चालू खाता किसे कहते हैं current account in hindi चालू खाते को Current Account के नाम से जानते हैं।अक्सर हम लोग बैंक का एटीएम यूज करते हैं तो हमको पैसे निकालते समय यह सलेक्ट करने के लिए का जाता है कि आपका Current Account है या फिर saving दोस्तों करंट या चालू खाता खाते का एक प्रकार होता है।और हममेसे बहुत से लोग ऐसे होते हैं जोकि चालू खाते का प्रयोग नहीं करते हैं। कारण यह है कि चालू खाते की जरूरत हर किसी को नहीं होती है। हम लोग बैंक मे खाता इसलिए खुलवाते हैं ताकि कुछ पैसे बचा सकें । और इसके लिए सेविंग अकाउंट ही बेहतर विकल्प देता है।
चालू खाता (Current Account) का मतलब होता है चालू रहने वाला । यानी इस खाते के अंदर आप दिन मे कितनी ही बार पैसे निकाल सकते हैं और कितनी ही बार पैसे जमा करवा सकते हैं। इसके लिए कोई प्रतिबंध नहीं है।
और यदि आप कोई बिजनेस करते हैं जिसके अंदर कि आपको बहुत अधिक ट्रांजेक्सन की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए चालू खाते की आवश्यकता होती है। ईमित्र के बारे मे आप जानते ही होंगे । अक्सर ईमित्र के लोगों को चालू खाते की जरूरत होती है। उनको एक दिन मे लाखों का ट्रांजेक्सन करना होता है।ऐसी स्थिति मे चालू खाते की जरूरत उनको होती है।
बड़ी बड़ी कंपनियां और संस्थान और बिजनेस मैन के लिए यह खाता उपयुक्त होता है।क्योंकि उनके पास पैसे का लेनदेन बहुत अधिक होता है। तो उनको दिन मे कई बार पैसा जमा करवाना पड़ता है और निकालना भी पड़ता है।
आप भारत के अंदर लगभग 5000 रूपये जमा करवाके चालू खात खुलवाया जा सकता है। हालांकि इस खाते के अंदर जो रकम होती है उसके उपर कोई भी ब्याज नहीं मिलता है। इसके अलावा बहुत से लोगों को चैक के माध्यम से भी चालू खाते मे पैसे लिये जा सकते हैं।
भारत के लगभग सभी बैंक चालू खाता खोलने की सुविधा देते हैं।और यदि आप किसी सरकारी बैंक के अंदर चालू खाता खुलवाते हैं तो आपके लिए काफी अच्छा होगा लेकिन वहां पर आपको चक्कर लगाने पड़ सकते हैं।
दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि चालू खाता हर किसी के लिए नहीं होता है।यदि आप कोई बिजनेस करते हैं तो उसके अंदर पैसों के लेनदेन के लिए चालू खाते की जरूरत होती है।
Table of Contents
types of current account चालू खाते के प्रकार
दोस्तों चालू खाता भी कोई एक प्रकार का नहीं होता है।चालू खाते भी कई तरह के होते हैं। आप अपनी जरूरत के अनुसार इन चालू खातों के अंदर किसी भी प्रकार को चुन सकते हैं।
Packaged Current Account:
यह मानक खाते से काफी बेहतर होता है। और यह दुर्घटना बीमा और यात्रा बीमा जैसी सुविधाओं के साथ साथ ही कई तरह के लाभ प्रदान करता है।हालांकि, ग्राहक को एक संपूर्ण खाता फिट प्रदान करने के लिए इसे प्रीमियम खाते के रूप में तैयार नहीं किया गया है।
Premium Current Account
प्रीमियम चालू खाता, जैसा कि नाम से पता चलता है, खाताधारक के लिए अनेक अनुकूलित और विशिष्ट सुविधाएँ प्रदान करता है। यह खाता ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार लेनदेन के चयन के अनुरूप तैयार किया गया है। यह खाता उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है जो उच्च स्तर के वित्तीय लेनदेन करने का इरादा रखते हैं।
Standard Current Account:
इसके अतिरिक्त, यह खाता नेटबैंकिंग, एसएमएसबैंकिंग, चेक बुक सुविधा के साथ चेक बुक सुविधा, डेबिट कार्ड, बैंक प्रबंधक के विवेक पर एक निर्धारित राशि के लिए ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ-साथ नो-कॉस्ट एनईएफटी और आरटीजीएस लेनदेन सेवा जैसी मानक सेवाएं प्रदान करता है।और इसके अंदर न्यूनतम राशी बनाए रखनी होती है।
