यदि किसी के अंदर भूत घुस गया हो तो भूत भगाने का शाबर मंत्र का उपयोग किया जा सकता है। ।दोस्तो भूत प्रेत ,डाकिनी शाकिनी बुरी आत्माएं होती हैं।बहुत बार यह आत्माएं किसी के पिछे लग जाती हैं। और एक बार पीछे लग जाती हैं तो उनका छोड़ना मुश्किल हो जाता है। बहुत से लोग इसके लिए उपचार भी करवाते हैं लेकिन कई बार फायदा पहुंचता है तो कई बार फायदा भी नहीं पहुंच पाता है।
हमारे घर के पीछे एक घर पड़ता है। काफी पुरानी बात है एक महिला उस घर के अंदर रहती है। एक बार उसके पीछे एक भूतनी आ गई थी। दोस्तों जब वह एक गांव के अंदर गई तो किसी झाड़ी के नीचे पेशाब किया जिसकी वजह से उस भूतनी को गुस्सा आ गया और वह उसके पीछे होली ।उसके बाद जब वह महिला घर मे आई तो भूतनी भी उसके पीछे आ गई वह प्रेतनी ने उसका जीना हराम कर दिया था। रात के अंदर जोर जोर से चिल्लाती थी।
और खाने के लिए नई नई चीजों की मांग करती थी। उस प्रेतनी ने बेचारी महिला को बहुत अधिक परेशान किया ।कई तांत्रिक भी उसको निकालने के लिए आए लेकिन वे इस काम के अंदर वे सफल नहीं हो सके । भूतनी काफी शातिर दिमाग की थी । और जब तात्रिक आते तो वह भाग जाती लेकिन मौका मिलते ही फिर आ जाती थी । खैर इस प्रकार के किस्से आपको अनेक जगहों पर मिल जाएंगे ।
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भूत प्रेत भगाने का शाबर मंत्र or भूत प्रेत बांधने का शाबर मंत्र
यह भूत प्रेत को कील देने वाला मंत्र है।इसका प्रयोग आप किसी भी भूत लगे व्यक्ति से भूत को निकालने मे कर सकते हैं। इस मंत्र का प्रयोग आपको शनिवार के दिन करना है।
इसको सिद्व करने के लिए हनुमानजी के मंदिर जाना होगा । वहां पर 5 दीपक ले जाएं , एक क्ष्रीफल ले जाएं , एक पान का बीड़ा ले जाएं ,हनुमान को पान का बीड़ा बहुत प्रिय है। आप राम नवमी ,सूर्य ग्रहण के दिन और गूगल धूप से 108 आहूती दें । और हनुमान जी को भोग लगाकर हवन करें और 11 हजार जाप करें । और सभी प्रकार की मिठाइयों का मंदिर के अंदर ही भोग लगादें ।
अब आपको करना यह है कि जिस व्यक्ति को भूत प्रेत हो उसको लेकर किसी भी एकांत स्थान पर जाना होगा और वहां पर पान का बीड़ा , मिठाई ,पानी ,और कील व लाल धागा लेकर जाना है।
अब जिस व्यक्ति को प्रेतबाधा हो उसको उस पेड़ के सहारे खड़ा करना है और उसके सर के पास एक कील शाबर मंत्र को पढ़ते हुए ठोकनी है। और दोनों हाथों के अंगूलियों के बीच एक एक कील मंत्र पढ़ते हुए ठोकनी है।
इसी प्रकार से पैरों की अंगुलियों के बीच मे और शरीर के पास और कई कील ठोकते हुए मंत्र पढ़ें ।उसके बाद लाल रंग के सुतु धागे को उस पेड़ के चारो ओर लपेट दें ।
हडमान हठीले ठीक वज्र काकील मेरा गुरू कचनी काटे
मैं भी कचनी काटूं ,सात समंदर खाय
हनुमत रज क उच्चारे मेरी अंजीन का पूत
संकट मे सहाय होय मेरी आन गुरू की शान
मेरी आन गुरू की आन
ईश्वर गौरा पार्वती महादेव की दुहाई
उसके बाद आप जो भी वहां पर मीठाई ,पान का बीड़ा और चीजे लेकर गए हैं । उनको रोगी के सर से 7 बार उतारें और हनुमान जी का नाम लेकर वहीं पर छोड़ दें और अंत मे रोगी के सर से पानी का लौटा उतारें । उसके बाद रोगी को घर ले आएं । घर मे प्रवेश करने से पहले अपने ईष्ट देव से प्रार्थना करें कि वह आपके संकट काटें । 2 मिनट आंख बंद करके प्रार्थना करनी होगी ।उसके बाद हाथ पैरों को धोएं और घर के अंदर प्रवेश करें ।
और ताबीज बनाने के लिए चारो मुखी के हनुमाजी के मंदिरों का सिंदूर लेकर आएं और उसको सोने के ताबीज के अंदर मंढवालें और हनुमानजी को भोग लगादें ।
भूत प्रेत भगाने का हनुमान शाबर मंत्र
इस मंत्र के द्वारा आप भूत प्रेत ,और जिन्न को भगा सकते हैं। यह मंत्र इस प्रकार से है .
