Crow की जानकारी और कौआ के प्रकार type of crow

‌‌‌इस लेख के अंदर हम आपको ‌‌‌कौआ के बारे मे जानकारी crow information in hindi  और कौआ के प्रकार के बारे मे पूरे विस्तार से बताने वाले हैं।

‌‌‌कौवा को आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे। कौवा अक्सर हमारे घर की मुंडेर पर बैठा देखने को मिल जाता है। भारत के अंदर इसकी दो ही प्रजातियां पाई जाती हैं।इसकी कई सारी प्रजातियां हैं जोकि विलुप्त हो चुकी हैं। भारतिय कौआ काले रंग का होता है और राजस्थानी में इसे कागला तथा मारवाडी भाषा में हाडा कहा जाता हैँ।

कौआं कांव कांव की आवाज करता है। यह एक तरह से कर्कश  ध्वनी होती है। भारत के अंदर कौआ को शकुन अपशकुन से जोड़कर देखा गया है।इसके अलावा तंत्र के अंदर भी कौआ का बहुत अधिक उपयोग बताया गया है। इसी लिए कौआ तंत्र  नामक बुक आज भी आपको आसानी से ‌‌‌ मिल जाएगी ।

‌‌‌वर्तमान मे वातावरण के अंदर बहुत अधिक तेजी से बदलाव आ रहे हैं और ऐसी स्थिति मे कौआ को भी नुकसान उठान पड़ रहा है। गांवों मे भी अब पहले जितने कौआ नहीं रहे हैं। हम देखा करते थे कि पहले कौआ के झुंड के झुंड आते थे लेकिन अब बहुत कम ही कौआ देखने को मिलते हैं।

‌‌‌कौवे के बारे मे वैज्ञानिक यह बताते हैं कि कौवा मानव की तरह और चिंपाजी की तरह बहुत अधिक बुद्धिमान होता है। यह खुद के लिए खतरा पैदा करने वाले इंसान को 5 साल तक आसानी से याद रख लेते हैं। ‌‌‌इसके अलावा यह बहुत अधिक चतुर पक्षी होते हैं। इन्होंने तमाम तरह की परीक्षाएं भी आसानी से पास करली हैं।

‌‌‌कौओं की याददाश्त काफी कमाल की होती है। और इंसानों की बीच रहने की वजह से वे और अधिक सीखते चले गए हैं। कुछ कौवे ऐसे होते हैं जो राहगिरों से खाना छीन कर भाग जाते हैं । और यदि कोई खाने का डिब्बा है तो उसे सड़क पर जानबूझ कर गिरा देते हैं। और जैसे ही ‌‌‌कोई गाड़ी उस खाने के उपर से निकलती है तो डिब्बा फट जाता है और खाना कौआ को मिल जाता है। इसी प्रकार से कुछ कौआ ऐसे भी देखेगए हैं जोकि  ड्रिंक को पिने मे माहिर होते हैं। ‌‌‌इसके अलावा कौआ जरूरत पड़ने पर अनेक चीजों को अपना हथियार बना लेते हैं।

‌‌‌भारत के अंदर तो कौआ के शकून अपशकुन को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।और इस चीज को तो हमने कई बार नोटिस करके देखा कि कौआ के शकुन मे दम होता है। हमने देखा कि जब हमारी छत पर बैठ कर कौआ बोलता था तो मेहमान जरूर आता था। ‌‌‌यह पहले की बात है जब फोन नहीं होते थे ।ऐसा हमने एक या दो बार नहीं वरन पूरे 9 बार देखा है। असल मे शकुन शास्त्र भी कुछ विज्ञान से जुड़ा है।

‌‌‌हिंदु धर्म मे कौआ का विशेष महत्व है।इसके अनुसार श्राद्ध के समय कौआ को भोजन खिलाने की परम्परा है। इस परम्परा के अनुसार ऐसा करने से पितर शांत होते हैं।श्राद्ध मे चावल वैगरह बनाए जाते हैं और उसके बाद उनको छत पर रख दिया जाता है। फिर कौआ आते हैं और खाते हैं। उनके बाद कौआ को पानी दिया जाता है। ‌‌‌आजकल कौओं की कमी के चलते यह काम बंद हो गया है। लोग भोजन को गाय को खिलाकर अपने रितिरिवाज को पुरा कर रहे हैं।

‌‌‌लेकिन समय के साथ कौआ की विलुप्ति एक चिंता का विषय है। कौआ के विलुप्त होने की वजह इंसानों का खान पान और वातावरण मे बदलाव है। आज खेतों के अंदर कीटनाशक छिड़का जाता है। और पशुओं को भी दवाओं के इंजेक्सन लगाये जाते हैं। यही कारण है कि कौआ पर इनका बुरा प्रभाव पड़ा है।

कोर्वस एक व्यापक रूप से वितरित है जीनस मध्यम आकार के बड़े के पक्षियों परिवार में शामिल है जिनको रैनवे के नाम से जाना जाता है।इस जीन के 45 सदस्य समशीतोष्ण  के अंदर पाये गए हैं। कुछ छोटे मैक्सिकन प्रजातियों में से कुछ कौवे 34 सैमी के होते हैं तो कुछ बड़ी प्रजातियों के अंदर यह 60 सेमी तक हो सकते हैं। यह मोटी चोंच वाले होते हैं। ये एक मजबूत और पतले दिखने वाले पक्षी हैं, एक छोटे से गोल सिर के साथ सुसज्जित है, एक मजबूत शंक्वाकार चोंच के साथ, लम्बा और नुकीला, नीचे की ओर थोड़ा घुमावदार छोर होता है।

माना जाता है कि कोरवस के सदस्य मध्य ऐशिया के अंदर विकसित हुए ।और बाद मे उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में पहुंच गए थे ।‌‌‌कौआ आमतौर पर खाना खाने के लिए बड़ी सभाएं और भोजन करने के स्थानों के आस पास रहते हैं क्योंकि यहां पर उनको अच्छा खासा खाने के लिए मिल जाता है।

‌‌‌ crow information in hindi कौआ आपस मे बात कर सकते हैं

‌‌‌कौआ अपने अन्य सदस्यों के साथ वोकलिज़ेशन  कर सकते हैं।अक्सर आपने कौआ को कांव कांव करते हुए देखा है। और जब बहुत अधिक कौवे एकत्रित हो जाते हैं तो यह अलग अलग प्रकार की आवाज निकालते हैं। यह उनका स्वर होता है और वे आपस मे बातचीत करते हैं।‌‌‌कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि कौआ एक बुद्धिमान पक्षी होता है। और इस संबंध मे एक पुरानी कहानी भी प्रचलित है। इस कहानी के अनुसार एक बार एक प्यासा कौआ एक जग के पास आता है और उसके अंदर पानी पीने की कोशिश करता है लेकिन पानी नीचे होने की वजह से पी नहीं पाता है

‌‌‌उसके बाद उसे एक तरकीब सुझती हैं और वह कंकड को उठाता और जग के अंदर डाल देता है। जैसे ही वह बहुत सारे कंकड को उसमे डाल देता है तो पानी उपर आ जाता है और वह पानी पी लेता है।

5 अक्टूबर 2007 को, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने न्यू कैलेडोनियन कौवे की पूंछ पर छोटे वीडियो कैमरे को लगाया था। जिसका मकसद यह था कि कौआ किस प्रकार से अपने लिए भोजन को एकत्रित करता है। उन्होने देखा कि कौआ ‌‌‌पेड़ की टहनियों को तोड़ सकता है और जरूरत के अनुसार इनका उपयोग भी कर सकता है।

‌‌‌कौआ का भोजन

कौआ सर्वाहरी होता है।अन्य पक्षियों, फलों, नट, मोलस्क, केंचुआ, बीज, मेंढक, अंडे, घोंसला, चूहे और कैरीयन जैसी चीजों को खा सकता है। आमतौर पर शहर के अंदर रहने वाले कौआ रोटी खाते हैं। और घर के अंदर बचा हुआ जो खाना फेंका जाता है। उसे कौआ खा लेते हैं।‌‌‌इसके अलावा जब कोई पशु मर जाता है तो उसे भी कौआ अपना भोजन बना लेता है। हालांकि आजकल कौआ की संख्या कम होने की वजह से ऐसा करते हुए वे बहुत ही कम दिखाई देते हैं।

‌‌‌कौआ के अंदर प्रजनन

मादा कौआ 3 साल के अंदर और नर कौआ 5 साल के अंदर परिपक्वता तक पहुंच जाते हैं।मादा 3 से 9 अंडे तक देती है।कौआ अंडे देने से पहले घौसला भी बनाते हैं। उनके घौसले पेड़ की उंची टहनियों पर होते हैं कौवे का घोंसला टहनियाँ, बिजली के तार, धातु की पट्टियाँ, प्लास्टिक के टुकड़े और अन्य छोटे सामानों से बना होता है।

