दोस्तों यदि आप क्रिकेट खेलते हैं और क्रिकेट देखना आपको अच्छा लगता है तो आपको पता होगा कि क्रिकेट का भगवान किसे कहा जाता है ? cricket ka bhagwan kisi ka jata hai
इस लेख के अंदर हम बात करने वाले हैं कि सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है। ऐसा उसके अंदर क्या खास था। जिसकी वजह से आज उनको क्रिकेट की दुनिया का सुपर हिरो माना जाता है। और क्रिकेट देखने वाले भाई तो यह भी जानते होंगे कि उनको क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है। तो दोस्तों उनको क्रिकेट का भगवान कहने के पीछे भी वजह है। तो आइए फटा फट जान लेते हैं कि क्रिकेट का भगवान कौन है।
cricket ka bhagwan kisi ka jata hai
दोस्तों जैसा कि हम आपको उपर बता ही चुके हैं कि क्रिकेट का भगवान सचिन तेंदुलकर को कहा जाता है। जो क्रिकेट के एक महान खिलाड़ी हैं। उन्होंने 24 साल के अपने कैरियर के अंदर वो मुकाम हाशिल कर लिया जो बड़े बड़े खिलाड़ी भी नहीं कर सकते हैं। यदि हम उनके रिकोर्ड को देखें तो वो किसी खिलाड़ी के लिए तोड़ना काफी कठिन होगा । उन्होंने 15 नवंबर, 1989 को 16 साल मे ही क्रिकेट के अंदर कदम रखा और सन 2013 के अंदर क्रिकेट से संन्यास ले लिया ।उनके खेलने के अंदर वो खासियत है जो हर किसी खिलाड़ी के अंदर नहीं होती है।
लेकिन यदि हम सच माने तो सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने जो रिकोर्ड बनाएं हैं। उनको तोड़ना किसी के बस मे नहीं है। बस यही वजह है कि उनको भगवान कहा जाता है। वैसे भगवान का मतलब बेस्ट से है। जो सबसे बेस्ट करता है। वह भगवान कहा जाता है और सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के अंदर बेस्ट किया इस वजह से उनको क्रिकेट का भगवान कहा जाता है।
- क्रिकेट के इतिहास मे दौहरे शतक लगाने वाले प्रथम खिलाड़ी रह चुके हैं।
- 62 मैन ऑफ द मैच ऑवार्ड
- 15 बार मैन ऑफ द सीरिज ऑवार्ड
- टेस्ट में 15,821 और वनडे में 18,429 रन बनाने का रिकार्ड भी है।
- 100 शतक और 164 अर्दशतक लगाए हैं ।
- 100 टेस्ट मैच खेलने का रिकार्ड ।
- 463 वनडे मैच खेले हैं जो अपने आप मे एक रिकॉर्ड है।
- वनडै मैच मे 49 शतक लगाने का रिकॉर्ड
- अतंर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 34,357 रन बनाए।
इन सब रिकॉर्ड की वजह से सचिन तेंदूलकर को क्रिकेट का भगवान और मास्टर ब्लास्टर के नाम से भी जाना जाता है। फ़रवरी 2014 को उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है । जो 44 वर्ष की उम्र मे सबसे पहले भारतिए हैं। इसके अलावा अब तक सचिन तेंदुलकर को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
- सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर l DV BURMN के बहुत बड़े फैन होने की वजह से उन्होंने अपने बेटे का नाम उनके नाम पर रखा था।
- स्कूल के समय जब सचिन काफी छोटे थे तो अपने दोस्तों के साथ बड़ा पाव खाने का कम्पीटिशन करते थे । और ऐसा करके वे अपने दोस्तों को कई बार हरा चुके थे ।
- यह भी एक मजेदार फेक्ट है कि क्रिकेट के भगवान सचिन एक बार छत पर खेल रहे थे और एक हेलिकॉपटर गुजरा और उनके हाथ की एक उंगली कट गई ।
