chai par shayari in hindi chai pe shayari in hindi चाय पर शायरी दोस्तों चाय पर शायरी के बारे मे हम आपको यहां पर बात रहे हैं।और यदि आपको यह चाय पर शायरी पसंद आती हैं तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं। यदि आप अपने विचार यहां पर रखते हैं तो इससे हमें काफी अच्छा लगेगा । हमने यहां पर चाय पर सबसे यूनिक शायरी आपको दी हैं तो यह आपको अच्छी लगेंगी ।
तमन्ना है जनाब तेरे संग चाय पीने की ,
कभी तो तू कीमत समझेगी इस नगीने की।
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चाय का नशा शराब जैसा हो गया ।
तुमसे प्यार करना तो अब ,
ख्वाब जैसा हो गया ।
———————
चाय है अदरक वाली ,
जलन पैदा करती है गले मे साली ।
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आज फिर शाम ढल रही है ,
तेरे हाथों से बनी चाय ,
चूल्हे पर उबल रही है।
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जो बोलना है साफ बोल
ज्यादा बकवास मत कर ।
तेरे हाथों की बनी चाय पीनी है हमे ,
तू ज्यादा निराश मतकर ।
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उसने तो ठंडी चाय समझकर ,
हमको फेंक दिया ।
हम तो वो थे ,
जो उनको पाने के लिए ,
खुद को बेच दिया ।
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सर्दियों मे मजा ही कुछ और है चाय पीने का ,
और शाम को शराब के साथ जीने का ।
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जब से सर्दी हुई ,
तो इस चाय के साथ हमे हमदर्दी हुई ।
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जब से इस ठंड का पहरा हुआ ।
अब तो चाय के साथ हमारा इश्क गहरा हुआ।
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सुबह की चाय हो ,
बड़ों की राय हो ,
दान मे मिल गाय हो ,
हमेशा स्वीकार कर लेना चाहिए ।
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यह चाय हमने बनाई है ,
तेरे लिए आज सुबह सुबह ,
इतनी जहमत उठाई है।
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हमारे हाथ की चाय पैदा ,
करती है दिल मे नई हसरतों को ,
और दिल से मिटा देती है नफरतों को ।
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खूबसूरती मे बेमिशाल हो तुम ,
चाय की तरह नशे वाला माल हो तुम ।
हम क्या ही बताएं इतना कमाल हो तुम ।
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शक्ल तुम्हारी थोड़ी सांवली हैं ,
तुम्हारे हाथों से बनी चाय
बड़ी कमावली है।
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चीज कमाल की हो तुम ,
चाय की तरह उबाल की हो तुम ।
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तेरी चाय का दिल दिवाना हो गया ।
जब पी है तेरे हाथों की चाय ,
पूरा दिन मस्ताना हो गया ।
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लाखों बिक गए तेरे हाथों की चाय मे ,
अब हम भी इंतजार कर रहे हैं इस सराय मे ।
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चाय जैसा रंग है तेरा ,
मचल रहा है आसमान मेरा ,
मगर मिल नहीं सकते तुम से
हमको है दुश्मनों ने घेरा ।
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हम तो तेरी चाय से इश्क करने लगे ,
अब तो सपने मे भी ,
तेरी चाय के लिए आहें भरने लगे ।
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चूमते हैं हम तो बस तेरी चाय को
आज भी दिल मे संभालकर ,
रखते हैं तेरी राय को ।
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तू नहीं तो क्या हुआ ,
तेरा चाय का कप आज भी साथ है ।
जब देखते हैं दूर से तो
आज भी तुझमे वो बरसात है।
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तेरी चाय का झूठा कप संभाल रखा है ,
आ जाना कभी भी हमारी जिदंगी मे
तेरे लिए यह दिल विशाल रखा है।
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चाय की चुस्की में अदरक का स्वाद है।
तेरी दोस्ती के बिना हमारा जीवन बरबाद है।
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यह सब कुछ तेरी चाय की करामात है ।
डरना किस बात का जब तू साथ है।
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तू तो कड़क चाय जैसी है ।
यार मगर तेरा देसी है ।
करले हमसे दोस्ती
मिटा देंगे तेरी जो खामोशी है।
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खुशबू तेरी चाय की घर तक आती है ।
देखने वाले कहते हैं तू कितना इतराती है।
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ना इश्क हम करते हैं ,
ना दोस्ती हम करते हैं।
हम तो बस आपके हाथों
से बनी चाय पर मरते हैं।
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तेरी चाय हमे पसंद है ,
और इस चाय मे हमारा
दिल बंद है।
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कोई शौक नहीं है दारू और शराब का ,
बस एक चाय का शौक रखते हैं हिसाब का ।
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वह भी चाय की शौकीन थी ,
मिल गए हमें भी अब वह ,
जो हमारी अपनी जमीन थी ।
आपको बता नहीं सकते ,
उस दिन हमारी जिदंगी कितनी हसीन थी।
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क्या करें उस चाय का जिसमे दूध ही ना हो ।
क्या करें उस जाय का जिसमे बनाने वाली खुद ही ना हो ।
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तेरी चाय का नशा तुझ से कहीं ज्यादा है ,
पी जाएंगे एक सांस मे जो कप भरा आधा है।
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तेरी चाय के बिना कोई काम शूरू नहीं होता ।
चाय के मामले मे तेरा कोई गुरू नहीं होता ।
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चाय दूध और पानी का मेल है ।
इश्क कुछ नहीं बस दो दिलों का खेल है।
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तू नहीं तो तेरी चाय से आशकी करने लगे हम ।
धीरे धीरे चायवाली से ज्यादा उसकी चाय ,
पर मरने लगे हम ।
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चाय जैसा किरदार है हमारा ,
लोगों के दिलों मे बसता है संसार हमारा ।
क्या करें आपकी चाय के बिना ,
नहीं होता है हमारा गुजारा ।
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हम चाय हैं
कोई हमसे नफरत करता है ।
तो कोई हमसे प्यार करता है ,
और कोई हम पर जान निसार करता है।
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ऐ चाय
दिल मे है एहसास तेरा ,
हमारे जीवन मे स्थान है खास तेरा ।
