bhagwat geeta padhne ke fayde – भगवतगीता के अंदर भगवान कृष्ण के उपदेशों का संकलन किया गया है।महाभारत युद्ध आरम्भ होने के ठीक पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया वह श्रीमद्भगवद्गीता के नाम से प्रसिद्ध है। इसके अंदर 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। लगभग 5168 वर्ष पूर्व यह मानी जाती है। अब रही बात भगवतगीता पढ़ने की तो इसके कई सारे फायदे होते हैं। मैंने भगवतगीता को कभी पढ़ा नहीं । लेकिन सुना जरूर है। इसकी एक वजह है कि यदि आप भगवतगीता को पढ़ने का प्रयास करेंगे तो आप उसको इतनी आसानी से समझ नहीं पाएंगे । इसलिए आपको इसको सुनने का प्रयास करनेे चाहिए । बहुत सारे युटुब चैनल हैं , वहां पर योगी इसके बारे मे बताते रहते हैं। क्योंकि वे इन चीजों से काफी बेहतर तरीके से जुड़े हुए हैं , तो अच्छी तरह से हमको समझा सकते हैं। यह पढ़ने से अधिक प्रभावशाली तरीका है। भगवतगीता पढ़ने के फायदे के बारे मे बात करें , तो आपको बतादें कि इसके इतने अधिक फायदे हैं कि सभी फायदों को हम यहां पर गिना नहीं सकते हैं। फिर भी हम आपको यहां पर बताने का प्रयास करते हैं कि आपको इसकी मदद से क्या क्या फायदे होते हैं।
Table of Contents
bhagwat geeta padhne ke fayde मन को शांति मिलती है
दोस्तों यदि आपके मन को शांति नहीं मिल रही है , तो फिर आपको भगवत गीता को पढ़ना होगा । यह एक तरह से बहुत ही जरूरी है। आपको पता है कि अक्सर जब हम बेकार की चीजों के अंदर उलझ जाते हैं । तो मन को कभी भी शांति नहीं मिलती है। इसलिए जब भगवतगीता को सुनते हैं , तो फिर अपने आप ही मन को शांति मिल जाती है। यदि किसी के मन के अंदर उथल पुथल मची हुई है , तो फिर आपको भगवतगीता को जरूर ही पढ़ना चाहिए । बेहतर यही है कि आप इसके सारे पाठों को सुनें ।
जीवन के असली सत्य का ज्ञान होता है
दोस्तों भगवतगीता आपको जीवन के असली सत्य की जानकारी देती है। वह आपको बताती है , कि जीवन का असली सत्य क्या है । बहुत सारे लोग खुद की बनाई दुनिया या मन की बनाई दुनिया के अंदर जीते हैं। उनके आगे अंधकार होता है। लेकिन सत्य के बारे मे आपको यही बताती है कि आप अजर और अमर हैं। आप मर नहीं सकते हैं। मौत सिर्फ शरीर की होती है। आपको कर्मों का फल भोगना पड़ेगा । जीवन का उदेश्य मुक्ति है। ना कि बकवास चीजें करना । और यह सब चीजें हर कोई मूर्ख नहीं मान सकता है। क्योंकि उसकी बुद्धि मोटी होती है। मगर जिसको मानना होता है , वह मानता ही है । क्योंकि समझदार को ईशारा काफी होता है। तो जीवन के असली सत्य को यदि आपको जानना है , तो भगवत गीत को पढ़ना चाहिए । हमारे अंदर इतनी क्षमता नहीं है , कि हम आत्मा का साक्षात्कार कर सकें ।लेकिन कम से कम ज्ञान तो हाशिल कर ही सकते हैं।
अच्छी नींद लाने मे मदद करती है
दोस्तों भगवत गीता पढ़ने के बाद आपको काफी अच्छी नींद आएगी । इसकी वजह से यह है कि यह दिमाग के अंदर जो कुछ भी चल रहा है , उसके सत्य के बारे मे आपको बता देती है। जिसकी वजह से आपके सारे शोक दूर हो जाते हैं। और रात को जब आप सोने के लिए जाते हैं , तो फिर आपका दिमाग अधिक भाग दौड़ नहीं करता है। वरन आराम से सो जाता है। यदि आपको भी अच्छी नींद नहीं आ रही है , तो गीता को पढ़ना आपको चाहिए ।
