बेहोश करने का सिंपल तरीका जाने असली 10 तरीके

behosh karne ka simple tarika बेहोश करने का सिंपल तरीका जाने इस लेख के अंदर हम आपको बेहोश करने के सिंपल तरीके के बारे मे बताने वाले हैं। कुछ लोगों को बेहोश करने का सिंपल तरीका पता करना होता है। दोस्तों जब पहले डॉक्टर आपरेशन करते थे , तो वे पूरे इंसान को बेहोश करके ही आपरेशन करते थे । लेकिन अब नियम बदल गए हैं। अब डॉक्टर जिस हिस्से का आपरेशन करते हैं। बस उसी को सुन्न करदेते हैं। और बाकि किसी भी हिस्से को बेहोश नहीं करते हैं। जिससे ​कई बार तो मरीज को यह याद रहता है , कि उसका आपरेशन किस तरह से किया गया था ।

वर्तमान मे क्लोरोफोर्म जैसी दवा भारत के अंदर बैन है। जोकि बेहोशी के अंदर सबसे अधिक इस्तेमाल की जाती है। लेकिन उसके बाद भी चोरी दावे यह दवा बिकती भी है। दोस्तों क्लोरोफोर्म जैसी दवा का प्रयोग बहुत सारे चोर करते हैं। वे इसकी मदद से लोगों को बेहोश कर देते हैं। और उसके बाद उनके घर के अंदर चोरी कर लेते हैं ।या फिर उनके सामान को चोरी करके ले जाते हैं। तो यहां पर हम आपको बेहोश करने की दवाओं और सिंपल तरीकों के बारे मे बात करने वाले हैं।

हालांकि बेहोश करने वाली दवाओं का बुरा असर पड़ सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसलिए इनमे से किसी भी तरह की दवा का प्रयोग करने से पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और उसके बाद ही किसी दवा का प्रयोग करना चाहिए । नहीं तो नुकसान होने का डर हो सकता है।

इथर बेहोशी की दवा कैसे काम करती है  behosh karne ka simple tarika

दोस्तों इथर एक प्रकार की बेहोशी की दवा होती है। यह भारत के अंदर उपलब्ध है या फिर नहीं है ? इसके बारे मे हमें कोई जानकारी नहीं है।लेकिन कहा जाता है कि इस दवा का प्रयोग विकसित देशों के अंदर बंद कर दिया गया है।आपको बतादें कि इस दवा को सांस की मदद से दिया जाता है। यह मस्तिष्क की गतिविधि को कम करके बेहोशी पैदा करता है। इथर मस्तिष्क की कोशिकाओं में GABA नामक न्यूरोट्रांसमीटर के प्रभाव को बढ़ाता है।

इथर को देने के बाद इंसान की सांस लेने की दर काफी अधिक बढ़ जाती है। और उसके बाद उसके अंदर चेतना धीरे धीरे काफी कम हो जाती है।इसके बाद मरीज का रक्तचाप काफी कम हो जाता है। और शरीर का तापमान भी काफी कम हो जाता है। और फिर मरीज बेहोश होने लग जाता है।

इस दवा का प्रयोग कम जटिल सर्जरी के लिए किया जाता है। लेकिन इसके नुकसान को भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। इसके कुछ नुकसान इस तरह से हैं।

  • उल्टी और मतली
  • सिरदर्द
  • मतली
  • बुखार
  • एलर्जी की प्रतिक्रिया
  • श्वसन समस्याएं

क्लोरोफॉर्म बेहोश करने का सिंपल तरीका behosh karne ka simple tarika

दोस्तों क्लोरोफॉर्म का नाम तो आपने बहुत बार सुना होगा । यह बेहोश करने का सबसे आसान तरीका होता है। बस सूंघाओ और इंसान बेहोश हो जाएगा । हालांकि इंडिया के अंदर यह हर किसी को बेचा नहीं जाता है।क्लोरोफॉर्म को पहली बार 1831 में जर्मन रसायनज्ञ स्वीडन बेयर द्वारा तैयार किया गया था। और आविष्कार के बाद यह काफी अधिक लोकप्रिय हो चुका है। पहले इसका प्रयोग सर्जरी के अंदर किया जाता था । लेकिन अब इसका प्रयोग सर्जरी मे भी बंद हो चुका है।इसके बड़े नुकसान यह हैं कि इसकी मदद से उल्टी और मौत तक हो सकती है।

क्लोरोफॉर्म का उपयोग एरोसोल, फार्मास्यूटिकल्स, और क्लीनर में भी किया जाता है।आपको बतादें कि यह काफी अधिक विषाक्त पदार्थ होता है , जोकि आपकी के​द्रिय तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। और इंसान की मौत का कारण बन सकता है।

सेवॉफ्लुरेन बेहोश करने का ​तरीका

सेवॉफ्लुरेन एक प्रकार की गैस होती है। जिसको सांस की मदद से दी जाती है। और इसका प्रयोग सर्जरी वैगरह करने के लिए किया जाता है।इसके सबसे बड़े फायदे यह हैं कि यह काफी जल्दी ही प्रभावी हो जाता है , और इसके कोई खास दुष्प्रभाव भी नहीं हैं।