‌‌‌कौआ की उम्र

एक आम कौआ की उम्र 20 साल के लगभग होती है।जबकि अधिकतर कौआ 30 साल की उम्र तक मर जाते हैं। और अब तक सबसे अधिक उम्र का जीवित कौआ 59 साल देखा गया है। अधिकतर कौआ बीमारी की वजह से अपना पूरा जीवन जी ही नहीं पाते हैं।

‌‌‌कौआ का शिकार भी किया जाता है

बाल्टिक जनजाति,  क्यूरोनियों के द्धारा कौआ का शिकार भी किया जाता है।हालांकि अब यह बंद हो गया है । यह बात 18 वी शताब्दी से पहले की है।आमतौर पर यह वो लोग होते थे जो मछली पकड़ते थे । यह कौआ को पकड़ते और उसके बाद इसका मांस खाकर धुम्रपान करते थे ।1721-24 में प्रशिया सरकार द्वारा नॉनहंटिंग नीति को रोका और खाने के लिए दूसरी चीजों की आपूर्ति की गई।आमतौर पर कौआ पकड़ने का काम वै मछुआरे करते थे जो किसी कारण से समुद्र के अंदर नहीं जा सकते थे ।

‌‌‌कौआ जीवित जानवरों पर भी हमले करते हैं

कौआ ताजा मांस खाने के लिए जानवरों पर हमले करने के लिए भी जाने जाते हैं। और इस प्रकार के कई मामले भी दर्ज किये गए हैं।ऑस्ट्रेलियाई मे कौआ द्धारा कई भेड़ के बच्चों को घायल करने की घटनाएं दर्ज की गई थी।

‌‌‌कौआ की प्रजातियां या कौआ के प्रकार

दोस्तों कौआ कई प्रकार का होता है।यदि आप भारत के अंदर रहते हैं तो आपको दो ही प्रकार का कौआ देखने को मिला होगा लेकिन पूरी दुनिया के अंदर कौआ की कई प्रजातियां मौजूद हैं। जिनके बारे मे हम यहां पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।

Pied crow information in hindi

Pied crow information in hindi

Corvus albus एक प्रकार की अफ्रिकन प्रजाति है।संरचनात्मक रूप से, चितकबरा कौआ होता है। विशेष रूप से यह सोमाली कौवा व अफ्रिकी हॉर्न व यूरेशियन कैरियन कौवे के साथ मेल खाता है। 46-50 सेंटीमीटर लंबाई इसकी होती है। लंबा पूंछ और लंबे पैर होते हैं।यह चमदार काले सिर और गर्दन के आस पास से सफेद लकीर होती है।पूंछ, बिल और पंख भी काले होते हैं। आँखें गहरी भूरी हैं।

‌‌‌इसका वजन 520g होता है।यह कौआ कठोर स्वर मे “अर-अर-अर-अर” या “खर-खर-खर की आवाज करता है।चितकबरे कौए का वर्णन पहली बार 1776 में स्टेटियस मुलर द्वारा किया गया था । इसका विशिष्ट नाम लैटिन विशेषण अल्बस है , जिसका अर्थ है “सफेद”।

यह प्रजाति, अफ्रीका के जीनस कॉर्वस की सबसे व्यापक सदस्य होती है। नाइजीरिया , घाना, सेनेगल , सूडान , सोमालिया इरीट्रिया , जाम्बिया और मेडागास्कर के बड़े द्वीप, कोमोरोस द्वीप समूह, Aldabra ‌‌‌जैसी जगहों पर आसानी से देखने को मिलता है।

कीड़े और अन्य छोटे अकशेरुकी , छोटे सरीसृप , छोटे स्तनधारी , युवा पक्षी और अंडे जैसी चीजें यह भोजन के रूप मे खाते हैं।यह चमगादड़ों को मार कर खा जाते हैं। और बूचड़खानों के आस पास इनको देखा जा सकता है।

‌‌‌यह कौआ भी पेंड़ों पर घोसला बनाते हैं।और घोसले के अंदर 3 से 6 अंडे तक देते हैं जो भूरे रंग के होते हैं।18-19 तक मादा अंडे को सेती है। उसके बाद बच्चों को विकसित होने मे 45 दिन लगते हैं।

White-necked raven information in hindi

White-necked raven information in hindi

‌‌‌इनकी लंबाई लंबाई में 50-54 सेमी होती है।common raven इनके प्रमुख रिश्तेदार होते हैं।इसकी पूछ सामान्य कौवे कि तुलना मे पूंछ कम लंबी होती है।गर्दन के नप पर सफेद पंखों का एक बड़ा पैच होता है।काले, गले, स्तन और गर्दन एक  बैंगनी चमक दिखाते हैं।‌‌‌इन कौआ का वजन वजन 762 – 865 ग्राम होता है।

‌‌‌यह कौआ अफ्रिका के खुले और पहाड़ी इलाकों के अंदर पाया जाता है।यह शहरों और गांव के अंदर रहते हैं और यह पाहड़ी क्षेत्रों मे घोसले बनाते हैं।

‌‌‌यह कौवे वैसे काफी शक्तिशली होते हैं।यह एक कछुआ को भी जमीन से उंचाई पर उडा सकते हैं।यह किसी से भी झपट्टा मारकर खाना छीन भी सकते हैं।फल, अनाज, कीड़े, छोटे सरीसृप, मूंगफली  यह खाना पसंद करते हैं। इसके अलावा यह पहाड़ों पर घोसला बनाते देखे गए हैं। इनके छोटे बच्चे पहले अपने पिता माता के साथ ही रहते ‌‌‌ हैं और उसके बाद जब वे बड़े हो जाते हैं तो जोड़ा एक रूप मे रहने लग जाते हैं।

Little crow information in hindi

Little crow

Corvus bennetti एक ऑस्ट्रेलियाई  प्रजाति का कौआ है।लंबाई में 38-45 सेमी तक होती है। इसके अलावा यह पश्चिमी और मध्य ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। और खेती किया जाने वाले स्थानों पर यह आसानी से देखने को मिलता है।यह आमतौर पर छोटे, ढीले उपनिवेशों में घोंसले का निर्माण करता है, मिट्टी के साथ चिपका हुआ घोंसला निर्माण ‌‌‌ करता है। इसकी आवाज हार्क-हार्क-हार्क-हार्क होती है।

American crow

Corvus brachyrhyncho एक बड़े गौरया पक्षियों के परिवार से आता है।यह पूरी उत्तरी अमेरिका के अंदर पाया जाता है।यह साड़ा कौआ और हुड वाली कौआ के समान होता है।एक अमेरिकी कौवा 40-50 सेमी की ‌‌‌होता है।, जिसमें से लगभग आधा पूंछ होता है। द्रव्यमान लगभग 300 से 600 ग्राम तक होता है। नर मादा की तुलना में बड़े होते हैं। सबसे सामान्य कॉल है CaaW! -CaaW! –CaaW

American crow

‌‌‌इसके पंखइंद्रधनुषी होते हैं लेकिन यह काला होता है।1822 में क्रिश्चियन लुडविग ब्रीम द्वारा अमेरिकी कौवे का वर्णन किया गया था।अमेरिका कौआ की 5 मान्यता प्राप्त उप प्रजातियां हैं।

  • Corvus brachyrhynchos brachyrhynchos … यह  उत्तरपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका , पूर्वी कनाडा के क्षेत्रों के आस पास पाई जाती है और सबसे बड़ी उप प्रजाति है।
  • कोर्वस ब्राचीहाइंचोस कौरिनस …यह समसितोषण वनों के अंदर निवास करता है।इसके पूर्वज रॉकी पर्वत के आस पास रहा करते थे ।
  • कोरवस ब्राचिहाइंचो हिस्टेरिस …आर्कटिक उत्तर, प्रशांत उत्तरपश्चिम और चरम दक्षिण को छोड़कर पश्चिमी उत्तरी अमेरिका के अंदर यह पाया जाता है।
  • कोर्वस ब्राचीहाइंचोस पास्कुस .. यह मध्यम आकार का कौआ होता है जो छोटे पंखों का होता है।
  • कोरवस ब्राचीहिनचोस पौलस  … इस कौआ का निवास स्थान दक्षिण संयुक्त राज्य होता है।

जंगली में अमेरिकी कौवे का औसत जीवन काल 7-8 वर्ष है। लेकिन कैद के अंदर यह 30 साल तक आसानी से जिंदा रह सकता है। अमेरिकी कौआ लगभग 15 सदस्यों के परिवार के अंदर रहते हैं।जो कई वर्षों तक साथ रहते हैं।अमेरिकी कौवे कम से कम दो साल तक प्रजनन उम्र तक नहीं पहुंचते हैं।