मन की एकाग्रता को बढ़ाने का काम करती है
दोस्तों यदि आप एक स्टूडेंट हैं , तो आपको भगवत गीता कम से कम एक बार तो जरूर ही पढ़ना चाहिए । यह एक तरह से बहुत ही जरूरी है। क्योंकि यह आपके मन को नियंत्रित करने मे काफी हद तक मदद करती है। और आपके मन की एकग्रता के अंदर बढ़ोतरी करने का काम करती है। यदि आपके मन की एकाग्रता काफी अधिक तेज होती है। तभी आप पढ़ाई के अंदर काफी तेजी से सक्सेस हो पाएंगे । लेकिन यदि आपके मन की एकाग्रता तेज नहीं होगी ,तो आप पढ़ाई मे कभी भी सक्सेस नहीं हो सकते हैं। हालांकि भारत के अंदर माता पिता भी बच्चों को इस तरह की किताबें नहीं पढ़ाते हैं , जिससे कि बच्चों को जीवन के रहस्य समझ नहीं आते हैं , और वे उल्टे सीधे काम करने लग जाते हैं।
कर्म करने के सही तरीकों के बारे मे पता चलता है
दोस्तों गीता के अंदर यह बताया गया है कि किस तरह से इंसान को कोई कर्म करना चाहिए । जिसके अंदर यह कहा गया है कि इंसान को निष्काम भाव से कर्म करना चाहिए । हर कार्य को कर्तव्य समझकर कर्म करना चाहिए । यदि वह ऐसा करता है , तो उसके कर्म के फल का भोग नहीं करना पड़ता है। लेकिन यदि वह कर्तव्य समझकर कर्म नहीं करता है , तो उसके बाद उसके कर्म फल का भोग करना ही करना होता है। लेकिन अधिकतर लोगों के साथ समस्या यही है , कि वे कर्तव्य समझकर कर्म नहीं करते हैं , और वे काम के साथ कर्म करते हैं। तो उनको कर्म फल का भोग करना पड़ता है।
हम कर्म चक्र मे फंसे हुए हैं
दोस्तों गीता इसके बारे मे हमें काफी विस्तार से बताती है कि हम बार बार पैदा हो रहे हैं , और बार बार मर रहे हैं। यही हम हर बार करते हैं। इसका वैसे कोई तुक नहीं है। मगर हम यह कर रहे हैं। यही तो कर्म चक्र होता है। एक सोच के साथ यहां पर पैदा होना और उस सोच को पूरा करने के चक्कर मे दूसरी सोच साथ लेकर मर जाना । बस यही कर्म चक्र होता है। तो गीता कहती है कि हमें कर्म चक्र को तोड़ने का प्रयास करना चाहिए । बार बार पैदा होने या मरने से कोई मतलब नहीं निकलता है। हालांकि बहुत से लोग इन चीजों पर ध्यान नहीं देते हैं और भोगों को भोगने मे लगे रहते हैं।
धर्म के पथ पर चलने की सीख देती है
दोस्तों यदि आप गीता को पढ़ते हैं ,तो गीता का ज्ञान भगवान ने अर्जुन को युद्ध क्षेत्र के अंदर दिया था । जब अर्जुन ने अपने भाइयों पर तीर चलाने से इंकार कर दिया था । तो कहने का मतलब यही है कि हर इंसान को धर्म के लिए लड़ना चाहिए । यदि आप अन्याय को बर्दाश्त करेंगे , तो फिर अन्याय आपके उपर और अधिक हावी होने का प्रयास करेंगा । इसलिए कभी भी अन्याय को बर्दाश्त करने के बारे मे आपको विचार नहीं करना चाहिए । अन्याय के विरूद्ध आपको लड़ना चाहिए । भले ही इसके लिए आपकी जिदंगी खत्म हो जाए । लेकिन अधिकतर लोग आज इन सब चीजों को भूल चुके हैं। और आज तो हमारी हालत यह हो चुकी है कि एक पटाखे से डरकर हम अपने घरों मे दुबक जाते हैं। इतने कायर हो चुके हैं। इसकी वजह धर्म से नाता तोड़ देने की वजह से है।
