भूतों की दुनिया भी होती है लेकिन हम नहीं जानते हैं कि भूतों की दुनिया कैसी होती है ?हम लोगों ने भूतों के बारे मे बहुत अधिक सुना होगा ।बहुत से लोग भूतो को नहीं मानते हैं लेकिन उन लोगों के लिए यह लेख नहीं है ,जो नहीं मानते हैं। वरन यह लेख तो उन लोगों के लिए है जो प्रतों को मानते हैं और इसके बारे मे जानना चाहते हैं।दोस्तों भूतों की दुनिया बहुत ही अधिक अजीब होती है।प्रेत अपने ही बनाए जाल के अंदर फंसा होता है और उसे यह नहीं पता होता है कि वह अपने ही बनाए जाल के अंदर फंसे हुए हैं। सबसे बड़ी बात है कि प्रेत के खुद के विचार ही उसके भटकने का कारण होते हैं।
यदि आप थोड़ी जागरूकता के साथ जीवन जीते हैं तो आप खुद को प्रेत योनी से मुक्त कर सकते हैं। लेकिन यदि आप वो जानवरो वाला जीवन जी रहे हैं । किसी को मार रहे हैं किसी को गाली दे रहे हैं तो उसका परिणाम आपको प्रेत बनकर ही भुगतना होगा ।यह एक नेचर का नियम है।इसमे कोई कुछ कर ही नहीं सकता है। हर शक्ति की अपनी सीमाएं हैं।यदि आप यह सोच रहे हो कि आपका गुरू आएगा और आपको प्रेतलोक से निकाल कर ले जाएगा तो आप गलत सोच रहे हैं।प्रेत को कोई नहीं निकाल सकता है। यदि वह खुद निकल जाए अपने इस जीवन मे तो संभव हो सकता है।
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भूतों की दुनिया कैसी होती है ?स्थूल जगत और सूक्ष्म जगत मिले हुए हैं एक दूसरे से
काफी जगह पर यह बताया गया है कि स्थूल जगत जहां पर हम रहते हैं। वहां पर एक सूक्ष्म जगत भी है। यह दूध के अंदर पानी की तरह मिले हुए हैं।मतलब हम जहां पर रहते हैं वह सूक्ष्म जगत है लेकिन हमारे आस पास ही प्रेत भी रहते हैं।और वे प्रेत हमे दिखाई नहीं दे सकते हैं लेकिन वे हमे आसानी से देख सकते हैं।
जब कोई इंसान मर जाता है तो वह इसी सूक्ष्म लोक का हिस्सा हो जाता है।और उसके बाद हम उसे नहीं देख सकते हैं लेकिन वह हमे देख सकता है।
और कई विवरणों के अंदर यह देखने को मिलता है कि मरने के बाद आत्मा जब अपने प्रियजनों को रोते हुए देखती है तो वह उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश करती है।और बोलती है कि रोने की कोई आवश्यकता नहीं है। वह अभी जिंदा है हालांकि वह यह संदेश अपने परिजनों तक नहीं पहुंचा सकती है। क्योंकि उसकी भी अपनी सीमाएं होती हैं।
कई मामलों के अंदर पूर्वजन्म की घटनाओं से यह बात सामने आ चुकी है कि मरने वाला इंसान 12 दिन तक घर के अंदर रहता है और उसके बाद चला जाता है। हालांकि यह हर प्रेत के उपर लागू नहीं होती है।
भूत प्रेतों की दुनिया कैसी होती है ?भूत प्रेतों का घर है सूक्ष्म जगत
दोस्तों यदि कोई आपसे पूछे कि प्रेतों का घर कौनसा है ? तो आपकी जानकारी के लिए बतादें कि प्रेतों का ही घर सूक्ष्म जगत है।हम उस सूक्ष्म जगत की बात कर रहे हैं । जो हमारे पास है। दोस्तों प्रेत धरती के अंदर मौजूद सूक्ष्म लोक के अंदर ही रहते हैं।इसका कारण यह है कि उनकी आत्मा के अंदर इतनी क्षमता नहीं होती है कि वे धरती से बाहर जा सकें । कारण यह है कि उनकी आत्मा मे वासनाएं होती हैं। सुना है इसकी वजह से वे धरती से बाहर गुरूत्वाकर्षण की वजह से नहीं जा पाती हैं।