 अधिकांश चार से पांच साल तक प्रजनन के लिए घोंसला नहीं छोड़ते हैं।

‌‌‌यह कौवे बड़ी और मोटी छड़ियों से अपना घौसला पेड़ों पर बनाते हैं और यह झाड़ियों के उपर भी अपना घोसला बनाते हैं। और जमीन पर तो बहुत ही कम घोसला बनाते हैं। सांप , रैकून , रेवेन और घरेलू बिल्लियों के द्धारा इनके बच्चों का शिकार किया जाता है।

अमेरिकी कौवे वेस्ट नील वायरस के संक्रमण की वजह से आसानी से मर जाते हैं।सन 1999 ई के अंदर यह वायरस अमेरिका मे आया था। और उसके बाद इसी साल इसकी वजह से अमेरिका के अंदर 45 प्रतिशत कौआ की आबादी के अंदर गिरावट आ गई थी।

अमेरिकन कौवे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवासी पक्षी संधि अधिनियम 1918 द्वारा संरक्षण दिया जाता है । कुछ क्षेत्रों में मनुष्यों द्वारा इन पक्षियों को भगाने या खत्म करने के प्रयासों के बावजूद, वे व्यापक और बहुत आम हैं।

Northwestern crow information in hindi

Northwestern crow information in hindi
Northwestern crow (Corvus caurinus) at Steveston Harbor, British Columbia Canada on April 29, 2014. wiki

brachyrhynchos caurinus एक काले रंग का कौआ होता है। उत्तर-पश्चिमी कौवा के पैरों की लंबाई 33 से 34 सेंटिमिटर होती है।जून 2020 में, अमेरिकी कौवा और उत्तर-पश्चिमी कौवा दोनों के आनुवांशिकी पर हाल के एक अध्ययन के बाद, अमेरिकन ऑर्निथोलॉजिकल सोसायटी की नॉर्थ अमेरिकन क्लासिफिकेशन कमेटी ने निष्कर्ष निकाला कि दो प्रजातियां ‌‌‌उसके बाद इनको अमेरिका कौआ कहा जाने लगा ।

‌‌‌यह अमेरिकी कौवे के समान है। इसके पंखों थोड़े छोटे होते हैं। और तटीय क्षेत्रों और दक्षिणी के अपतटीय द्वीपों में होता है अलास्का , के माध्यम से दक्षिण ब्रिटिश कोलंबिया के लिए वाशिंगटन के अंदर इसका निवास स्थान है।

उत्तरपश्चिमी कौआ फंसे हुए मछली, शंख, केकड़े और मसल्स खाता है। इसके अलावा यह कचरा पात्रों के अंदर फेंका हुआ खराब खाना भी खा लेता है। डिब्बों वैगरह को उंचाई से गिराकर खा जाता है।

वोक-वोक-वोक की आवाज करता है जोकि कम पिच की होती है।यह कौआ एकांत मे घौसला बनाना पसंद करते हैं। उंचे पेड़ों पर घौसला बनाया जाता है। और 4 से 5 अंडे देता है।

Cape crow

Cape crow
CC BY-SA 3.0,wiki

Corvus capensis की लंबाई 48 से 50 सेमी तक होती है।इसके पंखों मे बैंगनी रंग होता है। और बाकी यह पुरी तरह से काला होता है।इसमें आनुपातिक रूप से लंबे पैर, पंख और पूंछ भी होती है और बहुत लंबा होता है। गले के पंखे थोड़े लंबे होते हैं।

यह प्रजाति अफ्रीकी महाद्वीप के दो बड़े क्षेत्रों के अंदर रहती है। यह दक्षिणी अफ्रिका व दक्षिणी अंगोला व मध्य पूर्व अफ्रीका में दक्षिण सूडान , इथियोपिया , तंजानिया और केन्या से बड़े क्षेत्र में निवास करती है।

कुछ पौधों, मेंढकों और छोटे सरीसृपों, फलों और जामुनों का सेवन यह करता है।इसके अलावा छोटे जानवरों के अंडों को खा सकता है और घौसलें से शिकार करके चुजे भी खा सकता है।

क्र्र ….. क्र्र ….. ….. क्र्र” या तेज ” कह-कह-कह आवाज यह करता है। यह अपना घोसला पेंड़ों पर बनाता है और 3 से 4 अंडे देता है जोकि 19 दिनों तक सेता ।उसके बाद इनसे बच्चे निकलते हैं कौआ अपने बच्चों की दूसरे शिकारी जानवरों से भी सुरक्षा करता है।

Hooded crow

By Bob – Picasa Web Albums, CC BY 3.0,wiki

Corvus cornix को स्कॉच क्रो और डेनिश क्रो के नाम से भी जाना जाता है।उत्तरी , पूर्वी , और दक्षिण पूर्वी यूरोप , साथ ही के कुछ हिस्सों मध्य पूर्व मे यह पाया जाता है।‌‌‌इसका सिर काला रंग का होता है और पूंछ भी काले रंग की होती है।लेकिन इसके शरीर के नीचे का हिस्सा थोड़ा सफेद रंग मे होता है।2002 के बाद से, करीब अवलोकन के बाद हुड वाले कौवा को पूर्ण प्रजाति का दर्जा दिया गया है।

‌‌‌इस कौवे की अब तक 4 मान्यता प्राप्त उपप्रजातियों को पहचाना जा चुका है।

  • उत्तरी यूरोपीय हुड वाली कौवा ( सी सी Cornix ) . यह ब्रिटेन, आयरलैंड और यूरोप, मे पाया जाता है।
  • पूर्वी भूमध्य सागर हुड वाली कौवा ( सी सी Pallescens ) यह तुर्की और मिस्र के अंदर देखने को मिल जाता है।
  • दक्षिणी यूरोपीय हुड वाली कौवा ( सी सी Sharpii ) पश्चिमी साइबेरिया से काकेशस क्षेत्र और ईरान तक देखने को मिलता है।1889 ई के अंदर इसको  अंग्रेजी जीव विज्ञानी रिचर्ड बोडलर शार्प ने देखा था।
  • मेसोपोटेमिया हुड वाली कौवा ( सी सी Capellanus ) ‌‌‌यह इराक और दक्षिण पश्चिम ईरान के अंदर निवास करता है।इसके अंदर एक भूरे रंग की परत होती है जो दूर से सफेद दिखाई देती है।

सिर, गले, पंखों, पूंछ और जांघ के पंखों को छोड़कर, जो काले और ज्यादातर चमकदार होते हैं, आलूबुखारा राख-धूसर होता है।लंबाई 48 से 52 सेमी (19 से 20 इंच) तक हो सकती है।‌‌‌इनके बच्चे एक बड़े कौआ की तुलना मे बहुत अधिक काले होते हैं।‌‌‌

भोजन के मामले मे यह अन्य कौआ की तरह सर्वाहरी ही होता है।यह खाने के लिए मोलास्क को भी चुन सकता है।यह मांस खाना भी पसंद करता है। अधिक मांस होने ने पर यह उसे छिपा देता है और बाद मे उसे खोज कर खा जाता है।‌‌‌इसके अलावा यह फलों और दूसरे कई खाने पीने की चीजों का सेवन करता हुआ देखा गया है।

‌‌‌यह घोसला बनाने के लिए अक्सर उंचे पेड़ का प्रयोग करता है लेकिन पुरानी ईमारत और चट्टान का प्रयोग भी कर सकता है।इसके अंडे 4 से 6 होते हैं और वे भूरे रंग के होते हैं।32 से 36 दिन बाद इनसे बच्चे निकलते हैं जिनको मादा खुद भोजन खुलाती है।

Carrion crow information in hindi

Corvus corone कैरियन कौवा मूल रूप से कार्ल लिन्नियस द्वारा वर्णित कई प्रजातियों में से एक था।कैरीओन कौआ हरे या बैंगनी रंग के शीशन के साथ काले रंग का होता है।इसके पैर भी काले ही होते हैं।48-52 सेमी तक यह लंबा होता है। 33 से 39 इंच का पंख होता है और इसका वजन 400-600 ग्राम होता है।

By Irene Stylianou from Nicosia, Cyprus – Snack timeUploaded by Snowmanradio, CC BY-SA 2.0, wiki

अक्सर मानव गतिविधि या शहरों में मूर्स, वुडलैंड, समुद्री चट्टानों और खेत सहित बस्ती के क्षेत्रों के पास पाया जा सकता है ।यह कौआ आमतौर पर उग्र स्वाभाव का होता है और एकांत के अंदर रहना पसंद करता है। यह पेड़ और चटटानों के आस पास बैठा देखा जा सकता है।‌‌‌इसके अलावा शिकारियों से खुद की रक्षा के लिए यह कौआ हमला भी कर सकता है। और अपनी आवाज की मदद से बहुत सारे अन्य कौआ को भी एकत्रित कर सकता है।

