camel के बारे मे जानकारी ऊँट के प्रकार और इतिहास

ऊँट  के बारे मे जानकारी , ऊँट के प्रकार,camel information in hindi । ऊँट के बारे मे हम सभी जानते ही हैं। ऊँट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। और यह आपको रेगिस्तान के अंदर देखने को मिलेगा । आज से कुछ साल पहले जब गाड़ी और दूसरे साधन नहीं थे तो रेगिस्तान मे रहने वाले लोग यात्रा करने के लिए ऊँट का ही तो इस्तेमाल करते थे । ऊँट पर बैठकर वे लंबी यात्रा के लिए ‌‌‌ निकल पड़ते थे ।

‌‌‌ऊँट को लंबे समय से पालतू बनाया गया है।और ऊँट का प्रयोग मांस ,वस्त्र और दूध के लिए किया जाता रहा है। अब तक ऊँट की 3 ही प्रजातियां मौजूद हैं। बाकि सब विलुप्त हो चुकी हैं।

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‌‌‌ camel information in hindi ऊँट की शारीरिक संरचना

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दोस्तों ऊँट की उम्र 40 से 50 साल तक होती है।और ऊँट 40 मील प्रति घंटे तक चल सकता है।बैक्ट्रियन ऊंट 300 से 1000 किलो (660 2,200 पौंड के लिए) और dromedaries 300 से 600 किलो (660 1,320 पौंड ) का वजन लिए होता है।अक्सर आपने देखा होगा कि नर ऊँट के मूंह के अंदर एक थैली नुमा ‌‌‌संरचना होती है जिसकी मदद से वह मादा को आकर्षित करता है। इसके अलावा ऊँट की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह बहुत दिनों तक बिना पानी के रह सकता है। इसके पैर गददीदार होने की वजह से रेतीली जमीन पर आसानी से चल सकते हैं।

‌‌‌ camel information in hindi परिस्थिति के अनुसार ऊँट का व्यवहार

ऊँट सीधे अपने कूबड़े मे पानी को जमा नहीं करते हैं।जब इस ऊतक को मेटाबोलाइज़ किया जाता है, तो यह प्रसंस्कृत वसा के प्रत्येक ग्राम के लिए एक ग्राम से अधिक पानी देता है। यह वसा चयापचय , ऊर्जा जारी करते समय, श्वसन के दौरान फेफड़ों से पानी का वाष्पीकरण करता है ।

‌‌‌ऊँटनी की भी इस प्रकार की शारीरिक संरचना होती है कि वह 10 दिन तक बिना पानी पीये रह सकती है और यह अपने वजन का 30 प्रतिशत खो सकती है।अन्य स्तनधारियों के विपरीत, ऊंट की लाल रक्त कोशिकाएं आकार में वृत्ताकार होने के बजाय अंडाकार होती हैं।एक 600 किलों का ऊँट 53 मिलियन गैलन पानी सिर्फ 3 मिनट मे ‌‌‌ आसानी से पी सकता है।

‌‌‌ऊँट शरीर के तापमान और पानी के अंदर बदलाव को करने मे सक्षम होते हैं।आपको बतादें कि ऊँट आमतौर पर एक दिन के अंदर 2 लीटर तक पानी पीकर रह सकता है जबकि दूसरे जानवर गर्मी के दिनों मे 20 से 30 लीटर पानी खो देते हैं।

‌‌‌जैसा कि हमने आपको पहले बताया ऊँट अपने वजन का 25 प्रतिशत कम कर सकता है जबकि अन्य जानवर  12-14% निर्जलीकरण होने पर मर जाते हैं।जबकि ऊँट के शरीर के अंदर पानी का नुकसान कम से कम होता है।इसके अलावा हरी घास खाने वाले ऊँट अधिक समय तक खुद के अंदर पानी की स्थिति को ठीक रखने मे सक्षम होते हैं।

‌‌‌जैसा कि आपको पता ही होगा कि ऊँट का कोट काफी मोटा होता है जो गर्मी से बचाने मे उसकी मदद करता है।गर्मियों के दौरान कोट रंग में हल्का हो जाता है, प्रकाश को प्रतिबिंबित करने के साथ-साथ धूप से बचने में भी मदद करता है। और लंबे पैर उसको धरती से दूर रखते हैं। इसके अलावा ऊँट के मुंह के अंदर भी एक मोटी ‌‌‌ चमड़े की परत होती है जिसकी मदद से वे आसानी से किसी कांटेदार पेड़ को भी चबा सकते हैं।लंबी पलकें और कान के बाल, साथ में नथुने जो बंद हो सकते हैं, रेत के खिलाफ एक बाधा बनाते हैं।