Foreign Currency Account
यह खाता उन लोगों के लिए होता है जिनको बिजनेस के लिए विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है। हालांकि इस खाते की अन्य सुविधाएं अन्य खातों की तरह ही होती हैं।
Single Column Cash Book
बिना बैंक खाते के कोई व्यवसाय चला रहे हैं, तो सिंगल कॉलम कैश बुक अकाउंट या सिंपल कैश अकाउंट आपके एक बेहतरीन सौदा हो सकता है।यह खाता ओवरड्राफ्ट सुविधा जैसी कोई सुविधा प्रदान नहीं करता है, लेकिन आपको डेबिट और वित्त के क्रेडिट के दो अलग-अलग कॉलमों के माध्यम से अपने दैनिक लेनदेन की निगरानी और रखरखाव करने में काफी फायदेमंद होता है।
चालू बैंक खाते की विशेषताएं current account in hindi
दोस्तों अब तक हमने चालू खाते के प्रकार और चालू खाता क्या होता है ? के बारे मे विस्तार से जाना आइए अब हम जानते हैं कि चालू खाते की विशेषताएं क्या हैं ? जिनके आधार पर हम यह कह सकते हैं कि यह एक चालू खाता है।
व्यवसाय के लिए होता है चालू खाता
दोस्तों जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि चालू खाते की जरूरत उन लोगों को होती है जोकि व्यवसाय चलाते हैं। यदि आप कोई व्यवसाय चलाते हैं और अधिक लेनदेन दिन मे करते हैं तो आपको चालू खाता खुलवाने की जरूरत है। इसके लिए आप किसी बैंक को चुन सकते हैं।
चालू खाते मे ब्याज नहीं मिलता है
दोस्तों चालू खाते के साथ समस्या यह भी है कि आपको इसके अंदर प्याज नहीं मिलता है। हालांकि अब रूल बदल गए हैं कुछ बैंक ऐसे भी हैं जोकि चालू खाते पर भी ब्याज देते हैं। यदि आप सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं तो फिर आपको ब्याज मिलता है।जिसको बैंक अपने आप ही आपके खाते के अंदर जमा कर देती है।
उच्च शेष राशी की आवश्यकता होती है current account in hindi
दोस्तों करंट अकाउंट को चालू रखने के लिए उसके अंदर मिनिमम राशी की आवश्यकता होती है जोकि सेविंग अकाउंट से अधिक होती है। हालांकि यह राशी कितनी होगी यह बैंक समय समय पर तय करती हैं। और समय के साथ बदलती रहती हैं।
मिनिमम बैंलेंस नहीं रखने पर पैनल्टी
दोस्तों जैसा कि आपको पता होगा बचत खाते के अंदर आप यदि मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो आपको कुछ खास पैनल्टी नहीं देनी होती है। लेकिन यदि आप करंट अकाउंट के अंदर मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो फिर आपको पैनल्टी देनी पड़ती है। और यह लगने वाली पैनल्टी अलग अलग हो सकती है।
जमा की संख्या और राशी पर कोई प्रतिबंध नहीं है
दोस्तों चालू खाते की खास बात यह होती है कि इसके अंदर आप दिन मे कितनी ही बार पैसे जमा करवा सकते हैं और कितनी ही बार पैसे निकाल सकते हैं। इसके उपर कोई भी प्रतिबंध नहीं है। जबकि सेविंग अकाउंट के अंदर अधिक लेनदेन नहीं किया जा सकता है।
चालू खाता बचत को बढ़ावा नहीं देता है
दोस्तों चालू खाता बचत के लिए नहीं होता है। यह लेनदेन के लिए होता है। इसलिए चालू खाते की मदद से बचत नहीं की जा सकती है। इस तरह से चालू खाता किसी भी तरह की बचत को बढ़ावा नहीं देता है।
चालू खाता हर किसी के लिए नहीं है
दोस्तों चालू खाता हर इंसान के लिए नहीं होता है। वह उन लोगों के लिए है जो रोजाना लेनदेन करते हैं। बचत के लिए यह खाता काम नहीं करता है।
चालू खाते के फायदे या मिलने वाली सुविधाएं
Current Account खुलवाने के कई सारे फायदे होते हैं या इसके अंदर सुविधाएं मिलती हैं। जिनके बारे मे आपको पता होना चाहिए तो आइए जानते हैं कि चालू खाते के अंदर क्या क्या सुविधाएं मिलती हैं।
दिन मे अधिक बार लेने देन की सुविधा current account in hindi