ओम नम: आदेश गुरू को हनुमंत बीर बीर बजरंगी वज्र धार डाकिनी शाकिनी भूत प्रेत जिन्न सबको अब मार मार ,न मारे तो निरंजनी निराकार की दोहाई ।।
इस मंत्र को उपयोग करने से पहले शनिवार के दिन से हनुमाजी की पूजा करें और । यह पूजा लगातार 21 दिन तक जारी रखें । रोजाना मंत्र का 221 बार जप करना होगा । मंत्र सिद्व करने के बाद । किसी भी चाराहे के 7 कंकर लें और 7 उड़द के दाने लें और इनको 7 बार मंत्र से अभिमंत्रित करे छाड़ दें । बास उसके बाद रोगी अपने आप ही ठीक हो जाएगा ।
भूत प्रेत भगाने का शाबर मंत्र बताएं हनुमान मंत्र
सबसे पहले मंत्र को सिद्व करने के लिए किसी भी शुद्व दिन जैसे ,होली दिवाली या ग्रहण के दिन या यदि आप हनुमान जी के भगत हैं तो आप इसको मंगलवार को भी सिद्व कर सकते हैं।इस मंत्र को 1200 बार जप करना है।
इसको आपको 11 दिन जप करना होता है। और उसके बाद 11 वें दिन आपको हवन कर देना है।इस मंत्र को सिद्व करने के लिए आपको लाल कपड़े और आसन लाल लें ।
यदि किसी को भूत का डर सता रहा है तो उसके बाद वह यह मंत्र जप कर सकता है। और रस्ते के अंदर आने वाले सारे भूत इस मंत्र को सुनते ही अपने आप भाग जाएंगे ।
हनुमान अंगद रन गाजे
हांक सुनत रजनीचर भाजे ।।
भूत प्रेत भगाने का काली शाबर मंत्र
इस मंत्र को आपको होली के दिन या दीपावली के दिन या फिर किसी भी शुभ मुहर्त के अंदर इसको सिद्व कर सकते हैं।इसके लिए आपको बकरे का कलेजा , मां काली की फोटो ,एक लोटा जल , लाल चंदन की माला , लाल रंग के फूल , 6 मिटटी के कंडे रखें ।कपूर की 6 टिक्की रखें ।एक चाकू , एक नींबू , पान , लाल रंग के फूल रखिए ।
- यदि किसी को प्रेत चिपका हुआ है तो एक भभूत लें और उसके उपर 7 बार दम भरके उस रोगी को खिलादें । भूत भाग जाएगा ।
- इसके अलावा यदि किसी को नजर लग गई है तो 7 बार मंत्र जपकर रोगी को फूंक मारदें ।
अब आपको मां काली की फोटो को एक चोकी पर लगाएं और शुद्व घी का दीपक जलाएं । और सबसे पहले अपने गुरू का स्मरण करें और माता से बोलें कि हे माता मैं एक शाबर मंत्र सिद्व करने जा रहा हूं तो यदि कोई गलती हो तो मुझे मांफ करना और माता का विधि पूर्वक पूजन करें ।इस दौरान आपको मंत्र की पहले एक माला जप करनी है। फिर सारी चीजें माता को अर्पित कर देनी है।
काली काली महाकाली इंद्र की पुत्री ब्रह्रमा की शाली चाबे पान बजावे थाली जा बैठे पीपल की डाली ,भूत प्रेत मडी मसान जिन्न के जिनात को बांध के ला तेरा वार न जाए खाली चले मंत्र फुर्रो वाचा मेरे गुरू का शब्द साचा देख रे महाबली मेरे मंत्र का तमासा दुहाई गुरू गोरखनाथ की ।
इस मंत्र को 108 बार जप करें और फिर एक नींबू पर फूंक मारदें और फिर इस नींबू को रोगी के सर पर काटदें । उसके बाद रोगी चिल्लाएगा । लेकिन ठीक हो जाएगा ।