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चाय होती है अच्छी और खराब ,
फिर भी दिल को करती है बेताब ।
आप क्या सोचते हैं इसके बारे मे जनाब ।
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लाइट वाला वायर नहीं हूं मैं
चाय पीकर बोलने वाला ,
शायर नहीं हूं मैं ।
कि तेरी चाय खरीद लूंगा ,
इतना भी बड़ा बायर नहीं हूं मैं।
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सुबह की चाय तुम्हारी हो ,
और शाम की चाय हमारी हो ,
बस इसी तरह कट जाए
यह जिदंगी सारी हो ।
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तेरी चाय तो महोब्बत सरीकी है ।
पर दूसरों के लिए यह बहुत फीकी है।
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हमको तेरी चाय से महोब्बत है ,
हमारे दिल पर तेरी हुकुमत है।
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मन बहुत है तेरी हाथ की चाय पीने का ,
कुछ फायदा नहीं इसके बिना जीने का ।
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जब यह दर्द के बादल हटेंगे ,
कसम से तरी चाय के लिए मर मिटेंगे ।
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तस्वीर नजर आती है तेरी ,
उस चाय से भरे प्याले मे ।
तू ही दिखती है हमे हर जगह
दिन के उजाले मे ।
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तेरी चाय से यह मौसम सुहाना है ,
तेरी चाय का तो यह जग दिवाना है।
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जिस दिन तेरे हाथों की बनी चाय पी लेंगे ।
समझों सदियां जी लेंगे ।
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लबों से लब मिल जाएं तो क्या ,
तेरी चाय मे रब मिल जाए तो क्या ,
अगर तू ना मिले पर तेरी चाय
का कप मिल जाए तो क्या ।
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कभी हमारे पास बैठ कर भी चाय पी लिया कर ,
आदत हो गई है तुमको हमारी ,
कभी तो हमारे बिना भी जी लिया कर ।
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उसकी चाय भी बहुत ठंडी थी ,
हम मिले जिससे वह लड़की बहुत घमंडी थी।
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तेरे हाथों की चाय पीकर मेरी आंखें नम हो गई ,
आज क्यों तेरी महोब्बत इतनी कम हो गई ।
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लोगों ने दारू को बदनाम किया ,
और तेरी चाय ने हमारा काम तमाम किया ।
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दारू तो यूं ही बदनाम है ,
तेरी चाय तो एक छलकता जाम है।
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उनको हमारी दोस्ती पर शक होने लगा ,
उनकी चाय पर भी दूसरों का हक होने लगा ।
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तेरी चाय के सामने यह दोस्ती लाचार हो गई ।
फिर भी आपके संग रहकर हमारी जिदंगी गुलजार हो गई ।
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चाय पीने वाले आज कॉफी पीने लगे ,
अब तो हम भी उनके संग जीने लगे ।
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चाय से मीठा है रिश्ता हमारा ,
दिल को सकून देता है साथ तुम्हारा ।
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चाय भी जितनी उबलेगी उतनी बेहतर होगी ,
कभी तो मिलेगी वो चायवाली जो हमसे तेहतर होगी ।
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गुस्से मे तुम बहुत प्यारी लगती हो ,
जब पीते हैं तुम्हारे हाथों की चाय ,
न जाने क्यूं सबसे न्यारी लगती हो ।
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ठंडी रातों मे चाय ही स्कून देती है ,
तेरी बार बार हंसने की आदत ,
इस दिल को जनून देती है।
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तेरे संग एक दिन चाय पीयेंगे हम ,
एक दिन बाहों मे बांहे डालकर जीएंगे हम ।
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महंगाई से आशिकों का हाल बुरा है ,
चाय के बिना हर इश्क अधूरा है।
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तेरी चाय से रिश्तों मे मिठास है ,
क्या बताएं तू हमारे लिए कितनी खास है।
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पसंद नहीं हम अब हमे तेरी चाय पीना ,
सीख लिया है हमने तेरे बिना जीना ।
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ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
आप संग हो तो चाय के बिना क्या काम है।
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चाय से सुबह है ,
तो चाय से शाम है।
तेरी महोब्बत इस चाय
का दूसरा नाम है।
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क्यूं ना करें तेरी चाय से दोस्ती ,
हम जानते हैं जो तू है सोचती ।
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पल मे गुजर जाए जो दर्द की हवा है ।
तेरे हाथों की चाय हर मर्ज की दवा है।
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वह चाय किस काम की ,
जिसमे तेरे होठों का मिठास ना हो ,
वह दिल ही किसी काम का ,
जिसमे तेरा वास ना हो ।
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कॉफी वाले तो सिर्फ फ्लर्ट करते हैं,
हम तो इश्क करने वालों को अलर्ट करते हैं।
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तेरी चाय भी हम दारू समझ कर पीते हैं ,
तू किसी और की मत होना ,
हम तो तेरे लिए ही जीते हैं।
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बहुत अच्छा लगता है ,
सुबह सुबह तेरे संग बात हो ,
तेरे हाथों की बनी चाय साथ हो ।
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तेरी महोब्बत चाय की तरह कड़क है ,
इसलिए हमारे दिल मे यह तड़प है।
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तेरी चाय की हर घूंट मे नशा है ,
हमारा प्यार भी तेरे दिल मे बसा है।
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बहुत जतन करते हैं हम तुझे हंसाने का ,
मन है आज तेरी चाय के साथ बिस्कुट खाने का ।
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तेरी चाय से फिर से जिंदा हुए हैं हम ,
तूने उडाया आकश मे ,
इसलिए परिंदा हुए हैं हम ।
———————
तेरे होठों जैसा तेरी चाय का स्वाद है ,
तोड़ कर हमारा दिल ,
किसी और से दिल लगाना अपराध है।
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बैठेंगे तेरी पलकों की छांव मे ,
पीयेंगे आज चाय तेरे संग इस गांव मे ।
———————
भाड़ मे जाए यह दुनियादारी ,
