंह में छाले का घरेलू ईलाज
दोस्तों यदि आप बकरी के मुंह मे छाले देखते हैं तो आप इसके लिए कई सारे घरेलू उपाय कर सकते हैं। जिससे कि बकरी के छाले ठीक हो जाएं । तो आइए जानते हैं। कुछ घरेलू उपचार के बारे मे जिससे कि बकरी को आराम मिल सकता है।
- पिसी हुई हल्दी तो हर घर के अंदर बहुत ही आसानी से मिल जाएगी । पिसी हुई हल्दी के अंदर एंटिबायोटिक गुण होते हैं। इसके साथ नारियल के तेल को मिलाकर अच्छी तरह से मिक्स करलें। उसके बाद आपको करना यह है कि बकरी को जहां जहां पर छाले हुए हैं वहां वहां पर दिन मे दोबार लगाना होगा । बस उसके बाद क्या है। धीरे धीरे बकरी के छाले ठीक हो जाएंगे आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
- दोस्तों बोरिक ऐसिड का नाम तो आपने सुना ही होगा यह आमतौर पर कवक के विकास को रोकने का काम करता है। यदि बकरी के मुंह मे छाले हो चुके हैं तो आपको चाहिए कि आप बोरिक ऐसिड मार्केट से खरीद लें । यदि आपके लोकल मे मिलता है तो ठीक है लेकिन यदि लोकल मे नहीं मिलता है तो फिर आप इसको ऑनलाइन खरीद सकते हैं। आपको आसानी से मिल जाएगा । उसके बाद इसके अंदर नारियल का तेल मिला दें । और दिन मे दो बार बकरी को लगाएं ।
- ग्वार पाठे का नाम तो आपने सुना ही होगा जिसको एलोवेरा के नाम से जानते हैं। वह भी बकरी के छाले को रोकने मे काफी फायदेमंद होता है। आप इसकी लुगदी बनाएं और उसके बाद इसको बकरी के मुंह मे दिन मे दो बार लगाएं । ऐसा करने से बकरी को काफी अधिक आराम मिलेगा आप ट्राई करके देख सकते हैं।
- लाल दवा का नाम तो आपने सुना ही होगा । पशु के घाव को धोने के लिए लाल दवा का खास तौर पर प्रयोग किया जाता है। हालांकि लाल दवा को लाल दवा का रासायनिक नाम ‘पोटेशियम परमैंगनेट’ है और इसका रासायनिक सूत्र KMnO4 है। लाल दवा एक तरह का रसायन है। जब आप इसको पानी के अंदर घोलते हैं तो यह गुलाबी रंग का दिखता है। लाल दवा काफी बेहतरीन होती है। और आप इसको किसी भी जानवरों के डॉक्टर से प्राप्त कर सकते हैं। लाल दवा को सबसे पहले पानी के अंदर मिलाएं और उसके बाद इससे बकरी का मुंह धोएं। यदि बकरी के मुंह के अंदर छाले हो गए हैं तो लाल दवा से उनको धोते रहना बहुत ही जरूरी होता है। ऐसा करने का फयदा यह होगा कि आपकी बकरी के छालों मे कीड़े नहीं पड़ेंगे और बकरी सही हो जाएगी । यदि आपके आस पास कोई डॉक्टर नहीं है तो फिर आप लाल दवा को किसी भी मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं खास तौर पर जो जानवरों के लिए है। पोटेशियम परमैंगनेट व्यापक रूप से रासायनिक उद्योग और प्रयोगशालाओं में एक मजबूत ऑक्सीकरण एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है, और घावों की सफाई के लिए , और सामान्य कीटाणुशोधन के लिए जिल्द की सूजन के लिए एक दवा के रूप में भी उपयोग किया जाता है । यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवाओं की सूची में है । 2000 में, दुनिया भर में उत्पादन 30,000 टन होने का अनुमान लगाया गया था।
यदि बकरी के मुंह मे छालों मे कीड़े पड़ गए हैं तो क्या करें ?
आप इसके लिए सबसे पहले बकरी को डॉक्टर के पास लेकर जाएं और आपका डॉक्टर आपके बकरी के मुंह से कीड़ों को निकालेगा और उसके बाद वह लाल दवा से बरीक के छालों को धो देगा । ऐसी स्थिति के अंदर बकरी का घर पर उपचार नहीं करना चाहिए । नहीं तो संक्रमण काफी तेजी से और स्थानों पर भी फैल सकता है।
बकरी को छाले क्यों होते हैं ?