और अपनी प्रेत अवस्था के अंदर वहां पर ऐसे ही घूमती रहती हैं।लेकिन जो अच्छी आत्माएं होती हैं उन पर यह नियम लागू नहीं होता है। वे आसानी से धरती से बाहर चली जाती हैं और वे प्रेत योनी के अंदर केवल कुछ ही समय तक रहती हैं।
आप और हम जहां पर रहते हैं वहां पर हजारों साल पुराने प्रेत निवास करते हैं लेकिन हम उन्हें आंखों से देख नहीं सकते हैं। यह ऐसी ही भगवान की व्यवस्था है। और यदि हम देख पाते तो हमारा जीना ही मुश्किल हो जाता ।
आपको जानकर हैरानी होगी कि इंसानों की तरह प्रेत भी गुट बनाकर रहते हैं ,जो प्रेत एक जैसे स्वाभाव वाले होते हैं वे एक साथ रहना पसंद करते हैं। हालांकि कुछ प्रेत ऐसे भी होते हैं जो अकेले रहना पसंद करते हैं।
हमारे यहां पर एक पितर हैं वे कई बार इस प्रकार के रहस्य को खोलते हैं।एक बार उन्होंने हमे बताया कि कुछ प्रेत उनके साथ हो गए थे ।हालांकि मैंने उनको अपनी शक्ति से दूर कर दिया था। इसी तरह की बात एक अन्य पितर ने अपने घरवालों को बताई की रात को 8 बजे के बाद घर से बाहर ना जाया करो क्योंकि भूत सारे भूत रस्तों पर गुट के अंदर घूमते रहते हैं।यही बात एक साधु ने हमको बताई की आप उस रस्ते से ना आया करों वहां पर कई सारे मरे हुए लोग एक साथ ही रहते हैं । और मरे हुए लोगों को पसंद नहीं होता है कि कोई उनके ऐरिया मे आए ।
मरने के बाद हम सब बनेंगे भूत और चले जाएंगे भूतों की दुनिया मे
दोस्तों इस बात को समझ लेना चाहिए कि आंखों के देखने की भी अपनी सीमाएं होती हैं। जहां से आगे आंखे नहीं देख सकती हैं। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वहां से आगे कुछ है ही नहीं । असल मे मैंने भूतों के बारे मे स्वामी विवेकानन्द की बुक को बढ़ा था । उन्होंने इस बात के कई प्रमाण दिए जोकि वैज्ञानिक थे ।
जब किसी इंसान की मौत होती है तो मरने से कुछ ही समय पूर्व वह बेहोश हो जाता है और उसके बाद जब उसे होश आता है तो वह एक दूसरे ही शरीर के अंदर होता है। सुना है मानसिक शक्तियों की वजह से आत्मा एक शरीर की रचना करती है और उसी को प्रेत शरीर कहते हैं। प्रेत का मतलब जो वासना शरीर के अंदर निवास करता है।
जो लोग प्रेतों पर विश्वास नहीं करते हैं।उनकी बहुत ही बुरी दशा होती है। मरने के बाद वे जैसे ही सूक्ष्म शरीर से बाहर निकलते हैं तो बूरी तरह से अपनी सोच के जाल के अंदर फंस जाते हैं। इस तरह के लोगों पर भोग वाला सिद्वांत लागू होने की वजह से प्रेत बन जाते हैं।
और उनको समझ नहीं आता है कि वे देह से अलग कैसे हो गए ।और जब वे घर वालों को रोते देखते हैं तो उनको और ही अधिक अजीब लगता है। सामने उनके मरा हुआ शरीर पड़ा रहता है और वे कुछ भी करने की कोशिश करते हैं लेकिन नहीं कर पाते हैं।
इस प्रकार के प्रेतों को अपने शरीर के प्रति बहुत अधिक मोह होता है और जब शरीर को जलाया जाता है तो वे उसे जलते हुए देखते हैं और उनको बहुत अधिक दुख होता है।
लेकिन जो अच्छी आत्माएं होती हैं उनको पता होता है कि उनका शरीर मर चुका है। और वे बस कौतूहल वश चीजों को देखती हैं लेकिन उनका मोह किसी भी भौतिक चीज के प्रति नहीं होता है।वे कुछ ही समय तक प्रेत शरीर के अंदर रहती हैं।उसके बाद सूक्ष्म शरीर के अंदर आ जाती हैं और अन्य लोकों के अंदर चली जाती हैं।
भूत प्रेत क्या पहनते हैं ?
