दोस्तों आज की भागादौड़ भरी जिंदगी के अंदर दिमाग शांत नहीं रह पाता है। आपको मन शांत नहीं रह पाता है। दिमाग को शांत कैसे करें या मन को शांत कैसे करें ? यह प्रश्न हर किसी के दिमाग मे आता ही है। और उसके बाद इसके उपायों को भी सर्च किया जात है। लेकिन अभी तक दिमाग को शांत करने का कोई भी वैज्ञानिक तरीका उपलब्ध नहीं है। जो वास्तव मे आपको मन को शांत कर सकता हो ।
सब लोग बस कुछ टिप्स बताते हैं। लेकिन टिप्स से दिमाग को शांत करना आसान काम नहीं है। इस लेख के अंदर हम आपको सभी चीजों के बारे मे विस्तार से बताएंगे कि आप किस तरीके से अपने दिमाग को शांत कर सकते हो । और इसके लिए क्या क्या तरीके उपलब्ध हैं। यदि आप नीचे दिये गए तरीकों को अच्छे से फोलो करोगे तो निश्चिय ही आपका दिमाग शांत हो जाएगा क्योंकि यह तरीके पूरी तरीके से वैज्ञानिक हैं। जिनको आप खुद भी समझ सकते हैं।
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दिमाग अशांत होने या मन अशांत होने का मतलब क्या है ?
दोस्तों दिमाग अशांत होने का मतलब होता है। कोई भी नगेटिव विचारधारा जोकि आपके दिमाग के अंदर बार बार एक्टिव हो रही है। मतलब उसका आवश्यकता से अधिक बार एक्टिव होना । आप चाहकर भी उसे रोक नहीं पा रहे हैं। याद रखें आपका दिमाग हमेशा पॉजिटव चीजों की वजह से अशांत नहीं होता है। वरन इन चीजों से तो आपके दिमाग को खुशी मिलती है। लेकिन नगेटिव चीजें आपके दिमाग को अशंात बना देती हैं। और इसके अंदर भी वे नगेटिव चीजें आती हैं जो आपके दिमाग पर गहरा असर कर सकती हैं।
इन सब चीजों को समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मानलिजिए आप किसी लड़की से बहुत अधिक प्यार करते हैं। और यदि अचानक से वह लड़की आपको धोखा देकर किसी दूसरे लड़के के साथ भाग जाए तो आपका दिमाग अशांत हो जाएगा और बार बार आपके दिमाग मे उस लड़की का विचार आएगा ।
आप कहीं पर भी जाएंगे वहीं पर ही आपके दिमाग मे वह लड़की ही लड़की आएगी । आपको कहीं पर भी शांति नहीं मिलेगी । इसी तरीके से यदि किसी इंसान का बिजनेस अचानक से डूब जाए तो उसके मन को गहरी चोट लगती है। इस वजह से उसका दिमाग अशांत हो जाता है। सो दिमाग अशांत होने का मतलब होता है। कोई भी नगेटिव विचार जो आपके दिमाग के अंदर बार बार आता है। और आप उससे परेशान हो चुके हैं तो उसे दिमाग की अशांति के नाम से जाना जाता है।
दिमाग अशांत होने के कारण
दोस्तों दिमाग के अशांत होने के पीछे गई कारण होते हैं। दिमाग को शांत करने या मन को शांत करने के उपायों के बारे मे जानने से पहले आपको दिमाग के आशांत होने के कारणों के बारे मे जनना चाहिए । ताकि आप दिमाग की अशांति को बेहतर तरीके से समझ सकें और अच्छे उपाय भी कर सकें ।
सामाजिक कारण