जैसा कि हमने आपको बताया बारिश के मौसम मे यह छाले अधिक होते हैं। और एक प्रकार के वायरस की वजह से छाले से होते हैं।यदि किसी बकरी को छाले हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें ।
क्या बकरी के छाले अपने आप ठीक हो जाते हैं ?
देखिए इस संबंध मे कोई जरूरी नहीं है कि यह अपने आप ठीक हो जाएंगे । आपको इसका इंतजार नहीं करना चाहिए । यदि आपकी बकरी के मुंह के अंदर छाले हो चुके हैं तो आपको तुंरत ही इसका उपचार करना शूरू कर देना चाहिए । क्योंकि यदि आप अपने आप ठीक होने के चक्कर मे बैठे रहेंगे तो फिर समस्या और अधिक गम्भीर हो सकती है और छालों के अंदर कीड़े भी पड़ सकते हैं तो यह अपने आप ठीक नहीं होते हैं। आपको इनके उपर ठीक तरह से ध्यान देना होगा ।
बकरी के छाले क्या संक्रामक होते हैं ?
हां बकरी के छाले संक्रामक होते हैं। यह एक बकरी से दूसरी मे फैल सकते हैं तो आपको चाहिए कि एक बकरी के छाले होने पर दूसरी बकरी को अलग करदें। यही आपके लिए सही होगा । नहीं तो फिर कोई भी फायदा नहीं होगा समस्या और बढ़ सकती है। और अन्य बकरियों के अंदर यह फैल सकता है।
बकरी के छाले मे कीड़े लगने से बचाने के लिए क्या करें ?
इसके लिए आपको करना यह है कि समय समय पर अपनी बकरी को दवा लगाते रहें । और बकरी के छालों को धोने के लिए आपको लाल दवा का इस्तेमाल करना चाहिए । इससे बकरी के छालों मे कीड़े पड़ने जैसी नौबत नहीं आएगी । लेकिन यदि आप छालों की सही तरीके से देखभाल नहीं करेंगे तो फिर कीड़े भी पड़ सकते हैं जोकि आपकी बकरी के लिए काफी दर्दनाक हो सकते हैं।
बकरी के मुंह में छाले का कारण मुंहपका रोग
दोस्तों इस रोग का नाम तो आपने सुना ही होगा मुंहपका खुरपका एक प्रकार का घातक विषाणू जनित रोग होता है। और यह रोग गाय भेड भैंस और बकरी के अंदर फैलता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए । यदि किसी को मुंहपका खुरपका रोग हो जाता है तो सबसे पहले पशु को बुखार हो जाता है और उसके बाद उसके खुर और मुंह के अंदर दाने से दाने बन जाते हैं और बाद मे वे एक छाले का आकार ले लेते हैं। इस तरह से दोस्तों यदि समय पर इनको नहीं सम्भाला जाता है तो फिर रोग और अधिक भयंकर हो जाता है। आप समझ सकते हैं।
यदि जल्दी ही पशु पर इसका ध्यान नहीं दिया जाता है तो उसके बाद समस्या काफी अधिक भयंकर हो जाती है। पशु जुगाली करना बंद कर देता है। और उसके मुंह से लार टपकने लग जाती है। पशु धीरे धीरे कमजोर पड़ता चला जाता है।ऐसी स्थिति के अंदर यदि बकरी है तो उसकी सही सही देखभाल करना जरूरी है। आप बकरी के मुंह को खोल कर देख सकते हैं कि उसके मुंह के अंदर छाले हो गए हैं या फिर नहीं हुए हैं। यदि हो गए हैं तो उपर लाल दवा के बारे मे बताया गया है। आप उस दवा का इस्तेमाल करके उसके छालों को धो सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
अब बात करें मुंहपका खुरपका रोग के लक्षणों के बारे मे
- प्रभावित बकरी अपने पैर को बार बार पटकती है। यह उसके छालों मे पड़े कीड़ों की वजह से होता है।
- इसके अलावा पैरों के अंदर सूजन भी आ जाता है।
- इसके अलावा बकरी को बुखार भी हो सकता है।
- पैरों के अंदर घाव पड़ सकते हैं।
- जीभ, मसूड़े, ओष्ट आदि पर छाले पड़ जाते हैं
- इसके अलावा बकरी का खुर पैर से अलग हो जाता है।
- इसके अलावा गर्भवति बकरी मे गर्भपात होने के चांस होते हैं।
- इसके अलावा प्रजनन क्षमता काफी अधिक प्रभावित होती है।
मुंहपका खुरपका रोग के उपचार
दोस्तों इस रोग का वैसे कोई उपचार नहीं है। लेकिन यदि आप बकरी के घावों का ठीक से ध्यान रखते हैं तो उसके बाद यह रोग अपने आप ही ठीक हो जाता है। इसके लिए आप कुछ उपचार का प्रयोग कर सकते हैं।