आपको बतादें कि ऊँट की किडनी भी एक विशेष प्रकार से बनी होती है जोकि पानी के नुकसान को कम होती है। ऊँट बहुत ही कम मुत्र ‌‌‌ करता है। और ऊँट का मल इतना अधिक शुष्क होता है कि उसे सुखाने की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है। इसके मल का प्रयोग जलाने मे किया जाता है।

ऊंट प्रतिरक्षा प्रणाली अन्य स्तनधारियों से भिन्न होती है।आम तौर पर, वाई-आकार के एंटीबॉडी अणुओं में वाई की लंबाई के साथ दो भारी ।श्रृंखलाएं होती हैं, और वाई कैमल्स के प्रत्येक सिरे पर दो प्रकाश श्रृंखलाएं होती हैं, इनके अलावा, एंटीबॉडी भी होती हैं।1993 में खोजे गए इन हैवी-चेन-ओनली एंटीबॉडीज को 50 ‌‌‌ मिलियन साल पहले विकसित किया गया था । ऐसा माना जाता है।

‌‌‌ऊँट आनुवंशिकी

2007 के एक अध्ययन प्रवाह ने ऊंट गुणसूत्रों को छांटा , इस तथ्य पर निर्माण किया कि ऊंटों में 37 जोड़े गुणसूत्र (2n = 74) हैं।संकर ऊंट , बैक्ट्रियन और कूबड़ का ऊंट ऊंट के बीच का ऊँट होता है।इसका वजन औसतन 650 किलोग्राम है और यह लगभग 400 से 450 किलोग्राम ‌‌‌वजन को आसानी से ले जा सकता है।

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट घरेलू बैक्ट्रियन ऊंट से लगभग 1 मिलियन साल पहले अलग हो गए थे ।11 मिलियन साल पहले नई दुनिया के ऊँट और पुरानी दुनिया के उंटों का विचलन हो चुका था।हालांकि वैज्ञानिकों ने ऊंट और लामाओं के बीच प्रजनन को विकसित करने मे सफलता हाशिल की है। लामा भी ऊँट के समान होते हैं।

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सबसे प्रारंभिक ज्ञात ऊँट, जिसे प्रोटिलोपस कहा जाता है , 40 से 50 मिलियन साल पहले उत्तरी अमेरिका में रहता था।35 million years पहले Poebrotherium एक बकरी के आकार का था जिसके अंदर ऊँट और लामाओं के गुण मौजूद थे ।पूराने उंटों का रिश्तेदार पेरामेलस मध्य प्लेइस्टोसिन के दौरान मौजूद था।

‌‌‌ऊँट  के बारे मे जानकारी वितरण और उंटों की संख्या

2010 तक लगभग 14 मिलियन ऊंट जीवित हैं , जिनमें 90% ड्रोमेडरी हैं। अब अधिकतर ऊँट पालतू जानवर के रूप मे रहते हैं।अफ्रीका के हॉर्न , साहेल , माघरेब , मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया जैसे स्थानों पर इनका निवास स्थान है।700,000 से अधिक ऊँट ऑस्ट्रेलिया के अंदर जंगली हैं।बैक्ट्रियन ऊंट, 2010 तक , अनुमानित 1.4 मिलियन तक ‌‌‌ हैं।जंगली बक्ट्रियन ऊंट गम्भीर रूप से लुप्त प्रजाति के अंदर आ चुके हैं।चीन और मंगोलिया में गोबी और टकलामकान रेगिस्तानों के अंदर इनकी संख्या 1400 से भी कम बची है।

‌‌‌ऊँट को पालतू कब बनाया गया

आज जीवित रहने वाले अधिकांश ऊंट पालतू हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया, भारत और कजाकिस्तान में जंगली आबादी मौजूद है, जंगली ऊंट गोबी रेगिस्तान के जंगली बैक्ट्रियन ऊंट आबादी में ही जीवित रहते हैं ।आपको बतादें कि 10 वीं शताब्दी के अंदर ऊँट का प्रयोग तांबे के उधोगों के अंदर होने का उल्लेख मिलता है। हालांकि ‌‌‌ऊँट को पालतू कब बनाया गया इस बारे मे कोई सीधी जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन ऊँट का प्रयोग लंबे समय से पालतू बनाने मे किया गया है। पहले ऊँट जंगली थे लेकिन अब जंगल बचे ही  नहीं है। अब आपको गांवों के अंदर ऊँट मिलेंगे लेकिन अधिकतर ऊँट घरों के अंदर मिलेंगे जिसकी मदद से खेत मे सामान ढोया जाता ‌‌‌ है। ऊँट से सामान ढोना आसान होता है। खास कर रेगिस्तानी इलाकों के अंदर । इसी वजह से ऊँट को पालतू बनाकर रखा जाता है।

