दिमाग सुन्न होने के कारण और उपचार के बारे मे हम चर्चा कर रहे हैं दोस्तों आपने हाथ पैर और शरीर के कई हिस्से के सुन होने के बारे मे सुना ही होगा ।कई बार जब हम ऐसे ही लंबी देर तक बैठे रहते हैं तो यह सुन्न हो जाते हैं। हालांकि यह नोर्मल होता है। जैसे ही हम इन अंगों से काम लेना शूरू करते हैं। यह वापस सही हो जाते हैं। लेकिन कई बार यही अंग किसी बीमारी की वजह से भी सुन्न हो सकते हैं। आपको जान लेना चाहिए कि दिमाग के सुन्न होने के मामले बहुत ही कम आते हैं। हालांकि कुछ लोग दिमाग सुन्न होने की शिकायत भी करते हैं।
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दिमाग सुन्न होने के लक्षण
सबसे पहले आपको दिमाग के सुन्न होने के लक्षणों के बारे मे पता होना चाहिए ।इसके कई प्रकार के लक्षण हो सकते हैं। जिनके बारे मे आप नीचे देख सकते हैं।
- यदि दिमाग सुन्न हो जाता है दो दिमाग के उस भाग या फिर पूरे सिर के अंदर झुनझुनी सी होने लग जाती है। यह ठीक उसी तरह का एहसास होता है ,जिस तरह से आपका पैर सो जाता है आम भाषा मे कहा जाता है।
- आमतौर पर जब शरीर का कोई भी भाग सुन्न हो जाता है तो वहां पर चुभन होने लग जाती है।यदि आपको दिमाग के अंदर चुभन हो रही है तो संभल जाने की आवश्यकता है।
- पिनें और सुइयां का चुभना भी इसका एक संकेत हो सकता है। मतलब की दिमाग के सुन्न होने पर आपको ऐसा लग सकता है जैंसे आपको पिनें चुभोई जा रही हो ।
- इन सबके अलावा जिन लोगों का दिमाग सुन्न हो जाता है। उनको स्पर्श महसूस करने मे कठिनाई होती है और बाहर का तापमान भी महसूस नहीं होता है। यदि आपने महसूस किया हो जब सर्दी मे हम बाइक के उपर कहीं जाते हैं तो नाक ठंड की वजह से सुन्न हो जाती है और फिर यह पता नहीं चलता है कि नाक सुन्न हो गई और नाक है या नहीं है ? इस स्थिति के अंदर भी ठीक वैसा ही होता है।
कब आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए
दिमाग का सुन्न होना बहुत बड़ी समस्या हो सकता है।इसलिए यदि आपको नीचे दिये गए कुछ भी लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरन्त ही किसी डॉक्टर के पास उपचार के लिए जाने की आवश्यकता है।
- सिर मे चोट के बाद शरीर के दूसरे भागों का सुन्न हो जाना।।
- पूरे हाथ या पैर में सुन्नता
- आपके चेहरे या आपके शरीर के अन्य हिस्सों में कमजोरी
- भ्रम या बोलने में कठिनाई
- सांस लेने मे तकलीफ
- नज़रों की समस्या
- अचानक, असामान्य रूप से दर्दनाक सिर दर्द।
इस तरह के लक्षण स्ट्रोक के भी हो सकते हैं। इसके लिए जल्दी ही उपचार किया जाना आवश्यक हो जाता है।
दिमाग सुन्न होने के कारण
। सिर सुन्न होने का कारण होने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं।इसके अंदर किसी बीमारी के होने या फिर किसी दवा के असर से ऐसा हो सकता है। इसके अलावा यदि सर के अंदर चोट लग जाती है तो भी ऐसा हो सकता है। हमारे दिमाग और चेहरे को जोड़ने के लिए कई प्रकार के तंत्रिका समूह होते हैं। और यदि उन तंत्रिका के अंदर कोई समस्या होती है तो ऐसा हो सकता है। दिमाग की नसों मे सूजन से भी यह हो सकता है। कम या अवरुद्ध रक्त की आपूर्ति भी सुन्नता का कारण हो सकती है।
