बेजुबान पर शायरी बेजुबान जानवर पर शायरी bezubaan janwar par shayari के लिए हम आपको बेस्ट शायरी दे रहे हैं। बेजुबान जानवर और पक्षियों पर शायरी यूनिक शायरी हैं। उम्मीद करते हैं , कि आपको यह सब पसंद आएगा । यदि आपके मन मे कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देन की कोशिश करेंगे।
माना की बेजुबान हैं हम ,
फिर भी आपके मेहमान हैं हम ।
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आजकल दया कौन करता है ,
बेजुबानों पर ,
आखिर वह भी जिंदा हैं ,
आपके एहसानों पर।
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कहने को तो बेजुबान हैं हम ,
मगर खुदा के लिए शान हैं हम ।
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इंसानों से बड़े परेशान हैं हम ,
क्योंकि बेजुबान हैं हम ।
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जो बेजुबानों की मदद करता है ,
खुदा भी उसकी मदद करता है।
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किसी बेजुबान को दिल से लगाया न था ,
किसी इंसान को उसे कभी चहाया न था ,
जब मर गया ,
तो उसको किसी ने कब्र तक भी पहुंचाया न था ।
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दर्द जताने का हक सिर्फ इंसानों को ही नहीं होता ,
जानवरों को भी होता है।
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बेजुबानों का खून करके ,
उनके दर्द को देखकर आंखें मूंद करके ,
तुम कभी खुश नहीं रह सकते ।
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आज का आदमी क्या बेजुबानों का भला करेगा ,
वह तो खुद कर्मों की आग मे जला करेगा ।
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माना की बेजुबान हैं हम ,
दिल तो हमारे भी पास है ,
दर्द का तो हमें भी एहसास है।
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बेजुबानों को मारना कुछ अपनी शान समझते हैं ,
तो कुछ उनकी मदद करना महान समझते हैं।
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बेजुबानों को खून के आंसू रूलाया न करो ,
हंसते हुए जीवों को मौत की नींद सुलाया न करो ।
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कुछ लोग जानवरों को बदनाम करते हैं ,
जानवरों से दरिंदें तो इंसान होते हैं।
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जंगलों को काट कर अपना घर बना लिया ,
अब कहां जाएं बेजुबान जानवर ,
इंसानों ने सब कुछ अपना दर बना लिया ।
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उनको बस दो वक्त की रोटी चाहिए ,
वे इंसानों की तरह लालची नहीं होते ।
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कहने को तो बेजुबान होते हैं ,
मगर समझ सारी होती है ,
जानवरों को मारना हमारा हक है ,
यदि तो सोच गलत हमारी होती है।
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वे सोच समझ नहीं सकते ,
इसलिए जानवर हैं ,
तुम तो सोच समझ सकते हो ,
फिर भी जानवरों से गए गुजरे हो ।
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घर मे किसी ने सीखाया नहीं ,
स्कूल मे किसी ने पढ़ाया नहीं ,
फिर बेजुबानों पर दया करना किसी को आया नहीं ।
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बेजुबान हैं , जो उनको जानवर कहते हैं,
ऐ इंसानों तुम तो दया करो उनपर
हम आपको बार बार कहते हैं।
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कुछ इंसान के वेश मे दरिंदे होते हैं ,
कुछ जानवर के वेश मे परिदें होते हैं ,
मगर जो कुछ भी है ,
हम सब खुदा के बंदे होते हैं।
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किसी पिंजरे मे बेजुबान को कैद मत करना ,
अगर कोई तुमको भी उसी तरह करले कैद
तो फिर खेद मत करना ।
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जीने का हक है बेजुबानों को भी ,
एक दिन यह जरूर समझ आएगा इंसानों को भी ।
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आजकल बेजुबान भी अंधेरे मे सफर करते हैं ,
कुछ इंसान हैं , जो उन बेजुबानों की खबर करते हैं।
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जब बेजुबान भूखे होते हैं ,
तब वो दिल से बहुत टूटे होते हैं।
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बेजुबानों की भूख करती है उनको मजबूर ,
वरना वे रहना चाहते हैं इंसानों से दूर ।