दोस्तों चालू खाते की खास बात यह होती है कि इसके अंदर आपको अनलिमिटेड जमा और निकालने की सुविधा मिलती है। और आप जरूरत के अनुसार कितनी बार भी पैसा जमा करवा सकते हैं और पैसा निकाल भी सकते हैं। हालांकि यह सुविधा आपको वहीं पर मिलती है जहां पर आपका चालू खाता है। वहीं पर आपको यह सुविधा मिलती है। अलग जगह पर पैसा निकालने पर तय सीमा से अधिक होने पर चार्ज कटता है। इसके विपरित सेविंग अकाउंट मे ऐसा नहीं होता है।यदि अकाउंट सेविंग है तो उसके अंदर आपको एक दिन मे लिमिट मे पैसा मिलेगा और अधिक पैसा लेने पर अलग प्रोसेस करनी होगी ।
ओवरड्राफट की सुविधा भी मिलती है
ओवरड्राफट की सुविधा भी आपको करंट अकाउंट के अंदर मिल जाती है।ओवरड्राफट का मतलब होता है कि मान ले आपके अकाउंट के अंदर 10 हजार हैं और आपको 15 हजार चाहिए तो आप निकाल सकते हैं । हालांकि बाद मे आपको यह पैसा ब्याज के साथ देना होता है लेकिन एक बार आप पैसों का प्रयोग कर सकते हैं।
सैलरी ओवरड्राफ्ट सिस्टम आजकल कई लोग प्रयोग करते हैं। आमतौर पर यह एक प्रकार का सिस्टम होता है। अधिकतर कर्मचारियों को सैलरी 1 तारिख को मिलती है। और पूरे महिने उसी सैलरी से काम चलाना पड़ता है। लेकिन कई बार क्या होता है कि ऐसी मुश्बित आ जाती है कि अधिक पैसों की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति के अंदर आपको या तो पैसा उधार लेना पड़ता है या अपनी एफडी वैगरह तुड़वानी पड़ती है।
सैलरी ओवरड्राफ्ट आपकी इस स्थिति मे मदद करता है।यदि आपका रिकोर्ड सही है तो यह आपके लिए काफी उपयोगी साबित होता है। बैंक आपके खाते को देखती है और उसी हिसाब से आपको ओवर ड्राफट देती है।
एटीएम कार्ड, नेटबैंकिंग जैसी सुविधाएं
दोस्तों करंट अकाउंट के अंदर आपको सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं जैसे कि Debit Card/ Credit Card, NetBanking, Digital Payment, Billing, Third Party Payment इनकी मदद से आप किसी भी तरह का पेमेंट आसानी से कर सकते हैं। आपको पेमेंट भेजन और प्राप्त करने के कई आप्सन मिल जाते हैं आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी तरह का आप्सन चुन सकते हैं।
हालांकि इनमे से अधिकतर सुविधाएं आपको सेविंग अकाउंट के अंदर भी देखने को मिलती हैं। लेकिन करंट अकाउंट मे कुछ खास चीजें आपको मिलती हैं। जैसे दिन मे अनलिमिटेड ट्रांजेक्सन ।
चेक बुक और डिमांड ड्राफट की सुविधा
यदि आप करंट अकाउंट खुलवाते हैं तो उसके साथ आपको चैकबुक मिल जाती है। क्योंकि करंट अकाउंट खुलवाने वाले लोगों को चैक बुक की आवश्यकता होती ही है। इसके अलावा आपको डिमांड ड्राफट की सुविधा भी मिलती है।
statements की सुविधा
बैंक स्टेटमेंट सेविंग अकाउंट के अंदर भी होता है। यदि आप करंट अकाउंट खुलवाते हैं तो हर महिने आपको बैंक ईमेल पर एक फाइल भेजता है। इसके अंदर पूरे महिने कितने लेनदेन आपने किये हैं उसका रिकोर्ड होता है। उस फाइल पासवर्ड प्रोटेक्टिव होती है। जिसको पासवर्ड की मदद से आसानी से खोला जा सकता है।बैंक स्टेटमेंट की मदद से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपने पूरे महिने कितने ट्रांजेक्सन किये हैं ? जिससे कि आप किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचे रह सकते हैं।
बैंक स्टेटमेंट हर इंसान को महिने का चैक करना चाहिए ।इससे आपको यह पता रहता है कि एक महिने के अंदर आपने कितना पैसा खर्च किया है और पैसा कहां कहां पर खर्च हुआ है ? यह आपको बैंक स्टेटमेंट से ही पता चलता है। यदि आप अपने खर्च को कम करना चाहते हैं तो बैंक स्टेटमेंट काफी फायदेमंद हो सकता है।
NEFT/RTGS पर शुल्क में छूट