दोस्तों दिमाग की अशांति कई बार सामाजिक कारणों की वजह से भी होती है। इसमे कई कारण हो सकते हैं। जैसे यदि कोई आप सेझगड़ा कर रहा है तो भी आपका दिमाग अशांत हो सकता है। इसके अलावा यदि आपके परिवार के अंदर कोई बीमार हो गया है। अथवा खत्म हो गया है तो इसका भी दिमाग पर गहरा असर पड़ सकता है। हालांकि सब लोगों का दिमाग सामाजिक कारणों से अशांत नहीं होता है। इसमे अलग अलग किस्म के लोग होते हैं। कुछ लोग सामाजिक चीजों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। हमेशा ऐसे लोगों का दिमाग ही सामाजिक कारणों से अशांत होता है।
आपके परिवार के अंदर कुछ सदस्य ऐसे भी होते हैं जो काफी संवेदनशील होते हैं। तो ऐसे लोगों का दिमाग इस वजह से अशांत होता है। जबकि कुछ लोग किसी भी रिश्ते की परवाह नहीं करते हैं। मतलब वो सामाजिक रूप से अलगावी होते हैं। इस संबंध मे हमारी भाभी है जो सामाजिक रूप से काफी जुड़ी हुई है। इस वजह से जब भी किसी परिवार के सदस्य को कुछ हो जाता है तो वह काफी घबरा जाती है। उसके बाद उसे कुछ भी करना अच्छा नहीं लगता है।
आर्थिक कारण
दोस्तों आर्थिक कारण भी आपका दिमाग अशांत कर सकता है। और आज के समय मे यही वह सबसे बड़ी वजह है। जिसकी वहज से लोगों का दिमाग अशांत रहता है। एक गरीब इंसान का दिमाग हमेशा यह सोच कर अशांत रहता है कि बारिश नहीं होगी तो क्या होगा ? वह अपने परिवार का पेट कैसे पालेगा । इसके अलावा कुछ लोग कर्ज के अंदर डूबे हूए होते हैं। कल परसों एक लड़के ने मेरी वेबसाइट पर कमेंट किया और बोला सर क्या ऐसा कोई उपाय हो सकता है। जिससे कर्ज मे मुक्ति मिल सके ।
नहीं तो मुझे सुसाइड करना पड़ेगा । इस तरह से बहुत से लोग ऐसे हैं जोकि कर्ज के अंदर डूबे हुए हैं । उनके कोशिश करने के बाद भी वे कर्ज को नहीं उतार पा रहे हैं। तो ऐसे लोगों का दिमाग तो अशांत होगा ही । किंतु इसका मतलब यह नहीं है कि सारे लोग जो कर्ज के अंदर डूबे हुए हैं उनका दिमाग अशांत होगा । बहुत से लोग ऐसे भी हैं जिनको इसकी परवाह नहीं है। इसके अलावा स्टूडेंट भी नौकरी पाने के चक्कर मे अपने दिमाग को अशांत किये हुए हैं। जोकि आर्थिक क्षेत्र के अंदर आता है।
यदि आर्थिक कारण की वजह से आपका दिमाग अशांत है तो डरने की आवश्यकता नहीं है। अपने दिमाग पर ज्यादा जोर ना डालें और हमेशा सोचे कि जो होगा देखा जाएगा ।
मानसिक कारण
दोस्तों दिमाग अशांत होने का या मन अशांत होने का मानसिक कारण भी होता है। मतलब दिमाग के अशांत करने का प्रत्यक्ष कारण मानसिक होता है। उदाहरण के लिए आप कहीं जा रहे हैं और आप अपने घर पर ताला लगाकर जा रहे हैं। आपके मन मे यह टेंशन सी हो जाती है कि कहीं से कोई सामान चोरी ना हो जाए।और बार बार आपके दिमाग के अंदर इस प्रकार का विचार आने लगता है। ऐसी स्थिति के अंदर आपका दिमाग अशांत हो जाएगा । इस तरह की बेकार की टेंशन का होना ही तो दिमाग अशांत होना कहलता है। इसके पीछे मानसिक और शारिरिक कारक जिम्मेदार हो सकते हैं।
बहुत से लोगों मे यह देखा गया है कि वे किसी ना किसी चीज की बेकार मे टेंशन कर लेते हैं। जैसे कुछ लोग बैठे बैठे यह सोचने लगते हैं कि उनका भविष्य के अंदर क्या होगा ? और काफी बुरा सोचते हैं। ऐसा वे लंबे समय तक करते हैं तो उनका दिमाग अशांत हो जाता है।
दिमाग अशांत होने पर दिमाग की आंतिरक प्रोसेस क्या है ?