  • उल्टी और मतली
  • सिरदर्द
  • मतली
  • बुखार
  • एलर्जी की प्रतिक्रिया
  • श्वसन समस्याएं

जैसे कुछ दुष्प्रभाव इस दवा की मदद से हो सकते हैं। बिना चिकित्सक के इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए । नहीं तो नुकसान हो सकता है।

एनफ्लुरेन से बेहोशी

एनफ्लुरेन एक प्रकार की गैस होती है। जिसका प्रयोग सर्जरी के दौरान मरीज को बेहोश करने के लिए किया जाता है। यह रंगहीन और गंधहीन गैस होती है , जोकि काफी अधिक उपयोगी होती है।एनफ्लुरेन एनेस्थेटिक्स के अल्केन्स वर्ग का सदस्य है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर दबाव डालकर काम करता है, जिसके परिणामस्वरूप बेहोशी आ जाती है। हालांकि इसका प्रयोग सिर्फ छोटी सर्जरी करने के लिए ही किया जाता है। और वह भी डॉक्टर के परामर्श के बाद ही प्रयोग किया जाता है , बिना डॉक्टर की अनुमति के इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

वैसे तो एनफ्लुरेन  को एक सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इसके बाद भी यह कुछ नुकसान पैदा कर सकता है। तो आइए जानते हैं। इसके बारे मे इसकी वजह से क्या क्या नुकसान हो सकता है।

समुद्री बीमारी और उल्टी

सिरदर्द

धीमी हृदय गति

कम रक्तचाप

बरामदगी

श्वसन अवसाद

बार्बिटुरेट्स बेहोश करने का सिंपल तरीका नहीं है

बार्बिटुरेट्स एक प्रकार की दवा होती है। जिसको इंजेक्सन के तौर पर भी दिया जा सकता है। या फिर इसकी दवाओं को नींद की गोलियों की तरह प्रयोग किया जाता है। यह एक तरह से एंठन रोधी दवाएं होती हैं।

बार्बिटुरेट्स के प्रभावों के आधार पर यह आमतौर पर दो प्रकार की होती है। कुछ दवाएं बहुुत ही जल्दी काम करती हैं। तो कुछ दवाएं इस तरह की होती हैं , जोकि बहुत ही जल्दी काम करती हैं।

अनिद्रा

मिर्गी

चिंता

आक्षेप

मांसपेशियों में ऐंठन

बेहोशी

जैसी कुछ समस्याएं होती हैं। जिनक इलाज करने के लिए इस दवा का प्रयोग किया जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।

बार्बिटुरेट्स का सेवन करने से आपको कुछ दुष्प्रभाव का भी अनुभव हो सकता है। जिसके बारे मे भी हम आपको यहां पर बता रहे हैं ।

  • निद्रालुता
  • कमजोरी
  • धुंधली दृष्टि
  • मतली और उल्टी
  • सिरदर्द
  • एलर्जी की प्रतिक्रिया
  • अतिशय निद्रालुता
  • श्वसन अवसाद
  • गंभीर दुष्प्रभाव, जैसे कि मृत्यु

इस दवा का प्रभाव 2 से 6 घंटे मे ही होता है। इसके अलावा यदि आप यह दवा ले रहे हैं। तो आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।  और उसके बाद ही इस दवा का सेवन करना चाहिए । नहीं तो आपको गम्भीर नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

ओपियोइड्स दवा

ओपियोइड्स एक प्रकार की दवा होती है। जोकि दर्द को कम करती है। और नींद के अंदर सुधार करने का काम करती है।ओपियोइड्स आमतौर पर दो तरह की होती है। एक का प्रयोग मामूली दर्द के अंदर किया जाता है। और दूसरी का प्रयोग गम्भीर दर्द को कम करने मे किया जाता है।

ओपियोइड्स दवा का प्रयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । बिना डॉक्टर के परामर्श के इस दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए । यदि आप बिना डॉक्टर के परामर्श के इस दवा का प्रयोग करते हैं , तो उसकी वजह से आपको गम्भीर नुकसान हो सकते हैं। ओपियोइड्स  दवा के कुछ नुकसान भी होते हैं। जिसके बारे मे आपको जरूर ही जानना चाहिए ।

  • निद्रालुता
  • कमजोरी
  • धुंधली दृष्टि
  • मतली और उल्टी
  • सिरदर्द
  • एलर्जी की प्रतिक्रिया
  • श्वसन अवसाद
  • गंभीर दुष्प्रभाव, जैसे कि मृत्यु

यह इस प्रकार की दवा है , जोकि लत पैदा कर सकती है। इसलिए इस दवा को अचानक नहीं छोड़ा जाता है। वरन डॉक्टर से परामर्श करने के बाद इसको धीरे धीरे प्रयोग करना बंद किया जाता है।

