इंसान की दिमाग की मैमोरी भी काफी अजीब होती है। कई ऐसी जानकारी होती हैं जिनकों हम न चाहकर भी याद कर लेते हैं। जबकि कुछ जानकारी हम चाहकर भी याद नहीं रख पाते । और हमारे दिमागकी मैमोरी की एक और खास बात है कि हम जब किसी सूचना को बार बार काम मे लेते हैं तो वह हमारे दिमाग की मैमोरी मे और अधिक स्पष्ट हो जाती है।
इस लेख के अंदर हम जानेंगें हमारी मैमोरी से जुड़ी कुछ बातें ।
- मैमोरी स्टोरेज की कोई सीमा नहीं है
आपके याद किये जाने वाली सूचना की कोई सीमा नहीं है। यानि आप कितना भी याद कर सकते हैं। हांलाकि यह बात अलग है कि आप याद किये जाने वाली सूचनाओं मे से कुछ भूल जाते हैं।
। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान के प्रोफेसर पॉल रीबर ने एक अनुमानित गणना का अनुमान लगाया है कि मस्तिष्क 2.5 PETABYTES आंकड़ों को स्टोर कर सकता है – जो 2,500,000 गीगाबाइट या 300 साल का टीवी है।
मानव मस्तिष्क में लगभग एक अरब न्यूरॉन्स होते हैं। प्रत्येक न्यूरॉन दूसरे न्यूरॉन्स से करीब 1,000 कनेक्शन बनाता है, जो ट्रिलियन कनेक्शन से अधिक है।और यदि हमारे पास असीमित भंडारण क्षमता है तो हम भूल क्यों जाते हैं। यह एक बड़ा प्रश्न है।
Table of Contents
2.हमारी short term मैमोरी 4 से 9 डिजिट ही याद रख सकती है।
यह बात सही है कि हमारी सोर्ट टर्म मैमोरी केवल 4 से 9 डिजिट ही याद रख पाती है। इसके अंदर डेटा बहुत कम समय तक ही स्टोर होता है। इसी वजह से हम बहुत सी जानकारी भूल जाते हैं। जबकि लॉंग टर्म मैमोरी मे अधिक समय तक डेटा स्टोर होता है।
3. जब भी आप कोई नई चीज सीखते हैं तो आपके दिमाग मे फिजिकल चेंज होता है
दोस्तों दिमाग एक ऐसा घर होता है। जहां पर आप अपनी भावनाएं अपने विचारों को रखे होते हैं। आप चाहे कोई भी नया कौशल सीखते हो तो आपके दिमाग की मासपेशियों के अंदर बदलाव आता है।वैसे सीखने को व्ययाम करना भी कह सकते हैं। क्योंकि आप दिमाग को जितना ज्यादा यूज मे लोगे आपका दिमाग उतना ही तेजी से काम करेगा।
एमआरआई जैसी ब्रेन मैपिंग तकनीको से वैज्ञानिक सीखने से पहले और बाद मे हुए परिवर्तनों के बारे मे पता लगा सकते हैं।
4. आधुनिक तकनीक ने यादाश्त को कमजोर बना दिया है
यह बात सत्य है कि हमारा दिमाग जानता है कि इंटरनेट पर सबकुछ है। तो वह याद रखने की कोशिश नहीं करता है। जिसका परिणाम यह हो गया है कि धीरे धीरे लोगों की यादाश्त कमजोर हो रही है।
5. जब हम किसी चीज को भूलने की कोशिश करते हैं तो उसे ज्यादा याद कर रहे होते हैं।
जैसा कि आपको भी पता होगा । कई बार जब हम किसी घटना को भूल जाने की कोशिश करते हैं तों वह हमे ज्यादा याद आने लगती है। इसकी वजह है हम उसके बारे मे बार बार सोचते हैं जिसकी वजह से वह बार बार रिकाल होकर और याद हो जाती है
6.भावनात्मक चीजे अधिक समय तक याद रहती हैं
जैसा की आपको पता होगा जिन घटनाओं के साथ भावनात्मक रसायन डोपामाइन जुड़ जाते हैं। या अन्य कोई हार्मोन जुड़ जाते हैं तो ऐसी चीजों को हम आसानी से याद कर लते हैं। हांलाकि अभी तक यह पता नहीं है कि भावनात्मक मैमोरी होती है या नहीं।
7. गर्भ मे 4 महिने से शिशु के अंदर मैमोरी काम करने लगती है
अनेक गर्भ वति महिलाओं के दावों के अनुसार उनके शिशु वातावरण के अंदर होने वाले कुछ शोर से एकदम शांत हो जाते हैं। जबकि अबतो वैज्ञानिक भी मानने लगे हैं कि शिशु मे 4 महिने से ही मैमोरी काम करने लग जाती है।
8.दिमाग मे डेटा कोई एक स्थान पर स्टोर नहीं होता है
दोस्तों हमारा दिमाग हमारे कम्पयूटर की तरह नहीं है। इसके अंदर अलग तरीके से सूचना सेव होती है। दिमाग के अंदर इमेज विजवल कॉर्टेक्स के अंदर जाती हैं। जबकि ओडियो और कहीं पर सेव होता है। मतलब दिमाग के अलग अलग हिस्से अलग अलग सूचना को स्टोर और प्रोसेस करते हैं।
This post was last modified on July 3, 2019