दोस्तों किसी भी समस्या को वैज्ञानिक ढंग से सुलझाने के लिए उस समस्या की तह तक जाना होता है। यदि आप उस समस्या की जड़ को नहीं समझ पाएंगे तो फिर इसका मतलब है आप उसे कभी भी हल नहीं कर पाएंगे ।जब आपका दिमाग अशांत होता है तो आपके दिमाग के अंदर विचारों की प्रक्रिया के अंदर बदलाव होते हैं। क्या आपने इस बात को कभी नोटिस किया है। यदि नहीं किया है तो इस बात के बारे मे हम आपको बता देते हैं।
न्यूटन का एक नियम है। जिसके बारे मे आपने भी सुना होगा । जिसे क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहते हैं। इस नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया के विपरित दिशा के अंदर प्रतिक्रिया होती है। उसी तरीके से दिमाग के अंदर एक नगेटिव विचार और दूसरे पॉजिटिव विचार होते हैं।यह दोनों एक दूसरे के विपरित दिशा के अंदर काम करते हैं। जिस तरीके से गाड़ी के अंदर ब्रेक गाड़ी की स्पीड के विपरित दिशा के अंदर काम करता है। अब यदि गाड़ी के ब्रेक फैल हो जाएं तो क्या होगा आप जानते ही हैं।
आपके दिमाग मे बार बार आने वाले नगेटिव विचार इस बात को बताते हैं कि पॉजिटिव विचार मतलब आपकी गाड़ी के ब्रेक फैल हो चुके हैं। इस वजह से यह रूक नहीं रही है। यदि आपकी गाड़ी के ब्रेक फैल हो जाते हैं तो वह कहीं पर टकराकर रूक जाती है। लेकिन दिमाग मे ऐसा टक्कर संभव नहीं है।मतलब दिमाग अशांत तब होता है। जब किसी भी नगेटिव विचार पर पॉजिटिव विचार का कंट्रोल समाप्त हो जाता है।
उपर दी गई चीजों को बेहतर ढंग से समझने के लिए हम एक उदाहरण का प्रयोग करते हैं। मानलिजिए एक व्यक्ति अपनी पत्नी से बहुत अधिक प्यार करता है। और अचानक से उसकी पत्नी की मौत हो जाती है। जिससे उसको गहरा सदमा लगता है।क्या आप सोच सकते हैं कि ऐसी स्थिति के अंदर उसके दिमाग मे क्या चलेगा । निश्चिय ही उसके दिमाग के अंदर पहले अपने पत्नी के जो पॉजिटिव प्रभाव हैं वो नगेटिव बन जाएंगे । और ऐसी स्थिति के अंदर कंट्रोल खत्म हो जाएगा ।और इस वजह से बार बार उसके दिमाग के अंदर एक ही विचार आएंगे । मतलब इस वजह से उसका दिमाग बुरी तरीके से अशांत हो जाएगा ।
जैसे जैसे समय बितेगा उसके दिमाग के अंदर कंट्रोलर प्रभाव सक्रिय होंगे । हालांकि यह सब धीरे धीरे होंगे उसे यह महसूस होगा कि अब रोने मे कोई फायदा नहीं है उसकी पत्नी रोने से वापस नहीं आएगी ।लेकिन इसके अंदर काफी समय लग सकता है।
तो दोस्तों आप समझ ही चुके होंगे कि दिमाग अशांत कैसे होता है ? मतलब जब हाई अमाउंट नगेटिव प्रभाव आपके दिमाग मे क्रियाशील होने लगते हैं। तब आपका दिमाग अशांत हो जाता है।इसका सीधा सा मतलब यही है कि यह सब नगेटिव विचार की वजह से ही होता है।
इंसान का शांत दिमाग कैसा होता है ?