Fund Transfer सिस्टम ने एक बैंक से दूसरे बैंक के अंदर धन भेजने को काफी आसान बना दिया है।पहले एक बैंक से दूसरे बैंक के अंदर पैसा भेजने के लिए इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ता है। पैसा तुरंत ट्रांसफर हो जाता है।
- नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर (NEFT) एक ऐसा सिस्टम है जिसकी मदद से एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो जाता है।जब आप इस तरीके से पैसा ट्रांसफर करते हैं तो फिर पैसा तुरंत ही ट्रांसफर नहीं होता है वरन इसके अंदर काफी समय लगता है। लगभग आधा घंटा लग जाता है ट्रांसजेक्सन पूर्ण होने मे ।
- रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) सिस्टम के अंदर जैसे ही आप पैसा ट्रांसफर करते हैं उसी समय पैसा ट्रांसफर हो जाता है। इस तरीके का प्रयोग अधिक फंड को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है।
Current Account के अंदर आपको यह सारी सुविधाएं मिल जाती हैं। और करंट अकाउंट के अंदर शुल्क भी काफी कम ही लगता है।
चालू खाते के अन्य फायदे
दोस्तों चालू खाते के कुछ अन्य फायदे भी होते हैं।घर, गाड़ी, मकान और अन्य तरह के लोन के लिए आपको प्रोसेसिंग चार्ज कम लगता है। आमतौर पर करंट अकाउंट इसी तरह के अन्य लाभ भी प्रदान करता है।
चालू खाता खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज
दोस्तों यदि आप चालू खाता खोलने जा रहे हैं तो आपको कुछ जरूरी दस्तावेज की आवश्यकता होगी जिनके बारे मे आपको जानकारी होनी चाहिए । यह दस्तावेज इसप्रकार से हैं।
- दो रंगीन फोटो (2 Colour Photograph) दोस्तों यदि आप करंट अकाउंट खुलवाने के लिए जा रहे हैं तो आपको अपनी दो ताजा रंगीन फोटो की जरूरत पड़ेगी । जिनके अंदर आपकी शक्ल अच्छी तरह से दिखती हो ।
- एक पहचान प्रमाण पत्र (Identity proof) आपको चाहिए होगा । पहचान पत्र के रूप मे आप कई चीजों को प्रयोग मे ले सकते हैं। जैसे कि आधार कार्ड ,पहचान पत्र , और लाइसेंस आदि की फोटो कॉपी लगेगी सेल्फ अटेस्टेड करके ।
- इसके अलावा आजकल पैन कार्ड भी बैंक के अंदर अनिवार्य कर दिया गया है। यदि आपका पैन कार्ड नहीं बना है तो आप खाता खोलने से पहले पैन कार्ड बनावा लें । और उसके बाद ही खाता खोला जाएगा ।
- एक निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता भी आपको होगी ।यदि आपके पास मूल निवास प्रमाण पत्र है तो उसे दे सकते हैं नहीं तो बिजली या पानी के बिल को भी आप दे सकते हैं।
चालू खाते के नुकसान
दोस्तों करंट अकाउंट के सिर्फ फायदे ही नहीं होते हैं वरन इसके नुकसान भी होते हैं । यदि आप सही तरीके से करंट अकाउंट को मैनेज नहीं कर पाते हैं तो नुकसान हो सकते हैं। आइए जानते हैं। चालू खाते के कुछ नुकसान के बारे मे ।
चालू खाते मे ब्याज नहीं दिया जाता है
दोस्तों चालू खाते का सबसे बड़ा नुकसान तो यही होता है कि इसके अंदर आपको ब्याज नहीं दिया जाता है।जबकि जमा खाते मे 4 से 6 प्रतिशत ब्याज मिलता है और एफडी आदि मे यह बहुत अधिक होता है। यदि आप ब्याज कमाना चाहते हैं तो फिर आपके लिए चालू खाता उपयुक्त नहीं है।
चालू खाते का रखरखाव शुल्क
दोस्तों बचत खाते के मामले मे रखरखाव शुल्क लगभग नहीं होता है लेकिन चालू खाते के मामले मे आपको हर महिने रखरखाव शुल्क होता है। अब यह कितना होगा यह बैंक पर निर्भर करता है। यदि बैंक सरकारी है तो कम पैसा लेगी और यदि बैंक पाईवेट है तो अधिक पैसा वसूलेगी ।
एक न्यूनतम राशी जमा रखने की जरूरत है
