bhagwan shabd roop भगवत् शब्द के रूप ,दोस्तों यदि हम भगवान शब्द रूप के बारे मे बात करें तो आपको बतादें कि भगवान शब्द के शब्द रूप हम आपको नीचे दे रहे हैं। और इसकी एक लिस्ट दी गई है। यदि आपको पसंद आता है तो आप हमें बता सकते हैं। और यदि आपका कोई सवाल है तो भी आप कमेंट कर सकते हैं।
bhagwan shabd roop भगवत् शब्द के रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | भगवान् | भगवन्तौ | भगवन्तः |
द्वितीया | भगवन्तम् | भगवन्तौ | भगवतः |
तृतीया | भगवता | भगवद्भ्याम् | भगवद्भिः |
चतुर्थी | भगवते | भगवद्भ्याम् | भगवद्भ्यः |
पंचमी | भगवतः | भगवद्भ्याम् | भगवद्भ्यः |
षष्ठी | भगवतः | भगवतोः | भगवताम् |
सप्तमी | भगवति | भगवतोः | भगवत्सु |
सम्बोधन | हे भगवन् | हे भगवन्तौ | हे भगवन्तः |
दोस्तों वैसे आप भगवान के बारे मे अच्छी तरह से जानते ही हैं। भगवान का मतलब वह होता है जोकि कर्ता होता है या जिसके पास बहुत सारी ताकते होती हैं और वह अपनी इच्छा से बहुत कुछ कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
दोस्तों भगवान के संबंध मे अक्सर एक सवाल होता है जोकि काफी अधिक पूछा जाता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए कि भगवान तो एक ही होता है तो फिर देवी देवता भगवान हैं तो यह अनेक कैसे हो गए ? तो दोस्तों आपको बतादें कि भगवान तो एक ही होता है।और वह भगवान कोई पुरूष या स्त्री नहीं होता है। असल मे वह बस एक उर्जा होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और उर्जा आमतौर पर एक ही होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों जो उर्जा होती है वह आमतौर पर किसी तरह के गुणों वाली नहीं होती है। मतलब उस उर्जा के अंदर किसी तरह का गुण नहीं होता है।
यह ठीक इसी तरह से होता है जैसे कि आप बिजली को ले सकते हैं। वह चीजों को देखकर रंग नहीं बदलती है वह आमतौर पर हर किसी को करंट मारेगी चाहे कोई भी हो । दोस्तों देवी और देवता अलग अलग गुणों वाले होते हैं । और अलग अलग गुणों वाले होने की वजह से आमतौर पर इनकी संख्या काफी अधिक अलग होती है।
और गुणों का कोई अंत नहीं होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । दोस्तों गुण कितने भी हो सकते हैं लेकिन गुणों को आमतौर पर हम दो भागों के अंदर बांट सकते हैं।
सबसे पहला खराब गुण । दोस्तो खराब गुण जैसे कि भूत प्रेत आदि इसके अंदर आते हैं इसके अंदर उर्जा वही होती है जोकि देवताओं के अंदर होती है। लेकिन यह आमतौर पर गलत होने की वजह से काफी समस्या पैदा करती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
और जो लोग अच्छे गुण वाले होते हैं वे आमतौर पर मरने के बाद प्रेत बन जाते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। अब आती है दोस्तों देवताओं के भी अलग अलग पद होते है। कुछ देवता इस प्रकार के होते हैं जोकि आमतौर पर सब कुछ वासना का त्याग कर देते हैं।
और इस तरह के जो देवता होते हैं वे आमतौर पर उस उर्जा के समान हो जाते है। और उनके पास तरह तरह की ताकते आ जाती हैं। इस तरह के देवता को हम भगवान के नाम से जानते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और योग और दूसरी चीजों का उदेश्य यही होता है कि आप अपनी सभी वासनाओं का त्याग करें । यदि आप अपनी स सभी वासनाओं का त्याग करते हैं तो उसके बाद आपको किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी । और उसके बाद आप खुद भी भगवान बन जाएंगे । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
कहने का मतलब यही है कि भगवान कोई दूसरा नहीं होता है भगवान के समक्ष जो होता है उसे ही हम भगवान कहते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
लेकिन यह सब करना इतना आसान काम नहीं है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । क्योंकि अपने अंदर की वासनाओं को शांत करना इतना आसान काम नहीं है। इसके अंदर काफी अधिक समय लगता है आप इस बात को समझ सकते हैं।
यह सिर्फ एक जन्म की बात नहीं है। इसके अंदर आपको काफी अधिक समय लगता है आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा । और जन्म जन्म के अंदर आप साधना करते जाते हैं और उसके बाद एक ऐसा समय आता है जिसके अंदर आप खुद को उच्चें लोक के अंदर प्राप्त कर पाते हैं।
बहुत से लोगों को यह लगता है कि पत्थर की पूजा करने से कोई फायदा नहीं होता है। तो इस तरह के मूर्खों को कौन समझाए कि पत्थर की पूजा तो सिर्फ शूरूआत है। आप सीधे ही निराकर तक नहीं पहुंच सकते हैं। आपको यह भूल जाना चाहिए कि आप बिना पूजा किये सीधे भगवान बन जाएंगे । या फिर उसकी बराबरी करलेंगे ।
लेकिन असल मे यह सब बातें जो प्रेत प्रवृति के लोग होते हैं उनको समझ से परे होती हैं। क्योंकि उनको इन सब के बारे मे यदि आप बता भी देते हैं तो उसके बाद भी पता नहीं चल पाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।
इसलिए यदि आप यह सोच रहे हैं कि मंदिर के अंदर बैठ जाने से ही कोई भगवान बन जाता है तो आप गलत सोच रहे हैं। भगवान बनने के लिए आपको जन्म जन्मों की साधना करनी पड़ती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं और यही आपके लिए सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते है। यही आपके लिए सच होगा ।
और उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आएगा । यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमें