ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें , ब्रह्मचर्य पालन करने के उपाय ब्रह्मचर्य एक बहुत ही जरूरी चीज है। भले ही आप इसका पाल करें या ना करें लेकिन यह हर इंसान के लिए जरूरी होता है। और वैसे भी आज का माहौल तो ऐसा हो ही गया है कि बच्चे के जन्म जाने के बाद ही उसे फीमेल या फेलफ्रेंड चाहिए होता है। इस तरह से ब्रह्मचर्य का पालन नहीं होता है। यह लेख उनके लिए है जो मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। उनके लिए नहीं है जो संसारिक रहना चाहते हैं। खैर ब्रह्मचर्य का पालन प्राचीन काल मे जितने लोग करते थे आज उनकी संख्या बहुत ही कम बची है। इसका कारण यह है कि ब्रह्मचर्य की महता ही नष्ट हो चुकी है। अब तो संयासी भी भोगी हो चुके हैं। जो सब कुछ छोड़ चुके हैं वे भी शादी करके वापस जीवन के अंदर आ चुके हैं।
ब्रह्मचर्य एक बहुत ही सुंदर चीज होती है। जिसके अनेक फायदे होते हैं जिनके बारे मे हम किसी दूसरे लेख के अंदर बात करेंगे । साथ ही हम अपने अनुभव की भी यहां पर बात करेंगे ।
ब्रह्मचर्य मोक्ष प्राप्त करने के लिए जरूरी होता है। लेकिन आज के माहौल के अंदर सब जगह अश्लीलता ही है। आप यदि टीवी खोलकर देखेंगे तो पता चलेगा कि वहां पर ऐसे ऐसे गाने दिखाये जाते हैं जोकि आपके मन के अंदर उत्तेजना पैदा करते हैं। इसी तरह की मूवी बनाई जाती हैं। और मोबाइल का तो कहना ही क्या है
वहां पर तो पूरी फिल्मे ही चलती हैं। ऐसी स्थिति के अंदर ब्रह्मचर्य का पालन करना काफी कठिन होता है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब आपके पास टीवी और मोबाइल कुछ नहीं था । उस समय ब्रह्मचर्य का पालन करना काफी आसान हो चुका था। आज एक 15 साल का लड़का भी मोबाइल के अंदर सब कुछ देखता है। और एक बार गलत आदत
पड़ जाती है तो उसके बाद उससे बाहर निकलना काफी कठिन होता है। यदि आप ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं तो आपको सब चीजों पर ठीक तरह से ध्यान देना होगा और सावधानियां बरतनी होगी । ऐसा नहीं है कि लोग ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करते हैं। आज भी ऐसे तपस्वी लोग हैं जो सदैव ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।
ऐसा नहीं है कि पहले उनके मन मे विकार पैदा नहीं होता था लेकिन वे अपने मन को सम्भाल लिये हैं।ब्रह्मचर्य पालन के लिए आप शादी सुदा हैं या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। बस आपके मन की डोर आपके हाथ मे होनी चाहिए ।
ब्रह्मचर्य आप तभी पालन कर पायेंगे । बच्चे पैदा करना आपका कत्तर्व्य है लेकिन यदि आप इसके अलावा आनन्द के अंदर अपनी उर्जा को नष्ट करते हैं तो यह ब्रह्मचर्य का नाश ही होता है।
ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए आवश्यक है कि आप आवेग को दबाएं ना क्योंकि यदि आप उसे दबाएंगे तो वह और तेजी से उभरकर सामने आएगा । आपको चाहिए कि आप आवेग को ठीक से समझे और उसके बाद उचित कदम उठाएं ।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए आपको उसे अच्छी तरह से समझना होगा यदि ब्रह्मचर्य का पालन करने मे सफल हो चुके हैं तो आपको दूसरे किसी भी तरह के विषय विकार को छोड़ना होगा अन्था ब्रह्मचर्य पालन करने का कोई फायदा नहीं है। इसके लिए आपको अभी से प्रयास करना होगा ।
आइए जानते हैं ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें के बारे मे कुछ टिप्स जोकि आपकी ब्रह्मचर्य पालन के अंदर काफी मदद करने वाले हैं तो उनके बारे मे आप समझ सकते हैं और उनके उपर विचार कर सकते हैं।
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ब्रह्मचर्य का पालन कैसे करें ब्रह्मचर्य के फायदे के बारे मे जानें
ब्रह्मचर्य पालन के लिए आपको ब्रह्मचर्य के बारे मे अच्छे से जान लेना चाहिए और आपको यह जान लेना चाहिए कि ब्रह्मचर्य पालन से क्या क्या फायदे हो सकते हैं ? आप इंटरनेट पर ब्रह्मचर्य पालन के कई सारे फायदे पढ़ सकते हैं। यदि आप यह सभी तरह के फायदे चाहते हैं तो आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा । ब्रह्मचर्य के फायदे को यदि आप अच्छी तरह से पढ़ लेते हैं तो उसके बाद आपको एक दिशा मिल जाएगी कि आपको क्यों ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए । और यह किस तरह से फायदेमंद होता है।
ब्रह्मचर्य के बारे मे यदि आपने किसी से सुना और पालन करने की कोशिश करेंगे तो यह इतनी आसानी से नहीं होगा । लेकिन यदि आप इसके फायदों के बारे मे जान लेंगे तो फिर धीरे धीरे आप प्रयास करते जाएंगे तो आसानी से ब्रह्मचर्य का पालन कर पाएंगे । ब्रह्मचर्य पालन के यदि हम फायदों की बात करें तो इससे आपको अनेक फायदे मिलते हैं।
- ब्रह्मचर्य का जो पालन करते हैं वह मन और बुद्धि और वाणी व शक्ति का उचित तरीके से प्रयोग करता है। वह किसी भी तरीके से इनका गलत प्रयोग नहीं करता है।
- ब्रह्मचर्य पालन करने से आपका शरीर काफी बलिष्ठ बनता है और समय से पहले आपके बूढे होने की समस्या नहीं होती है। आप सदैव जवां दिखते हैं।