आप जानते हैं कि भूत होते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि भूत प्रेत कपड़े भी पहनते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उनको किसी भी प्रकार के भौतिक कपड़ों की आवश्यकता नहीं होती है।आमतौर पर इस प्रकार के प्रेत अपने जीवन काल के अंदर जिस प्रकार के कपड़े वह व्यक्ति पहनता था मरने के बाद वह उसी प्रकार के कपड़ों को पहनता है। असल मे वह इसकी रचना अपने मन के अंदर करता है और देखने वालों को वह उसी तरीके से दिखाई देता है।
जैसे कई भूतों की घटनाओं के अंदर भूत पैंट सर्ट पहने दिखते हैं। और हमारे रिश्तेदार के घर के अंदर एक प्रेतनी का वास था । वह प्रेतिन अक्सर एक साड़ी के अंदर दिखाई देती थी।असल मे यदि कोई प्रेत अपनी सोच से मुक्त हो जाता है कि वह एक ज्योति स्वरूप है तो वह मात्र प्रकाश के रूप मे दिखाई देगा । और देखने वाले को यह भी नहीं समझ आएगा कि वह प्रेत है।
लेकिन जो लोग जीते जी कपड़ों से खुद को मुक्त नहीं कर पाते हैं और खुद को ज्योतिस्वरूप नहीं मानते हैं वे मरने के बाद तो किसी भी हाल मे मुक्त नहीं हो सकते हैं।
भूतों का दुनिया कैसा होता है भूत प्रेतों के घर किस तरह के होते हैं ?
दोस्तों प्रेतों की दुनिया के बारे मे अजीब अजीब रहस्य होते हैं।अपवित्र स्थान, खँडहर, पुराने किले, ऐसे पुराने मकान, जिनमें बहुत दिनों से कोई निवास नहीं कर रहा है, पीपल के वृक्ष, वट-वृक्ष, खजूर के पेड़, सुनसान जगह में, श्मशान, तालाब के किनारे, कुएँ, बावड़ी के तट पर एवं चौराहों जैसे स्थानों पर प्रेत रहते हैं लेकिन असल मे प्रेत ।खुद के ही घर बनाते हैं। यह जगह भौतिक रूप से बुरी होती हैं लेकिन प्रेत यहां पर अपनी मन की शक्ति से वे सब कुछ बना लेते हैं जोकि वे अपने जीवन काल के अंदर करते थे ।
वे अपने शौक के अनुसार काम करते रहते हैं। यह कुछ इस प्रकार से होता है। जैसे किसी इंसान को अपने घर का मोह था तो मरने के बाद वह अच्छा घर बना लेता है और उसी के अंदर प्रेत बनकर रहने लग जाता है। यह घर चूंकि मन की शक्ति से बना होता है तो हमे नहीं दिखाई देता है।इसके अलावा यदि किसी प्रेत को किताबें पढ़ने का शौक है तो मरने के बाद वह किताब लिए हुए ही दिखता है। क्योंकि वह मन मे वैसी ही धारणा बना लेता है।
इसके अलावा कुछ प्रेत कामवासना के अंदर फंसे हुए होते हैं तो मरने के बाद वे कामवासना की ही रचना करते हैं। और इस प्रकार के प्रेत जब दिखाई देते हैं तो अपनी कामवासना को शांत करने की मांग करते हैं।इस प्रकार के प्रेत किसी महिला के शरीर मे प्रवेश कर सकते हैं और काम का सुख लेने की कोशिश करते हैं।
इसके अलावा कुछ प्रेत दुष्ट प्रव्रति के होते हैं उनको किसी को नुकसान पहुंचाने मे ही मजा आता है। इस प्रकार के प्रेत किसी ना किसी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश मे लगे होते हैं।
क्या प्रेत आपस मे बात करते हैं ?
