भवत् शब्द के रूप bhavat shabd roop in sanskrit ,भवत् (आप) शब्द तकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी तकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के शब्द रूप यदि आप बनाना चाहते हैं तो नीचे दिये गए तरीके से आप बना सकते हैं। और यदि आपको हमारा प्रयास पसंद आता है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
bhavat shabd roop in sanskrit भवत् शब्द के रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | भवन् | भवन्तौ | भवन्तः |
द्वितीया | भवन्तम् | भवन्तौ | भवतः |
तृतीया | भवता | भवद्भ्याम् | भवद्भिः |
चतुर्थी | भवते | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
पंचमी | भवतः | भवद्भ्याम् | भवद्भ्यः |
षष्ठी | भवतः | भवतोः | भवताम् |
सप्तमी | भवति | भवतोः | भवत्सु |
सम्बोधन | हे भवन्! | हे भवन्तौ! | हे भवन्तः! |
दोस्तों प्राचीन काल की बात है। एक जंगल के अंदर एक महिला लकड़ी चुगने के लिए जाया करती थी। उसके यहां पर कमाने वाला कोई नहीं था तो वह सुबह जल्दी उठती थी और उसके बाद अपनी दो बेटियों को खाना बनाकर देती और फिर लकड़ी चुगने के लिए चली जाती थी। उस महिला के पति की बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी । एक बार की बात है वह सुबह सुबह लकड़ियां जंगल के अंदर चुन रही थी तो उसे किसी के रोने की आवाज आई महिला ने सोचा की कोई रो रहा है तो वह जैसे जैसे पास गई तो उसने देखा कि रात के अंधेरे मे एक बच्ची अकेली बैठी है
और वह उसके पास गई और बोली ……बेटा तुम रात को इतने अंधेरे के अंदर क्या कर रही है और तुम्हारे माता पिता कहां पर हैं ? लेकिन उस लड़की ने कुछ नहीं बोला जब महिला ने पास जाकर देखा तो वह एक बहुत ही सुंदर बच्ची थी तो महिला ने फिर से पूछा तो लड़की ने कहा कि उसके माता पिता जंगल के अंदर उसे छोड़कर चले गए हैं। महिला को काफी दया आ गई और उसदिन उसने लकड़ी चुनने का विचार छोड़ दिया और उस महिला को घर पर लेकर आ गई । उसके बाद क्या था महिला ने उस बच्ची को भी अपने घर के अंदर रख लिया और उसकी दोनों बेटियों को भी वह बच्ची काफी पसंद आई । और वे उसके साथ खेलने लगी । इस तरह से महिला की दोनों बेटिया उसके साथ काफी अधिक घुल मिल गई ।
इसी तरह से कुछ दिन और बीत गए और महिला जब जंगल के अंदर लकड़ी काटने के लिए जाती थी तो तीनों बच्ची को अकेला छोड़कर जाती थी। और खाने पीने की चीजें रखकर जाती थी। कुछ दिनों तक उसने इन सब चीजों पर ध्यान नहीं दिया । जब वह आकर घर पर देखती थी तो कुछ भी खाने पीने की चीजें नहीं बची होती थी। और जंगल वाली लड़की को लेकर उस महिला के बेटियां कहती थी कि यह सब कुछ खा जाती है हमारे लिए खाना बचता ही नहीं है। यह सुनकर महिला काफी हैरान रह जाती थी। क्योंकि ऐसा आज तक नहीं हुआ था। और अब वह पहले की तुलना मे काफी अधिक खाना बनाकर जाती थी उसके बाद भी उसकी बेटियां भूखी रहती थी । उसे समझ नहीं आ रहा था।
कि वह करें तो क्या करें । कुछ दिन बच्ची की शिकायत पर उसने और अधिक खाना बनाया लेकिन यही हाल फिर भी रहा । उसके बाद महिला काफी परेशान हो गई और वह सोच रही थी कि उस बच्ची के अंदर जरूर ही कोई गड़बड़ है और वह फालतू के अंदर ही उसे घर लेकर आ गई ।
उसके बाद उसने एक दिन उस बच्ची के बारे मे ट्राई करने का सोचा और लकड़ियों का कहकर वह घर से बाहर निकल गई । और चुपके से फिर से घर के अंदर आकर खाने के पास कहीं पर छुप गई । उधर जब उस बच्ची ने देखा कि वह महिला घर से चली गई है तो उसने अपना एक हाथ लंबा किया और सारे खाने को खा गई ।
जब यह बात उस महिला ने देखी तो वह काफी अधिक हैरान रह गई । लेकिन बेचारी क्या करती । उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। और फिर चुपके से अपने घर से निकल कर पास मे ही एक पंडित जी रहते थे उसको सारी बात बताई । पंडित जी ने अपनी आंखें बंद की तो हैरान रह गया । और कहा माता तुम्हारे घर के अंदर जो बच्ची मौजूद है वह कोई साधारण बच्ची नहीं है। आप इस बात को समझ जाएं वह चुड़ैल है शुक्र करों कि उसने आपकी बच्ची को मार कर नहीं खाया । तो उसके बाद महिला ने पंडित जी से आग्रह किया कि वह किसी तरह से उसे इस समस्या से निकालें तो पंडित जी चले और उस महिला के घर चले । फिर जैसे ही चुड़ैल ने पंडित जी को देखा वह अपने असली रूप मे आ गई और पंड़ितजी से कहा कि वह जहां से आया है वहीं पर चला जाए वरना उसकी मौत तय है। लेकिन पंडित जी ठहरे काफी बड़े तांत्रिक उन्होंने मंत्र मारा और उस चुड़ैल को बोतल के अंदर कैद कर लिया । महिला ने राहत की सांस ली । और उसके बाद पंड़ित जी नें उस बोतल को दूर कहीं पर छुपा दिया । दोस्तों इस कहानी से यही शिक्षा मिलती है कि कभी भी बुरे इंसानों की मदद नहीं करनी चाहिए । यदि आप कभी भी बुरे लोगों की मदद करते हैं तो इससे आपको किसी भी तरह का फायदा नहीं होगा ।
क्योंकि जो बुरे लोग होते हैं वो आपके लिए अपनी बुरी आदतों को नहीं छोड़ेंगे । यदि आप उनकी मदद भी कर देते हैं तो उसके बाद भी यह आपकी मदद को मदद नहीं मानेंगे । यदि आप उनकी मदद करते भी हैं तो उल्टा आप अपने लिए समस्या को मौल ले रहें हैं जोकि आपके लिए काफी अधिक नुकसानदायी हो सकता है।
इसलिए यदि आप किसी की मदद करना चाहते हैं तो फिर आपको अच्छे लोगों की मदद करनी चाहिए । यदि आप अच्छे लोगों की मदद करते हैं तो इससे आपको किसी तरह का नुकसान नहीं होगा । वरन आपको ही फायदा होगा । और यदि आप बुरे लोगों की मदद करते हैं तो वे किसी भी तरह से आपका नुकसान करेंगे ।
अब सोचो कि महिला ने दया करके उस बच्ची की मदद की । और वह बच्ची यदि महिला की दूसरी बेटी को मार कर खा जाती तो क्या होता । उसके बाद महिला जिदंगी मे किसी के उपर दया नहीं करती । क्योंकि उसे यह डर हमेशा रहता कि उसके साथ गलत हो सकता है। इसलिए बुराई की अच्छे लोगों को मदद करने से रोकती है।
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