Colgate का नाम तो आपने सुन रखा है। क्या आपको पता है Colgate कैसे बनता है ? शायद आपको इसका पता नहीं है। कोलगेट बनाने वाली कम्पनी या टूथपेस्ट बनाने वाली कम्पनी यह किसी को बताती नहीं है कि उसने Colgate कैसे बनाया है। बस कम्पनियां यह दावा करती हैं कि इस कोलगेट या टूथपेस्ट को लगाने से आपके दांत सही हो जाएंगे । आपके दांतों के अंदर कीड़े नहीं पड़ेंगे । आपके दांत खराब नहीं होंगे । और लोग एड को देखकर इन पर भरोसा कर लेते हैं और Colgate को खरीद लेते हैं। लेकिन असल के अंदर कुछ भी फर्क नहीं पड़ता है। बात वही रहती है।
यह कॉलगेट वैगरह पश्चिम देसों की उपज है। बहुत सालों पहले लोग यहां पर कोलगेट के बारे मे जानते तक नहीं थे । क्या उनके दांत खराब होते थे ? नहीं उनके दांत तो आज से भी अच्छे रहते थे । वे लोग कॉलगेट की तरह ही नीम का दांतून इस्तेमाल करते थे ।
अमरीका के लोग भारत के नीम के दांतून को अधिक महत्व दे रहे हैं। वहीं हम लोग इन टूथपेस्ट के पीछे भाग रहे हैं।
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कोलगेट कैसे बनता है ?
कोलगेट बनाने के लिए कई सारी चीजों का यूज किया जाता है।सोडियम लायरयल सलफेट और सोडियम फ्लोराइड व हडियों के चूरे से कोल गेट बनती है। यह सारी चीजें काफी खतरनाक होती हैं। शरीर के अंदर जाने से कैंसर का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
सोडियम लॉरिल सल्फेट
टूथपेस्ट या कोलगेट के अंदर आपने देखा होगा की झाग बनते हैं। यह झाग इसी वजह से बनते हैं।यह एक तरह का जहर होता है। यदि इसकी कुछ ग्राम मात्रा भी शरीर के अंदर चली जाए तो कैंसर हो सकता है। लेकिन इसके मिलाए बिना कोलगेट के अंदर झाग नहीं बन पाता है।Sodium Lauryl Sulphate का प्रयोग केवल कोलगेट बनाने मे ही नहीं किया जाता है। वरन इसका प्रयोग कई अन्य चीजों के अंदर भी किया जाता है। जैसे डिटर्जेंट सैंपू और दाड़ी बनाने की क्रीम के अंदर भी इसका प्रयोग होता है। सही मायने के अंदर हम दुनिया का सबसे घटिया पेस्ट इस्तेमाल कर रहे हैं।
जानवरों की हडिया
कोलगेट को बनाने के लिए जानवरों की हडियों का प्रयोग किया जाता है। यदि आप मांस खाने वाले लोगों मे से नहीं है या जैन धर्म को मानने वाले हैं तो कोलगेट आपके धर्म को भी भ्रष्ट कर रहा है। अलग अलग कम्पनिया अलग अलग जानवरों की हडियों का प्रयोग करती हैं और वो भी मरे हुए जानवरों की हडियों का प्रयोग जोकि बिल्कुल भी सही नहीं है। यदि आप भी कोलगेट यूज करते हैं तो आज से ही बंद कर दें ।
अधिक जानने के लिए आप नीचे विडियो के अंदर देख सकते हैं कि किस तरह से लोग जानवरों की हडियों का तेल निकाल कर बेच रहे हैं।
फ्लोराइड जहर
कोलगेट के अंदर फ्लोराइड भी डाला जाता है। जो फ्लोरोसिस बिमारी को पैदा करता है। वैसे भी भारत के पानी के अंदर फ्लोराइड की मात्रा पहले से ही काफी अधिक है। फ्लोराइड एक तरह का जहर है जो खास कर छोटे बच्चों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है।
Indian Dental Association से प्रमाणित है कोलगेट है
कोलगेट को भारतिए Dental Association ने प्रमाणित किया हुआ है। यह पता नहीं है। भारतिय डॉक्टर इसका विरोध क्यों नहीं करते हैं। क्योंकि डॉक्टर इस बात को प्रमाणित कर सकते हैं कि कोलगेट के अंदर जो कैमिकल का यूज किया जाता है। वह जहर है इसका प्रयोग बंद कर दिया जाना चाहिए ।
कोई Warning नहीं लिखी हूई है
अमरिका और यूरोप के अंदर बिकने वाली कोलगेट के अंदर please keep out this Colgate from the reach of the children below 6 years लिखा होता है। मतलब 6 साल तक के बच्चों को इससे दूर रखें । लेकिन भारत के अंदर बिकने वाली कोलगेट के अंदर कोई वर्निंग नहीं लिखी होती है।
कोलेगेट की जगह पर यूज करें देसी कोलगेट
कोलगेट कम्पनी ने लोगों के दिमाग के अंदर अपने उत्पाद को इस तरह से बैठा दिया है कि वे अब इसको छोड़ना पसंद नहीं करते हैं। और कोई कोलगेट को भला बुरा कहे ।यह भी उनको पसंद नहीं है। यह कहना ज्यादा सही होगा कि कोलगेट ने आपके दिमाग को काबू मे कर लिया है।
नीम का दांतून करें
यदि आप सब मिलकर कोलगेट न करने का संकल्प ले और रोज नीम का दांतून करें तो इससे न केवल आपके दांत अच्छे होंगे वरन आपको इसका अलग ही तरह का एहसास होगा । अमरीका के अंदर सबसे ज्यादा लोग दांतों की बिमारियों से झूझ रहे हैं इसकी भी सबसे बड़ी वजह यही है कि वहां पर लोग कोलगेट ज्यादा यूज करते हैं।
मंजन का यूज करें
आप दंत मंजन का यूज भी कर सकते हैं यह आपके लिए कोलगेट से काफी फायदे मंद है। आप मंजन घर पर भी बना सकते हैं और बाजार के अंदर उपलब्ध मंजन भी खरीद सकते हैं। दांतून और मंजन का बदल बदल कर प्रयोग करें ।
Mai apke jankari se sahmat hoo aur mai chahta hu ki aise khufiya jaankariyo se aap pardafas karte rahiye aur desh ki janata ka apne jankari ke madhyam se sewa karte rahiye. Apke es aim me mai apke sath hu!
. thank you!
Mai kis tarah se aab isko har logo ke andr dil me basau krupya bataye