आप मुक्ति की तरफ बढ़ते हैं
दोस्तों भगवत गीता पढ़ने का एक फायदा यह है कि आप धीरे धीरे मुक्ति की तरफ बढ़ते चले जाते हैं। क्योंकि इसको पढ़ने के बाद या फिर इसको सुनने के बाद आप उन कामों को छोड़ देते हैं या कम कर देते हैं , जोकि आपकी मुक्ति के अंदर बाधक होते हैं। और उन कामों को आप करना पसंद करने लग जाते हैं , जोकि आपकी मुक्ति के अंदर सहायक हो सकते हैं। जैसे कि नाम जाप करना । और दान देना ,लोगों की मदद करना आदि आदि ।
इसके अलावा आपके कर्म करने का तरीका भी काफी हद तक बदल जाता है। आप फिर फल के लिए कर्म नहीं करते हैं। आप पैसा बनाने के लिए कर्म नहीं करते हैं। आप बस कर्तव्य समझकर कर्म को करने का प्रयास करते हैं। और जब आप ऐसा करते हैं , तो धीरे धीरे उपर की तरफ उठने लग जाते हैं। जोकि एक अच्छी बात है।
यह आपके पापों को नष्ट करने मे मदद करती है
दोस्तों भगवतगीता यदि आप पढ़ते हैं , तो यह आपके पापों को काटने मे काफी हद तक मदद करने का काम करती है। अब आप पूछेंगे कि पापों को किस तरह से नष्ट करती है। तो गीता के अंदर एक जगह पर यह बताया गया है कि गीता को पढ़ लेने मात्र से ही पापों का नाश हो जाता है। लेकिन मूर्ख इंसानों पर यह बात लागू नहीं होती है। खैर जब आप जान जाते हैं कि आप कर्ता नहीं है। तो आपको यह पता चल जाता है कि आप नहीं कर रहे हैं। और यदि आप यह धारणा विकसित कर लेते हैं , तो आपके सभी पापों का नाश हो जाता है। लेकिन कोई महान पापी और मूर्ख इंसान इस तरह की धारणा विकसित नहीं कर सकता है। क्योंकि मन के साथ दोगली नीति संभव नहीं है। तो यदि आप भी चाहते हैं कि आपके पापों का नाश हो जाए तो आपको शांति के साथ भगवत गीता को पढ़ना चाहिए । उसको फोलो करना चाहिए ।तभी आपके लिए कुछ बड़ा हो सकता है।
आपके मन को काबू पाने की शक्ति विकसित करती है
गीता के अंदर यह कहा गया है कि इंसान के पतन का कारण उसका मन होता है। यदि वह अपने मन को कंट्रोल कर लेता है। तो उसके बाद वह सब कुछ कर सकता है। लेकिन यदि वह अपने मन को कंट्रोल नहीं कर पाता है , तो उसकी हालत बहुत ही खराब हो जाती है। क्योंकि मन उसको गर्त के अंदर लेकर जाता है। इसलिए गीता के अंदर मन को काबू करने के बारे मे कहा गया है। इसके लिए ध्यान आदि को करना चाहिए । मन को काबू करने के कई सारे तरीके हो सकते हैं। और एक बार यदि आप अपने मन को काबू मे करके इसको चलाना सीख लेते हैं , तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
असल मे हमारी सभी समस्यों की जो जड़ होती है , वह हमारा मन ही होता है। आप इस बात को अच्छी तरह से समझ लें ।
दिल को सकून मिलता है
यह बात सत्य है कि ऐसे बहुत सारे इंसान होते हैं। जिनके पास गाड़ी बंगला और बहुत कुछ होता है। लेकिन उनके दिल मे सकून नहीं होता है। क्योंकि वे मूर्खों की तरह झूठ मे नहीं जीते हैं। वे यह जानते हैं कि यह काम नहीं आने वाले हैं। इनसे कुछ भी हो नहीं सकता है। इस तरह के लोग जब भगवतगीता को पढ़ते हैं , तो उनके दिल को काफी अधिक सकून मिलता है। और यह कम से कम एहसास होता है कि वे अधूरे नहीं हैं। वे पूर्ण हैं। बस फालतू के अंदर यहां वहां पर भटक रहे थे । असल मे ऐसा सकून आपको किसी भी चीज के अंदर नहीं मिलेगा । क्योंकि कुछ भी सत्य नहीं है। और सत्य जो है ,वह आज भी सत्य है और कल भी सत्य ही रहेगा । सत्य के अंदर कोई बदलाव नहीं हो सकता है। आप इस बात को समझ लें । आत्मा वही सत्य है , जो करोड़ो अरबों सालों से मौजूद है।