हमे बहुत प्यार लगती है चाय तुम्हारी ।
———————
शराब कम आजकल चाय ज्यादा पीते हैं।
तू नहीं तो आजकल तेरा नाम लेकर जीते है।
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रखेंगे तुम्हें संग हमेशा ,
नशा है तेरा चाय जैसा ।
———————
जब से तेरे संग दिल लगाया है ,
सुबह शाम बस चाय का कप उठाया है।
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शौक नहीं है हमे मुस्कुराने का ,
पर दम नहीं है तेरी चाय को ठुकराने का ।
———————
तेरी यादों का नशा है ,
आज भी तेरी चाय का स्वाद
दिल मे बसा है।
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दोस्ती मे कभी प्यार का एहसास नहीं होता ।
बिना चीनी वाली चाय मे वो मिठास नहीं होता ।
———————
तुमने तो हमारे रिश्ते ठुकराए हैं।
बैठो तेरे लिए हम चाय लेकर आए हैं
———————
इस जमीन की फिक्र मतकर ,
तेरी भाभी की हाथों की चाय पी
और गम का जिक्र मतकर ।
———————
कभी तो हमे घर बुलाया करो ,
और कुछ नहीं तो कम से कम चाय ही पिलाया करो ।
———————
चाय अदरक वाली हो ,
चाल अपकी मत वाली हो ,
हमसे दोस्ती करलो ,
अगर आप खाली हो ।
———————
जिन्हें चाय से लगाव होता है ,
उनका एक दिन बिखराव होता है।
गहरी से गहरी महोब्बत मे भी
टकराव होता है।
———————
इस उलझन का नाम है जिदंगी ,
चाय के संग शाम है जिदंगी ।
चाय नहीं हो तो हराम है जिदंगी ।
———————
सुबह के बाद फिर से शाम आती है,
हर मुश्किल मे चाय काम आती है ।
———————
तेरी चाय मे खुशबू अनोखी है ,
तेरी आहट ने हमारे दिल की धड़कन रोकी है।
———————
चाय पर सब का मिलन होगा ,
नाम इस दुनिया मे उसी का होगा
जो विलन होगा ।
———————
तेरी चाय ने लगा रखी हैं बंदीशें ,
वरना कबके करलेते हम रंजिशें ।
———————
ख्वाब तो देखों मेरे कितने हसीन हैं ,
तेरी चाय के बिना हम भी नमकीन हैं।
———————
तेरे संग एक कप चाय हो जाए ,
मान जा यार ,
कहीं दिल किसी और संग हो जाए ।
———————
मन की थकान को दूर करती है चाय ,
तेरे संग नई महोब्बत शूरू करती है चाय ।
———————
तेरे हाथों की चाय मे जादू है ,
अगर पिला दो तो मदहोश हो जाएंगे ।
———————
तमन्ना यही है मिल जाए
चाय तेरे हाथों की ,
कसम से नींद हराम हो जाएगी
हमारी रातों की ।
———————
तूने तो कद्र नहीं की हमारे ज्जबातों की ,
फिर भी पी रहे हैं चाय तेरे हाथों की ।
———————
तेरी चाय संग सफर करते हैं हम ,
जब चाय पीने की इच्छा हो ,
तो बस तुझे खबर करते हैं हम ।
———————
कि हमारा दिल तुझ पर आ जाए
तू इतना भी श्रंगार मत कर ,
चाय तो एक नशा है
चाय से इतना भी प्यार मतकर ।
———————
तेरी चाय के बिना हम रह नहीं सकते ,
महोब्बत है तुम से यह कह नहीं सकते ।
———————
जोड़ा नहीं जाता है फिर से , टूटे विश्वास को ।
तेरे हाथों की बनी चाय ने बुझादिया इस मन की प्यास को ,
———————
तेरी चाय के आशिक हैं हम ,
इश्क के मामले मे क्लासिक हैं हम ।
———————
बताते नहीं हैं हाल किसी को दिल का ,
पर तेरी चाय ने सब कुछ बकने को मजबूर कर दिया ,
हम तो आज भी तेरी चाय के दिवाने हैं ,
हमको हालातों ने आपसे दूर कर दिया ।
———————
मौसम बदलेगा , साल बदलेगा ,
पर तेरी चाय का हाल नहीं बदलेगा ।
———————
जी करता है तेरी चाय संग बहक जाएं हम ,
तू बस हमारे पीछे आए ,
आज इतना महक जाएं हम ।
———————
आज तेरी चाय का नशा है ,
सीना चीर कर दिखादेंगे ,
आज भी तेरा नाम दिल मे बसा है।
———————
चाय की तरह पीयेंगे तुझे ,
दिल मे एहसास बनाकर जीयेंगे तुझे ।
———————
पेट की भूख मर जाती है तेरी चाय से ,
आज तक हमारी दोस्ती कभी ,
आगे नहीं बढ़ पाई है हाय से ।
———————
चाय दूध के बिना अधूरी है ,
अब बर्दाश्त नहीं होती है ,
आपके और हमारे बीच की जो दूरी है।
———————
तेरी चाय का रंग काला हो फिर भी चलेगा ,
अगर प्यार ही नहीं है तुमसे ,
तो फिर क्यों यह दिल जलेगा ।
———————
अपना इश्क इस चाय मे भी मिला दिया कर ,
इतना प्यार से खाना हमें भी खिला दिया कर ।
———————
चाय तेरी बातों की तरह बहुत मीठी है ,
तुझे देखते ही दिल मे बजती जो सीटी है।
———————
तेरी चाय नहीं मिली तो घर को छोड़ दिया ,
हाल बे हाल हो गए हैं हम ,
जबसे तूमने हमसे नाता तोड़ दिया ।
———————
चाय के दिवाने हर गली और चौराहे मे मिलेंगे ,
हम तो फूल हैं यार तेरे कदमों मे जाकर खिलेंगे ।
———————
इस चाय मे बिस्कुट की तरह न डूब जाना तुम ,
हमारे हाथों की चाय से कभी न उब जाना तुम ।
———————
तेरी चाय संग सदियां जी हैं हमने ,
न जानते कितन चायवाली से ,
महोब्बत की हैं हमने ।
———————
इस चाय मे तेरी यादों की महक है ,
हमारे कानों मे तेरी मीठी आवाज की चहक है।
———————
तेरे हाथों की चाय सबको नसीब हो ,
बस तेरा दिल हमारे करीब हो ।
———————
हमारे उपर बिखर जाती है ,
तेरी सुनहरी धुप ,
तेरी चाय मे दिख जाता है तेरा रूप ।
———————
एक कप तेरे हाथ की मिल जाए ,
तो बस हमारा दिल खिल जाए ।
———————
दल तो हमारा आपके पास बंद है ,
गहरी ठंड मे आपके हाथों की चाय पसंद है ।
———————
ठंड लगे तो चाय पी लेना ,
अगर अकेलापन महसूस हो
तो हमारा नाम लेके जी लेना ।
———————
चाय से सुबह रंगीन होती है ।
आपके आने से जिदंगी हसीन होती है ।
———————
लत लगी है हमें तेरे होठों की ,
बरसात करते हैं हम रोज ,
इस चाय के संग तेरे उपर नोटों की ।
———————
बेशक कचरे के डिब्बे मे जाना मंजूर ,मगर
तेरे होठों पर लगे वो चाय का कप हम बन जाएं ,
———————
हाथों मे चाय हो , और ख्यालों मे आप हो ,
बस इतना ही चाहते हैं ,
यह जिदंगी भर का साथ हो ।
———————
तेरे होठों पर मुस्कान थी ,
हमें फिर से जवान बनादिया ,
तेरी चाय मे इतनी जान थी।
———————
हर पल मेरे दिल मे तेरा एहसास होता है ,
तेरी चाय संग हर मौसम खास होता है।
———————
हमें तो फोकट मे चाय पिला दिया करो ,
जब भी आते हैं हम घर तुम्हारे ,
तब चायवाली से मिला दिया करो ।
———————
चाय तो हमे अदरक वाली चाहिए ,
बस उसके साथ तेरे जैसी घरवाली चाहिए ।
———————
तेरी चाय का नाम किताबों मे लिखेंगे ,
तेरे संग मिलन की कहानी ख्वाबों मे लिखेंगे ।
———————
इन सर्दियों मे बहुत कोहरा हो ,
बस तेरी चाय का रंग गौरा हो ।
———————
कभी कभी तेरी तरह चाय बना लेते हैं हम ,
शौकिन तो हम करों के पर रिक्सा भी
कभी कभी चला लेते हैं हम ।
———————
तेरी चाय को दिल से लगाकर रखते हैं ,
जब हम सामने जाते हैं तो वो
पता नहीं क्यों पलके झुका कर रखते हैं।
———————
इस चाय के संग आज तूने
अपना इश्क भी जाहिर कर दिया ,
आज चाय की मिठास मे हमें
भी माहिर कर दिया ।
———————