दोस्तों इंसान का दिमाग जब शांत होता है तो वह लो लेवल के अंदर नगेटिव हो सकता है। या फिर उदासीन हो सकता है। या फिर वह पॉजिटिव हो सकता है। इंसान का दिमाग केवल एक ही कंडिशन के अंदर अशांत होता है। जब वह हाई लेवल नगेटिव के अंदर रहता है।
इंसान के दिमाग के अंदर एक अलग प्रकार का व्यवहार होता है। आप समझ सकते हैं कि इंसान के दिमाग मे तीन कटोरे वाला तराजू है। अशांत की स्थिति के अंदर पॉजिटिव और उदासीन वाला कटोरा एक होते हैं। और हाई नगेटिव वाला कटोरा अलग होता है। यदि नगेटिव कटोरे का वजन बढ़ जाता है जिसको पॉजिटिव कटोरा झेल नहीं पाते हैं ऐसी स्थिति के अंदर इंसान का दिमाग अशांत हो जाता है।नोर्मल परिस्थितियों मे पॉजिटिव कटोरा हमेशा नगेटिव कटोरे से उपर रहता है।
दिमाग को शांत करने का तरीका , मन को शांत करने के उपाय
दोस्तों वैसे तो दिमाग को शांत करने या मन को शांत करने के अनेक उपाय आपको वेबसाइटों पर मिल जाएंगे । लेकिन उनसे आपको अल्पकालिन शांति मिलेगी । हालांकि हम आपको इसका वैज्ञानिक तरीका बताएंगे । इसके अलावा और भी कई सक्सेसफुल तरीके बताएंगे । आपको जो अच्छा लगे कर सकते हैं। लेकिन यह तरीका आपको अवश्य ही करना होगा ।
अपने दिमाग को चैक करें
दोस्तों आपको बतादें कि यदि आप सही तरीका आजमाएं बिना अपने दिमाग को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं तो यह काफी मुश्किल हो सकता है। तो सबसे पहले आपको अपने दिमाग को चैक करना होगा कि आपके दिमाग के अंदर कौन कौन से विचार बार बार आ रहे हैं। जिसकी वजह से आपका दिमाग
शांत नहीं हो रहा है। आपको उन विचारों की पहचान करनी होगी । दोस्तों आपको बतादें कि वे विचार आपको परेशान करने वाले होते हैं। जोकि आम विचारों से अलग होते हैं।
कैसे आप इनको रोक सकते हैं ?
दोस्तों हर चीज का सौल्यूसन होता है। इसी तरीके से आपके दिमाग के अंदर आ रहे विचारों को रोकने का भी कोई तरीका मौजूद है। सो आपको सबसे पहले उनका रोकने के तरीके खोजने होंगे । आप इन तरीकों की लिस्ट बना सकते हैं। इसके अलावा हम आपको वो तरीके नहीं बता सकते हैं। क्योंकि यहआपकी समस्या पर निर्भर करते हैं।इनके हिसाब से हल भी अलग अलग होता है।
समस्या के हल को लागू करना
इस स्टेप्स के अंदर आपको उन विचारों को रोकने के लिए उपर आपने जो हल निकाले हैं। उनको प्रभावी तरीके से लागू करने हैं। ताकि उन विचारों के प्रवाह को कम किया जा सके । इसके लिए आप एक से अधिक दिमाग को शांत करने के तरीके आजमा सकते हैं। जो आप के उपर सटीकता से काम करें आप उसका यूज कर सकते हैं।
उपरोक्त तीनों प्रोसेस को समझने के लिए हम आपको एक उदाहरण के द्वारा समझाते हैं।
मानलिजिए एक व्यक्ति है। और उसकी गर्लफ्रेंड उससे छोड़कर चली जाती है। जिसकी वजह से वह परेशान हो जाता है। उसका दिमाग बुरी तरीके से अशांत हो जाता है। उसके बाद वह सबसे पहलेवह यह सोचता है कि यह गर्लफ्रेंड ही फसाद की जड़ है। इसके लिए वह कई तरीके सोचता है। जिसमे उसका पहला तरीका होता है कि
- खुद को इस बात के लिए मना लेना कि वह उसकी गर्लफ्रेंड थी ही नहीं ।