आपको एक अच्छा इंसान बनाती है
यदि आप गीता पढ़ते हैं , तो गीता आपको एक अच्छा इंसान बनाने का काम करती है। क्योंकि यह रियल मे आपको बताती है कि आपको क्या काम क्यों नहीं करना चाहिए । अक्सर लोग यह कहते हैं कि इंसान को किसी का बुरा नहीं करना चाहिए । मगर यह कोई नहीं बताता है कि इंसान को किसी और का बुरा क्यों नहीं करना चाहिए ? मगर सच यह है कि जब हम बुरा करते हैं , तो उसकी छाप हमारे मन पर भी पड़ती है। जिसकी वजह से हम भी दूषित हो जाते हैं। हां मगर यदि आप कर्म योगी हैं तो फिर आप इन चीजों से बच सकते हैं। लेकिन यह इतना आसान काम नहीं है।
कुल मिलाकर गीता आपको हमेशा अच्छाई की तरफ लेकर जाने का कार्य करती है। मगर आज के जमाने मे गीता नहीं स्कूलों मे घपा घप करने का एजुक्सेन दिया जाता है। देश की आबादी जो बढ़ानी होती है। यही कारण है कि आपको सड़कों के किनारे पार्क के अंदर लोग एक दूसरे को लबा लब करते हुए मिल जाएंगे । सड़कों के किनारे जानवरों की तरह करना असल मे मोर्डनपन हो जाता है।
आपके मन को शुद्ध करने का काम करती है
दोस्तों यदि आप भगवत गीता का पाठ करते हैं , तो यह आपके मन को शुद्ध करने का काम करती है। असल मे मन के अंदर कई तरह का कूड़ा भरा रहता है। या एक तरह से हम कहें कि हम इस कूड़े को जाने अनजाने के अंदर भरते रहते हैं। कूड़े को अपने मन मे भरने की वजह से हमारी जिदंगी झंड हो जाती है। और यदि आप भगवत गीता को नहीं पढ़ते हैं , तो आप इसी कूड़े के अंदर फंसे रह जाते हैं। और आप नीचे की तरफ गिरने लग जाते हैं। तो एक तरह से हम यह कह सकते हैं कि भगवत गीता हमारे दिमाग के अंदर से कूड़े को साफ करने का काम करती है। जिस इंसान के दिमाग के अंदर कूड़ा भरा होता है। वह बेकार के घटिया कार्य यहां पर आपको कर्ता हुआ मिल जाएगा ।
आपकी उत्पति की वजह आपको बताती है
दोस्तों डार्विन ने आपको यह नहीं बताया कि आपके पैदा होने का क्या कारण था ? लेकिन भगवत गीता आपको यह बताएगी कि आपकी उत्पति का क्या कारण था ? यह बात आप समझ लें । असल मे भगवत गीता आपको यह बताने का प्रयास करती है , कि किस चीज की आपको चुल मची थी , जिसकी वजह से आप यहां पर आएं हैं। बहुत सारे लोगों का यह सवाल होता है ? कि उनके आने की वजह क्या है ? तो इसकी वजह उनके मन के अंदर मौजूद वासना होती है। जीवन के इस रहस्य को समझने मे यह आपकी मदद करती है। जिन लोगों को अपने पैदा होने का कारण समझ नहीं आ रहा है। तो उनको भगवत गीता का पाठ करना चाहिए । सब अच्छे से समझ आ जाएगा ।
रिश्तों की सत्यता को भगवतगीता बताती है