- यदि आप मोक्ष प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी होता है। ब्रह्मचर्य का यदि आप ठीक से पालन करेंगे तभी आप इस दिशा के अंदर अच्छी तरह से आगे बढ़ पाएंगे ।
- ब्रह्मचर्य का पालन करने से आपका मनोबल बढ़ जाता है और अपनी इच्छा शक्ति के बल पर आप कुछ भी करने मे सक्षम हो जाते हैं।
- ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है। वह शरीर को भी काफी तेजस्वी रखने मे सक्षम होता है। उसका चेहरा काफी चमकता है।
- ब्रह्मचर्य के पालन से मन की एकाग्रता शक्ति के अंदर बढ़ोतरी होती है। इस वजह से ब्रह्मचर्य का पालन काफी जरूरी होता है।
ब्रह्मचर्य पालन करने के लिए भगवान से प्रार्थना करें
दोस्तों यदि आप मोक्ष की दिशा के अंदर आगे बढ़ रहे हैं तो आपको भगवान भी मदद करते हैं भगवान भी हमेशा यही चाहते हैं कि जीवो का कल्याण हो जाए तो फायदा होगा । लेकिन इसके लिए आपको खुद प्रयास करना होगा ।ब्रह्मचर्य पालन के लिए भगवान से प्रार्थना करें हि हें भगवान अमुक आप मुझे शक्ति प्रदान करें ताकि मैं ब्रह्मचर्य का पालन कर सकूं। और बंधनों से आजाद हो सकूं । मैं आपका दास आप से प्रार्थना करता हूं कि आप मुझे शक्ति प्रदान करें ताकि किसी भी स्त्री या पुरूष या किसी और चीज के प्रति मेरा आकर्षण समाप्त हो जाए।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए आप अपने धर्म के अनुसार किसी भी देवी या देवता की पूजा करते रहें। आपको यह पता होना चाहिए कि देवता और देवी जिसकी भी हम पूजा करते हैं वे आपकी मदद करते हैं इन सब चीजों के अंदर । ब्रह्मचर्य पालन की उनसे आप मदद मांगते हैं तो वे आपको शक्ति प्रदान करते हैं जिससे कि आप आसानी से ब्रह्मचर्य का पाल कर पाते हैं।
मेरा नाम अनूप है और मैं इस वेब पर लेखक के तौर पर काम करता हूं ।ब्रह्मचर्य पालन करने का प्रयास मैंने बहुत बार किया काफी समय तक कोशिश करता रहा लेकिन मेरी कोशिश कभी सफल होती कभी नहीं होती । बचपन मे बुरी आदतों की वजह से यह समस्या हो रही थी। ब्रह्मचर्य के लिए धीरे धीरे मे प्रयास करता रहा और उसके बाद मैंने भगवान कृष्ण जी की पूजा शूरू किया । एक साल तक पूजा करता रहा और उनके नाम का जाप करता रहा ।
फिर एक दिन वे सपने मे आये और बोले कि वत्स तुम प्रयास तो बहुत कर रहे हो लेकिन तुम कर नहीं पा रहे हो । उसी दिन से मेरे अंदर बदलाव होने लगे और फिर ब्रह्मचर्य के मार्ग पर चल पड़ा आज पहले से अधिक अच्छे से ब्रह्मचर्य का पाल कर सकता हूं । और धीरे धीरे मैं अपने अंदर की काम वासना को निकालने मे लगा हुआ हूं ।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए यदि आप भगवान से प्रार्थना करते हैं तो इसके अंदर भगवान भी आपकी मदद करने के लिए आते हैं।
काम वासना के अंदर किसी तरह का सुख नहीं है धारणा बनाएं
ब्रह्मचर्य पालन के लिए आपको अपनी धारणा के अंदर बदलाव करने की बहुत ही अधिक जरूरत है। आमतौर पर हम यह धारणा बनाकर बैठ गए है कि काम वासना के अंदर जितना सुख है उतना कहीं पर भी नहीं है। और यह धारणा बार बार हमारे मन के अंदर आती है। तो हम बार बार काम वासना की तरफ आकर्षित हो जाते हैं।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए आपको इस धारणा को बदलना होगा । क्योंकि जब तक आप इस धारणा को बदलेंगे नहीं तब तक आप ब्रह्मचर्य का पालन कर ही नहीं सकते हैं। ब्रह्मचर्य का पालन योगी लोग सिर्फ इसिलिए कर पाते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि कामवासना एक उपयोगी चीज नहीं है। इससे कुछ भी फायदा नहीं होने वाला है। वे इससे उपर का आनन्द अनुभव कर लेते हैं।
यह सिर्फ उच्च कोटी वाले योगियों की बातें होती हैं। और हम और आप जैसे साधारण इंसान आनन्द को अनुभव नहीं कर पाते हैं लेकिन अपनी धारणा को बदल सकते हैं। हम यह मान सकते हैं की काम एक बेकार चीज है। इसके अंदर किसी भी तरह का मजा नहीं आता है।
इस तरह की धारणा को आपको अपने दिमाग के अंदर सेट करना होगा । और यदि आप शादी सुदा हैं तो आपको यह करना ही होगा क्योंकि आपको अपनी पत्नी के साथ हमबिस्तर तो होना ही होगा ।
लेकिन उस समय आपको अपनी इस धारणा को बार बार दौहराना होगा और लगभग एक साल तक यदि आप लगातार यही करोगे तो फिर आपके मन मे यह धारणा बैठ जाएगी कि काम वासना एक बकवास चीज है।
और इससे अच्छी और सुंदर चीज को ब्रह्मचर्य ही है। इस तरह की धारणा को दिमाग मे सेट कर लेने पर आप आसानी से ब्रह्मचर्य का पालन कर पाते हैं और यह आपके लिए काफी फायदेमंद भी होता है।
असल मे होता यह है कि बात यदि नमक की करें तो नमक खारा होता है। लेकिन उसके प्रति हम यह धारणा अपने दिमाग मे बीठा लें कि नमक मीठा होता है तो उसके बाद हम उसके साथ मीठा जैसा व्यवहार ही होंगा ।
बहुत से लोग यह सोचते हैं कि काम वासना के अंदर सुख है लेकिन असल मे यही दुख की सबसे बड़ी वजह है। प्रकृति के पास इंसान को जन्म जन्म तक बांधे रखने की यही सबसे बड़ी ताकत होती है। और यदि आप इस ताकत को किसी भी तरह से अपने काबू मे कर लेते हैं तो फिर आप आसानी से दूसरी चीजों को अपने अंदर समेट सकते हैं।