इंसानों की तरह भूत प्रेत भी आपस मे बात करते हैं लेकिन उनको बोलने के लिए हमारी तरह आवाज करने की आवश्यकता नहीं होती है। वे मन के भावों की मदद से एक दूसरे से संपर्क कर सकते हैं। वे किसी से भी संपर्क कर सकते हैं।भूत प्रेत आपस मे बात करते हैं तो वे मन की मदद से आपस मे बात करते हैं।और वे अपने मन की मदद से हमारे मन के उपर भी प्रभाव डाल सकते हैं लेकिन वे हमे विवश नहीं कर सकते हैं।
इस प्रकार की अनेक घटनाएं मौजूद हैं जिनसे यह स्पष्ट होता है कि भूत प्रेत मन से बात करते हैं। यह किसी एक किताब के अंदर नहीं लिखा गया है। वरन धरातल पर भी सिद्व हो चुका है। वे लोग भी बोलते हैं कि भूत मन से बात करते हैं। जिन्हें कभी किताब पढ़ी ही नहीं ।
हमारे पास के यहां पर एक मरा हुआ व्यक्ति पितर बन गया था। उसने एक दिन 26 मार्च 2019 को बताया कि उसके साथ दूसरे प्रेत हो गए हैं और वे बोल रहे हैं कि उनको भी घर मे लेकर चलो ।
इसी तरीके से एक बूढ़ी महिला की मौत हुई तो वह एक अन्य पितर से आकर बोली की उसको खाना खाना है और वह उसे कहीं से खाना लाकर दे । हालांकि ऐसा नहीं किया गया । लेकिन वह प्रेतनी उस पितर के पीछे पड़ी रही ।
भूत भी करवाते हैं गलत काम
आपको यह जानकर हैरानी होगी भूत प्रेत इंसानों से अनेक प्रकार के गलत काम करवाते हैं।ऐसी अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनके अंदर भूतों ने अपनी भूमिका निभाई हैं।आपको पता ही होगा कि भूत अनेक प्रकार के होते हैं और वे इंसान के मन पर प्रभाव डालकर उससे अपना काम करवा लेते हैं। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि भूत केवल उन्हीं इंसानों के मन पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं ।
. जो अपने मन के वश मे होते हैं ।लेकिन जो इंसान अपने मन को काबू मे किये होते हैं । भूत उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। यही कारण है कि अधिकतर भूत ऐसे लोगों को काबू करते हैं जो उनके जैसे ही होते हैं।
घोस्ट एण्ड पोलटरजिस्टफ्रेंक नाम एक किताब के अंदर एक भूत की बस का उल्लेख मिलता है।यह घटना बताती है कि भूत किस प्रकार से एक्सीडेंट करवाते हैं। यह घटना है सन 1933 ई की और जगह का नाम है अमेरिका कि सेंट मार्क्स रोड ।उस समय शाम हो चुकी थी और एक कार चलाने वाला इस रोड़ के उपर जा रहा था। अचानक से एक बस पता नहीं उस रोड़पर कहां से आई। वह काफी तेज गति से आ रही थी।
कार वाले ने ब्रेक भी लगाने चाहे लेकिन तब तक वह बस आ चुकी थी। अब डर के मारे उसने अपनी आंख बंद करली थी। तब अचानक से उसने देखा कि बस का कोई नामो निशान ही नहीं था।उसने कार को रोका और देखा लेकिन उसे दूर दूर तक कोई बस दिखाई ही नहीं दी ।इस तरह की घटनाएं कोई पहली बार घटित नहीं हो रही थी।बहुत बार चालक इस भूतिया बस से बचने के लिए अपना संतुलन खो देते थे और पास की दीवार से जा टक्कराते थे ।
और जब देखते तो वहां पर कोई बस नहीं दिखाई देती थी।यहां पर बहुत सारी इस प्रकार की दुर्घटनाओं को दर्ज किया गया था। 11 जून 1933 ई को इसी चक्कर के अंदर दो कारे यहां पर आपस मे भीड़ गई और एक व्यक्ति की मौत भी हो गई।
बाद मे पुलिस यहां पर आई तो ड्राइवर ने यह बताया कि एक बस को बचाने के चक्कर मे उनकी कारें आपस मे भिड़ गई थी।हालांकि बाद मे उस बस को वहां पर नहीं देखा गया । हो सकता है कि उनको यही करना था।