देखिए आप मूर्खों को कुछ भी समझाने का प्रयास करें आप हमेशा असफल ही होंगे । क्योंकि जिस इंसान ने यह तय कर लिया है कि उसे डूब कर मरना है , तो उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं बचा सकती है। यदि कोई यह मान लेता है कि आत्मा जैसी कोई ची नहीं होती है , तो आप उसे नहीं समझा सकते हैं। खैर यदि आप भगवतगीता पढ़ते हैं। तो यह आपको रिश्तों की सत्यता के बारे मे बताने का काम करती है। मतलब यही है कि यह आपको बताती है कि आपके करोड़ों जन्म हो चुके हैं। अनेक रूपों के अंदर रिश्ते नाते सिर्फ शरीर के होते हैं। और आत्मा का कोई रिश्ता नहीं होता है। आत्मा अजर अमर है उसका कोई भी अंत नहीं होता है। इसलिए आपको रिश्ते नातों के कर्तव्यों का तो पालन करना चाहिए ।मगर उनको दिल से लगाकर नहीं रखना चाहिए ।
कर्मबंधन को अच्छे से समझाती है
आप और हम यहां पर क्यूं हैं ? तो इसकी एक सबसे बड़ी वजह कर्मबंधन ही है। और यदि हम इस जन्म और मरण के चक्र से हटना चाहते हैं , तो कर्मबंधन को हमें तोड़ना होगा । बिना कर्म बंधन को तोड़े हम जन्म और मरण के चक्र से कभी भी मुक्त नहीं हो सकते हैं। और यदि आपको कर्म बंधन को अच्छे से समझना है , तो फिर आपको भगवत गीता का पाठ करना चाहिए । जिससे कि आपको कर्मबंधन के बारे मे अच्छी तरह से पता चल सके । हालांकि गीता के अंदर एक जगह पर भगवान कहते हैं। कि हे अर्जुन तू अपना कल्याण खुद ही कर सकता है। कोई दूसरा तेरा कल्याण नहीं कर सकता है। यहां पर भगवान यह कहना चाहते हैं। कि अपने कर्मबंधन को हमे खुद की तोड़ना होगा । अन्यथा कोई हमारे कर्मबंधन को नहीं तोड़ सकते हैं।
मुक्ति ही सब दुखों का अंत है
दोस्तों आज के समय मे यह बात कोई नहीं बताता है कि मुक्ति ही सब दुखों का अंत है। आजकल तो लोग अधिक से अधिक औरतों को भोगने और अधिक से अधिक रूपया पैसा एकत्रित करने और धन वैगरह कमाने के अंदर यकीन करते हैं। मगर भगवतगीता हमें यह सत्य बताने की कोशिश करती है। कि आप चाहे कितना भी धन कमा लो कितनी भी सुंदर स्त्री अपने पास रखलो आपको तब तक शांति नहीं मिल सकती है। जब तक आप इस जन्म और मरण के चक्र से मुक्ति प्राप्त नहीं कर लेते है वैसे जन्म मरण के चक्र से मुक्त होना भी कोई आसान कार्य नहीं है। इसके अंदर काफी अधिक वक्त लगता है। और बहुत अधिक प्रयास करना पड़ता है। तब जाकर कोई संभव हो पाती हैं चीजें ।
एक जानवर से इंसान बनाती है भगवतगीता
दोस्तों आपको स्कूल के अंदर यह पढ़ाया जाता है कि अमेरिका के अंदर जमीन मे एक करोड़ किलो सोना छिपा हुआ है। और अमेरिका उसको बेच रहा है। मगर आपको बतादें कि यह बकवास जानकारी आपकी जिदंगी के अंदर कोई काम नहीं आती है। और अधिकतर केस के अंदर स्कूल मे जो पढ़ाया जाना चाहिए वह कोई नहीं पढ़ाता है। कचरा और कूड़ा सब सिलेब्स के अंदर डाल दिया जाता है। हम खुद पढ़ें हैं। मगर वहां पर 80 फीसदी चीजें बकवास होती हैं। वे रियल जिदंगी मे काम नहीं आती है। और सबसे बड़ी बात उनको वह तो बताया ही नहीं जाता है कि अच्छाई का साथ आपको क्यों देना चाहिए ? मतलब इंसान अपने बारे मे ही ठीक से नहीं जान पाता है। और यह भगवत गीता आपको अच्छे से बता पाती है। वही बात यह तो हो गई कि जब तक आप खुद को अच्छे से नहीं जान पाओगे तब तक आप जानवर ही बने रहोगे । आप पैसा रूतबा और घमंड के नीचे दबे रहोगे । मगर यह सब नाशवान हैं।
