brahman shabd roop ब्राह्मण शब्द के रूप ब्राह्मण शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा , सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते है ब्राह्मण शब्द रूप के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। इसके अंदर हम आपको लिस्ट के बारे मे बता रहे हैं। यदि आपको यह सब पसंद आता है तो आपको हमें कमेंट करके बताना चाहिए ।
brahman shabd roop ब्राह्मण शब्द के रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | ब्राह्मण: | ब्राह्मणौ | ब्राह्मणा: |
द्वितीया | ब्राह्मणम् | ब्राह्मणौ | ब्राह्मणान् |
तृतीया | ब्राह्मणेन | ब्राह्मणाभ्याम् | ब्राह्मणै: |
चतुर्थी | ब्राह्मणाय | ब्राह्मणाभ्याम् | ब्राह्मणेभ्य: |
पंचमी | ब्राह्मणात् | ब्राह्मणाभ्याम् | ब्राह्मणेभ्य: |
षष्ठी | ब्राह्मणस्य | ब्राह्मणयो: | ब्राह्मणानाम् |
सप्तमी | ब्राह्मणे | ब्राह्मणयो: | ब्राह्मणेषु |
संबोधन | हे ब्राह्मण! | हे ब्राह्मणौ ! | हे ब्राह्मणा! |
ब्राह्मण सदियों से भारत में हैं और माना जाता है कि वे उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिम से उत्पन्न हुए हैं। वे एक पुरोहित जाति हैं जो परंपरागत रूप से हिंदू धर्म का पालन करते हैं और उन्हें हिंदुओं की सर्वोच्च जाति माना जाता है। ब्राह्मण आम तौर पर अच्छी तरह से शिक्षित होते हैं, और कई सरकार और व्यापार में उच्च पद पर आसीन होते हैं।
ब्राह्मण एक प्रकार की जाति होती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। असल मे प्राचीन काल के अंदर जाति जैसी चीजें नहीं हुआ करती । प्राचीन काल के अंदर वर्ण व्यवस्था हुआ करती थी। इसके बारे मे आपने सुना ही होगा ।
ब्राह्मण: पुजारी, विद्वान और शिक्षक
क्षत्रिय: शासक, योद्धा, सैनिक ।
वैश्य: जमींदार , व्यापारी।
शूद्र: सेवा प्रदाता
ब्राह्मण जो आज हैं प्राचीन काल के अंदर इस प्रकार से कोई ब्राह्मण नहीं होता था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। आपको बतादें कि प्राचीन काल के अंदर गुणों पर आधारित वर्ण व्यवस्था थी । इसके बारे मे आपको पता है। और यही एक तरह से सही चीज है। लेकिन कुछ लोगों ने अपने आप को बड़ा साबित करने के लिए इसको पूरी तरह से बदल दिया था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए। ब्राह्मण का मतलब जो जन्म से ब्राह्मण होता है उसके लिए यह शब्द का प्रयोग किया जाता है। लेकिन यह सही नहीं है। ब्राह्मण का मतलब जो जन्म से कुछ भी हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
असल मे यदि कोई यदि शास्त्रों का ज्ञान रखता है तो इसका मतलब यह है कि वह ब्रहा्रमण है आप इस बात को समझ सकते हैं। लेकिन अपने फायदे के लिए इसको जन्म से स्थापित कर दिया गया है। असल मे ब्रहा्रमण भी आजकल कुछ इस प्रकार के हो चुके हैं जोकि शराब और मांस तक खाते हैं क्या आप उनको ज्ञानी मानेंगे । आप उनके बारे मे क्या कहेंगे । भारत के अंदर जाति व्यवस्था काफी अधिक खराब हो चुकी है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा । आज भी भारत के अंदर छूआछूत जैसी समस्या चल रही है । हम खुद लोग नीची जाति से हैं तो कई बार हमे खुद को छूआछूत का सामना करना पड़ता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं। हमारे पास मे ही कुछ बड़ी जाति वाले लोग हैं । उनके यहां पर हम जाते हैं तो हम तो उनके घर पर खाना खा लेते हैं लेकिन आमतौर पर यह लोग जब हमारे घर पर आते हैं तो खाना नहीं खाते हैं।
इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । यही बड़ी जाति वाले लोग जब आपके घर पर आते हैं तो आपके घर का कुछ नहीं खाते हैं। मुझे आज भी याद है जब मैं 12 साल का था तो एक गांव के अंदर पढ़ाई करने के लिए जाता था। और रस्ते के अंदर हमको पैदल जाना पड़ता था।
एक दिन की बात है मैं दोपहर को पैदल स्कूल से आया था और उसके बाद वहां पर मैंने देखा कि काफी अधिक प्यास लगी थी । और उसके बाद एक उंचि जाती वाले इंसान के घर के अंदर गया वहां पर जैसे ही घड़े को हाथ लगाकर पानी पीने लगा तो उन लोगों को काफी अधिक गुस्सा आया ।
उन लोगों ने मुझे उल्टा सीधा बोला । उसके बाद पानी तो मैंने उनके हाथों से पिलिया और वह दिन है और आज का दिन है मैंने कभी उनके घर के अंदर जाकर भी नहीं देखा आप इस बात को समझ सकते हैं। यह जो उंचि और नीची जाति का जो खेल है वह आज भी भारत के अंदर जारी है।
भले ही सरकार ने छूआछूत को अपराध घोषित कर दिया हो लेकिन आज भी कुछ इस तरह की जगहें मौजूद हैं जहां पर यदि आप कमरा लेते हैं तो यदि आप नीची जाति के हैं तो आपको कमरा नहीं मिलेगा । आप इस बात को समझ सकते हैं और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों यही बात ब्रह्रामणों पर लागू होती है। ज्ञान उनकी ठेकेदारी नहीं है। यदि आप नीची जाति से आते हैं और उसके बाद यदि आप ज्ञान हाशिल कर लेते हैं तो आप ब्रह्रामण हैं और आप वो सारे काम कर सकते हैं जोकि एक ज्ञानी कर सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और यही आपके लिए सही होगा । यदि आप जन्म से ब्रहा्रमण हैं लेकिन उसके बाद भी इसके नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उसके बाद आप ब्रहामण नहीं हैं। आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
ब्रहा्रमण के लिए एक इंसान का सत्विक होना और शास्त्रों का ज्ञान होना जरूरी होता है। उसके अंदर जात का कोई भी रोल नहीं होता है। जैसे कि आप क्षत्रिय हैं तो आपके अंदर उस तरह के गुण होना जरूरी होता है। यदि आप चूहे से भी डरते हैं तो इसका मतलब यह है कि आप क्षत्रिय नहीं हैं। यह एक अलग चीज है कि आप किस जाति के अंदर जन्म लेते हैं। जन्म से जाति का होना बेहद ही घटिया तरीका है। गुणों से यह सब होना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं। लेकिन हम खुद अपने आप को जन्म से ही मानते हैं और इसके नुकसान देखने को मिलते हैं। ऐसे ऐसे इंसान जज बन जाते हैं जोकि दिन मे 100 बार झूठ बोलते हैं और उनका धर्म पर कोई भरोशा नहीं होता है। तो आप इस तरह के लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं ? तो भारत के अंदर यह घटिया सिस्टम होने की वजह से ही तो करेप्सन सबसे अधिक होता है। सब जगह पर करेप्सन होता रहता है।
और ऐसे ऐसे लोग पुलिस के अंदर भर्ति हो जाते हैं जिनको बोलने की तमीज नहीं है। इस सिस्टम को कोई नहीं सुधार सकता है। बस एक ही तरीके से यह सब सुधर सकता है। यदि देश के अंदर लोकतंत्र समाप्त हो जाता है तो उसके बाद सब कुछ सही हो जाएगा ।
जब तक लोकतंत्र है तब तक कुछ भी सही नहीं हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। और इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बारे मे समझ सकते हैं तो आप जो कुछ भी करते हैं आपको सब कुछ सोच समझ कर करना चाहिए ।