सन1960 के अंदर इसी प्रकार की घटना स्कॉटलैंड के अंदर घटी थी।यहां पर पानी के अंदर एक कार डूब गई थी। और यह कार डूबने की घटना वैसे तो समान्य थी लेकिन वहां रहने वाले लौगों ने यह बताया कि इस प्रकार की एक भूतिया कार कई बार लोगों ने यहां डूबते हुए देखा था।और उस कार के डुबने के बाद लोगों ने उस भूतिया कार को कभी नहीं देखा था।क्योंकि शायद वह कार अपने दुश्मनों को लेकर डुब गई होगी ।
दोस्तों इस प्रकार की दुर्घटनाएं केवल दो ही नहीं हैं।वरन बहुत सारी हैं और उनका उल्लेख यहां पर संभव नहीं है। लेकिन आपको यहां पर यह बताना आवश्यक है कि भूत हर किस्म के होते हैं। और वे अपनी वासना के अनुसार काम करते हैं।
आकाश मे उड़ते भूत प्रेत
दोस्तों भूत प्रेत आकाश के अंदर भी उड़ते हैं। यदि आपको नहीं पता तो भूतों की दुनिया के बारे मे आपको जान लेना चाहिए । खैर भूत आकाश के अंदर अधिक दूर तक उपर नहीं जा सकते हैं लेकिन उड़ सकते हैं।इस प्रकार की घटनाओं के प्रमाण भी मिले हैं और योगी गण भी इसके बारे मे बता चुके हैं।
अलखपुरा एक गांव है वहां पर हमारी एक बुआ रहती है।उनके घर के पास एक ऐसा प्रेत रहता था जो आकाश के अंदर उड़ता था। वह प्रेत एक स्पैसल प्रकार का प्रेत था।इस प्रेत के बारे मे कई तांत्रिक बोल चुके थे ।इसी तरह की भूतों की लड़ाई की एक दूसरी घटना जनवरी 1643 ई को सामने आई थी। जब खेत के अंदर कुछ मजूदर रात को काम कर रहे थे तो उन्होंने आसमान के अंदर कई सारे भूतों को लड़ते हुए देखा । यह भूत सैना के कपड़े पहन कर रखे हुए थे ।
उसके कुछ समय बाद वह सैना अचानक से गायब हो गई थी।उस समय चार्ल्स दितिय वहां पर था। उसने कुछ अधिकारियों को जांच के लिए भेजा । अधिकारियों ने देखा कि भूतों के अंदर वै सेनिक थे जो युद्व के अंदर मारे जा चुके थे । यह बस एक भूतों की रचना थी।जैसा कि हमने आपको बताया भूत अपनी मन की शक्ति से रचना करते हैं। बस यह वही था। जैसा उनके साथ हुआ था वे वैसा ही सोच रहे थे ।
खुद की सोच के जाल मे इस तरह से फंसे रहते हैं प्रेत
आपको पता ही होगा कि शरीर की मौत होने के बाद इस भौतिक शरीर के जो अनुभव होते हैं उनकी भी मौत हो जानी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है। चूंकि अब मरने के बाद शरीर भौतिक नहीं रहता है। लेकिन अनुभव भौतिक चीजों के होते हैं ।और वे अनुभव ही परेशान करने वाले होते हैं। जैसे किसी के अंदर खाने की वासना रह गई है तो उसके मन मे खाने के विचार पैदा होंगे लेकिन वह खा नहीं पाएगा । क्योंकि खाने के लिए शरीर की आवश्यकता होगी ।इसी प्रकार से जब वह खाने की कोशिश करेगा ।तो वह चीजों को छू नहीं सकेगा क्योंकि वह खुद अब अभौतिक हो चुका है।
इसी तरीके से किसी की पहनने की वासना रह गई है तो वह नए नए कपड़ों को पहनने की कोशिश करेगा लेकिन पहन नहीं सकता है। क्योंकि इसके लिए शरीर की आवश्यकता होगी ।इसी प्रकार से जो इंसान जिस सोच को लेकर प्रेत बनता है।वह मरने के बाद उसी प्रकार की सोच को पूरा करने की कोशिश करता रहता है।वह यह इतनी आसानी से नहीं समझ पाता है कि उसे इसकी कोई जरूरत नहीं है। वह इन सब से परे है।प्रेत बनने का सबसे बड़ा कारण अज्ञान ही होता है।