हर जगह नजर आ जाता है जो विलन होता है।
तेरी चाय से रोज हमारा मिलन होता है ,
———————
सर्दियों का मौसम है ,
चाय हमारे हाथों मे हो ,
चाय जैसा मिठास
तुम्हारी बातों मे हो ।
———————
तेरे संग चाय पीने का इरादा हम रखते हैं ,
वैसे तो बहुत अमीर हैं हम ,
पर पहनाव सादा हम रखते हैं।
———————
इतनी दूर से आएं हैं हम ,
तेरे संग वक्त बिताने के लिए ,
चाय देकर हंसकर चली गई तू
क्यों हमें सताने के लिए ।
———————
फीका लगता है तेरे सामने
इस चाय का मिठास भी ,
तेरे प्यार मे मरना भी
है हमें रास भी ।
———————
इतना सध धज कर ना
चाय पकड़ाने आया करो ,
अगर प्यार ही नहीं है हमसे
तो इतना भेजा ना खाया करो ।
———————
ऐ चाय अपने आशिक को
इतना जलाया ना करो ,
प्यार मे हमे यूं तड़पाया
ना करो ।
———————
चाय बना रही हूं अदरक वाली पीओगे क्या ,
सदा ही गुस्सा करते रहते हो ,
कभी हंसकर भी जीओगे क्या ।
———————
दो पल की जिदंगी तेरे संग जीना चाहेंगे ,
और कुछ नहीं बस तेरे संग चाय पीना चाहेंगे ।
———————
फ्री मे एक सलाह दें तुझे ,
आओ बैठो एक कप चाय पिलादें तुझे ।
———————
हम थके हुए हैं जरा चाय ही पिला दो ,
अगर प्यार हमसे करती हो तो
बस एक बार तो जता दो ।
———————
तेरी चाय दूर कर देती है हमारी थकान को ,
और क्या चाहिए जिदंगी मे इस इंसान को ।
———————
अगर आपके हाथों की चाय जो मिल जाए ,
कसम से हमारे दिल की कलियां खिल जाए ।
———————
क्यों हमारे बीच यह खामोशी है ,
तेरी फीकी चाय ही इसके लिए दोषी है।
———————
तेरे गुलाबी होठों पर लगती है चाय की प्याली ,
देखकर जलन हो जाती है साली ।
———————
दिल मिले ना मिले पर चाय जरूर पिलाते हैं ।
हमारे संग चाय पीकर दुश्मन भी खिलखिलाते हैं।
———————
बैठो जरा मैं चाय लेकर आती हूं ,
फिर देखो कैसे तुम्हें हंसाती हूं ।
———————
तेरी चाय मे है हर गमों का इलाज ,
हम तो इसी लिए घूमते हैं ,
तरे आगे पीछे आज ।
———————
तेरी चाय ने दो दिलों को मिलाया है ,
हमारे दिल मे महोब्बत का फूल खिलाया है।
———————
तेरे हाथों की चाय पीते हैं हम बड़े चाव से ,
फिर भी बचना चाहते हैं हम इश्क के बहाव से ।
———————
तू जमाने की फिक्र मत कर ,
मेरी चाय सिर्फ तेरे लिए है ,
हर किसी से इसका जिक्र मत कर ।
———————
मत खेलो चाय पिलाकर
हमारे ज्जबातों से ,
हमतो तो दोस्ती करके रखते हैं
गर्म रातों से ।
———————
आज आपने प्यार भरी चाय पिलाई है ,
और एक सोने की रिंग हमे दिलाई है।
———————
ठंड का मौसम हो ,
तेरे प्यार से हमारा जंहा रोशन हो ,
प्यारी चाय बनाने वाली
तेरे जैसी पड़ोसन हो ।
———————
तेरे बिना चाय मे भी ताजगी नहीं ,
आज दिल मे दर्द है मगर
तुमसे कोई नाराजगी नहीं ।
———————
हम तो आते हैं तुम्हारी एक झलक पाने के लिए ,
चाय ही काफी है तुम्हारी ,
हमे पूरे दिन हंसाने के लिए ।
———————
वक्त बेवक्त याद तुम आते हो ,
चाय के साथ बिस्कुट तुम रोज खाते हो ।
———————
तेरी चाय तो इश्क की चाबी है ,
दिल हमसे भी लगाले ,
हममे क्या खराबी है।
———————
किसी शाम चाय तुम्हारे संग पीयेंगे ,
हम भी यूं अकेले नहीं जीयेंगे ।
———————
हम दिल से तो तुम्हारे हैं ,
पर तुम्हारी चाय संग दिन गुजारे हैं।
———————
चाय अदरक वाली बना लेना है ,
याद तो तुम्हे करते हैं ,
बस हमे दिल मे बसा लेना ।
———————
चाय जैसा रंग तुम्हारा है ,
यादों मे हमने तेरे संग वक्त गुजारा है।
———————
गरम चाय को खूबसूरत हसीना पिलाने वाली हो ,
जो हमारे संग इश्क लड़ाने वाली हो ।
———————
मजा आता है तेरे हाथ की चाय पीने मे ,
सकून मिलता है इस सीने मे ।
———————
आदत नहीं है हमे अकेले जीने की ,
तमन्ना हम भी रखते हैं तेरे संग चाय पीने की ।
———————
दिल बैचेन हो जाता है , जब आपसे बात नहीं होती ,
आपकी चाय के बिना , सुबह की शूरूआत नहीं होती ।
———————
चाय तो तेरी बेवफा निकली ,
और तू भी उड़ गई बनकर तितली ।
———————
अब तो हमे चैन से जीने दे ,
रह गए हैं दिल मे अरमान ,
कम से कम इक चाय तो पीने दे ।
———————
हमसे इश्क करना कबका छोड़ दिया उसने ,
हमारी चाय से भी मुंह मोड़ दिया उसने ।
तेरी चाय तो गर्म थी जीभ जल गई ,
तेरे संग पता ही नहीं चला ,कब शाम ढल गई ।
———————
गर्मी हो या सर्दी फिर भी चाय देती है मजा ,
हम मर भी नहीं सकते हैं ,
दिल तोड़कर तुमने दी है हमें ऐसी सजा ।
———————
चाय तेरी शराबी है ,
दिल मे तुझसे मिलने की बेताबी है।
कह नहीं सकते यह महोब्बत बस किताबी है।
———————
———————
यह मजेदार चाय आपने बनाई ,
और चायवाली की छवि इस दिल मे बसाई ।
———————
क्या एक कप चाय आपके संग भी हो जाए ,
कसम से हसीन जिदंगी का रंग भी हो जाए ।
———————
ऐ रब मेरी एक ख्वाहिश पूरी करदे ,
उसकी चाय के संग रहना मेरी मजबूरी करदे ।
———————
तेरी चाय मे तेरे होठों का मिठास हो ,
जब तू बोले मुझे प्यार से ,
वो लम्हा कितना खास हो ।
———————
थोड़ा सा नशा चाय का थोड़ा सा नशा आपका ,
हम तो बस इंतजार कर रहे हैं आपके जवाब का ।
———————
तेरी चाय के बिना दिन हमारा ढलता नहीं ,
जब तक प्यार की आग से हाथ जलता नहीं ,
तब तक इंसान महोब्बत छोड़कर चलता नहीं ।
———————
बर्फ सा ठंडा मौसम है ,
अगर चाय हो तो पिला दो ,
अगर तुम्हे प्यार ही जताना है
तो हमें अपने हाथों से खिलादो ।
———————
दिल तोड़ कर न जा ए चायवाली ,
तेरा दिल लगाने के लिए गा देंगे क्वाली ।
———————
अब मजा नहीं आता है तेरी चाय पीने मे ,
खंजर जो चुभो दिया है तूने हमारे सीने मे ।
———————
चाय नहीं बची इस गिलास मे ,
पूरा जीवन गुजार दिया ,
आप से प्यार की आस मे ।
———————
अब हर चाय पर तेरी चर्चा करेंगे ,
बनजा हमारी गर्लफ्रेंड खूब खर्चा करेंगे ।
———————
चाय पीने से जोश आता है ,
जब तू किस करती है तो होश आता है।
———————
बेरंग जिदंगी मे रंग भर दिया तुमने ।
और कुछ नहीं इस चाय का संग भरदिया तुमने ।
———————
इस चाय पर नाम तेरा लिखते हैं ,
पता नहीं क्या हो गया है ,
अब तो हमें सपने मे भी आप दिखते हैं।
———————
जब तेरी याद सताती है ,
चाय भी कमब्खत गिर जाती है।
———————
सुबह की चाय हो , और तेरी यादों का साथ हो ,
हम प्यार करते हैं तुम से ,
फिर जमाने मे क्यों ना बात हो ।
———————
चाय पिलाकर उसने रवाना किया हमको ,
दिल तोड़कर जमाने से बैगाना किया हमको ।
———————
साथ आपका हम जिदंगी भर निभाएंगे ।
और कुछ नहीं तो कम से कम चाय ही पिलाएंगे ।
हमारे साथ सकून भरी जिदंगी जीकर देखो ,
एक बार हमारे हाथ की चाय पीकर देखो ।
———————
तुम्हारी बातों से दिल जलता है ,
तुम्हारा किसी और को चाय पिलाना
हमें बहुत अधिक खलता है।
———————