- सचिन तेंदुलकर रमेश तेंदुलकर की दूसरी बीवी की संतान है। पहली बीवी से अजीत ,नितिन और सविता हैं जो कि तीनो सचिन से बड़ी हैं।
- सचिन तेंदुलकर के बाल बहुत घुंघराले हैं और इसी वजह से उनके अच्छे दोस्त अतुल रानाडे ने उनको लड़की समझ लिया था।
- जब सचिन छोटे थे और नेटस के अंदर पूरा शत्र बिना आउट हुए खेल लेते तो उनके कोच उनको रमाकांत उनको एक सिक्का देते थे और आज उनके पास 13 सिक्के मौजूद हैं।
- मुम्बई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम के अंदर 1988 ई के अंदर एक मैच खेला गया था। जिसके अंदर सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के लिए फिल्डिंग की थी।
- जब सचिन मात्र 14 साल के थे तो सुनिल गावस्कर ने उनको कुछ पैड दिये थे । जो बाद मे चोरी हो गए थे ।
- गेंद बाजों के छक्के छूटाने वाले सचिन तेंदुलकर को नींद के अंदर चलने की बीमारी है। यही वजह कि घर के अंदर उनका घरवाले रात के अंदर विशेष तौर पर ध्यान रखते हैं और जब वे कहीं टूर पर होते हैं तो उनकी टीम उनका ध्यान रखती है।
- सचिन तेंदुलकर ऑटोग्राफ देने के लिए अपने बाएं हेंड का इस्तेमाल करते हैं। और बल्लेबाजी के अंदर और बोलिंग के अंदर वे अपने सीधे हाथ का इस्तेमाल करते हैं।
- 1955 ई के अंदर सचिन तेंदुलकर नकली चश्मा और मूंछे लगाकर रोजा फिल्म देखने गए थे । उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि लोग उनको पहचान नहीं सके लेकिन जैसे ही उन्होंने अपना चश्मा उतारा सेनिमाघरों के अंदर मौजूद लोगों ने उनको पहचान लिया था।
- सचिन 14 साल की उम्र के अंदर बुम्बई की रणजी टीम के अंदर शामिल हो गए थे । इतनी कम उम्र के अंदर टीम मे शामिल होने वाले पहले खिलाड़ी हैं।
- एक और दिलचस्प बात तो यह है कि जब सचिन तेंदुलकर बस के अंदर सफर करते हैं तो वे पहली पंक्ति की ओर बांई सीट के उपर बैठते हैं।
- पाकिस्तान के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने जब पहला टैस्ट मैच खेला था तो सुनील गावस्कर के दिये पैड का उपयोग किया था।
- 1966 ई के अंदर विश्व कप मे सचिन के बल्ले पर किसी भी कम्पनी का लोगो नहीं था लेकिन उसके बाद टायर बनाने वाली कम्पनी एमआरएफ ने इसके लिए करार किया था।
- सचिन ने दलिफ , इरानी और रणजी ट्राफी के अंदर अपनी पहली ही बारी के अंदर शतक बनाए थे जो कि एक पहले भारतिए हैं।
- सचिन ने सबसे ज्यादा स्कोर होली , दिवाली और रक्षा बंधन पर बनाएं हैं।
- सचिन ने अपने हर टैस्ट मैच के अंदर कभी भी तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की है। वे अधिकतर दूसरे नंबर पर आते हैं।
- एक मात्र रणजी टीम हरियाणा थी जिसमे सचिन एक हारी हुई टीम के हिस्सा थे ।
- सचिन जब भी मैदान के अंदर कदम रखते हैं। तो बल्लेबाजी करने से पहले सूर्य देवता को नमन करते हैं।
- क्रिकेट के प्रति सचिन का बहुत अधिक लगाव है। 1999 ई के दौरान जब उनके पिताजी की मौत हो गई तो वे अपने पिता की अंत्योष्ठी के अंदर शामिल हुए और उसके बाद वापस मैच मे लौट आए । अगले मैच मे उन्होंने शतक लगाई थी।
- सचिन अपनी ferrari के इतने दिवाने हैं कि वे इसको अपनी पत्नी को भी हाथ नहीं लगाने देते हैं।
- सचिन तेंदुलकर सन 1990 ई के अंदर पहली बार टीवी पर आए थे ।और उसके बाद कपिल देव के साथ कई विज्ञापनों के अंदर नजर आए । सचिन ने पहली बार कम्पनी प्लास्टर के लिए विज्ञापन किया था।