इन सबके अलावा कुछ ऐसे भी प्रेत होते हैं जिनके अंदर बहुत सारी अच्छाएं शेष होती हैं। इस प्रकार के प्रेत अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कई चीजों का सहारा लेते हैं। प्रेत रस्ते के अंदर पड़ी मिठाइयों को भोगने की कोशिश करते हैं लेकिन वे उनको शांत नहीं कर पाती हैं।
भूतों और देवताओं का युद्व सूक्ष्म जगत का एक रहस्य
बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है कि हम देवताओं की पूजा क्यों करते हैं। बहुत से लोगों को तो मात्र यही लगता है कि देवता उनके कामों को सफल करते हैं । लेकिन मात्र इतना ही सच नहीं है।देवता एक ऐसी आत्माएं होती हैं ,जो पवित्र होती हैं और आपके जीवन की रक्षा करने के लिए उनकी आवश्यकता होती है। यदि देवता एक भी ना हो तो प्रेत आपको इस धरती पर रहने ही नहीं देंगे ।
भले ही आप प्रेतों को नंगी आंखों से देख ना सकें लेकिन प्रेत आपके घर के आस पास भी घूमते रहते हैं लेकिन हम जो उर्जा देवताओं को देते हैं वे उसी उर्जा से हमारी जीवन की रक्षा करते हैं। वे हमे बुरी आत्माओं के प्रभाव से बचाते हैं।
कुछ लोगों के यहां पर कुल देवी या कुल देवता होते हैं। वे अपनी कुल देवी को बलि देकर ताकतवर बना देते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि वह देवी अपनी शक्ति से दूसरे भूत प्रेत को दूर भगा देती है।
ऐसा होने का प्रमाण आपको अनेक किताबों के अंदर मिलता है। देवी देवता जिनकी हम पूजा करते हैं वे हमारे जीवन को आसान बनाने का काम करते हैं।जब हमपर कोई संकट आता है तो वे हमे बचाते हैं। इस संबंध मे एक घटना थी । मनू भइया के पास एक ऐसी महिला आई जिसको एक प्रेतनी ने काबू मे कर रखा था।वह प्रेतनी बोल रही थी कि यह महिला माता की भगत है । इसकी माता मुझे बहुत अधिक मारती है। और भगा देती है । लेकिन मे वापस आ जाती हूं ।
इस तरह के कथन इस बात की ओर इसारा करते हैं कि भले ही हम सूक्ष्म जगत को देख नहीं सकते हैं लेकिन वहां पर प्रेत होते हैं और वे हमारे उपर कोई ना कोई प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं।
भूतों की शक्तियों का अदभूत रहस्य
दोस्तों कुछ प्रेत बहुत ही अधिक शक्तिशाली होते हैं। जबकि कुछ प्रेत कमजोर होते हैं। कुछ प्रेत को इतने अधिक शक्तिशाली होते हैं कि वे किसी को भी मार देते हैं। चीजों को गायब कर देते हैं और उत्पात मचाते रहते हैं।
भूत प्रेतों की दुनिया के अंदर किसी प्रेत के पास कितनी नगेटिव उर्जा होगी । यह उसके जीवनकाल के अंदर स्वाभाव पर ही निर्भर करता है। यह ठीक उसी तरीके से होता है। जैसे कुछ लोग अच्छे होते हैं। कुछ लोग बहुत अच्छे होते हैं लेकिन कुछ लोग सिर्फ अच्छे ही होते हैं। ठीक इसी प्रकार से कुछ लोग बहुत बुरे होते हैं।मरने के बाद वे उतने ही अधिक बुरे बन जाते हैं और किसी भी तरीके से उर्जा हाशिल कर लेते हैं। किसी का खून चूसना आदि ।
इन सबके अलावा कुछ तांत्रिक क्रियाएं ऐसी भी होती हैं कि उनके करने के बाद उन लोगों का सूक्ष्म शरीर बहुत अधिक ताकतवर हो जाता है। और फिर वे मरने के बाद उत्पात मचाने लगते हैं।कुंडा प्रेत भी एक इसी प्रकार की क्रिया होती है। इस प्रकार का प्रेत बन जाने के बाद वह बहुत ही अधिक शक्तिशाली हो जाता है और मरने के बाद वह बुरी तरह से अशांत हो जाता है। उसके बाद आग लगा देना चीजों को गायब कर देना और किसी को जान से मार देना है उसके लिए आम बात हो जाती है।