आप शरीर नहीं हैं आप आत्मा हैं
दोस्तों अक्सर क्या होता है कि मूर्खों को अपने मन की दुनिया से यह एहसास होने लग जाता है कि वे फलाना ढिमकाना हैं । मगर यह पूरी तरह से असत्य है। और लंबे समय से चला आ रहा बकवास है। आप इस जीवन के अंदर यात्रा पर हैं। आप ऐसे अनेक शरीर धारण कर चुके हैं। मगर आप इस सत्य को नहीं जानते हैं। असल मायेने मे शरीर की पहचान के साथ आपको जीना बंद कर देना चाहिए । क्योंकि यही आपकी परेशानी का कारण होता है। अपने आत्मभाव के साथ जिंदा रहें । खुद को शरीर की तरह ना देखें । खुद को शरीर से अलग देखें । यह ज्ञान आपको भगवत गीता से ही प्राप्त होता है।
भगवत गीता आपको नीचे की ओर गिरने से बचा सकती है
दोस्तो इस धरती पर करोड़ों जीव जंतु हैं। और आत्मा एक ही है। मतलब इनके पीछे जो उर्जा काम करती है। वह एक ही होती है। और जब आप कुकर्म करने लग जाते हैं , तो आपके विचार मलिन हो जाते हैं। और धीरे धीरे आपका मन दुषित होने लग जाता है। और इसकी वजह से मरने के बाद बुद्धि नष्ट हो जाती है। और आप नीच योनियों के अंदर जन्म लेते हैं। लेकिन भगवत गीता आपको अच्छे मार्ग के बारे मे बताती है। जिससे कि आप नीचे की तरफ गिरने से बच सकते हैं।
यह सुसाइड को बंद करने की ताकत रखती है
असल मे आप आए दिन बहुत सारे लोगों को देखा होगा कि सुसाइड कर लेते हैं। इसके पीछे की वजह यह होती है कि वे जीवन के अंदर बकवास चीजों को महत्व देने लग जाते हैं। कोई प्यार नहीं मिलने से मर जाता है। कोई नौकरी नहीं मिलने से मर जाता है। कोई बीवी भाग जाने से मर जाता है। और कोई किसी और चीजों की वजह से मर जाता है। लेकिन किसी के पास भी कोई अच्छा कारण नहीं होता है। असल मे यह वे लोग होते हैं , जोकि जीवन के रियल सत्य से अनजान होते हैं।उनको पता ही नहीं होता है कि उनकी मंजिल यह बकवास चीजें नहीं है। नाम शौहरत प्यार मुहब्बत पैसा मकान गाड़ी बंगला सब के सब नष्ट होने वाले हैं। इनसे तुम को कुछ पल की शांति मिल सकती है। लेकिन तुम्हें तो हमेशा के लिए सुख चाहिए तो मुक्ति ही अंतिम तरीका है। वरना कोई तरीका नहीं है। यह आपको भगवत गीता ही बताती है।
आपके शत्रु की आपको पहचान करवाती है
दोस्तों भगवतगीता आपको आपके शत्रु की पहचान करवाने का काम करती है। बहुत से लोगों को लगता है कि दूसरे लोग उनके दुश्मन हैं। मगर रियल मे ऐसा नहीं है। दूसरे लोग आपको उतना अधिक आपको परेशान नहीं कर सकते हैं। आपका सबसे बड़ा दुश्मन आपका मन है। और इसके अंदर रहने वाली वासना ही आपके दुखों का कारण है। आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। और यदि आप इस दुश्मन को नियंत्रित करने मे सक्षम हैं। तो आप सब कुछ कर सकते हैं। क्योंकि यही हमारी सभी परेशानियों का कारण है।
आपको जीवन खुशी से जीने मे मदद करती है
