dhokebaaz ladki shayari धोखेबाज लड़की पर शायरी के बारे मे हम आपको बताने वाले है। यह एक तरह से यूनिक शायरी हैं। और आपको यह पसंद आएगी । और धोखेबाज लड़की पर शायरी ,आपके लिए काफी अधिक पसंद आएगी । यदि आपको प्यार के अंदर धोखा मिलता है।तो फिर दर्द भरी शायरी आपको काफी अधिक पसंद आएगी । क्योंकि इंसान को जब धोखा मिलता है। तो उसे बहुत अधिक बुरा लगता है। लेकिन जीवन मे सभी लोग सच्चे प्यार करने वाले नहीं होते हैं।
कोई भी ब्लॉगर इन शायरी को कॉपी पेस्ट करने की गलती ना करें । क्योंकि बहुत से कामचोरों को लगता है कि शायरी कॉपी पेस्ट ही होती हैं। मगर ऐसा नहीं है। हम यहां पर घंटों मेहनत करके शायरी लिखतें हैं। इन शायरी को आप अपने पसर्नल वर्क के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
उसके हमारे प्यार पर एतराज था ,
वह तो यार ही धोखेबाज था ।
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वफा करने वालों की कोई कद्र नहीं होती ,
सच्चे लोगों की इश्क मे आसान डगर नहीं होती ।
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वह कमीनी धोखेबाज निकली ,
हमने पानी समझ कर पिया जिसे ,
वह तो खुद तेजाब निकली ।
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जिदंगी के हर मोड़ पर धोखेबाज मिलेंगी ,
संभलकर रहना यार उनसे ,
वरना कब्र मे लाश मिलेगी ।
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प्यार मे धोखा खाए बैठे हैं ,
जिसे वफा का मतलब ही नहीं पता ,
उसे हम दिल लगाए बैठे हैं।
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अपना प्यार निभाने के लिए ,
हम उसके आगे कई बार झुके ,
मगर वो अपने गरूर मे थे ,
हमारे चाहने पर भी ना रूके ।
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दर्द बहुत है जिदंगी मे ,
और मिला ही क्या है ,
तेरे जैसे धोखेबाज की बदंगी मे ।
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धड़कन रूक सी गई ,
जब वह धोखेबाज ,
हमारा साथ छोड़कर गई ।
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जो दूसरों को धोखा देती हैं ,
वह खुद भी एक दिन धोखा खाती हैं।
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धोखा देने वाली को ,
हर कोई धोखेबाज लगता है ,
वह क्या जाने कितना दर्द दिल मे होता है ,
जब खुद पर झूंठा दाग लगता है।
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उस कमीनी के संग बाजी हम हार गए ,
जिसे अपना समझा था ,
वो ही अपनी दुनिया को डकार गए ।
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बेवफा की भी पहचान होती है ,
धन दौलत उनकी जान होती है।
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जो दौलत के लिए आप से प्यार करेगी ,
वो दौलत ना होने पर आपको छोड़ भी देगी ।
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हम देख रहे हैं आसमान की तरफ ,
काश आसमान टूट कर उस कमीनी पर गिर जाए ।
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रूठना हमें आता नहीं ,
अगर एक बार उसने हमें देदिया धोखा ,
तो फिर उसका साथ हमें कभी भाता नहीं ।
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बादल भी आजकल बरसते नहीं ,
धोखबाज को देखकर ,
हम भी तरसते नहीं ।
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आंखों के आंसू रूक नहीं रहे ,
वो धोखा देखकर भी ,
हमे और बरबाद करने को तुले ,
अपनी गलती पर अब वो झुक नहीं रहे ।
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बेवफा है , फिर भी आंखों पर शर्म नहीं ,
ऐसी औरत का साथ देने का कोई धर्म नहीं ।
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चेहरा मत देखना कभी उस धोखेबाज का ,
वरना पूरा दिन खराब ही जाएगा ।
