गाय के पेशाब के 25 फायदे ‌‌‌ और नुकसान cow urine benefits hindi

‌‌‌गाय का पेशाब के नुकसान ,इस लेख मे हम बात करेंगे गाय के पेशाब के फायदे  cow urine benefits hindi के बारे मे ।गाय के पेशाब के फायदे के अनेक फायदे होते हैं।आयुर्वेद के अंदर ही नहीं वरन मेडिकल के अंदर भी गाय के पेशाब को बहुत अधिक उपयोगी माना जाता है।गाय के पेशाब की उपयोगिता के बारे मे उल्लेख प्राचीन ग्रंथों के अंदर मिलता है।आयुर्वेद के अंदर तो गाय के पेशाब की मदद से कई प्रकार की बीमारियों का ईलाज किया जाता है। इतना ही नहीं कई दवाएं गाय के ‌‌‌पेशाब से बनाई जाती हैं।

‌‌‌वैसे गोमूत्र का सुर्खियों के अंदर रहना कोई नई बात नहीं है।क्योंकि समाज का एक तबका इसको अच्छा नहीं मानता है जबकि दूसरा इसको अच्छा मानता है। खैर हम इस अच्छाई बुराई पर नहीं जाते हैं लेकिन बात करें वैज्ञानिक रिसर्च की तो वर्ष 2012 में जर्नल एनसिएंट साइंस ऑफ लाइफ के अंदर एक रिसर्च प्रकाशित हुआ था। जिसके अंदर यह कहा गया था कि डायबिटीज के मरीजों को गोमूत्र फायदा पहुंचा सकता है।इंटरनेशनल ब्राजीलियन जर्नल ऑफ यूरोलॉजी  मे भी यह दावा किया गया कि जब चूहों को गोमूत्र दिया गया तो उनका किडनी स्टोन गिर गया था।

ए2 नैचुरल्स नाम की बेंगलूरू बेस्ड कंपनी ने तो गोमूत्र बेचने का काम भी शूरू कर दिया है। यह इसकी बूदबू को हटाकर बेचती है। और पतंजली के बारे मे तो आप जानते ही हैं।

‌‌‌जैसा कि हमने आपको यह बताया की गोमूत्र सदैव विवाद का विषय रहा है क्योंकि अधिकतर लोग इसका विरोध करते हैं। और यह कहा जाता है कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। खैर इस संबंध मे कई रिसर्च हुए हैं जिनके अंदर गाय के पेशाब को अधिक उपयोगी माना गया है। ‌‌‌इन रिसर्च के बारे मे भी हम यहां पर चर्चा करने वाले हैं ।हालांकि गोमूत्र कोई हिंदू धर्म की चीज नहीं है। लेकिन बहुत से लोग हिंदू धर्म से जोड़कर देखते हैं जबकि यह पुराने जमाने के आयुर्वेद के ग्रंथो से ली गई है। यह आज से 5000 साल पहले की बात है। ‌‌‌उस समय दुनिया के अंदर कोई विचार धारा नहीं थी। चरक, सुश्रुत और वाग्भट्ट संहिता जैसे ग्रंथो के अंदर गोमूत्र का उल्लेख मिलता है।

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‌‌‌यदि हम गोमूत्र की रसायनिक सरंचना की बात करें तो इसमे लोहा, कैल्शियम, फास्फोरस, कार्बोनिक एसिड, पोटाश, नाइट्रोजन, अमोनिया, मैंगनीज 2.5 प्रतिशत यूरिया, खनिक, 24 प्रकार के लवण, हार्मोन और 2.5 प्रतिशत एंजाइम के साथ गोमूत्र 95 प्रतिशत पानी है। सल्फर, फॉस्फेट, पोटेशियम, यूरिया, यूरिक एसिड, एमिनो एसिड एंजाइम, साइटोकिन और लैक्टोज ‌‌‌जैसी चीजें पाई जाती हैं।

‌‌‌वैसे आपको बतादें कि गोमूत्र के फायदे जानकर आपको अपनी मर्जी से इसको कभी भी नहीं पीना चाहिए क्योंकि यह आपको नुकसान पहुंचा सकता है।  1975 मे हुए एक रिसर्च मे गोमूत्र पीने के बाद चूहों की मौत हो गई । और एक अन्य रिसर्च मे ही इसी प्रकार का दावा किया गया । हालांकि यह कहां तक सच है इसका पता नहीं ‌‌‌क्योंकि हमे रिसर्च के कोई सोर्स नहीं मिल पाएं हैं।।

Table of Contents

‌‌‌1.गाय के पेशाब के फायदे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है

दोस्तों गोमूत्र को प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए भी जाना जाता है।प्राचीन ग्रंथों के अंदर इस बात का उल्लेख मिलता है कि यह संक्रमण से लड़ने मे मदद करता है। हालांकि आधुनिक रिसर्च इस बारे मे अभी तक ज्ञात नहीं है।

‌‌‌2.गोमूत्र मे एंटीकैंसर गुण होते हैं cow urine health benefits in hindi

ऐसा माना जाता है कि गोमूत्र के अंदर एंटीकैंसर गुण होते हैं। हालांकि यह कैंसर का ईलाज नहीं कर सकता है लेकिन कैंसर के प्रभाव को कम कर सकता है। पर अभी तक इस बारे मे अधिक जानकारी का पता नहीं चल सका है।

‌‌‌3.गाय के पेशाब के फायदे बायोएन्हेंसर है गोमूत्र

 बायोएन्हेंसर का मतलब होता है कि यह एक ऐसा पदार्थ है जो अन्य पदार्थों की दक्षता को बढ़ाने का काम करता है। किसी की प्रतीकूल प्रभाव को कम करने और अच्छे प्रभावों को बढ़ाने के लिए बायोएन्हेंसर  का प्रयोग किया जाता है।