- यह कोई प्यार नहीं था बस एक मजाक था जो अक्सर लड़के करते हैं ।
- यह उसकी जिंदगी का मकसद नहीं था। उसे तो कुछ और करना है।
उसके बाद वह इन सब चीजों के बारे मे विस्तार से सोचता है कि वास्तव मे गलत क्या है ? और सही क्या है। इस प्रकार से वह धीरे धीरे समस्या से उबरने लग जाता है।
दिमाग को शांत करने के अन्य उपाय मन को शांत करने के तरीके
दोस्तों आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के अंदर दिमाग अशांत होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन यदि आपका दिमाग अशांत रहता है तो आपको इसको सही करने के उपाय भी करने चाहिए । क्योंकि अशांत दिमाग की स्थिति के अंदर आप कोई भी काम ढंग से नहीं कर पाएंगे । और इससे परिणाम प्रभावित हो जाएंगे ।नीचे हम दिमाग या मन को शांत करने के कुछ और तरीके बता रहे हैं। जिनको आप उपयोग मे ले सकते हैं।
ध्यान करके मन शांत करना
दोस्तों ध्यान करके भी मन शांत किया जा सकता है। अक्सर आप सुबह सुबह किसी शांत स्थान पर बैठ जाएं और उसके बाद ध्यान करें । याद रखें ध्यान करते समय आपके दिमाग के अंदर नगेटिव विचार नहीं आने चाहिए । नहीं तो आपका मन शांत होने की बजाय अशांत हो जाएगा ।
सबसे पहले अपने दिमाग के अंदर जो विचार आपके मन को अशांत कर रहे हैं। उनके विरूद्व कोई विचारधारा दिमाग मे स्थापित करें । फिर उस पर अपने ध्यान को केंद्रित करने का प्रयास करें । जैसे यदि यदि किसी का सगे की मौत की वजह से उसका मन अशांत है तो उसेभगवान का ध्यान करते हुए । यह सोचना चाहिए कि इस दुनिया के अंदर सब कुछ नश्वर है। और सिर्फ भगवान का नाम ही सच है।
पॉजिटिव विचारों पर अधिक जोर देना
दोस्तों नगेटिव विचारों की वजह से दिमाग अशांत होता है। लेकिन यदि आप उसे शांत करना चाहते हैं। तो आपको दिन के समय मे जब भी आपके दिमाग के अंदर नगेटिव विचार आएं । उसके विपरित आपको पॉजिटिव विचारों के बारे मे अधिक से अधिक सोचने की कोशिश करनी चाहिए ।जैसे आपके दिमाग मे आपकी गर्लफ्रेंड के छोड़के जाने पर कोई विचार आए तो उसके विपरित सोचने का प्रयास करें । ऐसा करने से आपके दिमाग के अंदर मौजूद पॉजिटिव विचारों की स्थिति मजबूत होगी ।और ऐसा करके आप अपने दिमाग को और बेहतर तरीके से शांत कर पाएंगे ।
बोरिंग कामों से दूर रहें
अक्सर जब आपका दिमाग अशांत होता है और आप कोई बोरिंग काम करते हैं तो ऐसा करने से आपका दिमाग और अधिक अशांत हो जाता है। यदि आपको इस प्रकार का काम करना पड़े तो कम से कम समय करें और अपने दिमाग को बोर होने से किसी तरीके से बचाए रखें ।जब हम बोर होते हैं तो एक तरह से दुखी हो जाते हैं और दुख की अवस्था के अंदर दिमाग के अंदर और भी दुख के विचार आने लग जाते हैं। जैसे जब किसी का कोई प्रियजन मर जाता है। और वह दूसरे किसी के प्रियजन के मर जाने पर जाता है तो उसे अपना प्रियजन भी याद आ जाता है।
सुबह सुबह घूमने जाएं
