chandan kitne prakar ka hota hai के बारे मे हम बात करने वाले हैं।सैंडलवुड या चंदन के बारे मे आप जानते ही हैं। दुनिया भर के अंदर भारतिय चंदन काफी अधिक मशहूर है। और भारत के अंदर चंदन की खेती भी की जाती है।
चंदन एक सुंदर, गंधयुक्त पेड़ है जिसका वैज्ञानिक नाम Santalum album है। यह पेड़ भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है इसके अलावा आपको बतादें कि चंदन की लकड़ी का प्रयोग तिलक लगाने मे होता है । चंदन के लकड़ी की खुशबू बहुत आकर्षक होती है, यही कारण है कि इसकी लकड़ी का प्रयोग तंत्र मंत्र आदि के अंदर भी किया जाता है।
चंदन के कई तरह के औषधी प्रयोग भी होते हैं। और इन सब का प्रयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा के अंदर किया जाता है । इसके गुलाबी रंग की खासता और माधुर्य वाली खुशबू इसे विशेष बनाती है। और जो चंदन का तेल होता है , उसके अंदर खास प्रकार के गुण होते हैं , जोकि काफी अच्छा माना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
पहले चंदन का पेड़ घने जंगलों के अंदर पाया जाता था । लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब चंदन की लकड़ी काफी अधिक महंगी होने की वजह से इसकी खेती की जाने लगी है। और खेती करके चंदन के पेड़ को बेचा जाता है। और इसकी मदद से अच्छी कमाई भी की जाती है।
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chandan kitne prakar ka hota hai
आपको बतादें कि वैसे तो चंदन कई सारे प्रकार के होते हैं। लेकिन हम यहां पर मुख्य रूप से 4 प्रकार के चंदन के बारे मे बात करने वाले हैं। जोकि दुनिया के अलग अलग हिस्सों के अंदर पाये जाते हैं । और उनकी सभी डीटेल के बारे मे अच्छे से चर्चा करने वाले हैं। तो आइए जानते हैं चंदन कितने प्रकार के होते हैं , के बारे मे विस्तार से ।
सफेद चंदन (White Sandalwood)
इस चंदन का वैज्ञानिक नाम Santalum album, यह सबसे अधिक अच्छे चंदन के रूप मे जाना जाता है और भारत, श्रीलंका, अफगानिस्तान और अन्य दक्षिणी एशियाई देशों में पाया जाता है।
यदि सफेद चंदन के बारे मे बात करें ,तो आपको बतादें कि इस चंदन के पेड़ की उंचाई 20 से 25 फीट होती है। और पत्ते छोटे, गहरे हरे रंग के होते हैं और इसके फूल सुर्ख या गुलाबी होते हैं। और इस चंदन का प्रयोग तेल को निकालने मे भी किया जाता है। इसके तेल का उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने मे किया जाता है। यह दिमाग को शांत करने वाला तेल होता है।
सफेद चंदन (White Sandalwood) के उपयोग के बारे मे यदि हम बात करें , तो आपको बतादें कि सफेद चंदन का प्रयोग कई तरह की समस्याओं के अंदर किया जाता है।
- धूप और इंसेंस बनाने के लिए: आपको बतादें कि सफेद चंदन का प्रयोग धूप बनाने मे और इंसेंस बनाने मे होता है। इसका तेल का प्रयोग भी धूप को बनाने मे किया जाता है।
- आयुर्वेदिक चिकित्सा: सफेद चंदन का तेल और पाउडर आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग खास तौर पर त्वचा की समस्याओं के अंदर काफी अधिक प्रयोग किया जाता है। , जैसे त्वचा को अधिक गौरा बनाने के लिए , खुजली आदि के अंदर इसका प्रयोग होता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
- सौंदर्य उत्पादों में: साबुन, फेस पैक, बॉडी लोशन जैसी कुछ चीजें होती हैं। जिसका प्रयोग चंदन से किया जाता है। मतलब चंदन से सुंदर दिखने के लिए कई तरह के उत्पाद भी बनाये जाते हैं।
- धार्मिक उपयोग: सफेद चंदन को धार्मिक उपयोग काफी अधिक होता है। जिसके अंदर पूजा पाठ को करने मे चंदन का प्रयोग होता है। तिलक वैगरह करने मे भी सफेद चंदन का प्रयोग होता है। और कई लोग चंदन भगवान को भी चढ़ाते हैं।
- आरोमा थेरेपी: सफेद चंदन का तेल आरोमा थेरेपी में उपयोग होता है, जिसके अंदर यह आपके शरीर और मन के तनाव को कम करने मे मदद करता है।
रक्तचंदन (Red Sandalwood)