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चेहरा तेरा लाजवाब है ,
मगर धोखा देना ,तेरा खिताब है।
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जबसे धोखा मिला है ,
हुस्न वालों से ,
डरने लगे हैं जनाब अब
तो दिन के उजालों से ।
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जिसे समझा था हीरा ,
वह निकला आग का खीरा ।
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जी लेंगे हम तो जनाब अंधेरे मे ,
मगर नहीं रहेंगे धोखेबाजों के ढेरे मे ।
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डर नहीं लगता है तीर और कमान है ,
मगर खूब डर लगता है धोखेबाज इंसान का ।
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तू जन्म से धोखेबाज थी ,
आज पता चला सब ,
इतने दिन मेरे लिए एक राज थी ।
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पिशाचनी से प्यार करोगे ,
तो खून पीएगी ,
देखलेना तू ,
हमे धोखा देकर मौत से भी बदतर
जिदंगी जीएगी ।
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धोखेबाज से दिल लगाकर ,
कभी देखना नहीं ,
एक सच्चे इंसान को कभी ,
दिल से निकाल कर फेंकना नहीं ।
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जब कॉल आया उसका ,
तो खुशी से झूम उठे ,
मगर वो तो धोखे बाज थे ,
जो हमारे लिए गैरों को चूम उठे ।
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प्यार मे धोखा होना भी जायज है ,
वो क्या वफा करेगी ,
जो औलाद ही नाजायज है।
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वर्षों लग जाते हैं ,
भरोसा बनाने मे ,
और एक सैकिंड लगता है ,
धोखेबाज को उसे ढहाने मे ।
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चुपके चुपके वो गैरों से मिलती रही ,
धोखेबाज निकली वह कली ,
किसी और के बांहों मे खिलती रही ।
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सच्चा प्यार यूं हीं कहीं मिलता नहीं ,
यह फूल है गुलाब का ,
जो हर कहीं खिलता नहीं ।
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इस बेईमान संसार को ,
बेईमानों से प्यार है ,
हर किसी को सच्चाई पर नहीं ,
धोखेबाजों पर एतबार है।
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आज हमने खूब शराब पी ,
जब धोखा मिला तो बेहिसाब पी ।
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वफा करने वालों की कद्र नहीं होती ,
और बेवफाओं की कोई सच्चाई पर
कोई नजर नहीं होती ।
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लूट लिया आसमां ने जमाने को ,
अब क्या ही बचा है जनाब कहने को ।
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बेवफा औरत को हम कभी माफ नहीं करते ,
जो कचरा गिर जाएग गली मे ,
उसे कभी साफ नहीं करते ।
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कुत्ते जिस चीज पर एक बार मुंह मार लें ,
फिर वह कभी खाने योग्य नहीं रहती ।
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प्यार मे किसी को धोखा मत देना ,
अगर नहीं रहना है ,
तो साफ साफ बोल देना ।
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दिल मे दर्द धोखे से होता है ,
ईमानदारी से भले ही कोई हमारा
गला काट दे ।
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अपना सारा वक्त जिसके पीछे लुटाया था ,
उसने ही हमें धोखा देकर जिदंगीभर सताया था ।
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वक्त सबकी औकात बता देता है ,
कौन धोखेबाज है ,
और कौन सही ,
यह सब आइने की तरह दिखा देता है।
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सारा वक्त जिस बेवफा के पीछे लुटाया था ,
आज उसने ही हमें पानी मे डुबाया था ।