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काटा जंगल , हर घर को तोड़ दिया ,
जब से उजड़ा है उनका आसियाना ,
बेजुबानों ने फिर से बसाने का सपना छोड़ दिया ।
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मत भूल ऐ इंसान तू भी कभी जंगली हुआ करता था ,
रहता था गुफाओं मे ,
और कैसा लगता था ,
जब मौत से सामना हुआ करता था ।
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इंसानों से अच्छे जानवर होते हैं ,
नमक की कीमत जरूर चुकाते हैं ।
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भूख हजारों गुनाह करा देती है ,
भूख है जो बड़ों बड़ों को हरा देती है ,
फिर इससे जानवर कैसे अलग हो सकते हैं।
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इंसान के अंदर का जानवर जब जाग जाता है ,
तो हर बेजुबान भी डर के मारे माग जाता है।
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लाखों बेजुबानों का कत्ल किया ,
फिर इस इंसान ने अपने जीवन को सफल किया ।
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जो दर्द देते हैं , बेजुबानों को ,
भगवान भी माफ नहीं करता उसके गुनाहों को ।
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फिर बर्दाश्त नहीं कर पाएगा तू ,
जानवरों की हरकत को ,
इसलिए मत काट जंगली दरख्त को ।
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पहले जंगलों मे बेजुबान रहा करते थे ,
आज कुछ भी नहीं बचा ,
यह हमारे दादा अक्सर कहा करते थे ।
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एक दिन ऐसा आएगा ,
जब इंसान भी बेजुबानों की
मौत की तरह तड़प जाएगा ।
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महफूज़ नहीं है आज कल कुछ भी ,
क्योंकि इंसान जो पैदा हो गया है।
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बेजुबान कभी खतरनाक नहीं होते ,
क्योंकि इंसानों की तरह उनके दिलों मे सांप नहीं होते।
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इंसानों से अच्छे तो बेजुबान हैं ,
दिल उनका कोरा कागज है ,
इसलिए वो महान हैं।
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पत्नी छोड़ देगी ,
भाई रिश्ता तोड़ देगा ,
वो कभी दुखी नहीं होगा ,
जो जानवरों से रिश्ता जोड़ देगा ।
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जंगलों को उजाड़कर ,
पेड़ों को उखाड़ कर ,
बेजुबानों को पछाड़ कर ,
तू भी कब तक जिंदा रहेगा ऐ इंसान ।
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हर ताकत का अंत जरूर होता है ,
एक दिन तू भी बेमौत मारा जाएगा ऐ इंसान ,
क्योंकि वक्त के आगे हर कोई मजबूर होता है।
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खेली जो इंसानों ने खून की होली ,
बेजुबान तो मर गए ,
मगर अंत मे लगी उनको ही एक गोली ।
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इंसान की मौत गुनाह हो जाती है ,
और बेजुबानों की मौत कोई गुनाह नहीं ,
अरे वाह इंसान कैसा है तेरा यह कानून ।
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जो नहीं रखते हैं , बेजुबानों से हमदर्दी ,
फिर किसी काम की यह ,
इंसान नाम की वर्दी ।
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बेजुबानों से हमदर्दी तो रखिए जनाब ,
फिर पूरे हो जाएंगे , तुम्हारे हर ख्वाब ।
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बेजुबान भी रोते हैं ,
बस उनका दर्द ,
हर कोई देख नहीं सकता ।
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आंसू चाहे इंसान के हो ,
या किसी बेजुबान के ,
मगर दर्द तो एक जैसा होता है।
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कुछ इंसान बेजुबानों पर दया नहीं करते ,
दर्द तो जानवरों को भी होता है ,
बस वे मुख से बयां नहीं करते ।
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कुछ इंसान बेजुबानों से भी खतरनाक होते हैं ,
वे इस धरती पर बड़े अभिशाप होते हैं।
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जो बोल नहीं सकते हैं ,
वो आंखों के इशारे खूब समझते हैं।
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इंसान वह है , जिसमे अच्छें संस्कार हैं ,
जो बेजुबानों पर अत्याचार करते हैं ,
सचमुच उनका जीवन बेकार है।
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किस्मत से ज्यादा ,
और समय से पहले कोई पा न सका ,