‌‌‌यह कौआ घोसला बनाने के लिए मोटी छड़ी का प्रयोग करता है। उंची ईमारत या फिर पेड़ पर यह घोसला बनाते हैं।वहां पर 3 से 4 भूरे धब्बेदार नीले या हरे अंडे देते हैं।18 से 20 दिन तक अंडो को सेया जाता है उसके बाद 30 दिन बाद इनसे बच्चे निकलते हैं।

Australian raven

By Charles Haynes from Hobart, Australia – Raven, CC BY-SA 2.0, wiki

Corvus coronoides एक बड़ा पक्षी है जो पूर्व ऑस्ट्रेलिया के अंदर पाया जाता है। यह 46 से 53 सेंटीमिटर लंबा होता है।बैंगनी, नीले या हरे रंग की चमक के साथ काले भूरे रंग के पंख होते हैं।थॉमस हॉर्सफील्ड ने 1827 में ऑस्ट्रेलियाई रेवेन का वर्णन किया है।

सिडनी , कैनबरा , और पर्थ में एक आम पक्षी है। और खाने के मामले मे अन्य कौआ की तरह सर्वाहरी ही होता है।यह फलों और मांस व कीड़ों का सेवन करता है लेकिन इसको ऑस्ट्रेलिया के अंदर भेड़ के बच्चे को मारते हुए भी देखा गया है।छोटे शवों की तुलना में अधिक मांस खाता है। गर्मियों में इसके आहार में कीड़ों की अधिक मात्रा होती है, जबकि शरद ऋतु में अधिक पौधे वाले पदार्थ खाए जाते हैं। इसके द्वारा खाए जाने वाले जीवों के अंदर मकड़ी , मिलीपेड , सेंटीपीड्स ,टिड्डे , सिकाडा आदि यह खा लेता है।‌‌‌यह मांस के टुकड़ों को खाने से पहले पानी के अंदर डूबोते हैं। और गर्मियों मे एक दिन मे 10 बार आसानी से पानी पी लेते हैं।

तीन साल की उम्र होते ही ऑस्ट्रेलियाई रैवन्स प्रजनन शुरू कर देते हैं।प्रजनन का मौसम जुलाई से सितंबर तक होता है।यह कौआ आमतौर पर बहुत लंबे पेड़ों पर घौसला बनाते हैं ।यह जमीन के आस पास कभी भी घोसला नहीं बनाते हैं। हालांकि उंची ईमारतों पर भी इनको घोसला बनाते हुए देखा जा सकता है।

‌‌‌आमतौर पर कौवे हर साल नए घोसले बनाते हैं।इसके पीछे सबसे पहला कारण तो यह है कि पुराने घोसले से बीमारियां हो सकती हैं क्योंकि वहां पर कई तरह के परजिवी चिपक जाते हैं। इसके अलावा वे एक साल के अंदर भिखर जाते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में होने वाली रैवेन की अन्य दो प्रजातियां हैं: थोड़ा रेवेन और वन रैवेन । ऑस्ट्रेलियाई रेवेन भी कुछ हद तक टोरेसियन और छोटे कौवे से निकटता से जुड़ा हुआ है, हालांकि अन्य रेवेन प्रजातियों के समान निकटता से संबंधित नहीं है।

दक्षिणी पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया ,विंडमिल क्रीक और मिचेल नदी  ,न्यूजीलैंड और कंगारू द्धीप पर आपको यह देखने को मिल सकता है।

‌‌‌इसकी दो मान्यता प्राप्त उप प्रजातियां हैं

  • सी सी कोरोनोइड्स- पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश हिस्सों में पाई जाती हैं।यह मरे हुए जानवरों को खाती है। और वहां पर इनकी सख्या बहुत अधिक होती है।
  • C. c. perplexus – दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट ऑस्ट्रेलियन  से पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में  रहती है। इसका आकार छोटा होता है।

टोरसियन कौआ से दो प्रजातियां निकली थी ।ऑस्ट्रेलियाई रैवेन (पूर्वी उप-प्रजातियां) , ऑस्ट्रेलियाई रैवेन (पश्चिमी उप-प्रजातियां) के नाम से जाना जाता है।

Thick-billed raven

मोटी चोंच वाले रैवेन अफ्रिका के हॉर्न मे पाये जाते हैं और सबसे बड़ा पक्षी होने का गौरव भी इनको ही प्राप्त है।मादा में लगभग 1.15 किलोग्राम (2.5 पाउंड) और पुरुषों में 1.5 किलोग्राम (3.3 पाउंड) होता है। और इनकी लंबाई की बात करें तो यह 60 से 70 सेंटीमिटर होती है।इस रैवेन के सिर, गले और गर्दन पर बहुत कम पंख होते हैं। गले और ऊपरी स्तन में एक ऑयली ब्राउन ग्लॉस होता है, जबकि बाकी पक्षी चमकदार काले रंग के होते हैं।

इरिट्रिया , सोमालिया और इथियोपिया के अंदर 3000 से 3400 मीटर की उंचाई पर यह रैनवा बहुत ही आम होता है।पशु के गोबर से बीटल लार्वा, मांस और मानव भोजन के स्क्रैप। इसे खड़े गेहूं लेते देखा गया है। यह गोबर को अपनी चोंच से बिखेर देते हैं और उसके बाद उससे उपयोगी पदार्थ निकाल लेते हैं।यह पेड़ों और चट्टानों पर घोंसला बनाता है । आर मादा एक बार मे 5 अंडे देती है।इसकी कॉल में एक कठोर नाक क्रोक, एक कम मट्ठा क्रैक, एक “रेवेन-रावेन” और कभी-कभी “डिंक, डिंक, डिंक” होता है।

Chihuahuan raven

Chihuahuan raven
By Quinn Dombrowski from Chicago, USA – Day 179: I’m Addicted To Your Spirit, RavenUploaded by Snowmanradio, CC BY-SA 2.0, 8

शिहुआहुआन रैवेन मूल रूप से मैक्सिको और अमेरिका के अंदर पाई जाती है।यह आम रैनवे से मिलता जुलता है लेकिन अमेरिकी रैनवे से थोड़ा बढ़ा होता है।यह कुल 17 से 20 इंच लंबा होता है।

बैंगनी-नीले चमक के साथ काला होता है।चिहुआहुआ रेन दक्षिणपश्चिमी और मध्यपश्चिम संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तरी मैक्सिको  ,  दक्षिणपूर्वी एरिजोना , दक्षिणी न्यू मैक्सिको , दक्षिणपूर्वी कोलोराडो , पश्चिमी कंसास , पश्चिमी ओक्लाहोमा और दक्षिणी और पश्चिमी के अंदर रहता है।‌‌‌खाने के मामले मे यह अनात ,कीड़े और अंडे व मरे हुए पशुओं का मांस खाता है।

घोंसला या तो पेड़ों, बड़े झाड़ियों या कभी-कभी पुरानी इमारतों पर बनाता है।इसमे नर और मादा अपने बच्चों को खिलाते हैं और अपने बच्चों की शत्रुओं से सुरक्षा के लिए कार्य करते हैं।प्रुक-प्रुक की यह आवाज करता है लेकिन इसका स्वर गहरा नहीं होता है।

Indian jungle crow

Indian jungle crow
By J.M.Garg – Own work, CC BY-SA 3.0,wiki

Corvus culminatus एक ऐसी प्रजाति है जो हिमालय के भारतीय उपमहाद्वीप दक्षिण भर में पाया जाता है।‌‌‌इसकी गर्दन ग्रे होती है। यह पहले एक उप प्रजाति के रूप मे माना जाता था।इस चमकदार ऑल-ब्लैक कौवे के पास भारी भरकम काला बिल है।इसके पंखों के अंदर बैंगनी रंग की चमक होती है।भारतीय जंगल कौवा की कॉल घर के कौवे के समान ही होती है।

भारतीय जंगल की भीड़ मुख्य रूप से हिमालय की तलहटी के दक्षिण में भारत के उत्तरपश्चिमी भारत के रेगिस्तानी क्षेत्रों के पूर्व और बंगाल  और श्रीलंका के अंदर भी यह पाया जाता है।‌‌‌यह भी पेड़ों पर घौसला बनाते हैं।तीन से पांच हल्के नीले-हरे अंडे भूरे रंग के साथ धब्बेदार होते हैं। और 17 से 19 दिन के अंदर बच्चे निकलते हैं और 1 महिने के अंदर घौसले से बच्चे  बाहर निकल जाते हैं।