‌‌‌ऊँट का दूध

दोस्तों आपको बतादें कि रेगिस्तानी इलाकों के अंदर ऊँटनी का दूध काफी उपयोगी होती है। और इसको गाय के दूध के स्थान पर इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि यह गाय के दूध के जितना अच्छा नहीं होता है लेकिन उसके बाद भी इसकी मदद से दही और आइसक्रीम बनाई जा सकती है। ऊंटनी का दूध और मांस प्रोटीन, विटामिन, ग्लाइकोजन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो उन्हें कई लोगों के आहार में आवश्यक बनाता है।

‌‌‌ऊँट  के बारे मे जानकारी ऊँट का मांस

‌‌‌ऊँट का मांस

ऊँट का मांस दुनियाभर के अंदर खाया जाता है।3.3 मिलियन ऊंट का वध किया जाता है।और एक ऊँट अधिक मात्रा के अंदर मांस प्रदान करता है। एक नर ऊँट से 600 किलो तक मांस निकलता है तो एक मादा से 300 किलो तक मांस प्राप्त किया जा सकता है।मांस प्रोटीन, विटामिन, ग्लाइकोजन और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है।‌‌‌ऊँट के मांस का स्वाद काफी अच्छा होता है। और यह जितना अधिक पकाया जाता है उतना ही अधिक स्वादिष्ट होता जाता है।

‌‌‌ऊँट का मांस काफी लंबे समय से खाया जाता रहा है। और ऊँट के खून को भी लोग पीते हैं। यह लोग पशु के शरीर पर एक चिरा लगाते हैं और उसके बाद उसके खून को एकत्रित करते हैं फिर पी जाते हैं। प्राचीन ग्रीक लेखकों ने ऊँट के मांस को खाने के बारे मे उल्लेख किया है। इरीट्रिया , सोमालिया , जिबूती , सऊदी अरब , मिस्र , सीरिया , लीबिया , सूडान , इथियोपिया , कजाकिस्तान सहित कुछ क्षेत्रों में ऊंट का मांस मुख्य रूप से पसंद किया जाता रहा है।

‌‌‌कपड़े के लिए ऊँट का प्रयोग

ऊँट के बालों का प्रयोग कपड़े बनाने मे किया जाता है। ऊँट के बालों से बनी बोरी हमारे पास आज भी मौजूद है। प्राचीन काल के अंदर ऊँट के बालों से अनेक प्रकार बोरी बनाए जाते थे। जिसके अंदर  सामान की ढुलाई की जाती थी।गार्ड के बालों को चरवाहों के लिए वाटरप्रूफ कोट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि नरम बालों का उपयोग प्रीमियम माल के लिए किया जाता है।

‌‌‌ऊँट  के बारे मे जानकारी सैना के अंदर ऊँट का प्रयोग

 बैक्ट्रियन ऊंटों का सेना के अंदर काफी लंबे समय से प्रयोग किया जाता रहा है। कारण यह है कि बहुत से ऐसे इलाके होते हैं जहां पर गाड़ी नहीं जा सकती है तो वहां पर ऊँट काफी उपयोगी साबित होते हैं।500 और 100 ईसा पूर्व के बीच, बैक्ट्रियन ऊंट सैन्य उपयोग में आए।

853 ईसा पूर्व में क़ुरार की लड़ाई में ऊँट घुड़सवारों का पहला प्रलेखित उपयोग हुआ ।और भारत बीएसएफ भी सीमा सुरक्षा के लिए उंटों का प्रयोग करती है। क्योंकि ऊँट आसानी से रेगिस्तानी इलाके अंदर चल सकते हैं।

रोमन रेगिस्तानी इलाकों के अंदर भी ऊँट का इस्तेमाल किया गया था।प्रथम विश्व युद्ध में, ब्रिटिश सेना ने मिस्र के ऊंट परिवहन कोर का भी निर्माण किया , जिसमें मिस्र के ऊंट चालकों और उनके ऊंटों का एक समूह शामिल था।कोकेशियान क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बैक्ट्रियन ऊंटों का इस्तेमाल रोमानियाई सेना द्वारा किया जाता था ।