और वैसे हकीकत भी यही है कि कामवासना के अंदर किसी भी तरह का सुख नहीं है। इसको आप अच्छी तरह से जानलें। जो लोग काम वासना के सुख को भोग भोग कर खुश हो रहे हैं कि उनको देखों कितनी सुंदर स्त्री मिली है या वे किसी सुंदर महिलाओं को भोग चुके हैं वे अंत मे इसी काम सागर के अंदर डूब जाते हैं और प्रेत बनकर भटकते रहते हैं। इस तरह के लोगों की इच्छा कभी भी पूर्ण नहीं होती है। तो आप अपने दिमाग से निकाल दें कि यह सब सुख है। आपको यह पता होना चाहिए कि यही सबसे बड़ा दूख है जो आपको छूटने नहीं दे रहा है।
अपनी गलती के लिए भगवान से मांफी मांगे
दोस्तों आप यदि ब्रह्मचर्य का पालन करने की कोशिश करते हैं तो इसके अंदर कई तरह की गलतियां आप कर देते हैं।एका एक ही आप ब्रह्मचर्य का पालन करने मे सक्षम नहीं होते हैं। लेकिन कई बार आप इससे फिसल भी जाते हैं। वैसे यह कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन आपको इसके लिए भगवान से माफी मांगनी चाहिए । यदि कोई आपकी गलती बताता है तो आपको उसको मान लेना चाहिए । यदि आप अपनी इस गलती को स्वीकार नहीं करेंगे तो अपनी कमजोरी को किस तरह से दूर कर पाएंगे ।
आपको पहले इस बात को स्वीकार करना होगा कि आपसे गलती हुई है। उसके बाद आपको अपनी कमजोरी को दूर करने का प्रयास करना होगा । ब्रह्मचर्य का पालन उन लोगों के लिए बहुत आसान होता है जोकि जन्म के बाद से ही सही नियमों का पालन करते आए हैं लेकिन जो एक बार गलत संगति के अंदर पड़ गए है उनके लिए यह काफी कठिन हो सकता है।
लेकिन यदि वे लोग भी निरंतर प्रयास करेंगे तो उनके अंदर भी धीरे धीरे सुधार होना शूरू हो जाएगा । ब्रह्मचर्य पालन के लिए प्रयास करते रहें। और अपनी संकल्प शक्ति को मजबूत बनाने का कार्य करें। जैसे जैसे आपकी संकल्प शक्ति मजबूत होगी सब कुछ धीरे धीरे सही होता चला जाएगा । बस आपको प्रयास अंत समय तक नहीं छोड़ना है।
गंदी विडियो देखना बंद करे
ब्रह्मचर्य का पालन यदि आपको करना है तो गंदी विडियों को देखना बंद करदें। क्योंकि इससे ब्रह्मचर्य का रक्षण नहीं हो पायेगा । आजकल हर किसी के हाथ मे मोबाइल रहता है। ऐसी स्थिति के अंदर वह सर्च करता हुआ पोर्न की तरफ चला जाता है। और यदि आपके पास मोबाइल है तो हो सके तो आप इंटरनेट का रिचार्ज करवाना भी बंद कर सकते हैं। जिससे कि आपकी गंदी विडियो देखने की इच्छा होगी तो भी देख नहीं पाएंगे । इसके अलावा आप अपने फोन के अंदर इस तरह की सेटिंग कर सकते हैं जिससे कि वो विडियो नहीं आएं ।
आजकल इन सब चीजों की वजह से छोटे छोटे बच्चे भी बिगड़ रहे हैं। 10 साल की उम्र के अंदर ही अपने ब्रह्मचर्य को नष्ट करने लग जाते हैं जिससे कि उनकी बुद्धि भी भ्रष्ट हो जाती है। और एक बार इन विडियो की यदि किसी को लत लग जाती है तो उसके बाद इनसे छूटना इतना आसान कार्य नहीं होता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप इस तरह की गंदी आदतों को नहीं पालें। वरना बाद मे परेशानी होगी ।
ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए यह बहुत ही जरूरी सौदा है। आमतौर पर हमारे पास एक मजबुत इच्छा शक्ति नहीं होने की वजह से होता है। यदि एक बार आप मजबूत इच्छा शक्ति को विकसित करने मे सफल हो गए तो उसके बाद किसी भी तरह की विडियो को आप देखलें । कुछ होने वाला नहीं है।
उत्तेजना पैदा करने वाली मूवी और किताबों से दूर रहें
दोस्तों आजकल हर दूसरी मूवी के अंदर अश्लीलता ही होती है। यदि आप ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं तो इस तरह की मूवी को देखना बंद करदें। क्योंकि जब तक इन चीजों के प्रति आपके मन मे इटरेस्ट बना रहे गा आप ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर पायेंगे।
वेब सीरिज के बारे मे तो आप जानते ही हैं और आपने अनेक वेब सीरिज को देखा ही होगा । उनके अंदर कितनी अधिक अश्लीलता होती है।इन को आपको नहीं देखना चाहिए । और यदि आपको देखना है तो अनेक प्राचीन कहानियों को आप देख सकते हैं। जोकि वाकाई के अंदर आपके मन मे ज्ञान की ज्योति पैदा करेंगे ।
इसके अलावा अश्लीलता वाली किताबों को भी आपको नहीं पढ़ना चाहिए । इस तरह की किताबें भी ब्रह्मचर्य का नाश करने का काम करती हैं। आपको पता होगा कि बड़े बड़े संत और महात्मा इन सब चीजों से दूर रहने के लिए ही तो जंगल के अंदर जाते हैं। उनके पास मोबाइल वैगरह कुछ नहीं होता है। एक बार वे ब्रह्मचर्य का ठीक से पालन करने मे सक्षम होते हैं तो उसके बाद वे काम को जीत लेते हैं। उसके बाद काम उनके अधीन हो जाता है इसके अंदर कोई भी शक नहीं है। तो यदि आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना है तो इस नियम का भी आपको पालन करना होगा उत्तेजना पैदा करने वाले सभी तरह के द्रर्श्यो से आपको दूर रहने की जरूरत है।
ब्रह्मचर्य पालने करने वाले लोगों के संपर्क मे रहें