4.दवा प्रतिरोधी जीवाणु के लिए गोमूत्र उपयोगी

आमतौर पर जब हम दवाओं का अधिक मात्रा के अंदर प्रयोग करते हैं तो एक समय ऐसा आता है कि वह दवा उस बैक्टिरिया पर काम नहीं करती है। ऐसा हो रहा है। कई ऐसी स्थितियों मे ऐसा होने पर गोमूत्र दवा के प्रभाव को बढ़ाने का काम करता हुआ देखा गया है।

‌‌‌5.गाय का पेशाब के फायदे कवकनाशी

दोस्तों रूस के अंदर हुए एक रिसर्च मे गाय के पेशाब को कवकनाशी के रूप मे उचित माना गया था।Malassezia कवक को रोकने के लिए यह उपयोगी होता है। इसके अलावा एस्परगिलस, राइजोफस और ए.निगर जैसे कवक के विकास को भी रोक सकता है।फफूंदनाशकों का उपयोग सदियों से कवक के विकास को नियंत्रित करने के लिए किया जाता रहा है। बेहतर फॉर्मूलेशन और यौगिकों ने फंगल रोगों को नियंत्रित करने में सफलता में वृद्धि की है। कवकनाशी प्रतिरोध एक बढ़ती हुई समस्या है, जिससे अधिक शक्तिशाली कवकनाशकों के उपयोग की आवश्यकता होती है।

‌‌‌6.गाय का पेशाब घाव भरने मे उपयोगी

पहले जब दवाओं का प्रयोग नहीं होता था तो गाय के पेशाब का उपयोग घाव को भरने मे किया जाता था। यह माना जाता है कि इसकी मदद से घाव बहुत ही जल्दी भर जाते हैं।

‌‌‌7. दर्द के लिए गाय के पेशाब के फायदे

यदि किसी की जोड़ों मे दर्द होता है तो गाय के पेशाब को फायदेमंद बताया जाता है।इसके लिए गोमूत्र को गर्म करें और उसके बाद गोमूत्र की मदद से जोड़ों के दर्द को सेकें । इससे आराम मिलता है। इसके अलावा सोंठ के साथ भी गोमूत्र का सेवन किया जाता है।लोग अलग-अलग तरीकों से दर्द का अनुभव करते हैं। कुछ लोगों को तीव्र दर्द महसूस होता है, जबकि अन्य को कम दर्द महसूस होता है। दर्द शारीरिक या भावनात्मक हो सकता है। शारीरिक दर्द शरीर को होने वाली क्षति के कारण होता है, जबकि भावनात्मक दर्द उदासी, क्रोध और भय जैसी भावनाओं के कारण होता है। कुछ प्रकार के दर्द दूसरों की तुलना में अधिक सामान्य होते हैं। उदाहरण के लिए, पीठ और गर्दन का दर्द आम शिकायतें हैं, और सिरदर्द सबसे आम प्रकार का सिरदर्द है। हालांकि, कुछ प्रकार के दर्द दूसरों की तुलना में कम आम होते हैं। उदाहरण के लिए, दांत दर्द सिरदर्द या पीठ दर्द से कम आम है।

‌‌‌‌‌‌8.गाय के पेशाब के फायदे दांत के रोग मे उपयोगी

यदि आपके दांत मे दर्द रहता है या पायरिया हो गया है तो यह इससे आराम दिलाता है। ऐसी स्थिति मे गोमूत्र का कूल्ला करना चाहिए । ऐसा करने से आराम मिलता है।

‌‌‌9.कब्ज और पेट की समस्या

कब्ज होने या कोई पेट की समस्या होने पर भी गोमूत्र का प्रयोग किया जाता है।इसके लिए सबसे पहले ताजा मूत्र लिया जाता है और उसके बाद उसे अच्छी तरह से छानकर उबाला जाता है फिर इसके अंदर नमक मिलाकर लिया जाता है। इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसी प्रकार से जब पेट ‌‌‌फूल जाता है तो सुबह आधा कप गोमूत्र लें और उसमे नमक और नींबू मिलाकर लेने से पेट को आराम मिलता है।

किसी व्यक्ति को कब्ज का अनुभव होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ कारण शारीरिक हो सकते हैं, जैसे कि पर्याप्त तरल पदार्थ नहीं पीना या ऐसा आहार खाना जिसमें पर्याप्त फाइबर न हो। अन्य कारण मनोवैज्ञानिक हो सकते हैं, जैसे चिंता या अवसाद। कारण जो भी हो, कब्ज से निपटने के लिए एक असुविधाजनक और निराशाजनक स्थिति हो सकती है। कब्ज को बेहतर ढंग से समझने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ तथ्य दिए गए हैं:
1. कब्ज एक आम समस्या है। लगभग पांच में से एक व्यक्ति कभी-कभार कब्ज का अनुभव करता है, और लगभग दस में से एक व्यक्ति पुरानी कब्ज का अनुभव करता है।
2. कब्ज किसी भी आयु वर्ग को प्रभावित कर सकता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है, लेकिन यह सभी उम्र के लोगों को समान रूप से प्रभावित करता है।
3. कब्ज कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा है।

‌‌‌10.मोटापे को कम करता है

दोस्तों आज मोटापे से अधिकांश लोग परेशान हैं।  गाय के पेशाब का भी मोटापे के अंदर प्रयोग किया जाता है।इसके लिए 2 चम्मच गोमूत्र आधा चम्मच शहद और आधा चम्मच नींबू का रस लगाकर सेवन करने से मोटापे पर फर्क पड़ता है।‌‌‌आपको यह जानकर हैरानी होगी की गाय के मूत्र मे विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन डी, विटामिन ई, पाये जाते हैं। गाय का मूत्र भोजन को पचाने मे मदद करता है। जिससे मोटापे की समस्या दूर हो जाती है।