दोस्तों चालू खाते का एक नुकसान यह भी है कि आपको एक निश्चित राशी आपको अपने खाते मे रखने की जरूरत होती है। यदि आप इस राशी को कम कर देते हैं तो उसके बाद आपको पेनल्टी चुकानी होती है। यह राशी 5 हजार से लेकर अधिक हो सकती है। अलग अलग बैंक का अपना अलग अलग रूल होता है।यह निर्भर करता है कि आप कौनसी बैंक के अंदर खाता खुलवा रहे हैं।
सीमा से अधिक चैक का प्रयोग करने पर शुल्क देना होता है
चालू खाते के अंदर आप कितनी ही बार चैक का प्रयोग कर सकते हैं।लेकिन यदि आप एक तय सीमा से अधिक बार चैक का प्रयोग करते हैं तो उसके बाद आपको प्रत्येक चैक के लिए प्रोसेसिंग शुल्क देना होता है जोकि अच्छा नहीं होता है।यह सिस्टम लगभग हर बैंक के अंदर होता है। किसी एक बैंक की बात नहीं है।
चैक का दुरपयोग की आशंका
दोस्तों यदि आप चालू खाते के अंदर चैक का प्रयोग करते हैं तो उसके दुरपयोग की आशंका बढ़ जाती है क्योंकि कई बार आपके ही सहकर्मी और मित्र आपके हस्ताक्षर को नकली करके और पैसा निकाल ले जाते हैं। इस वजह से सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
चालू खाता कौन खोल सकता है
- एक व्यक्ति जो वयस्क हो ।
- एक से अधिक व्यक्ति अपने संयुक्त नामों में ।
- एकल-स्वामित्व संस्था
- रजिस्टर्ड तथा अ-रजिस्टर्ड साझेदारी ।
- संयुक्त स्कन्ध कम्पनी ।
- क्लब, सोसाइटी, एसोसिएशन या ऐसी प्रख्यात ।
- ट्रस्ट ।
- अन्य, जैसे निष्पादक एवं प्रशासक (Executors and Administrators)आदि ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या बैंकों को संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार चालू खाता खोलने से पहले अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) प्राप्त करना आवश्यक है?
पिछले दिशानिर्देश जिनमें बैंकों को चालू खाता खोलने से पहले एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता थी , को 6 अगस्त, 2020 के परिपत्र द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों से बदल दिया गया है । एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता अब लागू नहीं है।
2. बैंक इन दिशानिर्देशों के तहत चालू खाते और/या सीसी/ओडी खाते खोलने के उद्देश्य से किसी ग्राहक/उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली के समग्र एक्सपोजर की पहचान कैसे करेंगे?
बैंक इन दिशानिर्देशों के प्रयोजन के लिए बड़े क्रेडिट (सीआरआईएलसी), क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों (सीआईसी), नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (एनईएसएल), आदि पर सूचना के केंद्रीय भंडार से उपलब्ध जानकारी के आधार पर कुल एक्सपोजर की गणना कर सकते हैं और यदि आवश्यक हो तो ग्राहकों की घोषणा प्राप्त करके।
3. इस परिपत्र के प्रयोजन के लिए, क्या गैर–बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) जैसे अन्य वित्तीय संस्थानों के एक्सपोजर को बैंकिंग प्रणाली के समग्र एक्सपोजर की गणना में शामिल किया जाएगा।
निर्देश अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और भुगतान बैंकों पर लागू होते हैं। तदनुसार, इस प्रयोजन के लिए कुल एक्सपोजर में केवल इन बैंकों के एक्सपोजर शामिल होंगे।
4. क्या कुल एक्सपोजर में डे लाइट ओवर ड्राफ्ट (डीएलओडी)/इंट्रा–डे सुविधाएं और अपरिवर्तनीय भुगतान प्रतिबद्धताएं, एफएक्स और ब्याज दर डेरिवेटिव्स, सीपी आदि में लेनदेन के लिए निर्धारित सीमाएं शामिल होंगी।
सभी निधि आधारित और गैर-निधि आधारित ऋण सुविधाएं बैंकों द्वारा स्वीकृत और उनकी भारतीय बहियों में कुल एक्सपोजर के प्रयोजन के लिए शामिल की जाएंगी।
5. एनओसी प्राप्त करने के पिछले दिशानिर्देश केवल संस्थाओं के लिए लागू थे। क्या संशोधित दिशानिर्देश केवल संस्थाओं पर भी लागू होते हैं?