जब हम मुश्बित मे थे जनाब ,
तो छोड़कर बेजुबानों को ,
कोई इंसान बचाने आ न सका ।
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बेजुबान बेहतर हैं ,
इंसानों से ,
प्रेम और वफादारी के मामले मे ।
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किसी बेजुबान को कभी सीने से लगाया नहीं ,
तो समझो तुमने कभी कुछ पाया नहीं ।
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बेजुबान तो आज भी इंसान से अच्छे हैं ,
उनकी समझ के आगे इंसान तो भी भी बच्चे हैं।
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जब इंसानियत खो जाती है ,
तब जिदंगी जानवर जैसी हो जाती है।
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सुन बे खुद की किस्मत खुद लिखने वाले ,
बेजुबानों को तू बेकार समझता है ,
दो नोटों के अंदर बिकने वाले ।
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बेचा उसको जाता है , जिसका कोई ईमान नहीं होता ,
आज जानवर भी मस्ती से रहते ,
अगर यह इंसान बेईमान नहीं होता ।
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बेजुबान की वफादारी ,
और दुश्मनों की जिम्मेदारी ,
काम जरूर करती है।
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अगर बेजुबानों पर दया नहीं कर सकते ,
तो यह जिदंगी किस काम की ,
जब इंसानियत ही नहीं आती है ,
तो यह जिदंगी किस काम की ।
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बेईमानी के चर्चे तो हर तरफ होते हैं ,
मगर किसी बेजुबान की मदद करने
के बारे मे कोई बात ही नहीं करता ।
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भगवान ना करे ,
किसी जानवर को कुछ हो जाए ,
क्योंकि उसका दुख दर्द समझने वाला कोई नहीं ।
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अगर दिल है सीने मे ,
तो बेजुबानों का दर्द कैसे देखते हो ,
अगर दिल ही नहीं है ,
तो फिर क्यों इतना फेंकते हो ।
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कुछ जानवर कूदरत के मारे होते हैं ,
और कुछ इंसान बस जानवरों के सहारे होते हैं।
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सीखाने को तो जानवर भी बहुत कुछ सीखा सकता है ,
भले ही वह बेजुबान है ,
मगर जीना वो तुम्हें बता सकता है।
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कुछ चीजें सीने मे घाव करती हें ,
कुछ शरीर पर ताव करती हैं ,
मगर बेजुबानों के दर्द का ,
बस खुदा ही हिसाब करता है।
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भले ही हम बेजुबान हैं ,
मगर कोई मिटा नहीं सकता हस्ती हमारी ,
कोई हमें एक तलवार के बल पर मिटा दे ,
इतनी भी जान सस्ती नहीं है हमारी ।
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कुछ बेजुबानों की बेजुबानी का फायदा उठाते हैं ,
जब उनके साथ अनहोनी होती है ,
तो कानून और कायदा उठाते हैं।
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किसी इंसान की हत्या करना पाप है ,
मगर कोई करता है बेजुबान की हत्या ,
तो उसका हर गुनाह माफ है ,
हे मूर्ख इंसान कैसा यह तेरा इंसाफ है ।
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असली इंसाफ तो खुदा करते हैं ,
अगर कोई किसी बेजुबान की हत्या करता है ,
तो उसका सर वो तन से जुदा करते हैं।
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सारे जानवर खुदा ने बनाए हैं ,
यह सारे खुदा के अपने हैं ,
फिर इनको मारने का हक तुमको किसने दिया ।
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रोज पेट भरकर खाते हो ,
कभी तो बेजुबानों को भी खिला दिया करो ,
खुद के लिए तो हर कोई जीता है ,
कभी दूसरों को भी कुछ पिला दिया करो ।
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बेजुबान रहते हैं गहरी सर्दी और गर्मी मे ,
फिर भी दया नाम की चीज नहीं इस विधर्मी मे ।
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जानवरों का हक मारना इंसानों को अच्छे आता है ,
फिर बड़ी बड़ी बात करते हैं वो ,
जैसे दया और धर्म उनको खूब भाता है।
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बेजुबान वफादारी के फरिश्ते होते हैं ,
एक बार दिल से उनको लगा लो ,
फिर उम्र पर प्रेम भरे उनके रिश्ते होते हैं।
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मत भूल इंसान तू भी कभी जानवर था ,
यहां सबका दिन आता है ,
एक दिन हमारा भी आएगा ।