dimag sun kyu hota hai ऑटोइम्यून विकार
ऑटोइम्यून विकार भी दिमाग के सुन्न होने की वजह हो सकता है।मधुमेह स्थायी तंत्रिका क्षति का कारण बन सकता है। इससे दिमाग भी सुन्न हो सकता है। आपको बतादें कि यह बीमारी पुरूषों की तुलना मे महिलाओं को अधिक होती है।और इस बीमारी की वजह से अर्थराइटिस, टाइप1 डायबिटीज, थायराइड समस्या, ल्यूपस, सोराइसिस जैसी दूसरी बीमारियां भी शरीर के उपर हमला कर देती हैं। इस बीमारी के होने की वजह से शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है।
दिमाग सुन्न होने के कारण Drugs
Drugs की वजह से भी दिमाग के अंदर सुन्नता पैदा हो सकती है। anticonvulsants दवाएं वे दवाएं होती हैं जिनका इस्तेमाल मिर्गी के दौरों को रोकने के लिए किया जाता है।इस तरह की दवाओं को इंजेक्सन या फिर मुंह के द्वारा लिया जाता है। यह दिमाग की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं।
एईडी मस्तिष्क में विशेष लक्ष्यों पर काम करने से दौरे को रोकने से रोकते हैं। AED संदेश भेजने के लिए जिम्मेदार न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित कर सकता है, या न्यूरॉन्स की सतह पर खुद को संलग्न कर सकता है और आयनों को बदलकर सेल की गतिविधि को बदल सकता है। फेनिटॉइन, लैमोट्रीजीन और कार्बामाज़ेपिन जैसे ड्रग्स न्यूरॉन्स के सोडियम चैनलों को प्रभावित करके काम करते हैं। इसकी वजह से दिमाग के अंदर सुन्नता हो सकती है।
chemotherapy drugs भी एक ऐसा प्रकार का ड्रग्स है जो ब्रेन को डेमेज कर सकता है। और इस बारे मे रिसर्च भी हो चुका है। यह आपके दिमाग को सुन्न आसानी से कर सकता है। मार्क नोबल, पीएच.डी. रोचेस्टर स्टेम सेल और पुनर्योजी चिकित्सा संस्थान के विश्वविद्यालय मे हुए रिसर्च के अनुसार कीमोथेरेपी दवा स्वस्थ मस्तिष्क कोशिकाओं को लंबे समय तक इलाज के बाद खत्म होने का कारण बनती है ।
कैंसर के रोगियों को लंबे समय तक यह दवा देने की वजह से अल्पकालिक स्मृति हानि और, चरम मामलों में, दौरे, दृष्टि हानि और यहां तक कि मनोभ्रंश के परिणाम सामने आएं हैं।एक हालिया अध्ययन का अनुमान है कि देश के 2.4 मिलियन महिला स्तन कैंसर से बचे लोगों में से 15 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के बीच इलाज के बाद वर्षों से संज्ञानात्मक समस्याएं हैं। इसका मतलब यह है कि यदि आप इस प्रकार की कोई दवा का सेवन कर रहे हैं तो आपके दिमाग के सुन्न होने की समस्या हो सकती है।
illicit drugs and alcohol को यदि आप लंबे समय तक सेवन करते हैं तो इससे दिमाग की नसों मे स्थाई क्षति हो सकती है और ऐसी स्थिति के अंदर दिमाग सुन्न हो सकता है। लेकिन शराब के दुरुपयोग से जिगर की क्षति या उत्तेजक के उपयोग से दिल की क्षति के कारण तीव्र क्षति की संभावना है।
- स्तिष्क के ऊतकों द्वारा आवश्यक पोषक तत्वों का विघटन
- मस्तिष्क की कोशिकाओं की प्रत्यक्ष क्षति, चोट और मृत्यु
- हार्मोन सहित मस्तिष्क रासायनिक सांद्रता में परिवर्तन
- मस्तिष्क के ऊतकों को ऑक्सीजन की कमी
Headaches दर्द की वजह से दिमाग का सुन्न होना