चाय तेरी काफी गर्म है ,
होठों पर तुम्हारी शर्म है।
तुमसे प्यार करना हमारा धर्म है।
———————
बेदर्द प्यार मे
बस तेरी चाय याद आती है ,
इस तन्हा दिल को
सकून दे जाती है।
———————
चाहे खुशी हो चाहे गम हो
नाम तेरा लबों पर रहता है ,
तेरी मीठी चाय की कहानी
अब तो हर कोई कहता है।
———————
सुबह जरूरी है ,
शाम भी जरूरी है ,
तेरी चाय के बिना
महोब्बत अधूरी है।
———————
गम भुलाने को पीता हूं मैं ,
अब तो तेरी चाय के संग जीता हूं मैं ,
———————
अगर मेरी चाय पीओगे
तो गम भूल जाओगे ,
उसके बाद मेरी यादों
संग घुल जाओगे ।
———————
तेरी चाय पीकर मस्त हो जाते हैं हम ,
पर love का इजहार करने मे पस्त ,
हो जाते हैं हम
———————
दिन बीत जाता है तेरी चाय की मस्ती मे ,
कभी भी बुला लेना ,हमतो रहते हैं तेरी बस्ती मे ।
———————–
तेरी चाय का मीठा स्वाद था ,
फिर भी तू हमारे लिए एक अपवाद था।
———————
चाय की लत हो ,
तेरी खिदमत हो ,
खुदा की तेरे उपर रहमत हो ।
———————
महोब्बत मे कभी दगा मत देना ,
और चाय की लत कभी लगा मत लेना ।
———————
हम तुझे एक दिन चाय पर बुलाएंगे ,
हमारे दिल की बात तुम्हें बताएंगे ।
———————
तेरी चाय की चुस्की सिरदर्द मिटा देगी ,
दुश्मनों की दोस्ती तुम्हें लिटा देगी ।
———————
चलो आज तेरे हाथों की चाय
पीकर आते हैं ,
आज पहले वाला जीवन जीकर आते हैं।
———————
मेरी चाय से तू प्यार मतकर ,
दिल है दिवाना तेरा
हमारा तू यूं इंतजार मत कर ।
———————
तेरी चाय भी इश्क जैसी है।
तुम से दोस्ती क्या करें ,
तेरी दोस्ती भी रिस्क जैसी है।
———————
चाय जैसी महोब्बत है तेरी ,
जिदंगी डूब गई है इसमे मेरी ।
———————
यह बारिश का मौसम है ,
यह दिल तेरी चाय से रोशन है।
———————
यह जूगनू चांद सितारे सब झूंठी बातें हैं ,
बस हम तो तेरी चाय से दिल लगाते हैं।
———————
क्यों हमारी चाय से मन बहलाते हो ,
अगर प्यार है हमसे तो फिर इतना क्यों शर्माते हो ।
———————
तुम चांद हो पूनम का
तेरी चाय मे काम होता है सुमन का ।
———————
तेरी चाय को बांहों मे भरते हैं हम ,
तू क्या जाने तुमसे कितना इश्क ,
करते हैं हम ।
———————
अपनी गर्म चाय से हमारा कलेजा मत जलाया करो ,
अगर प्यार ही नहीं है हमसे ,
तो यूं बहाने ना बनाया करो ।
———————
इस चाय की महोब्बत तुम क्या जानो ,
यह आशिक है तुम्हारा इसे पहचानो ।
———————
अगर सुबह की चाय तेरे संग हो ,
तो ना कभी फिर हमारी जिदंगी मे जंग हो ।
———————
दिल दिया तुम्हें जान भी देंगे ।
अगर चाय दोगे ,
तो फिर मान भी लेंगे ।
———————
चाय तेरी बुरी नहीं है ,
तेरी चाय पीना हमारी मजबूरी नहीं है ।
———————
तुमने चाय की तरह पकाया है हमको ,
अगर महोब्बत ही नहीं है हमसे ,
तो क्यों इतना सताया है हमको ।
———————
चाय तुम्हारी हमें बहुत भाती है ,
प्यार का नशा दिल पर वो कर जाती है।
———————
अगर चाय मे ज्यादा डूबोंगे
तो बिस्कुट की तरह टूट जाओगे ,
अगर हमसे दोस्ती करोगे तो
पीछे छूट जाओगे ।
———————
तुम्हारी यादे ही काफी हैं दिल जलाने के लिए ,
क्यों यह इतनी गर्म चाय देती हो हमे सताने के लिए ।
———————
तेरे साथ इश्क का वहम पाल रखा है ,
तेरी चाय के कप को आज भी संभाल रखा है।
———————
तेरी चाय मे आज चीनी कम थी ,
क्या बताते हम तुझको
हमारी आंखे नम थी।
——————–
अपने हाथों की गर्मा गर्म चाय हमे भी पिला दिया करो ,
महोब्बत करते हैं आपसे कभी तो नजरे मिला दिया करो ।
———————
अच्छी नहीं लगती है ठंडी महोब्बत ,
महोब्बत तो चाय की तरह गर्म चाहिए ।
———————
तेरी चाय को पीये बीत गए हैं जमाने ,
याद आते हैं तेरे संग बीताए वो तराने ।
———————
हमारे सामने यूं मुंह ना बनाया करो ,
एक कप चाय प्यार से पिलाया करो ।
———————
तेरी चाय संग मेरी चाहत है ,
जब से देखा है तुझे गैरों के साथ
यह दिल बहुत आहत है ,
———————
चाय तो बस एक बहाना था ,
असली मकसद तो तुम से दिल लगाना था।
———————
इस चाय के कप पर तेरे
होठों के निशान मिले ,
बस एक बार मिल जाए
चाय तेरे हाथों की तो
जान मे जान मिले ।
———————
हमने चाहा है तुझे एक चाय की तरह ,
रहे हैं संग तेरे चाय की तरह ।
———————
तेरी चाय पर मेरा हक है ,
पर मुझे तेरे प्यार पर शक है।
———————
दावा तो करो तुम मेरी होने का ,
रोज चाय बनाकर देंगे तुझे ,
और एहसास कराएंगे तुझे प्यार मे खोने का ।
———————
तेरा मूड है चाय पिलाने का तो पिलादे ,
अगर तेरा मूड है जलाने का तो जलादे ।
———————
बढ़ जाता है स्वाद चाय का अगर तू साथ हो ,
बता देना हमे अगर दिल मे कोई बात हो ।
———————
तेरी चाय के संग पूरी जिदंगी जी लूंगा ,
अगर जहर भी तू पिलाएगी तो पी लूंगा ।
———————
एक्स गर्लफ्रेंड के हाथो की चाय पी के आया हूं ,
तू तो जीने नहीं देती ,
अब किसी और 7 जन्म पलभर मे संग जी आया हूं ।
———————
अपनी बाहों में बिठा के चाय पिला दो ,
हम करते हैं गुजारीश आपसे
हमें भी आईफोन दिलादो ,।
———————
पूरी रात तेरी चाय के ख्वाब आते रहे ,
और हमें यूं ही तडपाते रहे ।
———————
दोस्ती तुझ से करने आये थे
मगर तेरी चाय से हो गई ,
तेरी चाय संग हमारी
जिदंगी खो गई ।
———————
आज तेरी चाय संग महफिल सजेगी ,
और तेरे हाथों मे हमारे नाम की मेहंदी रचेगी ।
———————
पसंद है हमे चाय आसाम की ,
माला जापते हैं हम तो यार तेरे नाम की ,
तेरे बिना यह चाय किसी काम की ।
———————
कलम से लिखते हैं दिल पर नाम तेरा ,
तेरी चाय संग होता है हमारा सवेरा ।
———————
एक दिन आपको हमारी चाय पर आना पड़ेगा ,
हमारी रोती दुनिया को आपको हंसाना पड़ेगा ।
———————
मौसम कितना सर्द है ,
तेरी चाय मे तेरे दिल का दर्द है ।
———————
खूशबू की जरूरत है सांसो को ,
अब चाय के मीठास की जरूरत है एहसासों को ।
———————
अपनी चाय मे इश्क मिला दिया तुमने ,
हम तो मुरझाए ही अच्छे थे ,
क्यों यह महोब्बत का फूल खिला दिया तुमने ।
———————
तेरी अदरक वाली चाय
मेरी हर टेंशन का इलाज है ,
तेरा हर किसी से मिलना ,
हमे एतराज है।
———————
चाय तेरी शर्म से लाल हो गई ,
अगर महोब्बत करती थी हमसे
तो मिली क्यों नहीं ,
आज क्यों इतनी साल हो गई ।
———————
तेरी चाय की भी बदमाश अदाएं हैं ,
इस दिल पर वार करने वाली तेरी आंहे है।
———————
एक बार तेरे हाथों की चाय पी लेंगे ,
तो चंद लंम्हों मे सदियां जी लेंगे ।
———————
अब तुमसे ज्यादा प्यार चाय से करने लगा हूं ,
तेरी हर अदा पर अब मैं मरने लगा हूं ।
———————
दोस्ती मेरी चाय और पकोड़ों संग है ,
तेरे संग ही जिदंगी मे उमंग है।
———————
महोब्बत का हमारे यहां काम नहीं है ,
तेरी चाय तो फिर भी इतनी खराब नहीं है।