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वह एक धोखेबाज लड़की थी ,
इस दिल मे कभी वह ,
सकून बनकर फड़की थी।
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उस धोखेबाज से दिल लगाए बैठे हैं ,
हम तो प्यार मे धोखा खाए बैठें हैं।
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उसकी अदाओं ने हमे मारा है ,
उसने धोखे से हमारा सर उतारा है।
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धोखेबाज का धोखा देखा ,
अब यारों की यारी भी देख ।
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जिदंगी के हर मोड़ पर ,
यह धोखेबाज मिलेंगे ,
संभल कर रहना तुम ,
दोस्त बनकर यह तुम्हारे साथ चलेंगे ।
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दिलो जान से चाहता था मैं उसे ,
खुद को रूला कर हंसाता था मैं उसे ।
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फायदा उठाया उसने मेरी मजबूरियों का ,
धोखा इल्जाम मिला मेरी दूरियों का ।
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जो अपनी नहीं हुई ,
वो किसी और की क्या होगी ,
ऐसी धोखेबाज लड़की के पीछे ,
भला जिदंगी हमारी स्वाह होगी ।
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इश्क हमने जिससे किया ,
वो धोखेबाज निकली ,
विश्वास किया था हमने उसपर ,
वो तो मौके बाज निकली ।
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झूंठी उसकी अदाएं थी ,
झूंठी उसकी फिजाएं थी ,
मगर धोखेबाज उसकी राहें थे ।
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हर किसी से दिल लगाया ना करो ,
धोखेबाज हर मोड़ पर मिलेगी ,
हर किसी को अपना बनाया ना करो ।
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जिदंगी का चैन सकून छीन लिया ,
धोखा देकर उसने हमें ,
खुद को दूसरों के संग हसीन लिया ।
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प्यार भी धोखे से हुआ था ,
इजहार भी एक मौके से हुआ था ।
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कोई मुहब्बत की कद्र नहीं करता ,
मिल जाए सच्ची मुहब्बत ,
तो कोई सब्र नहीं करता ।
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खबर ही नहीं है जमाने को ,
हमारी मौत की ,
धोखा देकर हमें तो घर मे
ही उसने दफना दिया ।
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मेरा पैसा ही उसका सहारा था ,
प्यार मे धोखा ही उसको प्यारा था ।
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आइने मे देख नहीं सकते सूरत अपनी ,
जब से खत्म हुई है , उनको जरूरत अपनी ।
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भले ही उसका चेहरा हसीन है ,
मगर वह औरत चरित्रहीन है।
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दिलों जान से चाहता हूं मैं ,
धोखा देकर कहती है कमीनी ,
अभी भी खूब भाता हूं मैं ।
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प्यार कभी किसी का हमें मिल ना सका ,
जब धोखा था दिल मे ,
तो फूल इश्क का खिल ना सका ।
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दुनिया की नजरों मे हम इश्कबाज थे ,
मगर अपने यार तो ,
हमेशा के लिए हमसे नाराज थे ।
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जिसे चाहा था वो यार मिल गया ,
धोखा देकर ही सही ,
उनको अपना संसार मिल गया ।
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कुछ अदाओं से लुटती हैं ,
कुछ राहों से लुटती हैं ,
हर तरफ धोखेबाज हैं ,
जो निगाहों से लुटती हैं।
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आजकल शराब का नसा भी
चढ़ता नहीं ,
जिसको मिल जाए धोखा प्यार मे ,
वह फिरसे इस राह बढ़ता नहीं ।
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इश्क भी जुल्म करता है ,