‌‌‌ऊँट की प्रमुख प्रजातियां और उनके नाम

  • Camelus bactrianus
  • Camelus dromedarius
  • Camelus ferus
  • Camelus gigas
  • Camelus grattardi
  • Camelus knoblochi
  • Camelus moreli
  • Camelus sivalensis
  • Camelus thomasi

   camel information in hindi ऊँट के बारे मे रोचक तथ्य

दोस्तों आइए जानते हैं ऊँट के बारे मे कुछ रोचक तथ्यों को ताकि आप ऊँट के बारे मे और अधिक जानकारी हाशिल कर सकें ।

  • ‌‌‌ऊँट के कूबड़ तो आप देखते ही होंगे लेकिन जैसा कि हमने उपर बताया । ऊँट अपनी कूबड का प्रयोग पानी को स्टोर करने मे नहीं करते हैं।वरन ऊँट का कूबड़ का प्रयोग वसा को स्टोर करते हैं जोकि शरीर के बाकि हिस्सों को ठंडा रखने मे मदद करते हैं। जरूरत पड़ने पर वसा का प्रयोग वापस शरीर मे किया जा सकता है।
  • ‌‌‌ऊँट शब्द एक अरबी भाषा का है। और इसका मतलब खूबसूरत होता है। लेकिन वास्तव मे ऊँट खूबसरत नहीं वरन बदसूरत है।
  • ‌‌‌ऊँट को रेगिस्तान के अंदर हाइड्रेटेड रहने की आवश्यकता होती है।ऊँट एक ही बार के अंदर 40 गैलन तक पानी पी सकते हैं।हालांकि यह आपको काफी आश्चर्यजनक लग सकता है।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सैनिकों ने ऊँट के मुंह से निकली बुंदों के उपर टैंकों को चलाते हैं क्योंकि वे इसको एक अच्छे भाग्य की निशानी मानते हैं।
  • ‌‌‌कुछ सर्कस के अंदर भी उंटों का प्रयोग किया जाता है क्योंकि बहुत से लोग खुद को ऊँट के साथ फोटो खिंचवाना पसंद करते हैं। हालांकि सर्कस मे ऊँट कम ही देखने को मिलते हैं।
  • उंटे बेहद ही सामाजिक होते हैं। यह जंगल के अंदर झुंड मे रहते हैं। एक साथ 30 ऊँट आसानी से देखने को मिल सकते हैं। अरबी लोग उंटों ‌‌‌ का पालन करते हैं। कई भारतीए इस कार्य के अंदर अरब देशों मे नौकरी करते हैं।
  • ‌‌‌ऊँट गाड़ो र बस टिपगी एक प्रसिद्ध राजस्थानी गीत था। जिसको अक्सर लोग ऊँट पर बजाना पसंद करते थे । और यह गीत काफी लोकप्रिय भी हुआ था।
  • ‌‌‌ऊँट को अक्सर कांटेदार वस्तुओं को खाते हुए देखा था। लेकिन कभी भी ऊँट को इन कांटेदार टहनियों से चोट नहीं लग सकती है। यह उसकी मोटी चमड़ी की वजह से होता है।
  • ‌‌‌पूरी दुनिया के अंदर 14 मिलियन से अधिक ऊँट हैं और इनमे से अधिकतर ऊँट रेगिस्तानी इलाकों के अंदर ही देखने को मिलते हैं।
  • तुर्की के अंदर जनवरी मे ऊँट कुस्ती होती है। हालांकि ऊँट इस प्रकार की कुस्ती करने के मूड मे नहीं होते हैं लेकिन उसके बाद भी यह कुस्ती काफी लंबे समय से जारी है।
  • ‌‌‌हम मनुष्यों सहित स्तनधारी  अपने शरीर का केवल 15 प्रतिशत पानी ही खोने मे सक्षम होते हैं लेकिन ऊँट अपने शरीर का 25 प्रतिशत तक खो सकते हैं। जिसका मतलब यह है कि ऊँट लंबे समय तक बिना पानी के रह सकता है।
  • ‌‌‌अक्सर अरबी देशों के अंदर लोग ऊँट को भोजन के रूप मे प्रयोग करते हैं।ऊँट के कूबड़ को सबसे अधिक स्वादिष्ट माना जाता है और छोटे ऊँट की तुलना मे बड़ा ऊँट स्वादिष्ट होता है।
  • एक ऊंट की नासिका बहुत ही अच्छी होती है यह जल वाष्प को बनाएरखने मे सक्षम होती है। और यदि बहुत अधिक एयर बह रही है तो फिर इसको बंद भी किया जा सकता है।
  • ‌‌‌अक्सर आपने ऊँट को थूकते हुए भी देखा होगा खासकर जब मनोरंजन होता है।लेकिन आपको बतादें कि ऊँट केवल मनोरंजन के लिए ही नहीं थुकते हैं। वरन यह तब भी अपने थूक को बाहर निकालते हैं यदि इनको कोई खतरा महसूस होता है तो ।
  • जंगली बैक्ट्रियन ऊँट को अभी भी पालतू नहीं बनाया गया । यह जंगलों के अंदर रहते हैं लेकिन अब इनकी संख्या 1 हजार से भी कम बची है।
  • 1855 में, अमेरिकी कांग्रेस ने युद्ध विभाग को 30,000 डॉलर के ऊँट खरीदने को कहा था और उन उंटों का प्रयोग काफी लंबे समय तक सैना ने किया था।
  • पैगंबर मोहम्मद के दादा के समय मे उन लोगों ने एक देवता को 100 उंटों के बलिदान को स्वीकार किया था। उस समय खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए उंटों का बलिदान दिया जाता था।
  • ‌‌‌आपको जानकर हैरानी होगी कि एक अरबी की शादी के अंदर एक पूरा का पूरा भूना हुआ ऊँट शामिल था।
  • लामा और ऊँट एक समान दिखते हैं यदि आप इनमे फर्क नहीं जानते हैं तो भ्रम पैदा हो सकता है। ऊँट के अंदर कुबड़ होता है लेकिन इनमे कुबड़ नहीं होता ।
  • ‌‌‌एक ऊँट का कोट इस प्रकार से बना होता है कि अधिक गर्मी होने के बाद भी यह अधिक गर्म नहीं होते हैं।
  • यूएई में अल-धफरा ऊंट महोत्सव हर साल होता है। यहां पर ऊँट के लिए सौंदर्य प्रतियोगिता होती है। जिसके अंदर हर साल हजारों ऊँट भाग लेते हैं।
  • ‌‌‌ऊँट आसानी से 40mph तक दौड़ सकते हैं लेकिन वे लंबे समय तक ऐसा नहीं कर सकते हैं।लेकिन वे आसानी से 25mph दौड़ सकते हैं।
  • लाल ऊँट का भूत यह कहानी रेगिस्तान मे घूमने वाले एक भूत ऊँट की कहानी है जो लोगों को मारने का कार्य करता है। और उनके तंबू को नष्ट कर देता है।
  • ‌‌‌जब शिशु ऊँट पैदा होता है तो उसके कुबड़ नहीं होता है लेकिन जैसे ही ऊँट बढ़ने लगेगा । उसके कुबड़ निकल जाएगा ।
  • ऊंटों ने अपनी आंखों से बालू बाहर रखने के लिए पलकों के तीन सेट और पलकों की दो पंक्तियाँ हैं।
  • अकेले अरबी में ऊंट के लिए 160 से अधिक शब्द हैं।