Somali crow

Somali crow
By Bc999 (Black crow) – Own work, CC BY-SA 3.0,

‌‌‌इसकी लंबाई लंबाई में 44-46 सेमी होती है। सोमालिया , जिबूती , ओगाडेन और अफ्रीका के हॉर्न के उत्तरी सीमावर्ती जिले मे पाई जाती है।घोंसला एक रौनक जैसी भारी संरचना है जो किसी एक पेड़ या टेलीग्राफ पोल पर सेट की जाती है। यह तटीय क्षेत्रों या उन क्षेत्रों में चट्टानों पर घोंसला बनाएगा जहां पेड़ अनुपलब्ध हैं। 3-5 अंडे अप्रैल और मई मे देता है।

Slender-billed crow

वायलेट कौवा आनुवंशिक रूप से अलग पाया गया है और कोरवस वायलेसस के रूप में अलग किया गया है।यह ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस के अंदर आसानी से देखने को मिल जाता है। यह भी सर्वाहरी होता है।

Flores crow

यह इंडोनेशिया के लिए स्थानिक है।इसके प्राकृतिक आवास उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय शुष्क जंगल और उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय नम तराई मे देखा जाता है।

Brown-headed crow

Brown-headed crow
By Huub Veldhuijzen van Zanten/Naturalis Biodiversity Center, CC BY-SA 3.0, wiki

भूरे सिर वाले कौवा  इंडोनेशिया के अंदर पाया जाता है।उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय मैंग्रोव वन के अंदर मुख्य रूप से पाया जाता है।‌‌‌यह 22 इंच की कुल लंबाई के साथ होता है।सिर और गर्दन के अलावा कौवा जीन के कई हिस्सों की विशिष्ट चमकदार-काली परत होती है।चोंच संकुचित होती है।गले के पंख भी चमकीले होते हैं कुल आबादी 15,000 और 30,000 पक्षियों के बीच हो सकती है। लेकिन यह भी तेजी से घट रही है। इसका कारण यह है कि इनके निवास स्थानों को तेजी से नष्ट किया जा रहा है।

Rook

Rook
By SurreyJohn – Own work, CC BY-SA 4.0, wiki

स्कैंडिनेविया और पश्चिमी यूरोप से पूर्वी साइबेरिया के अंदर यह पक्षी पाया जाता है।लंबाई 45 से 47 सेमी  तक यह लंबा होता है। इसके काले पंख होते हैं जो धूप के अंदर नीले और बैंगनी रंग के दिखाई देते हैं।इसकी चोंच के पास का भाग थोड़ा सफेद रंग का होता है जो इसको अन्य कौआ से अलग करता है।कृषि क्षेत्रों और चारागाह और दलदल और जंगल के अंदर रहते हैं।

‌‌‌यह एक सामाजिक पक्षी होता है जो शाम को बहुत बड़े झुंड के अदर एकत्रित होता है जिनकी संख्या हजारों मे हो सकती है। यात्रा के मामले मे यह लंबी यात्राएं करते है। यह 6 मील तक की यात्रा कर सकते हैं।

60% आहार वनस्पति पदार्थ है और शेष पशु मूल का है। वनस्पति खाद्य पदार्थों में अनाज , आलू , जड़ें, फल, एकोर्न , जामुन और बीज शामिल हैं जबकि पशु हिस्सा मुख्य रूप से केंचुआ और कीट लार्वा है , यह भृंग , मकड़ियों , मिलीपेड्स , स्लग , घोंघे , छोटे स्तनपायी , छोटे पक्षी , उनके अंडे और युवा, और कभी-कभी कैरियन ‌‌‌भी खा लेता है।

‌‌‌इस कौआ के अंदर संभोग को लेकर संघर्ष होता है। देखने को मिलता है कि एक नर पहले महिला को ईशारा करता है और एक महिला यदि उसका जवाब देती है तो सहवास होता है। इसके अलावा कई बार एक से अधिक नर कौआ एक मादा को चाहते हैं तो फिर उनके अंदर संघर्ष होता है और उसके बाद उस संघर्ष मे जो विजय रहता है।‌‌‌उसके साथ मादा संबंध बनाती है।

‌‌‌यह कौआ पेड़ों और झाड़ियों के अंदर घोसला बना सकते हैं। घौसला बनाने के लिए नर और मादा दोनो ही कार्य करते हैं। घोसला को बनाने के लिए घास ,फूस और लकड़ी का प्रयोग किया जाता है।‌‌‌इनके अंडे का आकार धुंधले भूरे रंग का हो सकता है।16 से 18 दिन के अंदर अंडो से बच्चा निकल जाता है और उसके बाद मादा भोजन लाने मे नर की मदद करती है।‌‌‌यह कौआ कांव-कांव करता है और कई तरह से बोलता है। यह पिच बदलती रहती है।

Tamaulipas crow

Tamaulipas crow

तामाउलिपास कौवा पूर्वातर मैक्सिकों और दक्षिण के अंदर टेक्सास मे पाया जाता है।यह कौआ छोटा और चिकना होता है और इसकी लंबाई 38 सेमी के आस पास होती है।यह काले और नीले रंग का होता है जोकि चमकीला दिखाई देता है।

सिनालोआ कौवा को इस कौआ के बहुत ही करीबी पक्षी माना गया है।उत्तरपूर्वी मैक्सिको के गांवों ,शहरों के अंदर यह Tamaulipas crow देखने को मिल जाता है।यह खुले क्षेत्रों के अंदर भी आसानी से देखने को मिल जाता है लेंकिन यह उंचाई पर नहीं पाया जाता है। ‌‌‌इसकी आवाज एक मेंढक की तरह होती है।और यह अपना घोसला झाड़ियों और पेड़ों पर बनाता है।

Bismarck crow

बिस्मार्क कौवा (Corvus insularis) कौवा की एक प्रजाति है जो बिस्मार्क द्वीपसमूह में पाई जाती है। यह कई अधिकारियों द्वारा टॉरेसियन कौवे (सी ओरु) की उप-प्रजाति माना गया है।

Jamaican crow

Jamaican crow

जमैका का कौवा छोटा होता है। यह 35 से 38 सेंटिमिटर लंबा होता है।क्यूबा का कौवा व हिसपनिओला का सफेद गर्दन वाला कौवा (कोरवस ल्यूकोग्नाफालस) इससे निकटता से जुड़ा हुआ है।

यह प्रजाति जमैका द्वीप पर पाई जाती है, जहां यह साफ किए गए क्षेत्रों के साथ मिश्रित वुडलैंड मे रहती है। यह आपको बाग के अंदर और पहाड़ी क्षेत्रों मे भी आसानी से देखने को मिल जाती है।

समग्र स्वरूप कालिख-धूसर है, बिल्कुल चमकदार नहीं, अपने रिश्तेदारों की तरह , हालांकि यह आंख के पीछे नग्न त्वचा के समान गहरे भूरे रंग के पैच होते हैं। ‌‌‌इसकी आईरिस लाल भूरे रंग की होती है। और इसके पैर काले होते हैं।

यह छोटे अकशेरूकीय और छिपकलियों के लिए छाल और पत्ती के कूड़े के नीचे भी जांच करता है, और यह अंडे खाता है। ‌‌‌यह कौआ उंचे पेड़ों के उपर घोसला बनाता है लेकिन यह पेड़ के अंदर बने हुए छेद का भी घोसले के रूप मे प्रयोग कर सकता है। और इसकी आवाज सुनने मे बदुबुदाती हुई सी दिखती है।

Mariana crow

Mariana crow

मारियाना कौवा गुआम और रोटा के द्वीपों के अंदर पाया जाता है। यह काली चिड़िया की तरह होती है जोकि 38 सेमी लंबी होती है।इस पक्षी की 1960 ई के बाद तेजी से गिरावट देखी गई है। ‌‌‌ऐसा माना जाता है कि भूरे पेड सांप के आने के बाद इसकी संख्या मे तेजी से गिरावट आई है।गुआम राष्ट्रीय वन्यजीव के अंदर इसको संरक्षण देने का प्रयास हो रहा है।

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मारियाना कौवा एक छोटा सा काला कौआ होता है जिसकी पूंछ पर एक नीली-काली चमक होती है, और उसकी पीठ पर हरे-काले रंग की चमक होती है।इसमे एक वयस्क का वजन 260 ग्राम होता है।

मारियाना कौवा कई प्रकार का स्वर निकालते हैं और यह झुंड के अंदर और जब प्रेम मे होते हैं तो अलग प्रकार का स्वर निकालते हैं। लेकिन इनके तीन मुख्य स्वर होते हैं। यह अक्सर पेड़ों पर खेलने के लिए भी जाने जाते हैं।