दोस्तों हमारे साथ समस्या यह भी होती है कि हम ऐसे लोगों के संपर्क मे रहते हैं जोकि ब्रह्मचर्य तो बहुत दूर की बात है वे बस लड़कियों को घूरते रहते हैं। इस तरह के लोगों के संपर्क मे रहने से आपके मन मे भी विकार पैदा हो सकता है। और आप भी वैसा करने लग सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के संपर्क मे रहें जोकि ब्रह्मचर्य पालन की भावना रखते हैं। इस तरह के लोग मिलना कठिन है लेकिन दुर्लभ नहीं है। जब आप इस तरह के लोगों के संपर्क मे रहते हैं तो आपके मन के अंदर वही भावना बनी रहती है जोकि आपकी ब्रह्मचर्य पालन के अंदर मदद करती है।
आम लोग जो होते हैं उनको ब्रह्मचर्य से कोई भी मतलब नहीं होता है वे काम को ही सबसे आनन्ददायक चीज समझते हैं और उसी के अंदर डूबे रहना चाहते हैं। लेकिन जो ज्ञानी लोग हैं उनके नजर मे काम कोई आनन्ददायक चीज नहीं होता है। वे इसे एक बीमारी के रूप मे देखते हैं तभी तो वे काम को जीतने मे सक्षम होते हैं।
आजकल कई लोग गुरू को धारण करते हैं। इस तरह के लोग ब्रह्मचर्य को पालन करने की कोशिश करते हैं आप उनसे संपर्क बना सकते हैं। ऐसा करने का फायदा होगा कि आपके अंदर जो बुरे कर्म संस्कार बने हुए हैं उनका नाश हो जाएगा और अच्छे कर्म संस्कार आपके अंदर भर जाएंगे । इस तरह से धीरे धीरे आप ब्रह्मचर्य का पालन करना भी सीख जाएंगे । यह एकाएक नहीं होगा इसके अंदर काफी समय लगता है।
ब्रह्मचर्य पालन करने के लिए आज तक आपने जो गलतियां की हैं उनके लिए क्षमा मांगे
दोस्तों भले ही आज से पहले आपने कई स्त्री को मन रूप मे भोगने की सोच बनाई हो लेकिन अपनी इस तरह की किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगे । अक्सर लोग क्या करते हैं कि जब भी किसी सुंदर स्त्री को देखते हैं तो उनके मन मे काम भाव जाग जाता है।
यदि आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो आपको अब क्षमा मांगनी चाहिए और किसी भी स्त्री को काम भाव से देखना बंद कर देना चाहिए । यह अचानक से ही बंद नहीं होगा आपको सब कुछ धीरे धीरे करना होगा । जैसे कि आपने किसी स्त्री को देखा और आपके मन मे काम भाव जाग गया तो आपको तुरंत ही अपने उस विचार को वहां से हटना होगा । कुछ समय लगातार आपको यही करना होगा धीरे धीरे आपके मन के अंदर मौजूद काम भावना समाप्त हो जाएगी । और इस तरह से सब कुछ ठीक हो जाएगा ।
आकर्षण उत्पन्न होने पर यह करें
दोस्तों कई बार हम अपने नियमों पर डटे रहते हैं उसके बाद भी मन के अंदर आकर्षण पैदा हो जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको सही स्थिति को समझना जरूरी होता है। आपको यह देखना चाहिए कि जिस इंसान को मैं देख रहा हूं। वह बस हांड मांस के पूतले के सिवाय कुछ भी नहीं है। असली आनन्द तो हमारे अंदर है। वही आनन्द सदा स्थाई रहने वाला है बाहर का आनन्द तो भ्रम है। वह हमारे मन को भ्रमित कर रहा है। यदि हम उस भ्रम के अंदर फंस गए तो न जाने कितने दुख झेलने होंगे । इस तरह से अपने मन के उस विचार को नष्ट कर सकते हैं जोकि काम भाव को पैदा कर रहा है।
स्त्री के स्पर्श से दूर रहें
दोस्तों यदि आप ब्रह्मचर्य का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं तो ऐसी स्त्री से दूरी ही बनाकर रखें जिसकी वजह से आपके अंदर काम पैदा होता है। जब आप दूरी बनाकर रखेंगे तो आपके मन के अंदर धीरे धीरे काम समाप्त हो जाएगा । लेकिन यदि आप उसको स्पर्श करते हैं तो इससे आपके मन के अंदर काम भाव जाग सकता है। यदि आप अकेले रह सकते हैं तो अकेले रहें और ब्रह्मचर्य पालन के दौरान किसी से ना मिलें। अक्सर कई लोग ऐसा करते हैं। यदि आप एक बार ब्रह्मचर्य पर पकड़ बना लेते हैं तो उसके बाद किसी भी स्त्री के स्पर्श से आपके अंदर किसी भी तरह का विकार पैदा नहीं हो पाएगा ।
फिसलने का डर उनका होता है जो कच्चे घड़े होते हैं। आप अभी कच्चे घड़े के समान हैं जिसके अंदर अधिक समय तक पानी नहीं ठहर सकता है। लेकिन आपको खुद को पकाना होगा । और इसके लिए साधना करनी होगी और आपको निरंतर अभियास करना होगा अभियास से ही सब कुछ सही हो जाएगा ।
ऐसा नहीं है कि आपने ब्रह्मचर्य का पालन करने का निश्चय किया और अचानक से सब कुछ हो गया । आपको इसके अंदर उर्जा लगानी होगी और सयय लगाना होगा इसमे आपको कुछ साल भी लग सकते हैं। लेकिन चिंता ना करें । खुद को अच्छी तरह से पकाएं ।
नजर मिलाने से दूर रहें
दोस्तों ब्रह्मचर्य पालन के लिए यह आवश्यक है कि आपको नजर मिलाने से दूरी बनाकर रखनी होगी । अक्सर जब हम कहीं पर जाते हैं तो महिलाएं दिखती हैं। और हम उनसे नजर मिलाने लग जाते हैं। ऐसा करना सही नहीं होगा । आपको बतादें कि पुरूष की तुलना मे महिलाएं बहुत ही आसानी से ब्रह्मचर्य का पालन कर सकती हैं। इसलिए हम सिर्फ पुरूषों संदर्भ मे ही यहां पर बता रहें हैं। आमतौर पर जब हम नजर मिलते हैं तो इससे काम पैदा हो सकता है। इसलिए कहीं पर भी जाएं तो स्त्री से दूर रहे। और नजर तो भूल कर भी नहीं मिलाएं । अपनी नजर को नीची करके ही जाएं ।
जब आप किसी से नजर मिलते हैं तो स्त्री सुंदरता की वजह से आपके मन मे विकार पैदा हो सकता है। और बाद मे आपको पालन के अंदर परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसा ना करें तो ही आपके लिए अच्छा होगा ।