ऊँट के प्रकार Bactrian camel बक्ट्रियन ऊंट

बक्ट्रियन ऊंट को मंगोलियाई ऊंट या घरेलू बैक्ट्रियन ऊंट  के नाम से जाना जाता है। यह मैदानी इलाकों के अंदर रहता है। और इसके दो कुबड़ होते हैं। इसके अलावा इसकी 2 मिलियन आबादी घरेलू रूप मे मौजूद है। ‌‌‌जंगली बक्ट्रियन ऊंट एक अलग प्रकार की प्रजाति है जो गम्भीर रूप से संकटग्रस्त प्रजाति के अंदर आता है। 10 लाख साल पहले अल्पाका के अस्तित्व में आने के बाद लामिनी में विशिष्टता शुरू हुई। लगभग दो मिलियन साल बाद, बैक्ट्रियन ऊंट और ड्रोमेडरी दो स्वतंत्र प्रजातियों के रूप में उभरे।

बैक्ट्रियन ऊंट अपनी मूल श्रेणी में सबसे बड़ा स्तनपायी है और सबसे बड़ा जीवित ऊंट है। कंधे की ऊंचाई 180 से 230 सेमी, सिर और शरीर की लंबाई 225350 सेमी है, और पूंछ की लंबाई 35-55 सेमी  है। कूबड़ के शीर्ष पर, औसत ऊंचाई 213 सेमी है। शारीरिक द्रव्यमान 300 से 1,000 किग्रा तक हो सकता है  ‌‌‌इनके अंदर नर मादा से अधिक भारी होता है।और दाड़ी व गले पर लंबे बाल होते हैं।