केटामीन बेहोश करने की दवा

केटामीन एक प्रकार की मनोचिकित्सक दवा होती है। और इस दवा का प्रयोग भी आमतौर पर बेहोशी पैदा करने के लिए किया जाता है।इस दवा का प्रयोग सर्जरी के अंदर भी किया जा सकता है। इसके अलावा इस दवा का प्रयोग केटामाइन का उपयोग दर्द, अवसाद, चिंता और पोस्ट-ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) जैसी मनोरोग स्थितियों के इलाज के लिए भी किया जा रहा है।

केटामीन  का प्रयोग बिना डॉक्टर की अनुमति के ​नहीं किया जाना चाहिए । यदि आप केटामीन  का प्रयोग करते हैं। तो फिर आपको सबसे पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और उसके बाद ही इसका प्रयोग करना चाहिए । और दवा का प्रयोग करने से पहले आपको नुकसान के बारे मे भी अच्छी तरह से जान लेना चाहिए । इसके कुछ नुकसान भी होते हैं।

  • मतली और उल्टी
  • सिरदर्द
  • दस्त
  • उबकाई
  • चिंता
  • घबराहट
  • हाइपरएक्टिविटी
  • मतिभ्रम
  • दृष्टि समस्याएं
  • हृदय गति में वृद्धि
  • रक्तचाप में वृद्धि

प्रोपोफोल एक बेहोश करने की दवा

प्रोपोफोल एक प्रकार की बेहोशी पैदा करने वाली दवा होती है। और यह काफी तेजी से बेहोशी पैदा करने का काम करती है। इसका यूज सर्जरी और तनाव को कम करने मे भी किया जाता है।प्रोपोफोल मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर GABA के स्तर को बढ़ाकर अपने कार्य को पूर्ण करती है।

इन सबके अलावा कैंसर रोगियों के अंदर भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है।

इस दवा के कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। जिसके बारे मे भी हम आपको यहां पर बता देते हैं। तो आइए जानते हैं।

  • मतली और उल्टी
  • सिरदर्द
  • दस्त
  • उबकाई
  • निद्रालुता
  • हाइपोटेंशन (रक्तचाप में कमी)
  • हाइपरटेंशन (रक्तचाप में वृद्धि)
  • हृदय की समस्याएं
  • श्वसन समस्याएं
  • एलर्जी की प्रतिक्रिया

लिडोकेन

लिडोकेन के बारे मे आपको बतादें कि यह दवा आपको पूरी तरह से बेहोश करने का काम नहीं करती है। यदि किसी विशेष क्षेत्र को सुन्न करना है , तो लिडोकेन नामक दवा का प्रयोग किया जाता है। जिसके बाद दिमाग के पास संकेत नहीं पहुंच पाते हैं। और इस तरह से यह दवा काम करती है।दांत दर्द, सिरदर्द, और नसों में दर्द और गर्भ की पीड़ा को कम करने के लिए भी इसी दवा का प्रयोग किया जाता है।

  • स्थानीय जलन या खुजली
  • दिल की धड़कन में तेजी या अनियमितता
  • सिरदर्द
  • मतली और उल्टी
  • एलर्जी की प्रतिक्रिया

जैसे लक्षण आपको इस दवा के दिखाई दे सकते हैं। लेकिन इसका प्रयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और उसके बाद ही इस दवा का प्रयोग आपको करना चाहिए ।

टेट्राकाइन दवा

टेट्राकाइन भी एक तरह की संवेदना को रोकने वाली दवा होती है। यह आमतौर पर दिमाग तक संदेश को भेजने से रोकने का काम करती है। यह किसी को पूरी तरह से बेहोश करने का काम नहीं करती है। बस कुछ सर्जरी के अंदर ही इसका प्रयोग किया जाता है। या फिर छोटी मोटी समस्याओं के अंदर इसका प्रयोग किया जाता है।कान, नाक और गले  और स्त्री रोग व दांत की समस्याओं के अंदर भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। तो दोस्तों इस दवा का प्रयोग करने से पहले आपको एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है , आपको उसका पालन करना चाहिए ।

ऐसा नहीं है , कि इस दवा के फायदे ही फायदे हैं। असल मे इस दवा के प्रयोग करने से कई सारे नुकसान भी होते हैं। जैसे खुजली होना , एलर्जी और दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ।

आपको बतादें कि यह दवा 30 मिनट से लेकर 60 मिनट तक प्रभावी होती है। और इस दवा को नस के अंदर इंजेक्ट किया जाता है। वैसे तो यह दवा सुरक्षित होती है। लेकिन कुछ लोगों के अंदर इसके दुष्प्रभाव देखने को मिल जाते हैं।

बेहोश करने का सिंपल तरीका लेख के अंदर हमने बेहोश करने के तरीके के बारे मे जाना यह लेख बस ज्ञान के लिए है। इसका प्रयोग किसी भी तरह से आपको घर पर नहीं करना चाहिए । यदि आप इसका प्रयोग घर पर करते हैं , तो उसकी वजह से आपको नुकसान हो सकता है। इसके जिम्मेदार आप खुद होंगे। और यदि इन दवाओं से जुड़ा कोई सवाल आपके मन मे है । तो आप उस सवाल को कर सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।

This post was last modified on October 4, 2023

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