संशोधित दिशानिर्देश सभी उधारकर्ताओं पर लागू होते हैं।
6. क्या उन कर्जदारों के लिए चालू खाते खोले जा सकते हैं, जिन्होंने जमाराशियों के बदले कृषि/व्यक्तिगत ओडी या ओडी का लाभ उठाया है?
बैंकों को उन उधारकर्ताओं के लिए चालू खाते खोलने की अनुमति नहीं है, जिन्होंने ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के रूप में कोई निधि या गैर-निधि-आधारित ऋण प्राप्त किया है।
7. प्रोपराइटरशिप फर्मों के संबंध में, क्या प्रोपराइटर द्वारा अपनी व्यक्तिगत हैसियत से ली गई क्रेडिट सुविधाएं जैसे होम लोन, प्रॉपर्टी पर लोन आदि को इस सर्कुलर के प्रयोजन के लिए बैंकिंग सिस्टम के कुल एक्सपोजर में शामिल किया जाएगा।
मालिकाना फर्मों के मामले में, कुल एक्सपोजर में उनके द्वारा व्यावसायिक उद्देश्य के लिए या अन्यथा प्राप्त सभी क्रेडिट सुविधाएं शामिल होंगी।
8. परिपत्र के पैरा 1 (ii) के अनुसार, जहां किसी उधारकर्ता के प्रति बैंक का एक्सपोजर उस उधारकर्ता के लिए बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर के 10 प्रतिशत से कम है, जबकि क्रेडिट की मुक्त रूप से अनुमति है, सीसी/ओडी खाते में डेबिट किया जाता है। केवल उस उधारकर्ता के सीसी/ओडी खाते में क्रेडिट के लिए हो सकता है जिसका उस बैंक में बैंकिंग सिस्टम का 10 प्रतिशत या उससे अधिक एक्सपोजर है। इन खातों से उक्त अंतरिती सीसी/ओडी खाते में बैंक और उधारकर्ता के बीच सहमत आवृत्ति पर धनराशि भेजी जाएगी। उन मामलों में धन कहाँ जमा किया जाएगा जहाँ किसी भी ऋणदाता का किसी उधारकर्ता के साथ कम से कम 10% जोखिम नहीं है।
ऐसे मामलों में, उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली के एक्सपोजर में सबसे अधिक हिस्सेदारी वाले बैंक के पास रखे गए खाते में धनराशि भेजी जा सकती है। उक्त खाते में जमा और नामे की स्वतंत्र रूप से अनुमति होगी।
वैकल्पिक रूप से, उधारकर्ता केवल डब्ल्यूसीडीएल/डब्ल्यूसीटीएल के रूप में कार्यशील पूंजी प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र है और कुल एक्सपोजर के आधार पर परिपत्र के पैरा 1 (v) के प्रावधानों के अनुसार चालू खाते खोलने के लिए स्वतंत्र है।
9. क्या कुल एक्सपोजर के 10% से कम वाले बैंक क्रेडिट/बैंक गारंटी, डेरिवेटिव, फैक्टरिंग लेनदेन, अन्य ऋण किस्तों आदि जैसी सीमा पार सेवाओं के आसपास अपनी देय राशि जैसे शुल्क और शुल्क और परिपक्वता दायित्वों को सीसी से डेबिट कर सकते हैं। / उनके उधारकर्ताओं के ओडी खाते में धनराशि स्थानांतरित करने से पहले उधारकर्ता के सीसी/ओडी खाते में बैंक (बैंकों) के पास उस उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्सपोजर का 10% या उससे अधिक है।
ऐसे मामलों में, बैंकों को उक्त सीसी/ओडी (उसी बैंक द्वारा दी गई कोई अन्य सुविधा नहीं) खाते से संबंधित ब्याज/प्रभार के साथ-साथ एलसी/बीजी खोलने, डीडी जारी करने आदि के लिए शुल्क/प्रभार डेबिट करने की अनुमति है। उधारकर्ता के सीसी/ओडी खाते में धनराशि स्थानांतरित करने से पहले, जिसके पास उस उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्सपोजर का 10% या अधिक है।