भूत प्रेत भगाने का काली शाबर मंत्र
दोस्तों इस मंत्र को आपको उपर दी गई विधि के अनुसार ही सिद्व करना होता है। इसमे आपको किसी भी ग्रहण काल के दौरान 1008 बार जप करके सिद्व करना है और मां काली को भौग लगाना है। उसके बाद जब भूत भगाना हो तो मंत्र को 11 बार बोलें और रोगी को पौर पंख मारते जाएं।
काली काली महाकाली ,
ब्रह्मा की बेटी इंद्र की साली,
दोनों हाथ बजावे ताली |
हंकिनी डंकिनी को भस्म करे ,
अल्लाह बिस्मिल्लाह को भस्म करे |
नौ नाथ चौरासी सिद्धों को भस्म करे ,
नौ नरसिंह सोलह सीन्डुओं को भस्म करे
बावन वीर , चौंसठ योगिनी को भस्म करे
अस्सी मसान , नब्बे भैरों को भस्म करे |लगे लगाए को भस्म करे
भेजे भेजाये को भस्म करे |
भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी को भस्म करे |
चले काली का खंडा, दुष्ट राक्षस का उड़ जाए मुंडा |
जादू जंतर मंतर तंतर को कर दे भस्म |
जय काली कलकत्ते वाली मेरा वचन न जाये खाली
तेरी आन गुरु की शान फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा ।
भूत भगाने का शक्तिशाली शाबर मंत्र
इस तरीके के अंदर मां काली को सबसे पहले धूप दीप देने के बाद थोड़ा सा जल चढ़ाएं और उसके बाद संकल्प करें कि हे माता मैं शाबर मंत्र सिद्व करने जा रहा हूं । आप मेरी मनोकामना पूर्ण करें । फिर 108 बार मंत्र का जप करें ।और इस मंत्र को 40 दिन तक एक ही समय पर जप करना होगा ।उसके बाद जब जब प्रयोग करना हो तो मंत्र को पढ़ें और तीन बार ताली बजादें । जितनी दूर तक ताली की आवाज सुनाई देगी । प्रेत वहां से भाग जाएगा ।
काली काली महा-काली, इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली। पीती भर भर रक्त प्याली, उड़ बैठी पीपल की डाली। दोनों हाथ बजाए ताली। जहाँ जाए वज्र की ताली, वहाँ ना आए दुश्मन हाली। दुहाई कामरो कामाख्या नैना योगिनी की, ईश्वर महादेव गोरा पार्वती की, दुहाई वीर मसान की।
इस मंत्र को सिद्व करने के लिए काले आसन का प्रयोग करें और मांस ,मंदिरा का सेवन 40 दिनों तक ना करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें ।
भूत प्रेत को भगाने का शाबर मंत्र झाड़ा
दोस्तों यदि किसी को भूत ने जकड़ लिया है तो नीचे दिये गए शाबर मंत्र को 11 बार पढ़े और नीम की छड़ी से झाड़ा दें । उसके बाद भूत का असर व्यक्ति पर कम हो जाएगा । लेकिन इसका प्रभाव एक विशेष समय के लिए ही होता है। उसके बाद इसका असर कम हो जाता है। यदि रोगी को कोई खतरनाख प्रेत है तो फिर आप उसको किसी अच्छे तांत्रिक के पास लेकर जा सकते हैं।
ॐ नमो आदेश गुरु का
मंत्र साँचा कंठ काँचा
दुहाई हनुमान वीर को जामे लफ्जारी | पलंका मजारी
