dev shabd roop देव का शब्द रूप ,देव का मतलब देवता होता है। देव के शब्द रूप के बारे मे नीचे दिया गया है। और इसकी टेबल दी गई है। टेबल के बारे मे हम आपको बता रहे हैं। शब्द रूप को आप आसानी से टेबल की मदद से याद कर सकते हैं उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा प्रयास पसंद आया होगा ।
dev shabd roop देव का शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | देव: | देवौ | देवा: |
द्वितीया | देवम् | देवौ | देवान् |
तृतीया | देवेन | देवाभ्याम् | देवै: |
चतुर्थी | देवाय | देवाभ्याम् | देवेभ्य: |
पंचमी | देवात् | देवाभ्याम् | देवेभ्य: |
षष्ठी | देवस्य | देवयो: | देवानाम् |
सप्तमी | देवे | देवयो: | देवेषु |
संबोधन | हे देव! | हे देवौ! | हे देवा:! |
हिंदु धर्म के अंदर 33 करोड़ देवी देवता माने जाते हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं । कुछ के बारे मे हम आपको यहां पर बता रहे हैं।
कृष्ण हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवता हैं। वह देवत्व का सर्वोच्च व्यक्तित्व है, या भगवान का पूर्ण रूप है। कृष्ण को मुख्य रूप से प्रेम और आनंद के देवता के रूप में पूजा जाता है, लेकिन शक्ति और युद्ध के देवता के रूप में भी। हिंदुओं का मानना है कि उन्होंने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
कृष्ण वसुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे। आपको बतादें कि कृष्ण का जन्म द्धापर युग के अंदर हुआ था इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । कहा जाता है कि उस समय राजा कंस हुआ करता था। कंस को आकाशवाणी से यह पहले ही पता चल गया था कि देवकी की जो आठवीं संतान होगी उसी से कृष्ण का वध होगा । उसके बाद क्या था । कंस ने देवकी और वासुदेव को पकड कर जेल के अंदर बंद कर दिया और उसकी सभी संतानों को एक एक करके मारने लग गया । और इस तरह से उसने देवकी के 7 संतानों को मार दिया गया । तो अब बार थी आठवी संतान की ।
मथुरा के कारागार में ही भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को उनका जन्म हुआ। और कहा जाता है कि कृष्ण के जन्म लेते ही ताले अपने आप ही खुल गए तो कृष्ण को वहां से हटाकर यशोधा के यहां पर पहुंचा दिया गया । यह सब चुपके से हुआ की कंस को इसका पता ही नहीं चला था। और देवकी की एक संतान थी । जोकि लड़की थी उसको कारागार के अंदर लाया गया । जब कंस को पता चला कि देवकी की संतान पैदा हो गई है तो उसके बाद उसने उस बच्ची को मार दिया गया । बच्ची को मारने के बाद कंस काफी खुश हो रहा था । उसे यह लग रहा था कि उसका काल जिंदा अब नहीं रहा है।
उसके बाद कुछ समय के लिए कंस चैन की नींद सोता रहा । बाद मे उसे पता चल गया कि उसका काल आज भी जिंदा है और गोकुल के अंदर वह रहता है उसके बाद एक पुतना नाम की राक्षसी को कृष्ण को मारने के लिए भेजा गया लेकिन उसके बाद उसी राक्षसी को कृष्ण ने मार दिया गया था। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि क्रष्ण का जीवन काफी अधिक कष्टों से घिरा हुआ था । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । दोस्तों वैसे भी इस दुनिया के अंदर दो प्रकार की ताकते होती हैं। एक अच्छी ताकते होती हैं और दूसरी बुरी ताकते होती हैं।
जो बुरी ताकते होती हैं वह बुराई करती हैं मतलब वह इस प्रकार के काम करती हैं जिसकी वजह से कभी भी समाज का भला नहीं होता है। वे सारे काम बुरे ही करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
वहीं जो अच्छी ताकते होती हैं वह अच्छाई पर भरोशा करती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और यह अच्छे काम को करना ही पसंद करती हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दोस्तों आप देवता और दानव का नाम तो सुनते ही होंगे । वैसे तो दोनों एक ही चीज से बने होते हैं। दोनों के पीछे परमात्मा की एक ही शक्ति काम करती है। लेकिन असल मे इन दोनों की विचारधारा के अंदर जमीन आसमान का अंतर होता है आपको इसके बारे मे पता होना चाहिए ।
वहीं देवता जो होते हैं वे निर्माण के अंदर भरोशा करते हैं। मतलब वे किसी को कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। और हर तरह से कल्याण करने की कोशिश करते हैं। आपको बतादें कि देवता कम ही चांस के अंदर किसी का बुरा करते हैं। लेकिन जो दानव होते हैं वे काफी अलग किस्म के होते हैं।
दानव अच्छाई पर भरोशा नहीं करते हैं वे आमतौर पर बुराई पर भरोशा करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। दानव बुराई पर यकीन करने की वजह से वे अधिकतर लोगों का बुरा ही करते हैं।
ऐसा नहीं है कि वे अपने लोगों को कुछ फायदा नहीं पहुंचाते हैं । वर्तमान मे दानवों की साधनाएं भी होती हैं इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । और दानवों की साधनाएं आमतौर पर काफी भयंकर होती हैं। यदि कोई जल्दी सफलता प्राप्त करना चाहता है तो उसे दानवों की साधनाएं करनी होती है।
और आपको बतादें कि दानवों की साधना की मदद से काफी जल्दी ही सफलता मिल जाती है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं। यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए ।
दानवों के लिए वैसे कुछ भी सही गलत नहीं होता है वे जो कुछ करते हैं अपने फायदे के लिए करते हैं। इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को समझ सकते हैं।
असल मे जिस प्रकार से जो देव होते हैं। वे शरीर के अंदर भी होते हैं कोई मरने के बाद ही देव नहीं बनता है। यदि कोई इंसान शरीर के अंदर देव है तो वह देव ही रहता है। और यदि शरीर के अंदर रहने के बाद यदि कोई दानव है तो वह मरने के बाद देव नहीं बन सकता है इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए और आप इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते हैं। और यही आपके लिए सबसे अधिक सही होगा । इसके बारे मे आपको पता होना चाहिए । हां यह बात सच है कि आप खुद को बदल सकत हैं। यदि आप प्रयास करते