यदि आप अपने दिमाग को अशांत होने से रोकना चाहते हैं तो आपको सुबह सुबह घूमने जाना चाहिए । ऐसा करने से आपका दिमाग शांत रहता है। और दिमाग के अंदर बेकार के विचार कम आते हैं। एक रिसर्च के अनुसार जो लोग सुबह सुबह घूमने जाते हैं उनका दिमाग फ्रेस रहता है।
पसंदिदा कामों को करें
यदि आप दिमाग की अशांति कम करना चाहते हैं तो अपने पसंद के कामों को करें । यदि आपको टीवी देखना अच्छा लगता है। तो आप अधिक समय टीवी के अंदर बिता सकते हैं। इसी तरीके से यदि आपको कुछ और करना अच्छा लगता है तो वह करें । जब आप अपने पसंद के कामों को करेंगे तो आपके दिमागमे अच्छा फील होगा और तनाव कम हो जाएगा। कोई भी काम जो आपको पसंद आता है। आप वह कर सकते हैं। लेकिन जब आपको लगे कि आप इस काम से बोर हो रहे हैं तो आपको वह काम छोड़ देना चाहिए और कोई दूसरा काम करना चाहिए ।
हरियाली के अंदर घूमने जाएं
आमतौर पर आप अपने दिमाग को शांत करने के लिए किसी हरी भरी जगह पर जा सकते हैं। जहां पर शांति हो । इसके लिए आप किसी पार्क का चुनाव कर सकते हैं। आप दिन के समय वहां पर जा सकते हैं। इसमे आप शाम का समय भी चुन सकते हैं। वहां जाकर इधर उधर देखें और प्रक्रति की सुदंरता को निहारें ।कुछ दिन जब वहां पर आप रोज जाएंगे तो आपको शांति मिलेगी । आपका दिमाग भी शांत होगा । यह काफी बेहतरीन उपाय है दिमाग को शांत करने का । ध्यान दें किसी भी शोरगुल वाले स्थान से बचे । यदि वहां पर शोरगुल रहता है तो ऐसे समय पर जाएं जब शोरगुल ना हो ।
हंसने की आदत डालें
दोस्तों हंसना सेहत के लिए बहुत अधिक फायदे मंद होता है। जब आप काम से मानसिक रूप से पूरी तरीके से थक जाते हैं और कुछ हंस लेते हैं तो ऐसा करने से आपका दिमाग पूरी तरीके से फ्रेस हो जाता है। इस वजह से इंसान को दिन मे कम से कम 15 बार हंसना चाहिए ।हंसाने से आपके दिमाग को शांति मिलेगी । और आप बेहतर तरीके से काम कर पाएंगे ।हंसने के लिए आप कई तरीके आजमा सकते हैं। आप चाहें तो कॉमेडी वाली फिल्मे देख सकते हैं या फिर कोई जोक्स वैगरह सुन सकते हैं।
दिमाग को अशांत करने वाली चीजों से दूर रहें
आपका दिमाग जिस वजह से अशांत होता है। उस माहौल से हमेशा दूरी बनाकर रखें । जैसे कि आपका दिमाग लड़ाई झगड़े की वजह से अशांत होता है। तो इन चीजों से दूरी बनाकर रखें । जहां पर इस प्रकार का काम हो रहा हो । या बांते हो रही हो उस स्थान के पास ना जाएं तो यहआपके लिए बेहतर हो सकता है।जब आप दिमाग अशांत करने वाली जगहों पर खुद को लेकर जाते हैं तो ऐसा करने से आपके दिमाग पर उन चीजों का दबाव बढ़ जाता है। और जिससे आपका दिमाग अशांत हो जाता है।
किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें
दोस्तों आप चाहें तो अच्छे डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। डॉक्टर आपको इस मामले मे उचित रायदेगा । आपके आस पास कोई मनौवेज्ञानिक डॉक्टर है तो आप उसके पास जाएं और उसे अपनी बुरी समस्या बताएं । वह आपको सलाह भी देगा और दवाएं भी दे सकता है।बहुत से लोग दिमाग से जुड़ी बिमारियों के मामलों मे डॉक्टर के पास जाने से कतराते हैं। यदि आप भी ऐसा कर रहे हैं तो आप गलत कर रहे हैं। क्योंकि बाद मे समस्या और अधिक गम्भीर हो सकती है।