- बकरी के पैर और मुंह के अंदर घाव हो चुके हैं तो पीपल और नीम के पत्तों का काढ़ा बनाएं और उसकी मदद से घाव को अच्छी तरह से धोना चाहिए । और ऐसा आपको दिन मे दो बार करना चाहिए । नीम और पीपल तो लगभग हर जगह पर मिल जाता है तो आप यह कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप लाल दवा लेकर आ सकते हैं। पशु के डॉक्टर के पास लाल दवा बहुत ही आसानी से मिल जाती है। तो आप उसकी मदद से पशु के पैर और मुंह के अंदर छाले को अच्छी तरह से धोएं । ऐसा करने से पशु के छालों के अंदर कीड़े नहीं पड़ेगे और छाले ठीक हो जाएंगे । वैसे तो यदि आप बकरी पालन करते हैं तो आपके यहां पर लाल दवा बहुत ही आसानी से मिल जाती है। आप उस लाल दवा को अपने घर के अंदर भी रख सकते हैं। क्योंकि यह कई सारी चीजों के अंदर काम आती है।
- यदि पशु के पैर के अंदर छाले हैं तो इसके लिए आप काली फिनाइल का भी उपयोग कर सकते हैं। काली फिनाइल की मदद से पशु के घाव को धो सकते हैं। इससे उसके अंदर कीड़े नहीं पड़ेगे और घाव बहुत ही आसानी से ठीक भी हो जाएगा ।
काली फिनाइल आपको किसी भी मेडिकल स्टोर के अंदर बहुत ही आसानी से मिल जाएगी आप वहां से इसको खरीद सकते हैं। यह आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा । काली फिनाइल का उपयोग करना आपके लिए काफी फायदेमंद होगा । हमारे पशु को जब मुंहपका खुरपका रोग हुआ था तो हमने काली फिनाइल का उपयोग किया था।
- 1 ग्राम फिटकरी 100 मिलीलीटर पानी में घोलकर दिन में तीन बार धोना चाहिए। इसके लिए आप दिन के अंदर दो बार धो सकते हैं। यह आपके लिए बहुत अधिक सही होगा । और फिटकरी को आप आसानी से मार्केट से खरीद सकते हैं। जो बकरी वैगरह का पालन करते हैं उनको तो अपने यहां पर फिटकरी जरूरी ही रखना चाहिए ।
- पशु के मुंह के अंदर छाले हो चुके हैं तो वह भोजन को ठीक तरह से नहीं खा सकता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आपको चाहिए कि आप उसको नरम भोजन दें जिससे कि फालो के अंदर चुभे नहीं और पशु उसको आसानी से खा सके।
- इसके अलावा आप एक बार अपने डॉक्टर से भी परामर्श कर सकते हैं। आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है। आपको उसका पालन करना चाहिए । वह पशु के लिए कुछ दवाएं भी लिखकर दे सकता है। जिससे कि समस्या ठीक हो जाएगी ।
- इसके अलावा जो पशुपालक हैं उनको हर 4 महिने के अंदर पशु का टीकाकरण करवाना जरूरी है। जिससे कि वे इस समस्या से बहुत ही आसानी से बच सकते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- बोरो ग्लिसेरीन और गेंहू के आटे के अंदर मिलाएं और उसके बाद एक लेप तैयार करें । यदि मुंह के अंदर छालें हैं तो उसको लगाना चाहिए आप दिन मे दो बार इसका प्रयोग कर सकते हैं। काफी फायदा देने वाली चीज है। आप एक बार इसका उपयोग करके देख सकते हैं।
- नीम का तेल के बारे मे तो आप अच्छी तरह से जानते ही हैं। आप मार्केट से नीम का तेल खरीद लाएं । आमतौर पर नीम का तेल घाव के अंदर मौजूद कीड़ों को मारने या फिर कीड़ों के लगने से बचाने के लिए काफी फायदेमंद होता है। यदि बकरी के मुंह के अंदर छाले हैं तो भी आप नीम का तेल उनके छालों पर लगा सकते हैं। और यदि पशु के पैर के अंदर भी छाले हो चुके हैं तो आपको चाहिए कि आप उसके वहां पर भी नीम का तेल प्रयोग करें । जिससे कि मक्खी आदि नहीं बैठेंगे और पशु के छाले ठीक हो जाएंगे आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए । यह देशी दवा है लेकिन काम करती है।
- तारपीन तेल का नाम तो आपने सुना ही होगा यदि पशु के छाले मे कीड़े पड़ गए हैं तो उसके लिए तारपीन का तेल काफी फायदेमंद होता है। आप इसको मार्केट से खरीद लाएं और बकरी के छाले वाले स्थानों पर लगाएं । इससे कीड़ें मर जाते हैं और बकरी को काफी आराम मिलेगा । आपको बतादें कि तारपीन का तेल चीड़ वाली राल से बनाया जाता है। यह मार्केट के अंदर बहुत ही आसानी से मिल जाता है। यदि आपको लोकल मार्केट के अंदर नहीं मिलता है तो आप इसको आसानी से ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
यदि बकरी को मुंहपका खुरपका रोग हो जाए तो क्या करना चाहिए ?