किसी भी तरह की विकारी कल्पना से दूर रहें ।
अक्सर लड़के कई तरह की विकारी कल्पना करते हैं। रात को सोते समय या फिर दिन के खाली समय जैसे मैं अमुक लड़की के साथ जाउुगा और हम दोनों साथ रहेंगे काफी मजे भी करेंगे । इस तरह की किसी भी विकारी कल्पना से दूर रहे हैं। ऐसा करने से मन के अंदर कर्मबंधन तो बंधते ही हैं और आपकी इसी तरह की कल्पना के पीछे काम ही होता है। ब्रह्मचर्य पालन के लिए यह आवश्यक होता है। विकारी कल्पना से छूटकारा पाना इतना आसान नहीं है। लेकिन यह असंभव भी तो नहीं है। बस आपको करना यह है कि जैसे ही आपके मन के अंदर इस तरह की किसी भी कल्पना आएं तो आपको उस विचार को वहीं पर रोक देना है। और उसके बाद उसके स्थान पर खुद को अच्छे विचारों से भर लेना है। आपको हर बार यही करना है। इसके अंदर खुद को जागरूक रखना बेहद ही जरूरी होता है। तो विकारी कल्पना से पिछा छूटाने के लिए आपको कुछ समय तक यही करना होगा । उसके बाद विकारी कल्पना अपने आप ही बंद हो जाएगी ।
दरसअल हम लोग इस तरह की विकारी कल्पनाओं की आदत डाल लेते हैं। इसी वजह से यह समस्याएं होती हैं।
मन के विकारी विचारों को नष्ट कर दें
दोस्तों ब्रह्मचर्य खंडित इसलिए होता है क्योंकि मन के अंदर विकार आता है। और सबसे पहले मन के अंदर ही विचार पैदा होता है और उसके बाद ही सब कुछ घटित होता है। मन के अंदर विकारी विचारों का इलाज करना जरूरी होता है। यह ही तो ब्रह्मचर्य को नष्ट करने का कारण होते हैं बहुत से लोग यह कमेंट करते हैं कि मन के विकारी विचारों पर काबू नहीं हो रहा है। असल मे इसका कारण यही है कि हमने मन के अंदर सालों से ही विकारी विचारों को जगह दी है और अब अचानक से तेजी से निकालना चाहते हैं तो यह संभव नहीं होता है। आपको सारे काम धीरे धीरे करने होंगे ।
हमारे मन के अंदर मौजूद विकारी विचार सिर्फ इसी जन्म के नहीं हैं। यह जन्म जन्म के हैं तो आप इनको इतनी आसानी से कैसे निकाल सकते हैं। इंसान बनने से पहले आपने न जाने कितने जीव जंतुओं के रूप मे जन्म लिया है। और हम सब ने वहां पर अनेक बार काम क्रियाएं की हैं तो धीरे धीरे यह हमारे मन के अंदर बस चुके हैं। अब हम यदि इनको अचानक से निकालना चाहेंगे तो भी नहीं निकाल पाएंगे । इसलिए जब भी मन के अंदर विकारी विचार आएं आपको उन विचारों को देखते रहना है क्योंकि आप एक विशुद्ध आत्मा हैं आप करने वाले नहीं है। आप किसी भी तरह का कर्म नहीं करते हैं। आपको बस उनसे अलग हो जाना है।
लेकिन हम यही गलती करते हैं कि हम उनसे अलग नहीं होते हैं। बस बस उनके अंदर शामिल हो जाते हैं और मन के विकारों मे साथ देने लग जाते हैं। काम एक ऐसी आग है जिसको यदि आप बुझाने की कोशिश करेंगे तो वह और अधिक जल उठेगी ।
इसलिए मन के अंदर उठने वाले विषय वासना के विचारों को शांत करने के लिए उनको बस देखते रहें। कुछ भी क्रिया ना करें । वे अपने आप की कुछ समय के अंदर शांत हो जाएंगे । यह समुद्र के अंदर उठने वाली लहर के समान होते हैं। कुछ समय अपने तीव्र वेग पर होते हैं और उसके बाद अपने आप शांत हो जाते हैं।
इनकी प्रक्रिया को आपको समझने का प्रयास करना होगा यदि आप सही से एक बार इनकी प्रक्रिया को समझने मे सफल हो जाते हैं तो उसके बाद धीरे धीरे आपके मन मे उठने वाले काम विकार नष्ट हो जाएंगे । ब्रह्मचर्य पालन के लिए मन का नियंत्रित होना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यह मन ही होता है जोकि आपका सबसे बड़ा दुश्मन है आपको इसकी डोर अपने हाथ मे लेनी है। उसके बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा ।
ध्यान करें
दोस्तों ब्रह्मचर्य पालन के अंदर ध्यान भी आपकी मदद करता है। इसलिए आपको जब भी समय मिले रोजाना ध्यान मे बैठ जाएं और मन को एकाग्र करने की कोशिश करें। जब आप अपने मन को एकाग्र करने की कोशिश करते हैं।तो आपकी संकल्प शक्ति को धीरे धीरे बल मिलता है। और आप मजबूत होते चले जाते हैं। ब्रह्मचर्य पालन मे मन की एकाग्रता काफी उपयोगी होती है। यह कई तरह के फालतू विचारों को दूर करने मे आपकी मदद करती ही है। और यह एकाग्रता आपके अंदर सिर्फ ध्यान से ही आती है। इस तरह की एकाग्रता को विकसित करने के लिए आपको चाहिए कि आप रोजाना ध्यान करें धीरे धीरे आपके मन के अंदर एक खास किस्म की एकाग्रता विकसित हो जाएगी और वह ब्रह्मचर्य पालन मे आपकी मदद करेगी । लेकिन इस तरह की एकाग्रता को विकसित करना इतना आसान कार्य नहीं है। इसमे काफी समय लगता है लेकिन असंभव नहीं है।
ब्रह्मचर्य खंडित करने वाले विचार सबसे पहले आपके मन के अंदर आते हैं और वहीं से ब्रह्मचर्य खंडित होता है। इनको रोकने के लिए मानसिक एकाग्रता काफी उपयोगी होती है।
फालतू सॉंग को ना देखें
दोस्तों यदि आप यह सोचते हैं कि आप प्यार मे मजा ले सकेंगे और ब्रह्मचर्य का पालन भी कर सकेंगे तो यह संभव नहीं है। इसलिए आपकों इस तरह के किसी भी सॉंग को नहीं देखना चाहिए जिसके अंदर लड़के लड़कियों के प्यार की बातें बताई जा रही हैं। या वे दोनों एक दूसरे को किस्स करते हुए दिखाई दे रहे हैं। ब्रह्मचर्य पालन के लिए यह बहुत ही जरूरी होता है। यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपका ब्रह्मचर्य कभी भी खंडित हो सकता है।