दोस्तों भगवत गीता को यदि आप पढ़ते हैं , तो यह आपको अपने जीवन को खुशी से जीने मे काफी हद तक मदद करती है। क्योंकि हम जीवन मे सबसे अधिक दुखी अपने विचारों से होते हैं। और यह वे विचार होते हैं। जोकि पता नहीं किस किस कूड़े के ढेर से हमने इनको जमा किया होता है। और यही कूड़ा हमे सबसे अधिक परेशान करने का काम करता है। तो भगवत गीता इस कूड़े की पहचान करवाती है। और आपको बताती है कि यह कूड़ा और इसको सोना समझने की गलती आपको नहीं करनी चाहिए । नहीं तो यह गलती आपको बहुत अधिक महंगी पड़ सकती है। वैसे बहुत सारे लोगों के साथ यही समस्या होती है कि वे कूड़े को ही सोना समझने लग जाते हैं। इसकी वजह से ही मार खा जाते हैं। आपको भगवान की भक्ति की तरफ लेकर जाती है
दोस्तों जीवन के अंदर यदि आगे की तरफ बढ़ना है , तो भगवान की भक्ति करना काफी अधिक महत्वपूर्ण होता है। बिना भगवान की भक्ति के आप कुछ भी नहीं कर सकते है। और गीता आपको बताती है कि आपको भगवान की भक्ति क्यों करनी चाहिए ? असल मे भगवान की भक्ति से ही हमारा कलयुग के अंदर कल्याण हो सकता है। और यहां तक कहा गया है कि अब तो नाम जाप की मदद से ही इंसान का कल्याण हो जाता है।
सामाजिक मर्यादा मे रहना सीखाती है
दोस्तों आप आजकल देख रहे हैं। कि बहन भाई के साथ सो रही है। पत्नी पडोसियों के संग सो रही है। यह सब क्या है ? असल मे यह सामाजिक पतन की वजह से ही तो हो रहा है। और यह सब होना जरा भी अच्छी बात नहीं हैं। और यह सब कुकर्म अधिकतर वे ही लोग करते हैं , जोकि राक्षसी प्रवृति को अपना चुके होते हैं। इस तरह के लोगों को यदि भगवत गीता जैसी चीजों को पढ़ाया जाता है , तो फिर धीरे धीरे उनके अंदर सुधार हो सकता है। दोस्तों एक इंसान को सामाजिक मर्यादा मे क्यों रहना चाहिए ? इसके बारे मे भगवत गीता अच्छी तरह से आपको बताती है। और जब आप अच्छाई को फोलो करते हैं , तो मर्यादा को तोड़ने का आपका विचार वहीं पर समाप्त हो जाएगा ।
दया और प्रेम का पाठ पढ़ाती है
दोस्तों याद रखें मूर्ख इंसान और धुर्त कभी किसी पर दया नहीं करते हैं। और ज्ञानी कभी दया रहित नहीं होंगे । यह बात आप देख सकते हैं। आजकल के नकली गुरू घंटाल आपको मोक्ष का टिकट दे रहे हैं , और उस टिकट को लेते ही आपका बेड़ा पार हो जाएगा । मगर उनके अंदर बुराई अभी भी मौजूद है। अभी भी उनके अंदर काम क्रोध गुरू मे मौजूद है। तो कैसे उनका बेड़ा पार हो जाएगा । असल मे भगवत गीता आपको दया और प्रेम करना सीखाती है। वह आपको बताती है कि हर जीवन पर आपको दया करनी चाहिए , जोकि दया के योग्य होता है। इसकी एक वजह यह है कि जो जीवन उर्जा आपके अंदर मौजूद है। वही जीवन उर्जा दूसरें जीवों के अंदर मौजूद है। भले ही शरीर अलग अलग हैं , लेकिन जीवन उर्जा समान ही होती है।
bhagwat geeta padhne ke fayde के बारे मे हमने जाना और उम्मीद करते हैं कि आपको यह पसंद आया होगा । यदि आपके मन के अंदर कोई सवाल है , तो आप हमें बता सकते हैं। हम आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
- 250 टीचर पर मस्त जबरदस्त शायरी लिस्ट एक बार जरूर पढ़ें teacher par shayari in hindi
- गुप्त कैमरा के 9 प्रकार जो सबूत जुटाने मे मदद करेंगे
- सपने मे सांप काटने के 22 मतलब और अर्थ sapne me saap katana
- सपने मे काली भैंस देखने के 20 अलग अलग मतलब
- 300 अकेलापन पर मस्त शायरी दिल को छू लेंने वाली
This post was last modified on November 3, 2023