 Bactrian camel बक्ट्रियन ऊंट

बैक्ट्रियन ऊंट के रहने का स्थान

यह ऊँट चट्टानी मैदानों से लेकर शुष्क मैदानों के अंदर आसानी से देखने को मिलते हैं। बड़े समूह बारिश के बाद या पहाड़ों के तल पर नदियों के पास एकत्र होते हैं, जहाँ गर्मी के महीनों में झरनों से और सर्दियों के दौरान बर्फ के रूप में पानी प्राप्त किया जा सकता है।

‌‌‌आहार और इतिहास

बैक्ट्रियन ऊँट तापमान के व्यापक बदलाव को समझने मे माहिर होते हैं।और इनके पास कई महिनों तक बिना पानी के रहने की क्षमता होती है लेकिन यदि इनको पानी मिलता है तो यह भरपूर पानी पीते हैं।और जब इनको पोषण मिलता है तो कूबड़ काफी तेजी से उपर की तरफ बढ़ता है लेकिन जैसे जैसे पोषण की ‌‌‌कमी आती है। वैसे वैसे कुबड़ झुकता जाता है।इसके अलावा इन ऊँट के अंदर गंध की भावना बहुत अधिक होती है और यह काफी अच्छे तैराक भी होते हैं।

बैक्ट्रियन ऊंट का आहार

बैक्ट्रियन ऊंट मुख्य रूप से रात के अंदर सोते हैं और दिन के अंदर भोजन करते हैं वे मुख्य रूप से शाकहारी होते हैं इसके अलावा वे कांटों को भी आसानी से खा सकते हैं। कांटे उनके मुंह के अंदर चुभते नहीं हैं। ‌‌‌यदि इन उंटों को यदि किसी भी प्रकार की वनस्पति नहीं मिलती है तो यह ऊंट शवों पर फ़ीड कर सकते हैं, हड्डियों, त्वचा या मांस  आदि को कुतर सकते हैं।इसके अलावा वे कपड़ों को भी चबा सकते हैं। पहली बार मे यह भोजन को अच्छे से बिना चबाए ही निगल जाते हैं उसके बाद उसे चबाने के लिए वापस लाया जाता है।

बैक्ट्रियन ऊंट के अंदर प्रजनन

बैक्ट्रियन ऊंट के अंदर प्रजनन

संभोग समय के दौरान नर अक्सर काफी हिंसक होते हैं और अन्य नर ऊंटों पर बैठने के लिए काट सकते हैं, थूक सकते हैं या प्रयास कर सकते हैं। यौन परिपक्वता की उम्र बदलती है । यह 3 से 5 साल तक की हो सकती है।मादा एक साल के अंदर एक बछड़े को जन्म दे सकती है जिसका वजन 36 किलोग्राम तक ‌‌‌होता है। बछड़ा अपनी मां के साथ तीन से पांच साल तक रहता है, जब तक कि वह यौन परिपक्वता तक नहीं पहुंच जाता है, और अक्सर उन वर्षों के बाद की पीढ़ियों को बढ़ाने में मदद करता है। जंगली ऊंट कभी-कभी पालतू या जंगली ऊंट के साथ प्रजनन कर सकते हैं।

माना जाता है कि बैक्टेरियन ऊंट को पूर्वोत्तर अफगानिस्तान  या दक्षिण-पश्चिम तुर्कस्तान में 2500 ईसा पूर्व से कुछ समय पहले पालतू बनाया गया था । 170-250 किलोग्राम वजन तक यह लेकर जा सकता है। इसके अलावा बैक्टेरियन ऊंट  का प्रयोग सवारी करने के लिए भी किया जाता है। अमीर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।

‌‌‌उंटो की आबादी की लिस्ट

देशआबादी
मंगोलिया430,000 रु
चीन270,000
कजाखस्तान200,000
किर्गिज़स्तान50
उज़्बेकिस्तान10,000
ईरान> 100
अफ़ग़ानिस्तान——
पाकिस्तान200
तुर्कमेनिस्तान2,500
भारत150
आज़रबाइजान
रूस100,000 है