मारियाना कौआ एक अवसरवादी सर्वभक्षी है , जो कीड़े, छिपकली, अन्य पक्षियों के अंडे, हर्मिट केकड़ों, फलों और बीजों पर भोजन करता है।

‌‌‌इस कौआ का प्रजनन जुलाई से मार्च के बीच होता है।यह झाड़ियों के अंदर घोसला बनाता है और वहां पर 1 से 4 अंडे देता है। मादा और नर दोनों अंडों को सेते हैं। और बच्चे 3 साल बाद ही प्रजनन चक्र के अंदर प्रवेश कर पाते हैं।

White-necked crow

White-necked crow
By ZankaM – Own work, CC BY-SA 3.0,wiki

सफेद गर्दन वाले कौवा दो अन्य प्रजातियां, क्यूबाई कौवा ( कोरवस नेसिकस ) और जमैका कौवा ( कोरवस जैमिसेंसिस ) से संबंध रखता है। यह पहले प्यूर्टो रिको का मूल निवासी था , लेकिन काफी जंगल की निकासी और शिकार के कारण यह वहां से हट गया है। यह उन क्षेत्रों के अंदर नहीं रहता है जहां पर खेती नहीं होती है।

लंबाई 42-46 सेंटीमीटर होती है। यह काले रंग का होता है।आंख के पीछे गहरे भूरे रंग की नंगी त्वचा का एक पैच होता है। इसके पैर काले होते हैं। ‌‌‌और इसकी गर्दन पूरी तरह से काली होती है।

सफेद गर्दन वाले कौए की आवाज एक तोते की तरह होती है जो असामान्य होती है।

Eastern jungle crow

यह चीन, बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, नेपाल, भूटान और थाईलैंड में पाया जाता है।

Large-billed crow

Large-billed crow
By Photo by Laitche, CC BY-SA 4.0, wiki

Large-billed crow एक प्रकार का जंगली कौआ है जो ऐशिया के अंदर व्यापक रूप से देखने को मिलता है।मोटी-बिल्ले कौवे के नाम से भी इसको कभी कभी जाना जाता है। ‌‌‌यह कौआ नो उपप्रजातियों के अंदर बांटा गया है।

  • C. m. colonorum
  • C. m. connectens
  • C. m. intermedius
  • C. m. japonensis
  • C. m. macrorhynchos
  • C. m. mandschuricus
  • C. m. osai
  • C. m. philippinus
  • C. m. tibetosinensis

46-59 सेमी तक लंबाई होती है। और शरीर का अनुपात क्षेत्रिय रूप से भिन्न होता है।सिर, गर्दन, कंधों और निचले शरीर के पीछे से गहरे भूरे रंग की परत होती है। उनके पंख, पूंछ, चेहरा, और गले चमकदार काले हैं।

समुद्र तट अफगानिस्तान और पूर्वी ईरान पश्चिम में, के माध्यम से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया , के लिए कम Sundas और कंबोडिया दक्षिण में इस कौआ का निवास स्थान है। ‌‌‌यह एक सर्वाहरी होता है जो अलग अलग प्रकार का भोजन करता है। यह आमतौर पर अनाज भी खा सकता है। इसके अलावा कचरे से भोजन निकाल कर खाता है।

‌‌‌इसका घौसला उंचे देवदार के पेड़ पर बनाया जाता है। और उसके अंदर 3 से 5 अंडे यह देता है।17 से 19 दिनों के अंदर अंडों से बच्चे निकल जाते हैं ।यह मार्च से मई के बीच प्रजनन करते हैं।इनका घोसला कांटे से बना होता है। और इसमे फाइबर का भी उपयोग होता है।

‌‌‌अंडे नीले-हरे रंग की कोई भी छाया है, और धूसर लाल, भूरा, पीला सीपिया, ग्रे  रंग के हो सकते हैं।इसकी आवाज आम कौआ के समान होती है। कै-हा-काया के नाम से जानी जाती है। ‌‌‌यह कौआ जापान मे रोगजनक वायरस जैसे H5N1 को जापान में मृत्यु दर का कारण माना गया है।

Bougainville crow

यह पापुआ न्यू गिनी में बुगेनविले द्वीप और सोलोमन द्वीप में पड़ोसी शॉर्टलैंड द्वीप में पाया जाता है।बुगेनविले कौवा 41 सेमी लंबा, एक भारी कौआ है।इसके प्राकृतिक आवास उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय नम तराई के जंगल और उपोष्णकटिबंधीय मैदानों के अंदर पाया जाता है।

Little raven

‌‌‌यह ऑस्ट्रेलिया मे देखने को मिलता है। इसकी लंबाई 48 से 50 सेमी होती है।इसकी चोंच पूरी तरह से काले रंग की और पैर भी काले रंग के होते हैं। वयस्क पक्षी की परितारिका सफेद होती है। इसको सबसे पहले सन 1912 ई के अंदर नामित किया गया था।

टोरेसियन कौवा और छोटी कौवा के साथ-साथ वन रेवेन और ऑस्ट्रेलियाई रेवेन इनसे यह निकटता से संबंधित है। ‌‌‌इनकी आंखों के अंदर उम्र के साथ बदलाव देखने को मिलता है। तीन महिने तक नीले रंग की आंखे होती है। उसके बाद 3 से 11 महिने तक भूरी आंखे होती हैं। उसके बाद 11 से बाद हेजल आंखे हो जाती हैं। ‌‌‌यह कर-कर-कर्र” या “अर्क-अर्क-अर्क-अर्क-अर्क आवाज करता है। दक्षिण अफ्रीका के दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया , विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स के दक्षिण -पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में छोटी रावेन पर्वतमाला में ।  कंगारू द्वीप (एसए) और राजा द्वीप (बास स्ट्रेट)। स्क्रब, कृषि क्षेत्रों, चराई चारागाह, वुडलैंड्स से लेकर बेमौसम मैदानी इलाकों मे रहता है।

‌‌‌यह कौआ जोड़ों के अंदर रहना पसंद करते हैं। इनके घौसले 15 के आस पास एक ही स्थान पर होते हैं। और बस कुछ ही दूरी पर बने होते हैं। इन घोसलों के को उन और छोटी लकड़कियों से मजबूत बनाया जाता है ताकि बच्चे नीचे ना गिर सकें । इसके अलावा 30 दिन बाद ही बच्चे इन घोसलों को छोड़ कर माता पिता के साथ जाने ‌‌‌ लग जाते हैं।

Caledonian crow information in hindi

न्यू कैलेडोनियन कौवा एक मध्यम आकार का कौवा है । जिसकी लंबाई 40 सेमी तक होती है।देखने मे यह थोड़ा पतला दिखता है।पक्षी के पास बैंगनी, गहरे नीले हरे पंखों के साथ चमक होती है।इसकी चोंच और पैर काले होते हैं। चोंच मध्यम आकार की होती है। वाया-वा नामक स्वर निकालता है जो कम पिच का होता है। यह केवल मुख्य द्वीप, ग्रांडे टेरे , और वफादारी द्वीपों में से एक , मार द्वीप में निवास करता है ।

Cuban crow

क्यूबा का कौवा चार प्रजातियों के अंदर एक है।जो कैरेबियन के कुछ प्रमुख द्वीपों पर होती है। यह श्वेत-गर्दन वाले कौवे से निकटता से संबंधित होता है।यह मध्यम आकार का 40 से 42 सेंटीमिटर लंबा होता है।पक्षी क्यूबा के अधिकांश बड़े द्वीपों पर और पास के इस्ला डे ला जुवेंटुड पर वुडलैंड और क्षेत्रों में आमतौर पर पाया जा सकता है।

भोजन में फल और कीड़े यह खाता है। और झुंड के अंदर बैठा रहता है। काफी अधिक शौर करता है। खेतों के अंदर असुरक्षित अनाज को खाने के लिए भी यह जाना जाता है।घोंसला ऊंचे पेड़ों में बनाया जाता है, हालांकि प्रजनन के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है।

Torresian crow information in hindi

Torresian crow information in hindi
By Richard Mc Donald – Photo very kindly supplied by Richard Mc DonaldCanon EOS 10D – Canon EF 70-300web/Cropped by Ali’i on 21:18, 12 March 2008 (UTC),

इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी के क्षेत्रों मे यह कौआ पाया जाता है।इसकी सिर और गर्दन पर पंखों का आकार सफेद होता है।‌‌‌इस कौआ की तीन प्रमुख उपप्रजातियां हैं।