इसका वैज्ञानिक नाम Pterocarpus santalinus, यह भी चंदन का प्रकार होता है। इस चंदन की लकड़ी लाल रंग की होती है। जिसकी वजह से इसको रक्त चंदन कहा जाता है। हालांकि भारत के अंदर इसको लाल चंदन के नाम से भी जाना जाता है। यह लकड़ी और पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है और आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
आपको बतादें कि यह चंदन भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है।
इस चंदन की खुशबू भी काफी अच्छी मानी जाती है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।। यह लकड़ी और पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है और धार्मिक आयोजनों, पूजा, और धार्मिक कार्यक्रमों में इसके धूप और तिलक का उपयोग होता है।
इसके अलावा आपको बतादें कि आयुर्वेदिक चिकित्सा के अंदर भी इस चंदन का प्रयोग होता है। यह कई तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए खास तौर पर अच्छा माना जाता है। यह वातनाशक और कफनाशक गुणों से भरा होता है इसका प्रयोग खुजली त्वचा से जुड़ी समस्याओं के अंदर भी काफी अधिक किया जाता है।
लाल चंदन के पेड़ छोटे से मध्यम आकार के होते हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 30-50 फीट होती है। और इसके जो पत्ते होते हैं वे लम्बे, जगदार, छोटे-छोटे गोलाकार होते हैं, और इसके फूल पीले व हल्के लाल रंग के आपको देखने को मिल जाते हैं।
रूसी चंदन (Russian Sandalwood)
इस चंदन का वैज्ञानिक नाम Amyris balsamifera, यह एक अलग प्रकार का चंदन होता है , जोकि नेचुरल चंदन से अलग होता है। इसकी लकड़ी के अंदर गंध धूप की वजह से काफी अधिक उभरती है।
यह पेड़ी धार्मिक उपयोगों के लिए माना जाता है और अधिकतर अमेरिकी ट्रॉपिकल इलाकों में आपको देखने को मिल जाता है। इसके पेड़ काफी बड़े 30 से 40 फीट उंचे होते हैं।इस चंदन का तेल निकाला जाता है। और उस तेल का प्रयोग धार्मिक कार्यों के अंदर किया जाता है। जैसे कि धूप वैगर को इसकी मदद से बनाया जाता है।इसके अलावा इस चंदन का प्रयोग आरोमा थेरेपी के अंदर भी किया जाता है। , खास तौर पर इस चंदन का प्रयोग मन और तन को शांत करने के लिए काफी अधिक प्रयोग किया जाता है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि रूसी चंदन धार्मिक महत्व मे काफी अधिक उपयोगी हो जाता है।
ब्लैक चंदन (Black Sandalwood)
ब्लैक चंदन, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Santalum paniculatum के नाम से जाना जाता है,। यह पेड़ ब्रह्मांडिक उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय इलाकों में आपको देखने को मिल जाता है। इसको नेचुरल चंदन की मदद से बनाया जाता है।
काले चंदन के पेड़ काफी बड़े और विशाल होते हैं , जिनकी ऊंचाई लगभग 30-50 फीट होती है। इसके पत्ते काफी छोटे होते हैं। और इनका रंग काफी गहरा होता है।
इसकी लकड़ी का रंग काला और गहरा होने की वजह से इसको ब्लैक चंदन के नाम से जाना जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।इसकी लकड़ी गंध युक्त होती है। इसकी वजह से इस चंदन का प्रयोग भी धार्मिक कार्यों मे जैसे के पूजा आरती आदि के अंदर किया जाता है। इसको अलावा आरोमा थैरेपी के अंदर भी ब्लैक चंदन का प्रयोग किया जाता है। यह तन और मन को शांत करने का काम करता है।
चंदन का धार्मिक उपयोग
दोस्तों चदंन का धार्मिक उपयोग काफी अधिक होता है। और धार्मिक उपयोग की वजह से चंदन की मांग बाजार के अंदर काफी अधिक बनी हुई रहती है। चंदन का सबसे आम उपयोग तिलक करना । बहुत से लोग चंदन और केसर को मिलाकर रोजाना अपने माथे पर तिलक करते हैं। इसके अलावा धूप वैगरह बनाने के लिए भी चंदन का प्रयोग किया जाता है। और भारत के अंदर इतनी अधिक तांत्रिक क्रियाएं होती हैं , लगभग कई सारी तांत्रिक क्रियाओं के अंदर चंदन का प्रयोग किया जाता है। तो आप चीजों को समझ सकते हैं। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं।कई सारी धार्मिक क्रियों के अंदर चंदन का काफी अधिक प्रयोग होता है , इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा कई अमीर लोगों को चंदन की लकड़ी से जलाया जाता है। यहां पर भी एक धार्मिक एंगल होता है। माना जाता है कि चंदन की लकड़ी से जलाने पर मोक्ष मिलने के चांस काफी बढ़ जाते हैं।