‌‌‌11.दिल की बीमारियों के लिए लाभदायक

गले की खराश को दूर करता है

आज विश्व के अंदर दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।इसमे गोमूत्र को भी काफी उपयोगी माना जाता है।ऐसा माना जाता है कि दो चम्मच गोमूत्र का सेवन सुबह शाम करने से दिल से जुड़ी बीमारियों के प्रभाव मे कमी आती है।संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी भी अन्य प्रकार की बीमारी की तुलना में हृदय रोग से अधिक लोग मारे जाते हैं। हर साल, हृदय रोग (सीवीडी) 600,000 से अधिक मौतों का कारण बनता है और देश में 249 बिलियन डॉलर से अधिक की लागत आती है। उच्च मृत्यु दर और सीवीडी से जुड़े आर्थिक बोझ के बावजूद, हम अभी भी बहुत कुछ नहीं जानते हैं कि यह कैसे विकसित होता है और इसे कैसे रोका जाए।
सीवीडी एक व्यापक शब्द है जो उन स्थितियों को संदर्भित करता है जो हृदय की मांसपेशियों या हृदय प्रणाली के अन्य भागों को नुकसान पहुंचाते हैं। सीवीडी के सबसे आम प्रकार कोरोनरी हृदय रोग (सीएचडी), स्ट्रोक और परिधीय संवहनी रोग (पीवीडी) हैं। CHD CVD का सबसे सामान्य रूप है और CVD से होने वाली सभी मौतों में से 60% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। यह एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण होता है – धमनियों में पट्टिका का निर्माण जो हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करता है।

‌‌‌12.मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी

दोस्तों गोमूत्र मधुमेंह के रोगियों के लिए भी उपयोगी माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बिन ब्याही गाय का मूत्र सेवन करने से मधुमेह के अंदर फायदा पहुंचता है। हालांकि नविन रिसर्च इसके उपर उपलब्ध नहीं हैं।मधुमेह के प्रबंधन के लिए कोई एक आकार-फिट-सभी उत्तर नहीं है, क्योंकि बीमारी और इससे जुड़े उपचार किसी व्यक्ति के अद्वितीय स्वास्थ्य इतिहास और वर्तमान स्थिति के आधार पर अलग-अलग होंगे। हालांकि, कई सामान्य सुझाव हैं जो मधुमेह वाले लोगों को उनकी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं: संतुलित आहार खाना, भरपूर व्यायाम करना, अच्छा रक्त शर्करा नियंत्रण बनाए रखना, और किसी भी चिकित्सीय स्थिति पर नज़र रखना जिसके लिए अतिरिक्त देखभाल या उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

‌‌‌13.गले के कैंसर के लिए मूत्र का प्रयोग

गोमूत्र और सुपारी को व गोबर को बराबर मात्रा के अंदर मिलाकर अच्छे से छान लेना चाहिए और उसके बाद सुबह शौच जाने के बाद इसका रोजाना सेवन करने से गले के कैंसर से रहात मिलती है।‌‌‌ऐसा माना जाता है कि करक्यूमिन नामक तत्व की कमी की वजह से कैंसर होता है और यह गाय के मूत्र मे अधिक पाया जाता है। भारत मे ही हुए एक रिसर्च मे गले के कैंसर के रोगियों के लिए गोमूत्र पीने पर राहत के बारे मे बताया गया ।गले का कैंसर दुनिया में सबसे आम कैंसर में से एक है और यह कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण भी है। आंकड़ों के अनुसार, हर साल गले के कैंसर के अनुमानित 1.1 मिलियन नए मामले सामने आते हैं और लगभग 800,000 लोग इस बीमारी से मर जाते हैं। गले का कैंसर जीवन के किसी भी चरण में हो सकता है, लेकिन यह 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में विशेष रूप से आम है। अच्छी खबर यह है कि गले के कैंसर के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं और अधिकांश रोगियों में रोग का निदान जल्दी हो जाता है।

‌‌‌14.आंख के रोग

दोस्तो आंखों के रोग मे भी गोमूत्र काफी उपयोगी होता है। कालिबछिया के मूत्र को लें और उसको गर्म करें उसके बाद कांच की शीशी के अंदर उसको भरकर रखलें । और रोजाना उससे अपना मुंह धोएं । ऐसा करने से आंखों के रोग रंतोधी वैगरह ठीक होते हैं।

‌‌‌15.चर्मरोग का उपचार

चर्मरोग का उपचार मे भी गो मूत्र का प्रयोग किया जाता है।नीम गिलोय क्वाथ के साथ गोमूत्र मिलाकर सुबह सेवन करने से चर्म रोग से नीजात मिलती है। इसके अलावा जीरो को महिने पीसे और गोमूत्र के अंदर मिलाकर लगाने से भी राहत मिलती है।

‌‌‌16.पेट के कीड़ों को दूर करने मे उपयोगी

गाय का पेशाब के फायदे मे पेट के कीड़े दूर करना भी आता है। थोड़ी अजवाइन और गोमूत्र दोनों को मिलाकर 7 दिन तक लगातार सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और आराम मिलता है।आंतों के कीड़े एक आम समस्या है जो परजीवी संक्रमण और खराब स्वच्छता सहित कई चीजों के कारण हो सकती है। आंतों के कीड़े कई प्रकार के होते हैं, और प्रत्येक का मानव शरीर पर अलग-अलग प्रभाव हो सकता है। कुछ आंतों के कीड़े गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जबकि अन्य केवल मामूली झुंझलाहट हैं।

‌‌‌17.त्वचा की समस्याओं को दूर करता है गाय का पेशाब cow urine benefits for skin in hindi