दोस्तों यदि बकरी को मुंह पका और खुरपका रोग हो जाता है तो इसके लिए आप कुछ जरूरी कदम उठा सकते हैं। तो आइए जानते हैं उन स्टेप्स के बारे मे विस्तार से ।
- यदि बकरी को खुरपका मुंहपका रोग के लक्षण नजर आते हैं तो आपको सबसे पहले उसे किसी पशुचिकित्सक के पास लेकर जाना होता है। और उसके बाद चिकित्सक जो निर्देश देता है उसका पालन करना जरूरी होता है।
- इसके अलावा यदि किसी बकरी को इस रोग का पता चल जाता है तो आपको चाहिए कि आप उस बकरी को अन्य बकरियों से अलग कर देना चाहिए । क्योंकि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर यह रोग अन्य बकरियों के अंदर भी फैल सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- और इस तरह की बकरी का यदि आप दूध निकाल रहे हैं तो हाथ आदि को अच्छी तरह से धोएं क्योंकि यह बीमारी इंसानों को भी प्रभावित कर सकती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
- 2 प्रतिशत सोडियम हाइड्राक्साइड (NaOH) के घोल का छिड़काव उस क्षेत्र के अंदर करते रहना चाहिए जिस क्षेत्र के अंदर पशु को बांधा गया है ताकि यह बीमारी अन्य पशु के अंदर ना फैले ।
- कुछ पशु इस बीमारी से अधिक प्रभावित नहीं होते हैं। खास कर देशी पशु पर इसका असर कम होता है। उनके छाले अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। अधिकतर केस मे ।
- यदि अन्य पशु को बीमारी से बचाना चाहते हैं तो चिकित्सक से संपर्क करें ताकि वह दूसरे पशु को तुरंत ही टीकाकरण करदें। ताकि अन्य पशु पर इसका असर नहीं पड़े टीकाकरण करने के 10 से 15 दिन तक इस पशु को अलग रखें ।
- सोडियम कोर्बोनेट घोल से उस बर्तन को साफ करना चाहिए जिसके अंदर प्रभावित बकरी का दूध एकत्रित किया गया है। इससे संक्रमण के और अधिक फैलने के चांस काफी कम हो जाते हैं।
- यदि किसी पशु को खुरपका मुंहपका रोग है तो उसे अन्य पशुओं के साथ चराई के अंदर नहीं भेजना चाहिए वरना यह संक्रमण अन्य पशुओं के अंदर फैल सकता है और समस्या काफी अधिक भयंकर हो सकती है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
- इसके अलावा प्रभावित पशु को पानी पीलाने के लिए नदी तालाब आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए नहीं तो संक्रमण दूसरे पशुओं के अंदर फैलने का डर बना रहता है। तो उसके लिए अलग पानी की व्यवस्था की जानी चाहिए ।
- इसके अलावा जिन क्षेत्रों के अंदर खुरपका मुंहपका रोग फैला है वहां पर आपको पशुओं की खरीदन नहीं करनी चाहिए नहीं तो संक्रमण आपके पास मौजूद पशुओं के अंदर भी फैल सकता है। इसके बारे मे आपको अच्छी तरह से पता होना चाहिए ।
बकरी के मुंह में छाले का इलाज लेख के अंदर हमने यह जाना कि किस तरह से हम बकरी के छालें का ईलाज कर सकते हैं। यहां पर हमने कई तरह के देसी उपचार के बारे मे बताए हैं। और आप उन देसी उपायों को अजमा सकते हैं और बकरी के मुंह के अंदर होने वाले छालें का उपचार कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपको यह लेख पसंद आया तो हमें कमेंट करके बताएं । यदि आपका इस संबंध मे कोई सवाल है तो भी आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
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