डायन और चुड़ैल में क्या फर्क है । इसके बारे मे जानेंगे । विस्तार से ।डायन और चुड़ैल को अक्सर एक ही समझ लिया जाता है। मगर आपको बतादें कि इन दोनों के अंदर बहुत सारे अंदर होते हैं। या फिर हम कहें कि इन दोनों के अंदर काफी बड़े अंतर होते हैं। डायन के बारे मे यह कहा जाता है , कि यह एक महिला होती है , और कई सारे तंत्र मंत्र को जानती है। प्राचीन काल के अंदर इस तरह की महिलाएं होती थी । आज भी काली शक्तियों की जानकार महिलाएं हैं , डायन एक प्रकार की विधा होती है। जिसको सिद्ध करने के बाद कोई भी महिला डायन बन जाती है। इसको डायन विधा के नाम से जाना जाता है। हालांकि बहुत से लोगों को यह अंधविश्वास लगेगा । लेकिन हम भांड मिडिया की बात नहीं करते हैं। जो अक्सर भारत के अंदर अंधविश्वास की तो बात करता है , मगर अमेरिका , जापान जैसे देशों मे भारत से भी अधिक बड़े अंधविश्वास का नाम लेने मे उसके पसीने छूट जाते हैं।
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चुड़ैल एक मरी हुई स्त्री होती है मगर डायन जिंदा स्त्री होती है ।
दोस्तों चुड़ैल और डायन मे पहला अंतर तो यही होता है , कि चुड़ैल एक मरी हुई स्त्री होती है , वहीं डायन जिंदा स्त्री होती है। कोई भी जिंदा स्त्री चुड़ैल नहीं बन सकती है। तो यह एक बहुत ही बड़ा अंतर इन दोनों के बीच होता है।
चुड़ैल एक प्रेत योनी है और डायन एक मानव योनी ।
दोस्तों चुड़ैल एक प्रकार की बुरी उर्जा होती है। मगर डायन इंसान ही होती है। बस वह एक अलग प्रकार का काला जादू सीख जाती है। जिसकी मदद से वह ऐसे कई सारे बुरे कामों को अंजाम देने लग जाती है , जोकि उसे नहीं करने चाहिए । याद रखें हर महिला डायन नहीं होती है। डायन बनने के लिए भी कई सारी साधनाएं करनी पड़ती हैं।
एक चुड़ैल मे काम भाव अधिक होता है मगर डायन मे ऐसा नहीं होता है ।
दोस्तों अक्सर एक चुड़ैल होती है , वह हमेशा खुबसूरत पुरूषों का शिकार करने की कोशिश करती है। ताकि वह अपनी काम वासना को पूरा कर सके। अक्सर आपने देखा होगा कि चुड़ैले पुरूषों के उपर ही चिपक जाती हैं । मगर डायन ऐसा नहीं करती है। वह अपनी दूसरी चीजों की पूर्ति के लिए डायन बनती है।
डायन विद्या एक प्रकार की अघोर विद्या है । मगर चुड़ैल अलग प्रकार की होती है ।
दोस्तों डायन और चुड़ैल के अंदर एक अंतर यह है , कि डायन एक प्रकार की अघोर विद्या होती है। जिसको अक्सर अघोरी महिलाएं करती हैं। यह एक प्रकार की तामसिक साधना होती है। जोकि हर किसी के बस की बात नहीं होती है करना । पहले कई सारी महिलाएं इस विद्या को करती थी ।हालांकि समाज के अंदर इस तरह की विद्या को कभी भी पसंद नहीं किया जाता है।
जिस प्रकार से डायन साधना से बनती है। लेकिन चुड़ैल मरने के बाद कोई स्त्री बनती है। इसके लिए किसी तरह की साधना की जरूरत नहीं होती है। अलग अलग प्रकार की चुड़ैलें होती हैं।
चुड़ैले अक्सर सुनसान स्थानों पर रहती हैं। मगर डायन ऐसा नहीं करती हैं ।
दोस्तों चुड़ैलें अक्सर आपको सुनसान स्थानों पर मिलती हैं। मगर क्योंकि डायन एक भौतिक शरीर वाली महिला होती है। इसलिए वह कभी भी खंडरों के अंदर नहीं रहती हैं। वे आम इंसानों के बीच ही रहती हैं। मगर वे ऐसे किसी के सामने नहीं आती हैं। तो पता नहीं चल पाता है , कि कौन डायन है ? और कौन नहीं है ?