गाय का पेशाब पीने का फायदा यह भी है।महिलाओं के चेहरो के उपर मुंहासों का को दूर करने मे यह उपयोगी होता है। महिलाएं जो क्रीम और पाउडर होते हैं वे चेहरे की प्रक्रतिक चमक को छीन लेते हैं। चेहरे पर गोमूत्र लगाने से चेहरा चमकदार होता है।‌‌‌यदि त्वचा के उपर सफेद दाग हो चुके हैं तो बावची को गोमूत्र के अंदर पीस कर त्वाग के उपर लगाएं और रात भर ऐसे ही रहने दें उसके बाद सुबह उसे धो लेना चाहिए ।

‌‌‌इतना ही नहीं शरीर की खुजली को दूर करने के लिए जीरे को गोमूत्र के साथ मिलाकर पीसने से शरीर की खुजली दूर हो जाती है।

‌‌‌18.गाय के पेशाब के फायदे गले की खराश को दूर करता है

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि गोमूत्र के अंदर एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हानिकारक जीवों को नष्ट कर देते हैं और आपके गले के अंदर खराश को दूर करने का काम करते हैं।‌‌‌थोड़ा सा गोमूत्र ले और उसके बाद उसको हल्का गर्म करें और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर कूल्ला करने से परेशानी दूर हो जाती हैं।

‌‌‌19.रक्तशोधक होता है गोमूत्र

गाय के पेशाब के फायदे ही फायदे हैं। यह लिवर की समस्याओं को दूर करने का काम करता है।यह रक्त को शुद्ध करता है और जब रक्त शुद्ध होता है तो अनेक प्रकार की बीमारियां अपने आप ही दूर हो जाती हैं ।

‌‌‌20.खांसी जुकाम मे गोमूत्र के फायदे

खांसी जुकाम मे भी गोमूत्र  उपयोगी होता है। खांसी और जुकाम कफ की वजह से होता है। यदि गोमूत्र का सेवन करते हैं तो इससे कफ दूर हो जाता है।

‌‌‌21.बावासीर के उपचार मे उपयोगी

बावासीर के उपचार मे भी गाय का पेशाब काम करता है। गोमूत्र को गर्म करने के बाद उसका सेवन किया जाता है। यह दर्द और खुजली को कम करने का काम करता है।बवासीर के लक्षणों में दर्द, खुजली और मलाशय या गुदा पर सूजन वाली गांठ शामिल हैं। बवासीर का सबसे आम कारण वैरिकाज़ नसें हैं, जो बढ़ सकती हैं और सूजन हो सकती हैं। बवासीर मल त्याग के दौरान तनाव के कारण भी हो सकता है, कब्ज उपचार का उपयोग करके कैफीन या ओवर-द-काउंटर जुलाब, गर्भावस्था, मोटापा और प्रसव जैसे उत्तेजक होते हैं।
बवासीर के लिए कई उपचार हैं। शल्य चिकित्सा सबसे आम विकल्प है लेकिन यह अक्सर असुविधा और रक्तस्राव के साथ होता है। अन्य उपचारों में डॉम्परिडोन (ब्रांड नाम मोटिलियम) या एलोसेट्रोन (लोट्रोनेक्स) जैसी दवाएं शामिल हैं जो बवासीर को कम करने और दर्द से राहत देने का काम करती हैं। कुछ लोग घर पर बवासीर के इलाज के लिए क्रीम और सपोसिटरी का उपयोग करते हैं।

22.एक फर्श क्लीनर के रूप में गो मूत्र के फायदे

गोमूत्र की मदद से घर को क्लीन किया जा सकता है। Gaunyle  की स्थान पर गोमूत्र और नीम से बनी फिनाइल का प्रयोग किया जा सकता है।मई 2015, राजेंद्र सिंह राठौड़ , चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजस्थान मे एक गोमूत्र आधारित रिफाइनरी का उदघाटन किया था।

23.जैविक खेती में

दोस्तों गोमूत्र का प्रयोग करके किसान अपने  खेत के अंदर अच्छी खाद तैयार कर सकते हैं। तो इस प्रकार से गोमूत्र जैविक खाद के लिए बहुत उपयोगी है।

‌‌‌24.जोड़ों के दर्द को दूर करता है

यदि आपके जोड़ों के अंदर दर्द रहता है तो गोमूत्र को गर्म करें और उसके बाद दर्द वाले स्थान पर सेंके इससे जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा सोंठ के साथ गाय का पेशाब पीने से भी राहत मिलती है।जोड़ों का दर्द एक बहुत ही अप्रिय अनुभव हो सकता है और यह जानना मुश्किल हो सकता है कि इसके बारे में क्या किया जाए। यदि आप जोड़ों के दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो कुछ चीजें हैं जो आप दर्द से राहत पाने के लिए कर सकते हैं। आप जिस दर्द का अनुभव कर रहे हैं उसे कम करने के लिए आपको इबुप्रोफेन या अन्य दर्दनिवारक लेने की आवश्यकता हो सकती है। आप प्रभावित क्षेत्र पर बर्फ लगाने या हीटिंग पैड का उपयोग करने की कोशिश कर सकते हैं। यदि ये तरीके काम नहीं करते हैं, तो आपको डॉक्टर को देखने की आवश्यकता हो सकती है।

‌‌‌25.गोमूत्र पापों को नष्ट करता है

शास्त्रों के अनुसार गोमूत्र को पीने से पाप नष्ट होते हैं।कुछ लोग यह भी मानते हैं। क्योंकि हमारे अंदर जन्म जन्म के पाप भरे होते हैं।

‌‌‌गोमूत्र से जुड़ी सावधानियां

दोस्तों गोमूत्र के फायदे के बारे मे हम आपको बता चुके हैं लेकिन आपको यह बता देना चाहते हैं कि गोमूत्र का प्रयोग बिना किसी डॉक्टर के परामर्श के नहीं करें । यदि आप बिना डॉक्टर के इसका प्रयोग करते हैं तो आपको नुकसान हो सकता है।