ज्यादा से ज्यादा नींद लें
दोस्तों नींद दिमाग को फ्रेस करने के लिए बहुत अधिक सहायक होती है। जब हम पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं तो हम चिड़चिडे हो जाते हैं। इस वजह से हमारा दिमाग अशांत होता है। सो आपको पूरे 8 घंटे नींद लेनी चाहिए । ऐसा करने से आपका दिमाग ही शांत नहीं होगा । वरन आप हर काम को और बेहतर ढंग से कर पाएंगे । आप देखे की आप रोज कितने घंटे सोते हैं और यदि कम सोते हैं तो अधिक सोने मे समय दें ।
अकेले मे समय बिताने की कोशिश करें
अधिकतर लोग आजकल इतने अधिक व्यवस्थ हो चुके हैं कि उनको अकेले के अंदर समय बिताने का समय ही नहीं मिल पाता है। पूरी जिंदगी मशीन बन चुकी है।यदि आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है। तो आपको अपने लिए भी समय रखना चाहिए ।क्योंकि कुछ काम ऐसे होते हैं। जिनको आप अकेले के अंदर बात करके ही सुलझा सकते हैं। यदि आप अकेले के अंदर कुछ समय बिताएंगे तो आप चीजों को और अच्छे तरीके से समझ पाएंगे । आपकी जिंदगी के अंदर कई सारी परेशानियां हैं उनका हल और अधिक बेहतर तरीके से निकाल पाएंगे ।
धुम्रपान ना करें
कुछ लोग क्या करते हैं कि जब वे टेंशन के अंदर होते हैं तो अधिक धुम्रपान करना आरम्भ कर देते हैं। आपको बतादें की धुम्रपान किसी चीज का सौल्यूशन नहीं है। यदि आप धुम्रपान करते हैं। तो आपको अल्पकालिन राहत मिलती है। और ऐसा करने से कई बार बड़ा खतरा भीपैदा हो जाता है। क्योंकि कई लोग दिमाग की अशांत होने की स्थिति के अंदर बहुत अधिक धुम्रपान कर लेते हैं। और उनके मन मे कुछ गलत सलत चल जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर वे कई बार कुछ गलत कदम भी उठा लेते हैं।
दिमाग की अशांति कैसे चैक करें ?
दोस्तों दिमाग को शांत करने या मन को शांत करने के लिए हमने आपको उपर कई उपाय बतायें हैं। यदि आप इन उपायों को आजमाते हैं तो आपके उपर सकारात्मक असर होगा । लेकिन क्या आप जानते हैं कि सकारात्मक असर कितना हुआ है ? आप इसको कैसे चैक कर सकते हैं? सकारात्मक असर को चैक करने का सबसे अच्छा तरीका है। आप इसके वह समय निकाले मतलब एक दिन मे आपका दिमाग कितने समय अशांत रहा और कितने समय आपने अच्छा फील किया । उसके बाद दूसरे दिन के समय को भी इसी तरीके से निकाल लें ।
UM =NT/TT*100
UN =unbalance mind
NT= nagtive thoughts time flow
TT = total operation time
जैसे एक व्यक्ति दिन के अंदर लगभग 8 घंटे अपनी पत्नी की मौत के बारे मे सोचता है। उसके बाद एक मनौवेज्ञानिक के पास उसको लेकर जाया जाता है। जिससे उसके नगेटिव थोटस मे 2 घंटे कम हो जाता है। कमी कितने प्रतिशत हुई।तो दोस्तों आप भी इस तरीके से निकाल सकते हैं। इसके अलावा आप खुद भी अपने दिमाग को शांत करने के उपाय कर सकते हैं। जो आपके दिमाग मे आते हों ।
दिमाग को शांत करने के उपाय मन को शांत करने के उपाय लेख आपको कैसा लगा कमेंट करके हमे बताएं ।
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