डायन के पैर उल्टे नहीं होते हैं मगर चुड़ैल के होते हैं ।
दोस्तों चुड़ैल के बारे मे अक्सर मान्यता यह है , कि उसके पैर उल्टे होते हैं। और उसकी मदद से ही उसको पहचाना जा सकता है। मगर डायन के साथ ऐसा नहीं है। उसके पैर उल्टे नहीं होते हैं। और आप उसको एक नजर देखकर यह पता नहीं लगा सकते हैं , कि डायन है या नहीं है ?
डायन अक्सर बच्चों की शौकिन होती है ? मगर चुड़ैल नहीं ।
दोस्तों डायन के संबंध मे इस तरह की कहानियां अक्सर प्रचलित होती हैं , कि वह बच्चों के शौकिन होती है। और प्राचीन काल के अंदर वह बच्चों को चुरालेने का काम करती थी । और उसके बाद उनको छुपा देती थी । कई बार वह लोगों के पकड़ मे भी आ जाती थी । जिसके बाद उसकी पिटाई होती थी । मगर चुड़ैल एक मरी हुई महिला होती है , जोकि बच्चों के शौकिन नहीं होती है।
चुड़ैल अक्सर बहुत भयानक हो सकती है। मगर डायन ऐसी हो जरूरी नहीं ।
दोस्तों वैसे तो चुड़ैल के अंदर रूप बदलने की क्षमता होती है। और वह किसी भी सुंदर स्त्री के रूप मे बदल सकती है। और उसके बाद पुरूषों को फंसा सकती है। मगर डायन ऐसा नहीं करती है। उसका रूप चुड़ैल की तरह भयानक नहीं होता है। वह देखने मे आपको आम स्त्री की तरह ही दिखाई देती है।
डायन विद्या एक डायन दूसरी स्त्री को सीखाती है , मगर चुड़ैल के साथ ऐसा नहीं है ।
दोस्तों डायन एक प्रकार की विद्या होती है। जिसको सिखाने के लिए एक स्त्री दूसरी स्त्री का प्रयोग करती है। मगर चुड़ैल कोई विद्या नहीं है। यह एक प्रकार की प्रेत योनी होती है। इसलिए इसको किसी को सिखाया नहीं जा सकता है।
चुड़ैल डायन से अधिक ताकतवर होती है ।
चुड़ैल और डायन मे एक अंतर यह भी है , कि चुड़ैल के पास कोई भौतिक शरीर नहीं होता है। इसकी वजह से उसको पकड़ना आसान नहीं होता है। उसके लिए सिद्ध तांत्रिक ही काम कर सकता है। इसलिए चुड़ैल डायन से अधिक ताकतवर होती है। और डायन के पास एक भौतिक शरीर होता है , जिसकी मदद से उसको पकड़ना बहुत ही आसान होता है।
चुड़ैल और डायन के अंतर के बारे मे हमने जाना दोस्तों यह कहा गया है , कि डायन बनने के लिए पहले एक खास प्रकार की साधना को करना पड़ता है। उसके बाद ही कोई महिला डायन बन सकती है।इस साधना के अंदर खास प्रकार के मंत्र होते हैं। और उन मंत्रों को सिद्ध करना होगा । जिससे कि डायन बनने की शक्ति प्राप्त होती है। अमावस के अंधकार के अंदर डायन साधना करनी होती है। इसके लिए महिल श्मशान मे जाती है , और वहां पर बिना कपड़ों के साधना करती है। अपने गुप्त पार्ट के अंदर सुई आदि का प्रयोग करती है। और वहीं पर बैठ कर मंत्रों का जाप करती है। भोग देती है। यह सब भी कार्य अपने गुरू के परामर्श से वह करती है। सिद्ध अघोरी को छोड़कर डायन किसी के वश मे नहीं आती है।
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