Youtube वैसे भी आजकल इसी तरह के गानों से भरा पड़ा है। जहां पर आधे कपड़े पहनकर महिलाएं नाचती दिखती हैं। और एक ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले इंसान की इन सब चीजों के अंदर किसी तरह की कोई भी रूचि नहीं होती है। वह बस काफी बेहतर तलास करने की कोशिश करता है। यदि आपकी इस तरह की चीजों के अंदर रूचि है तो आपको
इस तरह की रूचि को दूर करना होगा । तभी आपके ब्रह्मचर्य की रक्षा आप कर पाएंगे । बेहतर यही होगा कि आप इन सब चीजों के बारे मे अलग धारणा विकसित करें कि यह सम भ्रम है। यह मुझे लक्ष्य से भटकाने का एक तरीका है। इसलिए मुझे कभी भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए ।
उत्तेजना वाले आहार खाने से आपको बचना चाहिए
दोस्तों ब्रह्मचर्य के पालन करने के लिए आपको खाने पीने की चीजों का भी विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा । इस तरह के आहार का सेवन नहीं करना चाहिए जोकि उत्तेजना को बढ़ाने का काम करता हो। यदि आप इस तरह के आहार का सेवन करते हैं तो इससे आपका ब्रह्मचर्य भी खंडित हो सकता है। इसलिए खाने पीने की चीजों का उपयोग भी आपको ध्यान से करना होगा ।आइए जानते हैं इस तरह के आहार के बारे मे जोकि उत्तेजना को बढ़ाने का काम करते हैं।
- प्याज, आलू, लहुसन आदि को नहीं खाना चाहिए । और यदि आप एक ग्रहस्थ हैं तो इनको बहुत ही कम मात्रा के अंदर खाना चाहिए क्योंकि यह उत्तेजना पैदा करने का काम करते हैं।
- इसके अलावा आपको चरबी वाले आहार को लेने से बचना होगा । जिसके अंदर घी दूध तेल आदि को कम मात्रा मे लेना होगा । वैसे इनकी कम मात्रा एक संयासी के लिए हो सकती है लेकिन ग्रहस्थ को काम करने के लिए उर्जा चाहिए होती है तो उसको यह सब लेना पड़ता है।
- घी और चीनी से बनी हुई मिठाई को कम करके खाना चाहिए । यह आपके मन मे विकार पैदा कर सकते हैं। यदि आप इनको छोड़ सकते हैं तो छोड़ देना ही बेहतर होगा ।
- आपको सिर्फ सादा भोजन करना चाहिए । आप दाल चावल और कढी खा सकते हैं। सदा भोजन से शरीर को शक्ति तो मिलेगी ही । इसके साथ ही आप आसानी से ब्रह्मचर्य का पालन करने मे सक्षम हो जाओगे ।
ब्रह्मचर्य पालन मे उपवास भी मदद करता है
दोस्तों आपको यह जानकार हैरानी होगी कि ब्रह्मचर्य पालन मे उपवास भी आपकी मदद कर सकता है। आपको यह पता होना चाहिए कि हमारी आत्मा को भोजन की जरूरत नहीं है।और वह कभी भी नष्ट नहीं होती है। लेकिन शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है।
आपने भी कई बार उपवास किया होगा । उपवास के अंदर हम कुछ भी नहीं खाते हैं। यदि आप उपवास करते हैं तो आपका मन चीजों को खाने की करता है आपको भूख भी लगती है। मुंह का स्वाद बिगड जाता है लेकिन उसके बाद भी आप डेटे रहते हैं। और यही उपवास आपके मन की संकल्प शक्ति को काफी मजबूत बनाने का काम करता है।
शारीरिक रूप से तो उपवास का फायदा है ही इसके अलावा ब्रह्मचर्य पालन के लिए आपको संकल्प शक्ति की आवश्यकता होती है। आपके पास जितनी अधिक संकल्प शक्ति होगी आप उतने ही अच्छे तरीके से अपना काम कर पाएंगे । उपवास इसलिए ही बनाएं गए हैं कि आप अपने अंदर एक संकल्प शक्ति का विकास करें और आपका कल्याण हो । दोस्तों ब्रह्मचर्य पालन के लिए भी मन का अभियास होना चाहिए । आपको अभियास के द्धारा मन के सोचने और विचारने की दिशा को बदलना होता है। इसको आप पूरी जाग्रति के साथ करते हैं तभी यह संभव होता है। एक इंसान होने का बस यही एक फायदा है कि आप अपने मन की विचार धारा को बदल सकते हैं। आपके पास इस चीज का अधिकार होता है। लेकिन दूसरे किसी भी जीव के पास यह अधिकार नहीं है। बस इससे अधिक बेहतर मानव शरीर का उपयोग नहीं हो सकता है।
सत्संग के अंदर कुछ समय के लिए बैठे
दोस्तों ब्रह्मचर्य का पालन एकाएक नहीं होता है। इसके अंदर काफी समय लगता है। यदि आप यह सोच रहे हैं कि आपने ब्रह्मचर्य पालन के बारे मे सोचा और उसके बाद सब कुछ हो गया तो आप गलत सोच रहे हैं। ब्रह्मचर्य पालन के लिए आपको अपना समय सत्संग के अंदर भी लगाना चाहिए । सत संग का मतलब होता है अच्छे लोगों का साथ । आजकल सत्संग के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। आप टीवी खोल सकते हैं और अपने मोबाइल के अंदर भी अच्छे अच्छे ज्ञान के उपदेश होते हैं तो उन उपदेश के बारे मे जान सकते हैं।
धीरे धीरे जब आप सत्संग के अंदर ज्ञान की बातों को सुनते हैं तो उसके बाद आपके अंदर बुरी आदतें दूर होने लग जाती हैं। भगवान कृष्ण ने गीता के अंदर कहा है कि गीता पढ़ने मात्र से ही इंसान के बुरे कर्मों का नास हो जाता है।
ब्रह्मचर्य का ना रखना भी एक तरह की बुराई होती है। और आपको इस बुराई को ज्ञान की मदद से दूर करना होता है। जब आप सत्संग के अंदर जाते हैं तो वहां पर आपको वासनाओं को छोड़ने के बारे मे कहा जाता है और इसके लिए कई तरीके बताए जाते हैं।