इसलिए यह दिल आशकी करने से ढरता है।
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शराब से भी गहरा था तेरा नशा ,
वर्षों बीत गए तुझे देखे ,
मगर आज भी धोखा तेरा दिल मे बसा ।
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धोखेबाज तो जमाने मे भरे पड़े हैं ,
मगर उनको कौन समझाए ,
जो हमसे इश्क करने को अड़े पड़े हैं ।
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इश्क नहीं होता है आसान ,
अगर मिला धोखा इश्क मे ,
तो जिदंगी को बना देगा श्मसान ।
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प्यार मे धोखा मिला ,
तो हमने भरोसा करना छोड़ दिया ,
और उसने हमें ही बुरा समझकर ,
रिश्ता तोड़ दिया ।
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रातों मे अब नींद नहीं आती ,
तारे गिनकर रात गुजारते हैं ,
और वो कह रही है ,
फिर से आजाओ ,
अपनी गलतियां सुधारते हैं ।
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इस धोखे ने बनाया हमारा हाल ऐसा ,
जैसे बिना पानी तड़प रही मछली ।
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कुछ तो बरसात हो जाने दो ,
जब धोखा ही मिल गया है ,
तो रोएंगे खूब बस रात हो जाने दे ।
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वादे उसने हजार किये ,
मगर निभाया कुछ नहीं ,
बस पीठ पीछे वार किये ।
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तुझे याद करता है यह दिल रह रह कर ,
हमने तो धोखे मे भी तुझे से प्यार किया ,
दर्द को सह सह कर ।
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जब खबर लगी उसको मेरे आने की ,
वह कोशिश करने लगी ,
अपने धोखे को छुपाने की ।
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बिन पंख का वो एक परिंदा था ,
धोखा ना देती तो क्या करती ,
मेरे लिए वो मर चुका था ,
भले ही दुनिया नजरों मे जिंदा था ।
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शरबत की तरह मीठी थी वो ,
मगर हमे क्या पता था ,
रात मे बजने वाली धोखेबाज सीटी थी वो ।
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तेरा धोखा भी बरदास करलेंगे ,
भले ही तू किसी और की हो गई ,
हम तो हवाओं मे भी तेरा एहसास करलेंगे ।
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वक्त ने मारा हमको ,
अपनो ने दिल से उतारा हमको ,
आज फिर दिखा ,
आसमान मे वो धोखेबाज तारा हमको ।
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दिल मे अब कोई धड़कन ना रही ,
जब निकली वह धोखेबाज ,
तो उसके लिए कोई तड़पन ना रही ।
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हम वफा करके भी गुनाहगार हैं ,
मगर वो धोखा करके भी संसार हैं ।
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ना नदियों की फिक्र ,
ना किनारों की ,
हम तो इंतजार कर रहे थे ,
उसके धोखेबाज नजारों की ।
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धड़कनों से पूछो हाल हमारा ,
एक धोखेबाज ने किया जीना ,
बेहाल हमारा ।
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तेरी यादों के सहारे जी लेंगे ,
अगर प्यार से जहर भी देगी तो पी लेंगे ।
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आंखों के आंसू भी सूख गए ,
वह तो धोखा देकर बोली ,
तुम तो इश्क मे चूक गए ।
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मैदान छोड़कर नहीं भागेंगे ,
आखरी दम तक तेरे लिए जागेंगे ।
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हम तो उसके प्यार मे कुर्बान हो गए ,
और वो हमें ही धोखा देकर किसी और पर मेहरबान हो गए ।
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रात मे तारे गिनते हैं ,