दोस्तों सिर दर्द की वजह से भी कई बार दिमाग सुन्न हो जाता है।मेडिकल टूडे के अंदर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सिरदर्द माइग्रेन मस्तिष्क की दीर्घकालिक संरचना को प्रभावित कर सकता है। और इससे दिमाग के अंदर घाव पैदा हो सकते हैं।डेनमार्क में कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च के अंदर कई रिसर्च का विश्लेषण किया जो पहले किये जा चुके थे । वैज्ञानिकों ने सिर दर्द के बारे मे जांच करने के लिए एमआरआई स्कैन की मदद ली थी।
वैज्ञानिकों ने सबसे पहले तीन समूह बनाए और जिन लोगों को सामान्य सिरदर्द था उनके अंदर दिमाग मे घाव होने की संभावना केवल 34 प्रतिशत थी। लेकिन जिन लोगों के अंदर गम्भीर सिरदर्द था उनमे घाव होने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना मे 68 प्रतिशत अधिक थी ।
Infections
दिमाग के अंदर किसी प्रकार के Infections होने की वजह से भी दिमाग मे सुन्नता आ सकती है। यह एक प्रकार की बीमारी है जिसका उपचार जितना जल्दी हो सके करवाया जाना चाहिए ।encephalitis एक विशेष प्रकार का दिमागी रोग होता है ,जो दिमाग को सुन्न बना सकता है।यह मस्तिष्क के उस हिस्से को प्रभावित करता है जो स्मृति और भाषण को नियंत्रित करता है। इसके अलावा इसकी वजह से भावनाओं को भी नुकसान हो सकता है। यह एक ऐसा रोग है जिसकी वजह से गम्भीर दिमागी क्षति हो सकती है।
वह वायरल इन्सेफेलाइटिस के लक्षण निम्न लिखित होते हैं।
- उच्च तापमान
- सरदर्द
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता (फोटोफोबिया)
- सामान्य बीमारी
- गर्दन में अकड़न
- कड़ी पीठ
- उल्टी
- व्यक्तित्व में परिवर्तन
- उलझन
- स्मृति हानि (भूलने की बीमारी)
- बरामदगी
- पक्षाघात
- प्रगाढ़ बेहोशी।
Lyme disease भी एक इसी प्रकार की बीमारी होती है। जिसकी वजह से दिमाग के अंदर सुन्न पैदा हो सकती है।इंसेफेलाइटिस के मरीजों में तंद्रा, असामान्य मिजाज, भ्रम, संज्ञानात्मक परिवर्तन, व्यक्तित्व या व्यवहार परिवर्तन, मतिभ्रम होता है। यह दिमाग के अंदर सूजन के लिए भी जिम्मेदार होता है।
shingles भी एक प्रकार का इन्फेक्सन होता है जो दिमाग को सुन्न कर सकता है।जिसको सामान्य तौर पर दाद कहा जाता है। आमतौर पर हम दाद को हल्के के अंदर लेते हैं लेकिन यह हमारे तंत्रिका हानी का कारण बन सकता है।इन सबके अलावा tooth infections होने की वजह से भी दिमाग सुन्न हो सकता है।
चोट लगने की वजह से दिमाग का सुन्न हो जाना
दोस्तों चोट लगने की वजह से भी दिमाग सुन्न हो जाता है।यदि आपको पहले दिमाग मे चोट लगी थी तो संभव है कि यह अपना असर दिखा रही हो ।चोट लगने की वजह से दिमाग की नस नष्ट हो सकती हैं और ऐसी स्थिति के अंदर सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं होता है तो यह एक बड़ी समस्या हो सकती है।
brain tumors
एक ब्रेन ट्यूमर आपके मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की बढ़ोतरी को कहा जाता है।आपको बतादें कि कई अलग अलग प्रकार के ब्रेन टयूमर हो सकते हैं।ट्यूमर नॉनकैंसरस और घातक कैंसर भी होते हैं।हर इंसान के दिमाग के अंदर ब्रेन टयूमर का व्यवहार अलग अलग हो सकता है।कुछ इंसानों के अंदर यह बहुत ही तेजी से बढ़ता है तो कुछ के अंदर यह अलग तरह से बढ़ता है।दिमाग के जिस हिस्से के अंदर ब्रेन टयूमर होता है।यह उस हिस्से को प्रभावित करता है। और ऐसी स्थिति मे दिमाग मे सुन्नता भी आ सकती है।