आन लक्ष्मणा वीर की आन माने जाके तीर की दुहाई
मेमना की बादशाह जावा काम में रहे आमदा |
दुहाई कालिकामाई की
धौला गिरी वारो चंडै सिंह की सवारी
जाके लांगुर है अगारी
प्याला पिए रक्त को चंडिका भवानी
वेदबानी में बखानी
भूत नाचे बेताल लज्जा रखे
अपने भक्त की काली महर काली
आरी कोलकाता वाली
हाथ कंचन की थारी
लिए हाथ भक्त बालिका दुष्टन प्रहारी
सदा संतन हितकारी
उतर मूल राज जल्दी नहीं भखै तोय
कालिकामाई की दुहाई
करें भक्त की सहाई
आत असने में माई तेरी ज्योति रही जाग के |
पकड़ के पछाड़ भातकर
मत अबार तेरे हाथ में कपाल
भक्षण करले जल्दी आइके
जाय नाहीं भूत पकड़ मारे जाँय
भूत उतर उतर उतर तो
राम की दुहाई गुरु गोरख का फंदा करेगा तोये अंधा
फुरो फुरो मंत्र स्वाहा |
मोर पंख से भूत भगाने का शाबर मंत्र
नीचे दिये गए मंत्र का जाप करते समय मौर पंख से उपर से लेकर नीचे तक झाड़ा दें और मंत्र का 7 बार जप करें । सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति के लंबाई का एक धागा नाप लें और उस धागे के उपर 7 गांठ लगादें ।और नीचे दिये गए मंत्र का उच्चारण करते चले जाएं । फिर इस धागे को रोगी के गले के अंदर धारण करवादें । भूत का असर अपने आप ही कम हो जाएगा ।
ॐ नमो आदेश गुरु का
अपर कोष |
बिगड़ कोष |
प्रहलाद राख |
पाताल राख |
पांव दे बीज |
जंघा देवे कालिका |
मस्तक राखे महादेव |
जो कोई इस पिंड -प्राण को छेदे छेदे |
देव, देवता, भूत, प्रेत, डाकिनी, शाकिनी |
कंठमाला , तिजारी
एक पहर
दोपहर
साँझ सवेरे को
किये – कराये को स्वाहा पड़े
इसकी रक्षा नरसिंह जी करें |
भूत भगाने का हनुमान शाबर मंत्र प्रयोग
इस मंत्र के द्वारा भूत भगाने के लिए रोगी को एक नीम की छड़ी लेकर मंत्र पढ़ते हुए 11 बार सिर से पैर तक झाड़ा दिया जाता है। मंत्र इस प्रकार से है।
ॐ नमो आदेश गुरु का
मंत्र साँचा कंठ काँचा
दुहाई हनुमान वीर को जामे लफ्जारी | पलंका मजारी
आन लक्ष्मणा वीर की आन माने जाके तीर की दुहाई
मेमना की बादशाह जावा काम में रहे आमदा |
दुहाई कालिकामाई की
धौला गिरी वारो चंडै सिंह की सवारी
जाके लांगुर है अगारी
प्याला पिए रक्त को चंडिका भवानी
वेदबानी में बखानी
भूत नाचे बेताल लज्जा रखे
अपने भक्त की काली महर काली
आरी कोलकाता वाली
हाथ कंचन की थारी
लिए हाथ भक्त बालिका दुष्टन प्रहारी
सदा संतन हितकारी
उतर मूल राज जल्दी नहीं भखै तोय
कालिकामाई की दुहाई
करें भक्त की सहाई
आत असने में माई तेरी ज्योति रही जाग के |
पकड़ के पछाड़ भातकर
मत अबार तेरे हाथ में कपाल
भक्षण करले जल्दी आइके
जाय नाहीं भूत पकड़ मारे जाँय
भूत उतर उतर उतर तो
राम की दुहाई गुरु गोरख का फंदा करेगा तोये अंधा
फुरो फुरो मंत्र स्वाहा .