और दिन मे उस धोखेबाज
को याद करते हैं।
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बिना बादल बरसात कभी हुई नहीं थी ,
वह तो पहले से ही धोखेबाज थी ,
उससे अपनी कभी दोस्ती हुई नहीं थी ।
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रात मे भीगे तकिये को सीने से लगा कर सोते हैं ,
फिर धोखे को याद करके ,
खूब रोते हैं।
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अब नहीं लगता मौसम सुहाना ,
जब से हमने उस धोखेबाज को जाना ।
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तेरी खामोशियों ने हमको मार दिया ,
तू एक पल मुस्कुराई क्या ,
हम तो प्यार समझ बैठे ।
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तेरी जिदंगी तुझे सलाम है ,
प्यार का धोखा ही अंजाम है।
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इश्क मे शोक बहुत है ,
मगर हर किसी को यह रोग बहुत है।
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अब वो हमारे नहीं रहे ,
धोखा देकर ,
वो अब हमारे सहारे नहीं रहे ।
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प्यार ने कुछ नहीं दिया हमें ,
एक बेवफाई के सिवाय ।
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जब से वो धोखा देकर गई है ,
रूक सी गई है जिदंगी ,
फिर कभी नहीं करेंगे हम तो ,
ऐसी बदंगी ।
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एक बेवफा से दिल लगाए बैठे हैं ,
हम तो प्यार मे धोखा खाए बैठे हैं।
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उन्हें पसंद नहीं था हमारा हंसना ,
आखिर नागिन थी वह ,
कैसे भूल सकती थी डसना ।
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अगर साथ नहीं रहना तो छोड़ देती ,
कहकर अपने दिल की बात ,
नाता तोड़ देती ।
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वो कभी पूरी तरह से हमारी हो ना सकी ,
हमें धोखादेकर वह ,
किसी और की हो ना सकी ।
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काश रूठ जाए यह जमाना ,
काश टूट जाए यह फसाना ,
हम तो सच्चे थे ,
मगर उसके धोखे ने बनादिया हमें
बेगाना ।
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दिल की तख्ती पर लिखते हैं नाम तेरा ,
धोखेबाज तू है ,
मौत हो अंजाम तेरा ।
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आज शाम फिर गमगीन है ,
लगता है किसी को धोखा मिला है।
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हम जरूर याद आएंगे ,
उस बेवफा को ,
हम जैसा कोई नहीं मिलेगा ,
उस बदजुबा को ।
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जब धड़कनों ने साथ देना छोड़ दिया ,
जब सांसों ने रिश्ता तोड़ दिया ,
तब वह हमें मनाने आई ।
———————-
तेरे गुलाम नहीं हैं हम ,
इश्क सच्चा किया था तुम से ,
तेरी तरह नमक हराम नहीं हैं हम ।
———————-
धोखा होता है ,
अक्सर अंधेरी रातों मे ,
वह बहला फुसला लेती है ,
हर किसी को ,
अपनी चिकनी चुपड़ी बातों मे ।
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कहती थी हर शाम को मिलेंगे ,
हम इंतजार करते रह गए ,
और वह किसी और संग चली गई।
———————-
अब आदत सी हो गई है अंधेरों की ,
प्यार मे धोखा खाकर ,
सुनने की ताकत लौट आई बहरों की ।
———————-
साथ जीने मरने का वादा किया था ,
मगर मरना तो दूर की बात है ,
उसने तो साथ ही नहीं दिया ।
———————-
जब अपने वादे से वो मुकर गई ,
वो आज भी धोखेबाज थी ,
हमे लगा वो सुधर गई ।
———————-
हवाओं के संग गुजर रहे थे ,
प्यार मे धोखा खाकर ,
आज हम सुधर रहे थे ।
———————-
अगर मर रही है , तो मर जाने दे ,
दिल को ठंडक मिलेगी ,
अगर गुजर रही है , तो गुजर जाने दे ।
———————-
जीते जी हमको मार दिया उसने ,