ब्रेन के अंदर टयूमर होने के कई संकेत हो सकते हैं। जैसे
- सिरदर्द जो धीरे-धीरे अधिक होना ।
- अस्पष्टीकृत मतली या उल्टी
- दृष्टि की समस्याएं, जैसे धुंधली दृष्टि,
- एक हाथ या पैर में सनसनी
- संतुलन के साथ कठिनाई
- वाणी की कठिनाइयाँ
- रोजमर्रा के मामलों में उलझन
- व्यक्तित्व या व्यवहार में परिवर्तन
- सुनने में समस्याएं
high blood pressure
दोस्तों कुछ लोगों के अंदर अधिक ब्लड प्रेसर की समस्या होती है। यदि अधिक ब्लड प्रेसर होता है तो दिमाग सुन्न हो सकता है। हालांकि बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है कि उनका ब्लड प्रेसर उच्च हो चुका है लेकिन फिर भी आप नीचे दिये गए लक्षणों की मदद से आसानी से पता लगा सकते हैं।
- भयानक सरदर्द
- थकान या भ्रम
- नज़रों की समस्या
- छाती में दर्द
- सांस लेने मे तकलीफ
- अनियमित दिल की धड़कन
- मूत्र में रक्त
Seizure Disorder
इसको हम मिर्गी के नाम से भी जानते हैं। यह एक प्रकार का दिमागी विकार होता है।अजीब संवेदनाओं, भावनाओं और व्यवहार की वजह से ऐसा हो सकता है। मिर्गी एक संक्रामक रोग नहीं होता है और मिर्गी के कारण दिमाग की क्षति होने की संभावना कम ही होती है।मिर्गी पैदा होने के कारणों मे असामान्य दिमाग के विकास और अनुवानशिकी भी हो सकते हैं।
मिर्गी मस्तिष्क के ट्यूमर, शराब, अल्जाइमर रोग, स्ट्रोक और दिल के दौरे की वजह से भी विकसित हो सकती है। मिर्गी के रोगियों के अंदर दिमाग डेमेज होने की वजह से यह समस्या पैदा हो सकती है कि दिमाग सुन्न रहने लग जाए ।
Stroke
स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के एक हिस्से में ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। ऐसी स्थिति के अंदर दिमाग की कोशिकाएं मरना शूरू कर देती हैं।मस्तिष्क में अचानक रक्तस्राव भी एक स्ट्रोक का कारण बन सकता है। ट्रोक की वजह से मस्तिष्क की कोशिकाएं मर जाती हैं या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं तो ऐसी स्थिति के अंदर शरीर के उन हिस्सो के साथ समस्याएं होने लग जाती हैं जिन हिस्सों से यह कोशिकाएं जुड़ी होती हैं।
अचानक कमजोरी शामिल है; पक्षाघात या चेहरे, हाथ या पैर की सुन्नता इसके अलावा बोलने और चीजों को समझने मे समस्या होना । स्ट्रोक स्थायी मस्तिष्क क्षति, दीर्घकालिक विकलांगता या यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है।
सोते समय सिर सुन्न होने की समस्या
यदि आपका सिर सोने के बाद सुन्ना सा हो गया है तो यह किसी भी प्रकार की बीमारी का संकेत नहीं है। इसका मतलब यह है कि आपको सही ढंग से सोना चाहिए । जब आप सही ढंग से नहीं सोते हैं तो इस प्रकार की समस्या पैदा हो सकती है।
सिर के एक तरफ सुन्नता