जब आपको यह बस चीजें अच्छी लगने लग जाती हैं तो आप धीरे धीरे बुराइयों को छोड़ने लग जाते हैं और अच्छी चीजों को अपनाना शूरू कर देते हैं।
ब्रह्मचर्य पालन मे यह सब चीजें मदद करती हैं। जब तक आप यह नहीं समझ पायेंगे कि ब्रह्मचर्य का पालन क्यों करना चाहिए तब तक आप इसका पालन भी ठीक से नहीं कर पाएंगे । तो आपको यह सब चीजे सत्संग के अंदर जाकर ही पता चलेंगी ।
विपरित लंगी की संगति नहीं करनी चाहिए
दोस्तों ब्रह्मचर्य पालन के लिए यह आवश्यक होता है कि आपको विपरित लिंगी लोगों की संगति नहीं बनानी चाहिए । जैसे कि आप लड़के हैं तो आपको लड़कियों की संगति नहीं करनी चाहिए और ना ही उनके साथ दोस्ती करनी चाहिए । जितनी दूरी आप उनसे बनाकर रखेंगे उतना ही आपके लिए जरूरी होगा ।यह तब तक जरूरी होता है जब तक कि आप कच्चे घड़े होते हैं। जब आप पूरी तरह से पक जाते हैं तो कोई भी चीज आपको प्रभावित नहीं कर सकती है। लेकिन इसके अंदर काफी समय लगता है।
विपरित लंगी की संगति यदि आप करते हैं तो इसका नुकसान यह होता है कि आपके मन के अंदर काम विचार आने शूरू हो जाते हैं और उसके बाद आप फिर से पथभ्रष्ट हो सकते हैं। ऐसा बहुत से लोगों के साथ होता है। एक व्यक्ति ने इस बारे मे घटना बताई की एक साधु था। जिसने की जीवन से संयास ले लिया था और जंगलों के अंदर ही रहता था । एक बार उसको वहीं पर कोई स्त्री से प्रेम हो गया और स्त्री को भी उससे प्रेम हो गया उसके बाद दोनों ने वहीं पर शादी करली । इस तरह से वह वापस मोह माया के अंदर फंस गया । यह दिखाता है कि आपको अपने मन पर संशय करना चाहिए ।क्योंकि आपके मन का कोई भी भरोशा नहीं होता है कि वह किधर चला जाए । आपको बस अपने मन को कंट्रोल करने की जरूरत है।
अपने मन को सात्त्विक बनाएं
दोस्तों मन के अंदर तीन तरह के विचार मुख्य रूप से होते हैं। राजसी तामसी और सात्त्विक ।और हर इंसान के मन के अंदर एक खास गुण प्रधान होता है।
यदि कोई इंसान अधिक से अधिक काम बुरे करता है तो उसके अंदर तामसी गुण होता है। और कुछ राजा जैसी जीवन होने के बाद भी बुरे कर्मों के अंदर लिप्त रहता है तो इसका मतलब उसके अंदर राजसी गुण है। दोस्तों यदि आप ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप अपने बुरें गुणों का त्याग करें। बुरे गुण ही तो बुरे विचार को पैदा करते हैं जिससे कि बुरे कर्म भी होते हैं।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए यह आवश्यक होता है कि आप अपने मन के अंदर से बुरे विचारों को निकालें आप यह एकाएक नहीं कर सकते हैं। धीरे धीरे यह सब होगा और आपको लगातार प्रयास करना होगा तभी यह संभव हो सकता है।
ब्रह्मचर्य के अंदर बुरे कर्म सबसे अधिक बाधक होते हैं। जब आप किसी एक बुरे कर्म के अंदर लिप्त होते हैं तो धीरे धीरे दूसरे बुरे कर्म के अंदर भी लिप्त होने लग जाते हैं।क्योंकि एक बुरा कर्म दूसरे बुरी चीजों को निमंत्रण देता है। तो आपको बुरे कर्मों का परित्याग करना चाहिए ।
ब्रह्मचर्य पालन मे गुरू धारण करना उपयोगी हो सकता है
दोस्तों वैसे तो कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनको गुरू की जरूरत होती है। वे बस उसके बताए नियमों पर ही चलते हैं। वे कभी भी अपना दिमाग इस्तेमाल नहीं करते हैं। इस तरह के लोगों को ब्रह्मचर्य पालन के लिए गुरू धारण करना जरूरी पड़ता है।
गुरू आपको कुछ नाम दान दे सकता है। इसके अलावा वह आपको कुछ नियम भी बता सकता है। जिसके अंदर वह आपको बुरी आदतों को छोड़ने के लिए कह सकता है और उसके स्थान पर अच्छी आदतों के विकास करने को कह सकता है।
और जब आप एक गुरू को धारण करते हैं तो उनके नियमों पर स्पष्ट रूप से आप चलने का प्रयास करते हैं। इस तरह से धीरे धीरे आप अपने बुरे संस्कारों को नष्ट करते चले जाते हैं और उसके स्थान पर आप अपने अच्छे संस्कारों को भरते चले जाते हैं।
अच्छे संस्कार जैसे जैसे आपके दिमाग के अंदर आएंगे । वैसे वैसे ब्रह्मचर्य पालन के अंदर आपकी रूचि बढ़ती जाएगी और आपको यह तो पता ही होगा कि बुरे संस्कार ही ब्रह्मचर्य के लिए नुकसान के कारक होते हैं तो इस तरह से गुरू भी इसके अंदर मदद कर सकते हैं।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए जीवन को बेहतर तरीके से समझे
दोस्तों हम ब्रह्मचर्य का पालन इसलिए नहीं कर पाते हैं क्योंकि हमे यह लगता है कि हमारी दो दिन की जिदंगी है और उसके बाद हम पूरी तरह से समाप्त हो जाएं तो क्योंना वासनाओं के अंदर पड़कर मजा लिया जाए । बहुत से लोगों की इसी सोच के चलते वे बुरी आदतों को अपना लेते हैं। जैसे कि रोज लड़कियों को बदलना और नशा वैगरह करना आदि ।
इस तरह के लोगों ने जीवन को ठीक तरह से समझा ही नहीं होता है। यदि वे ठीक तरह से जीवन को समझ जाएंगे तो वे ऐसा कभी नहीं करेंगे। आपको जीवन के बारे मे सही से पता करने के लिए आज मार्केट के अंदर कई सारी किताबें हैं जिनके अंदर पुनर्जन्म की किताबें और गीता आप पढ़ सकते हैं।
आप यह सोच रहे हैं कि आप शरीर के नष्ट होने के साथ ही नष्ट हो जाएंगे तो आप गलत सोच रहे हैं। शरीर का आपसे कोई लेना देना नहीं है। असल मे आप शरीर से अलग हैं और शरीर के माध्यम से आपने जो संस्कार एकत्रित किये हैं वे आपके लिए गले का फांस बन सकते हैं।