- सचिन को लोग बहुत ही अधिक पसंद करते थे । बहुत बार जब सचिन आउट हो जाते थे तो लोग मैच देखना ही बंद कर देते थे कि अब कुछ नहीं रहा सचिन तो आउट हो गये ।
- सचिन के बल्ले का वजन 1.5 किलोग्राम था । इतना भारी बल्ले का इस्तेमाल बहुत कम खिलाड़ी करते हैं।
- सचिन के पिता ने उनको पहले ही शराब और नशे की लत से दूर रहने की सलाह दी थी । इस सलाह को मानकर ही वे इस मुकाम तक पहुंचे थे ।
- सचिन तेंदुलकर सौरव गांगूली को बाबु मोशाय कहते हैं तो गांगुली उनको छोटा बाबु कहकर पुकारते हैं।
- सचिन को घडियां और सेंटस एकत्रित करने का शौक है।
- यह भी एक फेक्ट है कि जब सचिन बैटिंग कर रहे होते हैं तो उनकी पत्नी अंजली कुछ खाती पिती नहीं है।
- सचिन भारत की तरफ से अब तक 185 से अधिक मैच खेल चुके हैं तो एक रिकॉर्ड है।
- सचिन कभी भारतिए टीम के कप्तान भी रह चुके हैं।
- चैंपियन माइकल शुमार ने सचिन को 2002 के अंदर फरारी कार तब भेंट की थी जब उन्होंने डॉन ब्रेडमैन के 29 टेस्ट शतकों की बराबरी करली थी।कहा जाता है कि बाद मे सचिन ने इस कार को एक व्यापारी को बेच दिया था।
- सचिन कभी कभी अपने घर के अंदर अपनी पत्नी और बच्चों के लिए नाश्ता भी बनाते हैं और सन 1988 ई के अंदर उन्होंने पूरी टीम के लिए बैंगन का भर्ता भी बनाया था।
- पहले तो सचिन एक अच्छे बोलर बनना चाहते थे । लेकिन उनके कोच ने उनके इस विचार को खारिज कर दिया और उन्हें का गया कि बोलर पर नहीं तुम्हें सिर्फ बेटिंग पर ध्यान देने की आवश्यकता अधिक है। तुम सिर्फ इसी मे कुछ कर सकते हो ।
- सचिन को उनकी पत्नी अंजली को दो बच्चे हैं और उनका नाम अर्जुन और सारा है।सचिन और अंचली की पहली भेंट एयरपोर्ट पर हुई थी।
cricket ka bhagwan kisi ka jata hai यह आप जान ही चुके हैं। दोस्तों आपको पता है कि सचिन अपने समय के बेस्ट बल्लेबाजों मे से एक रह चुके हैं और अभी तक उनके जैसा perform कोई नहीं कर पाया है। भले ही सचिन आज क्रिकेट से संयास ले चुके हैं। लेकिन आज भी युवा क्रिकेटर सचिन से प्रेरणा लेते हैं और उनके जैसा बनने का प्रयास करते हैं। सच मुच सचिन एक महान बल्ले बाज हैं।
कहा जाता है कि जब सचिन मैदान के अंदर होते थे तो पूरे देश को यही लगता था कि जब तक सचिन हैं टीम इंडिया को दुनिया की कोई ताकत नहीं हरा सकती है। और विरोधी टीमों को भी यह भरोसा था कि जो कुछ कर सकता है सचिन ही कर सकता है। इसी वजह से जब सचिन आउट हो जाते थे तो विरोधी टीमों के हौसले अपने आप ही बुलंद हो जाते थे ।
बहुत बार जब लोग स्कोर के बारे मे पूछते थे तो वे एक बार यह जरूर पूछते थे कि सचिन आउट हो गया क्या यदि नहीं हुआ तो बल्ले बल्ले है। और जब सचिन आउट हो जाते थे तो लोगों को बहुत दुख होता था। जैसे कि वे खुद ही हार गए हों ।
सचिन लोगों के दिलों मे थे ।दोस्तों क्या आपको पता है कि भगवान कौन होता है? भगवान वह होता है जिसको लोग डर से नहीं वरन एक पॉवरफुल इंसान के रूप मे देखते हैं। सचिन लोगों के दिलों मे आज भी याद करते हैं। सचिन की वो बैटिंग वह सब कुछ आज भी आंखों के आगे आ जाता है। काश हम पुराने समय के अंदर लौट पाते।
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