कई बार किसी वजह से शरीर के एक हिस्से के अंदर सुन्नता आ सकती है। ऐसा मेरे साथ भी एक बार हुआ था। जब मेरे सिर के पीछे का थोड़ा हिस्सा सुन सा रहने लगा था।उसके बाद अपने आप ही ठीक हो गया ।ऐसी स्थिति के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं।पक्षाघात , सिर दर्द या संक्रमण की वजह से भी ऐसा हो सकता है। हालांकि यह कई बार अपने आप ही सही हो जाता है।लेकिन यदि स्थिति बहुत अधिक गम्भीर है तो डॉक्टर को अवश्य ही दिखाना चाहिए ।
अधिक चिंता आपके दिमाग को सुन्न कर सकती है
दोस्तों अधिक चिंता की वजह से भी आपका दिमगा सुन्न हो सकता है।ऐसी स्थिति तब आती है जब कोई खास समस्याएं होती हैं। आमतौर पर देखा गया कि जब एक महिला के पति की मौत हो गई तो उसका दिमाग सुन्न हो गया और उसे किसी भी बात की सुध नहीं रही है। एक तरह उसने अजीब अजीब हरकते करना चालू कर दिया ।इस प्रकार की समस्या होना बहुत ही आम बात हो सकती है।
दिमाग सुन्न होने का इलाज
दिमगा के सुन्न होने का कोई फिक्स इलाज नहीं है। जैसा कि हमने आपको उपर बताया कि इसके कई सारे कारण हो सकते हैं। जब आप किसी डॉक्टर के पास जाते हैं तो उसके बाद वह आपसे पूछेगा कि आपको क्या समस्या है।उसके बाद आपके लक्षणों के आधार पर ही इसका ईलाज किया जा सकेगा । दिमाग के सुन्न होने की समस्या के अनेक कारण होने की वजह से इसके ईलाज भी अलग अलग होते हैं।
स्ट्रोक मरीज की यहां पर हम एक घटना का उल्लेख करना चाहेंगे ।अमेरिका के अंदर रहने वाली हेलरी को कभी कभी दिमाग के पीछे हिस्से के सुन्न होने की शिकायत थी। उसने इसको नजर अंदाज कर दिया था। क्योंकि अक्सर ऐसा कुछ लोगों के अंदर हो जाता है।
लेकिन उसके बाद एक दिन पता नहीं क्या हुआ कि दिमाग के पीछले एक छोटे से हिस्सा एक दम से सुन्न रहने लगा । हालांकि उसे देखने मे भी थोड़ी कठिनाई होने लगी ।उसके बाद वह डॉक्टर के पास गई तो पता चला कि स्ट्रोक हो गया है। हालांकि वह इससे उबर गई।लेकिन डॉक्टर ने उससे कहा कि यदि आप कुछ समय पहले ही आ जाती तो बहुत अच्छा होता है।
इस तरह की समस्याएं आज भी बहुत से लोगों के साथ हैं। इसी तरह की समस्या एक उदयपुर के अंदर आई थी। एक 60 साल के मरीज ने डॉक्टरों से अपने दिमाग के एक हिस्से के सुन्न होने की शिकायत की थी।उसके बाद डॉक्टरों ने दिमाग की स्कैन की तो पता चला कि दिमाग के अंदर बड़ा टयूमर मौजूद है।उसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला किया ।
आपको बतादें कि इस मरीज को डॉक्टरों ने होश के अंदर रहते हुए ऑपरेशन किया था। मरीज ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों से बात कर सकता था। हालांकि इसके सर को मशीन के अंदर फिट किया गया था ताकि यह सर ना हिला सके ।
ओमतौर पर ऑपरेशन का हम सभी को डर लगता है लेकिन इस मरीज का ऑपरेशन करने से पहले काउंसलिंग की गई थी।
दिमाग को सुन्न कर सकता है कोरोना वायरस
दोस्तों आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कोरोना वायरस अब दिमाग पर भी असर कर रहा है। और यह दिमाग को सुन्न बना रहा है।अब दुनिया भर के वैज्ञानिक इस बात को मान चुके हैं कि कोविड-19 से संक्रमित पेशेंट में दिमाग से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं।दिमाग में खून के थक्के बनना, दिमाग में सूजन और बोल ना पाना आदि लक्षण भी दिखाई देने को लगे हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार कई लोगों को कोरोना वायरस ने दिमागी रूप से भी प्रभावित किया । इसकी वजह से सूंघने की व स्वाद की क्षमता भी प्रभावित होती है।सिर दर्द बढ़ जाता है और सिर मे सूजन आ जाती है।
