आज हम आपको बता रहे हैं depression kya hota hai और eske konse lakasan hote hai यह आर्टिकल आपके लिये बहुत यूजफुल है। क्योंकि depression के बारे मे सब को जानना जरूरी है । जब जानेगें नहीं तो इससे कैसे बच पायेंगें ।
यह एक ऐसी बीमारी है जिससे लगभग 5 करोड़ भारतिय लोग शिकार हैं। जब किसी व्यक्ति को depression हो जाता है तो उसका मूड एक दम से खराब रहता है और उसका किसी भी काम के अंदर मन नहीं लगता । यानि जिस व्यक्ति को depression होता है वह अपनी life को सही तरह से enjoy नहीं कर पाता अचानक कुछ चीजों के बारे मे अधिक सोचने लगता है ।
depression अधिक होने पर रोगी सुसाईड भी कर सकता है। इसलिये जहां तक हो सके depression होने पर रोगी को तुरन्त ही किसी अच्छे मनोवैज्ञानिक के पास ले जाये ताकि सही समय पर सही इलाज किया जा सके । depression वैसे बच्चों के अंदर काफी कम होता है किंतु बड़े उम्र के लोगों मे अधिक होता है।
इस प्रकार से depression एक ऐसा रोग होता है जिसके हो जाने पर रोगी की सब work के अंदर रूचि समाप्त हो जाती है। उसे भूख भी कम लगती है। नींद की कमी थकान आदि depression के नार्मल लक्षण हैं।
अब आपको बता रहे हैं depression के 4 प्रकार के महत्वपूर्ण लक्षण जिनके आधार पर आप depression को पहचान सकते हैं।
Table of Contents
1.Emotional लक्षण
depression के रोगी अधिक उदास निराश रहते हैं। कुछ लोग तो इतने अधिक उदास रहते हैं िक वे सामान्य बात चीत भी ढंग से नहीं कर पाते । उनको अपने किसी भी प्रकार के शौक जैसे खेलना आदि के अंदर मन नहीं लगता है। अब उनको किसी भी प्रकार के काम के अंदर आनन्द नहीं आता है। भूख भी कम हो जाती है। और सेक्सुअल रूचि भी नहीं रहती ।
2.हमेशा कुछ नकारात्मक सोचते रहना
यह depression के रोगी के अंदर बहुत अधिक देखा जाता है जिस व्यक्ति को depression हो जाता है। वह सभी काम के बारे मे नकारात्मक सोचना शूरू कर देता है। वह अपने future को उदासी निराशा मे देखता है। वह सोचने लगता है िक वह कहीं पर भी कामयाब नहीं हो सकता । उसका कुछ नहीं हो सकता । अब सब चीजों से उम्मीद छोड़ देनी चाहिये । और memory भी गिरती जाती है। depression के रोगी मे भूलने की बिमारी अधिक होती है।
depression का रोगी अपनी पहलें मिली असफलताओं के बारे मे भी अब अधिक सोचता है। और सोच कर दुखी हो जाता है। यानि एक depression के रोगी को सबकुछ ही नकारात्मक दिखता है। उसे कोई भी चीज सकारात्मक नजर नहीं आती और इसीलिये उसे जिंदगी भी बोझ लगने लगती है।
3.कुछ शारीरिक लक्षण
depression के रोगियों के अंदर कुछ शारीरिक लक्षण भी नजर आते हैं।
1.सिरदर्द
2.अपच
3.पूरे बदन मे दर्द आदि
इन लक्षणों के अतिरिक्त अधिक तर रोगियों के अंदर नींद की कमी पाई जाती है। यानि रोगी को रात के अंदर बहुत ही कम नींद आती है।
4.व्यवहारिक लक्षण
depression के रोगी का व्यवहार अलग प्रकार का हो जाता है depression के अंदर रोगी किसी दूसरे व्यक्ति से मिलना नहीं चाहता है और बस अकेलापन पसंद करता है। निरंतर कुछ ना कुछ दिमाग के अंदर सोचता रहता है। उसके व्यवहार के अंदर चिड़चिड़ा पन भी विकसित हो सकता है। यानि depression होने पर व्यक्ति का व्यवहार एकदम से बदल जाता है।
इन सभी का सारांश यही है कि डिप्रेशन के रोगी को कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। उसे सब चीजों के अदंर रूचि समाप्त हो जाती है। वह पागल कि भांति बस गुमसुम सा रहता है। किंतु यदि डिप्रेशन गम्भीर नहीं है तो यह लक्षण कम नजर आते हैं।
डिप्रेशन को और बेहतर ढंग से समझने के लिये यह रियल घटना पढ़ें
काथी 31 वर्ष की महिला थी । जिसे अभी ही प्रमोशन मिला था किंतु वह अपने प्रमोशन से खुश नहीं थी । अपने आपको इसके काबिल नहीं समझती थी । वह कई वर्षों से निराश थी और काफी चिड़चिड़ापन महसूस करती थी । जब उसकी फर्म के क्लायंट ने
नौकरी छोड़ कर दूसरी फर्म के अंदर नौकरी करली तो वह इसके लिये अपने आप को ही दोषी मानने लगी । और अब उसका ध्यान काम से हट गया। वह किसी काम के अंदर कोई रूचि नहीं लेती थी । और उसने फर्म के अंदर आना भी बंद कर दिया । घर पर ही पड़ी रहती उसके मन के अंदर आत्महत्या के विचार भी आते थे
किंतु डर की वजह से आत्महत्या नहीं कर पाई। दोस्तो अब मुझे लगता है आप डिप्रेशन के बारे मे अच्छी तरह से जान गये होंगें ।
कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि महिलाओं के अंदर depression होने की संभावना पुरूष से कहीं अधिक होती है। इसी तरह से आयु पर भी depression की उत्पति निर्भर करती है। जैसे 20 से 29 और 40से 49 age के बीच के depression के उत्पन्न होंने की संभावना सबसे अधिक होती है। आईऐपी के अनुसार भारत के अंदर कुल रोगियों मे से 35% रोगी depression के अंदर होते हैं।