धोखा देकर दिल मे छूरा तार दिया उसने ।
———————-
राहगिर हो ,तो रिश्ता रखो राहों से ,
मुहब्बत नहीं होती कभी बेवफाओं से ।
———————-
मेरी बरबादी का इल्जाम तुझ पर आएगा ,
अगर मैं मर गया ,
परिणाम तुझ पर आएगा ।
———————-
जब गली मे वो हमसे टकराई ,
तो देखकर वह हमें बहुत घबराई ,
धोखा जो दिया था हमको ,
कैसे बर्दाश्त कर लेते पीर पराई ।
———————-
मेरे अश्क का लहू जितना तूने बहाया है ,
आज तूने धोखा खाकर इसका कर्ज चुकाया है।
———————-
तेरे आने से पहले ,
आंखों ने कभी आंसू बहाए न थे ,
वो रिश्ते भी दर्द दे गए ,
जो हमने कभी बनाए न थे ।
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पैसा है , तो प्यार है ,
अगर पैसा नहीं ,
तो हर इंसान बेकार है।
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तुझ पर कौन मरता है ,
सब तेरे पैसों पर मरते हैं।
———————-
तेरे आने से जिदंगी मे खुशियों के
फूल कभी खिले नहीं थे ,
जिदंगी कितनी हसीन थी ,
जब तक हम तुझ से मिले नहीं थे ।
———————-
सूख गए आंखों के आंसू रोते रोते ,
खुद को लुटा दिया हमने ,
तेरे होते होते ।
———————-
दिल पे नहीं लेते हम प्यार को ,
क्योंकि धोखा मिलता है इसमे ,
यह पता है , सारे संसार को ।
———————-
तुझे देखकर शीशा भी चकनाचूर हुआ ,
जीवन मे शांति आ गई ,
जब मैं उस धोखेबाज से दूर हुआ ।
———————
अपना पन जताया उसने ,
मगर जब मौका मिला ,
तो अपना असली रूप दिखाया उसने ।
———————
सारा जमाना उसे बेवफा कहता था ,
और मैं हीरों बनकर उसके दिल मे रहता था ।
———————
सकून मिलता था , कभी जिसकी बाहों मे ,
आज वही किसी और के संग मिली हमें ,
जिदंगी की राहों मे ।
———————
कहने को तो खिलाड़ी हैं ,
मगर धोखेबाजों के लिए आज भी अनाड़ी हैं।
———————
कुछ लोग प्यार जताकर लुटते हैं ,
और कुछ किसी को अपना बनाकर टूटते हैं।
———————
अगर जोड़ों के बंधन कच्चे धागों से ,
तो कभी नहीं निकल पाओगे ख्वाबों से ।
———————
अभी भी निकल नहीं पाए उसके ख्वाबों से ,
अब तो नफरत सी हो गई प्यार भरी बातों से ।
———————
दुनिया मरती है , तो मर जाए ,
आशकी करती है , तो कर जाए ,
मगर किसी धोखे बाज से ना दिल लगाएं ।
———————
हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती ,
हर खूबसूरत परी इश्क के लायक नहीं होती ।
———————
जब जिदंगी हमारी मुकाम पर आई ,
तो कि उसने हमसे बेवफाई ।
———————
हमारा दिल तो खिलौना है उनका ,
जब मन चाहे खेल जाती हैं ।
———————
हम तेरी यादों मे जिदंगी ,
गुजर बसर करते रहे ,
हमे क्या पता था धोखेबाज निकलेगी तू ,
हम सब कुछ तेरे नाम करते रहे ।
———————
बुझ जाएगी जब सांसों की डोर ,
वह धोखेबाज पटा लेगी कोई और ।
———————
झूंठी तेरी आशकी ,
झूंठा तेरा फसाना ,
हमें नहीं है तेरे संग आना ।
———————
इश्क करने का हमें कोई मलाल नहीं ,
अगर धोखा ना मिले ,
तो फिर खुद से कोई सवाल नहीं ।
———————
ऐ खुदा जवाब देना मेरी एक अर्जी का ,
कैसे फैसला करोगे उस खुद गर्जी का।
———————
मेरी तन्हाई को जी रही है वो ,
मुझे धोखा देकर ,
आज खूब शराब पी रही है वो ।
———————
तोहफा दिया उसने हमें धोखेबाजी का ,
हम भी खिलाड़ी थे ,
इंतजार कर रहे थे अपनी बाजी का ।
———————
दिल रोये जा रहा है ,
धोखा जो उसने देदिया ,
खुद को खोये जा रहा है।
———————
होंठ उनके पल पल मुस्कुरा रहे ,
धोखा देकर हमारे प्यार को ,
वो ठुकरा रहे ।
———————
मत चलाओ कागज की किश्तियां डूब जाएंगी ,
मत लगाओ धोखेबाज से दिल ,
जिदंगी टूट जाएंगी ।
———————
दिल की उड़ान थी आसमान मे ,
और वो बैठी थी ,
हमें धोखा देकर श्मसान मे ।
———————
वो एक लम्हा ना दे पाए हमें एक प्यार का ,
और सुख देने की बात करते हैं संसार का ।
———————
वह प्यार तो सबसे करती थी ,
मगर धोखा पता नहीं कब से करती थी ।
———————