  • सीओ लैटिरोस्ट्रिस मेयर, एबी , 1884 – पूर्व लेसर सुंडा द्वीप
  • सीओ ओरु बोनापार्ट, 1850 – मलूकु द्वीप , न्यू गिनी, डी’ट्रेकास्टेक द्वीप  और लुसीएड द्वीपसमूह
  • सीओ। सेसिलिए मैथ्यूज , 1912 – पश्चिम, मध्य और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया

टॉरेशियन कौवा एक ही आकार का होता है जिसकी लंबाई 48 से 50 सेमी तक होती है।टोरेसियन कौवे को ऑस्ट्रेलियाई रैवेन के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए दोनों की आवाज मे अंतर होता है।उष्णकटिबंधीय वर्षावनों , नीलगिरी वुडलैंड, खुले स्क्रब, समुद्र तटों , दलदलों, अपतटीय द्वीपों के अंदर यह बहुत ही आम है।यह बिस्मार्क और इंडोनेशिया के अंदर  भी पाया जाता है।

टॉरेशियन कौआ खेतों और शहरों के अंदर निवास के लिए अनुकूल होता है।यह गेंहू और मूंगफली वैगहर को खाता है।

जनवरी और अगस्त के महीनों के बीच, कौवों के बड़े समूह खेत, जंगलों और शहर के उपनगरों में खानाबदोश रूप से घूमते और घूमते हैं। इन समूहों में सभी उम्र के कौवे होते हैं। यह कौवे अधिक आक्रमक भी होते हैं। खास कर इनके अंदर मादा बहुत आक्रमक होती है।‌‌‌यह अपने क्षेत्र के अंदर आने वाले दूसरे जीवों पर हमला कर देते हैं।जैसे कौवे उल्लू तक को अपने क्षेत्र से आसानी से भगा देते हैं और दूसरे पक्षियों पर आसानी से हावी हो जाते हैं।ऑस्ट्रेलियाई मैगपाई ही इन कौओं से आसानी से मुकाबला कर सकता है।

टोरेसियन कौवे चूहों को तो आसानी से मारकर खा ही जाता है लेकिन इसके अलावा वह समुद्रों से मछलियों को भी पकड़कर मारकर खा जाता है। टोरेसियन कौवे जहरीले मेंढकों को खोते हुए भी देखा गया है। यह कौआ मेंढ़क के जहर की ग्रंथी को आसानी से अलग कर देता है और उसके बाद उसे अपना भोजन बना लेता है।

प्रजनन अवधि अगस्त से जनवरी तक होती है, जिसमें अधिकांश अंडे सितंबर और अक्टूबर में दिये जाते हैं। घोसले को उंचे पेड़ों और उंची ईमारतों पर बनाया जाता है।इसके अंदर 2 से 4 अंडे दिये जाते हैं और उसके बाद इनसे 20 दिन के अंदर बच्चे निकल आते हैं।‌‌‌उसके बाद लगभग 40 दिन तक इन बच्चों को पाला जाता है।जब यह बच्चे घोसला छोड़ देते हैं तो एक झुंड के अंदर रहते हैं।कई महिनों तक माता पिता के साथ रहकर शिकार करना सीख जाते हैं।ओके-ओके-ओके-ओके की तरह यह आवाज करता है।

Fish crow

‌‌‌इस कौवे को पहली बार 1812 में अलेक्जेंडर विल्सन द्वारा वर्णित किया गया था।यह कौआ की आँखें गहरी भूरी होते हैं।यह प्रजाति संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी समुद्री तट पर रोड आइलैंड से दक्षिण में की वेस्ट  , और मैक्सिको की खाड़ी मे देखा जा सकता है।‌‌‌यह कौआ भोजन के लिए अनाज और कीड़ों का सेवन करता है।

यह केकड़े व मछली को पकड़ कर खाते हैं।इसके अलावा मूंगफली भी यह सेवन करता है।आमतौर पर, चार या पाँच अंडे दिए जाते हैं। नीले-हरे रंग में पीले, वे जैतून-भूरे रंग के धब्बों के साथ ही होते हैं।यह कौआ उंचे पेड़ पर घोसला बनाते हैं।

Palm crow

यह पहले क्यूबा के अंदर बहुत अधिक देखा जाता था लेकिन अब यह संख्या के अंदर बहुत अधिक कम हो रहा है।यह संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट के मछली कौए (सी। ओसिफ़रागस) से निकट से संबंधित प्रतीत होता है।पहाड़ देवदार के जंगलों में और एरीक्विलो झील के क्षेत्र के आसपास यह रहना पसंद करता है।

Fan-tailed raven

Fan-tailed raven पूर्वी अफ्रीका और के मूल निवासी हैं।यह पैरों से पूरी तरह से काले होते हैं। इसके अलावा बैंगनी-नीली चमक के साथ होते हैं।यह बोलने मे मेंढक जैसी आवाज करता है।यह मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, अरब और दक्षिण में सूडान और केन्या में होता है । यह दक्षिणी सहारा के अंदर देखने को मिलता है।

‌‌‌इसके पंख इस प्रकार से बने होते हैं कि यह भोजन के लिए लंबी दूरी की यात्राएं करता है।यह सभी प्रकार के फल को आसानी से खा सकता है। छोटी जीवों को खाता है।कूडेदान और शिवरों के आस पास आपको यह देखने को मिल सकता है।‌‌‌यह प्रजाति चट्टानों गुहाओं के अंदर घोसला बनाती है और इसके अंदर 4 से 6 अंडे देती है।यह बहुत ही कम पेड़ों पर घौसला बनाती है।

Brown-necked raven

भूरे-गर्दन वाले रैवेन (कॉरवस रूफिकोलिस) एक बड़ा पक्षी होता है।जिसकी लंबाई 52 से 56 सेंटीमिटर होती है।इसका सर और गला काला भूरे रंग का होता है।बाकी का हिस्सा बैंगनी, नीला या बैंगनी रंग का काला होता है।

यह पूरे उत्तरी अफ्रीका में ,नीचे केन्या, अरब प्रायद्वीप और ग्रेटर मध्य पूर्व और दक्षिणी ईरान में देखने को मिलता है।यह मुख्य रूप से मरुस्थलीय वातावरण में रहता है, जो ऊस और ताड़ के पेड़ों देखा जा सकता है।

कैरी, सांप, टिड्डियां और अन्य घास-फूस, फंसे हुए मछली ,फल और अनाज का यह सेवन करता है।यह कौआ काफी निडर होता है और छिपकली का भी आसानी से शिकार कर सकता है।‌‌‌यह घोसला पेड़ों पर, चट्टानों पर या पुरानी और बर्बाद इमारतों में बनाता है।आम तौर पर 4-5 अंडे होते हैं और 20 से 22 दिनों के भीतर इनक्यूबेट होते हैं। बच्चे 37 वें या 38 वें दिन तक घोंसला छोड़ देते हैं और 42-45 दिनों तक अच्छी तरह से उड़ने मे सक्षम हो जाते हैं।कूकर-कूकर की आवाज यह करता है।

Sinaloa crow

पश्चिमी मेक्सिको का यह कौआ मूल निवासी है।दक्षिणी सोनोरा से लेकर मंज़िलिलो तक प्रशांत ढलान के अंदर यह आपको देखने को मिल सकता है।रेगिस्तान, खुले वुडलैंड्स, नदी के किनारे और 300 मीटर या उससे अधिक पहाड़ियों की उंचाई पर यह आपको देखने को मिल सकता है।‌‌‌यह कौआ भोजन को पेड़ों से और जमीन से प्राप्त कर सकता है।यह छोटे शंख, केकड़े और कीड़े जैसे अकशेरुकी जीवों को भी खा लेता है।यह पक्षी कांटेदार पेड़ या किसी नारियल के पेड़ पर अपना घोसला बनाता है। इसका स्वर तमुलिपस कौवे से अलग होता है।

House crow

भारतीय कौआ, greynecked, सीलोन या कोलंबो कौवा जैसे कई नामों से इसको जाना जाता है।इसकी लंबाई 14 सेमी तक होती है।इसकी गर्दन हल्के भूरे रंग की होती है और पंख पूरे तरीके से काले होते हैं।पाकिस्तान, भारत, नेपाल और बांग्लादेश में पाया जाता है। इसके अलावा ईराक के कई भागों के अंदर भी यह देखने को मिलता है।

नई दुनिया में, सेंट पीटर्सबर्ग, फ्लोरिडा के आसपास के क्षेत्र में घर कौवे की एक छोटी आबादी स्थापित है। और जैसे जैसे जनसंख्या के अंदर बढ़ोतरी हुई है इसकी आबादी भी तेजी से बढ़ गई है क्योंकि सर्वाहरी होने की वजह से इसको भोजन आसानी से मिल जाता है। और भारत मे कौआ का कोई शिकार भी नहीं करता है।