‌‌‌पीने के लिए गोमूत्र को उबाल कर और छानकर पीना होता है

दोस्तों गोमूत्र को पीने के लिए इसको अच्छी तरह पहले उबाला जाता है और उसके बाद छान कर ही पिया जाता है। बिना जानकारी के पीने की कोशिश नहीं करनी चाहिए । यह नुकसानदायी हो सकता है।

‌‌‌सही गाय के गोमूत्र का चुनाव

‌‌‌सही गाय के गोमूत्र का चुनाव

यदि आप किसी कार्य के लिए गोमूत्र का प्रयोग करते हैं तो देशी गाय का ही गोमूत्र सेवन करें और भूलकर किसी भी गर्भवती गाय के गोमूत्र का सेवन करना उचित नहीं है।

‌‌‌1 वर्ष से कम उम्र वाली बछिया का गोमूत्र अच्छा रहता है

आयुर्वेद यह बताता है कि 1वर्ष से कम उम्र वाली बछिया का गोमूत्र अच्छा रहता है और इसका प्रयोग किया जा सकता है।

‌‌‌गोमूत्र की मात्रा के लिए डॉक्टर से संपर्क करें

यदि आप गोमूत्र का प्रयोग किसी भी कार्य के अंदर कर रहे हैं तो इसकी कितनी मात्रा आवश्यक होगी ? इस बारे मे अपने डॉक्टर से संपर्क करें । कभी भी खुद डॉक्टर बनने की कोशिश ना करें ।

‌‌‌8 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए अनुपयोगी

यदि कोई बच्चा 8 साल से कम उम्र का है तो उसको भूलकर भी गौमूत्र नहीं देना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए नुकसान पहुंचा सकता है।‌‌‌इसके अलावा यदि कोई स्त्री गर्भवती है तो उसको भी गोमूत्र नहीं देना चाहिए क्योंकि यह उसके लिए हानिकारक है। यदि आप देना चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें उसके बाद ही दें ।

‌‌‌नींद नहीं आती है तो गोमूत्र से बचें

‌‌‌नींद नहीं आती है तो गोमूत्र से बचें

जिन लोगों को कम नींद आने की समस्या है उनको गोमूत्र का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से उनकी समस्या और अधिक बढ़ सकती है।

‌‌‌कमजोर इंसानों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए

जो लोग पहले से ही दुबले पतले हैं और शारीरिक रूप से कमजोर हैं उन इंसानों को गोमूत्र का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करना उनके लिए हानिकारक होता है।

‌‌‌पुरूष बांझपन को नुकसान

गोमूत्र सेवन करने से पुरूष बांझपन का खतरा होता है।सो जिनलोगों मे पहले से यह समस्या है उनको भी गोमूत्र का सेवन भूल कर भी नहीं करना चाहिए ।

‌‌‌गोमूत्र से बनने वाली दवाएं

‌‌‌दोस्तों गोमूत्र की मदद से आयुर्वेद के अंदर कई प्रकार की दवाओं का निर्माण किया जाता है ।इन दवाओं की मदद से कई तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है। नीचे हम आपको गोमूत्र से बनने वाली दवाओं के बारे मे संक्षिप्त जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

Baidyanath Kashisadi Tel

कसीस, कालीहरिमूल, सनता पीपल, सेन्थनमक, मनशीला कंकरमूल, विभेद, चित्रक, वासा, दंतिमूल, कदवी तोरी बीज, सनायशी, हरताल, गौमूत्र, थूहर दुग्धा, अर्क दुग्धा जैसी चीजों से मिलकर यह बनता है।‌‌‌बवासीर के ईलाज के अंदर इस तेल का उपयोग किया जाता है।और इसको अधिकतर केस मे भोजन से पहले ही दवा के रूप में लिया जाता है।  ‌‌‌इस बारे मे अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें ।

Baidyanath Lauh Bhasma

पारा गोमूत्र आयरन एलोवेरा जैसी चीजों से मिलकर यह औषधी बनी होती है और इस दवा का प्रयोग एनिमिया ,पिलिया और हर्निया जैसे रोगों के उपचार मे किया जाता है।इसको दिन के अंदर दो बार भोजन के बाद शहद या पानी के साथ सेवन करें । मात्रा के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

Baidyanath Madhu Mandoor Bhasma

‌‌‌यह भी कई चीजों से मिलकर बनी होती है जैसे गोखरू ,गिलोय , गोरख, मुंडी, शतावरी, सफेद, मूसली ,त्रिफला , मंडूर ,भस्म ,गोमूत्र ,एलोवेरा ।इस दवा का प्रयोग कई प्रकार के रोगों मे किया जाता है । जैसे ऐनिमिया ,लिवर डिसऑर्डर ,गले मे दर्द ,डायरिया आदि ।

‌‌‌इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है।और इसको ठेंडी जगह पर स्टोर करके रखें और गर्भवती महिला और बच्चों से इसको दूर ही रखें ।

Patanjali Divya Kayakalp Taila

‌‌‌यह भी कई चीजों से मिलकर बनी होती है। इसके अंदर हैं‌‌‌ इस वटी का प्रयोग एक्जिमा ,चर्म रोग और सोरायसिस के अंदर किया जाता है।इस दवा का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें ।

  • Bakuchi
  • Panwad Beej
  • Haldi
  • DaruHaldi
  • KhairChhal
  • Karanj Beej
  • Neem Chhal
  • Harad
  • Baheda
  • Amla
  • Manjeeth
  • Giloy
  • Chirayata
  • Kutaki
  • IndrayanMool
  • Chandan
  • Devdaru
  • Kali Jiri
  • Ushava
  • Dronpushpi
  • Satyanasi
  • Gomutra
  • TilTaila