———————
तेरी चाय तो हमारी सांसों मे घुल गई है ,
मगर तू हमारा नाम भी भूल गई है।
———————
मेरे रग रग मे तेरी चाय सफर करती है ,
यह तेरे प्यार की हमे खबर करती है।
———————
बांट लेंगे हम अब तेरे गम को ,
बस अपने हाथों की चाय पिलादे हमको ।
———————
आज फिर तेरी यादों मे बह गए है ,
तू तो चाय पिकर चली गई और अकेले रह गए हम ।
———————
दिल तो टूटना ही था ,
तेरी चाय संग जो दिल लगाया था ।
जब प्यार ही नहीं था तो क्यों हमें फंसाया था।
———————
तेरी चाय दिल का दर्द मिटा देती है ,
प्यार के गम को यह हटा देती है।
———————
तेरे बिना यह चाय भी बेस्वाद सी लगती है ,
तू हमें नहीं टोकती तो जिदंगी अपराध सी लगती है।
———————
तेरी चाय और हमारे बीच कभी दूरियां आ नहीं सकती ,
पत्थर से दुनिया कभी दिल लगा नहीं सकती ।
———————
चाय के हर घूंट मे बस तुम्हारी याद आती है ,
बताएं क्या यह हमें बहुत सताती है।
अच्छी नहीं लगती है कोई चाय तेरे बगैर ,
चाय पर आ जाना मत लगाना देर ।
———————
भरी बाल्टी तुम्हारी याद है ,
और कुछ नहीं अब तो तेरी चाय का साथ ।
———————
कमब्खत तेरी चाय की लत लग गई हमे ,
क्या बताएं इससे महोब्बत लग गई हमें ।
———————
यह तो यारों चाय पीने का जमाना है ,
हमे तो बस तुम से दिल लगाना है।
तेरे संग चाय पीना शौक है मेरा ,
तेरा प्यार आलोक है है मेरा ।
———————
चलों इस दुनिया मे खुलकर जी लेते हैं ,
आओ तेरे संग इक चाय ही पी लेते हैं।
———————
आता नहीं है हमें चाय पिलाकर दिल तोड़ना ,
बहुत बुरा लगता है तेरी चाय को छोड़ना ।
———————
चलो चाय से शूरूआत करते हैं ,
दिल लगालो हमसे प्यार की बात करते हैं।
———————
हमने उसको रूठना और मनाना छोड़ दिया ,
जब से उसने हमारी चाय का गिलास फोड़ दिया ।
———————
मैं इलाइची पीसती रही ,
और हमारी यादें उनको
चाय की तरह खींचती रही ।
———————
हल्के मे मत लेना तुम सांवले रंग को ,
तेरी चाय पीकर ही हम जीत लेंगे हम दुनिया की जंग को ।
———————
इस चाय का रिश्ता तेरे संग बनाया है ,
जब तू रूठती है तो तुझे हर बार मनाया है।
———————
तेरी कड़क चाय पीकर हम शेर हो गए ,
जब याद आई तुम्हारी ,
तो खूब दारू पी और ढेर हो गए ।
———————
तू तो चायवाली के नाम से मसहूर है ,
हम चाय क्यों नहीं पिलाती हो ,
हमारा क्या कसूर है।
———————
इस चाय की तरह उबली है जिदंगी ,
फिर भी पसंद आती है हमें तेरी बंदगी ।
———————
चाय वैसे तो ट्रेन मे भी मिल जाती है ,
पर उसमे तेरे हाथों की खूशबू कहां ।
———————
चाहत के बिना महोब्बत अधूरी होती है ,
और तेरी चाय के बिना सुबह अधूरी होती है।
———————
असली जिदंगी मे जो चाय पीते हैं ,
वह खुलकर जीते हैं।
———————
इस चाय का नशा तुम क्या जानो ,
देखो हमारी आंखों मे और दिलल्गी पहचानो ।
———————
चाय दूध और पानी से बनती है ,
और प्यारी दोस्ती चाहने से बनती है।
———————
आज तो चाय पीने आ जाओ ,
कभी तो हमारे दिल पर छा जाओ ।
———————
सूरज की रोशनी से दिन मे उजाला है,
कडक ठंड मे चाय का मजा निराला है ।
———————
शराबी क्या जाने चाय का नशा ,
तेरी चाय मे यह दिल है बसा ।
———————
चाय के संग हम तुम्हें हर बार मिलेंगे ,
हम वो फूल हैं जो किचड़ मे भी खिलेंगे ।
———————
प्लेज पर चाय को सजाया है तुमने ,
हम अब मर भी नहीं सकते ,
इतना सताया है तुमने ।
———————
हाथ मे चाय की प्याली है ,
इसके संग दोस्ती निराली है।
———————
अगर चाय पर बुलाओगे तो आएंगे ,
अगर हमसे दिल लगाओगे तो बहुत सताएंगे ।
———————
जो कामयाबी का नशा है ,
वो तेरी चाय मे बसा है।
———————
चाय तेरी गर्म थी ,
पर होठों की मुस्कान नर्म थी ।
हम कह नहीं पाए दिल की बात
क्योंकि हमें भी शर्म थी।
———————
तेरी यह चाय बहुत खूबसूरत है ,
यह हमारे दिल की जरूरत है।
———————
निकले थे इस चाय की तलास मे ,
चाय पर दोस्ती हो जाए किसी से इस आश मे ।
———————
तेरी जूठी चाय भी पीयेंगे हम ,
तू जहां भी रहेगी तेरे संग जीएंगे हम ।
———————
तू तो चाय को किस करती है ,
हमे तो बस बथेर्ड पर विश करती है।
———————
आज चाय पीने का मन कर रहा है ,
कमीना दोस्त तो शराब से
जीवन हनन कर रहा है।
———————
आज गर्म चाय हो जाए तेरे संग ,
कसम से दिल मे आ जाएगी उमंग ।
———————
हमे जागने की इजाजत नहीं देते हैं तेरे ख्वाब ,
क्योंकि तू है चाय का मिठास भरा तालाब ।
———————
चाय के बहाने से ही उठ जाया कर ,
कम से कम चाय के संग तो वक्त बिताया कर ।
———————
रखते हैं रोज एक चाय का प्याला तेरे नाम का ,
नशा ही निराला होता है इस जाम का ।
———————
यह चाय की लत ही बड़ी खराब है ,
यह तो हमारे लिए एक दूसरी शराब है ।
———————
तेरी चाय हमे ताजगी देती है ,
पर तू तो हमे नाराजगी देती है।
———————
चाहोगे तो छूटेगी नहीं चाय की आदत ,
तुझे पाने के लिए की है हमने खुदा से इबादत ।
———————
तेरी चाय की खुशबू बसी है मुझमें ,
तेरे होठों की हंसी है मुझमे ।
———————
चाय मे इलाइची हम डालते नहीं ,
बेकार की महोब्बत हम पालते नहीं ।
———————
वक्त के साथ तेरी चाय के रंग धुल जाएंगे ,
हम भी एक दिन तुझे भूल जाएंगे ।
———————
पसंद नहीं है मिलने मे हमें देरी ,
चाय की सी आदत हो गई है हमे तेरी ।
———————
तेरी चाय संग होता है सवेरा ,
इस सांवले रंग से इश्क है मेरा ।
———————
हम तो प्रीत तेरे संग लगा बैठे ,
तेरी चाय को शराब की तरह पिया ,
और खुद को जंग लगा बैठे ।
———————
यह तेरी चाय नहीं मधुशाला है ,
हमारे दिल मे इस चाय का स्थान निराला है।
———————
तू नहीं तो तेरी यादों के संग जीते हैं ,
हम तो तेरी चाय बहुत प्यार से पीते है।।
———————
इस गहरी ठंड मे तेरी चाय की चुस्की है ,
और कुछ नहीं यह महोब्बत उसकी है।
———————
इशारो ने बताया है महोब्बत का नाम ,
अब तो चाय पीते हैं उसके घर के आगे सुबह और शाम ।
———————
इस चाय मे हमें तेरी शक्ल नजर आती है ,
खूबसूरती से बनाना चाय तेरा अक्ल नजर आती है।
———————
जी चाहता है हम तो तेरे खयालों मे खो जाए ,
तू नहीं तो कम से कम तेरी चाय के हो जाएं ।
———————
चाय नहीं दी है तुझे रखने के लिए ,
दोस्ती हमने की है तुझे परखने के लिए ।
———————
तेरी चाय पीते हैं तेरा दिल रखने के लिए ,
जी ललचाता है तेरी चाय को चखने के लिए ।
———————
तेरी चाय तो हमारे नसीब मे लिखी है ,
इस चाय मे महोब्बत तेरी दिखी है।
———————
चाय के संग अगर तेरा प्यार हो
तो पीने का मजा आता है ,
अगर आशिक दिलदार हो
तो जीने का मजा आता है।
———————
चाय मे मीठा कम नहीं होना चाहिए ,
तेरे संग रिश्ते मे प्यार खत्म नहीं होना चाहिए ।