भूत की भी मौत होती है
दोस्तों भूतों की दुनिया के अंदर आपको यह भी जान लेना आवश्यक है कि भूतों की मौत भी होती है। जो एक आम भूत होता है वह समय के साथ मरता रहता है। हालांकि यह प्रक्रिया किस प्रकार से काम करती है इसके बारे मे कुछ कहा नहीं जा सकता है लेकिन जैसे किसी के मन मे अपने पोते की शादी देखने की इच्छा रह गई।
उसे और किसी भी चीज की जरूरत नहीं है तो वह इंसान भी प्रेत बना फिरेगा लेकिन जैसे ही उसके पोते की शादी होगी वह सूक्ष्म शरीर के रूप मे उसे देखेगा । लेकिन उसके बाद वह प्रेत शरीर से निकल जाएगा और दूसरे लोकों के अंदर चला जाएगा ।इसी प्रकार से जब प्रेतों की वासना खत्म हो जाती है तो वह प्रेत रूप मे खत्म हो जाता है।
भूत प्रेत रात मे कार्य करते हैं
दोस्तों आप इस बात को जानते हैं कि अधिकतर भूत प्रेत सिर्फ रात के अंदर दिखाई देते हैं। दिन के अंदर आप कहीं पर भी जाएं वे आपको नजर नहीं आएंगे। हालांकि इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण यह हो सकता है कि भूत प्रेत रात के अंदर खुद को अधिक उर्जावान महसूस करते हैं और ऐसा नहीं है कि उनको डर नहीं लगता है प्रेतों को भी डर लगता है। हमने कई ऐसे प्रेत भी देखें हैं जो बड़ों के सामने चुप हो जाते हैं। जैसे एक प्रेतनी हमारे गांव की एक महिला मे प्रवेश कर उत्पात मचा रही थी लेकिन जैसे ही उस महिला का सुसर उसके सामने जाता वह प्रेत उत्पात मचाना ही बंद कर देता ।दोस्तों उर्जावान महसूस करने के कारण ही वे रात के अंदर अधिक सक्रिय रहते हैं और दिन के अंदर अपने स्थानों पर आराम करते हैं हालांकि उनको इसकी कोई जरूरत नहीं होती है।
प्रेतों को गुस्सा आता है वे बुरे स्वाभाव के होते हैं ?
कुछ प्रेतों को अपनी जगह से इतना अधिक प्रेम हो जाता है कि यदि कोई वहां पर आकर पेशाब वैगरह कर देता है तो उसके बाद वह प्रेत उनके पीछे लग जाते हैं। जब उनसे पूछा जाता है कि वह इनके पीछे क्यों आए तो प्रेत बोलता है कि इसने हमारे मकान या घर पर पेशाब कर दिया था।कुछ प्रेत तो ऐसे होते हैं जो मरने के बाद जहां पर वे मरते हैं उसी जगह को अपना घर बना लेते हैं। ऐसा कई बार होता है।
जब गांव हरसावा के अंदर एक महिला की मौत हो गई तो उस महिला के शव को अस्पताल से लाकर एक घर के आगे गाड़ी मे रात को रखा गया था। वहीं पर उस प्रेतनी ने अपना घर बना लिया था।और उसके बाद एक महिला वहां पर आई और पेशाब कर दिया । जिसकी वजह से वह प्रेतनी गुस्सा हो गई और उसके पीछे हो गई। यह ठीक ऐसा ही है जैसा की मानवों के साथ होता है। यदि कोई अपने घर के अंदर जाकर पेशाब करदे तो हमे भी गुस्सा आएगा तो प्रेतों को भी गुस्सा आ जाता है।
भूतों की दुनिया कैसी होती है ? लेख के अंदर हमने भूत प्रेतों की दुनिया के अदभुत रहस्यों के बारे मे जाना ।दोस्तों असल मे भूतों की दुनिया के रहस्य इससे भी अधिक गहरे हैं लेकिन यह समझना चाहिए कि उनके बारे मे कोई अधिक पता ही नहीं है। और पता लगाने के कोई खास आधार भी नहीं हैं। और पता लगाने के जो भी आधार ही हैं । उनके बारे मे कोई अधिक विश्वास नहीं करता है। खैर आप इसके बारे मे क्या सोचते हैं नीचे अपने विचार बताएं ।
भूत प्रेत भगाने के लिए प्रभावशाली शाबर मंत्र संग्रह