मरीजों के दिमाग में खून के थक्के जमना, दिमाग में सूजन आना, दिमाग का सुन्न हो जाना, ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, बोलने में समस्या पैदा हो रही है।74 वर्षीय फ्लोरिडा के बोका रैटन को कोरोना हो गया था और खांसी जुकाम की शिकायत थी तो उसके बाद उनके घरवालों ने उनको आनन फानन अस्पताल के अंदर भर्ती करवाया । जब उनसे नाम पूछा गया तो वह ढंग से अपना नाम भी नहीं बता पाई थी ।
यह महिला अपने बोलने की क्षमता भी खो चुकी थी। पहली दफा यह पता नहीं चल सका कि इस महिला को क्या हुआ था लेकिन बाद मे डॉक्टरों को इसका शक हुआ तो जांच करवाई और इसकी पुष्टी भी हो गई कि इसे कोविड 19 हुआ था।
चीन के अंदर हुए एक अन्य रिसर्च के अंदर यह भी यह कहा गया की कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों तक ही सीमित नहीं है। वरन यह नर्व सिस्टम को नुकसान पहुंचा रहा है। कुछ ऐसे कोरोना के मरीज भी मिले थे जिनके अंदर कोरोना के दूसरे लक्षण नहीं थे लेकिन वे दिमागी रूप से अस्वस्थ ।
एक 50 वर्षीय महिला को भी सिर दर्द की शिकायत थी। जब डॉक्टर ने उसको उसका नाम पूछा तो वह सही से अपना नाम भी नहीं बता पाई थी ।उसके बाद उसके अंदर कोरोना की पुष्टी हुई ।
अब तक हम यही मान रहे थे कि कोरोना सिर्फ हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है।लेकिन यह सच नहीं है कोरोना आपके पूरे शरीर को प्रभावित करता है।
दिमाग सुन्न होने के कारण लेख के अंदर हमने इस बारे मे विस्तार से चर्चा कि यह लेख आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके बताएं । यदि आपका कोई सवाल हो तो आप पूछ सकते हैं।
यदि आपका दिमाग अक्सर सुन्न होता है , तो यह कई बार किसी दबी हुई नस की वजह से हो सकता है। फिर भी आपको एक बार अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए । और डॉक्टर आपके दिमाग का सीटी स्कैन कर सकते हैं। हालांकि चोट वैगरह की वजह से आपका दिमाग सुन्न हो गया है , तो फिर आपको जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास जाना चाहिए । क्योंकि दिमाग के अंदर यदि छोटी सी भी चोट लग जाती है , तो यह काफी अधिक घातक हो सकती है।जान भी ले सकती है। इसके अलावा कई बार हम उल्टे सीधे सोते हैं। या फिर किसी कठोर चीज का सहारा लेते हैं। जिससे कि दिमाग की नस दब जाती है , उसकी वजह से भी दिमाग सुन्न हो सकता है।वैसे यह एक बहुत ही सामान्य स्थिति होती है। जोकि बाद मे अपने आप ही ठीक हो जाती है।
दिमाग के अंदर की चोट लगने के बाद यदि आपको दिमाग सुन्न रहता है ,या फिर कई बार दिमाग के अंदर कैंसर विकसित हो जाता है , जिसकी वजह से भी दिमाग सुन्न रह सकता है , तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें ।
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