उसे तो सुड़ौल लौंडों का शौक था ,
हम ही प्यार समझ बैठे ।
———————
कहती थी तू ना मिला तो मर जाउंगी ,
हम तो नहीं मिले उसे ,
मगर वह तो आज भी जिंदा है।
———————
इंसान अगर हो तो तेरे जैसा हो ,
प्यार भी करले और धोखा भी देदे,
फिर कहे कुछ नहीं हुआ ।
———————
मेरे प्यार का फायदा उठाया उसने ,
हमें मौत मिली ,
और अपनी जिदंगी बनाया उसने ।
———————
फैसला जब कुदरत करता है ,
तो बड़े से बड़ा हरामी डरता है।
———————
बदलते नहीं कुदरत के फैसले कभी ,
फिर चाहे वकील कोई भी हो ।
———————
धोखा उन्हें ही मिलता है ,
जो दिल के साफ होते हैं।
———————
उपर वाले की अदालत जिस दिन खुलेगी ,
धोखे की सजा जरूर मिलेगी ।
———————
जिसने वार किया हमारी पीठ पर ,
वह कल नहीं दिखेगा जिदंगी की सीट पर ।
———————
दुनिया तमाशा देखी रही मेरी मौत का ,
और वह कह रही थी यह है उनके रोज का ।
———————
ना जिदंगी मे सकून रहा ,
ना जिदंगी मे जनून रहा ,
जब से वह गई है ,
ना रंगों मे हमारी खून रहा ।
———————
आ गए आंखों मे आंसू ,
जब वह बोली दूर हो जा मेरी जिदंगी से ,
हमने कहा हमारा गुनाह तो बताती जा ।
———————
मौत से बदतर हो गई जिदंगी हमारी ,
जब से वह धोखेबाज मिली है ,
नर्क बन गई जिदंगी सारी ।
———————
हम तो दिल ही दिल मे रोया करते हैं ,
मगर वो किसी और के सपने ,
आंखों मे संजोया करते हैं ।
———————
खुद को आंसुओं मे भीगों दिया ,
मौत भी ऐसी मिली ,
कि कब्र तक नसीब नहीं हुई ,
ऐसा उसने हमे डुबो दिया ।
———————
उसने कहा ख्वाब देखने का हक नहीं है तुम्हें ,
तुम तो अनाड़ी हो , हमारा लक नहीं है तुम्हें ।
———————
आंसुओं की नदियां बहादी हमने ,
और धोखा देकर अपनी औकात बतादी उसने ।
———————
अगर मुहब्बत ही ना रहेगी इस जमाने मे ,
तो क्या करेंगे जिंदा रहकर इस ठिकाने मे ।
———————
आई थी वह बनकर फरिश्ता ,
मगर खून से रंग गई हमारा रिश्ता ।
———————
दिल के दामन मे उसने दाग लगा दिया ,
धोखा देकर उसने ,
हमारी जिदंगी को आग लगा दिया ।
———————
दिल हमारा लूट लिया उसने भरी महफिल मे ,
मगर आज धोखा देकर ,
नफरत पैदा करती उसने इस दिल मे ।
———————
उसके चेहरे पर जो मुस्कान थी ,
उस धोखेबाज की , वही असली पहचान थी ।
———————
कुछ तुझे अपनी जान समझते थे ,
कुछ तुझे अपनी आन समझते थे ,
कुछ तुझे अपनी शान समझते थे ,
मगर हम तो तुझे बेईमान समझते थे ।
———————
फैसला अटल होता है कुदरत का ,
प्यार व्यार कुछ नहीं ,
सब कुछ है जरूरत का ।
———————
क्या करें तेरी सुहानी सूरत का ,
जब दिल मे है तेरे धोखा ,
प्यार है बस जरूरत का ।
———————
तुझे जरूर याद आएंगे हम ,
यह तो धोखा देकर चली जाएगी ,
जब वर्षों बाद आएंगे हम ।
———————
दिल रो रहा है ,
हमारा चैन सकून खो रहा है ,
जब वह धोखेबाज ,
आज फिर किसी और का हो रहा है।
———————
दिन के उजाले मे देखो ,
रात के काले मे देखो ,
यार कहीं धोखेबाज तो नहीं ।
———————
जो देने लगते हैं एक बार धोखा ,
फिर उनको नहीं देना चाहिए कभी मौका ।
———————
कोई किसी के लिए रोता नहीं ,
कोई किसी के लिए चैन खोता नहीं ,
सब कुछ कहने की बातें हैं।
———————
उसके इरादे नेक नहीं थे ,
वो धोखेबाज थी ,
हमारे दावे फेक नहीं थे ।
———————
जिदंगी मे सकून कभी हमें मिला नहीं ,
प्यार जिससे किया वो फूल कभी खिला नहीं ।
———————
तारों की महक का क्या करें ,
जब चांद महकता हो ,
उस धोखेबाज को क्या कहें ,
जब अपना ही मन बकहता हो ।
———————
धोखा देकर दिल का हाल
पूछ रही है साली ,
प्यार नहीं करती थी ,
बस बहलाती थी दिल को खाली ।
———————
कोई सवाल नहीं ,
कोई जवाब नहीं ,
इस धोखेबाजी का कोई इलाज नहीं ।
———————
दवा नहीं होती हर मर्ज की ,
धोखा तो तुमने देदिया ,
मगर कीमत अदा नहीं कर पाएगी हमारे कर्ज की ।
———————
इन दीवारों से अपना सर फोड़ लेंगे हम ,