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वो सही और गलत नहीं जानते ,
वो खुदा को नहीं मानते ,
मगर जो उनका भला करता है ,
वो उसे खूब हैं मानते ।
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इंसान छुपे हैं भेड़ियों की खाल मे ,
ऐ बेजुबान मत फंस जाना इनके जाल मे ।
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अपने से कमजोर को तो हर कोई सताता है ,
अगर दम ही है इतना ,
तो अपने से ताकतवर को आंखे दिखा दे देखो ।
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देखने मे भले ही वो कमजोर हैं ,
मगर फिर भी वो प्यार से सरोबोर हैं।
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जीवन से सबको प्रेम होता है ,
फिर चाहे बेजुबान हो या इंसान ।
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हस्ती मिट जाएंगी तुम्हारी ,
दर्द मत देना किसी बेजुबान को ,
वरना एक दिन बस्तियां मिट जाएंगी तुम्हारी।
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प्रेम की भाषा तो जानवर भी समझते हैं ,
यकीं नहीं है , तो एक बार प्रेम करके देखो ।
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इंसानों ने धोखेबाजी करना सिखाया ,
बेजुबानों ने वफादारी करना सिखाया ,
जानवरों के प्यार ने खुदा को झुकाया ।
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बेजुबानों को बस आपका प्यार चाहिए ,
उनको खाना दे नहीं सकते ,
तो मारने का हक आपको किसने दिया ।
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जब तुम बेजुबानों की रक्षा करने लगोगे ,
उस दिन बेईमानी से तुम डरने लगोगे ।
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कुछ चीजें दिल तक रहती हैं,
हर बेजुबां की कहानी कहती हैं ,
इंसानों की मार को ,
बेजुबां की पीढ़ियां तक सहती हैं।
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दिल की आवाज को जुबान नहीं मिलती ,
भले ही खुदा ने खामोशी दी है उनको ,
मगर इंसानों की तरह उनकी सोच बेईमान नहीं मिलती ।
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बेजुबान जानवर है ,इसलिए हर दर्द सह जाते हैं ,
रस्ते के बीच मे क्यों आया ,
टकर मारने वाले बस कह जाते हैं।
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बेजुबान तो हमेशा बेसहारा होते हैं ,
मगर इंसानों का क्या ,
वो तो बेजुबानों से भी आवारा होते हैं ।
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किसी बेजुबान को उसकी मां से जुदा ना करो ,
किसी बेजुबान को तकलीफ हो ऐसा खुदा ना करो ।
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आंखों से पढ़ी जाती है , बेजुबान जानवरों की भाषा ,
बस दिल मे होनी चाहिए , उनको जानने की अभिलाषा ।
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नफरत करना उनको नहीं आता ,
दूसरों से जलना उनको नहीं भाता ,
फिर भी इंसान उनको खूब सताता ।
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बेजुबानों को दिल से लगाया करो ,
अपनों को तो चाहते हो सदा ,
कभी जानवरों को भी चहाया करो ।
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प्यार और संवारने की आदत उनकी होती है ,
मगर कमीने इंसानों के लिए होती है शहादत उनकी ।
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वो आपकी खुशी के लिए जान देते हैं ,
वो आपकी खुशी के लिए मान देते हैं ,
ताकत तो बेजुबानों के पास बहुत है ,
मगर फिर भी वो आपको एहसान देते हैं।
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दर्द भरा यह शरीर है ,
फिर भी जीने की चाह रखते हैं ,
वो जानवर ही हैं ,
जो खुद खुशी नहीं करते हैं।
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इंसान तो जानवरों से कायर होता है ,
थोड़ी सी परेशानी क्या आई ,
खुद खुशी करने चल दिया ।
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हर तरफ इंसान नाम के राक्षस की दहशत है ,
फिर भी बेजुबानों मे नये जीवन की चाहत है।
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जिस दिन सुन लोगो बेजुबानों के दिल की आवाज ,
उस दिन बद जाएगा आपका अंदाज ।
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पहले जंगलों मे घर था हमारा ,
अब सब कुछ बदल गया है ,
खत्म हो गया है समय सारा ।
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कड़ी ठंड और गर्मी मे रहते हैं ,