जैसे कि चंदन की माला भी बनाई जाती है। और उसकी मदद से मंत्रों का जाप किया जाता है। कुल मिलाकर बहुत सारे धार्मिक उपयोग चंदन के होते हैं।
चंदन का औषधीय उपयोग
आपको बतादें कि चंदन के कई सारे औषधीय उपयोग होते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।आयुर्वेदिक चिकित्सा के अंदर भी चंदन के कई उपयोग होते हैं।
जैसे कि अपच और गैस जैसी समस्या है , तो उसके अंदर चंदन का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा मानसिक तनाव को कम करने के लिए भी चंदन का काफी अधिक प्रयोग किया जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
इसके अलावा चंदन के प्रयोग से शरीर को उर्जा मिलती है। यह तनाव और थकान को कम करने का काम करता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
त्वचा के छाले, चर्म रोग, एक्जिमा, खुजली, और रुखाई के इलाज के अंदर चंदन का प्रयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इसके अलावा थकान वैगरह की समस्याओं के अंदर चंदन के तेल का अच्छी तरह से मसाज किया जाता है। जिसकी वजह से थकान को दूर करने मे काफी हद तक मदद मिलती है। यूनानी चिकित्सा में चन्दन दस्त, अतिसार, चिड़चिड़ापन एवं मानसिक रोगो में अत्यंत प्रभावकारी औषधि है।
कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं , कि चिकित्सा के क्षेत्र के अदंर भी चंदन का काफी अच्छा प्रयोग किया जाता है। आप इस बात को समझ सकते हैं।
सौंदर्य उत्पादों मे चंदन का प्रयोग
दोस्तों आपको बतादें कि सौंदर्य उत्पादों के अंदर भी चंदन का प्रयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । सौदर्य उत्पादों के अंदर जैसे की त्वचा की सुंदरता बढ़ाने और फेस पैक को बनाने के लिए भी चंदन का प्रयोग किया जाता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते हैं।
इत्र को बनाने मे चंदन का प्रयोग
दोस्तों इत्र के बारे मे आप जानते ही हैं। और आपने कई बार इत्र का प्रयोग भी किया होगा ।इत्र के अंदर भी चंदन का प्रयोग किया जाता है। मतलब चंदन की मदद से इत्र बनाया जाता है। यदि आप चंदन के इत्र को गूगल पर लिखकर सर्च करेंगे तो आपको वहां पर कई सारे चंदन से बने हुए इत्र मिल जाएंगे ।
चंदन इतना महंगा क्यों है ?
दोस्तों चंदन काफी अधिक महंगा है। इसके पीछे का कारण यह है कि इसकी उपलब्धता काफी कम होती है। और मांग अधिक होती है। वैसे यदि हम भारत की बात करें , तो आपको बतादें कि भारत के अंदर चंदन की उपलब्धता काफी होती है। लेकिन यहां से विदेशों को चंदन बेचा जाता है। भारत के लाल चंदन की मांग विदेशों के अंदर काफी अधिक होती है। यही कारण है कि चंदन की कीमत काफी अधिक होती है।चंदन की हार्डवुड का मूल्य 6000 से 12000 रूपये प्रति किलो होता है
चंदन को हम कहां से खरीद सकते हैं ?
दोस्तों यदि आप चंदन को खरीदना है , तो आपको किसी भी किराने की दुकान पर यह मिल जाएगा । वहां से आप इसको बहुत ही आसानी से खरीद सकते हैं। इसके अलावा यदि आप आनलाइन चंदन को खरीदना चाहते हैं , तो वहां से भी खरीद सकते हैं। वहां पर भी आपको मिल जाएगा । लेकिन ध्यान दें । चंदन के अंदर मिलावट आने के चांस भी काफी अधिक होते हैं। , तो आपको हमेशा सही जगहों से ही चंदन को खरीदना चाहिए ।
हम चंदन की खेती कैसे कर सकते हैं ?
यदि आप चंदन की खेती करना चाहते हैं , तो सबसे पहले आपको इसकी खेती के बारे मे अच्छी तरह से जानकारी लेनी होगी । किस तरह से चंदन की खेती को करना ? क्या इसके अंदर चाहिए होता है ? इसके बारे मे आपको रिसर्च करना होगा । एक बार जब आप अच्छे से रिसर्च कर लेते हैं , तो फिर किसी भी तरह की समस्या नहीं होगी । लेकिन आपके अंदर चंदन की खेती का कुछ अनुभव होना जरूरी है। आजकल वैसे तो नेट आदि पर कई तरह की जानकारी उपलब्ध है , तो आप वहां से पढ सकते हैं। और ट्राई कर सकते हैं।
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This post was last modified on August 7, 2023