निकल जा हमारी जिदंगी से तू ,
आज से तुम से सारा रिश्ता तोड़ लेंगे हम ।
———————
जख्म चाहत से गहरे होते हैं ,
भले ही लोग निकल जाएं हमारी जिदंगी से ,
फिर भी वो दिल के किसी कोने मे ठहरे होते हैं।
———————
कोशिश करोगी अगर हमे भुलाने की ,
तो कीमत तो अदा करनी पड़ेगी हमें चाहने की ।
———————
जिस हीरे को पाकर हमने खो दिया ,
उसका आज भी हमें अफसोस है।
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छुपा लिया दिल के हर सितम को ,
फिर भी धोखा देकर चली गयी वह ,
अपने प्रियतम को ।
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कभी वह हमारी प्राण प्यारी थी ,
कभी वह हमारी जिम्मेदारी थी ,
दिया धोखा तो एहसास हुआ ,
कसम से चीज बड़ी खारी थी ।
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टूटते नहीं आसानी से दिल के बनाए रिश्ते ,
उस धोखेबाज के कर्मां की आज भी ,
हम चुका रहे हैं किश्ते ।
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सकून की तलास मे थे हम ,
वह तो मिला नहीं मगर धोखा जरूर मिला ।
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ना किसी को पाने की चाहत है ,
ना किसी को अपना बनाने से राहत है ,
सब कुछ यारो आफत है।
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यह दिन मे ढल जाएगा ,
यह रात भी ढल जाएगी ,
जो हमें धोखा देगी ,
वह खुद चाहत की आग मे जल जाएगी ।
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तुझे भी एक दिन तड़पाएंगे ,
धोखे का सबक जरूर सीखाएंगे ।
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सताएं तो किसे सताएं ,
बताएं तो किसे बताएं ,
कमीनी ने धोखा देदिया ,
चाहें तो किसी चाहें ।
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अजनबियों को अगर बनाओगे अपना ,
तो धोखेबाजी का आएगा तुझे सपना ।
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दिन हुआ तो रात भी होगी ,
कितना भी करने प्यार तू ,
एक दिन धोखे की बरसात भी होगी ।
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दिन के बाद रात होगी ,
धोखे से जिदंगी मे एक बार मुलाकात होगी ।
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मन उदास है ,
मगर यार बड़ा खास है ,
प्यार मे धोखा ना मिले ,
बस यही आस है।
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जाना है , तो शौक से जाओ ,
मगर किसी को धोखा मत दो ।
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किसी का घर जलाकर ,
आसमान मे पंख फैलाकर ,
तुम कभी उड़ नहीं सकती ।
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वो बिछ़कर हम से रह ना सकी ,
हमें धोखा देकर भी प्यार करती ही ,
मगर हमें फिर वह कह ना सकी ।
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प्यार करो तो दिलवाली से करो ,
ना झूठी हुई प्याली से करो ।
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सूख गया आंखों का पानी ,
धोखा देते देते बीत गई जवानी ,
यही है जनाब मेरी कहानी ।
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न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई ,
जब धोखा दिया उसने ,
तो यह जिदंगी भर की दूरी रह गई ।
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अपनी भी कुछ मजबूरियां रहती हैं ,
वरना धोखा किसे प्यारा है।
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दिल एक बार फिर जलाया उसने ,
झूठ बोलकर फिर बहलाया उसने ।
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जीती हुई बाजी हार गए हम ,
उससे धोखा खाकर भी ,
खुद को संवार गए हम ।
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डर लगने लगा है अब प्यार से ,
अब तो नफरत सी हो गई इस संसार से ।