अगर चाय ना मिले तो सिर मे दर्द हो जाता है ,
अगर तेरी महोब्ब्त मिल जाए तो बूढ़ा भी मर्द हो जाता है।
———————
तेरी चाय संग दिन हो ,
तेरी चाय संग रात हो ,
तेरा और मेरा
जिदंगी भर का साथ हो ।
———————
मेरे सामने बैठ कर चाय को पीती है वह ,
हम प्यार उनसे करते हैं ,
फिर भी अकेलेपन मे क्यों जीती है वह ।
———————
आजकल दम ही नहीं रहा है ,
आशिकों के वादों मे ।
तेरी चाय हो तो
खो जाएंगे तेरी यादों मे ,
———————
कुछ ख्वाब आसमानी थे ,
कुछ ख्वाब नादानी थे ।
और कुछ चाय
प्यार की निशानी थे ।
———————
तू जब चाय पिलाती है ,
तो बादलों मे उड़ता है मन ,
और तेरे स्पर्श से महक जाता है
मेरा तन और बदन ।
———————
कुछ ख्वाहिश अधूरी है ,
हर सुबह और कुछ नहीं
बस तेरी चाय जरूरी है।
———————
तू है चाय मे दूध की तरह ,
महोब्बत करती हैं हमसे खुद की तरह ।
———————
इश्क भी फीका पड़ जाए तेरी चाय के सामने ,
तेरी चाय ही काम आती है ,
जब लगते हैं ठंड से कांपने ।
———————
मर्ज कैसा भी हो इलाज तेरी चाय से होगा ,
हम भी बनकर रहेंगे तेरे संग हवा का झोका ।
———————
बार बार तुम याद ना आया करो ,
चाय मे अपनी यादों को ना समाया करो ।
———————
इन खयालों से परे हो तुम ,
पर दूर क्यों खरे हो तुम ,
अपनी चाय संग वक्त
बिताने के जरे हो तुम ।
———————
———————
इस खामोशी से इंतजार करते हैं तुम्हारा ,
इस चाय के लिए इंतजार करते हैं तुम्हारा ।
———————
चाय जैसा रंग है तेरा ,
तुझे देखकर कलेजा भंग है मेरा ।
———————
ना चाय होती ,
ना तेरी मेरी दोस्ती होती ,
ना यह जिदंगी यूं रोती ।
———————
आज की चाय तेरे होठों संग पीयेंगे ,
अगर तू नहीं रही तो तेरे फोटो संग जीयेंगे ।
———————
बेकार नहीं जाती है कोई कुर्बानी ,
चाय के नाम पर वेस्ट मतकर हमपर अपनी जवानी ।
———————
मेरा आखरी मुकाम हो तुम ,
इक चाय संग मेरी शाम हो तुम ।
———————
यह चाय दु:ख की दर्द की मोहब्बत की निशानी है ,
कम करते हैं इससे जो परेशानी है।
———————
तेरी गर्म चाय पीकर कलेजा जला लेंगे ,
अगर तू नहीं आएगी तो तेरी चाय से दिल लगा लेंगे ।
———————
तुम्हारी याद हमें हर वक्त सताएगी ,
तू कहां है यह चाय हमें बताएगी ।
———————
मायूस चेहरे खिलेंगे ,
जब हम दोस्त चाय पर मिलेंगे ।
———————
वैसे तो दोस्त बहुत गंवार हैं ,
पर चाय पीने मे बहुत होशियार हैं।
———————
इशारों इशारों मे बात होती है ,
कुछ भी याद नहीं रहता जब तेरी चाय साथ होती है।
———————
मेरे चाय एक बार पीकर देखो जनाब ,
जिदंगी बन जाएगी महकती किताब ।
———————
इस खूबसूरत दुनिया मे ,
मेरी चास से खूबसूरत कुछ और नहीं ,
यूं ही हर तरफ हमारी चाय का शौर नहीं ।
———————
तेरी चाय को दिल से चाहा है हमने ,
तुझे पाने के लिए बहुत कुछ सहा है हमने ।
———————
हम तुझे चाय की तरह चाहते हैं ,
गम मे हमें बस आप ही याद आते हैं।
———————
दूध से बस हड्डियां मजबूत होती हैं ,
पर चाय से दिल के रिश्ते मजबूत होते हैं।
———————
मानो या ना मानो ,
हमें तुझ से ज्यादा तेरी चाय भाती है ,
जब नहीं पीते हैं तो इसकी बहुत
याद आती है।
———————
यादे तेरी कभी दिल से छूटती नहीं ,
चाय है एक सबसे प्यारी चीज ,
जो हमसे कभी रूठती नहीं ।
———————
तेरी चाय का नाम हर गली महोल्ले मे है ,
जैसे जय और विरू की महोब्बत शौले मे है।
———————
हम दोस्तों से चाय के संग मिलेंगे ,
हम वो फूल हैं जो चाय के संग खिलेंगे ।
———————
रिश्ते मजबूत होते हैं चाय पिलाने से ,
नए रिश्ते बनते हैं दिल मिलाने से ।
———————
हम तो आवारा हैं यह जमाना कहता है ,
पर तेरी चाय से ही ,
इस दिल मे धड़कन रहता है।
———————
इस दुनिया से जुदा हो गए हैं हम ,
तेरी चाय को पीकर खुद
खुदा हो गए हैं हम ।
———————
आज थोड़े निराश थे हम ,
पर तेरी चाय के लिए आज भी खास थे हम ।
———————
इश्क से हारे लोग हैं हम ,
कभी ना ठीक होने वाला रोग हैं हम ,
बस चाय पीने वाले शौक हैं हम ।
———————
हम मिलेंगे तुझे चाय के ठिकानों मे ,
हम रहते हैं तेरे दिल के अरमानों मे ।
———————
यह चाय ही दीया और बाती है ,
चाय ही मेरे सुख दुख का साथी है ।
———————
हम तो तेरी चाय के दीवाने हैं ,
देखे हैं तेरी चाय संग बहुत फसाने हैं।
———————
इस चाय का नशा शराब जैसा है ,
तेरे हाथों से चाय पिलाना ख्वाब जैसा है।
———————
कुल्हड़ वाली चाय पर यारो हम मरते हैं ,
पर शराब पीने से आज भी हम डरते हैं।
———————
तेरी चाय संग रिश्ता बनाएं क्या ,
अगर दोस्ती ही करली है हम से
तो फिर सताएं क्या ।
———————
बेफिक्र होकर हम तेरी चाय पीते हैं ,
कुछ भी ना हो फिर भी जिदंगी हम
शान से जीते है।
———————
यह आसमां तेरे लिए सजा है ,
तेरी चाय की घूंट घूंट मे मजा है ।
———————
शौक नहीं रखते हैं हम अमीरो वाले ,
जो चाय पीते हैं वो होते हैं तकदीरों वाले ।
———————
आजकल देखे बिना ही प्यार होता है ,
तेरी चाय के बिना दिन बेकार होता है ।
———————
यह चाय वाला ढाबा है ,
यहां पर प्यार भरी आभा है।
———————
चाय पीता हूं तेरी तस्वीर सामने रखकर ,
जैसे तू चाय पिला रही है।
———————
मजबूत रिश्ते तेरे संग बनाएंगे ,
एक चाय पिलादो हमें ,
तुझे जिदंगी भर हंसाएंगे ।
———————
चाय मे अदरक का स्वाद हो ,
आज ऐसा लगा जैसे
तेरे हाथों की चाय पीना अपराध हो ।
———————
अपने वतन के लिए जीते हैं ,
यार हम जहर नहीं बस चाय ही तो पीते हैं।
———————
महोब्बत इस दिल की सजा है ,
सर्दी मे चाय पीने का मजा है ,
जिदंगी मे बस यही बचा है।
———————
इस चाय संग आज हम इंतजार करेंगे ,
आज तेरे संग आंखे चार करेंगे ।
———————
यह देश आगे बढ़ता रहा ,
और हमें तेरी चाय का नशा चढ़ता रहा ।
———————
तेरी चाय का नशा जब से चढ़ गया है ,
हमारा बीपी भी तब से बढ़ गया है।
———————
आप बहुत नमकीन हैं ,
हम तो बस आपकी चाय के शौकीन हैं ।
———————
दिन की शुरूआत तेरी चाय के साथ करते हैं ,
और महोब्बत की शूरूआत तेरी बात के साथ करते हैं।
———————
जब तेरी चाय की कमी होती है ,
तब मेरी आंखों मे नमी होती है।
———————
तेरी चाय से आती है हममे ताजगी ,
और दूर हो जाती है इससे नाराजगी ।
———————
हम तो तेरी चाय के लिए पागल हैं ,
इस चाय के संग हम नांगल हैं।
———————
खामोश बाहें हों ,
तेरी चाय के संग राहें हो ,
प्यार भरी तेरी फिजाएं हो ।
———————
गर्मी में भी सर्द हवा जैसी है तू ।
स्वाद मे कड़क चाय देसी तू ।
———————
फलों ने डालियों को झोंका हू ।
तेरी चाय ने हमें यहां रोका है।
———————
फूर्सत मिल जाए तो यह चाय पी लेना ,
जब आप गम मे हो तो हमारा नाम
लेकर जी लेना ।
———————