ऊँट के प्रकार Wild Bactrian camel

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट संकटग्रस्त प्रजातियों के अंदर आती है।यह ऊंट पश्चिमोत्तर चीन और पश्चिमी मंगोलिया के कुछ हिस्सों में रहने वाले हैं।इसके दो कूबड़ होते हैं।यह 1.1 मिलियन साल पहले बैक्ट्रियन ऊंट से निकली थी।केवल लगभग 1,000 ऊंट अब भी जीवित हैं।  ज्यादातर चीन में लोप नूर वाइल्ड कैमल नेशनल नेचर रिजर्व में रहते हैं, और एक छोटी आबादी मंगोलिया के ग्रेट गोबी ए स्ट्रिक्टली प्रोटेक्टेड एरिया में रहती है।

जंगली बैक्ट्रियन ऊंटों के पास लंबे, संकीर्ण भट्ठा जैसे नथुने, लंबी मोटी पलकों की एक दोहरी पंक्ति और बालू के साथ कान होते हैं जो रेगिस्तान सैंडस्टॉर्म के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।और इनके पैर इस प्रकार से बने होते हैं जोकि किसी भी बालू और पथरीले इलाके मे चलने मे सक्षम बनाते हैं।

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट ( कैमलस फेरस ) घरेलू बैक्ट्रियन ऊंट ( कैमलस बैक्ट्रियनस) के समान दिखाई देते हैं। लेकिन वास्तव मे दोनों के अंदर अनुवांशिक रूप से अंतर होता है।

जंगली बैक्ट्रियन  घरेलू बैक्ट्रियन ऊंट की तुलना में थोड़ा छोटा होता है ।जंगली बैक्ट्रियन ऊँट का कूबड़ घरेलू ऊँट की तुलना मे छोटा होता है।जंगली बैक्ट्रियन ऊंट का ऊन हमेशा रेतीले रंग का होता है और घरेलू बैक्ट्रियन ऊंट की तुलना में कम और विरल होता है।

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट आमतौर पर 30 की संख्या के अंदर चलते हैं। इसके अलावा यह झुंड के रूप मे 6 से 20 की संख्या मे देखे जा सकते हैं।इनका जीवन काल 40 साल होता है और मादाएं 5 साल की उम्र मे ही बच्चा देना शूरू कर देती हैं।

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट

‌‌‌जैसा कि हमने आपको बताया जंगली बैक्ट्रियन ऊंट गम्भीर रूप से संकटग्रस्त हैं।यूनाइटेड किंगडम स्थित वाइल्ड कैमल प्रोटेक्शन फाउंडेशन (WCPF) का अनुमान है कि उनमें से लगभग 1400 ही दुनिया में बचे हैं।इन्होंने 30 वर्षों के दौरान 80 प्रतिशत से अधिक गिरावट का सामना किया है।

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट का शिकार

जंगली बैक्ट्रियन ऊंट का भी शिकार किया जाता है।गोबी रिजर्व क्षेत्र में, हर साल 25 से 30 ऊंटों के शिकार होने की सूचना है। इसके अलावा पानी के स्त्रोतों के आस पास चिता और शेर के द्धारा ऊँट का शिकार किया जाता है।इसके अलावा ऊँट के बांझपन के शिकार होने की वजह से  ‌‌‌उंटों की आबादी तेजी से कम हो रही है।

‌‌‌इसके अलावा आप देख रहे हैं कि मानव आबादी तेजी से बढ़ रही है। बढ़ती आबादी के साथ इनके रहने के स्थान तेजी से नष्ट होते जा रहे हैं। जिसकी वजह से उंटों की संख्या मे भी तेजी से गिरावट हुई है।

ऊँट के प्रकार Dromedary

साँड़नी ऊँट की सबसे उंची प्रजाति है।वयस्क पुरुष कंधे पर 1.8-2 मीटर  खड़े होते हैं, जबकि महिलाएं 1.7-1.9 मीटर  लंबी होती हैं। नर आम तौर पर 400 से 600 किलोग्राम के बीच होता है, और मादा का वजन 300 और 540 किलोग्राम (के बीच होता है।

‌‌‌इनकी प्रमुख विशेषताएं लंबी, घुमावदार गर्दन, संकीर्ण छाती, एक कूबड़ होती हैं।यह ऊँट रेगिस्तानी इलाकों के अंदर देखने को मिलता है। 20 के झुंड के अंदर यह पाया जाता है। इनको पालतू बनाकर भी रखा जाता है। यह पानी की 30 प्रतिशत मात्रा को खोने मे सक्षम होता है। जो इसको रेगिस्तानी इलाकें के अंदर रहने ‌‌‌की अनुमति प्रदान करता है। मेटिंग सालाना होता है और बारिश के मौसम में चोटियों मादाएं 15 महीने के गर्भ के बाद एक ही बछड़े को पालती हैं ।