हनुमाजी का सिद्व शाबर मंत्र
इस मंत्र को आपको कम से कम 21 हजार बार हनुमान शाबर मंत्र का जाप करना होगा । इसके लिए आप हनुमान जी के सामने बैठ कर जाप करें और सुबह 4 बजे उठकर जाप करें और नियमित जाप करना होगा । और इसको समान समय मे जाप करना है। और फिर संकल्प लेना है कि आप इस मंत्र को किस काम मे लेने रहे हैं।
या आप इस मंत्र की 51 माला जप करके किसी भी अमावस्या के अंदर सिद्व कर सकते हैं।जब भूत भगाना हो तो सरसों के तेल का दीपक जलाएं और रोगी को उसकी लौ को घूरने को बोलो और फिर 7 बार मंत्र पढ़कर रोगी को फूंक मारेंगे तो भूत प्रेत सब भाग जाएंगे ।
ॐ नमो दीप मोहे।
दीप जागे।
पवन चाले।
पानी चाले।
शाकिनी चाले।
डाकिनी चाले।
भूत चाले।
प्रेत चाले।
नौ सौ निन्यानवे नदी चाले।
हनुमान वीर की दुहाई।
मेरी भक्ति।
गुरु की शक्ति।
फुरै मंत्र ईश्वरो वाचा।
भूत प्रेत बाधा नाश शाबर मंत्र
दोस्तों यह बहुत उपयोगी शाबर मंत्र है। सूर्य या चंद्रग्रहण के दिन 1100 बार जप कर लिया जाए और सिद्व करते समय भगवान विष्णु को भोग लगाएं ।इस मंत्र से 7 बार जल को मंत्र करके । जल को फूंक मारें और उस जल को रोगी को पिलादें ।उसके बाद रोगी ठीक हो जाता है। इसके अलावा मोर पंख से झाड़ सकते हैं।
ओम नमो आदेश गुरू को ओम अपर के या कट मेष खम्भ
प्रति प्रहलाद राखे पाताल राखे पॉव देवी जंघा राखे काली का मस्तक
राखे महादेवजी कोई या पिंड प्राण को छोडे छोड़े
तो देवदानव भूत प्रेत डाकिनी शाकिनी गंडा ताप तिजारी
जूड़ी एक पहरूदी पहरू सांझ को सवेरे को किया को कराया
को उलट वाही के पिंड परे इस पिंड की रक्षा क्ष्री नरसिंह जी करें शब्द सांचा पिंड कांचा फूरो मंत्र ईश्वरो वांचा ।।
प्रेत नाशक शाबर मंत्र
इस मंत्र का प्रयोग आम जन के लिए नहीं है। और इसका प्रयोग केवल तांत्रिक को ही करना चाहिए । इसके लिए दीप जलाकर रखें और सीप के अंदर मिठाई रखें और लोबान की धूनी देवें ।उसके बाद रोगी के सर से लेकर पैर तक की लंबाई एक सात रंग का डोरा लें और मंत्र पढ़ते हुए 31 गांठ वाला गंडा तैयार करें और फिर इसको रोगी को पहना देना है।
ओम नमो आदेश गुरू को लड़गढ़ी सों मुहम्मद पठान चढया श्वेत घोड़ा श्वेत पलाण भूत बांधी प्रेत बांधी चौसठ योगिनी बांधी अरसठ स्थान बांधी बांधी बांधी रे चौखी तुर्कीनी का पूत बेगि बांधी जो तू ना बांधे तो अपने माता की शैया पर पांव धड़े मेरी भक्ति गुरू की शक्ति फूरो मंत्र ईश्वर वाचा ।।
मां कामाख्या देवी का भूत प्रेत भगाने का अचूक शाबर मंत्र
दोस्तों यह मंत्र बहुत ही उपयोगी है।इस मंत्र को प्रयोग करने के लिए आपको कोई ग्रहण का समय चुन लेना है। और जब सुतक लग जाए तो उसके बाद भोजन ना करें । और किसी ऐसे स्थान पर जाएं जहां पर पानी का कुंड हो ।आप किसी भी जोहड़ को चुन सकते हैं। और उसके अंदर अपनी नाभी पानी मे डुबो लें और सबसे पहले शरीर रक्षा कवच धारण करें ।उसके बाद नीचे दिये गया मंत्र 108 बार जप करनें से यह मंत्र सिद्व हो जाएगा । फिर घर आकर माता को भोग लगाएं ।
ओम कामरू देश कामाक्षा देवी जहां बसे इस्माइल योगी चल रे
कामरू जाई जहां बैठी बंढ़िया छुतरी माई भेजूं उसके पास खप्पर
जहां से ,अमुख नाम बोलें ,के उपर आई ।उसको दण्ड न करें तो
गुरू गोरख नाथ बंगाल खंड कामाक्षा की दुहाई ।।
जब मंत्र का प्रयोग करना हो तो 21 बार पढ़ना है और फिर फूंक लगाना है।और इस प्रकार से भूत प्रेत दूर हो जाएगा ।
हर साधना के अंदर देह रक्षा मंत्र का उपयोग करना बहुत आवश्यक होगा ।हम आपको एक हनुमान देह रक्षा मंत्र बता रहे हैं। इसको आपको पहले सिद्व करना होगा ।