हमने तेरी चाय से दिल लगा रखा है ,
क्या बताएं इस जमाने ने हमें बहुत सता रखा है।
———————
देखी है हमने बहुत दुनियादारी ,
चाय के संग बनती है नई यारी ।
———————
वो चाय वाला प्यार हो ,
अपनों का संसार हो ,
अगर करते हो प्यार किसी से
तो कहदो क्यों इंतजार हो ।
———————
तेरी हर चाय पर मेरा हक है ,
पर तुझे हमारे प्यार पर शक है ।
———————
आज चाय पर हमने तुझे बुलाया है ,
तुझ से अभी हिसाब बकाया है।
———————
आज इतवार है ,
अब तो तेरी चाय का इंतजार है।
———————
साथ मे चाय पीने से चाहत बढ़ती है ,
तेरी यह चाय धीरे धीरे चढ़ती है।
———————
जब तेरी चाय पीते हैं
तो तेरी यादें जहन से निकलती हैं ,
सब कुछ सही है ,
पर तेरी कमी खलती हैं।
———————
शराबी क्या जाने चाय का नशा ,
तेरी चाय का रंग तो हमारी रग रग मे बसा ।
———————
हर घूंट मे बस तुमको ही याद करते हैं ,
हम तो वो हैं जो हर जगह दंगे फसाद करते हैं।
———————
झूठी चाय पीने से बढता है प्यार ,
तेरी चाय और बस तू ही है हमारा संसार ।
———————
धीरे धीरे इश्क तो करने लगा हूं मैं ,
तुमसे ज्यादा प्यार तेरी चाय से करने लगा हूं मैं ।
———————
बार बार तुम याद ना आया करो ,
अपनी होठों जैसी चाय पिलाकर
हमें इस तरह से ना सताया करो ।
———————
अनोखा तेरी चाय का स्वाद है ,
जिसने पी ली उसकी जिदंगी बरबाद है।
———————
हर बार वही नयापन ,
हर बार वही ताजगी ,
तू चाय नहीं पिलाती हमें
क्या है नाराजगी ।
———————
चाय तो आशिकों की दुनिया है जनाब ,
यहीं पर सच होते हैं हर ख्वाब ।
———————
अगर चाय मे मीठा अगर कम है ,
तो लगता है तेरे प्यार मे दम है।
———————
ठान लिया है अब और नहीं पीयें चाय तेरे हाथ की ,
पर ठंड बहुत सता रही है इस बरसात की ।
———————
तुम आओगे तो हम पलके बिछा देंगे ,
किस तरह से चाय पीते हैं ,
आ हम तुझे सिखा देंगे ।
———————
खाली दिल आवारा हो गया ,
अब तो बस तेरी चाय का सहारा हो गया ।
———————
बिस्कुट की तरह डूब गए हैं हम तेरी चाय मे ,
इंतजार कर रहे हैं बैठे अकेले इस सराय मे ।
———————
ना चाय पसंद है ,
ना काफी पसंद है ,
हमे अच्छी लगती है
इस चाय मे उठती प्यार की गंध है।
———————
तेरी चाय तो बहुत कमीनी है ,
इसने हमारी जिदंगी छीनी है।
———————
शादी तो तुमसे ही करूंगा ,
बस एक चाय पिलादे ,
किसी से नहीं डरूंगा ।
———————
सर्दी मे चाय सा आपका प्यार हो ,
आपके होंठों संग जिदंगी गुलजार हो ।
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चाय मे चीनी नहीं तो पीने का मजा नहीं ,
ठुकराकर हमारे प्यार को दो
हमें यूं सजा नहीं ।
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बस लबों पर नाम हो तेरा ,
इस चाय के संग हो सवेरा ।
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शराब तो मैं रोज पीता हूं ।
तेरी चाय संग मैं रोज जीता हूं ।
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ये खामोश लम्हे हैं ,
जिदंगी मे हम संभले हैं ,
इस चाय संग किये हमने
बहुत सारे घपले हैं।
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याद आते हैं गुलाबी ठंड के दिन,
आज चाय पी रहे हैं तेरे बिन ।
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जब तू अपने हाथों से चाय बनाती है ,
कसम से तेरी चाय हमें बहुत भाती है।
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बढ़ जाता है स्वाद चाय की प्याली का ,
अगर मूड को चाय बनाने वाली का ।
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यह चाय हमें रोमांटिक होकर पिलाया कर ,
रोज मस्त खाना बनाकर खिलाया कर ।
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यह चाय दिल की तन्हाई को मिटा देती है ,
और तेरी महोब्बत रूसवाई को मिटा देती है।
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अब तो बस तेरी चाय ही सहारा है ,
दिल के गम मे इसी के संग गुजारा है।
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प्यार मे दिल का कसूर होता है ,
और तेरी चाय पीने के बाद ,
इंसान मशहूर होता है।
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ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो ,
मर जाओगे एक दिन यूं ही
सुधर जाओ इंसानो।
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अब तो तेरी चाय मे डूब गया हूं मैं ,
बस तेरा दिदार करने के लिए रूक गया हूं मैं ।
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बिस्कुट की तरह टूट गई है जिदंगी ,
बस रह गई है तेरी चाय संग बंदगी ।
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सर्दियों मे चाय पिलाना पुण्य का काम है ,
इसलिए ही इस चायवाले का हर जगह नाम है।
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उफन रही है चाय रिश्तों का मिठास लिए ,
यह यार चल रहा है तुमसे मिलने की आस लिए ।
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बस हमारे नीचे तेज दौड़ने वाले घोड़े हो ,
हर सुबह चाय संग पकोड़े हो ।
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चाहने लगे हैं हम चाय से ज्यादा ,
तुमसे मिलने का रखते हैं इरादा ।
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बांट लेंगे हम तेरा सारा गम ,
बस चाय देना हमें जरा कम ।
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तेरी यादों से हम आधे रह गए ,
बिना चाय के हम ,
आज तो सादे रह गए ।
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चाय पर बुलाओगे ,
और हमे बहुत रूलाओगे ।
क्या यही दोस्ती है तुम्हारी ।
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कैंसे कहदूं यह चाय बुरी है ,
इसके बिना तो हमारी जिदंगी अधूरी है।
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सुनो जान आज मौसम सुहाना हैं ,
तेरे चाय के संग हमारा रिश्ता पुराना है।
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चाय के कप पर तेरे होंठों के निशान मिले ,
जब तू दिख जाए तो जान मे जान मिले ।
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एक चुम्मा उधार देदे ,
और कुछ नहीं तो चाय देदे ।
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यह गर्मा गर्म चाय ले ,
और बड़ों की राय ले ,
जिदंगी मे कभी पीछे
मुड़कर नहीं देखना पड़ेगा ।
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कहो ना चाय हमारी कैसी लगती है ,
यह तो तेरे होठों के मिठास जैसी लगती है।
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