10. क्या किसी उधारकर्ता को बैंकिंग प्रणाली के कुल एक्सपोजर के 10 प्रतिशत से कम वाले बैंक उधारकर्ता को केवल कार्यशील पूंजी मांग ऋण (डब्ल्यूसीडीएल)/कार्यशील पूंजी सावधि ऋण (डब्ल्यूसीटीएल) सुविधा प्रदान कर सकते हैं या मौजूदा सीसी/ओडी सुविधा कर सकते हैं बढ़ाया जाए।
बैंक मौजूदा सीसी/ओडी/डब्ल्यूसीटीएल/डब्ल्यूसीडीएल सुविधाओं को बढ़ाने या इन रूपों में नई सुविधाओं को मंजूरी देने के लिए स्वतंत्र हैं , जो 5 दिसंबर 2018 के ‘बैंक क्रेडिट की डिलीवरी के लिए ऋण प्रणाली पर दिशानिर्देश’ के साथ-साथ परिपत्र दिनांकित के प्रावधानों के अधीन हैं । चालू खाता खोलने पर 6 अगस्त 2020 ।
11. क्या बैंक परियोजना विशिष्ट सुविधाओं जैसे सावधि ऋण/पट्टा किराया छूट (एलआरडी) सावधि ऋण के लिए एक विशिष्ट परियोजना के लिए चालू खाते खोल सकते हैं जहां नकदी प्रवाह/किराया प्राप्य किसी विशिष्ट बैंक को निर्देशित किया जाता है।
बैंक किसी विशिष्ट परियोजना के नकदी प्रवाह को प्राप्त करने/निगरानी करने के लिए एक चालू खाता खोल सकते हैं, बशर्ते उधारकर्ता ने उस विशिष्ट परियोजना के लिए कोई सीसी/ओडी सुविधा नहीं ली हो। परियोजना विशिष्ट चालू/एस्क्रो खाता खोलने वाले बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि खाते में आने वाले नकदी प्रवाह केवल उसी परियोजना से हैं।
12. क्या बैंकों को किसी परियोजना के लिए एनबीएफसी/गैर–बैंक वित्तीय संस्थान से ऋण सुविधा प्राप्त करने वाले ग्राहकों के चालू/एस्क्रो खाते खोलने की अनुमति है।
बैंक केवल गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/वित्तीय संस्थाओं//सहकारी बैंकों/गैर-बैंक संस्थानों से ऋण सुविधाओं वाले उधारकर्ताओं के लिए चालू खाते खोलने के लिए स्वतंत्र हैं। तथापि, यदि ऐसे उधारकर्ता दिशानिर्देशों के अंतर्गत आने वाले बैंकों से सुविधाएं प्राप्त करते हैं, तो परिपत्र के सभी प्रावधान लागू होंगे।
13. परिपत्र के पैरा 1 (v) (ए) के अनुसार, उन ग्राहकों के मामले में, जिन्होंने किसी बैंक से सीसी/ओडी सुविधा का लाभ नहीं उठाया है, बैंकों को उधारकर्ताओं के लिए एक एस्क्रो तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है जहां बैंकिंग प्रणाली का एक्सपोजर है। ₹50 करोड़ या अधिक है। इसके अलावा, उधार देने वाले बैंक ऐसे उधारकर्ताओं के लिए ‘संग्रह खाते‘ खोल सकते हैं, बशर्ते कि इन खातों से बैंक और उधारकर्ता के बीच सहमत आवृत्ति पर उक्त एस्क्रो खाते में धनराशि भेजी जाएगी। क्या कई व्यावसायिक इकाइयों (बीयू)/एकाधिक परियोजनाओं वाले बड़े कॉरपोरेट्स के लिए एकाधिक एस्क्रो खाते खोले जा सकते हैं।
कई परियोजनाओं/एकाधिक व्यावसायिक इकाइयों वाले उधारकर्ताओं के लिए, बैंक परियोजना-वार/इकाई-वार नकदी प्रवाह की निगरानी के लिए एकाधिक एस्क्रो खाते खोल सकते हैं। परियोजना विशिष्ट चालू/एस्क्रो खाता खोलने वाले बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि खाते में आने वाले नकदी प्रवाह केवल उस परियोजना/इकाई से हैं।
14. क्या सभी उधार देने वाले बैंकों को एक ही एस्क्रो समझौते का हिस्सा होना आवश्यक है? क्या गैर–उधार देने वाले बैंक परिपत्र के पैरा 1 (v) के तहत अनिवार्य रूप से ऐसे एस्क्रो खाते खोल सकते हैं। कौन तय करेगा कि कौन सा बैंक एस्क्रो एजेंट के रूप में कार्य करेगा?