इसलिए अपने कर्मों को सही रखें और खुद को किसी भी चीज का आदी नहीं बनाएं । जैसे आप आपको खुद को अपने अंदर से संतुलित करना होगा । आप एक बार जीवन की इस धारणा को ठीक से समझ जाएंगे तो उसके बाद अपने आप ही ब्रह्मचर्य का पालन करने लग जाएंगे । लेकिन बहुत से लोगों के इस तरह के संस्कार ही नहीं होते हैं कि वे इन सब चीजों को अच्छी तरह से समझ सकें।
ब्रह्मचर्य के नुकसान
ब्रह्मचर्य वैसे तो काफी फायदेमंद होता है। इस चीज का अनुभव मैं खुद कर चुका हूं । ब्रह्मचर्य जब आप रखते हैं तो आपको कई तरह के फायदे होते हैं। जिनके बारे मे हम किसी और लेख मे बात करेंगे । लेकिन हम यहां पर आपको ब्रह्मचर्य के नुकसान की बात कर लेते हैं। जिससे आपको इससे यह पता चल सकेगा कि इससे क्या नुकसान हो सकता है।
ब्रह्मचर्य पालन से आपका दिमाग अस्थिर हो सकता है
ब्रह्मचर्य का सीधा अर्थ होता है काम के वेग को रोकना । दोस्तों जब आप ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं तो आप किसी भी तरह का संबंध नहीं बनाते हैं। और यदि आप यह लंबे समय तक करते हैं तो उसके बाद धीरे धीरे इसका असर आपके दिमाग पर दिखाई देने लग जाता है।
और इससे आपका दिमाग अस्थिर होने लग जाता है। और उसके बाद आप जो काम कर रहे हैं। वह काम भी ठीक से नहीं कर पाते हैं। यदि आपने ब्रह्मचर्य पालन किया है तो इस चीज का अनुभव किया होगा । शूरू के अंदर यह समस्या सबसे अधिक होती है। और इससे सबसे अधिक समस्या होती है काम को सही नहीं कर पाते हैं।
ब्रह्मचर्य पालन काम वासना को दबाना ठीक नहीं है
दोस्तों कुछ डॉक्टरों का यह कहना है कि काम वासना एक नैचुरल क्रिया है जिसको दबाना अच्छा नहीं होता है। यदि आप इसको दबाते हैं तो इससे आपके मन के अंदर कई तरह के विकार पैदा हो सकते हैं। चिड़चिड़ापन जैसी समस्या हो सकती है। और यदि आपने इस तरह की चीजों का अनुभव किया है तो आप हमे कमेंट करके बता सकते हैं।
तरल को एक अनिश्चित समय तक रोकना संभव नहीं है
दोस्तों कई डॉक्टरों का यह कहना है कि तरल को आप एक निश्चित समय तक तो रोक सकते हैं लेकिन आप इसको एक अनिश्चित समय तक नहीं रोक सकते हैं। ऐसा करना संभव नहीं है। इसका कारण यह है कि तरल 24 घंटे बनता रहता है। जिस तरह से आपका पेशाब बनता रहता है। इसलिए आप इसको अधिक समय तक रोक नहीं सकते हैं। ऐसा करने से आपको स्वपन दोष हो सकता है जिसकी वजह से आपके अंदर धीरे धीरे एक तरह की हीन भावना पैदा हो सकती है।
ब्रह्मचर्य से आयु लंबी हो इसकी कोई गारंटी नहीं होती है
दोस्तों ब्रह्मचर्य के बारे मे ऐसा कहा जाता है कि इसको रखने से आयु लंबी होती है। लेकिन अभी तक इस संबंध मे कोई भी प्रमाण नहीं है कि इससे आयु लंबी होती है। हालांकि आपको यह पता होना चाहिए कि ब्रह्मचर्य रखे या ना रखें आजकल के लोग तो बहुत ही जल्दी स्वर्ग सिधार जाते हैं।
ब्रह्मचर्य का मुख्य उदेश्य
दोस्तों ब्रह्मचर्य पालन का मुख्य उदेश्य मोक्ष होता है। और इसके यदि आप ठीक तरीके से पालन करते हैं तो किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है। हां पहले पहले आपको अपने मन मे उठने वाले काम भावों को दबाना होगा । उनके साथ लड़ना होगा और धीरे धीरे यह धारणा विकसित करनी होगी कि इन सब चीजों के अंदर कोई फायदा नहीं है। जब भी इस तरह के विचार आएं तो स्वयं को आप अलग रखें । मानसिक रूप से उसके अंदर शामिल ना हों । कुछ सालों तक जब आप यह सब करेंगे तो उसके बाद धीरे धीरे काम वासना के प्रति आपके मन मे नफरत पैदा हो जाएगी । और उसके बाद आपको अपने काम वेग को रोकने की जरूरत ही नहीं होगी । यदि आप ग्रहस्थ हैं तो भी आपको समस्या नहीं होगी । क्योंकि आप उस चीज को भोग करके भी उससे अछूते रह जाएंगे । क्योंकि बस आप उसे एक कर्त्तव्य समझ कर करेंगे ।
इस संबंध मे एक जगह पर गीता मे कहा गया है कि जो ज्ञानी पुरूष होते हैं वो सब भोगों को भोगने के बाद भी उनसे अछूते रहते हैं। इसका कारण यही है कि वे उन भोगों के अंदर किसी भीत रह की आशक्ति नहीं रखते हैं। वे बस एक फोमरमलर्टी पूरी करते हैं। आपको यह पता होना चाहिए कि जब आप किसी तरह के भोगों मे आशक्ति नहीं रखते हैं तो उसको अपनी इच्छा से आप नहीं भोग पाएंगे । बस आपको दूसरों की इच्छा से काम करना होगा अधिकतर केस मे ।
जैसे कि आप किसी जगह पर काम करने के लिए जाते हैं उस काम को करने की इच्छा आपके अंदर नहीं होती है लेकिन उसके बाद भी किसी मजबूरी के अंदर आप वो काम करते रहते हैं तो इस तरह का कार्य आपके अंदर किसी तरह के कर्म संस्कार को पैदा करता है लेकिन वह प्रभावी नहीं होता है। वह आपके अंदर एक प्रव्रति को पैदा नहीं कर पाता है। काम प्रकृति से बांध रखने का सबसे बड़ा हथियार है यदि आप इसको जीत लेते हैं तो फिर कोई कारण नहीं है कि आप किसी और तरह के बंधन मे बंध जाएं । आप उसके बाद सारे बंधनों को आसानी से तोड़ सकते हैं।
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