Divya Godhan Ark

‌‌‌यह भी एक आयुर्वेद की दवा है और पूरी तरह से गोमूत्र से बनी होती है।इस दवा का प्रयोग कई प्रकार की बीमारियों के अंदर भी किया जाता है। जैसे पिलिया ,कैंसर और शुगर के ईलाज मे इस दवा का प्रयोग किया जाता है। इस दवा का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना ना भूलें ।

Dabur Sanjivani Vati

‌‌‌यह दवा भी कई चीजों से मिलकर बनी होती है जैसें आंवला ,गिलोय ,हरीतकी , पिप्पली ,अदरक , वाचा, बहेड़ा ,विडंग ,भिलावा ,गोमूत्र, वत्सनाभ आदि । इस दवा का प्रयोग पेट गैस ,कब्ज और ऐसीडेटी के अंदर किया जाता है।

Dabur Punarnava Mandoor

  • ‌‌‌यह दवा जिगर की सूजन को कम करने और इलाज में मदद करता है
  • त्रिवृत में लिवर से विषाक्त पदार्थ को निकालने की क्षमता होती है, जो लीवर की विषाक्तता को रोकने में सहायक होता है
  • मंडूर भस्म में हेमटोजेनिक क्रिया होती है जो एनीमिया के उपचार के लिए सहायक है
  • ‌‌‌इस दवा का निर्माण चित्रक , आंवला, दारुहल्दी ,हल्दी , हरीतकी, कलिहारी ,कुश्ता ,काली ,मिर्च ,मुस्ता ,पिप्पली ,अदरक ,पुनरणावा ,बहेड़ा ,विडंग ,मंडूर , भस्म निशोथ ,चव्या , दांती ,गोमूत्र से होता है।

Dabur Mandoor Bhasma

‌‌‌इस दवा को त्रिफला,मंडूर भस्म ,गोमूत्र ,एलोवेरा जैसी चीजों से मिलकर बनाया जाता है।यह दवा मुख्य रूप से एनिमिया और पिलिया के उपचार मे काम आती है।

Baidyanath Sanjivani Bati

एक आयुर्वेदिक हर्बल टैबलेट है। यह एक गैस्ट्रिक उत्तेजक और एंटीसेप्टिक है। यह अपच, बुखार, हैजा, दस्त के इलाज में प्रयोग किया जाता है।‌‌‌इसको बनाने के लिए आंवला ,गिलोय ,हरीतकी ,पिप्पली ,अदरक ,वाचा ,बहेड़ा ,विडंग ,भिलावा ,गोमूत्र ,वत्सनाभ का प्रयोग होता है।

Baidyanath Punarnavadi Mandur

‌‌‌इस दवा का प्रयोग एनीमिया, तिल्ली का बढ़ना, बवासीर, जीर्ण ज्वर, सूजन की स्थिति,  संक्रामक क्यू त्वचा रोग, सूजन, कृमिरोग के अंदर किया जाता है।इसको बनाने के लिए चित्रक  ,आंवला ,दारुहल्दी ,देवदार हल्दी ,हरीतकी ,काली मिर्च ,मुस्ता ,पिप्पली ,अदरक पुनरणावा ,बहेड़ा विडंग मंडूर ,भस्म ,निशोथ ,इंद्रायण ,चव्या ,दांती ,कुटकी ,पुष्करमूल गोमूत्र  ‌‌‌का प्रयोग किया जाता है।

‌‌‌गाय के मूत्र से निकलता है सोना

यदि आपको याद हो तो एक न्यूज आई थी जिसके अंदर यह दावा किया गया था कि गाय के मूत्र से सोना निकाला जा सकता है। इस बात की वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि की थी।जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने गिर प्रजाति की लगभग 400 गायों के मूत्र की जांच की तो उनको पता चला कि गाय के मूत्र मे सोना पाया जाता है।यह घुलनशील होता है। इसके अलावा वैज्ञानिकों ने बकरी और उंट जैसे अन्य जानवरों के पेशाब की भी जांच की थी लेकिन उनके अंदर सोना नहीं मिला।

अथर्ववेद के अंदर यह लिखा हुआ है कि गाय के मूत्र मे सोना होता है। उसके बाद वैज्ञानिक रिसर्च करने मे लगगए और 4 साल की मेहनत के बाद वैज्ञानिक एक लीटर मूत्र सेक 10 मिलग्राम सोना निकालने मे सफल हो गए ।

‌‌‌आपको यह जानकर भी हेरानी होगी कि पेशाब से सोना खोजने के लिए आज से 400 साल पहले से ही रिसर्च शूरू हो चुकी थी। और कई वैज्ञानिक पेशाब पर प्रयोग कर रहे थे । हालांकि भारतिय ग्रंथों मे और भी कई चीजें हैं जिन पर कभी काम नहीं हुआ था।

फास्फोरस की खोज भी गाय के पेशाब से सोना ढूंढने के दौरान गलती से हो गई थी।  हैम्बर्ग निवासी जर्मन कीमियागर एक रसायन शास्त्री थी और नए नए प्रयोग करना उनको काफी पसंद आता था। पहले उन्होंने फिलोस्फर स्टोन की खोजन मे काफी रूपये पानी की तरह बहा दिये । उसके बाद किसी अमीर लड़की से दूसरी शादी की और उसके ‌‌‌ पैसों से इस खोज को जारी रखा गया ।

पारस पत्थर का नाम तो आपने सुना ही होगा फिलोस्फर स्टोन भी पारस पत्थर ही था और ग्रीक के अंदर भी यह वर्णन मिलता है कि यह एक ऐसा पत्थर था जिसके संपर्क मे यदि कोई चीज आ जाती है तो वह सोंने के अंदर बदल जाती है।