इस मंत्र को सिद्व करने के लिए किसी भी मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर मे जाएं और वहां पर 10 माला जप करें और प्रासद और हनुमान को चोला चढ़ाएं और प्रयोग के समय मंत्र पढ़कर अपनी छाती पर फूंक मारे ।
ओम नम: व्रज का कोठा
जिसमे पिंड हमारा पैठा
ईश्वर की कुंजी ब्रहा्र का ताला
मेरे आठोंयाम का यती हनुमन्त रखवाला ।।
डाकिनी शाबर मंत्र डाकिनी भगाने का मंत्र
दोस्तों यह मंत्र आपको ग्रहण के दौरान बैठकर 21 माला जप कर सिद्व करना है और डाकिन को भगाने के लिए शनिवार के दिन मंत्र को 108 बार पढ़कर झाड़ा दें ।
ॐ नमो नारसिंह पार्डहार भस्मना।
योगिनी बंध।
डाकिनी बंध।
चौरासी दोष बंध।
अष्टोत्तर शत व्याधि बन्ध।
खेदी खेदी, भेदि भेदि, मारे मारे , सोखे सोखे।
ज्वल, ज्वल, प्रज्वल, प्रज्वल।
नारसिंह वीर कि शक्ति फुरो।
महाकाली का भूत भगाने का शाबर मंत्र
दोस्तों यह बहुत अधिक शक्तिशाली शाबर मंत्र है।इस मंत्र को सिद्व करने के लिए आपको होली या अमावस्या या किसी शुभ अवसर के उपर उपवास करके मंत्र का 509 बार जप करना होता है।और तिल जो और देसी घी की आहूतियां देनी होती है।जब इस मंत्र का प्रयोग करना हो तो 11 बार मंत्र पढ़कर मोर पंख से झाड़ा लगा देना है। और उसके बाद एक नींबू लें और 21 बार नींबू पर मंत्र पढ़ें फिर भूत बाधा से ग्रस्ति व्यक्ति के उपर से नींबू उतारें और फिर उसके सर के उपर नींबू को काट कर माता काली को चढ़ादें ।
ओम काली काली महाकाली नर की बेटी ब्रह्मा की साली काली हाँको निशिराती, हाय हाय रे ओझा मति पर करो, हमतो देवी आद कुमारी बरिया बाँधो असुर संघरो ,
हाथ- हाथ करो गोरे वैरी, हार खाये गूदाधड़कावे गूदा के पौनार बहावै,जाग जाग रे कालिका के पूत भैरो अवधूत,बरिया बांध मुर्दा बांध,बांध के बंसार कर दे ऊने बांध-ऊने बांध माई धीया डायन बांध बायें पुते ओझा बांध छुरी बांध कतार बांध जर्नल बांध सर्नल बांध हनुमन्त वीर चौकी बांध जाग जाग रे,
हरिया हरताल बामत लोकेश्वरी देवी गाही ऊंची पोखरी नीची पानी तहां बसे कामाक्षा रानी नैना इन्द्र पूजे लात मोर कहका काली कहां जाऊ ता पर गन छुड़ाऊं आपन गुन लगाऊं आपन गुन लेके इन्द्र लेके कैलाश जाऊँ बाइस मुस्का बांध के लाऊँ साबर मन्त्र भूत पराऐ दुहाई कालीकामाक्षा देवी के होवा सहाय
भूत प्रेत भगाने के लिए शाबर मंत्र लेख के अंदर हमने यह जाना कि आप किस प्रकार से भूतों को भगा सकते हैं। हालांकि यह उपाय कम ताकतवर प्रेत के लिए काम करते हैं और घरेलू प्रेत भगाने के शाबर मंत्र है।
दोस्तों उपर हमने जो आपको भूत प्रेत भगाने के मंत्र के बारे मे बताया है। उन मंत्रों का प्रयोग करने से पहले आपको एक बार अपने गुरू से परामर्श करना चाहिए । बिना गुरू के आप इन मंत्रों का प्रयोग नहीं कर सकते हैं। यदि आप करने का प्रयास भी करते हैं , तो आप नहीं कर पाएंगे । क्योंकि किताबों और इंटरनेट पर आधी अधूरी जानकारी दी हुई होती है। और उस जानकारी से आप कोई भी मंत्र को सिद्ध नहीं कर सकते हैं। इसलिए सबसे पहले उस गुरू से आपको संपर्क करना चाहिए , जोकि इस तरह का काम करता है। उसके बाद ही आपको आगे बढ़ना होगा । नहीं तो आपका काम सिद्ध नहीं हो पाएगा । आप समझ सकते हैं।
मरने के बाद आत्मा को कौन ले जाता है? जानिए सच्ची बात
भूत प्रेत की उम्र होती है लाखों साल जानकर हैरान हर जाएंगे ।
पुनर्जन्म का चक्र किस तरह से काम करता है पुनर्जन्म का विज्ञान ?