साँड़नी ऊँट मे प्रजनन

Dromedary

ऊँट भेड़ और बकरी की तुलना मे धीमी गति से यौन परिपक्वता तक पहुंचते हैं।मेटिंग साल में एक बार होता है, और बारिश के मौसम में होता है। संभोग का मौसम तीन से पांच महीने तक रहता है, लेकिन बड़े जानवरों के लिए एक साल तक रह सकता है

‌‌‌यहां पर नर अपनी पूंछ से अपने पेशाब को फैलाता है और मुंह से बहुत सारे झाग भी निकालता है। जिसकी मदद से वह मादा को आकर्षित करने का प्रयास करता है।और वह इस दौरान सिर हिलाता है और लार की मात्रा को बढ़ा देता है। इस दौरान वह अन्य ऊँट से लड़ता है और उनको हराने की कोशिश भी करता है।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि बहुत से ऊँट खुद ही प्रजनन नहीं करपाते हैं। इसके लिए कैमलमैन की मदद लेनी पड़ती है। हालांकि उंटों की कुछ आबादी ऐसी भी है जोकि स्वाभाविक रूप से प्रजनन करने मे सक्षम होती है। ‌‌‌15 महिने के बाद एक बछड़ा पैदा होता है। जिसको मादा का दूध पिलाया जाता है और उसके बाद जब तक वह प्रजनन योग्य नहीं होता है वह अपनी माता के साथ ही रहता है।और बछड़े को 9 महिनों से लेकर 18 महिनों तक मां का दूध पिलाया जाता है।

साँड़नी ऊँट मे दूध का उत्पादन

सांड़नी ऊँट एक दिन के अंदर लगभग 9 किलो तक दूध आसानी से देती है और यह ऊँट के खान पान पर निर्भर करता है।वैसे आपको बतादें कि एक ऊँट के दूध का कई तरीके से प्रयोग किया जा सकता है। जैसे कि दूध को दही के रूप मे और मक्खन के रूप मे प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा ऊँटनी ‌‌‌के दूध को बच्चे को दिन मे 4 से 7 बार पिलाया जाता है। जबकि वह छोटा होता है तो ।

‌‌‌ऊँट की सवारी

दोस्तों सांडनी को घर के अंदर रखा जाता है।और सवारी करने के लिए भी काम मे लाया जाता है। एक ऊँट आमतौर पर 50 मील तक चल सकता है एक दिन के अंदर और ऊँट की सवारी करना काफी पंसद किया जाता है। विदेशी पर्यटक भी ऊँट की सवारी करते हैं। और ऊँट पर बैठकर रेगिस्तानी इलाकों का भ्रमण करते हैं।‌‌‌प्राचीन काल के अंदर ऊँट की सवारी करके ही एक गांव से दूसरे गांव पहुंचा जाता था । इसके अलावा ऊँट का प्रयोग शादी विवाह के अंदर दुल्हे को बैठाकर ले जाने के लिए भी किया जाता है। इस दौरान ऊँट को सजाया जाता है और फिर लाया जाता है। कई बार शादी समारोह के अंदर ऊँट को नचाया भी जाता है।

‌‌‌ऊँट के बाल काफी उपयोगी होते हैं

दोस्तों ऊँट के बालों का भी उपयोग किया जाता है। इनमें कम तापीय चालकता और स्थायित्व होता है, और इस प्रकार गर्म कपड़े, कंबल, टेंट और कालीनों के निर्माण के लिए उपयुक्त है।‌‌‌हालांकि गर्म क्षेत्रों के अंदर ऊँट के बाल कम होते हैं लेकिन शर्दी के क्षेत्रों के अंदर एक ऊँट से साल मे 5 किलो तक बाल प्राप्त किये जा सकते हैं। इन बालों का प्रयोग प्राचीन काल मे लोग बोरे वैगरह बनाने मे भी करते थे ।

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Dromedaries का भोजन

सांड़नी भोजन के रूप मे कई चीजों को खा सकती है। यह रेगिस्तानी इलाके के अंदर रहती है तो पेड़ पौधों की उंची पतियों को खा सकती है । क्योंकि इसका सिर काफी लंबा होता है जो पेड़ पौधे की पतियों तक आसानी से पहुंच सकता है। और जब बारिश का मौसम होता है तो जमीन पर उगने वाले घास को यह ‌‌‌आसानी से खा लेती है।‌‌‌इन सबके अलावा ऊँट उन सभी भोजन को खा सकता है जोकि एक इंसान खाता है।जैसे बाजरा ,गेंहूं का पौधा आदि ।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।