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हेन्निग ब्रांड ने एक दिन मनुष्यों के पेशाब के अंदर पीलेपन को देखा  उसके बाद उसने अपने पैसों से पेशाब को खरीदना शूरू कर दिया । और जब 1669 ई के अंदर वह यह काम कर रहा था। जब उसके पास 1100 लीटर पेशाब हो गया तो उसने पेशाब को कुछ समय के लिए सड़ने के लिए छोड़ दिया फिर इस पेशाब को बहुत अधिक तापमान  ‌‌‌ पर उबाला जब तक  की पेशाब एक गाढ़ा पेशाब नहीं बन गया । इसकी भाप को एक ठंडी सतह से गुजारा गया तो ठंडी सतह पर एक सफेद पदार्थ चिपक गया जो अंधेरे मे भी चमकता था और बाद मे यह फॉस्फोरस  आग की संपर्क मे आने पर जल गया और लेब की जलते जलते बची थी। ‌‌‌पहले तो उसने इस खोज को गुप्त रखा गया लेकिन बाद मे यह आम लोगों के सामने भी आ गई थी।

‌‌‌गाय का पेशाब और कोरोना वायरस

गाय का पेशाब उपयोगी है लेकिन कोरोना वायरस के अंदर इसका  प्रयोग नहीं किया जा सकता है।क्योंकि यह इसके लिए उपयुक्त नहीं है। पीछले दिनों कुछ लोगों ने यह बयान देना शूरू कर दिया कि गाय का पेशाब कोरोना को दूर कर सकता है । इस तरह के बयान वास्तव मे गलत हैं।

‌‌‌इतना ही नहीं गाय के पेशाब को कभी भी सीधे ही नहीं पीना चाहिए । क्योंकि यह नुकसान पहुंचा सकता है।आयुर्वेदिक की दवाओं के अंदर जो गाय का पेशाब उपयोग मे लाया जाता है वह फिल्टर पेशाब होता है और अशुद्ध नहीं होता है। उसको अच्छी तरह से उबालकर शुद्ध किया जाता है ।उसके अंदर बैक्टिरिया नहीं होते हैं।

गाय का पेशाब के नुकसान

गाय का पेशाब के नुकसान

दोस्तों गोमूत्र के अंदर कई प्रकार के तत्व पाए जाते हैं लेकिन आधुनिक डॉक्टर इसके फायदे की बात नहीं करते हैं। वे सारी आयुर्वेदिक दवाओं के नुकसान की बात ही करेंगे जो खुद ‌‌‌कितनी अच्छी दवाएं देते हैं सब जानते हैं ,दवाएं देते हैं जिनके हजारों साइड इफेक्ट होते हैं। उन साइड इफेक्ट पर आपको एक भी डॉक्टर बोलता नजर ‌‌‌ नहीं आएगा ।और गोमूत्र के अंदर जो तत्व होते हैं वेही तत्व कई दवाओं के अंदर भी पाये जाते हैं। खैर सीधे ही गोमूत्र पीना हानिकारक होता है। लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर के परामर्श से ही आप यह कर सकते हैं।

‌‌‌किडनी की समस्या हो सकती है

दोस्तों यदि आप गाय का मूत्र का सेवन करते हैं तो यह आपके किडनी को प्रभावित करता है।यूरिया यूरिक एसिड के बढ़ने से किड़नी का अधिक कार्य हो जाता है और कार्बन-डाई-ऑक्साइड जैसे हानिकारक शरीर के जैविक विषयों का निस्तारण  कम हो जाता है। इसकी वजह से रक्तशौधन समस्या  ‌‌‌आती है और इसकी वजह से पैरों मे सूजन रहने लग सकता है। इसके अलावा यदि जल्दी ही नहीं ध्यान दिया गया तो यह सूजन स्थाई हो सकता है।और इसकी वजह से किडनी खराब तक हो सकती है।

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‌‌‌किडनी के अंदर पथरी की समस्या

पेशाब का सेवन करने से किड़नी के अंदर पत्थरी की समस्या हो सकती है।और उसके बाद किड़नी काम करना बंद कर देती है। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि किड़नी अचानक से काम करना बंद करदे और उसकी वजह से रक्त शोधन नहीं हो पाता है तो व्यक्ति अधिकतम 30 मिनट तक ही जिंदा ‌‌‌ रह पाता है।

हानिकारक रोग दायक बैक्टीरिया

गाय के मूत्र के अंदर हानिकारक रोग दायक बैक्टीरिया होते हैं।ओरल बैक्टीरिया ,प्रोटोजोआ , तथा एनल बैक्टीरिया,प्रोटोजोआ ,और यूरिनल बैक्टीरिया जैसे भी इसके अंदर पाये जाते हैं।इसलिए आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

गोमुत्रं कटु तीक्ष्णोष्णं क्षारं तिक्तकषायकम् |

लघ्नग्निदीपनं मेध्यं पित्तकृत्ककफवातह्रत्

गोमूत्र तीखा तीक्ष्ण गरम क्षारीय कड़वा कसेला पाचन के लिए हलका अग्नि बढ़ाने वाला मेध्य पित्त बढ़ाने वाला कफ़वात कम करने वाला है। ‌‌‌लेकिन इसको बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं पीना चाहिए ।

‌‌‌कुछ लोग कहते हैं कि गोमूत्र बेकार चीज है जबकि कुछ लोग इसको सही ठहराते हैं इस बारे मे आपके विचार क्या है ?

देखिए यदि आप फिल्टर किये हुए गोमूत्र को किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की मदद से दवा के रूप मे लेते हैं तो यह काम करेगा । आपको पता होना चाहिए कि अनेक दवाओं के अंदर एल्कोहल होता है और  ‌‌‌हम सभी यह जानते हैं कि यह नुकसान करता है लेकिन यह किसी एक रोग को दूर करने मे मदद भी करता है।

‌‌‌क्या बिना जानकारी के गोमूत्र का सेवन करना चाहिए ?