फिर भी खुदा से उफ तक नहीं कहते हैं ।
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सहने की ताकत जानवरों मे होती है ,
उतनी इंसानों मे नहीं होती ।
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जिस दिन जान जाओगे जानवरों के मन की बात ,
उस दिन खुदा भी हो जाएगा तुम्हारे साथ ।
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यूं तो दिल के भोले हैं बेजुबान ,
मगर वफादारी उनको खूब आती है।
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बेजुबान को खमोश तो हर कोई कर सकता है ,
करनी है तो उनकी मदद करके देखो ।
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चिड़ियों की उड़ान, घास की चादर,
खुदाई का ख़ज़ाना जानवरों की बाहर।
जंगल की राहों पर उनकी चलती चाल,
बड़ा करती है यह कमाल ।
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बेजुबानों से प्यार करने वाले आसानी से नहीं मिलते ,
याद रखें कमल के फूल हर कहीं पर नहीं खिलते ।
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जानवरों के दिल में बसी वफ़ा और नाज ,
इंसानों से बेहतर होता है , उनके जीने का अंदाज ।
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इंसानों ने बेजुबानों का घर उजाड़ा ,
और फिर पूछ रहे हैं , हमने तुम्हारा क्या बिगाड़ा ।
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बेजुबानों से है बागों की खुशबू ,
बेजुबानों से है , नेचर की गूप्तगू।
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कुछ पंछी सुहाने हैं ,
कुछ पंछी विराने हैं ,
उनके सदा पेड़ों पर ठिकाने हैं।
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जानवरों मे भी प्यार होता है ,
एक मर जाए तो सदियों इंतजार होता है ,
और इंसानों मे तो बस आज इससे
कल उससे प्यार होता है।
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जानवरों को भी खुदा ने बनाया है ,
फिर तुमने उनको क्यों पिंजरे मे फंसाया है।
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आजादी सबको प्यारी होती है ,
इंसान हो या बेजुबान ,
सबकी आजादी न्यारी होती है।
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यहां जो ताकतवर होता है वो राज करता है ,
मगर जो बेजुबान होता है ,
वो बस एतराज करता है।
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दूसरों को भलाई का पाठ तो हर कोई पढ़ा सकता है ,
पहले खुद भले बनकर दिखाओ तब जानें ।
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बेजुबान अंधेरे की तलास मे रहते हैं ,
कहीं कोई इंसान न आ जाए ,
इस एहसास मे रहते हैं।
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खुदा की रचना , निर्मल प्रकृति की कहानी ,
बेजुबान जानवरों की है ये ख़ास निशानी।
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दिल में छिपी अंतरात्मा, वफ़ा की अनमोल बात ,
धोखा मत करना कभी बेजुबानों के साथ ,
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उनकी अठखेलियां दिलों को छू जाती हैं ,
फिर भी लोग कहते हैं , प्यारे नहीं होते हैं।
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बेवफा दोस्त होने से अच्छा है ,
एक बेजुबान को पाल लेना ।
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समझते नहीं वो इंसानों की बात ,
फिर भी रहना चाहते हैं उनके साथ ।
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इंसान तो खुद एक दरींदा है ,
न जाने कितने बेजुबानों को मारकर वह जिंदा है।
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जानवरों की भाषा जुबानी नहीं होती ,
उनके जीवन की कोई कहानी नहीं होती ,
फिर भी रहते हैं , वो ,
उनको इंसानों की तरह परेशानी नहीं होती ।
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नहीं चाहिए उनको दौलत ,
नहीं चाहिए उनको शौहरत ,
बस दो वक्त की रोटी मिल जाए ।
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कुछ लोग हम को भोजन की तरह परोशते हैं ,
तो कुछ लोग हमारे बारे मे सोचते हैं ।
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हम जानवरों को जीने का हक नहीं होता ,
कोर्ट और कानन इंसानों के लिए होते हैं।
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तुम कौन होते हो हमारा हक छीनने वाले ,
याद रखना एक दिन तुम भी मिट्टी मे मिल जाओगे।