सभी उधार देने वाले बैंक एस्क्रो समझौते का हिस्सा होने चाहिए। नियम और शर्तें उधार देने वाले बैंकों और उधारकर्ता द्वारा पारस्परिक रूप से तय की जा सकती हैं। उधारकर्ता अपने एस्क्रो प्रबंधन बैंकों को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। गैर-ऋणदाता बैंकों को खातों को एस्क्रो करने की अनुमति नहीं है
15. परिपत्र के पैरा 3 के अनुसार, सावधि ऋण वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को सीधे वितरित किए जाने चाहिए। क्या सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य/दीर्घावधि कार्यशील पूंजी, खर्चों की प्रतिपूर्ति आदि के लिए उधारकर्ताओं के मौजूदा सावधि ऋण के पुनर्वित्त के लिए सावधि ऋण उधारकर्ताओं के सीसी/ओडी या चालू खातों में वितरित किए जा सकते हैं।
ऐसे मामलों में जहां सावधि ऋण वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए हैं और जहां भुगतान गंतव्य अज्ञात है, बैंक ऐसे सावधि ऋण को सीसी/ओडी या परिपत्र के प्रावधानों के अनुसार खोले गए उधारकर्ता के चालू खातों के माध्यम से भेज सकते हैं। बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि जहां भुगतान गंतव्य की पहचान की जा सकती है (यानी मौजूदा ऋण का पुनर्वित्त, आदि), भुगतान सीधे सीसी/ओडी खातों के माध्यम से किए बिना किया जाता है।
16. क्या केवल सीसी/ओडी या संग्रहण खाते रखने वाले बैंक ही अर्ध–वार्षिक आधार पर ग्राहक के एक्सपोजर की निगरानी करने के लिए बाध्य हैं।
सभी बैंकों, चाहे उधार देने वाले बैंक हों या अन्य खाताधारक बैंक हों, को परिपत्र में निर्धारित अनुसार नियमित आधार पर खातों की निगरानी करना आवश्यक है।
17. समय–समय पर निगरानी के समय, यदि उधारकर्ता के प्रति बैंकों के एक्सपोजर/बैंकिंग प्रणाली के समग्र एक्सपोजर में कोई परिवर्तन होता है, तो यह निर्णय कौन करेगा कि किस खाते में राशि संग्रहण खातों या सीसी/ओडी खातों से कम से कम बैंकों के पास है। एक्सपोजर का 10% क्रेडिट किया जाना है। इसके अलावा, समय सीमा क्या होगी जिसके भीतर नई व्यवस्थाओं को लागू करना होगा।
उधारकर्ता परिपत्र के समग्र ढांचे के भीतर अपने परिचालन चालू खाते/एस्क्रो खाते/सीसी/ओडी खातों को बनाए रखने के उद्देश्य से बैंक (बैंकों) को चुनने के लिए स्वतंत्र होंगे। इसके अलावा, बैंकों को एक्सपोजर में बदलाव की तारीख से तीन महीने की अवधि के भीतर नई व्यवस्था को लागू करना होगा।
18. क्या संग्रह खाते रखने वाले बैंक डब्लूसीडीएल/बिलों/डेरिवेटिव/ऋण किस्तों आदि के अपने स्वयं के देय राशियों के परिसमापन के लिए संग्रह खातों को डेबिट कर सकते हैं।
संग्रह खातों को केवल उधारकर्ता के एस्क्रो खाते में धनराशि स्थानांतरित करने के लिए डेबिट किया जा सकता है।
इस प्रकार से दोस्तों हमने इस लेख के अंदर यह जाना कि किस प्रकार से हम चालू खाते को खोल सकते हैं।उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा । यदि आपका कोई सवाल है तो हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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This post was last modified on October 26, 2021