आपको बतादें कि बिना जानकारी के गोमूत्र हो या दवा इनका सेवन नहीं करना चाहिए । कुछ लोग यही तो गलती करते हैं वे बिना सोचे समझे गोमूत्र का सेवन करने लग जाते हैं। यह गम्भीर समस्या को जन्म दे सकता है।

गोमूत्र फिनायल की मदद से आप अपने घर को साफ कर सकते हैं।वैसे तो इसको बनाने के कई सारे तरीके हैं लेकिन एक तरीका यह है कि गोमूत्र, देवदार के तेल, पानी, सिट्रोनेला को मिलाया जाता है। उसके बाद 130 लीटर फिनायल के लिए 20 लीटर गौमूत्र और 3 किलो 750 ग्राम नीम के पत्ते मिलाकर गर्म किया जाता है। ‌‌‌जब यह भाग 1/5 बच जाता है तो उसके बाद इसके अंदर सुगंध डाली जाती है और देवदार का तेल भी मिलाया जाता है और 100 लीटर पानी मिलाकर इसको पैक कर दिया जाता है।

‌‌‌हालांकि हमारे यहां पर गोमूत्र का प्रयोग होना नया नहीं है।बहुत से भारतिए घर के अंदर पवित्रता लाने के लिए गोमूत्र का छिड़काव भी करते हैं।

‌‌‌बाजार के अंदर कैमिकल युक्त फिनाइल मिलती है और यह काफी महंगी होती है। इसका विकल्प है गोमूत्र से युक्त फिनाइल ।गोनायल का उपयोग कई कार्यालयों के अंदर पहले से ही किया जाने लगा है।

‌‌‌गोमूत्र को बेचने के लिए बनाया एप्प

मध्य प्रदेश के उज्जैन के रहने वाले लोकेंद्र पाटीदार ने एक ऐसा एप्प बनाया है जिसकी मदद से गोमूत्र बेचा जा सकता है। और अब तक कई किसान इस एप्प से जुड़ चुके हैं। पाटीदार यह बाताते हैं कि इस एप्प को बनाने का मकसद यह है कि किसान बिचौलिया के चक्कर मे ना

‌‌‌फंसें और सीधे एप्प के जरिये लाभ कमाएं ।और अब तो देश विदेश के अंदर गोमूत्र की मांग बढ़ रही हैं और कई कम्पनियां गोमूत्र की सप्लाई करने मे भी लगी हुई हैं।

‌‌‌क्या सीधे ही गाय के पेशाब को पीना सही होगा ?

नहीं यदि आप शुद्ध किये बिना यदि सीधे ही गाय का पेशाब पीते हैं तो उसकी वजह से आपको काफी अधिक नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। इसलिए आपको गाय का पेशाब को पीने से पहले उसे शुद्ध कर लेना चाहिए । या ‌‌‌ फिर मार्केट के अंदर गोधन अर्क मिलता है आप उसका सेवन कर सकते हैं।

‌‌‌क्या गाय का पेशाब पीना सुरक्षित है ?

नहीं यदि आप बिना डॉक्टर के परामर्श किये यदि आप गाय का पेशाब पीते हैं तो उसकी वजह से नुकसान हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यदि आप गाय का पेशाब पीते हैं तो पहले आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । ‌‌‌तभी आपके लिए काफी अधिक फायदेमंद होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं।

‌‌‌दिन मे कितनी बार गाय का पेशाब पीना चाहिए ?

दोस्तों यदि आप दिन मे गाय का पेशाब पीते हैं तो उसके बाद आपको चाहिए कि आप एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए । और कितनी बार आपको इसका सेवन करना है इसके बारे मे आपका डॉक्टर आपको जो निर्देश देता है आपको उसका पालन करना चाहिए । यही आपके ‌‌‌ लिए सही होगा । आप इस बात को समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सही होगा ।

‌‌‌क्या गाय के पेशाब पीने से किडनी पर असर पड़ सकता है ?

दोस्तों आपको बतादें कि गाय का पेशाब यदि आप पीते हैं तो इसकी वजह से किडनी पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। आपको पेशाब को सही मात्रा के अंदर आपको पीना चाहिए तभी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।ं

‌‌‌हम गाय के पेशाब को कहां से खरीद सकते हैं ?

दोस्तों गोधन अर्क का नाम आपने सुना ही होगा । आजकल कई सारी कंपनी होती हैं जोकि गोधन अर्क को बेचती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । गोधन अर्क गाय का पेशाब होता है जोकि पूरी तरह से शुद्ध होता है आप चाहें तो इसको ऑनलाइन मंगवा सकते हैं।

‌‌‌और उसको सेवन कर सकते हैं।

‌‌‌गाय का पेशाब पीने से क्या फायदे होते हैं ?

दोस्तों गाय का पेशाब पीने से कई सारे फायदे होते हैं आपको इसके बारे मे हम उपर बता चुके हैं। आप उपर इसके फायदों के बारे मे देख सकते हैं। यदि आपको पसंद आते हैं तो आप उपयोग मे ले सकते हैं।

‌‌‌गाय के पेशाब को किस तरह से स्टोर करना चाहिए ?

दोस्तों आपको बतादें कि गाय के पेशाब को आपको धूप के अंदर नहीं रखना चाहिए । यदि आप इसको धूप के अंदर रखते हैं तो उसकी वजह से यह खराब हो सकते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । इसके अलावा आप कमरे के ताप पर इनको रख सकते हैं। ‌‌‌लेकिन आपको इसको फ्रीज के अंदर भी नहीं रखना चाहिए । आप इस बात को समझ सकते हैं।

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arif khan

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