सरीसृपों और स्तनधारियों ,  और अन्य जानवरों जैसे कीड़े और अन्य छोटे अकशेरुकी, अंडे, घोंसले, अनाज और फलों का यह सेवन करता है। यह सर्वाहरी होने की वजह से किसी भी आहार को खाकर आसानी से जीवित रह सकता है।

‌‌‌यह कचरे के आस पास देखने को मिलता है।कचरे से भोजन निकाल कर यह आसानी से खा सकता है।‌‌‌यह कौआ अपने घोसले काफी उंचे पड़ों पर बनाना पसंद करते हैं।घोसले के अंदर 3 से 5 अंडे देते हैं। और बच्चे निकलने के बाद अपने बच्चों की रक्षा भी करते हैं।‌‌‌एक वैज्ञानिक रिसर्च मे यह पाया गया है कि यह कौआ उन ईलाकों के अंदर अधिक देखा जाता है जहां पर बहुत अधिक मानव गतिविधियां होती हैं क्योंकि वहां से यह आसानी से भोजन प्राप्त कर सकता है।

Forest raven

‌‌‌इसकी लंबाई 50 से 52 सेमी होती है।वन रैवेन तस्मानिया में कई प्रकार के आवासों में रहते हैं, लेकिन मुख्य भूमि ऑस्ट्रेलिया का घना जंगल है।इस कौआ का वजन 650 g  होता है और इसके पंख लंबे और चौड़े होते हैं।इसकी पूंछ गोल होती है।यह तस्मानियाई आबादी में काफी कम है लेकिन उत्तरी न्यू साउथ वेल्स में मे अधिक संख्या मे  है। चोंच छोटे रैवेन के समान है पर यह भारी है और मुंह काला होता है। इसके पैर भी काफी मजबूत होते हैं।कोर्र-कोर्र-कोर्र-कोरर की यह आवाज करता है।

जंगल रैवन में तस्मानिया के भीतर जंगल, जंगल, पहाड़, तटीय क्षेत्र, खेत और शहर और शहर के किनारे के खुले इलाकों में निवास करता है।यह सबसे अधिक उंचाई पर और खुली दलदली भूमी के अंदर रहता है।

तस्मानिया में यह सबसे अधिक पाया जाता है।इनके घोंसला पत्तियों, ऊन, घास, छाल, पंख से बनाये जाते हैं। यह अपने घोसले उंचे पेड़ों पर बनाते हैं और इनके अंदर 3 से 5 अंडे देते हैं।उसके बाद इनसे बच्चे निकलते हैं तो मादा और नर इनका भरण पोषण करते हैं।

‌‌‌यह भोजन के अंदर लगभग सभी चीजों को खा जाता है। जैसे अनाज , कीड़े ,मछली और केंचुआ । इसके अलावा यह छोटे पक्षियों पर भी हमला कर सकता है और उनको खा सकता है।और समुद्री जीवों को भी यह पकड़ कर अपना शिकार आसानी से बना लेता है। अधिक आबादी वाले स्थानों पर बेकार के बचे और फेंके हुए खाने को यह खा सकता है।‌‌‌पिकनिक और होटलों के आस पास आपको यह आसानी से देखने को मिलता है।

ऑस्ट्रेलियाई रेवनों के साथ-साथ, जंगल के बीहड़ों को बागों को नुकसान पहुंचाने और मेमनों और मुर्गों  को मारतें हुए भी इसको देखा गया है।

Collared crow

‌‌‌इस कौआ को व्हाइट-कॉलर वाला कौवा भी कहा जाता है।यह लंबाई में लगभग 52-55 सेमी होता है। और कैरियन क्रो की तुलना मे थोड़ा बड़ा होता है।इसके पंख भी थोड़े लंबे होते हैं।एक चिकना और सुंदर पक्षी, इसमें गर्दन के पिछले हिस्से, ऊपरी पीठ  को छोड़कर चमकदार काले रंग होता है।

‌‌‌इसके गर्द के उपर एक सफेद पटटी होती है।यह चीन का मूल है।बीजिंग से आगे उत्तर में नहीं है। यह काफी खुले देश और खेती वाले क्षेत्रों में मैदानी और निचले स्तर की नदी घाटियों में होता है और धान के खेतों में देखने को मिल जाता है।

कीड़े, मोलस्क और अन्य अकशेरूकीय ,चावल और इंसानों के द्धारा छोड़े गए चीजों को खाता है।यह एक पेड़ पर घोसला बनाता है और वहां पर 3 से 4 अंडे देता है। इस कौआ को एक दुर्लभ प्रजाति माना गया है।

Grey crow

ग्रे कौवा को नगे चेहरे वालें कौआ के नाम से जाना जाता है।इसकी लंबाई 42 से 45 सेटींमिटर होती है।पूंछ के पंख अपेक्षाकृत लंबे और स्नातक होते हैं और पैर अपेक्षाकृत छोटे होते हैं।बिल बहुत अधिक परिवर्तनशील होने के कारण असामान्य है। यह प्रजाति न्यू गिनी के विशाल द्वीप पर और निचले और पहाड़ी जंगल में पाई ‌‌‌जाती है।मेंढक और जलीय कीट लार्वा आदि खाते हैं। यह काफी शौर करता है और 4 से 8 के झुंड के अंदर आपको  देखने को मिलता है।

Piping crow

इंडोनेशिया में सुलावेसी के लिए यह स्थानिक है। इसका प्राकृतिक आवास उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय नम तराई का जंगल है।

Banggai crow

यह IUCN द्वारा गंभीर रूप से संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध है। और यह माना गया की यह विलुप्ति की कगार पर है।बैंगाई कौवा एक छोटा कौवा है, जो लगभग 39 सेंटीमीटर लंबा और पूरी तरह से काले रंग का होता है, जिसमें एक पीला आईरिस और एक छोटी पूंछ होती है।।

बंगगई द्वीपसमूह पर यह देखने को मिलता है। 1991 और 1996 में द्वीपसमूह के अंदर इसको नहीं देखा गया था ।2007 और 2008 के अंदर इसको वापस द्वीपसमूह पर देखा जाने लगा इसके संरक्षण के लिए कई कार्य किये गए थे ।‌‌‌अब इनकी कुल आबादी लगभग 500 के लगभग है।बंगगाई कौवे की गिरावट को मुख्य रूप से कृषि और निवास स्थान का नुकसान था।

Long-billed crow information in hindi

‌‌‌इस कौआ की लंबाई 45 से 53 सेमी तक होती है।लंबे आकार के कौवे को इसके बड़े आकार और चमकदार पंख, इसकी लंबी चोंच और इसकी सफेद परितारिका द्वारा अन्य कौवे से अलग किया जा सकता है।इंडोनेशिया के एक द्वीपसमूह के अंदर देखने को मिलता है।

‌‌‌इस कौआ की आबादी भी घटने का अनुमान है। जिसका कारण यह है कि तेजी से जंगल समाप्त हो रहे हैं और इस वजह से कौवे के लिए भोजन और आवास की समस्याए होने लगी हैं।

Violet crow

यह लंबे समय तक पतला-बिल वाले कौवे की उप-प्रजाति माना जाता था लेकिन आनुवंशिक रूप से विचलन दिखाया गया है।वायलेट कौवे का गहरा काला सिर और थोड़ा नीला काला शरीर होता है।

White-billed crow

White-billed crow

‌‌‌इस कौआ की लंबाई 40-41 सेमी तक होती है।यह बड़े सिर के साथ एक बहुत गहरा और घुमावदार पीला हाथीदांत के रंग का बिल है।यह चमकदार काले रंग का होता है।शरीर के बाकी हिस्सों पर बैंगनी चमक दिखाई देती है। आईरिस वयस्क पक्षी में हल्के भूरे या सफेद होते हैं।

यह सोलोमन द्वीप के मध्य भाग तक ही सीमित है । यह देखने मे भी बहुत कम मिलती है क्योंकि यह वनों के अंदर छिपी रहती है। और वनों के अंदर ही उड़ती है। इसको बाहर कम ही उड़ते हुए देखा जाता है।

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arif khan

‌‌‌हैलो फ्रेंड मेरा नाम arif khan है और मुझे लिखना सबसे अधिक पसंद है। इस ब्लॉग पर मैं अपने विचार शैयर करता हूं । यदि आपको यह ब्लॉग अच्छा लगता है तो कमेंट करें और अपने फ्रेंड के साथ शैयर करें ।‌‌‌मैंने आज से लगभग 10 साल पहले लिखना शूरू किया था। अब रोजाना लिखता रहता हूं । ‌‌‌असल मे मैं अधिकतर जनरल विषयों पर लिखना पसंद करता हूं। और अधिकतर न्यूज और सामान्य विषयों के बारे मे लिखता हूं ।